*दो दोषियों को 14-14 साल कठोर कारावास की सजा*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। अपर सत्र न्यायाधीश पॉस्को की अदालत ने दो किशोरियों के दुर्व्यापार (जबरन काम कराने, मजदूरी कराने) के दो दाषियों को 14 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश मधु डोंगरा ने मामले को गंभीर मानते हुए दोनों दोषियों पर 50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।घटना के मुताबिक, भदोही कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने कोतवाली के मोढ़ चौकी पर अपनी दो नाबालिग बेटियों की गुमशुदगी की तहरीर दी। बताया कि 22 मार्च 2018 को उनकी 10 और 12 साल की दो बेटियां घर से कपड़ा खरीदने के लिए निकली थीं। शाम तक दोनों जब घर नहीं लौटी तो उसने खोजबीन शुरू की लेकिन वे नहीं मिली। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू की।
जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने लक्ष्मी देवी निवासी द्वारिका मोड़, पुराना आलम रोड, द्वारिकापुरी, नई दिल्ली व सोनू निवासी सरायहोला, दुर्गागंज, भदोही के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दोनों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया।अपर सत्र न्यायाधीश पॉस्को मधु डोंगरा की अदालत में मामले की सुनवाई चल रही थी। जहां न्यायाधीश मधु डोगरा ने नाबालिग के दुर्व्यापार को बेहद गंभीर आरोप मानते हुए दोषी लक्ष्मी देवी और सोनू को 14 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई। वहीं दोनों दोषियों पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न देने की दशा में दोनों को एक-एक वर्ष की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
Jul 28 2023, 13:42