*भदोही की नई एसपी बनीं डॉ. मीनाक्षी कात्यायन,2014 बैच की आईपीएस हैं, डॉ. अनिल कुमार का हुआ चंदौली ट्रांसफर*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही । जनपद की नई पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी कात्यायन होंगी। भदोही के एसपी डॉ. अनिल कुमार का चंदौली स्थानांतरण कर दिया गया है। देर रात यह आदेश जारी किया गया। आपको बता दें कि डॉ. मीनाक्षी कात्यायन 2014 बैच की आईपीएस हैं। वर्तमान में पुलिस उपायुक्त पुलिस कमिश्नरेट गौतम बुद्ध नगर थी।भदोही की नई पुलिस कप्तान डॉ. मीनाक्षी कात्यायन का जन्म 1982 में हुआ था। वह मूल रूप से झारखंड की रहने वाली हैं। उन्होंने एमबीबीएस किया है। वह 2014 बैच की आईपीएस हैं।

वर्तमान में पुलिस उपायुक्त कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर थीं। बताया जाता है कि डॉ. मीनाक्षी की गिनती तेज तर्रार पुलिस अफसरों में की जाती है।डॉक्टर अनिल कुमार का लंबा समय भदोही जनपद में बीता। उन्होंने निर्विवाद अपना कार्यकाल भदोही में पूरा किया है। उनको पुलिस अधीक्षक चंदौली के पद पर भेजा गया है। डॉक्टर अनिल कुमार बाहुबली विजय मिश्रा पर कार्रवाई ,पुलिस व्यवस्था को बेहतर से बेहतर करने, महिला संबंधी मामलों में त्वरित कार्रवाई को लेकर चर्चा में रहे हैं।

*खेत में जमा पानी से उठ रहा दुर्गंध*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर पंचायत ज्ञानपुर के बालीपुर मुहल्ले में रहने वालों की जीवन नर्क हो गया है। खेत में जमा दूषित पानी से उठा रहा दुर्गध लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। गंदा पानी से मच्छरों की भरमार हो गई है।

चार से छह बीघा खेत हमेशा जलमग्न बना हुआ है। पानी निकासी को बना नाला गंदगी से पट गया है। रही कारण है कि गंदा पानी खेत में एकत्रित हो रहा है। शर्मा बस्ती में भी दूषित पानी सड़कर बजबजा रहा है।

शाम ढलते ही मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ रहा है। घर के बाहर बैठना तक दुभर हो गया है। उपेक्षा का दंश झेल रहे नागरिक बार-बार पानी निकासी की उचित व्यवस्था कराने की मांग कर रहे हैं। लेकिन संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। गंगा पानी नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। वहीं जिला जेल के पीछे भी जमा गंदा पानी से बूदबू उठ रहा है। गंदा पानी से निकल रहे विषाक्त जुंत लोगों के घरों में घुस जा रहे हैं।

*भदोही के शिवालयों में भोर से भारी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही । जिले में सावन के चौथे सोमवार को शिव मंदिरों में भारी भीड़ देखने को मिली। सुबह से ही शिव भक्तों की लंबी लंबी कतार शिवालयों में लगी रही मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालुओं ने विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ ही जलाभिषेक किया है। वहीं जनपद के सभी प्रमुख मंदिरों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त जिला प्रशासन के द्वारा किए गए है।

आज सावन का चौथा सोमवार है भोर से ही जिले के सभी शिवालयों में भक्तों का मेला देखने को मिला है।

