*बारिश न होने से किसान हुए मायूस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही झमाझम बारिश न होने से धान फसल की सिंचाई को लेकर किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है। सोमवार को आसमान में छाए काले मेघ हल्की बूंदाबांदी कर निकल लिए। काली घटा छाने संग चली हवा से मौसम सुहाना बना रहा। शाम को घर से निकले लोगों ने उसम भरी गर्मी से राहत महसूस की। धान की फसल का पौधा बचाने को लेकर अन्नादाताओं की चिंता बढ़ने लगी है। जमकर बारिश न होने से खेतों में रोपा गया धान का पौधा पीला पड़ने लगा है।

बिन बारिश खेतों में दरारें फटने लगा है। नहर से सटे किसान तो धान की सिंचाई कर ले रहे हैं। लेकिन बारिश पर निर्भर रहने वाले कृषकों की चिंता पानी को लेकर बढ़ने लगी है। सुबह से मौसम का मिजाज बदला तो ऐसा लगा कि झमाझम बारिश होगी। किसान आसमान की तरफ टकटकी लगाए थे। किसानों की माने तो दो - चार दिन में जमकर बारिश नहीं हुई तो धान फसल प्रभावित हो सकता है।

*बाल रोग विशेषज्ञ नहीं होना से दिक्कत*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। महाराजा चेतसिंह चिकित्सालय में कोई बाल रोग विशेषज्ञ नहीं है। जिससे काफी दिक्कत हो रही है। ऐसे में बीमार बच्चों को लेकर चिकित्सालय पहुंचने वाले अभिभावकों को मजबूरी में निजी अस्पतालों में बच्चों को दिखाना पड़ रहा है। छह महीने पूर्व बाल रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति हुई थी। छह महीने बीतने के बाद भी आज एक दिन भी चिकित्सालय में नहीं बैठे हैं। वह केवल एक बार आए थे।

अस्पताल में इन दिनों 50 से 60 बच्चों की ओपीडी हो रही है। बच्चों को फिजिशियन या फिर किसी अन्य चिकित्सकों को दिखा रहें हैं। सीएम‌एम डॉ राजेंद्र कुमार ने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आरपी गुप्ता नियुक्ति के बाद केवल एक बार चिकित्सालय आए थे। उसके बाद वे चिकित्सालय नहीं पहुंच सके हैं। हम प्रयास कर रहे कि परेशानी न हो।

*मौसमजनित रोगों के मरीजों से अस्पतालों के वार्ड फुल*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। तल्ख धूप व उमस भरी गर्मी से अस्पतालों में मरीज बढ़ते जा रहे हैं। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में डायरिया के मरीज दो गुना बढ़ ग‌ए है। सुबह दस बजते ही ओपीडी से लेकर इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की लंबी कतार लग जा रही है। मरीजों में वृद्धि देख चिकित्सक हलकान रह जा रहे हैं।

महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में इन दिनों 80 से 90 मरीज सिर्फ डायरिया के आ रहे हैं। गर्मी संग मरीजों में बढ़ोतरी होती जा रही है। मौसम बीमारी से पीड़ित बच्चे भी अस्पताल पहुंच रहे हैं। सुबह नौ बजते ही धूप तपाना शुरू कर दे रहा है। दोपहर में मेघ का दस्तक होते ही उमस अचानक बढ़ रही है। घर से बाहर निकले लोग चंद समय में ही हतास हो जा रहें हैं। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ प्रदीप कुमार की मानें तो पांच दिन में डायरिया, डिहाइड्रेशन, बुखार व पेट दर्द के मरीजों में इजाफा हुआ है।

खुले में रखे ट्रांसफार्मर से हादसे की बढ़ी आशंका

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सड़क किनारे बिना बैरिकेडिंग के लगे ट्रांसफार्मर किसी व्यक्त हादसे का कारण बन सकता है। ट्रांसफार्मर के चारों तरफ झाड़ियां उग गई है। बिजली विभाग की अनदेखी से अप्रिय घटना हो सकता है। ट्रांसफार्मर से लगे हाईटेंशन तार की चपेट में कोई आया तो हादसा होना तय है। बार -बार की जा रही शिकायतों के बावजूद बिजली विभाग ट्रांसफार्मरों की बैरिकेडिंग कराने की जहमत नहीं उठा रहा है।

