*बाबा धाम के लिए निकला कांवरियों का जत्था*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।सावन शुरू होते ही भक्तों का जत्था बाबा के दर्शन के लिए रवाना होने लगा है। केसरिया वस्त्रों में बोल-बम के नारों के साथ बाबा के भक्त बैजनाथ धाम और अमरनाथ धाम के लिए रवाना हो रहे हैं। शुक्रवार को भी जिले में जगह-जगह से बाबा के भक्तों की टोलियां महादेव के दर्शन के लिए रवाना हुईं।

घोसिया प्रतिनिधि के अनुसार औराई निवासी केशरी परिवार बाबा धाम के लिए रवाना हुए। जिसमें प्रांशु केसरी, अजय केशरी और अनिल गुप्ता शामिल है। वे औराई सुल्तानगंज पहुंचकर वहां जल लेकर 120 किमी पैदल यात्रा कर बाबा को जल चढ़ाएंगे।

सुरियावां प्रतिनिधि के अनुसार नगर के युवाओं की टोली बाबा धाम के लिए रवाना हुई। बीते पांच सालाें से बाबा के दर्शन को जा रहे नगर के आशीष उपाध्याय, रिंकू वर्मा, किशन सेठ, आकाश जायसवाल, करन जायसवाल, रिंकू सोनी, पिंटू सेठ और श्रीभगवान केसरिया वस्त्र पहनकर हर-हर महादेव के साथ बाबा धाम के लिए रवाना हुए।गोपीगंज प्रतिनिधि के अनुसार नगर के ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन पर उस समय हर-हर बम-बम के जयकारों से गूंज उठा। जब प्रयागराज जनपद के दर्जनों कांवरिया विभूति एक्सप्रेस ट्रेन पर बैठकर बाबा धाम जाने वाले थे।

इस बार का खास श्रावण मास 2 माह का है और कांवरियों का जत्था बाबा धाम जल चढ़ाने के लिए रवाना होने लगा है। शुक्रवार को प्रयागराज जनपद के कांवरिया जो ट्रेन पकड़ने ज्ञानपुर रोड स्टेशन पहुंचे थे। अजय कुमार ने बताया पिछले कई वर्षों से बाबा धाम जल अर्पित करने जा रहे है। इस बार 14 साथियों के साथ बाबा धाम के लिए निकले हैंं। कौलापुर प्रतिनिधि के अनुसार वाराणसी-प्रयागराज हाइवे पर गिराई सर्विसलेन पर हाइवे की नाली जाम होने के कारण पूरा पानी सर्विसलेन और हाइवे पर फैला है। उत्तरी लेन सुरक्षित होने के बाद भी कांवरियों को हाइवे पर फैले पानी से होकर गुजरना होता है।

*रोडवेज बसें बदले रुट से चलेंगी*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।सावन माह में वन रात 12 बजे से सोमवार की रात 12 बजें तक रोडवेज बसें प्रयागराज से वाराणसी के मध्य बदले मार्ग से संचालित होंगी। इसके चलते इन 48 घंटों में यात्रियों को बढ़ा हुआ किराया देना होगा।

सावन माह के कारण बदले रुट से बसें 25 किलोमीटर ज्यादा दूरी तय करेंगी। जिससे वाराणसी से प्रयागराज तक यात्रियों को 195 रुपए की जगह 227 रुपए व गोपीगंज से प्रयागराज तक 94 रुपए के स्थान पर 110 रुपए अधिक किराया देना होगा। सामान्य दिनों में कैंट से प्रयागराज जाने वाली बसें मोहनसराय, गोपीगंज, हंडिया होकर जाती है।

*पांडवों से जुड़ा है तिलेश्वनाथ शिवलिंग, तीन बार स्वरुप बदलने के कारण यहां पर भक्तों की पूरे सावन माह रहती है भारी भीड़*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पूर्वांचल में ऐसे कई धार्मिक मंदिर व धरोहर हैं जिनका इतिहास पौराणिक तो है ही लोगों के आस्था का केंद्र भी है। इन्हीं प्राचीन व पौराणिक मंदिर व तीर्थ स्थलों में शुमार है जिले के गोपीगंज क्षेत्र के तिलंगा में स्थित तिलेश्वर नाथ मंदिर। दरअसल इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग साल में तीन बार अपने स्वरूप बदलने के कारण प्राचीन काल से ही लोगों की आस्था का प्रतीक है। सावन में इस मंदिर का माहात्म्य काफी बढ़ जाता है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्त सैकड़ों किलोमीटर की पैदल कांवर यात्रा कर उनका जलाभिषेक करने पहुंचते हैं।

