बगहा में एक बार फिर हुई खाकी शर्मसार एएसआई का महिला के घर मे घुसने का वीडियो वायरल

बगहा में एक बार फिर से खाकी शर्मसार हुई है। एक एएसआई का एक महिला के घर में घुसने का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ।

बगहा में एक बार फिर से खाकी शर्मसार हुई है। एक एएसआई का एक महिला के घर में घुसने का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । बीती रात नगर थाना क्षेत्र में एक महिला के घर एएसआई घुसे थे। घर से बाहर निकलने के दौरान लोगों ने पकड़कर उसका वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया । पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। महिला के घर से निकलने के दौरान एएसआई का ग्रामीणों ने वीडियो बनाया तो एएसआई हंगामा करने लगा और कैमरे से बचता दिखा। वायरल वीडियो में ग्रामीण साफ साफ आरोप लगाते दिख रहे हैं कि एएसआई अक्सर महिला के घर आते रहते हैं और पूरी रात रुकने के बाद तीन से चार बजे के बीच चले जाते हैं। वायरल वीडियो में लोग पुलिसकर्मी को पकड़कर पूछ रहे हैं कि यहां क्यूं आए थे? इसपर एएसआई यह जवाब दे रहा है कि वह महिला के यहां खाना खाने आए थे,क्योंकि महिला उनकी कुक है और जब वह बगहा में रहते हैं तो वह महिला ही उनको खाना बनाकर खिलाती है। इस दौरान ग्रामीणों ने एएसआई के साथ धक्का मुक्की भी की।

ग्रामीणों का आरोप है कि रोज रात को एएसआई उस घर में घुसते हैं और 2 से 3 बजे भोर में बाहर निकलते हैं, दोनों के नाजायज संबंध हैं। इसी को लेकर ग्रामीणों ने उसे बीती रात पकड़ लिया और उसका वीडियो बनाया। एएसआई वाल्मीकिनगर थाने में पदस्थापित हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि महिला के साथ पुलिसकर्मी का अवैध संबंध है। महिला का पति बाहर मजदूरी करता है और महिला घर में अकेली रहती है। ऐसे में अक्सर एएसआई यहां पहुंच जाता है।वहीं इस बारे में जब उक्त महिला से बात की गई तो उसने कहा कि वह एएसआई के लिए खाना पकाती है।खाना खाकर एएसआई चले जाते हैं। लोगों को गलतफहमी हो गई है।

एएसआई के लिए विगत तीन वर्षों से खाना बनाती आ रही हूं। रात्रि के दो से तीन के बीच में वह आए और खाना बनाने के लिए बोले। इसी बीच तकरीबन तीन से चार बजे भोर में ग्रामीण इकट्ठा हो गए और गलत गलत इल्जाम लगाने लगे।

वहीं इस मामले में नगर थानाध्यक्ष का कहना है कि एसपी किरण कुमार गोरख जाधव के आदेश पर जांच की जा रही है । अगर मामला सत्य पाया जाता है तो उक्त एएसआई पर कार्रवाई की जाएगी । बतादें की वीडियो वायरल होने के उपरांत थानाध्यक्ष मामले की जांच करने महिला के घर पहुंचे थे।

बेतिया खाद्य संरक्षण के अधिकारी ने कुबेर स्वीट्स का किया औचक जाँच

बेतिया नगर के खिरियाघाट के समीप स्थित कुबेर स्वीट्स का औचक जांच खाद्य संरक्षण के अधिकारी राजेश्वर प्रसाद ने किया। मिठाई दुकान में रखे गए मिठाईयों के संबंध में कुबेर स्वीट्स के संचालक राकेश कुमार से उसके बनाने व क्वालिटी की विस्तृत जानकारी ली।

खाद्य संरक्षण के अधिकारी राजेश्वर प्रसाद ने मिठाईयों की शुद्धता और क्वालिटी पर संतोष प्रकट किया, परन्तु उसकी प्रयोगशाला जांच के लिए कई मिठाईयों में से सैम्पल लेकर उसे सील किया। जांच के क्रम में “फूड लाइसेंस” की मांग की, जिसे संचालक राकेश कुमार द्वारा तक्ष्ण प्रस्तुत किया गया। स्वीट्स की दुकान की सफाई ठीक थी, फिर भी उन्होंने खाद्य सामाग्री होने के कारण अन्य सफाई व रख रखाव को बेहतर बनाने का निर्देश दिया। साथ ही मिठाईयों के आगे बनाने की तिथि और उसके गुणवत्ता की तिथि लिखे जाने का भी निर्देश दिया।

