बिहार कैबिनेट की बैठक खत्म, इन 7 महत्वपूर्ण एजेंडो पर लगी मुहर


डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मंगलवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। जिसमें 7 एजेंडो को मंजूरी दी गई है।

राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में उद्योग विभाग के तहत बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2023 को स्वीकृति दे दी गई है। जबकि बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन( वस्त्र एवं चर्म) नीति 2022 का अवधि विस्तार 30 जून 2024 तक करने का निर्णय लिया गया है।

भवन निर्माण विभाग के अतर्गत विभिन्न श्रेणी के कुल पांच पदों के सृजन तथा आशुलिपिक के अनावश्यक कुल 53 पदों को विलोपित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही साथ सरकार ने बिहार वास्तिविद सेवा नियमावली 2014 में संशोधन करते हुए संविदा पर बहाल हुए नियोजित कर्मियों को नियमित करने का फैसला लिया है।

सरकार ने राष्ट्रीय बचत कार्यालयों में आशुलिपिक संवर्ग के स्वीकृति 8 पदों में से आशुलिपिक ग्रेड 2 के 2 पदों को समायोजित करते हुए अंकेक्षण निदेशालय में आशुटंकक संवर्ग के पदों को मूल कोटि एवं प्रोन्नोत्ति के पदों में वर्गीकृत करने तथा राष्ट्रीय बचत आशुलिपिक संवर्ग के शेष 6 पदों को प्रत्यर्पित किया है।

वहीं भारत सरकार द्वारा तैयार एवं अधिसूचित अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी अधिनियम 2019 की धारा 38 के अधीन बिहार अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियमावली 2023 को बिहार राज्य में अंगीकृत किए जाने की स्वीकृति दी गई है।

इसके साथ ही साथ स्वास्थ्य विभाग के तहत सरकार ने विदेशी आयुर्विज्ञान स्नातकों को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग नई दिल्ली के दिशा निर्देशों के आलोक में राज चिकित्सा परिषद में निबंध के क्रम में इंटर्नशिप के लिए राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों एवं अस्पतालों में इंटरशिप की सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है।

तेजस्वी के खिलाफ सीबीआई द्वारा चार्जशीट दायर करने पर गरमाई बिहार की सियासत, बीजेपी और महागठबंधन के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु

डेस्क : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ गई है। नौकरी के बदले जमीन मामले में सोमवार को सीबीआई ने इस मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अभियुक्त बनाते हुए नई दिल्ली के रॉउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायालय में दूसरी चार्जशीट दायर की। तेजस्वी के अलावा तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत 16 अन्य को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इसमें रेलवे के कुछ पूर्व अधिकारियों के भी नाम अभियुक्तों की लिस्ट में शामिल हैं।

इधर इस मामले को लेकर बिहार की सियासत गरम हो गई है। प्रदेश की सत्तासीन और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है।  

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने इस मामले को लेकर सीधे-सीधे बीजेपी और केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने आज मंगलवार को कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हमेशा से सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरूपयोग करती रही है. अब जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र में राजद प्रमुख लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम को शामिल करने से यह फिर से सिद्ध हुआ है।

कहा कि अगस्त 2022 में जब बिहार में तेजस्वी यादव महागठबंधन में शामिल हो गए तो जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में आरोप पत्र दायर किया जा रहा है। वहीं इसी मामले में पहले ही दो बार सीबीआई ने जांच की और आरोपों को खारिज कर दिया। ऐसे में यह हर कोई जानता है कि केंद्र क्या कर रहा है। जनता सब कुछ देख रही है कि कैसे सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का दुरूपयोग हो रहा है। 

वहीं आरजेडी प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि यह बीजेपी की बौखलाहट है, जिसके कारण वह विपक्ष को परेशान करने के लिए सीबीआई, ईडी, आईटी जैसी केन्द्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। जिस दिन बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी, उसी दिन से तेजस्वी भाजपा के आंख की किरकिरी बने हुए हैं। देश की जनता सब कुछ देख रही है और समय आने पर इसका माकूल जवाब देगी।

वहीं दूसरी ओर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सीबीआई द्वारा ‘नौकरी के बदले जमीन घोटाला’ मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया गया है। जिसके सारे दस्तावेज ललन सिंह ने ही तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उपलब्ध कराया था।

