*भदोही के ज्ञान सरोवर का है पौराणिक इतिहास, सरोवर में स्नान करने से कोढ़ हो जाता था खत्म*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।जिले के ज्ञान सरोवर का इतिहास काफी पुराना और पौराणिक है। प्राचीन काशी राज्य का एक हिस्सा आज का भदोही जनपद भी था, जो वाराणसी स्टेट के जमाने में भी जिला था।

कोढ़ जिसे आजकल लोग ज्ञानपुर कहते हैं कि यह भदोही का मुख्यालय था। कालांतर में जब राज्यों का विलीनीकरण हुआ और भदोही को क्रमशः मिर्जापुर और बाद में वाराणसी में मिला दिया गया, तब भी ज्ञानपुर तहसील मुख्यालय था जो बाद में 2 तहसीलों में विभाजित हुआ और भदोही को एक अलग तहसील बना दिया।

इसी ज्ञानपुर कोढ़ के मध्य में एक शंकर जी का प्राचीन मंदिर स्थित है जिसका इतिहास लगभग 250 वर्ष पुराना है। यह मंदिर ज्ञानपुर नगर के मध्य में स्थित ज्ञान सरोवर के पश्चिमी किराने पर पूर्वा विमुख है। इतिहास के पन्नों में यहां विशाल जंगल था, आज भी उन जंगलों का अवशेष देखा जा सकता है। जिसे सुंदरवन कहा जाता है।इन्हीं जंगलों के बीच बावड़ी के रुप में आज का ज्ञान सरोवर स्थित था। इसमें स्नान करने से उस समय कोढ़ जो एक बीमारी है वो दूर हो जाती थी।

उस समय कोढ़ जो एक बीमारी है वो दूर हो जाती थी। उस समय गांव गिराव में जिसे कोढ़ हो जाता था, उसे कोढ़ी कहा जाता था और गांव से बाहर कर दिया जाता था। कोढ़ रोग के कारण गंगा से बाहर किए गए लोग इस जंगल में आकर रहने लगे। भोजन के रुप में जंगली वनस्पति खाते थे और इसी बावड़ी में स्नान करते थें ‌इस बात का स्पष्ट प्रमाण तत्कालीन अभिलेखों में मिलता है कि इस बावड़ी में स्नान करने वाले कोढ़ रोग से मुक्त हो जाते थे। इस बात का प्रचार धीरे-धीरे समूचे उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य तक हो गया,जो लोग कोढ़ से पीड़ित थे, वो इस रोग से मुक्ति के लिए स्थान पर आते थे।

इसी कारण इसका नाम कोढ़ रखा गया। इसके बाद में गोपीगंज रेलवे स्टेशन का नाम भी कोढ़ रखा गया। कोढ़ अब ज्ञानपुर के नाम से विख्यात है। गोपीगंज स्टेशन का नाम भी बदलकर ज्ञानपुर रोड कर दिया गया। भयानक कोढ़ रोग से मुक्ति का प्रचार-प्रसार इतना बढ़ कि तमाम राजे रजवाड़े और जमींदारों का भी ध्यान उधर गया।

काशी नरेश के वंशज ने बनवाया हरिहरनाथ मंदिर

काशी नरेश के खानदान के हरिहर सिंह ने ज्ञानपुर के मध्य में शिवमंदिर का निर्माण कराया। उन्हीं के नाम पर इसका नाम हरिहरनाथ धाम पड़ गया। तकरीबन तीन सौ साल पुराने इस मंदिर के स्थापना काल की सटीक जानकारी नहीं मिलती है। मंदिर के बगल में एक प्राचीन कुआं भी स्थित है। स्थापना के समय ही यहां 12 भुजी पक्का तालाब भी खुदवाया गया था।