मिठाई और अन्य सामग्रियों पर उन्होंने संतोष प्रकट करते हुए बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर यह औचक जांच विभिन्न जगहों पर की जा रही है और खाद्य पदार्थों की सैम्पल लेकर उसकी जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। स्थानीय लोगों की शिकायतों पर भी तत्काल कार्यवाही की जाएगी। जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने का किसी भी हालत में छूट नहीं दी जाएगी। शहर के सभी होटलों, रेस्टोरेंट और मिठाई दुकान की जांच की जाएगी। यदि कोई भी मिलावट या अशुद्धता पाई जाएगी तो निश्चित तौर पर कार्यवाही की जाएगी।

सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन की अपील, प्रेस की स्वाधीनता को आगे आए नई पीढ़ी के पत्रकार एवं मीडिया कर्मी*

बेतिया : आज 28 जून 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भारत में आपातकाल के दौरान मारे गए लोग ,पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों के सम्मान में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। 

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत में 1975 आपातकाल के समय को सदियों तक याद रखा जाएगा। आपातकाल की घोषणा के दो दिन के भीतर ही राजनीतिक विरोधियों एवं आंदोलनकारियों की गतिविधियों पर तो पहरा बिठा ही दिया गया, साथ ही आजाद भारत में ऐसा पहली बार हुआ, जब सरकार ने प्रेस पर प्रतिबंध लगाये। 

आपातकाल के दरमियान स्थिति ऐसी थी कि समाचार पत्रों में छपने वाली खबरों को सेंसर किया जाने लगा । अखबार छापने से पहले सरकार की अनुमति लेने की बंदिश लगा दी गई। आपातकाल के दौरान 3801 समाचार-पत्रों के डिक्लेरेशन जब्त कर लिए गए। 327 पत्रकारों को मीसा में बंद कर दिया गया और 290 अखबारों के विज्ञापन बंद कर दिए गए। हालात इस कदर बिगड़े कि टाइम एवं गार्जियन अखबारों के समाचार-प्रतिनिधियों को भारत से जाने के लिए कह दिया गया। रॉयटर सहित अन्य एजेंसियों के टेलेक्स एवं टेलीफोन काट दिए गए थे। 

इस अवसर पर वक्ताओं ने नई पीढ़ी के पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों से अपील करते हुए कहा कि भारत के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने में आम भूमिका निभाने की आवश्यकता है ताकि लोकतंत्र को अत्यधिक मजबूत किया जाए। जिसका सपना बरसों पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अमर शहीदों स्वतंत्रता सेनानियों एवं संविधान सभा के सदस्यों ने देखा था।

राष्ट्रीय गीत के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की 186वीं जन्म दिवस पर विशेष कार्यक्रम का किया गया आयोजन

बेतिया : आज दिनाँक 27 जून 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन भारत के राष्ट्रीय गीत के रचिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के जन्म दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद इंटरनेशनल पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल एवं डॉ अमित कुमार लोहिया नें सयुंक्त रूप से कहा कि वह बंगला के प्रख्यात उपन्यासकार, कवि, गद्यकार एवं पत्रकार थे. जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के काल में क्रान्तिकारियों का प्रेरणास्रोत बन गये थे. रवीन्द्रनाथ ठाकुर के पूर्ववर्ती बांग्ला साहित्यकारों में उनका अन्यतम स्थान है।

बंकिमचंद्र ने अपने लेखन की शुरुआत अंग्रेजी उपन्यास से की थी, लेकिन बाद में उन्‍होंने हिंदी में लिखना शुरू किया. देश के लिए राष्ट्रगीत एवं अन्‍य रचनाओं को आज भी याद किया जाता है.

बंकिमचंद्र ने जब इस गीत की रचना की तब भारत पर ब्रिटिश शासकन था. ब्रिटेन का एक गीत था 'गॉड! सेव द क्वीन'. भारत के हर समारोह में इस गीत को अनिवार्य कर दिया गया. 

बंकिमचंद्र तब सरकारी नौकरी में थे. अंग्रेजों के बर्ताव से बंकिम को बहुत बुरा लगा और उन्होंने साल 1876 में एक गीत की रचना की एवं उसका शीर्षक दिया वंदे मातरम्।                 

इस गीत ने भारत की स्वाधीनता आंदोलन में इस राष्ट्रीय गीत ने स्वतंत्रता सेनानियों को नई दिशा प्रदान की।

03 जुलाई को सरकारी बेतिया आईटीआई के प्रांगण में आयोजित होगा नियोजन मेला।

श्रम संसाधन विभाग, जिला नियोजनालय, पश्चिम चंपारण बेतिया के तत्वाधान में 03 जुलाई 2023 को एक दिवसीय जिला स्तरीय वृहत नियोजन मेला का आयोजन किया जा रहा है। यह नियोजन मेला सरकारी बेतिया आईटीआई के प्रांगण में दिनांक 3 जुलाई 2023 को 11 बजे से 4 बजे तक आयोजित किया जाएगा। 

