*रहें सतर्क रहें और संक्रामक बीमारियों से बचें*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।जिले में झमाझम बारिश का दौर शुरु है। बारिश के बाद संक्रामक बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ने लगता है। संक्रामक बीमारियां डेंगू, मलेरिया, चिकिनगुनिया, वायरल बुखार की चपेट में लोग तेजी से आते हैं। ऐसे इस मौसम में सतर्क रहकर संक्रामक बीमारियों से बच सकते हैं। इन दिनों वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चला रहा है और लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक कर रहा है।

इस मौसम में विशेषकर मच्छर जनित बीमारी डेंगू, मलेरिया, चिकिनगुनिया, वायरल बुखार का खतरा अधिक होता है। इससे बचाव के लिए सबसे जरूरी घरों के आस-पास सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखना होता है। इसके साथ ही घर में कूलर व घर के पुराने बर्तनों में पानी एकत्रित न होने दें। अगर कहीं काफी दिनों से पानी जमा हुआ है तो उसमें मिटटी का तेल या डीजल डालने से डेंगू का लार्वा नष्ट हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचारी रोगों को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहे हैं।

17 जुलाई से स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को मच्छर जनित बीमारियों के बारे में जागरूक करेंगे।बृहस्पतिवार को महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में 633 मरीजों की ओपीडी रही। इसमें सबसे ज्यादा मरीज वायरल बुखार के पहुंचे। जिला चिकित्सालय के डॉ. आशुतोष सिंह बताते हैं कि जोड़ों में दर्द, बदन दर्द और गले में खरास है। ये वायरल बुखार के लक्षण हैं। ऐसी स्थिति में चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। डीएमओ ने बताया कि मानसून जनित बीमारी को देखते हुए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में दवा, इंजेक्शन उपलब्ध है।

*किसानों ने शुरू की धान रोपाई*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पिछले कुछ दिनों से जिले में अच्छी बारिश हो रही है। किसानों के दृष्टिकोण से बेहद फायदेमंद यह बारिश धान की रोपाई के लिए बेहद खास है। जिले के तमाम किसानों ने धान की रोपाई भी शुरू कर दी है। हालांकि अभी बहुत से किसान नर्सरी तैयार होने की आस लगाए बैठे हैं। वे नर्सरी तैयार होने के बाद भी रोपाई कार्य शुरू करेंगे।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार 20 जुलाई तक जो भी धान रोपे जाएंगे। उससे पैदावार प्रभावित नहीं होगा। कृषि केंद्र बेजवां के कृषि बारिश होने के कारण धान नर्सरी तेजी से ग्रोथ करेगी। इससे किसान समय से धान की रोपाई कर अच्छी पैदावार कर सकते हैं। कहीं - कहीं पर जो किसान अगौती नर्सरी डाले थे। वे धान की रोपाई कर रहे हैं। हालांकि उसका भी नुकसान नहीं हैं। बस नर्सरी की खपत अत्यधिक होगी।

*धधकी पृथ्वी मानव इतिहास का सबसे गर्म दिन रहा तीन जुलाई,वैश्विक औसत तापमान 17 डिग्री सेल्सियस पहुंचा*


नितेश श्रीवास्तव

3 जुलाई ज्ञात मानव इतिहास का सबसे गर्म दिन साबित हुआ है। अमेरिका के नेशनल ओशनिक एंड एटमाॅस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने पृथ्वी की सतह से दो मीटर ऊपर हवा के वैश्विक तापमान को 17.01 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।

वहीं अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल प्रेडिक्शन ने मेन विवि के विश्लेषण के आधार पर 3 जुलाई को अब तक का सबसे ज्यादा औसत वैश्विक तापमान घोषित किया। इससे पहले पृथ्वी की सतह का सबसे अधिक तापमान 16.92 डिग्री सेल्सियस अगस्त 2016 में दर्ज किया गया था। एन‌ओएए के मुताबिक अगले 6 हफ्तों के भीतर ही यह रिकार्ड टूट सकता है।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राॅबर्ट रोहडे कहते हैं अल नीनो और कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़ते उत्सर्जन से धरती धधक रही है। अगर अब भी इसमें कमी नहीं की गई,तो पूरी पृथ्वी नर्क बन जाएगी। हर साल जीवाश्म ईंधन जलाने की वजह से 40 अरब टन कार्बन उत्सर्जन हो रहा है।ग्रांथम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट चेंज एंड द एन्वायरनमेंटल के वैज्ञानिक फ्रेड्रिक आट्रटो कहते हैं, हमने कोई ऐसा मील का पत्थर नहीं पार किया है।

