सामाजिक उत्थान के मसीहा स्वर्गीय जगजीवन राम” बाबूजी “की 37 वीं पुण्यतिथि पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि
बेतिया पश्चिम चंपारण। अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद अधिवक्ता एवं डॉ0 सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ने सामाजिक उत्थान के मसीहा पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार स्वर्गीय जगजीवन राम
को विजुअल कार्यक्रम के माध्यम से उनकी 37 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन 6 जुलाई 1986 को स्वर्गीय जगजीवन राम का निधन हुआ था। उनका सारा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा। आधुनिक भारतीय समाज के शिखर पुरुष स्वर्गीय जगजीवन राम को आदर से बाबूजी के नाम से संबोधित किया जाता था।
लगभग 50 वर्षों के संसदीय एवं सामाजिक उत्थान के जीवन में राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण एवं निष्ठा बेमिसाल है। उनका संपूर्ण जीवन सामाजिक सांस्कृतिक एवं राजनीतिक सक्रियता एवं उपलब्धियों से भरा हुआ है। सदियों के शोषण उत्पीड़न दलितों पिछड़ों अल्पसंख्यकों एवं मजदूरों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए जगजीवन राम द्वारा किए गए कानूनी प्रावधान ऐतिहासिक हैं।
इस अवसर पर डॉ0 एजाज अहमद, डॉ0 सुरेश कुमार अग्रवाल अमित कुमार लोहिया एवं बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थी डॉ0 शाहनवाज अली एवं मदर ताहिरा ट्रस्ट की निदेशक एस सबा ने संयुक्त रूप से कहा कि जगजीवन राम का ऐसा व्यक्तित्व था, जो अन्याय अपने आदर्शों एवं मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया। दलितों पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकों के सम्मान के लिए हमेशा संघर्ष करते रहे। विद्यार्थी जीवन से ही उन्होंने अन्याय के प्रति आवाज उठाई।
स्वर्गीय जगजीवन राम का भारत के संसदीय लोकतंत्र के विकास में अतुल्य योगदान रहा है। स्वर्गीय जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल 1908 को बिहार की उस धरती पर हुआ था। जिसने विश्व शांति अहिंसा भारतीय इतिहास एवं देश की स्वाधीनता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
स्वर्गीय जगजीवन राम का जीवन सारा जीवन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के आदर्शों एवं मूल्यों से प्रभावित रहा। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों एवं महापुरुषों के नाम पर बेतिया पश्चिम चंपारण में विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय संग्रहालय का निर्माण कराया जाए ताकि सुदूर गांव में उच्च शिक्षा आसानी से छात्र छात्राओं को मिल सके एवं नई पीढ़ी अपने पुरखों के गौरवशाली इतिहास को जान सके यही होगी सरकार द्वारा सच्ची श्रद्धांजलि।
Jul 06 2023, 21:58