क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फ्लाइंग किस की, पढ़िए, इस सवाल पर मथुरा सांसद हेमा मालिनी ने ऐसा जवाब दिया है जो जमकर हो रहा वायरल

 लोकसभा में अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा के दूसरे दिन बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर खूब हमला बोला। अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए मणिपुर में भड़की हिंस्सा पर व्यक्त की। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमारे पीएम हिंदुस्तान की आवाज नहीं सुनते हैं, लेकिन जब उनका भाषण खत्म हुआ तो वह 'फ्लाइंग किस' को लेकर बीजेपी द्वारा सवालों के घेरे में आ गए। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल के खिलाफ स्पीकर से की शिकायत भी की। वहीं इसके बीच मथुरा सांसद हेमा मालिनी ने राहुल गांधी के फ्लाइंग किस को लेकर ऐसा जवाब दिया है जो अब खूब वायरल हो रहा है।

क्‍या राहुल गांधी को फ्लाइंग किस करते हुए देखा था? 

दरअसल, जब पत्रकार द्वारा हेमा मालिनी से सवाल किया गया कि क्या उन्होंने राहुल गांधी को फ्लाइंग किस करते हुए देखा तो उनका जवाब नहीं था। उन्होंने कहा 'मैंने वो नहीं देखा, हां, पर कुछ शब्द ऐसे थे जो बहुत सही नहीं थे। 'हेमा का यह बयान सामने आते ही कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार करना शुरू कर दिया है। उनके अनुसार, राहुल गांधी को बिना मतलब के इस मामले में लाया जा रहा है।

कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने स्मृति ईरानी द्वारा लगाए गए आरोपों पर जवाब देते हुए कहा, " उनको ये तो दिख गया, यहां महिलाओं की अस्मिता पर प्रश्न चिन्ह उठ गया लेकिन जब मणिपुर में दो लड़कियों का यौन उत्पीड़न हुआ, तो स्मृति ईरानी ने इस पर कुछ नहीं बोला। क्या वो शर्मसार करने वाली घटना नहीं थी।"

क्या है पूरा मामला?

राहुल गांधी अपने अविश्वास प्रस्ताव भाषण के बाद लोकसभा परिसर से बाहर निकल रहे थे तो उनकी कुछ फाइलें गिर गई थीं। वह फाइलें उठा ही रहे थे कि तभी बीजेपी सांसद हंसने लग पड़े, लेकिन जवाब में राहुल ने फ्लाइंग किस करते हुए मुस्कान दी। लेकिन राहुल गांधी को फ्लाइंग किस देना महंगा पड़ गया क्योंकि फिर स्मृति ईरानी ने उनको इस रिएक्शन के लिए घेर लिया। उन्होंने राहुल के व्यवहार को 'अनुचित' बताया और लोकसभा अध्यक्ष के पास शिकायत दर्ज कराई। कई महिला सांसदों ने शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान निर्मला सीतारमण का विपक्ष पर हमला, बोलीं-बैंकों में यूपीए का फैलाया रायता हमने साफ किया

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज जवाब देंगे। अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में दो दिन से तीखी बहस जारी है।लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चल रहे तीन दिन के मैच का आज आखिरी दिन है। आज बहस की शुरुआत केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने की।अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक तरफ मोदी सरकार में किए गए कामों की तारीफ की, तो दूसरी तररफ विपक्ष पर हमला बोला।

इस दौरान वित्त मंत्री निर्माल सीतारमण ने कहा कि 2013 में मॉर्गन स्टेनली ने भारत को दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शामिल किया था। भारत को नाजुक अर्थव्यवस्था घोषित कर दिया गया। आज उसी मॉर्गन स्टैनली ने भारत को अपग्रेड कर ऊंची रेटिंग दी है।केवल 9 वर्षों में, हमारी सरकार की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था ऊपर उठी और कोविड के बावजूद आर्थिक विकास हुआ। आज हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं। आज देश सबसे तेज विकास दर वाली अर्थव्यवस्था है। हमारे लिए जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी है 2022-23 के लिए। इसके 2023-24 में 6.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान रखा गया है। जबकि बाकी इकोनॉमी के बढ़ने का अनुमान नीचे रखा गया है। ये सब कैसे संभव हुआ।

यूपीए ने एक दशक बर्बाद किया- निर्मला सीतारामन

इस दौरान निर्माला सीतारमण ने बैंकों के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि आपने (कांग्रेस और विपक्ष) जो बैंकों में रायता फैलाया था, हम उसे साफ कर रहे हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा- यूपीए ने पूरा एक दशक बर्बाद कर दिया क्योंकि वहां बहुत भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद था। आज हर संकट और विपरीत परिस्थिति को सुधार और अवसर में बदल दिया गया है। हमने महसूस किया है कि बैंकिंग क्षेत्र को स्वस्थ रहने की जरूरत है और इसलिए हमने कई कदम उठाए हैं। बैंक राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना काम करने में सक्षम हैं, वे पेशेवर ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं। बैंकों में फेलाया हुआ आपका रायता हम साफ कर रहे हैं।सरकारी बैंकों का मुनाफा 1.9 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है।