विश्व प्रसिद्ध कालीन नगरी भदोही में सावन के पवित्र महीने में हर दिन बड़ी संख्या में भक्त भगवान शिव शंकर की पूजा करने के लिए शिवालय में आते हैं। इस सावन के पवित्र महीने में, लोग दूर दूर तक भगवान भोलेनाथ की दर्शन और पूजा करते है। इनमे कुछ लोग बाबा अमरनाथ और कुछ काशी में भोलेनाथ के दर्शन करते हैं। कालीन नगरी भदोही में भगवान भोलेनाथ के कुल तीन सुप्रशिध्य मंदिर है।

लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए बाबा के दरबार में मन्नत मांगते हैं। पूरे देश में हजारों शिवालय हैं, और प्रत्येक शिवालय की अपनी मान्यताएं हैं। ऐसा ही एक शिव मंदिर विश्व प्रसिद्ध कालीन नगरी भदोही में ज्ञानपुर में स्थित है। जिसे "बाबा हरिहरनाथ" के नाम से जाना और पहचाना जाता है। यहां बाबा भोलेनाथ की विशेष कृपा है। मंदिर परिसर में आते ही लोग शांति महसूस करते हैं।

*सैलानियों को लुभा रही सीतामढ़ी की मनोरम छटा,इस साल देश विदेश से रिकार्ड 27 लाख 80 हजार पर्यटक यहां पहुंचे*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।जिले का धार्मिक व पर्यटन स्थल सीतामढ़ी सैलानियों की पहली पसंद बन गया है। देश विदेश से सैलानी सीतामढ़ी की छटा निहारने पहुंच रहे हैं। इस वर्ष सीतामढ़ी में रिकार्ड 23 लाख 78 हजार से ज्यादा सैलानियों का आगमन हुआ। वर्ष 2017 में पर्यटकों का आंकड़ा 11 लाख 76 हजार था।

जिले के अन्य पर्यटक स्थलों में महज चार लाख के आसपास पर्यटक पहुंचे। पूरे जिले में इस साल 27 लाख 80 हजार 789 पर्यटक पहुंचे।

सीता समाहित स्थल पर में साल दर साल सैलानियों में इजाफा होता जा रहा है। यह दुनिया का इकलौता ऐसा दो मंजिला भव्य सीता मंदिर है। जिसके दोनों तल में अलग-अलग मुद्राओं में सिर्फ सीता माता की दिव्य मूर्ति स्थापना है।

यहीं पर प्रसिद्ध 108 फीट ऊंचे भगवान हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित है,जो सैलानियों के आकर्षक का केंद्र होता है। इसके साथ ही प्राचीन सीता मंदिर, पहाड़ पर स्थापित भोले बाबा की जटा से निकलती जलधारा देख श्रद्धालु नतमस्तक होते हैं। त्रेतायुगीन गाथाओं की साक्षी सीतामढ़ी में मां गंगा की अविरलता धारा, पावन तट, माता सीता जी के हाथों से आरोपित विशाल सीतावट, सीता,केश वाटिका, सीता समाहित स्थल दिव्य और पावन भूमि त्रेतायुग के जीवंत उदाहरण है। यहां हर साल पर्यटक भारी संख्या पहुंचते हैं। इसमें दक्षिण भारतीय पर्यटक भी होते हैं।

पर्यटकों की संख्या बढ़ने से व्यापारी उत्साहित

पर्यटकों की बढ़ती संख्या से जहां आसपास के व्यापारी भी उत्साहित हैं। हालांकि उनका मानना है कि शासन और प्रशासन की उदासीनता न होती तो यहां की खूबसूरती में और भी चार चांद लगते हैं। यहां छुट्टी के दिनों नवरात्र, सावन मास, रविवार गर्मी की छुट्टियों में श्रद्धालुओं और देशी विदेशी सैलानियों की संख्या काफी अधिक बढ़ जाती है। इस स्थल में विकास की किरण पहुंचाने के साथ सीतामढ़ी को विश्व फेम बनाने वाली संस्था श्री सीता समाहित स्थल ट्रस्ट श्रद्धालुओं एवं सैलानियों की सुविधाओं के लिए काफी कुछ किया है।

