अब सांसद राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित, पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर मामले में हुई कार्रवाई, संजय सिंह का भी सस्पेंशन बढ़ा

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दिल्ली सेवा बिल को रोकने में नाकाम रहने के बाद अब आम आदमी पार्टी को एक और झटका लगा है। पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को सस्पेंड कर दिया गया है।दिल्ली सेवा विधेयक को लेकर पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर के मामले में आप सांसद पर यह कार्रवाई हुई है। विशेषाधिकारी समिति की रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित रहेंगे। यही नहीं, कुछ दिन पहले राज्यसभा से इस सत्र के लिए सस्पेंड किए गए सांसद संजय सिंह को अगले सत्र के लिए भी निलंबित करने का फैसला किया गया है। 

राघव चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने सांसदों की मंजूरी के बिना उनकी सदस्यता वाली समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था, जो कि नियमों का उल्लंघन है। अब विशेषाधिकार समिति इस मामले की जांच करेगी। विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित रहेंगे। बता दें कि राघव चड्ढा ने दिल्ली सेवा संशोधन बिल 2023 पर विचार के लिए एक समिति का गठन करने की मांग की थी। इस समिति के लिए ही उक्त सांसदों के नाम दिए गए थे। 

राज्यसभा की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि सभापति को सांसदों सस्मित पात्रा, एस फेंगोन कोन्याक, एम थंबीदुरई, सुधांशु त्रिवेदी और नरहरि अमीन ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया कि बिना उनकी मंजूरी के उनके नाम शामिल किए गए, यह राज्यसभा की कार्यवाही प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन है।

पहले भी वह प्रेस में गलत बयान देते रहे- पीयूष गोयल

आज उच्च सदन में नेता सदन पीयूष गोयल ने राघव चड्ढा के नियमों का उल्लंघन कर बिना सहमति सदन की समिति में कई सदस्यों का नाम शामिल करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कई सदस्यों की शिकायत से साफ है कि यह नियमों का उल्लंघन है। उस दिन विप जारी हुआ था। यह प्रिविलेज का उल्लंघन है। कल को अगर सस्मित पात्रा का नाम दूसरी पार्टी के साथ जोड़ा जाता है तो उसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कुल 6 मेंबर परेशान हुए हैं और वे सभापति से अपने अधिकारों का संरक्षण चाहते हैं। वह बाहर जाकर भी गलत बयानबाजी देते रहे। पहले भी वह प्रेस में गलत बयान देते रहे हैं कि उनके साथी संजय सिंह को सवाल पूछने के कारण सस्पेंड किया गया।

रिपोर्ट आने तक संजय सिंह भी निलंबित

पीयूष गोयल ने ये भी कहा, संजय सिंह ने भी जिस तरह से आचरण किया वो भी बेहद निंदनीय है। वो निलंबन के बाद भी सदन में बैठे रहे। इसकी वजह से सदन की कार्रवाई भी स्थगित करनी पड़ी। ये चेयर का अपमान है। संजय सिंह अब तक 56 बार वेल में आ चुके हैं, जो दिखाता है की वो सदन की कार्रवाई बाधित करना चाहते हैं। संजय सिंह राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित रहेंगे।

चुनाव आयोग में नियुक्तियों को लेकर राज्यसभा में पेश बिल पर विवाद शुरू, विपक्ष ने तीन सदस्यीय पैनल में सीजेआई के ना होने पर जताई आपत्ति

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राज्यसभा में गुरुवार को सरकार ने चुनाव आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य दूसरे निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यकाल के रेगुलेशन के लिए एक बिल पेश किया।हालांकि इस बिल को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। विपक्ष ने तीन सदस्यीय पैनल को लेकर आपत्ति जताई है।