मिलेगा-बनेगा जौसे शब्द अब नहीं सुनते-निर्मला सीतारामन

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘हम वादों को पूरा कर रहे हैं। गांवों से लेकर शहरों तक के लिए योजनाएं लाई गईं। हमारे काम से देश में बदलाव आया है। पहले के मिलेगा की जगह अब मिल गया चलता है। पहले गैसे कनेक्शन मिलेगा, अब मिल गया। अब लोगों को आसानी से राशन मिल रहा है। यूपीए के कार्यकाल के दौरान लोग कहते थे बिजली आएगी, अब लोग कहते हैं बिजली आ गई। गैस कनेक्शन मिलेगा, अब 'गैस कनेक्शन मिल गया। उन्होंने कहा एयरपोर्ट बनेगा, अब एयरपोर्ट बन गया। प्रधानमंत्री आवास मिलेगा, अब मिल गया।

2014 से पीएम मोदी ने देश की आर्थिक पॉलिसी में किया सुधार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि 2014 से पीएम मोदी ने हमारी पॉलिसी को इतना सुधारा कि जिसकी वजह से कोविड संकट को पार करते हुए भी रिकवरी के रास्ते में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। जनधन योजना, डिजिटल इंडिया मिशन, आयुष्मान भारत, जन औषधि केंद्र ऐसी योजनाओं से सबको फायदा पहुंचाने का काम हुआ है। छह दशकों से हम सुन रहे थे गरीबी हटाओ, लेकिन ऐसा हुआ क्या? अब आप साफ देख पा रहे हैं कि गरीबी कैसे हटा रहे हैं।

सदन में फ्लाइंग किस विवाद में नया मोड़, महिला सांसदों ने जताई आपत्ति जताई, लेकिन कैमरे में रिकॉर्ड नहीं हो सकी राहुल गांधी की फ्लाइंग किस, पढ़िए


संसद के मानूसन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दूसरे दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना भाषण दिया। राहुल के बयान के बाद बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जवाब दिया। पर सदन में राहुल के भाषण के बाद उनके एक इशारे पर बवाल मच गया। भाजपा की महिला सांसदों ने आरोप लगाया कि राहुल ने उनकी तरफ देखकर ‘फ्लाइंग किस’ का इशारा किया। जिसके बाद सदन में राहुल गांधी के फ्लाइंग किस पर बीजेपी की महिला सांसदों ने स्पीकर से शिकायत की। उन्होंने मांग की कि CCTV फुटेज के आधार पर कार्यवाई की जाए।

बीजेपी नेता शोभा करंदलाजे ने कहा कि जैसे ही स्मृति ईरानी ने बोलना शुरू किया, राहुल गांधी ने फ्लाइंग किस के इशारे से महिलाओं का अपमान किया। यह पहली बार है कि किसी सांसद ने ऐसा व्यवहार दिखाया है। हमने स्पीकर के पास शिकायत दर्ज कराई है और कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ऐसा आचरण सदन में कभी नहीं देखा गया।

अपने भाषण के बाद सदन से निकल गए राहुल गांधी

भाषण देने के थोड़ी ही देर बाद राहुल गांधी सदन से बाहर जाने लगे तो सत्ता पक्ष की तरफ से राहुल गांधी के लिए आवाजें आने लगी कि बैठ कर सुनिए। दरअसल सत्तापक्ष के सांसद चाहते थे कि राहुल गांधी की मौजूदगी में ही स्मृति ईरानी कांग्रेस और उन पर हमला करें। लेकिन राहुल गांधी को राजस्थान की एक सभा में जाना था लिहाजा वो सदन से बाहर जाने लगे, तभी बीजेपी सांसद पूछने लगे कि वो बाहर क्यों जा रहे हैं। तब राहुल गांधी पीछे मुड़े और सत्ता पक्ष की ओर फ्लाइंग किस उछाल दिया और सदन से बाहर निकल गए।

कैमरे में रिकॉर्ड नहीं हो सकी राहुल की फ्लाइंग किस

राहुल गांधी की फ्लाइंग किस हालांकि लोकसभा की कार्यवाही के प्रसारण के लिए लगाए गए दर्जनों कैमरों में रिकॉर्ड नहीं हो सकी। ऐसे में राहुल गांधी की इस हरकत पर महिला सांसदों की स्पीकर से शिकायत के बाद अगर कार्रवाई की जाती है तो लोकसभा के सीसीटीवी फुटेज का ही सबूत के तौर पर सहारा लेना होगा। सरकार के सूत्रों का कहना है कि सदन के अंदर इस आचरण पर राहुल गांधी के खिलाफ प्रिविलेज और एथिक्स दोनों का मामला बन सकता है।

राहुल के व्यवहार पर लोकसभा अध्यक्ष को पत्र

राहुल के व्यवहार पर लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित एक पत्र भी साझा किया, जिस पर कई महिला सांसदों के हस्ताक्षर हैं। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर सदन में ‘फ्लाइंग किस’ की भाव-भंगिमा प्रदर्शित करते हुए महिला सांसदों के प्रति अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया और उन्हें महिलाओं से द्वेष रखने वाला व्यक्ति बताया। स्मृति ने कहा कि सदन में पहले कभी ऐसा आचरण नहीं देखा गया। बाद में, भारतीय जनता पार्टी की महिला सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट की और केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

राहुल के 'फ्लाइंग किस' विवाद पर स्वाति मालीवाल का स्मृति ईरानी पर तीखा हमला, जानें बृजभूषण शरण सिंह का नाम लेकर क्या बोला

