मणिपुर हिंसा पर अमेरिका ने की मदद की पेशकश, बयान पर भड़की कांग्रेस, मनीष तिवारी ने कहा-हमने पहले भी ऐसी चुनौतियों का सामना किया
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मणिपुर में भड़की हिंसा शांत होने का नाम नहीं ले रही है।पिछले करीब दो महीने महीनों से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है।राज्य और केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद इस पर लगाम नहीं लग पा रही है।इस बीच अमेरिका ने मणिपुर में हिंसा से निपटने में भारत की सहायता करने की पेशकश की है। भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका मणिपुर में हिंसा से निपटने में भारत की सहायता करने के लिए तैयार है। बता दें कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
अमेरिका को रणनीतिक चिंता नहीं बल्कि मानवीय चिंताएं- एरिक गार्सेटी
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी इनदिनों कोलकाता में है। वहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान मणिपुर हिंसा पर किए गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि संकट का हल करने में अमेरिका किसी भी तरह से सहायता करने के लिए तैयार है। जब उनसे यह कहा गया कि यह भारत का आंतरिक मामला है तो उन्होंने जवाब में कहा कि अमेरिका को रणनीतिक चिंता नहीं बल्कि मानवीय चिंताएं हैं। गार्सेटी ने कहा- इस तरह के हिंसा में जब बच्चे मरते हैं तो आपको इसमें चिंता करने के लिए भारतीय होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। शांति कायम रखना एक मिशाल है। जरूरत पड़ने पर हम मदद के लिए तैयार हैं। हमें पता है कि यह भारत का आंतरिक मुद्दा है और हम राज्य में शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस क्षेत्र में शांति स्थापित होने से यहां हम कई परियोजना और निवेश ला सकते हैं।
कांग्रेस ने कहा इस तरह का बयान देना बहुत दुर्लभ
वहीं एरिक गार्सेटी के बयान पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि किसी अमेरिकी दूत के लिए भारत के आंतरिक मामलों के बारे में इस तरह का बयान देना बहुत दुर्लभ है। मनीष तिवारी ने पंजाब, जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर में पहले की चुनौतियों का जिक्र किया और कहा कि अमेरिकी राजदूत तभी सतर्क थे। उन्होंने ट्वीट किया कि हमने दशकों तक पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व में चुनौतियों का सामना किया और चतुराई से उन पर विजय प्राप्त की। कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझे संदेह है कि क्या नए यूएस राजदूत एरिक गार्सेटी को अमेरिका-भारत संबंधों के जटिल इतिहास और हमारे आंतरिक मामलों में हमारी संवेदनशीलता का ज्ञान है।
मणिपुर के इंफाल में महिला की गोली मारकर हत्या
इससे पहले गुरुवार को मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में एक स्कूल के बाहर एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मणिपुर में हिंसा तब शुरू हुई जब मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा की मांग का विरोध करने के लिए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था। तब से लेकर अब तक मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 130 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
Jul 07 2023, 10:35