इस नियोजन मेला में निजी क्षेत्र की 25 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियां भाग ले रही हैं, जिसमें श्री गोपाल ऑटो मारुति सुजुकी, नवभारत फर्टिलाइजर, शिवशक्ति बायोटेक, एसबीआई लाइफ, इंस्टॉकार्ट लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड, क्रेडिटएक्सेस ग्रामीन लिमिटेड, दुर्वासा आयुर्वेद, एसपीएचसी प्राइवेट लिमिटेड, आईएसएस वर्ल्ड, G4S सिक्योरिटी, यशस्वी ग्रुप, बिग बास्केट, आरोहण माइक्रोफाइनेंस, आमदानी प्राइवेट लिमिटेड इत्यादि नियोजक भाग लेंगे। नियोजक कंपनियों के द्वारा बेतिया सहित संपूर्ण बिहार तथा भारत के अन्य महत्वपूर्ण शहरों में नौकरी दी जाएगी।

टेलीकॉलर सेल्स एग्जीक्यूटिव, टेक्नीशियन, हेल्पर, डिलीवरी एग्जीक्यूटिव, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, पेशेंट केयर, सिक्योरिटी गार्ड व सुपरवाइजर, हाउसकीपिंग आदि प्रमुख पद हैं जिनमें सुयोग्य आवेदकों को 8000 से 40000 तक वेतन व अन्य सुविधाएं प्राप्त होंगी। नन मैट्रिक से लेकर एमबीए व आईटीआई एवं डिप्लोमा सहित सामान्य स्नातक एवं परास्नातक डिग्री वाले सभी आवेदक इसमें आवेदन दे सकते हैं। आवेदकों को यह सूचित किया जाता है की नियोजन मेले में दो पासपोर्ट साइज फोटो और अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र की छायाप्रति लेकर ही भाग लेंगे।

इस मेले में विभिन्न सरकारी विभाग यथा उद्योग, लीड बैंक, श्रम विभाग, उत्पाद विभाग, सामाजिक कल्याण विभाग आदि से संबंधित स्टॉल भी उपलब्ध होंगे जहां अभ्यर्थी इन विभागों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस'पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने विश्व की नई पीढ़ी से की यह अपील।

विश्व स्तर पर नशा निरोधक को आगे आए विश्व की नई पीढ़ी।

अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस'पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने विश्व की नई पीढ़ी से की अपील।       

  इस अवसर पर परिचर्चा का हुआ आयोजन जिसका विषय था "आधुनिक समाज के नई पीढ़ी में नशीली पदार्थों का सेवन , इसके विभिन्न प्रकार एवं दुष्परिणाम"।

आज दिनांक 26 जून 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर एक भव्य सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसका विषय था,"आधुनिक समाज के नई पीढ़ी में नशीली पदार्थों का सेवन, इसके विभिन्न प्रकार एवं दुष्ट परिणाम"। 

इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,अमित कुमार लोहिया, डॉ शाहनवाज अली ,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन , मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा ने संयुक्त रूप से दुनिया भर में उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने नशीली वस्तुओं के सेवन के बाद अपने प्राण खोये। इस अवसर पर आयोजित परिचर्चा में डॉ एजाज अहमद एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि आज भारत समेत पूरे विश्व में कोरोना वायरस संक्रमण के बाद नई पीढ़ी में मादक द्रव्यों के सेवन की घटनाएं बढ़ी हैं। समाज में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता लाने के लिए

हर वर्ष 26 जून को 'अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस' मनाया जाता है। नशीली वस्तुओं एवं पदार्थों के निवारण के लिए 'संयुक्त राष्ट्र महासभा' ने 7 दिसंबर 1987 को यह प्रस्ताव पारित किया था । तभी से हर साल लोगों को नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इसे हर वर्ष मनाया जाता है।

 नशा, एक ऐसी बीमारी है जो कि युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है। 

शराब, सिगरेट, तम्‍बाकू एवं ड्रग्‍स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग का एक बड़ा हि‍स्सा नशे का शिकार हो रहा है। आज फुटपाथ , रेल्‍वे प्‍लेटफार्म एवं गंदी बस्तियों में पर रहने वाले बच्‍चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं। उदाहरण स्वरूप बेतिया पश्चिम चंपारण के औरंगाबाग के निकट अनेक बच्चे मादक पदार्थों के सेवन में संलिप्त हैं। यह समाज एवं राष्ट्र की नैतिक जिम्मेदारी है कि समाज एवं राष्ट्र के धरोहर नई पीढ़ी को नशे के दलदल से बाहर निकाला जाए।

 नशे के तौर पर नई पीढ़ी व्‍हाइटनर, नेल पॉलिश, पेट्रोल आदि की गंध, ब्रेड के साथ विक्स एवं झंडु बाम का सेवन किये जा रहे है ।