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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने राहुल गांधी के 'फ्लाइंग किस' विवाद पर एक तीर से दो निशाने साधे हैं। दिल्ली महिला आयोग की स्वाति मालीवाल ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एक साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर जोरदार हमला बोला है। मालीवाल ने कहा कि एक फ्लाइंग किस से इतनी आग लग गई, तब क्यों नहीं लगी थी जब बृजभूषण ने यौन उत्पीड़न किया था।

स्वाति मालीवाल का सीधा हमला

डीसीडब्ल्यू चीफ स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर लिखा कि हवा में फेंकी हुई एक कथित फ्लाइंग किस से इतनी आग लग गई है। दूसरी रॉ में पीछे एक आदमी बृजभूषण बैठा हुआ है। जिसने ओलम्पियन पहलवानों को कमरे में बुलाकर छाती पर हाथ रखा था, कमर पर हाथ रखा और यौन शोषण किया। उस आदमी के ऊपर गुस्सा क्यों नहीं आता है।

दरअसल मालीवाल भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित छह पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का जिक्र किया है।

क्या है मामला?

इससे पहले लोकसभा में बुधवार यानी 9 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही बहस के बीच भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाया। ईरानी ने कहा कि जब कांग्रेस भाषण खत्म करने के बाद सदन से बाहर जा रहे थे तो उन्होंने अभद्रता का परिचय दिया। स्मृति ईरानी के आरोप के मुताबिक, राहुल गांधी जब सदन से बाहर जा रहे थे तो उन्होंने सदन में फ्लाइंग किस के इशारे किए। इससे संसद में मौजूद महिला सदस्यों का अपमान हुआ।

घटना के बाद महिला सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और गांधी के अनुचित हावभाव के लिए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। राहुल गांधी पर 20 से अधिक महिला सांसदों ने हस्ताक्षर कर एक शिकायत पत्र में यह आरोप लगाया गया कि गांधी ने अशोभनीय तरीके से व्यवहार किया, जिससे न केवल सदन में महिला सदस्यों की गरिमा का अपमान हुआ, बल्कि बदनामी भी हुई और इस प्रतिष्ठित सदन की गरिमा भी कम हुई है।

अमित शाह ने संसद में बताया क्या है अविश्वास प्रस्ताव का असली मकसद

 संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के चलते आज बुधवार को राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर सरकार को भारत माता का हत्यारा कहा है। वहीं जवाब में स्मृति इरानी ने भारत माता की हत्या पर ताली बजाने वाले विपक्ष की निंदा की है तथा इमरजेंसी के जमाने में महिलाओं से कैद में हुए अत्याचार से लेकर कश्मीरी पंडितों के दमन एवं 1984 के सिख दंगों की याद दिलाई है। तत्पश्चात, सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी विपक्ष पर पलटवार किया। अमित शाह ने कहा कि जब से स्वतंत्र हुए हैं तब से 27 अविश्वास प्रस्ताव तथा 11 विश्वास प्रस्ताव इस सदन में प्रस्तुत हुए। कई बार सरकारों का बहुमत जाने की स्थिति में सदन के विपक्ष के सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लेकर आते हैं। कई बार बड़े जनआंदोलन के समय प्रजा की भावना को प्रतिबिंबित करने के लिए अविश्वास के प्रस्ताव लेकर आते हैं। ये एक अविश्वास का ऐसा है, जिसमें पीएम एवं कैबिनेट के प्रति न जनता को अविश्वास और न सदन को अविश्वास है। इसका उद्देश्य जनता में भ्रांति खड़ी करना है। मैं उनको (विपक्ष) इतना ही कहना चाहता हूं कि अविश्वास प्रस्ताव जब आप लेकर आते हो तो इस पर जो चर्चा होती है, उस चर्चा में सरकार के विरोध में कुछ मुद्दे तो रख देते। 

 

उन्होंने कहा कि मैंने पूरे भाषण ध्यान से सुने। तत्पश्चात, मैं निश्चित रूप से निर्णय पर पहुंचा हूं कि ये अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ और सिर्फ भ्रांति खड़ी करने के लिए लाया गया है। ये प्रजा की इच्छाओं का प्रतिबिंब नहीं है। अल्पमत का तो सवाल ही नहीं है क्योंकि अब तक जो अविश्वास के प्रस्ताव के विरोध में बोले हैं तथा जो समर्थन सदन का दिखाई दिया है वो बताता है कि अल्पमत का सवाल नहीं है और जनता में भी भरोसा है क्योंकि देश के 60 करोड़ निर्धनों को उनके जीवन में नई आशा का संचार किसी सरकार या प्रधानमंत्री ने किया है तो नरेंद्र मोदी सरकार ने किया है। अमित शाह ने कहा कि मैं भी देश में घूमता हूं और जनता के बीच जाता हूं। मैंने जनता के साथ कई स्थानों पर संवाद किया है। कहीं पर भी अविश्वास की झलक दिखाई नहीं पड़ती है। आजादी के बाद कोई एक सरकार और कोई एक नेता में जनता को सबसे अधिक भरोसा है तो नरेंद्र मोदी जी की सरकार में है। 2/3 बहुमत से दो-दो बार NDA को चुना गया। 30 वर्ष पश्चात् पूर्ण बहुमत की स्थिर सरकार देने का काम देश की जनता ने दो बार किया। स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे लोकप्रिय कोई पीएम हैं तो वो नरेंद्र मोदी हैं। ये मैं नहीं कहता, दुनिया भर के कई सर्वेक्षण कहते हैं। 