पर्यटकों के लिए मौजूद सुविधाएं

सीतामढ़ी समाहित स्थल में तीन सितारा सुविधाओं वाला गेस्ट हाउस, सुंदर पार्क,हट, नौकायन की सुविधा के साथ शाम को फाउंटेन से निकलने वाली रंग बिरंगी लाइटों से टकरातीं जल की बूंदें लोगों को अपनी ओर खींच लेती है। इसके अलावा प्राचीन काल से महर्षि वाल्मीकि आश्रम मंदिर, संत उड़िया बाबा आश्रम और संत उड़िया बाबा,श्री सीता धाम बाबा आश्रम मंदिर, स्वयंभू बाबा धवासा नाथ महादेव मंदिर भक्तों और सैलानियों के लिए भक्तिभाव और पर्यटन के लिहाज से आकर्षण के केंद्र है‌।

*सज गए शिवालय, दो महीने तक बम-बम बोलेंगे भक्त*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही ।पवित्र श्रावण मास को लेकर मंदिर सज गए हैं। शिवालयों में भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस साल सावन में 19 साल बाद सावन का अद्भुत संयोग बन रहा है। इस बार सावन आठ सोमवार के साथ 59 दिनों होगा। अधिमास लगने के कारण यह संयोग बना हैं। दो महीने के सावन होने से महादेव के भक्त प्रफ्फुलित हैं। मंगलवार से दो महीने तक शिवालय हर-हर महादेव के उद्धोष से गुंजायमान रहेंगे।

जिले में भी बाबा के भक्त सावन की तैयारियों में जुट गए हैं। कोई बैजनाथ धाम तो कोई बाबा बर्फानी के दर्शन को निकल चुका है। महादेव के भक्त बड़ी संख्या में बाबा विश्वनाथ जलाभिषेक करने भोलेनाथ की नगरी काशी पहुंचते हैं। जिले में ज्ञानपुर स्थित सिद्धपीठ बाबा हरिहरनाथ, गोपीगंज स्थित बाबा बड़े शिव मंदिर ओर तिलेश्वरनाथ महादेव के साथ ही विंध्य, प्रयाग और काशी के मध्य गंगा किनारे बसे बाबा सेमराध धाम की पावन धरा पर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। पूरे सावन मास तक यहां हर-हर महादेव के उद्धोष सुनाई देते रहते हैं। इन शिवालयों में भक्ताें की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। शिव भक्तों को दर्शन पूजन और जलाभिषेक में कोई परेशानी न आए। इसकी विशेष व्यवस्था की गई।

19 साल बाद बना है शुभ संयोग

आचार्य शरद पांडेय ने बताया कि यह महीना शिव भक्तों को समर्पित है। इस पवित्र महीने में भगवान शिव की उपासना की जाती है। सावन के महीने में हर एक सोमवार को भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है। बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार सावन का महीना करीब 2 महीने का होने वाला है। सावन मास की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से होगी और 31 अगस्त 2023 तक रहेगा। यानी इस बार भक्तों को भगवान शिव की उपासना के लिए कुल 58 दिन मिलने वाले हैं। बताया कि चार से 17 जुलाई और 17 अगस्त से 31 अगस्त तक शुद्ध सावन मास होगा। इस बीच 18 से 16 अगस्त के बीच अधिक मास रहेगा। अधिक मास मिलाकर आठ सोमवार होगा। बताया कि यह शुभ संयोग 19 साल बाद बना है। 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिकमास रहेगा। बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव पर धतूरा, बेलपत्र चावल चंदन, शहद आदि जरूर चढ़ाना चाहिए। सावन के महीने में की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं।

*देश में लाॅन्च हुआ 6 जी अलायंस, वर्ष 2030 तक तकनीक में महारत हासिल करने की योजना*


नितेश श्रीवास्तव

भविष्य की 6 जी तकनीक के लिए भारत ने अभी से कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। राजधानी दिल्ली में केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत 6 जी गठजोड़ की घोषणा की।