गौरतलब हो कि देश में अनेक ऐसे शिवलिंग है जो अपने अदभुत व अलौकिक शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है। भगवान शिव के कुछ शिवलिंगों में अपने आप जल की धारा बरसती है तो कुछ शिवलिंग का आकार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसी क्रम में जिले में स्थित तिलेश्वर नाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग जहां सावन में भक्तों का रेला उमड़ता है। गंगा के तट पर स्थित मंदिर का यह शिवलिंग अपने रहस्यमयी स्वरूप के लिए जाना जाता है।सावन के महीने में किया जाने वाला उपाय बहुत विशेष होता है। राशि के अनुसार सावन के महीने में शिव जी का अभिषेक करने पर सभी तरह की मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैं।

पांडवकालीन शिवलिंग वर्ष की तीन ऋतुओं में तीन बार अपना स्वरूप बदलने के लिए प्रसिद्ध है। इस पर भक्तों की अपार श्रद्धा और विश्वास है। मान्यता है कि पांडवों ने इसे अपने अज्ञातवास के दौरान स्थापित किया था। महाभारत के वन पर्व में इसका उल्लेख भी मिलता है। इस मूर्ति का हर चार महीने में स्वत: रंग बदल जाता है। सावन में काला स्वरूप, गर्मी में गेहुंआ और ग्रीष्म ऋतु में यह शिवलिंग भूरे स्वरूप में हो जाता है। मंदिर के महासचिव जटाशंकर पांडेय बताते हैं कि 1997 श्री तिलेश्वरनाथ शृंगार समिति के नेतृत्व में मंदिर सुंदरीकरण के लिए खुदाई की गई थी। 20 फीट खुदाई के बाद भी शिवलिंग का अंतिम छोर नहीं मिल पाया था। मंदिर के पुजारी राजेश ने शिवलिंग के रहस्य के बारे में बताया कि यह शिवलिंग सावन के महीने में चप्पड़ (ऊपरी परत) छोड़ता है, लेकिन वह आज तक किसी के हाथ नहीं लग सका है। उन्होंने बताया कि सच्चे मन से जो भी मुराद मांगी जाती है, वह अवश्य पूरी होती है।

*सब्जियों के दामों में भारी इजाफा*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।बारिश के मौसम में मानों सब्जियों के दाम में आग लग गई है। रसोई का खर्च कैसे चले यह चिंता गृहणियों को सताए जा रही है। सब्जी मंडी में पहुंचे लोग सब्जियों का दाम सुनते ही चकरा जा रहें हैं। भोजन की थाली से दाव व सलाद पहले ही गायब था। अब सब्जी व चटनी पर भी संकट मंडराने लगा है।

भोजन में स्वाद बढ़ाने वाले सब्जी व चटनी का दाम इतना बढ़ जाएगा। महिलाएं सपने में भी नहीं सोची थी। ग्रामीणों अंचलों की दुकानों से मानों टमाटर और अदरक गायब से हो गई है। इन दिनों कुछ ऐसी सब्जियां हो गई है जो आम आदमी की थाली से पूरी तरह गायब हो गई है। दुकान पर बैठे सब्जी विक्रेता भी ग्राहकों का इंतजार करते नजर आ रहे हैं।

टमाटर इतना लाल हो गया है कि दो सौ रुपए से भी ज्यादा महंगें दाम पर बेचा जा रहा है। मिर्चा इतना तीखा हो हुआ है कि 120 रुपया प्रति किलो हो गया। चटनी का जायका बढ़ाने वाला अदरक ने तो हर रिकार्ड तोड़ दी है क्योंकि यह तीन सौ रुपए प्रति किलो बिक रही हैं।

इसी तरह लहसुन 140 रुपए,करेला 80 रुपए नेनुआ 40, प्याज 25 से 30 रुपए व आलू बीस रुपए प्रति किलो की दर से बिक रही हैं।

*रहें सतर्क रहें और संक्रामक बीमारियों से बचें*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।जिले में झमाझम बारिश का दौर शुरु है। बारिश के बाद संक्रामक बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ने लगता है। संक्रामक बीमारियां डेंगू, मलेरिया, चिकिनगुनिया, वायरल बुखार की चपेट में लोग तेजी से आते हैं। ऐसे इस मौसम में सतर्क रहकर संक्रामक बीमारियों से बच सकते हैं। इन दिनों वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चला रहा है और लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक कर रहा है।