जलाभिषेक करने वाले भक्तों का मंदिर में आने का सिलसिला जारी है। मंदिरों का परिसर हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंजता रहा बड़ी संख्या में लोगों ने मंदिर में पहुंचकर दर्शन किया बड़े शिव,तिलेश्वरनाथ, सेमराध नाथ ,हरिहरनाथ और अन्य मंदिरों पर भी भक्तों का ताता लगा रहा। शिव भक्तों ने जल व दूध का अभिषेक कर भगवान शिव से मंगल कामना की है।सावन के चौथे सोमवार को शिव मंदिरों में भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के भी कड़े बंदोबस्त किए गए हैं जनपद के सभी प्रमुख मंदिरों के अलावा अन्य स्थानों पर पुलिस प्रशासन के द्वारा भारी पुलिस बल तैनात किया गया बड़ेशिव ,तिलेश्वर नाथ ,सेमराध नाथ मंदिरों में पुलिसकर्मी श्रद्धालु सुलभ तरीके से दर्शन करें इस व्यवस्था में लगे हुए हैं।

भारी भीड़ के मद्देनजर अराजकतत्वों पर पुलिस के द्वारा पहली नजर रखी जा रही है । गोपीगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक सदानंद सिंह ने कहा कि क्षेत्र के शिव मंदिरों पर भीड़ के मद्देनजर पुलिसकर्मी मंदिर परिसर प्रमुख मार्गों पर तैनात हैं किसी भी व्यक्ति को कोई दिक्कत ना हो इसका ध्यान पुलिस के द्वारा दिया जा रहा है।

*बारिश न होने से किसान हुए मायूस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही झमाझम बारिश न होने से धान फसल की सिंचाई को लेकर किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। सोमवार को आसमान में छाए काले मेघ हल्की बूंदाबांदी कर निकल लिए। काली घटा छाने संग चली हवा से मौसम सुहाना बना रहा। शाम को घर से निकले लोगों ने उसम भरी गर्मी से राहत महसूस की। धान की फसल का पौधा बचाने को लेकर अन्नादाताओं की चिंता बढ़ने लगी है। जमकर बारिश न होने से खेतों में रोपा गया धान का पौधा पीला पड़ने लगा है।

बिन बारिश खेतों में दरारें फटने लगा है। नहर से सटे किसान तो धान की सिंचाई कर ले रहे हैं। लेकिन बारिश पर निर्भर रहने वाले कृषकों की चिंता पानी को लेकर बढ़ने लगी है। सुबह से मौसम का मिजाज बदला तो ऐसा लगा कि झमाझम बारिश होगी। किसान आसमान की तरफ टकटकी लगाए थे। किसानों की माने तो दो - चार दिन में जमकर बारिश नहीं हुई तो धान फसल प्रभावित हो सकता है।

*बाल रोग विशेषज्ञ नहीं होना से दिक्कत*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। महाराजा चेतसिंह चिकित्सालय में कोई बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है। जिससे काफी दिक्कत हो रही है। ऐसे में बीमार बच्चों को लेकर चिकित्सालय पहुंचने वाले अभिभावकों को मजबूरी में निजी अस्पतालों में बच्चों को दिखाना पड़ रहा है। छह महीने पूर्व बाल रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति हुई थी। छह महीने बीतने के बाद भी आज एक दिन भी चिकित्सालय में नहीं बैठे हैं। वह केवल एक बार आए थे।

अस्पताल में इन दिनों 50 से 60 बच्चों की ओपीडी हो रही है। बच्चों को फिजिशियन या फिर किसी अन्य चिकित्सकों को दिखा रहें हैं। सीएम‌एम डॉ राजेंद्र कुमार ने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आरपी गुप्ता नियुक्ति के बाद केवल एक बार चिकित्सालय आए थे। उसके बाद वे चिकित्सालय नहीं पहुंच सके हैं। हम प्रयास कर रहे कि परेशानी न हो।

*मौसमजनित रोगों के मरीजों से अस्पतालों के वार्ड फुल*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। तल्ख धूप व उमस भरी गर्मी से अस्पतालों में मरीज बढ़ते जा रहे हैं। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में डायरिया के मरीज दो गुना बढ़ ग‌ए है। सुबह दस बजते ही ओपीडी से लेकर इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की लंबी कतार लग जा रही है। मरीजों में वृद्धि देख चिकित्सक हलकान रह जा रहे हैं।

महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में इन दिनों 80 से 90 मरीज सिर्फ डायरिया के आ रहे हैं। गर्मी संग मरीजों में बढ़ोतरी होती जा रही है। मौसम बीमारी से पीड़ित बच्चे भी अस्पताल पहुंच रहे हैं। सुबह नौ बजते ही धूप तपाना शुरू कर दे रहा है। दोपहर में मेघ का दस्तक होते ही उमस अचानक बढ़ रही है। घर से बाहर निकले लोग चंद समय में ही हतास हो जा रहें हैं। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ प्रदीप कुमार की मानें तो पांच दिन में डायरिया, डिहाइड्रेशन, बुखार व पेट दर्द के मरीजों में इजाफा हुआ है।

खुले में रखे ट्रांसफार्मर से हादसे की बढ़ी आशंका

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सड़क किनारे बिना बैरिकेडिंग के लगे ट्रांसफार्मर किसी व्यक्त हादसे का कारण बन सकता है। ट्रांसफार्मर के चारों तरफ झाड़ियां उग गई है। बिजली विभाग की अनदेखी से अप्रिय घटना हो सकता है। ट्रांसफार्मर से लगे हाईटेंशन तार की चपेट में कोई आया तो हादसा होना तय है। बार -बार की जा रही शिकायतों के बावजूद बिजली विभाग ट्रांसफार्मरों की बैरिकेडिंग कराने की जहमत नहीं उठा रहा है।

पुलिस लाइन, तहसील ज्ञानपुर, महिला थाना,व लोग निर्माण विभाग के पास बिन बैरिकेडिंग के ट्रांसफार्मर लगे हैं। इन स्थानों पर लोगों की आवाजाही बनी रहती है। इतना ही नहीं मवेशी भी चरने के लिए ट्रांसफार्मर के पास पहुंच जाते हैं। खुला ट्रांसफार्मर से किसी तरह की घटना न हो जाए इसलिए बैरिकेडिंग कराया जाना जरूरी है।

*उलझे विद्युत तारों से खतरा बढ़ा*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर पंचायत नई बाजार में शहरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की दशा खराब है। इसका कारण कहीं बिजली के खंभे न होना तो कहीं आपस में उलझे बिजली तार हैं। यही कारण है कि प्रदेश शासन ने शहरी क्षेत्रों को 22 घंटे बिजली दे पाने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। नईबाजार के अंबेडकर नगर वार्ड की दशा सबसे खराब है। जहां न केवल बिजली के तारों से दुर्घटना की आशंका बनी हुई है बल्कि आए दिन लोगों को कटौती झेलनी पडती है। मोहल्ले के लोगों ने विभागीय अधिकारियों का ध्यानाकृष्ट करते हुए व्यवस्था सुधार की मांग की है।

मोहल्ले के लोगों का मानना है कि आए दिन घंटो बिजली कटौती के चलते विभाग कार्यालय पर कई बार प्रार्थना पत्र देकर तारों को बदलवाने, उलझे तारों को ठीक करने के साथ साथ जहां खंभे न हों वहां खंभों की व्यवस्था कराने की मांग की गई है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। मोहल्ले के कमरुद्दीन शेख ने बीते गुरुवार को अधिशासी अभियंता अभिषेक यादव को पत्रक देकर व्यवस्था सुधार कराने की मांग की।

मोहल्ले के लोगों ने बताया कि बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए सबसे पहले आवश्यक खंभे लगाने साथ ही उनमे नए सिरे से केबिल दौड़ाने की आवश्यकता है। ऐसा न करने से व्यवस्था में सुधार संभव नहीं है। बताया कि उनके घर के बाहर लगे खंभे से कई कई लोगों ने कनेक्शन लिया है जिससे तार उलझ गए हैं। जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। कहा पास मे और भी खंभे हैं कुछ कनेक्शन दूसरे खंभे से करने से समस्या दूर हो सकती है।