पुलिस लाइन, तहसील ज्ञानपुर, महिला थाना,व लोग निर्माण विभाग के पास बिन बैरिकेडिंग के ट्रांसफार्मर लगे हैं। इन स्थानों पर लोगों की आवाजाही बनी रहती है। इतना ही नहीं मवेशी भी चरने के लिए ट्रांसफार्मर के पास पहुंच जाते हैं। खुला ट्रांसफार्मर से किसी तरह की घटना न हो जाए इसलिए बैरिकेडिंग कराया जाना जरूरी है।

*उलझे विद्युत तारों से खतरा बढ़ा*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर पंचायत नई बाजार में शहरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की दशा खराब है। इसका कारण कहीं बिजली के खंभे न होना तो कहीं आपस में उलझे बिजली तार हैं। यही कारण है कि प्रदेश शासन ने शहरी क्षेत्रों को 22 घंटे बिजली दे पाने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। नईबाजार के अंबेडकर नगर वार्ड की दशा सबसे खराब है। जहां न केवल बिजली के तारों से दुर्घटना की आशंका बनी हुई है बल्कि आए दिन लोगों को कटौती झेलनी पडती है। मोहल्ले के लोगों ने विभागीय अधिकारियों का ध्यानाकृष्ट करते हुए व्यवस्था सुधार की मांग की है।

मोहल्ले के लोगों का मानना है कि आए दिन घंटो बिजली कटौती के चलते विभाग कार्यालय पर कई बार प्रार्थना पत्र देकर तारों को बदलवाने, उलझे तारों को ठीक करने के साथ साथ जहां खंभे न हों वहां खंभों की व्यवस्था कराने की मांग की गई है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। मोहल्ले के कमरुद्दीन शेख ने बीते गुरुवार को अधिशासी अभियंता अभिषेक यादव को पत्रक देकर व्यवस्था सुधार कराने की मांग की।

मोहल्ले के लोगों ने बताया कि बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए सबसे पहले आवश्यक खंभे लगाने साथ ही उनमे नए सिरे से केबिल दौड़ाने की आवश्यकता है। ऐसा न करने से व्यवस्था में सुधार संभव नहीं है। बताया कि उनके घर के बाहर लगे खंभे से कई कई लोगों ने कनेक्शन लिया है जिससे तार उलझ गए हैं। जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। कहा पास मे और भी खंभे हैं कुछ कनेक्शन दूसरे खंभे से करने से समस्या दूर हो सकती है।

*बाहर से लिखी दवा, दो चिकित्सकों पर 10 हजार जुर्माना*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को बाहर की दवा लिखना दो चिकित्सकों को भारी पड़ गया। डीएम के निर्देश पर कराई गई जांच में मामला सही मिलने पर दोनों पर पांच-पांच हजार का जुर्माना लगाया गया।सरकारी चिकित्सालय में बाहर की दवा लिखना कोई नई बात नहीं है। जिला चिकित्सालय से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक चिकित्सक मरीजों को बाहर की दवा लिखते हैं। कुछ दिन पूर्व डीएम गौरांग राठी ने सीएचसी गोपीगंज का निरीक्षण किया था।

उस दौरान मरीजों ने बताया कि बाहर से दवा लिखी जाती है। गरीब तबके के मरीज महंगी दवाएं लेने में असमर्थ हो जाते हैं। दवा की मिली पर्ची के आधार पर डीएम ने सीएमओ को जांच का निर्देश दिया। जांच में बाहर की दवा लिखने का मामला साही मिला। जिस पर सीएमओ ने वरिष्ठ चिकित्सक डॉ एस एस यादव और डॉ. आशुतोष यादव पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया । जुर्माने की राशि रेडक्रास सोसाइटी के खाते में जमा करने का निर्देश दिया। सीएमओ ने कहा कि चिकित्सक बाहर की दवा न लिखें।सरकारी अस्पतालों महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सलय और महाराजा बलवंत सिंह जिला चिकित्सालय में चिकित्सक बेधड़क बाहर की दवा लिखते हैं।

इन्हे शासन प्रशासन का तनिक भी खौफ नहीं है। यहां उपचार कराने वाले मरीजों को एक पर्ची दी जाती है और एक पर्ची चिकित्स्क अपने पास से देते हैं। बड़ी वाली पर्ची पर डाॅक्टर अस्पताल के अदंर मिलने वाली दवा लिखते हैं। जबकि छोटी वाली पर्ची पर बाहर की दवा लिखी जाती है।