दरअसल, बिल में चुनाव आयोग में शीर्ष पदों के लिए चयन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति की ओर से करने का प्रावधान है। जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक नोमिनेटेड कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे।नए विधेयक में सीजेआई को शामिल नहीं किया गया है।प्रस्तावित बिल तब आया है, जब पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग में शीर्ष नियुक्ति के लिए बनी कमिटी में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस शामिल होंगे। अब बिल पास होने के बाद पता चला है कि इसमें चीफ जस्टिस शामिल नहीं होंगे। विपक्ष ने अचानक पेश हुए इस बिल को संविधान विरोधी बताया है। कांग्रेस ने कहा कि इस बिल के माध्यम से पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह निर्वाचन आयोग को नियंत्रित करना चाहते हैं

आडवाणी के 2012 में लिखे पत्र को कांग्रेस ने साझा किया

इस बीच, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को तत्कालीन भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे गए 2012 के एक पत्र को साझा किया, जिसमें ऐसी नियुक्तियों के लिए व्यापक आधार वाले कॉलेजियम का सुझाव दिया गया था।पत्र में आडवाणी ने मांग की थी कि सीईसी और अन्य सदस्यों की नियुक्ति पांच सदस्यीय पैनल या कॉलेजियम द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता और कानून मंत्री शामिल हों। आडवाणी ने ये पत्र दो जून, 2012 को पत्र में लिखा था। 

मौजूदा प्रणाली को लेकर क्या थी आडवाणी की राय

आडवाणी के पत्र के मुताबिक मौजूदा प्रणाली, जिसमें चुनाव आयोग के सदस्यों को केवल प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है, लोगों में विश्वास पैदा नहीं करता है। इस पर उस समय सरकार सभी राजनीतिक दलों की राय लेने के लिए तैयार थी। मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह चुनाव सुधारों के तहत चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में बदलाव के लिए तैयार हैं।

बीजेपी पर जयराम रमेश का आरोप

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाया गया विधेयक न केवल आडवाणी द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव के खिलाफ है, बल्कि इस साल दो मार्च को पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के फैसले के विपरीत है। उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में मोदी सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम इस बात की पुष्टि करता है कि मोदी चुनाव आयोग पर नियंत्रण सुनिश्चित करना चाहते हैं। 

हमलावर हुआ विपक्ष

वहीं, सरकार द्वारा पेश विधेयक पर आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भारतीय लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं और नियुक्त होने वाले चुनाव आयुक्त बीजेपी के प्रति वफादार होंगे। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह 2024 के चुनाव में धांधली की दिशा में एक स्पष्ट कदम है। कांग्रेस नेताओं ने सभी लोकतांत्रिक ताकतों से प्रस्तावित कानून का विरोध करने की अपील करते हुए सवाल किया कि क्या बीजू जनता दल (बीजेडी) और वाईएसआर कांग्रेस भी विधेयक का विरोध करने के लिए हाथ मिलाएंगे।

चांद पर निभाई जाएगी धरती की दोस्ती, इसरो ने रूस के लूना-25 लॉन्च पर दी बधाई, कहा- अंतरिक्ष यात्रा में एक और मुलाकात

#luna_25_launch_successful_isro_wishes 

भारत के बाद अब रूस ने भी लूनर मिशन लूना-25 लॉन्च कर दिया है। धरती के दोनों दोस्त अब अंतरिक्ष में भी अपनी दोस्ती निभाएंगे। दरअसल, शुक्रवार सुबह रूस ने भी मून मिशन लॉन्च किया है।इस मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रूसी अंतरिक्ष एजेंसी को बधाई दी। 

रशियन स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने शुक्रवार सुबह लूना-25 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा। पिछले 50 सालों में रूस का यह पहला चंद्रमा मिशन है। इसरो ने कहा कि लूना-25 के सफल लॉन्च पर रोस्कोस्मोस को हमारी तरफ से बधाई। हमारी अंतरिक्ष यात्रा में एक और मुलाकात होना अद्भुत है। उसने कहा कि चंद्रयान-3 और लूना-25 मिशनों को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए शुभकामनाएं। 