इस जमीन घोटाले का संबंध तेजस्वी यादव के नई दिल्ली स्थित 150 करोड़ के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी डी-1088 के बंगले से है जिसे तेजस्वी यादव ने एबी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से मात्र 4 लाख में खरीद लिया था। इस पूरे मामले में तेजस्वी यादव से कई बार पूछताछ हो चुकी है तथा लालू प्रसाद, राबड़ी देवी व मीसा भारती पहले से चार्जशीटेड हैं।

शिक्षक नियुक्ति नियमावली में हुए बदलाव को मुख्य सचिव ने किया स्पष्ट, कहा- दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ

डेस्क : बिहार में शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल की अनिवार्यता को समाप्त किये जाने को लेकर बवाल मचा है। बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। इसे लेकर पिछले दिनों राजधानी पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था। 

इस इस मामले को लेकर बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने नियमावली को लेकर साफ किया है कि शिक्षक नियुक्ति में देश के सभी राज्यों के अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा। सिर्फ बिहार के स्थायी निवासी को ही मौका देना असंवैधानिक होगा। इसलिए शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बिहार के निवासी होने की शर्त हटा दी गई है। 

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। आरक्षण सिर्फ बिहार के स्थायी निवासियों को ही मिलेगा।

मुख्य सचिव ने सोमवार को पुराना सचिवालय के सभागार में बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा की जा रही शिक्षक नियुक्ति में बिहार राज्य के स्थायी निवासी की शर्त हटा दी गई है। इस शर्त को रखना व्यावहारिक और कानूनन संभव भी नहीं है। आर्टिकल 16 में बिल्कुल स्पष्ट है कि राज्य के अधीन किसी नियोजन एवं पद पर जन्म स्थान या निवास स्थान आदि के आधार पर कोई नागरिक अपात्र नहीं होगा।

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की बढ़ी मुश्किलें, सीबीआई ने इस मामले में अभियुक्त बनाते हुए कोर्ट में दायर की चार्जशीट

डेस्क : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ गई है। नौकरी के बदले जमीन मामले में सोमवार को सीबीआई ने इस मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अभियुक्त बनाते हुए नई दिल्ली के रॉउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायालय में दूसरी चार्जशीट दायर की। 

तेजस्वी के अलावा तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत 16 अन्य को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इसमें रेलवे के कुछ पूर्व अधिकारियों के भी नाम अभियुक्तों की लिस्ट में शामिल हैं।

100 पन्नों से अधिक की इस चार्जशीट में सीबीआई ने पूरे मामले में तीन दर्जन से अधिक लोगों को रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप-डी में नौकरी देने के नाम पर जमीन-जायदाद लिखवाने की बात कही गई है। 

सीबीआई ने इस मामले में 18 मई 2022 को दायर पहली चार्जशीट में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनकी दो बेटियों मीसा भारती समेत अन्य समेत 16 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। वहीं, दूसरी चार्जशीट में तेजस्वी यादव को भी अभियुक्त बनाया गया है। नए सिरे से दाखिल इस आरोपपत्र पर सुनवाई की तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन पूर्व में दायर आरोपपत्र पर 12 जुलाई को सुनवाई होनी है।

सीएम नीतीश कुमार पर लिखी गई पुस्तक का राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने किया विमोचन, महाराष्ट्र की राजनीति में हुए बदलाव पर कही यह बात

डेस्क : राजद सुप्रीमो लालू यादव आज सोमवार को पटना के ज्ञानभवन पहुंचे। जहां उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर लिखी गई पुस्तक ‘अतरंग दोस्तों की नज़र से- नीतीश कुमार’ का लोकापर्ण किया। वहीं इस दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। 

लालू प्रसाद ने महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी एनसीपी में हुए टूट के सवाल पर शरद पवार का साथ देते हुए कहा कि, शरद पवार एक मजबूत नेता हैं, उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। 

वहीं उन्होंने भाजपा नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि, शरद पवार के साथ जो भी हुआ है हम उसका बदला ले कर रहेंगे। लालू यादव ने कहा कि, हम लोग भाजपा का सफाया कर के रहेंगे।