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद एक भी छुट्टी लिए बगैर 24 घंटे में से 17 घंटे काम करने वाला कोई पीएम है तो नरेंद्र मोदी हैं। स्वतंत्रता के पश्चात् देश के हर राज्य में सबसे ज्यादा किलोमीटर और सबसे ज्यादा दिन प्रवास करने वाला कोई पीएम है तो नरेंद्र मोदी हैं। कोई सरकारें कई वर्षों तक चलती हैं। कांग्रेस की सरकार 35 वर्षों तक चलीं। मगर 2-4 फैसले ऐसे होते हैं जिसको युगों तक याद किया जाता है। नरेंद्र मोदी सरकार ने 9 वर्ष में 50 से अधिक ऐसे फैसले लिए, जो युगांतकारी फैसले हैं, जो इतिहास के अंदर स्वर्ण अक्षरों से लिखे जाएंगे। अमित शाह ने कहा कि तकरीबन 30 वर्षों से इस देश की राजनीति भ्रष्टाचार, परिवार और तुष्टिकरण के नासूर से ग्रसित रही है। भारतीय लोकतंत्र को इन तीन नासूरों ने घेर लिया था। नरेंद्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण को हटाकर पॉलिटिक्स ऑफ पर्फोर्मेंस को बढ़ावा दिया। आज विकास जनता के फैसलों को निर्णय करता है। लेकिन फिर भी कहीं-कहीं दूर तक भ्रष्टचार भी बच गया, परिवारवाद तो दिखाई ही पड़ता है एवं तुष्टिकरण की राजनीति भी चलती है। इसलिए मोदी जी ने नारा दिया, 'भ्रष्टाचार क्विट इंडिया, परिवारवाद क्विट इंडिया, तुष्टिकरण क्विट इंडिया।' 

उन्होंने कहा कि अविश्वास का प्रस्ताव एक संवैधानिक प्रक्रिया है। विपक्ष का उद्देश्य चाहे कुछ भी हो, वो उनका अधिकार है। हमें कोई आपत्ति नहीं है। इससे पार्टियों तथा गठबंधन के चरित्र उजागर होते हैं। कई बार अविश्वास प्रस्ताव आए। मैं तीन का जिक्र करना अवश्य करना चाहूंगा। दो यूपीए सरकार के खिलाफ है जब हम विपक्ष में थे तब लेकर आए थे तथा एक एक NDA के खिलाफ था। 1993 में नरसिम्हा सरकार थी। उसके खिलाफ प्रस्ताव आया। नरसिम्हा को सरकार किसी भी प्रकार सत्ता में बने रहना था। नरसिम्हा अविश्वास प्रस्ताव जीत गई। बाद में कई लोगों को जेल की सजा हुई, इसमें नरसिम्हा राव भी शामिल थे। क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा को घूस देकर प्रस्ताव पर विजय प्राप्त की गई। आज कांग्रेस और मुक्ति मोर्चा भी वहीं है। उन्होंने कहा कि 2008 में मनमोहन सरकार विश्वास प्रस्ताव लेकर आई। ऐसा वातावरण था कि इनके पास बहुमत नहीं था। उस समय सबसे कलंकित घटना देखी गई। सांसदों को करोड़ो रुपये की घूस दी गई। कुछ सांसद सदन के सामने आए और संरक्षण मांगा। हालांकि, तब सरकार को बचा लिया गया था। UPA का चरित्र यह है कि अविश्वास प्रस्ताव आए या विश्वास प्रस्ताव लाना पड़े इससे बचने के लिए सारे सिद्धांत, चरित्र, कानून, परंपरा से सत्ता को संभालना होता है।

वहीं 1999 में अटल सरकार थी। अविश्वास प्रस्ताव आया। कांग्रेस ने जो किया वो हम भी कर सकते थे। घूस देके सरकार बचा सकते थे। मगर हमने ऐसा नहीं किया। अटल वाजपेयी ने अपनी बात रखी और कहा कि संसद का जो फैसला है वह माना जाए। सिर्फ एक वोट से सरकार चली गई। UPA की भांति हम सरकार नहीं बचा सकते थे? बचा सकते थे लेकिन कई बार प्रस्ताव के समय चरित्र उजागर होता है। कांग्रेस का चरित्र भ्रष्टाचार का है। वहीं भाजपा चरित्र सिद्धांत के लिए राजनीति करने वाला है। वाजपेयी की सरकार गई मगर अगली बार भारी बहुमत से वह जीते और प्रधानमंत्री बने। शाह ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया। मगर गरीबी जस की तस रही। लेकिन मोदी ने इस समस्या को समझा क्योंकि उन्होंने गरीबी देखी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने 9 वर्षों में 11 करोड़ से अधिक परिवारों को शौचालय दिया। लोग क्लोराइड युक्त पानी पीते थे। मोदी ने हर घर जल योजना से 12 करोड़ से अधिक लोगों के घर तक पानी पहुंचाया। कांग्रेस कर्ज माफ करने का लॉलीपॉप देती थी, वहीं भाजपा का अजेंडा है कि किसान को कर्ज ही ना लेना पड़े।

मणिपुर में असम राइफल्स को लेकर क्यों बढ़ा विवाद? जानिए पूरा मामला

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मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा का दौर जारी है।हिंसा को काबू करने के लिए 40 हज़ार से अधिक सुरक्षाकर्मी लगाए जा चुके हैं। इनमें सेना से लेकर असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और आईटीबीपी के जवान और अधिकारी शामिल हैं।हालांकि, दो समुदायों के बीच जारी हिंसा के बीच राज्ये में पुलिस और असम राइफल्स में तनातनी शुरू हो गई है। मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के खिलाफ FIR तक दर्ज कर दी है। मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स पर ऑपरेशन में बाधा डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है।