इससे तहत टेलीकॉम क्षेत्र के सभी हितधारक एक छत के नीचे आकार न‌ई तकनीक की दिशा में काम करेंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस समूह की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि 5 जी दुनिया के साथ आगे बढ़ा है लेकिन 6 जी हमारा लक्ष्य है कि दुनियाभर में हम सबसे आगे रहें। इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत 6 जी विजन लाॅन्च किया था। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत अब दूरसंचार प्रौद्योगिकी का निर्यातक बन चुका है और इससे पास पहले से ही 6 जी प्रौद्योगिकी से जुड़े 200 पेंटेंट हो चुके हैं।

क्या है यह समूह

6 जी गठजोड़ उद्योग जगत के नेतृत्व वाली संस्था होगी। इसमें सरकारी के साथ - साथ निजी क्षेत्र की कंपनियां भी शामिल रहेगी। साथ ही शैक्षणिक और शोध संस्थानों के भी प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस संस्था का काम होगा कि 6 जी के इस्तेमाल से जुड़ी बारीकियों का अध्ययन करे। समूह 6 जी उपकरण तैयार करेगा।

सभी क्षेत्रों के लिए उपयोगी

6 जी तकनीक का इस्तेमाल रोबोटिक सर्जरी, आनलाईन ट्रीटमेंट जैसी स्वास्थ्य जरुरतों में होगा। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में स्मार्ट क्लास के डिस्टेंस एजुकेशन के क्षेत्र में ये तकनीक इस्तेमाल में लाई जाएगी।

दुनिया के लिए 6 जी मायने*

इंटरनेट नेटवर्क की छठी पीढ़ी दुनिया को सबसे तेज इंटरनेट सेवा देगी।

5 जी स्पीड 10 जीबीपीएस है,6 जी की स्पीड 1000 जीबीपीएस तक होंगी।

5 जी की तुलना में एकसाथ करीब दस गुना अधिक डिवाइस जुड़ जाएगी।

हाई क्वालिटी वीडियो 142 घंटे का एक सेकंड में ही डाउनलोड हो सकेगा।

ढाई घंटे की एचडी मूवी 6 जी के जरिए एक सेकंड में डाउनलोड हो सकेगी।

*कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों को किया चिह्नित*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। गर्भवती महिलाएं व बच्चों को कपोषण का शिकार होने से रोकथाम को जिले को जिले में संभव अभियान चल रहा है। अभियान के तहत जिले में अब तक 19857 बच्चों का क्रिरीनिंग किया जा चुका है।

इसमें 122 बच्चे सैम व 1245 मैम ( मध्यम गंभीर कुपोषण) की श्रेणी में मिले हैं। एक जून से शुरू हुआ अभियान सितंबर माह तक चलेगा। अभियान में पहली बार 500 की थीम जोड़ी गई है।

इसके तहत गर्भवती व छह माह से कम आयु के बच्चों पर विशेष ध्यान देते हुए थम पर आधारित गतिविधियों का आयोजन समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर होगा। पांच वर्ष के बच्चों में कुपोषण की पहचान कर उन्हें सुपोषित करने पर ध्यान दिया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी मंजू

*काशी-प्रयाग के मध्य इतिहास को समेटे है सेमराधनाथ धाम, कुएं में विराजमान है स्वयंभू*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही इस साल सावन में 19 साल बाद सावन का अद्भुत संयोग बन रहा है। इस बार सावन आठ सोमवार के साथ 59 दिनों होगा। अधिमास लगने के कारण यह संयोग बना हैं। दो महीने के सावन होने से महादेव के भक्त प्रफ्फुलित हैं। मंगलवार से दो महीने तक शिवालय हर-हर महादेव के उद्धोष से गुंजायमान रहेंगे।काशी- प्रयाग और विंध्य के मध्य भदोही में गंगा के तट पर स्थित प्राचीन बाबा सेमराधनाथ धाम का अद्भुद शिवलिंग इतिहास को खुद में समेटे है। जमीन से करीब 15 फीट नीचे कुएं में विराजमान स्वयंभू सेमराधनाथ में देश का पांचवां कुंभ मेला लगता है ।