*बच्चों की कम उपस्थिति पर प्रधानाध्यापकों को नोटिस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। 60 स्कूलों में 30 फीसदी से कम बच्चों की मौजूदगी पर बीएसए ने नाराजगी जताई। सभी 60 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। 40 से 60 फीसदी वाले विद्यालयों को भी सुधार का निर्देश दिया गया। 10 अगस्त तक बच्चों की उपस्थिति सही न होने पर वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी।जिले में 892 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। जिसमें एक लाख 55 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। गर्मी की छुट्टी खत्म होने पर तीन जुलाई से विद्यालय खुल गए हैं। धीरे-धीरे करीब एक महीने का समय गुजर गया, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति में सुधार नहीं हो सका है। शिक्षा महानिदेशक के निर्देश पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण कर पठन-पाठन, बच्चों की उपस्थिति और कायाकल्प के तहत होने वाले कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण में ज्ञानपुर, भदोही, औराई, डीघ, अभोली, सुरियावां ब्लॉक के 60 विद्यालय ऐसे चिह्नित हुए जहां बच्चों की उपस्थिति मात्र 30 फीसदी मिली। खंड शिक्षा अधिकारियों की रिपोर्ट पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 60 विद्यालय के हेडमास्टर को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि 30 फीसदी से कम उपस्थिति वाले 60 विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को नोटिस भेजा गया है। 10 अगस्त तक शत प्रतिशत सुधार का निर्देश दिया गया है। ऐसा न होने पर वेतन रोकने की कार्रवाई होगी।गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूल खुल गए, हालांकि सीमावर्ती विद्यालयों की हालत काफी खराब है। इन स्कूलों में शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। डीघ के कटरा, धनतुलसी, कोनिया, चौरी के लक्षापुर, सुरियावां के कैड़ा, बहुता, अभोली के भंडा सहित अन्य सीमावर्ती विद्यालयों की स्थिति भी ठीक नहीं है।

*नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर की सदाओं के साथ कर्बला में दफनाए गए ताजिए*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मुहर्रम की दसवीं यौमे आशूरा पर शनिवार को ज्ञानपुर सहित भदोही और नईबाजार में मुसलमानों ने ताजिए कर्बला में दफन कर कर्बला के शहीदों को याद किया। इस दौरान जिलेभर में सैकड़ों ताजिए कर्बला में ठंडे किए गए। या हुसैन की मातमी सदाओं से समूची फिजा गूंजती रही। ताजिया जुलूस के दौरान जिले में पूरी तरह शांति रही। इस दौरान पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।ज्ञानपुर नगर में तकरीबन दो दर्जन ताजिए कर्बला में दफन किए गए। नगर का भ्रमण करते हुए ताजियेदारों ने नथईपुर तिराहे पर स्थित कर्बला में पहुंचकर ताजिया को ठंडा किया।

पुरानी बाजार और बालीपुर अखाड़े से निकले ताजिये में अखाड़ेदार या हुसैन के नारे लगाते हुए चल रहे थे। भदोही नगर के ताजिए जहां गोलामंडी स्थित कर्बला में ठंडे किए, वहीं नईबाजार के ताजियों को मथुरापुर स्थित कर्बला ले जाया गया। सुबह 10 बजे से इमाम चौकों से ताजिये उठा दिए गए थे। जो तकिया कल्लन शाह पहुंच कर जुलूस के रूप में कर्बला रवाना हो गए थे। जुलूस में लोग या हसन- या हुसैन के नारे लगा रहे थे। पहला ताजिया 6.30 बजे कर्बला पहुंच गया था। इसके बाद देर रात तक एक एक कर ताजियों को ठंडा किया जाता रहा। नियत समय दोपहर दो बजे तक सभी ताजिए तकिया कल्लन शाह पहुंच गए थे। वहां से जुलूस कर्बला को रवाना हो गया।

