मणिपुर हिंसा पर पूर्व सेना प्रमुख एमएम नरवणे का बड़ा दावा, कहा-विदेशी ताकतों का हाथ होने से इनकार नहीं, उग्रवादियों को मिलती है चीनी मदद

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मणिपुर में बीते 3 महीनों से लगातार हिंसा जारी है। राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में हत्या, आगजनी या महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की खबरें आम हो गई हैं। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है और सरकार से मणिपुर को लेकर जवाब मांग रहा है। इस बीच पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शुक्रवार को मणिपुर मसले पर बड़ा बयान दिया। पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता।उन्होंने मणिपुर में विभिन्न विद्रोही संगठनों को चीन की ओर से दी जा रही सहायता का भी दावा किया। 

सेवानिवृत्त जनरल नरवणे ने कहा कि देश के सीमावर्ती राज्यों में इस तरह की अस्थिरता होना, पूरे देश की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकता है। मणिपुर में हो रही हिंसा के पीछे चीनी समूह के हाथ होने की आशंका जताते हुए उन्होंने कहा, “पूरी हिंसा के पीछे विदेशी एजेंसियों की भागीदारी से इनकार नहीं किया जा सकता, बल्कि मैं कहूंगा कि निश्चित रूप से इस हिंसा में चीन शामिल हैं”।

उग्रवादी संगठनों को चीन की मदद कई वर्षों से मिल रही?

नरवणे ने कहा कि एक और बात जो मैं खासतौर पर कहूंगा कि विभिन्न उग्रवादी संगठनों को चीन की ओर से सहायता मिलती है। उग्रवादी संगठनों को चीन की मदद कई वर्षों से मिल रही है और यह अब तक जारी है।

ड्रग तस्करी भी लंबे समय से जारी

इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्य में चल रही हिंसा में ड्रग तस्करी की भूमिका पर भी जनरल नरवणे ने चिंता जाहिर की। पूर्वोत्तर राज्यों की हिंसक गतिविधियों में मादक पदार्थों की तस्करी की भूमिका पर जनरल नरवणे ने कहा कि यह काम वहां लंबे समय से जारी है। समय के साथ जब्त किए गए मादक पदार्थों की मात्रा बढ़ी ही है।

बता दें कि विपक्षी गठबंधन INDIA के 21 सांसद मणिपुर के लिए रवाना हो चुके हैं। ये सांसद 29 और 30 जुलाई को राज्य के विभिन्न कैंपों का दौरा करेंगे। सांसद राज्य के कई क्षेत्रों में जाकर मौजूदा स्थिति का जायजा लेंगे।

इंडिया' के 21 सांसद मणिपुर रवाना, करेंगे राहत कैंपों का दौरा

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मणिपुर हिंसा मामले पर संसद के दोनों सदनों में रोजाना बहस देखने को मिल रही है। इस कारण दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित की जा रही है। शुक्रवार यानी 28 जुलाई को भी संसद में गतिरोध जारी रहा। विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही को 31 जुलाई यानी सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है और सरकार से मणिपुर को लेकर जवाब मांग रहा है। इस बीच इंडियन नेशनल डेवपलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घटक दलों के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल आज यानी शनिवार को मणिपुर के लिए रवाना हो गए।

हम देखेंगे कि हिंसा प्रभावितों के लिए सरकार आखिर क्या कर रही है- गौरव गोगोई

इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री शायद मणिपुर को भूल गए हैं लेकिन हम नहीं भूले हैं इसलिए हम पीड़ितों के बीच जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यह सही है कि हिंसा प्रभावित जगहों पर जाना हमारे लिए मुश्किल है लेकिन हम राज्य में जारी हिंसा से प्रभावित लोगों से मुलाकात राहत कैंप में जाकर उनसे मुलाकात करेंगे। हम यह देखेंगे कि हिंसा से प्रभावित हुए लोगों के लिए सरकार आखिर क्या कर रही है। सरकार ने अब तक उनके लिए क्या किया है। हम संसद में मणिपुर के लोगों की बात रख सकें इसलिए हम वहां जा रहे हैं। 