जिसका जश्न मनाया जाए। असल में यह वैश्विक पर्यावरण के लिए मौत की सजा के फरमान की तरह है।

*भदोही में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, सात गांजा तस्कर गिरफ्तार*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों पर पुलिस के द्वारा लगातार बड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में पुलिस ने 2 कार से 102 किलो गांजा बरामद किया है और मौके से सात गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया है जो तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं उसमें गैंग के सरगना पर 25 हजार का इनाम घोषित था।भदोही सहित आसपास के कई जिलों में उड़ीसा से भारी मात्रा में गांजा की खेती लाकर तस्कर सप्लाई कर रहे थे ।

जनपद की दुर्गागंज थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच को मुखबिर से सूचना मिली थी कि 2 गाड़ियों से भारी मात्रा में गांजा उड़ीसा से यहां लाया जा रहा है जिसके बाद पुलिस ने दोनों गाड़ियों को रोक कर जब तलाशी ली तो उसमें 102 किलो गांजा बरामद हुआ है मौके से 7 गांजा तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। जिसमें 25000 का इनामी गिरोह का सरगना रामकुमार यादव भी शामिल है पुलिस ने बताया कि जो तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं इन पर पूर्व में भी कई आपराधिक मुकदमा पंजीकृत हैं।

*कलेक्ट्रेट पर पत्रक सौंप कांग्रेसजनों ने भरी हुंकार*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिला कांग्रेस कमेटी भदोही अल्पसंख्यक विभाग के तत्वाधान में कांग्रेसजनों ने जिलाधिकारी कार्यालय ज्ञानपुर पर इकट्ठा होकर मुख्य न्यायधीश को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी महोदय को सौंपा। 

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष अल्पसंख्यक विभाग अकबर अंसारी व प्रदेश सचिव वसीम अंसारी ने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध को रूकवाने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर में शांति बहाल नही कर पा रहे हैं। 2 महीने से मणिपुर जल रहा है, सैकड़ों लोगो की जान चुकी है, करोड़ों रुपए की संपत्ति जलकर राख हो चुकी है। मगर देश के प्रधानमंत्री मेरा बूथ सबसे मजबूत कर रहे हैं। 

इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी हसनैन अंसारी व नाजिम अली ने कहा कि मोदी सरकार को अगर लोकतंत्र से खिलवाड़ कर के और सरकार बनाने विधायक सांसद खरीदने से फुरसत मिल गया हो तो जरूर मणिपुर भी याद करना चाहिए। इस अवसर पर राजेश्वर दुबे, मसूद आलम मो आजाद, अकीब अंसारी सरफाराज अहमद,दिनेश कुमार, शाहिद हसन, आसिफ अली, मकसूद,सुरेश गौतम संदीप दुबे, विमल पांडेय महेश मिश्रा शक्ति मिश्र, नरेश मिश्र बाला

*जिला चिकित्सालय में चार चिकित्सक व एक पैथोलॉजिस्ट की तैनाती*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही । जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। शासन ने जिले में चार चिकित्सक व एक पैथोलॉजिस्ट की तैनाती की है। जिसमें लगभग तीन साल बाद पहली बार नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ की तैनाती हुई है।

हालांकि अभी तक किसी भी चिकित्सक ने ज्वाइंन नहीं किया है।20 लाख की आबादी वाले कालीन नगरी में तीन बड़े चिकित्सालय के साथ छह सीएचसी व 17 पीएचसी संचालित है। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों का उपचार होता है। जिले में सबसे अधिक भीड़ महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में होती है। जहां हर रोज 700 से 800 लोगों की ओपीडी होती है।

जिला चिकित्सालय में कुल पद 26 स्वीकृत है। जिसमें वर्तमान में 17 चिकित्सकों की तैनाती है। जिले के बीते काफी समय से ईएनटी विशेषज्ञ के तैनाती की मांग की जा रही थी। ईएनटी विशेषज्ञ के न होने से नाक, कान, गला रोग से संबंधित मरीज निजी चिकित्सक या फिर बाहर जाने को विवश हाेते थे। हालांकि अब लोगों की इस समस्या जल्द ही समाधान होने वाला है।

