*जर्जर भवनों में कार्यालय, खतरे में कर्मचारी*
भदोही- जनपद सृजन को 29 साल गुजर गए, लेकिन अब भी कई सरकारी कार्यालय जर्जर हैं और किराए के भवनों में चल रहे हैं। अधिकारी और कर्मचारी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करने के लिए मजबूर हैं। अधिकारी तक ऐसे दफ्तरों की सुधि नहीं ले रहे हैं। ऐसे एक या दो नहीं करीब पांच से छह दफ्तर हैं जो टीनशेड एवं जर्जर भवनों में चल रहे है।
बारिश शुरू हो गई है। ऐसे में जर्जर भवनों में चलने वाले सरकारी दफ्तरों के कर्मचारियों की धड़कनें भी बढ़ गई है। ज्ञानपुर नगर के खादी आश्रम गली में डेढ़ दशक से संचालित हो रहे अल्पसंख्यक कार्यालय में कर्मचारी जान को जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। भवन काफी जर्जर हो गया है। यहां कार्य करने और आने वाले लोग सहमे रहते हैं।पुरानी कलेक्ट्री स्थित डीएसओ, विपणन, डीएचओ कार्यालयों की हालत देखने भर से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार कार्यालय और कॉलोनियों को लेकर कितने चिंतित हैं। अल्पसंख्यक कार्यालय के कर्मचारियों ने बताया कि बारिश में पानी टपकता है। कई साल से नए भवन के लिए चिट्टी लिखी जा रही है, लेकिन अब तक व्यवस्था नहीं हो सकी।
जिले में सरकारी दफ्तर ही नहीं कई अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और आयुर्वेदिक अस्पताल के भवन भी जर्जर है। जिसकी मरम्मत के लिएअधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। आयुर्वेदिक अस्पताल मोढ़, चौरी, डीघ की हालत काफी दयनीय है। कक्ष में बैठने से स्वास्थ्यकर्मी भी कतराते हैं। करीब आठ महीने पूर्व मोढ़ के आयुर्वेदिक अस्पताल का प्लास्टर टूटकर गिर गया था। सुरियावां के हरिहरपुर स्वास्थ्य केंद्र पर बनी कालोनियां खंडहर में बदल चुकी हैं।
Jul 01 2023, 13:11