*बाहर से लिखी दवा, दो चिकित्सकों पर 10 हजार जुर्माना*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को बाहर की दवा लिखना दो चिकित्सकों को भारी पड़ गया। डीएम के निर्देश पर कराई गई जांच में मामला सही मिलने पर दोनों पर पांच-पांच हजार का जुर्माना लगाया गया।सरकारी चिकित्सालय में बाहर की दवा लिखना कोई नई बात नहीं है। जिला चिकित्सालय से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक चिकित्सक मरीजों को बाहर की दवा लिखते हैं। कुछ दिन पूर्व डीएम गौरांग राठी ने सीएचसी गोपीगंज का निरीक्षण किया था।

उस दौरान मरीजों ने बताया कि बाहर से दवा लिखी जाती है। गरीब तबके के मरीज महंगी दवाएं लेने में असमर्थ हो जाते हैं। दवा की मिली पर्ची के आधार पर डीएम ने सीएमओ को जांच का निर्देश दिया। जांच में बाहर की दवा लिखने का मामला साही मिला। जिस पर सीएमओ ने वरिष्ठ चिकित्सक डॉ एस एस यादव और डॉ. आशुतोष यादव पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया । जुर्माने की राशि रेडक्रास सोसाइटी के खाते में जमा करने का निर्देश दिया। सीएमओ ने कहा कि चिकित्सक बाहर की दवा न लिखें।सरकारी अस्पतालों महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सलय और महाराजा बलवंत सिंह जिला चिकित्सालय में चिकित्सक बेधड़क बाहर की दवा लिखते हैं।

इन्हे शासन प्रशासन का तनिक भी खौफ नहीं है। यहां उपचार कराने वाले मरीजों को एक पर्ची दी जाती है और एक पर्ची चिकित्स्क अपने पास से देते हैं। बड़ी वाली पर्ची पर डाॅक्टर अस्पताल के अदंर मिलने वाली दवा लिखते हैं। जबकि छोटी वाली पर्ची पर बाहर की दवा लिखी जाती है।

*बच्चों की कम उपस्थिति पर प्रधानाध्यापकों को नोटिस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। 60 स्कूलों में 30 फीसदी से कम बच्चों की मौजूदगी पर बीएसए ने नाराजगी जताई। सभी 60 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। 40 से 60 फीसदी वाले विद्यालयों को भी सुधार का निर्देश दिया गया। 10 अगस्त तक बच्चों की उपस्थिति सही न होने पर वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी।जिले में 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। जिसमें एक लाख 55 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। गर्मी की छुट्टी खत्म होने पर तीन जुलाई से विद्यालय खुल गए हैं। धीरे-धीरे करीब एक महीने का समय गुजर गया, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति में सुधार नहीं हो सका है। शिक्षा महानिदेशक के निर्देश पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण कर पठन-पाठन, बच्चों की उपस्थिति और कायाकल्प के तहत होने वाले कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण में ज्ञानपुर, भदोही, औराई, डीघ, अभोली, सुरियावां ब्लॉक के 60 विद्यालय ऐसे चिह्नित हुए जहां बच्चों की उपस्थिति मात्र 30 फीसदी मिली। खंड शिक्षा अधिकारियों की रिपोर्ट पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 60 विद्यालय के हेडमास्टर को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि 30 फीसदी से कम उपस्थिति वाले 60 विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को नोटिस भेजा गया है। 10 अगस्त तक शत प्रतिशत सुधार का निर्देश दिया गया है। ऐसा न होने पर वेतन रोकने की कार्रवाई होगी।गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूल खुल गए, हालांकि सीमावर्ती विद्यालयों की हालत काफी खराब है। इन स्कूलों में शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। डीघ के कटरा, धनतुलसी, कोनिया, चौरी के लक्षापुर, सुरियावां के कैड़ा, बहुता, अभोली के भंडा सहित अन्य सीमावर्ती विद्यालयों की स्थिति भी ठीक नहीं है।