बताया जा रहा है कि शासन ने मिर्जापुर में तैनात ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. दिप्ती पांडेय को ज्ञानपुर जिला चिकित्सालय भेजा है। इसके अलावा पैथोलॉजिस्ट अनुपम अग्रवाल, जो चंदौली से आएं हैं। डॉ. लखबीर कौर व डॉ. लक्ष्मी देवी प्रयागराज से तथा डॉ. नीलमा धवन की जिला चिकित्सालय में तैनाती हुई है।

हालांकि इनमें अब तक किसी भी चिकित्सक ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है।

जिला चिकित्सालय में शासन की ओर से चार चिकित्सक और एक पैथोलाजिस्ट तैनाती हुई है। चिकित्सक तबादला होने के बाद प्रयागराज, मिर्जापुर से आने वाले हैं। हालांकि अभी किसी ने ज्वाइन नहीं किया है।

-- डा. राजेंद्र कुमार सीएमएस ज्ञानपुर।

*आजादी से पहले के 138 कानून समाप्त करने की तैयारी*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।प्रदेश सरकार ने आजादी के पहले से चल रहे 138 कानूनों को समाप्त करने की तैयारी की है। विधायी विभाग ने कानून समाप्त करने के लिए राज्य विधि आयोग से राय मांगी है।

आयोग ने इस संबंध में संबंधित विभागों से सुझाव लेने की कवायद शुरू की है।प्रदेश में करीब 40 से अधिक विभागों में आजादी के पहले से चल रहे 138 ऐसे कानून हैं, जिनका वर्तमान में कोई औचित्य नहीं हैं। अंग्रेजों के शासन में लागू किए गए इन कानूनों को समाप्त या संशोधित करने की आवश्यकता है।

विधि आयोग ने संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों से उनसे जुड़े कानूनों के वर्तमान में औचित्य पर सुझाव मांगने की कवायद शुरू की है। विभाग यदि कानून को लागू रखना चाहते हैं तो उन्हें इसका ठोस आधार देना होगा। यदि समाप्त करना चाहते हैं तो अपनी सहमति आयोग को देनी होगी।

भारतीय साझेदारी अधिनियम - 1932

भारतीय साझेदारी अधिनियम 1932 के तहत साझेदारी फर्मों का नियमन किया जाता है। देश में दो से दो से अधिक साझेदारों की फर्म को इसी एक्ट के तहत संचालित किया जाता है। विभाग का मानना है कि वर्तमान दौर में 1932 में निर्धारित एक्ट के प्रावधानों का औचित्य नहीं हैं। इन्हें समाप्त कर साझेदारी के लिए नया कानून लाया जाना चाहिए।

राय नहीं दी तो सहमति मानी जाएगी

विधायी विभाग ने इस संबंध में संबंधित विभागों को भी पत्र लिखा है। पत्र में स्पष्ट किया है कि यदि विभाग ने कानून समाप्त करने या संशोधित करने के संबंध में अपनी राय नहीं दी तो माना जाएगा कि विभाग कानून समाप्त करने से सहमत हैं।

इनका कहना है

केंद्र सरकार की ओर से पुराने कानूनों को समाप्त करने के संबंध में विधायी विभाग को पत्र लिखा है। केंद्र के पत्र पर विधि आयोग से राय मांगी गई है। जो कानून उपयोगी नहीं हैं उन्हें समाप्त किया जाना है।

- अतुल श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव विधायी

*दो जोन और सात सेक्टर में बंटा जिला*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सुरक्षित कांवर यात्रा के लिए जिलाधिकारी गौरांग राठी और पुलिस अधीक्षक डॉ अनिल कुमार ने पुलिसकर्मियों को दिशा-निर्देश दिए। बताया कि सावन में जिले को दो जोन और सात सेक्टर में विभाजित किया गया है और कांवड़ यात्रा की निगरानी ड्रोन से की जाएगी।

जिलाधिकारी गौरांग राठी ने कहा इस बार सावन माह 58 दिनों का है। ऐसे में वाराणसी - प्रयागराज हाईवे की उत्तरी लेन को कांवरियों के लिए सुरक्षित कर दिया गया है। ऐसे में दक्षिणी लेन और सर्विसलेन से निर्बाध रुप से मात्रा जारी रहेगा। इस दौरान सुरक्षा को लेकर भी बेहद सख्त इंतजाम है। बताया कि जिले में कांवड़ यात्रा मार्ग को दो जोन व सात सेक्टर में विभाजित किया गया है। सभी जोन व सेक्टरों में प्रशासनिक अधिकारियों सहित पर्याप्त पुलिस बल की ड्यूटी लगाई गई है।