असम राइफल्स के खिलाफ FIR

असम राइफल्स के खिलाफ FIR 5 अगस्त को दर्ज की गई थी। मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के सैनिकों के ख़िलाफ़ काम में बाधा डालने, चोट पहुँचाने की धमकी देने और ग़लत तरीक़े से रोकने की धाराओं के तहत एफ़आईआर दर्ज की है। असम राइफल्स की 9वीं बटालियन के सुरक्षा कर्मियों के ख़िलाफ़ ये एफ़आईआर विष्णुपुर ज़िले के फोउगाकचाओ इखाई पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। पुलिस ने आरोप लगाया था कि असम राइफल्स ने बिष्णुपुर जिले में क्वाक्टा गोथोल रोड पर पुलिस वाहनों को रोका। FIR में दावा किया गया है कि असम राइफल्स ने उसके कर्मियों को तब आगे बढ़ने से रोक दिया जब राज्य पुलिस क्वाक्टा से लगे फोलजांग रोड पर कुकी उग्रवादियों की तलाश में आर्म्स ऐक्ट मामले में तलाशी अभियान चलाने के लिए आगे बढ़ रही थी। पुलिस ने दावा किया कि उसके कर्मियों को 9 असम राइफल्स ने अपने ‘कैस्पर’ वाहन से सड़क अवरुद्ध करके उन्हें रोक दिया। कथित घटना तब हुई जब राज्य पुलिस संदिग्ध कुकी आतंकवादियों का पीछा कर रही थी, जिन्होंने तीन नागरिकों की हत्या कर दी थी। 

भारतीय सेना ने किया असम राइफ़ल्स का बचाव

असम राइफ़ल्स की भूमिका पर उठते सवालों का भारतीय सेना ने खंडन किया है। सेना ने असम राइफल्स का बचाव करते हुए एक बयान जारी किया है। भारतीय सेना का कहना है कि "ज़मीनी हालात की जटिल प्रकृति की वजह से विभिन्न सुरक्षा बलों के बीच सामरिक स्तर पर कभी-कभी मतभेद हो जाते हैं" जिनका निपटारा सयुंक्त तंत्र के ज़रिये तुरंत कर लिया जाता है। इस मामले को लेकर सेना का कहना है कि असम राइफ़ल्स हिंसा रोकने के लिए कुकी और मैतेई क्षेत्रों के बीच बनाये गए बफ़र ज़ोन को सुनिश्चित करने के लिए कमांड मुख्यालय द्वारा दिए गए कार्य को अंज़ाम दे रही थी। 

असम राइफ़ल्स की भूमिका पर सवाल उठाने के हताश प्रयास

बयान में भारतीय सेना ने कहा कि कुछ विरोधी तत्वों ने तीन मई से मणिपुर में लोगों की जान बचाने और शांति बहाल करने की दिशा में लगातार काम कर रहे केंद्रीय सुरक्षा बलों विशेष रूप से असम राइफ़ल्स की भूमिका, इरादे और अखंडता पर सवाल उठाने के हताश और असफल प्रयास बार-बार किए हैं। भारतीय सेना ने कहा कि असम राइफ़ल्स को बदनाम करने के उद्देश्य से पिछले 24 घंटों में दो मामले सामने आए हैं। पहले मामले में असम राइफ़ल्स बटालियन ने दो समुदायों के बीच हिंसा को रोकने के उद्देश्य से बफ़र ज़ोन दिशानिर्देशों को सख़्ती से लागू करने के एकीकृत मुख्यालय के आदेश के अनुसार सख़्ती से काम किया है। दूसरा मामला असम राइफ़ल्स को एक ऐसे क्षेत्र से बाहर ले जाने का है, जिससे उनका कोई संबंध भी नहीं है।

असम राइफल्स से बीजेपी भी नाराज

सत्ताधारी पार्टी बीजेपी भी असम राइफल्स से नाराज नजर आ रही है। उसकी ओर से केंद्र को एक पत्र भी लिखा गया, जिसमें असम राइफल्स को हटाने की मांग की गई। बीजेपी ने कहा कि 3 मई को जब हिंसा भड़की, तब से अब तक असम राइफल्स उसे रोकने में नाकाम रही। उसने अशांति के माहौल में पक्षपातपूर्ण काम किया, ऐसे में उनको हटाकर किसी अन्य इलाके में तैनात किया जाए

क्या है मामला?