वहीं, महाराष्ट्र में हुई घटना बिहार में भी होगी। इसलिए नीतीश कुमार इन दिनों अपने विधायकों से मिल रहे हैं। सुशील कुमार मोदी के इस बयान पर लालू यादव ने कहा कि, कौन हैं सुशील मोदी, क्या है सुशील मोदी। साफ तौर पर लालू यादव ने यही कहा कि उनके नजरों में सुशील मोदी कुछ भी नहीं हैं और वह उनकी बातों पर तवज्जो नहीं देते हैं। 

बता दें बीते रविवार को महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलट फेर हुआ। शरद पवार की पार्टी एनसीपी में बड़ा टूट हुआ। पार्टी के वरिष्ठ नेता व शरद पवार के भतीजे अजित पवार पार्टी की बड़ी संख्या में विधायको को लेकर प्रदेश की शिंदे सरकार में शामिल हो गए। उन्हें डिप्टी सीएम का पद मिला है। जिसके बाद बिहार की राजनीति भी गरम है। यहा बीजेपी और विपक्ष के बीच बयानबाजी का दौर जारी है।

जनता के दरबार में महिला की शिकायत सुनकर गरम हुए सीएम नीतीश कुमार, फौरन एडीजी को किया तलब

डेस्क : आज महीने के पहले सोमवार को एकबार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में हाजिर होकर फरियादियों की शिकायत सुन रहे है। 

वहीं फरियादियों की शिकायत पर संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दे रहे है।  

वहीं जनता के दरबार में एक पीड़ित महिला ने शिकायत सुनकर मुख्यमंत्री ने एड़ीजी को फौरन तलब किया। जिसके बाद एडीजी मुख्यालय भागे-भागे मुख्यमंत्री के पास पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महिला की शिकायत को सुनिए और आवश्यक कार्रवाई करिए। 

सिवान से आई एक महिला ने सीएम नीतीश से कहा कि केस दर्ज करने पर धमकी दे रहा है। इसके बाद सीएम नीतीश ने फोन लगाकर कहा कि मामले को तत्काल देखिए। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के अफसर को फोन लगाकर कहा कि सिवान से महिला आई हैं। प्रियंका कुमारी। ये कह रही हैं कि इन्होंने केस किया तो इनको धमकी मिल रही है। इसको देखिए जरा। 

वही सिवान से आई दूसरी महिला ने भी केस करने पर धमकी देने का आरोप लगाया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारी को फोन लगाकर कहा कि जरा देखिए इसको। केस करने पर केस वापस लेने की धमकी दे रहा है। वापस नहीं लेने पर जान से मारने की धमकी दे रहा है। तत्काल इस मामले को देखिए। यह 2021 का मामला है।

जनता के दरबार में हाजिर है सीएम नीतीश कुमार, फरियादियों की शिकायत सुन उसपर कार्रवाई का दे रहे निर्देश

डेस्क : आज महीने के पहले सोमवार को एकबार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के दरबार में हाजिर होकर फरियादियों की शिकायत सुन रहे है। 

वहीं फरियादियों की शिकायत पर संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दे रहे है।  

आज महीने का पहला सोमवार होने के नाते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष गृह, पुलिस, राजस्व एवं भूमि सुधार, सामान्य प्रशासन आदि विभागों से जुड़ी समस्याएं लोग रखें रहो है। जिसपर सीएम तत्काल समस्याओं का निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश पदाधिकारियों को दे रहे है।

महाराष्ट्र में एनसीपी की टूट पर बिहार में सियासी घमासान, बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच बयानबाजी का दौर शुरु

डेस्क : बीते रविवार को महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलट फेर हुआ। शरद पवार की पार्टी एनसीपी में बड़ा टूट हुआ। पार्टी के वरिष्ठ नेता व शरद पवार के भतीजे अजित पवार पार्टी की बड़ी संख्या में विधायको को लेकर प्रदेश की शिंदे सरकार में शामिल हो गए। उन्हें डिप्टी सीएम का पद मिला है। 

इधर एनसीपी में टूट पर बिहार में सियासी वार-पलटवार शुरू हो गया है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने कहा है कि प्रधानमंत्री का जो विरोध करेंगे, उनका यही हश्र होगा। दूसरी ओर महागठबंधन के नेताओं ने पलटवार किया कि भाजपा को लोकतंत्र में विश्वास नहीं रहा। वह जनता के भरोसे नहीं, बल्कि जोड़-तोड़ के सहारे सत्ता हासिल करना चाहती है।