दरअसल, भारत द्वारा लॉन्च किए गए मून मिशन चंद्रयान 3 के करीब एक महीने बाद यानी आज शुक्रवार को रूस ने अपना मून मिशन लूना-25 को लॉन्च किया है। बताया जा रहा है कि भारत का चंद्रयान-3 और रूस का लूना-25 दोनों ही चांद के दक्षिणी ध्रुव पर करीब-करीब एक ही समय में या फिर थोड़ा बहुत आगे-पीछे लैंड करेंगे। हालांकि, कौन पहले चांद पर कदम रखेगा, इस बारे में स्पष्टता नहीं आई है।

रूसी मीडिया के अनुसार, शुक्रवार 11 अगस्त को सुबह 4.40 बजे रूस के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना- 25 लैंडर की लॉन्चिंग की। लूना- 25 को सोयुज 2.1 बी रॉकेट में चांद पर भेजा गया है। इसे लूना-ग्लोब मिशन का नाम दिया गया है। रॉकेट की लंबाई करीब 46.3 मीटर है, वहीं इसका व्यास 10.3 मीटर है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस का कहना है कि लूना-25 चांद की ओर निकल चुका है। पांच दिनों तक यह चांद की तरफ बढ़ेगा। इसके बाद 313 टन वजनी रॉकेट 7-10 दिनों तक चांद का चक्कर लगाएगा। उम्मीद है कि 21 या 22 अगस्त को यह चांद की सतह पर पहुंच जाएगा।रूस की योजना है कि लैंडर को चांद के दक्षिणी पोल पर उतरेगा। जानकारों का कहना है कि चांद के इसी पोल पर पानी मिलने की संभावना है।

बता दें कि रूस ने आखिरी बार 1976 में चंद्रमा पर कोई स्पेसक्राफ्ट भेजा था। लूना-25 की लॉन्चिंग यूरोपियन स्पेस एजेंसी की मदद के बिना किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लूना-25 के 23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचने की संभावना है। उसी दिन शाम को चंद्रयान-3 के भी चंद्रमा की सतह पर कदम रखने की उम्मीद है। भारत ने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया था। लूना-25 और चंद्रयान-3, दोनों ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेंगे। अब तक यहां पर कोई स्पेसक्राफ्ट लैंड नहीं कर सका है। चंद्रमा पर भी केवल तीन देश- अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही स्पेसक्राफ्ट भेज पाए हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के साथ भारत इस एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा।

चांद पर निभाई जाएगी धरती की दोस्ती, इसरो ने रूस के लूना-25 लॉन्च पर दी बधाई, कहा- अंतरिक्ष यात्रा में एक और मुलाकात

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भारत के बाद अब रूस ने भी लूनर मिशन लूना-25 लॉन्च कर दिया है। धरती के दोनों दोस्त अब अंतरिक्ष में भी अपनी दोस्ती निभाएंगे। दरअसल, शुक्रवार सुबह रूस ने भी मून मिशन लॉन्च किया है।इस मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रूसी अंतरिक्ष एजेंसी को बधाई दी। 

रशियन स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने शुक्रवार सुबह लूना-25 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा। पिछले 50 सालों में रूस का यह पहला चंद्रमा मिशन है। इसरो ने कहा कि लूना-25 के सफल लॉन्च पर रोस्कोस्मोस को हमारी तरफ से बधाई। हमारी अंतरिक्ष यात्रा में एक और मुलाकात होना अद्भुत है। उसने कहा कि चंद्रयान-3 और लूना-25 मिशनों को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए शुभकामनाएं। 