असम राइफ़ल्स के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर में मणिपुर पुलिस ने कहा है कि पाँच अगस्त को सुबह साढ़े छह बजे राज्य पुलिस की टीमें क्वाक्ता वॉर्ड नंबर आठ के पास फोल्जांग रोड के इलाक़े में अभियुक्त कुकी विद्रोहियों का पता लगाने पहुँची। कुछ ही घंटे पहले दिन में क़रीब साढ़े तीन बजे क्वाक्ता में हथियारबंद अपराधियों ने सो रहे तीन मैतेई लोगों की हत्या कर दी थी। मरने वालों में दो लोग पिता-पुत्र थे। मणिपुर पुलिस को ये शक था कि इस हत्याकांड में कुकी विद्रोहियों का हाथ है और शायद वो अब भी उसी इलाक़े में शरण लिए हुए हैं। मणिपुर पुलिस के मुताबिक़ जब उनकी टीमें इलाक़े में क़ुतुब वाली मस्जिद पहुंचीं तो असम राइफ़ल की 9वीं बटालियन के कर्मियों ने क्वाक्ता फोल्जांग रोड के बीच अपनी बख्तरबंद कैस्पर गाड़ियां लगाकर उन्हें आगे जाने से रोका और इसी वजह से कुकी आतंकियों को किसी सुरक्षित जगह भाग जाने का मौक़ा मिला।

पहली बार नहीं हुआ विवाद

मई की शुरुआत में हिंसा भड़कने के बाद से मणिपुर में पुलिस और असम रायफल्स के बीच टकराव चर्चा का विषय रहा है। दोनों बलों के बीच पिछले टकराव के वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए थे।दो जून को एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें देखा जा सकता था कि असम राइफ़ल्स की 37वीं बटालियन के कर्मियों ने पुलिस स्टेशन के मेन गेट पर एक बख़्तरबंद कैस्पर गाड़ी लगा कर उसका रास्ता रोक दिया था। इस घटना के वीडियो में भी मणिपुर पुलिस के जवानों को असम राइफ़ल्स के सुरक्षाकर्मियों से तीखी बहस करते देखा जा सकता है।

संसद में दिखा मां-बेटे का तालमेल, राहुल का मार्गदर्शन करती नज़र आईं सोनिया गांधी

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ बुधवार (9 अगस्त) को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी विपक्षी गुट INDIA के स्टार थे, मगर यह उनकी मां, पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी थीं, जो पर्दे के पीछे से फैसले ले रही थीं। लोकसभा में राहुल के पूरे भाषण के दौरान, सोनिया गांधी अपने बेटे को यह सुनिश्चित करने के लिए मार्गदर्शन करती देखी गईं कि उनके शब्द सही नोट्स पर हों। 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राहुल के आगे की पंक्ति में बैठी सोनिया ने उन्हें बोलते वक़्त लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को संबोधित करने के लिए प्रेरित किया। राहुल अपनी मां की सलाह मानने में तेज थे। बाद में, जब भारत के सदस्य वेल में थे, तब सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से आक्रामकता बढ़ाने की अपील की, जो उनके दाहिनी ओर बैठे हुए थे। विपक्षी सदस्यों में, तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा सबसे पहले भाजपा सांसदों पर चिल्लाने लगीं, जब राहुल अन्य मुद्दे उठा रहे थे। 

हालाँकि, जब वह संक्षिप्त चर्चा के लिए सोनिया गांधी के पास गईं, तो दृश्य बदल गया। इसके बाद TMC सांसद ने भारत के सदस्यों से वेल से हटने और अपनी-अपनी सीटों पर वापस जाने का अनुरोध किया। सोनिया की तरफ से राहुल को अंतिम इशारा उनके भाषण के अंत में किया गया, जब उन्होंने उनसे सिर्फ एक बार तस्वीर अपने हाथ में लेकर दिखाने और फिर उसे अपने पास रखने के लिए कहा। इसके बाद राहुल ने पीएम मोदी और गौतम अडानी की विमान में एक साथ बैठे हुए एक पुरानी तस्वीर सदन में दिखाई और कहा कि प्रधानमंत्री केवल दो लोगों की बात सुनते हैं, अमित शाह और गौतम अडानी, जैसे रावण केवल दो लोगों की सलाह पर ध्यान देता है - मेघनाद और कुंभकरण। 

हालाँकि, ये अलग बात है कि, कुंभकरण ने भी रावण को काफी समझाया था कि, वो श्रीराम से बैर न पाले, लेकिन रावण नहीं माना। बहरहाल, यहाँ राहुल गांधी के रामायण ज्ञान की बात नहीं हो रही, 53 वर्षीय नेता को उनकी माँ और पार्टी की प्रमुख नेता किस तरह संसद में मार्गदर्शित कर रहीं थी, उसकी बात हो रही है। राहुल ने भी अपने भाषण में मणिपुर पर बोलते हुए सोनिया का जिक्र किया और कहा कि, "मेरी मां यहां बैठी हैं। दूसरी मां, भारत माता, आपने (केंद्र) मणिपुर में हत्या कर दी।" उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया।

रेपो रेट में बदलाव नहीं, 6.5 फीसदी पर स्थिर, एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का एलान

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भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अपनी मौद्रिक नीति का एलान कर दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की है कि रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसका एलान किया।इससे महंगाई से जूझ रही जनता को बड़ी राहत मिलेगी। यह लगातार दूसरी बार है जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को स्थिर बनाए रखा है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक मजबूत हैं। एनपीए घटा है। कॉरपोरेट बैलेंश शीट मजबूत हुए हैं। भारत के मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल बने हुए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी हुई है। शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक मंगलवार को शुरू हुई थी और 3 दिन तक बैठक में मंथन के बाद यह निष्‍कर्ष निकाला गया कि अभी आम आदमी पर महंगे कर्ज का बोझ डालने का सही समय नहीं है। लिहाजा रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया और इसे 6.5 फीसदी पर बनाए रखा गया है। इसका मतलब है कि आम आदमी का होम लोन, ऑटो लोन या अन्‍य किसी भी तरह का खुदरा कर्ज महंगा नहीं होगा और उन पर ईएमआई का बोझ भी नहीं आएगा।