महाराष्ट्र में एनसीपी की टूट पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का परिणाम है, जिसमें राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी। उन्होंने दावा किया कि बिहार में भी महाराष्ट्र-जैसी स्थिति बन सकती है, इसे भांपकर नीतीश कुमार ने विधायकों से अलग-अलग (वन-टू-वन) बात करना शुरू कर दिया। जदयू के विधायक-सांसद न राहुल गांधी को स्वीकार करेंगे, न तेजस्वी यादव को। पार्टी में भगदड़ की आशंका है। जदयू यदि महागठबंधन में रहा, तो टिकट बंटवारें में उसके हिस्से लोकसभा की 10 से ज्यादा सीटें नहीं आएंगी और कई सांसदों पर बेटिकट होने की तलवार लटकती रहेगी।

वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में एनसीपी की टूट को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुंगेर सांसद ललन सिंह ने भाजपा को निशाने पर लिया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि भाजपा का यही खेल होता है। वह जनता की ताकत पर भरोसा नहीं करती है। जोड़-तोड़ पर विश्वास करती है। पर जनता की ताकत पर सब दिन उनको झटका लगेगा। इस सवाल पर कि क्या बिहार में भी भाजपा इस तरह की कोशिश करेगी, ललन सिंह ने कहा कि बहुत कोशिश कर चुके हैं। भाजपा को सबदिन झटका ही लगेगा।

राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक घटनाक्रम पर कहा कि प्रधानमंत्री को विपक्षविहीन लोकतंत्र चाहिए। रविवार को वीडियो संदेश जारी कर उन्होंने कहा कि अजीत पवार का उपमुख्यमंत्री बनना और नौ मंत्री बनाया जाना किसी व्यक्ति का निर्णय नहीं है। ये तो स्पष्ट हो गया कि एक बड़ी स्क्रिप्ट लिख रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री और उनकी कोर टीम खुद जिम्मेवार है। उन्होंने भोपाल से इशारा किया था कि एक भी भ्रष्टाचारी छोड़ा नहीं जाएगा। तो, ये इनका तरीका है भ्रष्टाचार के आरोप में घेरकर, एजेंसी से दबाव बनवाकर, यही काम उन्होंने भोपाल से किया और इसकी परिणति आज हम महाराष्ट्र में देख रहे हैं। इडी-आईटी का दबाव बनाकर राजनीतिक फैसले बदलवाते हैं, ये स्वयं प्रधानमंत्री के लिए चिंता का विषय होना चाहिए, क्योंकि रथ का पहिया पलट रहा है। इन एजेंसियों की किस तरह की कार्यशैली हो गयी है। यह सब कुछ तबाह कर देंगी।

*मौसम अलर्ट : राज्य के छह जिलों में भारी व छह जिलों में होगी अतिभारी बारिश, पूरे राज्य में गरज के साथ हो सकता है वज्रपात

डेस्क : पिछले चार-पांच दिनों से राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में मानसून मेहरबान है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन-चार दिनों तक यह जारी रहेगी। इस दौरान राज्यभर में चार जुलाई तक गरज तड़क और वज्रपात का अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विभाग ने छह जुलाई तक बारिश और वज्रपात की गतिविधियां बने रहने के आसार जताए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार सोमवार को राज्य के छह जिलों में भारी व छह जिलों में अतिभारी बारिश होगी। इस दौरान राज्यभर में आंशिक से मध्यम बारिश हो सकती है। 

राज्यभर के लिए वज्रपात और मेघ गर्जन का अलर्ट है। कहीं-कहीं हवा की गति 30 से 40 किमी प्रतिघंटे रह सकती है। पटना जिले में भी मंगलवार तक बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी। मौसम विभाग की ओर से देर शाम अरवल, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, लखीसराय, मुंगेर, नालंदा, नवादा, पटना, रोहतास और शेखपुरा में मेघ गर्जन, वज्रपात और बारिश का तीन घंटे का तात्कालिक अलर्ट जारी किया गया।