दरअसल, भारत द्वारा लॉन्च किए गए मून मिशन चंद्रयान 3 के करीब एक महीने बाद यानी आज शुक्रवार को रूस ने अपना मून मिशन लूना-25 को लॉन्च किया है। बताया जा रहा है कि भारत का चंद्रयान-3 और रूस का लूना-25 दोनों ही चांद के दक्षिणी ध्रुव पर करीब-करीब एक ही समय में या फिर थोड़ा बहुत आगे-पीछे लैंड करेंगे। हालांकि, कौन पहले चांद पर कदम रखेगा, इस बारे में स्पष्टता नहीं आई है।

रूसी मीडिया के अनुसार, शुक्रवार 11 अगस्त को सुबह 4.40 बजे रूस के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लूना- 25 लैंडर की लॉन्चिंग की। लूना- 25 को सोयुज 2.1 बी रॉकेट में चांद पर भेजा गया है। इसे लूना-ग्लोब मिशन का नाम दिया गया है। रॉकेट की लंबाई करीब 46.3 मीटर है, वहीं इसका व्यास 10.3 मीटर है। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस का कहना है कि लूना-25 चांद की ओर निकल चुका है। पांच दिनों तक यह चांद की तरफ बढ़ेगा। इसके बाद 313 टन वजनी रॉकेट 7-10 दिनों तक चांद का चक्कर लगाएगा। उम्मीद है कि 21 या 22 अगस्त को यह चांद की सतह पर पहुंच जाएगा।रूस की योजना है कि लैंडर को चांद के दक्षिणी पोल पर उतरेगा। जानकारों का कहना है कि चांद के इसी पोल पर पानी मिलने की संभावना है।

बता दें कि रूस ने आखिरी बार 1976 में चंद्रमा पर कोई स्पेसक्राफ्ट भेजा था। लूना-25 की लॉन्चिंग यूरोपियन स्पेस एजेंसी की मदद के बिना किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लूना-25 के 23 अगस्त को चंद्रमा पर पहुंचने की संभावना है। उसी दिन शाम को चंद्रयान-3 के भी चंद्रमा की सतह पर कदम रखने की उम्मीद है। भारत ने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया था। लूना-25 और चंद्रयान-3, दोनों ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेंगे। अब तक यहां पर कोई स्पेसक्राफ्ट लैंड नहीं कर सका है। चंद्रमा पर भी केवल तीन देश- अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही स्पेसक्राफ्ट भेज पाए हैं। चंद्रयान-3 की सफलता के साथ भारत इस एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा।

लोकसभा में IPC, CRPC व IA एक्ट में संशोधन वाले 3 बिल पेश, अमित शाह ने कहा- राजद्रोह कानून पूरी तरह निरस्‍त कर देंगे

#monsoonsession2023loksabha

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन-तीन विधेयक पेश किए हैं। इनमें भारतीय सुरक्षा संहिता बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्‍य अधिनियम शामिल हैं।गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय सुरक्षा संहिता बिल (CrPC) पर लोकसभा में बताया कि अंग्रेजों के बनाए 3 कानून में संसोधन किया गया है। आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 किया गया है।अमित शाह ने बताया, नए सीआरपीसी में 356 धारा होंगी जबकि 511 थीं। उन्होंने कहा, गुलामी की निशानियों को समाप्त कर नया कानून लाने का तय किया है।

गुलामी का निशानियां खत्म की जा रहीं-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा, ‘आज मैं जो 3 विधेयक एक साथ लेकर आया हूं, वो तीनों विधेयक पीएम मोदी ने जो 5 प्रण लिए हैं, उनमें से एक प्रण का अनुपालन करने वाले हैं। दंड विधान प्रक्रिया के लिए मूलभूत कानून इन तीन विधेयकों में शामिल हैं। एक है Indian Penal Code (आईपीसी)जो 1860 में बनाया गया। दूसरा है Criminal Procedure Code (सीआरपीसी)जो 1898 में बनाया गया और तीसरा है Indian Evidence Act (एआई) जो 1872 में बनाया गया। उन्होंने कहा, '1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही। तीन कानून बदल जाएंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा। शाह ने कहा कि इन तीनों कानूनों को रिप्लेस कर के इनकी जगह तीन नए कानून जो बनेंगे, उनकी भावना होगी भारतीयों को अधिकार देने की। इन कानूनों का उद्देश्य किसी को दंड देना नहीं होगा। इसका उद्देश्य होगा लोगों को न्याय देना। 

