*पबजी खेलने से मना करने पर सनकी बेटे ने शिक्षक पिता और मां को मार डाला, फिर नये कपड़े पहनकर आराम से सोफे पर बैठ गया, पुलिस ने किया गिरफ्तार*
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के झांसी में दिल को दहला देने वाली घटना सामने आयी है। यहां पर मां-बाप की हत्या करने के बाद इकलौटा बेटा सीधे अपने कमरे में गया और वहां पहले नहाया और फिर नए कपड़े पहनकर आराम से सोफे पर बैठ गया। खून से सने कपड़े भी उसने बाथरूम में बाल्टी में भरकर रख दिए थे। पुलिस ने खून से सने कपड़े भी बरामद कर लिए हैं। पुलिस की माने तो शुक्रवार की रात को करीब दो बजे अंकित ने अपने पिता लक्ष्मीप्रसाद और मां विमला पर हमला किया था। सिर पर तवे और डंडों के वार से दोनों लहूलुहान हो गए थे। जब अंकित को लगा कि दोनों की मौत हो चुकी है तो वहां से वह सीधे अपने कमरे में गया और वहां जाकर पहले नहाया।
इसके बाद अलमारी से वह नए कपड़े निकाले जो पिछले सप्ताह ही उसकी मां उसके लिए बाजार से लाई थी। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो अंकित का कमरा महक रहा था। कमरे में रखी मेज पर रूम फ्रेशनर रखा हुआ था। बताया जाता है कि अंकित तैयार होने के बाद चाय बनाने की तैयारी कर रहा था इसी दौरान पुलिस वहां पहुंच गई। पुलिस के पहुंचने पर भी वह कतई नहीं घबराया बल्कि पुलिस वालों को इशारा करके सोफे पर बैठने को कहने लगा। पुलिस अफसरों का कहना है कि उसके हाव भाव से कतई नहीं लग रहा था कि उसे किसी प्रकार का कोई भय या फिर मलाल हो।
झांसी शहर में एक सनकी बेटे ने शुक्रवार की देर रात को अपने कमरे में सो रहे शिक्षक पिता और मां को लोहे के तवे और डंडे से पीट-पीटकर मार डाला। परिवार के लोगों का कहना है कि युवक पबजी गेम के मकड़जाल में फंसकर अपना मानसिक संतुलन खो बैठा था। वह बीते दिन भी मोबाइल पर गेम खेल रहा था। गुस्साए पिता ने उससे मोबाइल छीना और घर में छुपा दिया। उस वक्त तो युवक नाराज होकर अपने कमरे में चला गया लेकिन देर रात को उसने सोते मां-बाप पर हमला कर दिया।
बंगरा निवासी लक्ष्मी प्रसाद झा (58) पलरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य थे। वह अपनी पत्नी विमला (55) और इकलौते बेटे अंकित (28) के साथ पिछोर में रहते थे। तीन बेटियों में बड़ी बेटी नीलम एवं सुंदरी की शादी हो चुकी जबकि छोटी बेटी शिवानी उरई में रहकर पढ़ाई करती है। झांसी में ही रहने वाली बड़ी बेटी नीलम के मुताबिक अंकित को पबजी गेम खेलने की लत लग गई थी। पिता इस बात पर उसे अक्सर टोकते थे।
वह उससे मोबाइल भी छीन लिया करते थे। लेकिन इसके बाद भी जब कभी अंकित को मोबाइल मिलता वह चोरी-छिपे पबजी खेलने लग जाता था। शुक्रवार को भी अंकित के हाथ मोबाइल लग गया था। जब पिता लक्ष्मी प्रसाद ने उसके हाथ में मोबाइल देखा तो उसे फटकारते हुए मोबाइल छीन लिया और अपने कमरे में अलमारी में रख दिया था। इससे अंकित नाराज हो गया । रात में सब लोगों ने साथ में खाना खाया और अपने कमरे में जाकर सो गए। लक्ष्मी प्रसाद अपनी पत्नी विमला के साथ नीचे वाले कमरे में थे। जबकि अंकित पहली मंजिल पर बने अपने कमरे में चला गया।