बताते चले कि पिछले तीन दिनों से पटना सहित राज्य के कई जिलों में मानसूनी बादल झमाझम बरस रहे हैं। उत्तर बिहार में कहीं अतिभारी तो कहीं भारी बारिश का सिलसिला 27 जून से ही बना हुआ है। बादलों का प्रसार होने से अब दक्षिण बिहार में भी बारिश की स्थिति बेहतर हुई है। इससे खेती की गतिविधियां तेज हुई हैं। हालांकि अब भी राज्य भर में बारिश की 31 प्रतिशत कमी बनी हुई है।

दरभंगा में तटबंध सुरक्षा में बालू की जगह मिट्टी भरे बोरे पाये जाने पर गरमाई प्रदेश की सियासत, विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला

डेस्क : दरभंगा में बाढ़ से बचान को लेकर तटबंध की सुरक्षा के लिए बालू की जगह बोरों में मिट्टी भरी पाई गई थी। जिसके बाद विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए दो इंजनियर को सस्पेंड कर दिया गया था। इधर बालू की जगह मिट्टी भरे बोरे मिलने के बाद प्रदेश की सियासत गरम हो गई है। विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए सरकार पर हमला बोला है।

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने दरभंगा में तटबंध सुरक्षा में बालू की बोरे की जगह मिट्टी के बोरे पाये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार के दावों की पोल खुल गई है।

उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष बरसात शुरू होने के पहले राज्य के सभी तटबंधों पर मरम्मती और बाढ़ निषेधात्मक कार्य कराये जाते हैं। इसमें करोड़ों रुपये व्यय होता है। लेकिन दरभंगा में तटबंध निरीक्षण में वास्तविक स्थिति का पता चला है। बालू की जगह मिट्टी औऱ पत्थर के जगह दूसरे सामग्री का उपयोग अन्य जगहों पर भी किया जा रहा है। लेकिन सरकार इससे सबक लेने के बदले काम अच्छा होने का ढिढोरा पीट रही है। अभी तो बाढ़ आना बाकी है। राज्य की जनता उस समय देखेगी कि किस प्रकार का लूट जल संसाधन विभाग के लोगों द्वारा किया गया है।

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के तकरीबन सभी योजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि नल जल, गंगा जल, जल जीवन हरियाली, अस्पतालों का मिशन 60,प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास ,भवन निर्माण,शराब वंदी, बालू खनन सहित राज्य की सभी योजनाओं में भ्रष्टाचार का बोलबाला हो गया है और कार्य में खानापूरी कर राशि की निकासी कर ली जाती है। उपर से नीचे तक राशि का बंदरबांट होता है। आज सरकार अपने किसी भी योजना के बारे में यह बताने में सक्षम नहीं है कि अमुक योजना में शत प्रतिशत राशि व्यय हुआ है और इसमें भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। 

उन्होंने कहा कि बिहार के लोग अवगत हैं कि किस प्रकार 2015-17 की महागठबंधन सरकार में चूहों ने बाँध में छेद कर दिया था। जिससे बाढ़ आ गई थी। थाने में जप्त कर रखी शराब की बोतल में से चूहों ने शराब पी ली थी। वही महागठबंधन सरकार फिर से बिहार में है। यहाँ अपराधियों औऱ भ्रष्टाचारियों में कम्पटीशन है।

सिन्हा ने कहा कि योजनाओं की देखभाल और निगरानी करने बाले लोग खुद एजेंसी और अभिकर्ता से मिलकर कार्य की गुणवत्ता से समझौता कर लेते हैं। अभी सुल्तानगंज अगवानिघाट पुल ध्वस्त होने के जिम्मेदार अधिकारी को तो पहले सरकार द्वारा हटा दिया गया। लेकिन कुछ दिन के बाद उन्हें पुल निगम में ही निगरानी का प्रभार सौंपा गया। यह दर्शाता है कि सरकार इन मामलों में लीपापोती में लगी है। मुख्यमंत्री जनता दरबार में शिकायतों का अंबार लगा रहता है पर समाधान नहीं हो पाता है।

सिन्हा ने कहा कि राज्य की जनता इस सरकार से निराश और परेशान है। यदि सरकार में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो आगामी लोकसभा चुनाव के साथ बिहार विधानसभा का चुनाव कराये। ताकि राज्य को राजनीतिक अस्थिरता से मुक्ति मिल सके। अभी चोर दरवाजे से आकर सरकार बनाने के कारण इनका इकबाल धराशायी हो गया है।