पुलिस ने डॉ अनिल कुमार ने कहा कि कांवरियों के लिए सुरक्षित उत्तरी लेन पर 35 कटप्लांइट बंद है।

*भदोही के ज्ञान सरोवर का है पौराणिक इतिहास, सरोवर में स्नान करने से कोढ़ हो जाता था खत्म*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।जिले के ज्ञान सरोवर का इतिहास काफी पुराना और पौराणिक है। प्राचीन काशी राज्य का एक हिस्सा आज का भदोही जनपद भी था, जो वाराणसी स्टेट के जमाने में भी जिला था।

कोढ़ जिसे आजकल लोग ज्ञानपुर कहते हैं कि यह भदोही का मुख्यालय था। कालांतर में जब राज्यों का विलीनीकरण हुआ और भदोही को क्रमशः मिर्जापुर और बाद में वाराणसी में मिला दिया गया, तब भी ज्ञानपुर तहसील मुख्यालय था जो बाद में 2 तहसीलों में विभाजित हुआ और भदोही को एक अलग तहसील बना दिया।

इसी ज्ञानपुर कोढ़ के मध्य में एक शंकर जी का प्राचीन मंदिर स्थित है जिसका इतिहास लगभग 250 वर्ष पुराना है। यह मंदिर ज्ञानपुर नगर के मध्य में स्थित ज्ञान सरोवर के पश्चिमी किराने पर पूर्वा विमुख है। इतिहास के पन्नों में यहां विशाल जंगल था, आज भी उन जंगलों का अवशेष देखा जा सकता है। जिसे सुंदरवन कहा जाता है।इन्हीं जंगलों के बीच बावड़ी के रुप में आज का ज्ञान सरोवर स्थित था। इसमें स्नान करने से उस समय कोढ़ जो एक बीमारी है वो दूर हो जाती थी।

उस समय कोढ़ जो एक बीमारी है वो दूर हो जाती थी। उस समय गांव गिराव में जिसे कोढ़ हो जाता था, उसे कोढ़ी कहा जाता था और गांव से बाहर कर दिया जाता था। कोढ़ रोग के कारण गंगा से बाहर किए गए लोग इस जंगल में आकर रहने लगे। भोजन के रुप में जंगली वनस्पति खाते थे और इसी बावड़ी में स्नान करते थें ‌इस बात का स्पष्ट प्रमाण तत्कालीन अभिलेखों में मिलता है कि इस बावड़ी में स्नान करने वाले कोढ़ रोग से मुक्त हो जाते थे। इस बात का प्रचार धीरे-धीरे समूचे उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य तक हो गया,जो लोग कोढ़ से पीड़ित थे, वो इस रोग से मुक्ति के लिए स्थान पर आते थे।

इसी कारण इसका नाम कोढ़ रखा गया। इसके बाद में गोपीगंज रेलवे स्टेशन का नाम भी कोढ़ रखा गया। कोढ़ अब ज्ञानपुर के नाम से विख्यात है। गोपीगंज स्टेशन का नाम भी बदलकर ज्ञानपुर रोड कर दिया गया। भयानक कोढ़ रोग से मुक्ति का प्रचार-प्रसार इतना बढ़ कि तमाम राजे रजवाड़े और जमींदारों का भी ध्यान उधर गया।

काशी नरेश के वंशज ने बनवाया हरिहरनाथ मंदिर

काशी नरेश के खानदान के हरिहर सिंह ने ज्ञानपुर के मध्य में शिवमंदिर का निर्माण कराया। उन्हीं के नाम पर इसका नाम हरिहरनाथ धाम पड़ गया। तकरीबन तीन सौ साल पुराने इस मंदिर के स्थापना काल की सटीक जानकारी नहीं मिलती है। मंदिर के बगल में एक प्राचीन कुआं भी स्थित है। स्थापना के समय ही यहां 12 भुजी पक्का तालाब भी खुदवाया गया था।

विश्व प्रसिद्ध कालीन नगरी भदोही में सावन के पवित्र महीने में हर दिन बड़ी संख्या में भक्त भगवान शिव शंकर की पूजा करने के लिए शिवालय में आते हैं। इस सावन के पवित्र महीने में, लोग दूर दूर तक भगवान भोलेनाथ की दर्शन और पूजा करते है। इनमे कुछ लोग बाबा अमरनाथ और कुछ काशी में भोलेनाथ के दर्शन करते हैं। कालीन नगरी भदोही में भगवान भोलेनाथ के कुल तीन सुप्रशिध्य मंदिर है।

लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए बाबा के दरबार में मन्नत मांगते हैं। पूरे देश में हजारों शिवालय हैं, और प्रत्येक शिवालय की अपनी मान्यताएं हैं। ऐसा ही एक शिव मंदिर विश्व प्रसिद्ध कालीन नगरी भदोही में ज्ञानपुर में स्थित है। जिसे "बाबा हरिहरनाथ" के नाम से जाना और पहचाना जाता है। यहां बाबा भोलेनाथ की विशेष कृपा है। मंदिर परिसर में आते ही लोग शांति महसूस करते हैं।

*सैलानियों को लुभा रही सीतामढ़ी की मनोरम छटा,इस साल देश विदेश से रिकार्ड 27 लाख 80 हजार पर्यटक यहां पहुंचे*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।जिले का धार्मिक व पर्यटन स्थल सीतामढ़ी सैलानियों की पहली पसंद बन गया है। देश विदेश से सैलानी सीतामढ़ी की छटा निहारने पहुंच रहे हैं। इस वर्ष सीतामढ़ी में रिकार्ड 23 लाख 78 हजार से ज्यादा सैलानियों का आगमन हुआ। वर्ष 2017 में पर्यटकों का आंकड़ा 11 लाख 76 हजार था।

जिले के अन्य पर्यटक स्थलों में महज चार लाख के आसपास पर्यटक पहुंचे। पूरे जिले में इस साल 27 लाख 80 हजार 789 पर्यटक पहुंचे।

सीता समाहित स्थल पर में साल दर साल सैलानियों में इजाफा होता जा रहा है। यह दुनिया का इकलौता ऐसा दो मंजिला भव्य सीता मंदिर है। जिसके दोनों तल में अलग-अलग मुद्राओं में सिर्फ सीता माता की दिव्य मूर्ति स्थापना है।

यहीं पर प्रसिद्ध 108 फीट ऊंचे भगवान हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित है,जो सैलानियों के आकर्षक का केंद्र होता है। इसके साथ ही प्राचीन सीता मंदिर, पहाड़ पर स्थापित भोले बाबा की जटा से निकलती जलधारा देख श्रद्धालु नतमस्तक होते हैं। त्रेतायुगीन गाथाओं की साक्षी सीतामढ़ी में मां गंगा की अविरलता धारा, पावन तट, माता सीता जी के हाथों से आरोपित विशाल सीतावट, सीता,केश वाटिका, सीता समाहित स्थल दिव्य और पावन भूमि त्रेतायुग के जीवंत उदाहरण है। यहां हर साल पर्यटक भारी संख्या पहुंचते हैं। इसमें दक्षिण भारतीय पर्यटक भी होते हैं।

पर्यटकों की संख्या बढ़ने से व्यापारी उत्साहित

पर्यटकों की बढ़ती संख्या से जहां आसपास के व्यापारी भी उत्साहित हैं। हालांकि उनका मानना है कि शासन और प्रशासन की उदासीनता न होती तो यहां की खूबसूरती में और भी चार चांद लगते हैं। यहां छुट्टी के दिनों नवरात्र, सावन मास, रविवार गर्मी की छुट्टियों में श्रद्धालुओं और देशी विदेशी सैलानियों की संख्या काफी अधिक बढ़ जाती है। इस स्थल में विकास की किरण पहुंचाने के साथ सीतामढ़ी को विश्व फेम बनाने वाली संस्था श्री सीता समाहित स्थल ट्रस्ट श्रद्धालुओं एवं सैलानियों की सुविधाओं के लिए काफी कुछ किया है।

पर्यटकों के लिए मौजूद सुविधाएं

सीतामढ़ी समाहित स्थल में तीन सितारा सुविधाओं वाला गेस्ट हाउस, सुंदर पार्क,हट, नौकायन की सुविधा के साथ शाम को फाउंटेन से निकलने वाली रंग बिरंगी लाइटों से टकरातीं जल की बूंदें लोगों को अपनी ओर खींच लेती है। इसके अलावा प्राचीन काल से महर्षि वाल्मीकि आश्रम मंदिर, संत उड़िया बाबा आश्रम और संत उड़िया बाबा,श्री सीता धाम बाबा आश्रम मंदिर, स्वयंभू बाबा धवासा नाथ महादेव मंदिर भक्तों और सैलानियों के लिए भक्तिभाव और पर्यटन के लिहाज से आकर्षण के केंद्र है‌।