अलगाववाद और देश के खिलाफ अपराध एक अलग रूप में परिभाषित होंगे-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए बताया कि मॉब लिंचिंग के मामलों में सजा-ए-मौत दी जा सकेगी। अलगाववाद और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे अपराधों को एक अलग अपराध के रूप में परिभाषित किया गया है। दाऊद इब्राहिम जैसे फरार अपराधियों पर उसकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाने का प्रावधान लाया गया। उसके अनुपस्थित रहने पर भी उसके मामले में सुनवाई होगी और उसे सजा होगी। उसे सजा से बचना हो तो भारत आए और केस लड़े।अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक के तहत हमने लक्ष्य रखा है कि सजा का अनुपात 90% से ऊपर ले जाना है। इसीलिए, हम एक महत्वपूर्ण प्रावधान लाए हैं कि जो धाराएं 7 साल या अधिक जेल की सजा का प्रावधान करती हैं , उन सभी मामलों के तहत फोरेंसिक टीम का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य कर दिया जाएगा।

राजद्रोह कानून पूरी तरह निरस्‍त कर देंगे- शाह

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि आईपीसी पर नया बिल देशद्रोह के अपराध को पूरी तरह से निरस्त कर देगा। 'भारतीय न्याय संहिता' (नई आईपीसी) में अलगाव, सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियों, अलगाववादी गतिविधियों या भारत की संप्रभुता या एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों पर एक नया अपराध भी जोड़ा गया है।

चार साल में 158 बैठकों के बाद लिया गया फैसला-शाह

अमित शाह ने कहा कि 18 राज्यों, छह यूटी, भारत की सुप्रीम कोर्ट, 22 हाईकोर्ट, न्यायिक संस्थाओं, 142 सासंद और 270 विधायकों के अलावा जनता ने भी इन विधेयकों को लेकर सुझाव दिए हैं। चार साल तक इस पर काफी चर्चा हुई है। हमने इस पर 158 बैठकें की हैं।

नए एरिस वैरिएंट पर WHO की पड़ताल शुरू, भारत में आ चुका है एक मामला

कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से निकले एरिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पड़ताल शुरू कर दी है। फिलहाल डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में शामिल किया है। जानकारी मिली है कि बीते अप्रैल से अब तक भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए एरिस वैरिएंट की पहचान हुई है जिसे ईजी.5 नाम से जाना जाता है।

जेनेवा में हुई बैठक

बीते मंगलवार को जेनेवा में हुई बैठक में डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने कहा है कि अभी तक एरिस स्ट्रेन के बहुत अधिक साक्ष्य सामने नहीं आए हैं। इसलिए फिलहाल इसे गंभीर स्ट्रेन नहीं माना जा सकता है। समय के अनुसार जैसे जैसे साक्ष्य हमारे सामने आएंगें, इसके बारे में सदस्य देशों को जानकारी देते रहेंगे।

साल 2019 में आया कोरोना

दरअसल, 2019 में कोरोना महामारी की शुरुआत के समय डब्ल्यूएचओ ने तीन श्रेणी के तहत कोरोना वायरस के वैरिएंट को रखा। इनमें वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट, वैरिएंट ऑफ कंसर्न और वैरिएंट ऑफ हाइकान्सिक्वेंस शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ईजी.5 और इसके उप-वंश को लेकर अभी तक काफी कम मामले दुनिया में सामने आए हैं। हालांकि, यूके और अमेरिका में इनकी संख्या काफी है जबकि भारत में बीते मई माह के दौरान एक मामला मिला जो दो दिन में स्वस्थ भी हो गया। 