पुलिस ने बताया कि अब तक की पड़ताल और गिरफ्तार अंकित से पूछताछ में जो पता चला है उसके मुताबिक रात को करीब दो बजे अचानक अंकित कमरे में आया। उसने हाथ में लोहे का तवा लिया हुआ था। इसी तवे से अपने पिता लक्ष्मी प्रसाद के चेहरे एवं सिर पर कई वार कर दिए। चीख पुकार सुनकर पास में सो रही उनकी पत्नी विमला की आंख खुल गई। जैसे ही वह बीच-बचाव को आगे आईं अंकित ने उनके ऊपर भी तवे और डंडे से हमला कर दिया। मां विमला भी खून से लथपथ होकर वहीं पर गिर पड़ी। लक्ष्मी प्रसाद की मौके पर ही मौत हो गई जबकि विमला गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके बाद अंकित वापस अपने कमरे में चला गया।
घटना का खुलासा तब हुआ जब झांसी में ही रहने वाली उनकी बेटी नीलम ने अपने पिता लक्ष्मीप्रसाद को फोन किया लेकिन फोन उठा नहीं। लिहाजा उसने पड़ोसी काशीराम को फोन करके बताया कि उनके पिता का फोन नहीं उठ रहा है। इस पर काशीराम इनके घर पहुंचे।उन्होंने किसी तरह से दरवाजा खोला और भीतर जाकर देखा तो लक्ष्मीप्रसाद और उनकी पत्नी खून से लपथपथ अवस्था में बिस्तर पर पड़े थे। पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में मुहल्ले वाले भी जमा हो गए। उस समय विमला की सांसें चल रही थीं। उन्होंने ही पुलिस को बताया था कि उनके बेटे ने दोनों पर हमला किया था। कुछ ही देर बाद मेडिकल कालेज में विमला की भी मौत हो गई। पुलिस ने घर से ही आरोपी युवक अंकित को गिरफ्तार कर लिया है।
शनिवार सुबह घर के मेन गेट पर दोनों पड़े मिले थे। पोस्टमॉर्टम में पिता के सिर में 8 और मां के सिर में 5 चोट मिली है। अंकित ने इतनी ताकत से मां-बाप पर हमला किया कि दोनों के सिर की हड्डी टूट गई। पीएम रिपोर्ट में दोनों की मौत की वजह हेड इंजरी और हेमरेज निकलकर सामने आई है। वहीं बड़ी बहन नीलम बताती हैं कि अंकित पढ़ने में बहुत होशियार था। जेएनएम कोर्स करने के बाद रेलवे अस्पताल में कंपाउंडर की जॉब की। लॉकडाउन लगा तो नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उसे पबजी की लत लग गई। लत ऐसी लगी कि वह गेम के चक्कर में 6 महीने तक कमरे से बाहर नहीं निकला। खाना खाकर सिर्फ गेम खेलता था। ज्यादा कुछ कहने पर वह मां-बहनों को पीटता था।
छोटी बहन सुंदरी बताती हैं कि अंकित को गेम की लत छुड़ाने के लिए काफी प्रयास किए। पिता ने उसका मोबाइल और लैपटॉप तोड़कर लॉकर में रख दिए। इसके बाद वह हिंसक हो गया था। घर में सभी को पीटता था और मोबाइल निकलने के लिए कहता था। पूरा परिवार उसको समझाता था, लेकिन वह किसी की नहीं सुनता था। दिमागी तौर पर पूरी तरह से डिस्टर्ब हो गया था। गेम खेलने से रोकने पर ही उसने हत्याकांड को अंजाम दिया।
बहन सुंदरी बताती हैं कि अंकित गेम के लिए घर में चोरी करने लगा था। उसका कोई खर्चा नहीं था। सिर्फ गेम के लिए वह पैसे चुराता था। दो माह पहले ही उसने पिता के 20 हजार रुपए चुरा लिए थे। कोई कुछ कहे तो मारपीट करता था। सुंदरी की 4 महीने पहले 10 मई को शादी हुई है। अंकित इस कदर बिगड़ चुका था कि शादी वाले दिन ही सुंदरी और बड़ी बहन नीलम को बुरी तरह पीटा था। पूरा घर उससे डरने लगा था। लेकिन, यह अंदाजा नहीं था कि वह मां-बाप की हत्या कर देगा।
Aug 06 2023, 17:02