इस मौसम में विशेषकर मच्छर जनित बीमारी डेंगू, मलेरिया, चिकिनगुनिया, वायरल बुखार का खतरा अधिक होता है। इससे बचाव के लिए सबसे जरूरी घरों के आस-पास सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखना होता है। इसके साथ ही घर में कूलर व घर के पुराने बर्तनों में पानी एकत्रित न होने दें। अगर कहीं काफी दिनों से पानी जमा हुआ है तो उसमें मिटटी का तेल या डीजल डालने से डेंगू का लार्वा नष्ट हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचारी रोगों को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहे हैं।

17 जुलाई से स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को मच्छर जनित बीमारियों के बारे में जागरूक करेंगे।बृहस्पतिवार को महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में 633 मरीजों की ओपीडी रही। इसमें सबसे ज्यादा मरीज वायरल बुखार के पहुंचे। जिला चिकित्सालय के डॉ. आशुतोष सिंह बताते हैं कि जोड़ों में दर्द, बदन दर्द और गले में खरास है। ये वायरल बुखार के लक्षण हैं। ऐसी स्थिति में चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। डीएमओ ने बताया कि मानसून जनित बीमारी को देखते हुए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में दवा, इंजेक्शन उपलब्ध है।

*किसानों ने शुरू की धान रोपाई*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पिछले कुछ दिनों से जिले में अच्छी बारिश हो रही है। किसानों के दृष्टिकोण से बेहद फायदेमंद यह बारिश धान की रोपाई के लिए बेहद खास है। जिले के तमाम किसानों ने धान की रोपाई भी शुरू कर दी है। हालांकि अभी बहुत से किसान नर्सरी तैयार होने की आस लगाए बैठे हैं। वे नर्सरी तैयार होने के बाद भी रोपाई कार्य शुरू करेंगे।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार 20 जुलाई तक जो भी धान रोपे जाएंगे। उससे पैदावार प्रभावित नहीं होगा। कृषि केंद्र बेजवां के कृषि बारिश होने के कारण धान नर्सरी तेजी से ग्रोथ करेगी। इससे किसान समय से धान की रोपाई कर अच्छी पैदावार कर सकते हैं। कहीं - कहीं पर जो किसान अगौती नर्सरी डाले थे। वे धान की रोपाई कर रहे हैं। हालांकि उसका भी नुकसान नहीं हैं। बस नर्सरी की खपत अत्यधिक होगी।

*धधकी पृथ्वी मानव इतिहास का सबसे गर्म दिन रहा तीन जुलाई,वैश्विक औसत तापमान 17 डिग्री सेल्सियस पहुंचा*


नितेश श्रीवास्तव

3 जुलाई ज्ञात मानव इतिहास का सबसे गर्म दिन साबित हुआ है। अमेरिका के नेशनल ओशनिक एंड एटमाॅस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने पृथ्वी की सतह से दो मीटर ऊपर हवा के वैश्विक तापमान को 17.01 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।

वहीं अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल प्रेडिक्शन ने मेन विवि के विश्लेषण के आधार पर 3 जुलाई को अब तक का सबसे ज्यादा औसत वैश्विक तापमान घोषित किया। इससे पहले पृथ्वी की सतह का सबसे अधिक तापमान 16.92 डिग्री सेल्सियस अगस्त 2016 में दर्ज किया गया था। एन‌ओएए के मुताबिक अगले 6 हफ्तों के भीतर ही यह रिकार्ड टूट सकता है।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राॅबर्ट रोहडे कहते हैं अल नीनो और कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़ते उत्सर्जन से धरती धधक रही है। अगर अब भी इसमें कमी नहीं की गई,तो पूरी पृथ्वी नर्क बन जाएगी। हर साल जीवाश्म ईंधन जलाने की वजह से 40 अरब टन कार्बन उत्सर्जन हो रहा है।ग्रांथम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट चेंज एंड द एन्वायरनमेंटल के वैज्ञानिक फ्रेड्रिक आट्रटो कहते हैं, हमने कोई ऐसा मील का पत्थर नहीं पार किया है।

जिसका जश्न मनाया जाए। असल में यह वैश्विक पर्यावरण के लिए मौत की सजा के फरमान की तरह है।

*भदोही में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, सात गांजा तस्कर गिरफ्तार*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों पर पुलिस के द्वारा लगातार बड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में पुलिस ने 2 कार से 102 किलो गांजा बरामद किया है और मौके से सात गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया है जो तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं उसमें गैंग के सरगना पर 25 हजार का इनाम घोषित था।भदोही सहित आसपास के कई जिलों में उड़ीसा से भारी मात्रा में गांजा की खेती लाकर तस्कर सप्लाई कर रहे थे ।