सतर्क रहने की जरूरत

एरिस वैरिएंट को शोधकर्ताओं ने EG 5.1 नाम दिया है, सबसे पहले जुलाई में इसकी पहचान की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यूके सहित सभी देशों को सतर्क रहने और कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करने की सलाह दी है। अध्ययनकर्ताों का कहना है कि वायरस में जारी म्यूटेशनों के कारण गंभीर या संक्रामक वैरिएंट का जोखिम लगातार बना हुआ है, हमें इस दिशा में बेहद सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार, ईजी.5 ओमिक्रॉन सबवेरिएंट एक्सबीबी.1.9.2 का वंशज है। इस स्ट्रेन वाले वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक अतिरिक्त उत्परिवर्तन है जो मानव कोशिकाओं में प्रवेश कर जल्द ही संक्रमित करने की क्षमता रखता है। अभी तक ईजी.5 और ईजी.5.1 के मामले सामने आए हैं। बीते सात अगस्त 51 देशों में ईजी.5 के 7354 जीनोम सीक्वेंस सामने आए हैं।

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

‘फ्लाइंग किस’ विवाद पर कांग्रेस सांसद नीतू सिंह के बिगड़े बोल, कहा-राहुल गांधी को लड़कियों की कमी नहीं

#rahul_gandhi_flying_kiss_congress_mla_neetu_singh_controversial_statement 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘फ्लाइंग किस’ पर शुरू हुआ विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। एक तरफ बीजेपी के सांसदों ने उनके खिलाफ शिकायत की है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की विधायक नीतू सिंह ने इस मसले पर ऐसा बयान दिया है, जिसने सियासी पारे को और बढ़ा दिया है। कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को लड़कियों की कमी नहीं है। नीतू सिंह ने उम्र का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें फ्लाइंग किस देना ही होगा तो किसी लड़की को देंगे।

बिहार में कांग्रेस की महिला विधायक से जब इस बावत मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने इसपर विवादित बयान दिया। हिसुआ से कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने राहुल गांधी पर लग रहे आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी स्पीकर की तरफ इशारा कर रहे थे, कोई फ्लाइंग किस नहीं कर रहे थे।नीतू सिंह यहीं नहीं रूकीं, उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी को लड़कियों की कमी नहीं है। फ्लाइंग किस देना ही होगा तो किसी लड़की को देंगे, 50 साल की बुजुर्ग महिला को क्यों देंगे?

कांग्रेस नेता नीतू सिंह ने केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को लेकर भी अपशब्द कहे।नीतू सिंह ने कहा- जो महिला दोस्त स्मृति ईरानी की सहेली थी उसके पति को ही लेकर स्मृति ईरानी भाग गईं। फिर शादी की। यह किसी से छुपा नहीं है। ऐसी महिला हमारे राहुल जी पर कटाक्ष करती है। ऐसी महिला को तो खुद ही शर्म आना चाहिए।

बता दें कि नीतू सिंह नवादा के हिसुआ से विधायक हैं। उन्होंने बीजेपी के तीन बार विधायक रहे अनिल सिंह को हराया है। नीतू सिंह के पति भी दंबग नेता हैं।

मणिपुर मामले में पीएम मोदी के समर्थन में उतरी अमेरिका सिंगर मैरी मिलबेन, जानें क्या कहा

#american_singer_mary_millben_supports_pm_modi_on_manipur_issue 

मणिपुर में जारी हिंसा पर जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्ष के निशाने पर वहीं अफ्रीकी-अमेरिकी अभिनेत्री और गायिका मैरी मिलबेन ने पीएम मोदी का समर्थन किया है।

सिंगर मैरी मिलबेन ने लिखा कि भारत को अपने नेता पर भरोसा है। मणिपुर की माताओं, बेटियों और महिलाओं को न्याय मिलेगा। पीएम मोदी हमेशा आपकी आजादी के लिए लड़ेंगे। उनकी टिप्पणी उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में संसद में पीएम मोदी के संबोधन के बाद आई।