सरकार मणिपुर पर बहुत कुछ छुपा रही है-अधीर रंजन चौधरी

मणिपुर रवाना होने से पहले लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हम लोग मणिपुर का दुख और पीड़ा जानने जा रहे हैं। मणिपुर का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है। मणिपुर में जातीय दंगा हो रहा है। दूसरे राज्य भी इसमें शामिल हो रहे है। सरकार मणिपुर को लेकर सीरीयस नहीं है। मुझे लगता है की बहुत जगह हमलोगों को जाने भी नहीं दिया जाये। सरकार मणिपुर पर बहुत कुछ छुपा रही है।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य

मणिपुर के दौरे पर जा रहे विपक्षी गठबंधन इंडिया के कुल 21 सांसद हैं। जिसमें कांग्रेस के 4 सांसद, जेडीयू के 2 सांसद,टीएमसी के 1 सांसद, डीएमके के 1 सांसद, आरएलडी के 1 सांसद, शिवसेना(यूबीटी) का 1 सांसद, आप से 1 सांसद के अलावा दूसरे विपक्षी दलों के 10 और सांसद डेलिगेशन का हिस्सा होंगे। प्रतिनिधिमंडल में गोगोई के अलावा कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी की सुष्मिता देब, झामुमो की महुआ मांझी, डीएमके नेता कनिमोई, डी रविकुमार, एनसीपी के नेता मोहम्मद फैजल, आरएलडी के जयंत चौधरी, राजद के मनोज कुमार झा, केके सुरेश, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और वीसीके केटी थिरूमावलावन, जदयू के राजीव रंजन (ललन) सिंह, अनिल प्रसाद हेगड़े, माकपा के संदोश कुमार, एए रहीम, सपा के जावेद अली खान, आईयूएमएल के मोहम्मद बशीर, आप के सुशील, उद्धव गुट के अरविंद सावंत और कांग्रेस की फूलो देवी नेताम हैं।

दिल्ली में फिर दरिंदगीः दिनदहाड़े एक लड़की की हत्या, शादी से किया इनकार तो सिरफिरे आशीक ने रॉड से पीट-पीट कर उतारा मौत के घाट

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राजधानी दिल्ली में दिनदहाड़े एक लड़की की हत्या का मामला सामने आया है।मालवीय नगर में शुक्रवार को एक सिरफिरे ने लड़की के सिर पर रॉड से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। इस वारदात से न केवल इलाका बल्कि पूरी राजधानी दहल उठी।मृतक छात्रा की पहचान नरगिस के रूप में हुई है। छात्रा की हत्या मामले में पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया है। आरोपी युवक ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि शादी से मना करने पर युवती की हत्या कर दी। 

पुलिस को 12 बजकर 8 मिनट पर पीसीआर कॉल से इस घटना की सूचना मिली। कॉल करने वाले शख्स ने बताया कि अरबिंदो कॉलेज के पास विजय मंडल पार्क में एक लड़का लड़की को जान से मारकर भाग गया। लड़की के बगल में एक लोहे की रॉड पड़ी है। ये सूचना मिलने के बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची।

डीसीपी साउथ चंदन चौधरी ने बताया कि हमें सूचना मिली कि दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर में अरबिंदो कॉलेज के पास एक 25 वर्षीय युवती का शव मिला है। उसके शव के पास एक लोहे की रॉड मिली। शुरुआती जांच के मुताबिक, युवती पर रॉड से हमला किया गया है। उन्होंने कहा, "घटना पार्क के अंदर हुई। मृतक एक कॉलेज छात्रा है। वह अपने दोस्त के साथ पार्क में आई थी। मृतक के सिर पर चोटें हैं। हम मामले की जांच कर रहे हैं।