अभी महंगाई को थामने पर फोकस-आरबीआई गवर्नर

आरबीआई गवर्नर दास ने साफ कहा है कि अभी उनका फोकस महंगाई को थामने पर है। गवर्नर ने बताया कि हमारा लक्ष्‍य खुदरा महंगाई की दर को 4 फीसदी तक लाने का है। अभी महंगाई दर हमारे लक्ष्‍य से ऊपर है, लिहाजा हम कर्ज की ब्‍याज दरों को स्थिर बनाए रखेंगे। खुदरा महंगाई की वजह से ही आम आदमी पर खर्च का बोझ बढ़ गया है। ऐसे में ईएमआई का बोझ बढ़ाना ठीक नहीं होगा।

खाद्य महंगाई चिंता का विषय-आरबीआई गवर्नर

गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सब्जियों के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ी है। दास ने कहा कि जुलाई और अगस्त महीने में सब्जियों के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ी रहेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था ने महंगाई के नियंत्रण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की, हालांकि खाद्य मुद्रास्फीति चिंता का विषय है। दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है। दास ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 में महंगाई दर 5.1% से बढ़कर 5.4% पर पहुंचने की आशंका है। 

भारतीय दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना-आरबीआई गवर्नर

एमपीसी की बैठक के बाद RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि हमारी अर्थव्यवस्था उचित गति से बढ़ती रही है और दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है और वैश्विक विकास में लगभग 15% का योगदान दे रही है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि FY 24 में सीपीआई 5.1% से बढ़कर 5.4% रहने का अनुमान है। आरबीआई के मुखिया ने कहा कि FY24 में जीडीपी 6.5% रह सकती है। वहीं FY25 में जीडीपी 6.6% रह सकती है। FY25 में सीपीआई 5.2% रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति का संचरण अब भी जारी है, क्योंकि हेडलाइन मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक बनी हुई है। आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि एमपीसी मुद्रास्फीति को लेकर सतर्क रहेगी और मुद्रास्फीति को लक्षित स्तर पर लाने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ रहेगी।

पीएम मोदी आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर देंगे जवाब, विपक्ष के आरोपों पर करेंगे पलटवार

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मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी आज जवाब देंगे। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने एक दिन पहले इसकी पुष्टि की थी।लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज तीसरा दिन है। जानकारी के मुताबिक वे शाम चार बजे इस बहस में शामिल होंगे। 

विपक्ष की ओर से बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर संसद के निचले सदन में 8 और 9 अगस्त को बहस हुई। जहां विपक्षी सांसदों ने सरकार पर कई सवाल उठाए तो सरकार की ओर से सासंदों ने जवाब दिए। जिसके बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब देंगे।प्रधानमंत्री राहुल गांधी के बुधवार को किए गए हमले पर पलटवार कर सकते हैं।

मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष ने लाया है अविश्वास प्रस्ताव

मणिपुर पर पीएम के बयान की मांग को लेकर ही विपक्ष की ओर से अविश्नास प्रस्ताव लाया गया है। 26 जुलाई को मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार को प्रस्ताव पर बहस शुरू की थी।कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी चर्चा की शुरुआत करते हुए मणिपुर का मुद्दा जोर-शोर से उठाया।

मणिपुर में हिंसा को लेकर राहुल गांधी का केंद्र पर जोरदार हमला

वहीं बुधवार को राहुल गांधी ने भी मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने मणिपुर में भारत माता की हत्या की है। राहुल ने कहा, कुछ दिन पहले मणिपुर गया। लेकिन हमारे पीएम नहीं गए। क्योंकि उनके लिए मणिपुर भारत नहीं है। मणिपुर की सच्चाई है कि मणिपुर नहीं बचा है। मैं राहत शिविरों में गया हूं, मैंने वहां महिलाओं से बात की। मणिपुर को आपने तोड़ दिया है।कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि हिंदुस्तान की सेना चाहे तो मणिपुर में एक दिन में शांति बहाल कर सकती है। सरकार मणिपुर में शांति नहीं चाहती है।

स्मृति ईरानी की राहुल पर पलटवार

राहुल गांधी के भाषण के जवाब में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि राहुल गांधी भारत माता की हत्या की बात करते हैं। कांग्रेस ताली बजाती है। ये इस बात का संकेत है कि मन में गद्दारी किसके है। हालांकि इस बीच स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर महिला सांसदों के साथ अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया।भाजपा महिला सांसदों ने इसकी शिकायत स्पीकर से भी की।

मणिपुर में जो हुआ शर्मनाक, उसपर राजनीति करना और शर्मनाक-शाह

इसके जवाब में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘मणिपुर में जो हुआ शर्मनाक है। उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है। अमित शाह ने कहा कि 29 अप्रैल को एक अफवाह फेल गई कि शरणार्थियों के स्थान को गांव घोषित कर दिया गया, जिससे तनाव शुरू हुआ। हाई कोर्ट ने मैतई को एसटी का दर्जा देने का फैसला दिया। मणिपुर हाई कोर्ट के फैसले ने आग में तेल डालने का काम किया। शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने मुझे रात को 4 बजे कॉल किया है और सुबह 6 बजे मुझे उठाया भी है। और ये लोग (विपक्ष) कहते हैं कि प्रधानमंत्री ध्यान नहीं रखते।

लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया मणिपुर में कैसे भड़की हिंसा, सीएम बीरेन को क्यों नहीं हटाया इसपर भी दिया जवाब

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मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष संसद में लगातार सरकार को घेर रहा है।विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी से हिंसा पर बयान देने की मांग कर रहा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बोलते हुए मणिपुर हिंसा पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह सच है कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ। हिंसक घटनाएं हुईं। वहां जो कुछ भी हुआ, वह शर्मनाक है। उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है।

अमित शाह ने कहा, एक भ्रांति देश मै फैलाई गई है कि ये सरकार मणिपुर पर चर्चा नहीं करना चाहती है। हम पहले दिन से चर्चा को तैयार थे। आप चर्चा को तैयार ही नहीं थे। आप को ये लगता है कि हंगामा करके हमें चुप कर देंगे। आप ऐसा नहीं कर सकते। इस देश की 130 करोड़ जनता ने हमें चुनकर भेजा है। शाह ने कहा कि जब सदन की तारीख भी नहीं आई थी, हम तबसे कह रहे हैं कि चर्चा होनी चाहिए।

6 साल में मणिपुर में एक भी दिन कर्फ्यू नहीं लगा-शाह

गृह मंत्री ने कहा मैं देश को बताना चाहूंगा कि सरकार ने मणिपुर के लिए क्या किया है। 6 साल में मणिपुर में एक भी दिन कर्फ्यू नहीं था। उन्होंने कहा एक भी दिन बंद नहीं रहा। मणिपुर में 6 साल से बीजेपी का शासन है। 2023 में दंगा हुआ। 

गृह मंत्री ने कहा, ‘2021 में पड़ोसी देश म्यांमार में सत्ता परिवर्तन हुआ तो वहां मिलेट्री शासन में कुकी लोगों पर अत्याचार होने लगे। चूंकि म्यांमार का हमारा बॉर्डर खुला हुआ है तो म्यांमार से हजारों कुकी ने मणिपुर मिजोरम में आकर बसना शुरू कर दिया। इससे जनसांख्यकी बदलनी शुरू हो गई। अमित शाह ने कहा, ‘वहां हमारा समझौता है कि कोई पासपोर्ट नहीं लगता। ऐसे में हमने इसको देखते हुए 2022 में बॉर्डर पर फेंसिंग शुरू किया। 2023 में हमने थंब इम्प्रेशन और आई इम्प्रेशन लेकर भारत की वोटर आईडी में डालने का कार्य शुरू किया।

हाई कोर्ट के फैसले ने आग में तेल का काम किया-शाह

अमित शाह ने कहा कि 29 अप्रैल को एक अफवाह फेल गई कि शरणार्थियों के स्थान को गांव घोषित कर दिया गया, जिससे तनाव शुरू हुआ। हाई कोर्ट ने मैतई को एसटी का दर्जा देने का फैसला दिया। मणिपुर हाई कोर्ट के फैसले ने आग में तेल डालने का काम किया। 

प्रधानमंत्री ने मुझे रात को 4 बजे कॉल किया-शाह

अमित शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने मुझे रात को 4 बजे कॉल किया है और सुबह 6 बजे मुझे उठाया भी है। और ये लोग (विपक्ष) कहते हैं कि प्रधानमंत्री ध्यान नहीं रखते।तीन दिन तक लगातार हमने यहां से काम किया। 16 वीडियो कॉन्फ्रेंस की, 36 हजार जवान भेजे।चीफ सेक्रेटरी को बदल दिया गया। डीजीपी बदल दिया गया. सुरक्षा सलाहकार भेजे गए।

सीएम बीरेन सिंह को नहीं हटाने पर क्या बोले शाह

सीएम बीरेन सिंह को नहीं हटाने पर अमित शाह ने कहा कि ये कहते हैं कि 356 (राष्ट्रपति शासन) क्यों नहीं लगाया। 356 तब लगाया जाता है जब हिंसा के समय राज्य सरकार मदद न करे। हमने जो बदले राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया। सीएम तब बदलना पड़ता है जो मदद न करे। सीएम मदद कर रहे हैं।

महिलाओं के साथ दरिंदगी का वीडियो सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ही क्यों सामने आया-शाह

महिलाओं से बर्बरता के वायरल वीडियो पर अमित शाह ने कहा कि किसी ने पूछा कि यह वीडियो संसद के मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ही क्यों सामने आया? अगर किसी के पास वीडियो था तो उसे पुलिस तंत्र को या संसद को देना चाहिए था। इसे सार्वजनिक करने की क्या जरूरत थी? महिलाओं के सम्मान की चिंता करनी चाहिए। चार तारीख की घटना का वीडियो था, अगर उसे सार्वजनिक करने की जगह डीजीपी तक पहुंचाया जाता तो पांच को ही कार्रवाई हो जाती।

1993 में नगा-कुकी हिंसा में 7 सौ से ज्यादा लोग मारे गए

गृह मंत्री ने कहा कि दंगे पहले भी हुए हैं पर हमने दंगों को किसी पार्टी से नहीं जोड़ा है। न कभी किसी गृह मंत्री को दंगों पर जवाब देने से रोका है। न ही सदन की कार्यवाही प्रभावित की है।उन्होंने बताया कि ‘मणिपुर में पहले से भी नस्लीय हिंसा होती आ रही है। इससे पहले नरसिंह राव सरकार के दौरान 1993 में भी नगा-कुकी हिंसा हुई थी, जिसमें 750 से ज्यादा लोग मारे गए।