जिसका उल्लेख श्रीमद्भागवत सहित अन्य कई पुराणों में मिलता है। यहां हर सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। सावन के तेरस को बड़ी संख्या में कावंरिया जलाभिषेक करने आते हैं। जिले के जंगीगंज कस्बे से 13 किलोमीटर दक्षिण और सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी से 15 किलो मीटर पूरब उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर स्वयंभू बाबा सेमराधनाथ मंदिर स्थित है। पुराणों और ग्रंथों में इसे उप ज्योतिर्लिंग की संज्ञा दी गई है।

इस मंदिर का उल्लेख पद्म पुराण, शिव पुराण, लिंग पुराण सहित श्रीमद्भागवत के दशम स्कंद में भी मिलता है। मान्यता है कि कालांतर में भगवान शिव की प्रेरणा से एक व्यापारी ने जब सेमराध स्थित इस स्थल की खुदाई प्रारंभ की तो जमीन से 15 फिट नीचे एक अद्भुत और चमत्कारिक शिवलिंग मिला ।इसका आकर एक मीटर लंबा तथा आधे मीटर मोटे व्यास में है,जो बाई ओर थोड़ा झुका था। वैसे वर्ष भर दर्शनार्थियों से प्रांगण गुलजार रहता है लेकिन सावन में शिवालय का महात्मय बढ़ जाता है। तेरस के दिन बड़ी संख्या में कांवरिये और श्रद्धालु बाबा सेमराध का जलाभिषेक करते हैं।

*भदोही में पुलिस ने 125 खोये या गिरे मोबाइल बरामद कर मालिकों को सौंपा*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जनपद में गूरूपूर्णिमा के मौके पर कुल 125 मल्टीमीडिया मोबाइल सेट बरामद करने के बाद मोबाइल के मालिकों को सुपुर्द किया। अपना खोया मोबाइल पाकर लोगों के चेहरे पर खुशी देखी गई और लोगों ने पुलिस को धन्यवाद दिया। पुलिस द्वारा कई माह के कठिन मेहनत के बाद खोये या गिरे मोबाइल को बरामद करने में सफलता प्राप्त की।

बरामद मोबाइल की कीमत करीब 20.50 लाख बताई गई। भदोही जनपद के पुलिस लाइन्स में लोगों को मोबाइल सुपुर्द किया गया। भदोही जनपद के अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती ने लोगों को मोबाइल सुपुर्द किया। अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती ने सभी को गुरूपुर्णिमा पर बधाई दी।

*माह भर में 36 अपराधियों की खुली हिस्ट्रीशीट*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कालीन नगरी में आपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए अपराधियों पर सख्ती जारी है। एसपी डॉ. अनिल कुमार की संस्तुति पर लूट, हत्या, तस्करी सहित अन्य मामलों में वांछित 36 आरोपियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई। जून महीने में यह कार्रवाई की गई।मुख्यमंत्री की ओर से अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर जिले की पुलिस लगातार अपराधियों पर सख्त है।

गैंगस्टर, हिस्ट्रीशीटर से लेकर इनामी बदमाशों तक पर शिकंजा कसा जा रहा है। जून में एक साथ कई अपराधियों पर कार्रवाई की गई। इसमें भदोही, ऊंज, ज्ञानपुर, औराई, सुरियावां, दुर्गागंज, चौरी, गोपीगंज, कोइरौना थाने से जुड़े अपराधी शामिल हैं। सभी हत्या, लूट, डकैती, मादक पदार्थ और गौ तस्करी में संलिप्त हैं। सभी के खिलाफ छह से लेकर दर्जन भर से अधिक मुकदमे जिले और दूसरे जनपदों में दर्ज हैं।