मिलबेन ने गुरुवार को मणिपुर मुद्दे पर दिए गए पीएम मोदी के भाषण का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत को अपने नेता पर भरोसा है। उन्होंने देश के बेईमान पत्रकारिता की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्ष बिना किसी तथ्यो के सिर्फ नारे लगाएगा। मिलबेन का कहना है कि उन्हें पीएम मोदी पर भरोसा है, वे पीएम मोदी के लिए प्रार्थना कर रहीं हैं।

अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मैरी मिलबेन ने कहा कि भारत को अपने नेता पर भरोसा है। मणिपुर की माताओं, बेटियों और महिलाओं को न्याय मिलेगा. पीएम मोदी हमेशा आपकी आजादी के लिए लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि एक पार्टी जो सांस्कृतिक विरासत का अपमान करती है, बच्चों को अपने देश का राष्ट्रगान गाने के अधिकार से वंचित करती है, और विदेश में किसी के देश को अपमानित करती है, यह नेतृत्व नहीं है. यह सिद्धांतहीन है। उन्होंने आगे कहा कि बेईमान पत्रकारिता झूठे आख्यानों को चित्रित करेगी। विपक्षी आवाजें बिना किसी तथ्य के जोर-शोर से चिल्लाएंगी। लेकिन सच्चाई, सच्चाई हमेशा लोगों को स्वतंत्र कर देगी। 

मिलबेन ने उन्होंने मार्टिन लूथर किंग जूनियर के शब्दों को कोट करते हुए लिखा, ‘भारत, मेरे प्रिय भारत, सत्य की घंटी बजने दो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आप पर मुझे भरोसा है। मैं आपके लिए प्रार्थना कर रहा हूं।

बता दें कि इसी साल जून में मैरी मिलबेन ने पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने वाशिंगटन डीसी में रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग में भारत का राष्ट्रगान गाया, जहां पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित किया। ‘जन गण मन’ गाने के बाद मैरी ने पीएम मोदी का अभिवादन किया था और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया था।

मणिपुर मामले में पीएम मोदी के समर्थन में उतरी अमेरिका सिंगर मैरी मिलबेन, जानें क्या कहा

#american_singer_mary_millben_supports_pm_modi_on_manipur_issue 

मणिपुर में जारी हिंसा पर जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्ष के निशाने पर वहीं अफ्रीकी-अमेरिकी अभिनेत्री और गायिका मैरी मिलबेन ने पीएम मोदी का समर्थन किया है।

सिंगर मैरी मिलबेन ने लिखा कि भारत को अपने नेता पर भरोसा है। मणिपुर की माताओं, बेटियों और महिलाओं को न्याय मिलेगा। पीएम मोदी हमेशा आपकी आजादी के लिए लड़ेंगे। उनकी टिप्पणी उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में संसद में पीएम मोदी के संबोधन के बाद आई।

मिलबेन ने गुरुवार को मणिपुर मुद्दे पर दिए गए पीएम मोदी के भाषण का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत को अपने नेता पर भरोसा है। उन्होंने देश के बेईमान पत्रकारिता की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्ष बिना किसी तथ्यो के सिर्फ नारे लगाएगा। मिलबेन का कहना है कि उन्हें पीएम मोदी पर भरोसा है, वे पीएम मोदी के लिए प्रार्थना कर रहीं हैं।

अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मैरी मिलबेन ने कहा कि भारत को अपने नेता पर भरोसा है। मणिपुर की माताओं, बेटियों और महिलाओं को न्याय मिलेगा. पीएम मोदी हमेशा आपकी आजादी के लिए लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि एक पार्टी जो सांस्कृतिक विरासत का अपमान करती है, बच्चों को अपने देश का राष्ट्रगान गाने के अधिकार से वंचित करती है, और विदेश में किसी के देश को अपमानित करती है, यह नेतृत्व नहीं है. यह सिद्धांतहीन है। उन्होंने आगे कहा कि बेईमान पत्रकारिता झूठे आख्यानों को चित्रित करेगी। विपक्षी आवाजें बिना किसी तथ्य के जोर-शोर से चिल्लाएंगी। लेकिन सच्चाई, सच्चाई हमेशा लोगों को स्वतंत्र कर देगी। 

मिलबेन ने उन्होंने मार्टिन लूथर किंग जूनियर के शब्दों को कोट करते हुए लिखा, ‘भारत, मेरे प्रिय भारत, सत्य की घंटी बजने दो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आप पर मुझे भरोसा है। मैं आपके लिए प्रार्थना कर रहा हूं।

बता दें कि इसी साल जून में मैरी मिलबेन ने पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने वाशिंगटन डीसी में रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग में भारत का राष्ट्रगान गाया, जहां पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित किया। ‘जन गण मन’ गाने के बाद मैरी ने पीएम मोदी का अभिवादन किया था और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया था।

अधीर रंजन चौधरी लोकसभा से निलंबित, कांग्रेस के तेवर तल्ख, आज मानसून सत्र के आखिरी दिन हंगामे के आसार

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मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है।मणिपुर पर चर्चा के मुद्दे को लेकर इस बार का पूरा सत्र हंगामेदार रहा है। आज सदन का आखिरी दिन भी हंगामेदार होमने के पूरे आसार हैं। आज कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के निलंबन को लेकर कांग्रेस सरकार को घेर सकती है।दरअसल लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर से पीएम मोदी के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर उन्हें गुरूवार को सदन से सस्पेंड कर दिया गया। अधीर के खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी।

लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के मुद्दे पर कांग्रेस ने सख्त रुख अपनाया है और वह सरकार से दो-दो हाथ करने के मूड में नजर आ रही है। कांग्रेस ने लोकसभा में अपने नेता अधीर रंजन चौधरी के सस्पेंशन पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है। यह बैठक आज सुबह 10: 30 बजे सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में उनके संसद स्थित कार्यालय में बुलाई गई है

पीएम के खिलाफ अपशब्दों के इस्तेमाल पर कार्रवाई

बता दें कि गुरुवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए चौधरी ने महाभारत के एक संदर्भ का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ टिप्पणी की थी। जिस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। जिसे आसन ने तत्काल रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया।जिसके बाद प्रहलाद जोशी ने अधीर रंजन के खिलाफ निलंबन प्रस्ताव पेश किया। फिलहाल यह मामला विशेषाधिकार समिति के पास भेजा गया है, तब तक अधीर रंजन चौधरी सदन से निलंबित रहेंगे।

पीएम मोदी पर मणिपुर हिंसा पर नहीं बोलने का आरोप

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी। इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से वॉक आउट कर चुके थे। पीएम मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष के नेताओं ने इंडिया-इंडिया के नारे लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया। उन्होंने कहा, पीएम मोदी मणिपुर हिंसा पर नहीं बोल रहे थे। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने की दो वजहें थी- पहली- मणिपुर को इंसाफ दिलाना, दूसरी- पीएम को इस हिंसा पर बोलने के लिए विवश करना।

विपक्ष के वॉकआउट पर पीएम का तंज

पीएम मोदी ने विपक्ष के वॉकआउट पर तंज कसते हुए कहा कि इनमें सुनने की क्षमता नहीं है। इनकी पुरानी आदत रही है गाली दो और फिर भाग जाओ। कचरा फेंको और फिर भाग जाओ। मैं विपक्ष के नेताओं से कहता हूं कि उनमें सुनने का धैर्य नहीं है। अगर ऐसे ही रहा तो इनकी संख्या इससे भी आधी रह जाएगी।