मामले की जांच करते हुए पुलिस को पता चला कि नरगिस अपने एक दोस्त इरफान के साथ पार्क में आई थी। दोनों बेंच पर बैठकर बात कर रहे थे तभी अचानक से इरफान ने लोहे की रॉड से नरगिस पर हमला करना शुरू कर दिया और मौके से फरार हो गया।

संगम विहार के रहने वाला इरफान और नरगिस आपस में रिश्तेदार थे। दरअसल नरगिस इरफान की मौसी की लड़की थी और दोनों की शादी तय हो चुकी थी। हालांकि कुछ दिनों बाद ही लड़की के परिजनों ने शादी करने से इनकार कर दिया था। इस बात को लेकर इरफान काफी दिनों से परेशान था। इस बीच नरगिस ने भी उससे बात करना बंद कर दिया था। माना जा रहा है कि वो इस बात को लेकर और गुस्से में था।

दिल्ली महिला आयोग ने नरगिस की हत्या पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने दिल्ली पुलिस से एफआईआर और गिरफ्तारी आदि की जानकारी देने को कहा है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ’24 घंटों में दिल्ली में दो घटनाएं हुई हैं। डाबड़ी में एक लड़की की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि मालवीय नगर में एक अन्य की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।

राज्यसभा से सिनेमैटोग्राफ संशोधन विधेयक पास, फिल्म इंडस्ट्री में पायरेसी रोकने के लिए सरकार का बड़ा कदम

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फिल्‍म इंडस्ट्री में पायरे‍सी की प्रॉब्लम को कंट्रोल करने को लेकर सिनेमेटोग्राफ (संशोधन) बिल, 2023 राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। इस विधेयक में फिल्मों की गैर कानूनी रिकॉर्डिंग एवं उसका प्रदर्शन करने पर दोषियों के खिलाफ जुर्माने व सजा का प्रावधान भी किया गया है। इसके तहत फिल्म पायरेसी करने वाले को 3 महीने से 3 साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा 3 लाख से लेकर फिल्म की लागत का 5% जुर्माने के तौर पर वसूला जा सकता है।

इसी साल अप्रैल में कैबिनेट ने सिनेमैटोग्राफ एक्ट 2023 को मंजूरी दी थी। जिसके बाद इसे संसद में पेश किया गया।सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इस बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि पायरेसी के कारण फिल्‍म उद्योग को काफी नुकसान होता है और ये विधेयक इससे फिल्‍मों को होने वाले नुकसान से बचाएगा।ठाकुर ने कहा, 'पायरेसी कैंसर की तरह है और इस कैंसर को जड़ से खत्म करने के लिए हम इस बिल के जरिए एक कोशिश कर रहे हैं। पायरेसी के कारण फिल्म जगत को 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। आज फिल्म इंडस्ट्री की बहुत लंबे समय से आ रही मांग को पूरा करने का काम किया गया है।

फिल्म सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया होगी आसान

अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस विधेयक में फिल्म सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को भी आसान करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा, 'भारत एक ऐसा देश है जहां कहानी सुनाने की प्रथा रही है और भारत के पास वो सबकुछ है जो भारत को दुनिया का कंटेंट हब बना सकता है।' उन्होंने कहा, 'आज विश्व की बड़ी से बड़ी फिल्मों का पोस्ट-प्रॉडक्शन का काम हिंदुस्तान में होता है। एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट, ग्राफिक्स सेक्टर बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुल मिलाकर फिल्म जगत को एक बहुत बड़े अवसर के रूप में देखना चाहिए और एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में देखना चाहिए।