जगह जगह रुकते हुए लकड़ी खेलते अकीदतमंद लोग लिप्पन तिराहा, आनंद नगर होते पांच बजे चौरी रोड पर आ गए थे। छह बजे तक सभी ताजिये चौरी छोड़ एमए समद कॉलेज की ओर मुड़ गए थे। इसके बाद मलिकाना, पंचभैया, गौरियाना, जमुंद, अंबरनीम, कटरा बाजार बाजार होते हुए गोलामंडी स्थित कर्बला पहुंचे।बाजार सरदार खां के अखाड़े का नेतृत्व जमील अंसारी कर रहे थे। जुलूस शामिल लोग या हुसैन के नकारे लगाते चल रहे थे। जुलूस में भारी भीड़ रही। कई ताजियों के साथ मातमी गीत बज रहा था। अकीदतमंद लोग विशेषकर महिलाएं ताजियों को छू कर अपना अकीदत पेश कर रही थीं। रास्ते भर पड़ने वाले घरों, बारजों, छतों पर महिलाएं और बच्चे ताजिया देखने के लिए लालायित रहे।

*भदोही में NH पर धू-धू कर जली कार, कई बार हुआ धमाका, बाधित रहा प्रयागराज-वाराणसी रूट, दो युवकों ने भागकर बचाई जान*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- जनपद में राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर जंगीगंज के पास एक कार धू-धू कर जलने लगी। इस आगलगी के बाद हाईवे पर हड़कंप मच गया। दोनों तरफ से वाहनों की लंबी लाइन लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। कार में आग लगने के बाद एक के बाद एक कई धमाके भी हुए। वहीं सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी।मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने किसी तरह आग पर काबू पाया।

मामला गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के जंगीगंज कस्बे के पास NH-19 का है। यहां प्रयागराज की तरफ एक कार जा रही थी, जिसमें 2 लोग सवार थे। अचानक कार में आग लग गई। जैसे ही कार में सवार लोगों को इसकी जानकारी हुई तो वह कार से नीचे उतर आए।इसके बाद देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और कार में भीषण आग लग गई। इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी एकत्रित हो गए। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस और दमकल कर्मियों को दी।

इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही रोक दिया। जब दमकल कर्मियों ने आग पर पूरी तरह काबू पाया। तब यातायात सुचारू रूप से चालू किया गया। अभी तक कार में लगी आग के कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस कार मालिक से बातचीत कर रही है। फिलहाल, स्थिति सामान्य है।

*सीएमओ ने 385 स्वास्थ्यकर्मियो का वेतन रोका, काम में लापरवाही का मामला*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- जिले में संचारी रोग नियंत्रण दस्तक अभियान में लापरवाही बरतने वाले 385 स्वास्थ्यकर्मियों पर सीएमओ की गाज गिर गई। सीएमओ डॉ. एसके चक ने छह सीएचसी अधीक्षक सहित कुल 385 स्वास्थ्यकमियों के एक महीने का वेतन रोक दिया। उन्होंने कहा कि अभियान में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी स्वास्थ्यकर्मियों को फटकार लगाया। बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन रोकने की कार्रवाई से स्वास्थ्यकर्मियों खलबली है।जिले में एक से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा है। इसी बीच 17 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान के तहत स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों को संक्रमित बीमारियों यों के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया। जहां स्वास्थ्यकर्मी लोगों को संक्रमित बीमारियों के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में बता रहे हैं।

जिलाधिकारी गौरांग राठी की ओर से स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की गई थी।लखनऊ से हुई समीक्षा में भी जिले की प्रगति काफी खराब दिखी। जिसपर नाराज हुए सीएमओ ने अभियान में लापरवाही बरतने वाले 385 स्वास्थ्यकर्मियों के एक महीने का वेतन बाधित कर दिया। सीएमओ ने बताया कि सभी सीएचसी अधीक्षक सहित बीसीपीएम, बीपीएम, एएनएम, सीएचओ, आशां संगिनी सहित सुपरवाइजर का वेतन रोका गया है। जब तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान व दस्तक अभियान में सुधार नहीं होगा। तब वेतन बहाल नहीं किया जाएगा। उन्होंने अपर चिकित्साधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी को सख्त हिदाया देते हुए अभियान की गति को तेज करने का निर्देश दिया है।

इन अधिकारियों का रोका गया वेतन

- सीएचसी अधीक्षक- 6

- बीसीपीएम- 6

- बीपीएम- 6

- एएनएम- 184

- सीएचओ- 112

- आशा संगिनी- 65

- सुपरवाईजर- 6

संचारी रोग नियंत्रण अभियान व दस्तक अभियान के तहत लापरवाही बरतने वाले 385 स्वास्थ्यकर्मियों का जुलाई माह का वेतन रोका दिया गया है। अभियान में सुधार होने के बाद वेतन बहाल कर दिया जाएगा।