पुलिस कप्तान डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि संगठित होकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वालों पर सख्ती की जा रही है। उन्होंने बताया कि पशु तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले कुल 36 की हिस्ट्रीशीट खोली गई है। इसमें कुछ के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि कोइरौना में दो, गोपीगंज में 10, भदोही में आठ, सुरियावां में सात, दुर्गागंज में दो सहित कुल 36 बदमाशों पर निगरानी बढ़ाई गई है। इसके लिए संबंधित थाने के उप निरीक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि आपराधिक घटनाओं में संलिप्त लोगों को पुलिस नहीं बख्शेगी।

*24 घंटे में एक मीटर बढ़ा गंगा का जलस्तर*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सूबे में हो रही मानसूनी बारिश से गंगा का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। 24 घंटे में करीब एक मीटर तक पानी बढ़ गया है। इससे गंगा के किनारे रहने वाले बाशिंदो की धड़कन भी बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर बढ़ के मद्देनजर प्रशासनिक तैयारी भी तेज हो गई है। 22 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। इसके अलावा सभी विभाग के अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। पहाड़ी क्षेत्राें संग जिले में चार दिनों से हो रही बारिश के कारण सूखे ताल तलैया भरने लगे हैं। वहीं वरूणा, मोरवां नदी में भी पानी भर गया है।

गंगा का जलस्तर भी अब धीरे-धीरे बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा के जलस्तर में 24 घंटे में एक मीटर की बढ़ोत्तरी हुई हैl। गंगा प्रति घंटा एक सेटींमीटर की रफ्तार से बढ़ रही हैं। गंगा के जल स्तर में लगातार वृद्धि से गंगा के तटवर्ती लोगों है। रामपुर घाट निवासी राजेंद्र निषाद ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ा जरूर है, लेकिन अभी गंगा का पानी घाट की सीढ़ियों से दूर है, लेकिन गंगा के किनारे बसे गांव के लोग सचेत हो गए हैं। जलस्तर बढ़ने से रामपुर घाट, सीतामढ़ी घाट, बिहरोजपुर घाट पर नाव बांधने के लिए नाविक दूसरा स्थान खोजने लगे हैं। जलस्तर 66.850 मीटर दर्ज किया गया है। एडीएम कुंवर वीरेंद्र मौर्य ने कहा कि संभावित बाढ़ के मद्देनजर शिविर में रखने वाले लोगों को जरूरी सामानों की आपूर्ति के लिए निविदा डाली गई है। 22 बाढ़ चौकी की स्थापना संग स्वास्थ्य, पशुपालन, नहर और राजस्व विभाग के अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।

*कांवर यात्रा की खरीदारी के लिए सजे बाजार*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पवित्र सावन माह को लेकर कालीन नगरी में बाजार सज गए हैं। चार जुलाई से शुरू हो रहे सावन को लेकर शिवभक्त कांवर ड्रेस सहित अन्य जरूरी सामानों की खरीदारी में जुट गए हैं। महंगाई का असर बोल बम के कपड़ों पर भी दिख रहा है। पिछले साल की अपेक्षा 10 से 15 फीसदी कीमतों में इजाफा हुआ है। भगवान भोलेनाथ के प्रिय माह सावन में शिवभक्त कांवरिया लेकिन शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं।

चार जुलाई से शुरू हो रहे सावन को लेकर शिवभक्त अभी से खरीदकर करने में जुट गए हैं। ज्ञानपुर, गोपीगंज, सुरियावां, मोढ़, दुर्गागंज, भदोही आदि बाजारों में कांवर के सामान, कांवरिया ड्रेस खरीदने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। पीला रुमाल 60 रुपए लेकर 150 तक,100 से लेकर 400 रुपए का कांवरियों का ड्रेस मिल रहा है। 50 से लेकर 350 तक कांवर बाजारों में बिक रहा है। पिछले साल की अपेक्षा अबकी बार 10 से 15 फीसदी सामान महंगे हो गए है। ज्ञानपुर पुरानी कलेक्ट्रेट मार्ग की दुकानदार संतोष देवी ने बताया कि अबकी बार बेहतर व्यापार की उम्मीद है।