सुझावों के बाद फिर से लाया गया बिल

इससे पहले 2019 में इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया था, लेकिन इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया। जिसके बाद तमाम तरह के सुझाव दिए गए। इस बिल से पूरी फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा फायदा पहुंचने की बात कही गई थी।अब आखिरकार इस बिल को उच्च सदन से भी पास कर दिया गया है। सिनेमैटोग्राफ विधेयक 1952 में संशोधन कर इस बिल को नया रूप दिया गया है। 20 जुलाई को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया था। इस कानून के बाद किसी भी तरह की पायरेसी पर सख्त सजा का प्रावधान होगा। कोई भी अगर किसी फिल्म को गैरकानूनी तरीके से शूट करता है और सार्वजनिक तौर पर उसे अपलोड करता है, या फिर किसी को दिखाता है तो उसे अपराध माना जाएगा. बिना लाइसेंस फिल्मों को दिखाना भी मुश्किल होगा।

शहजाद पूनावाला ने आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के खिलाफ दर्ज करायी शिकायत, बीजेपी नेता को “मुजाहिदीन” बताने पर एफआईआर

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भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। शहजाद पूनावाला ने एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान प्रियंका कक्कड़ पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। नोएडा के एक थाने में पूनावाला की शिकायत पर ये मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि 25 जुलाई को एक टीवी चैनल पर बहस के दौरानप्रियंका कक्कड़ ने उन्हें ‘‘मुजाहिदीन’’ कहा, उनके धर्म का अपमान किया और ‘‘अत्यंत सांप्रदायिक टिप्पणी’’ की। पुलिस के अनुसार, पूनावाला ने गुरुवार को दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया, ‘‘पूर्व में भी उन्होंने मेरे धर्म, इस्लाम और आम तौर पर मुसलमानों के खिलाफ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी टिप्पणियां की हैं। ऐसी टिप्पणियां केवल मुसलमानों के प्रति ‘आप’ की जहरीली और नफरत भरी मानसिकता को दर्शाती हैं।

शहजाद पूनावाला ने आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के खिलाफ मानहानि का दावा ठोका है। बीजेपी प्रवक्ता ने ट्वीट किया है कि मेरे वकील नमित सक्सेना जी द्वारा आप प्रवक्ता को नोटिस भेजा गया है। लाइव टीवी डिबेट के दौरान भारतीय मुस्लिम समुदाय और मुझे बेहद आपत्तिजनक नफरत भड़काने वाले शब्द कहने पर आप के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता को आपराधिक मानहानि का नोटिस जारी किया गया है।

शहजाद पूनावाला ने कहा कि उनके बयान से मुझे मानसिक और भावनात्मक आघात पहुंचा है और लोगों में मेरे प्रति नफरत पैदा हुई है। उन्होंने लिखा है कि इससे पहले मैंने आप द्वारा लगातार नफरत फैलाने वाले भाषण के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के समक्ष मामला उठाया था।

इन आरोपों पर प्रतिक्रिया में प्रियंका कक्कड़ ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या ‘मुजाहिदीन’ या ‘शहजाद’ का मतलब ‘आतंकवादी’ होता है। उन्होंने एक मुख्यमंत्री को ‘जिहादी’ कहने के लिए शहजाद पूनावाला पर पलटवार किया।’’ ट्विटर पर शहजाद पूनावाला के एक ट्वीट के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘क्या ‘शहजाद’ का मतलब आतंकवादी है? क्या ‘मुजाहिदीन’ का मतलब आतंकवादी है? क्या ‘शहजाद मुजाहिदीन’ का मतलब आतंकवादी है? क्या शिकायतकर्ता को राष्ट्रीय मीडिया पर एक मुख्यमंत्री को ‘जिहादी’ कहने की अनुमति है?