जनपद की दुर्गागंज थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली थी कि 2 गाड़ियों से भारी मात्रा में गांजा उड़ीसा से यहां लाया जा रहा है जिसके बाद पुलिस ने दोनों गाड़ियों को रोक कर जब तलाशी ली तो उसमें 102 किलो गांजा बरामद हुआ है मौके से 7 गांजा तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। जिसमें 25000 का इनामी गिरोह का सरगना रामकुमार यादव भी शामिल है पुलिस ने बताया कि जो तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं इन पर पूर्व में भी कई आपराधिक मुकदमा पंजीकृत हैं।

*कलेक्ट्रेट पर पत्रक सौंप कांग्रेसजनों ने भरी हुंकार*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिला कांग्रेस कमेटी भदोही अल्पसंख्यक विभाग के तत्वाधान में कांग्रेसजनों ने जिलाधिकारी कार्यालय ज्ञानपुर पर इकट्ठा होकर मुख्य न्यायधीश को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी महोदय को सौंपा। 

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष अल्पसंख्यक विभाग अकबर अंसारी व प्रदेश सचिव वसीम अंसारी ने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध को रूकवाने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर में शांति बहाल नही कर पा रहे हैं। 2 महीने से मणिपुर जल रहा है, सैकड़ों लोगो की जान चुकी है, करोड़ों रुपए की संपत्ति जलकर राख हो चुकी है। मगर देश के प्रधानमंत्री मेरा बूथ सबसे मजबूत कर रहे हैं। 

इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी हसनैन अंसारी व नाजिम अली ने कहा कि मोदी सरकार को अगर लोकतंत्र से खिलवाड़ कर के और सरकार बनाने विधायक सांसद खरीदने से फुरसत मिल गया हो तो जरूर मणिपुर भी याद करना चाहिए। इस अवसर पर राजेश्वर दुबे, मसूद आलम मो आजाद, अकीब अंसारी सरफाराज अहमद,दिनेश कुमार, शाहिद हसन, आसिफ अली, मकसूद,सुरेश गौतम संदीप दुबे, विमल पांडेय महेश मिश्रा शक्ति मिश्र, नरेश मिश्र बाला

*जिला चिकित्सालय में चार चिकित्सक व एक पैथोलॉजिस्ट की तैनाती*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही । जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। शासन ने जिले में चार चिकित्सक व एक पैथोलॉजिस्ट की तैनाती की है। जिसमें लगभग तीन साल बाद पहली बार नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ की तैनाती हुई है।

हालांकि अभी तक किसी भी चिकित्सक ने ज्वाइंन नहीं किया है।20 लाख की आबादी वाले कालीन नगरी में तीन बड़े चिकित्सालय के साथ छह सीएचसी व 17 पीएचसी संचालित है। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों का उपचार होता है। जिले में सबसे अधिक भीड़ महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में होती है। जहां हर रोज 700 से 800 लोगों की ओपीडी होती है।

जिला चिकित्सालय में कुल पद 26 स्वीकृत है। जिसमें वर्तमान में 17 चिकित्सकों की तैनाती है। जिले के बीते काफी समय से ईएनटी विशेषज्ञ के तैनाती की मांग की जा रही थी। ईएनटी विशेषज्ञ के न होने से नाक, कान, गला रोग से संबंधित मरीज निजी चिकित्सक या फिर बाहर जाने को विवश हाेते थे। हालांकि अब लोगों की इस समस्या जल्द ही समाधान होने वाला है।

बताया जा रहा है कि शासन ने मिर्जापुर में तैनात ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. दिप्ती पांडेय को ज्ञानपुर जिला चिकित्सालय भेजा है। इसके अलावा पैथोलॉजिस्ट अनुपम अग्रवाल, जो चंदौली से आएं हैं। डॉ. लखबीर कौर व डॉ. लक्ष्मी देवी प्रयागराज से तथा डॉ. नीलमा धवन की जिला चिकित्सालय में तैनाती हुई है।

हालांकि इनमें अब तक किसी भी चिकित्सक ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है।

जिला चिकित्सालय में शासन की ओर से चार चिकित्सक और एक पैथोलाजिस्ट तैनाती हुई है। चिकित्सक तबादला होने के बाद प्रयागराज, मिर्जापुर से आने वाले हैं। हालांकि अभी किसी ने ज्वाइन नहीं किया है।

-- डा. राजेंद्र कुमार सीएमएस ज्ञानपुर।