उत्तराखंड : प्रदेश में आज से 31 जुलाई तक भारी बारिश का यलो अलर्ट, भूस्खलन का भी खतरा वहीं फिर मैदानी इलाकों में बढ़ेगा बाढ़ का खतरा

उत्तराखंड के देहरादून, चमोली और बागेश्वर जिले के कई इलाकों में शुक्रवार को भारी बारिश होने की संभावना है जबकि प्रदेशभर के लिए मौसम विभाग ने बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार प्रदेश में 28 से 31 जुलाई तक भारी बारिश का यलो अलर्ट है। वहीं पहाड़ों में भारी बारिश के कारण फिर से मैदानी इलाकों में बाद का खतरा बढ़ने की आशंका जताई गई है।

केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के कई इलाकों में बिजली चमकने और मूसलाधार बारिश होने के आसार हैं। विभाग ने हिदायत दी है कि गर्जन और भारी बारिश के कारण संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन से सड़क मार्ग और राजमार्ग अवरुद्ध होने की संभावना है। ऐसे में मौसम की सटीक जानकारी लेने के बाद ही यात्रा करें।

पाकिस्तान गई अंजू का नया वीडियो वायरल, बुर्के में नसरुल्लाह के साथ डिनर करती आई नजर

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भारत से पाकिस्तान गई दो बच्चों की मां अंजू ने इस्लाम धर्म अपनाकर अपने दोस्त नसरुल्लाह के साथ शादी कर ली है। आए दिन दोनों को लेकर कई वीडियो और फोटो सामने आ रहे हैं।अब एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसमें वह अपने दोस्त नसरुल्लाह और उसके कुछ अन्य दोस्तों के साथ खाना खाती हुई नजर आ रही है। इस वायरल वीडियो में अंजू बुर्के में है और नसरुल्लाह के साथ कई अन्य लोग भी एक ही टेबल पर खाना खाते दिख रहे हैं। 

कभी अंजू हसीन वादियों में नसरुल्लाह के हाथ में हाथ डालते घूमती नजर आ रही है तो कभी बुर्का पहनकर अपने प्रेमी और उसके दोस्तों के साथ नोश फरमा रही है।अंजू की तस्वीरें अब खूब वायरल हो रही हैं। पाकिस्तान पहुंचने के बाद ही खबरें सामने आई थी कि अंजू ने अपना धर्म बदल लिया है। अंजू पाकिस्तान में फातिमा बन चुकी है और फातिमा बनकर उसने नसरुल्लाह से निकाह भी कर लिया है।पाकिस्तान की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अंजू नसरुल्लाह ने कोर्ट मैरिज कर ली है। 

सोशल मीडिया में वायरल 15 सेकंड के वीडियो में देखा गया है कि नसरुल्लाह डिनर डेबल के सेंटर में बैठे हैं। उनके बराबर में अंजू भी बैठी हैं। उन्होंने बुर्का पहना हुआ है। इसके अलावा नसरुल्लाह के साथ दोस्त भी डिनर कर रहे हैं। 

इससे पहले, अंजू और नसरुल्लाह का हाथ में हाथ डाले वीडियो शूट भी सामने आया था। सोशल मीडिया पर उनका वीडियो वायरल हो गया था। वीडियो में दोनों पहाड़ों, सड़कों औ रहरे-भरे बगीचे में बैठे नजर आए और रिपोर्ट में दावा किया गया कि वीडियो खैबर पख्तूनख्वा के दीर बाला जिले में शूट किया गया। 

पाकिस्तान जाकर अपने फेसबुक फ्रेंड से निकाह करने वाली अंजू का ग्वालियर से नाता है। अंजू के इस कदम से पूरा परिवार दुखी है और आक्रोशित भी। उसके पिता गया प्रसाद का कहना है कि उनके लिए तो वह मर गई है। अंजू का परिवार ग्वालियर के पास टेकनपुर बीएसएफ अकादमी के नजदीक बसे बोना गांव का निवासी है। उसके पिता और मायके के सदस्य यहीं रहते हैं।

मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को नग्न परेड कराने के मामले में वीडियो बनाने वाला मोबाइल बरामद, वीडियो शूट करने वाला भी गिरफ्तार, राज्य में 35 हजार स

मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को नग्न परेड कराने के मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को ये जानकारी दी। हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में आक्रोश है। विपक्षी दल सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई ने शीर्ष सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का भी अनुरोध करेगी। इसके अलावा, जिस मोबाइल फोन से मणिपुर की महिलाओं का वायरल वीडियो शूट किया गया था, उसे बरामद कर लिया गया है और वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने यह मोबाइल फोन सीबीआई को सौंप दिया है।

35 हजार जवान तैनात

रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि जिस फोन से दरिंदगी का वीडियो लीक किया गया था, उसकी जांच से सिलसिलेवार घटनाओं का पता लगाया जा सकेगा। ये केस को सीबीआई को सौंपा जा रहा है। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने कुकी और मैतेई समुदायों के सदस्यों के साथ कई दौर की बातचीत की है। प्रत्येक समुदाय के साथ छह दौर की बातचीत हुई। पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा रोकने और शांति व्यवस्था बनाने के लिए सेना व CRPF के 35 हजार जवान तैनात किए गए हैं। सूत्रों ने कहा कि मणिपुर में सेना, CRPF और CAPF के 35000 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, सुरक्षाकर्मियों ने मैतेई बहुल घाटी इलाकों और कुकी बहुल पहाड़ी इलाकों के बीच एक बफर जोन बनाया है।

शीर्ष सरकारी सूत्र ने बताया, "मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन सामान्य नहीं है। लगभग 35,000 सुरक्षाकर्मी मैदान पर हैं। दवा और दैनिक आपूर्ति की कोई कमी नहीं। खाद्य और आवश्यक आपूर्ति की कीमतें नियंत्रण में हैं। बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं और स्कूल भी फिर से शुरू हो रहे हैं।" मणिपुर में दो महिलाओं की निर्वस्त्र परेड का वीडियो गत बुधवार, 19 जुलाई को सामने आया था जिसके बाद देश भर में आक्रोश फैल गया और विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हुए। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है।

सुप्रीम कोर्ट भी ले चुका है संज्ञान

बता दें कि हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को कहा था कि वह इस घटना से ‘‘बेहद आहत’’ है और हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं को औजार के रूप में उपयोग करना ‘‘संवैधानिक लोकतंत्र में बिल्कुल अस्वीकार्य है।’’ इस वीडियो पर संज्ञान लेते हुए प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र एवं मणिपुर सरकार को तत्काल सुधारात्मक, पुनर्वास और निवारक कदम उठाने और इस संबंध में की गई कार्रवाई से उसे अवगत कराने का निर्देश दिया था।

मणिपुर में महीनों से जारी है हिंसा

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं। राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

बलूचिस्तान निर्वासित सरकार की पीएम पहुंची हरिद्वार, पाकिस्तान के आतंक के लिए चीन की साज़िश को ठहराया जिम्मेदार


 बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी पाकिस्तान से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की गुहार लगाने मां गंगा की शरण में पहुंची हैं। वह यहां पर चौधरी चरण सिंह वीआईपी घाट पर मां गंगा का विशेष पूजन हवन और दुधाभिषेक कर बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की प्रार्थना कर रही हैं।

धर्मनगर हरिद्वार पहुंचने पर उन्होंने पाकिस्तान के आतंक के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया हैं। प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी ने आरोप लगाया कि जो काम ब्रिटिश सरकार करती थी, अपनी स्वार्थ सिद्धि को अब वही काम चीन कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण सहित चीन को हर कार्य के लिए अपनी भूमि के उपयोग की अनुमति दे दी है।

बलूचिस्तान के नागरिकों के साथ हो रही बर्बरता

भावुक होते हुए प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी ने कहा कि इस वक्त बलूचिस्तान के नागरिकों के साथ जो हो रहा है उसके बारे में विश्व सोच भी नहीं सकता है। उसकी सोच से कहीं अधिक वहशीपना वहां के नागरिकों के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में इस तरह के कृत्य कोई किसी इंसान के साथ नहीं किया जा सकता।

लड़कियों की बॉडी को मशीन से ड्रिल किया जा रहा 

बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ नायला कादरी ने आरोप लगाया कि वहां लड़कियों की बॉडी को मशीन से ड्रिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ बर्बरता की जा रही है। पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में दुष्कर्म की फैक्ट्री खोल दी है। महिलाओं को सिर्फ एक खिलौने की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

एक प्रश्न के उत्तर में बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री डॉ. नायला कादरी बलोच ने कहा कि बलूचिस्तान का बच्चा-बच्चा दहशतगर्दों और पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी चाहता है। पाकिस्तान ने यहां की जनता के साथ जो व्यवहार किया है उसे बयां कर पाना भी मुश्किल है।

मणिपुर हिंसा की जांच को लेकर एक्शन में सीबीआ, दर्ज की 6 FIR, 10 गिरफ्तार

#manipur_violence_cbi_filed_six_firs 

मणिपुर हिंसा के बीच हाल ही वायरल हुए एक वीडियो मामले की जां गृहमंत्रालय ने सीबीआ को सौंप दी है। इस मामले में एक्शन में आते हुए सीबीआई ने हिंसा और साजिश से संबंधित छह प्राथमिकी दर्ज की हैं। साथ ही जांच एजेंसी इस मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।सीबीआई सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये सभी गिरफ्तारियां अलग-अलग समय में हुई हैं।बता दे कि गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दिया था कि मणिपुर सरकार की मांग पर उस मामले को भी सीबीआई को सौंप दिया गया है।

बता दें कि सीबीआ ने मणिपुर हिंसा में जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, ये उनसे अलग हैं, जिनकी गिरफ्तारी मणिपुर पुलिस ने गैंगरेप और वायरल वीडियो के संदर्भ में की थी। मणिपुर पुलिस ने परेड कांड में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।सीबीआई ने जो 6 FIR दर्ज की हैं, वो भी पिछले महीने की शुरुआत में ही दर्ज की गई थीं।

इससे पहले गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि सीबीआई मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के वायरल वीडियो की जांच करेगी। मणिपुर सरकार के साथ विचार के बाद इस केस को सीबीआई को सौंपा गया है।हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध विशेष रूप से मणिपुर के मामले जैसे जघन्य मामले में उसकी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। मणिपुर सरकार ने 26 मई को सीबीआई से मामले की जांच कराने की सिफारिश की थी। इसे गृह मंत्रालय द्वारा मंजूरी दे दी गई है।

गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि केस का ट्रायल मणिपुर से बाहर करने का निर्देश दे। मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह सीबीआई को आरोपपत्र दाखिल करने की तारीख से छह महीने के भीतर मुकदमा समाप्त करने का निर्देश दे।

19 जुलाई को सामने आया था वीडियो

मणिपुर के कांगपोकपी जिले में चार मई को दो महिलाओं को भीड़ के निर्वस्त्र कर उन्हें घुमाए जाने की घटना का पता 19 जुलाई को सामने आए एक वीडियो के जरिए चला। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को घटना पर संज्ञान लिया था और कहा था कि वह वीडियो से ‘‘बहुत व्यथित’’ है और हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल ‘‘किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल एहतियाती कदम उठाने और उन कदमों की जानकारी उसे देने का निर्देश दिया था। केंद्र ने अपना जवाब देते हुए कहा, मणिपुर सरकार ने 26 जुलाई 2023 को लिखी एक चिट्ठी में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की थी जिसे गृह मंत्रालय ने 27 जुलाई को मंजूरी दे दी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच मणिपुर में जातीय हिंसा से जुड़ी याचिकाओं पर 28 जुलाई को सुनवाई करने वाली थी, लेकिन बेंच के मौजूद नहीं होने के चलते इसे टाल दिया गया।