 नशे की लत ने नई पीढ़ी को उस स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब व्‍यक्‍ति मादक पदार्थों के सेवन के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, वह नशे के लिए जुर्म भी कर सकता है। नशे के मामले में महिलाएं भी पीछे नहीं है। महिलाओं द्वारा भी मादक पदार्थों का बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है। 

व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में तनाव, प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन व तलाक आदि कारण, महिलाओं में नशे की बढ़ती लत के लिए जिम्मेदार है।

 शोधकर्ताओं के अनुसार हर वह चीज जो आपको जिसकी आपको लत लग जाए, नशे की श्रेणी में ही आता है। ऐसी ही कुछ आदतें हैं

 जिन्हें छोड़ना बेहद मुश्किल होता है जैसे - मादक पदार्थों के अलावा चाय, काफी, वर्तमान समय के नवीन यंत्र जैसे - विडियो गेम्‍स, स्‍मार्ट फोन, फेसबुक आदि का ज्‍यादा मात्रा में उपयोग भी नशे की श्रेणी में आते है। अवसर पर वक्ताओं ने नई पीढ़ी से आह्वान करते हुए कहा कि हमें नशे से बाहर निकलना होगा ताकि आने वाली नई पीढ़ी को हम खुशहाल विश्व दे सकें जिसका सपना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्माताओं एवं हमारे पुरखों ने देखा था।

नगर निगम क्षेत्र के सभी छत विहिन बीपीएल परिवारों को मिलेगा पक्का आवास:गरिमा*

==पहले आओ पहले पाओ स्कीम के तहत नगर निगम के एमआईएस संभाग को योजना का प्रचार प्रसार तेज करने का आदेश,

==प्रधान सहायक व आवास योजना प्रभारी के साथ बैठक में महापौर ने की योजना में अब तक के उपलब्धियों की विस्तार से समीक्षा,

बेतिया। नगर निगम महापौर गरिमा देवी सिकरिया ने सोमवार को अपने कार्यालय कक्ष में प्रधान सहायक रमण कुमार और सबके लिए आवास योजना के संभाग प्रभारी मो. सज्जाद के साथ बैठक कर के योजना में अब तक के उपलब्धियों की विस्तार से समीक्षा की।

महापौर श्रीमती सिकारिया ने पहले आओ पहले पाओ के तर्ज पर पूरे नगर निगम क्षेत्र के छतविहीन बीपीएल परिवारों को पक्का छतदार मकान मुहैया कराने के लिए नगर निगम के सभी 46 वार्डों में अभियान चलाने निर्देश दिया। नगर निगम के एमआईएस संभाग के प्रभारी से उन्होंने योजना का प्रचार प्रसार तेज करने का आदेश दिया।

बैठक के बाद महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र के एक एक छत विहिन बीपीएल परिवारों को सबके लिए पक्का छतदार मकान मुहैया कराना उनकी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। उन्होंने बताया कि उनके पहले कार्यकाल में ही एक हजार से अधिक परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर मुहैया कराने की स्वीकृति विभाग से प्राप्त कर के सूची भेजी गई थी। उक्त स्वीकृत यूनिट में से ही 515 परिवारों के लिए पक्का आवास मुहैया कराना अब भी बाकी है।

नगर निगम के एमआईएस संभाग के माध्यम से अपनी बासभूमि पर मालिकाना हक अर्थात एलपीसी प्राप्त करके अर्हताधारी कोई भी बीपीएल परिवार इस योजना का लाभ पाने के लिए निःशुल्क आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही श्रीमती सिकारिया ने कहा कि अब तक लाभ पा चुके करीब पांच सौ परिवारों में से मात्र 76 परिवारों का ही घर बनना पूरा हो पाया है। बाकी परिवारों को पहली के बाद दूसरी और दूसरी के बाद तीसरी और फिर चौथी और अंतिम किस्त पाने की तैयारी में हैं।

वाल्मीकि नगर टाइगर प्रोजेक्ट के भ्रमण पर अगले आदेश तक रोक, इस वजह से वन विभाग लिया निर्णय

बगहा : बिहार के इकलौते वीटीआर में भ्रमण व जंगल सफ़ारी पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया गया है । 

दरअसल मानसून सत्र को लेकर वाल्मीकि टाईगर रिज़र्व को पर्यटको के लिए बरसात के मौसम तक बन्द रखने का निर्णय लिया गया है लिहाजा आज चहलकदमी तेज़ हो गई है। इसी बीच रामनगर के नरैनापुर स्थित वन विभाग कार्यालय के सामने वन विभाग ने गाड़ी में रेस्क्यू किये हूए चार जोड़ी बंदरो को पिंजरे में कैद किया जिसे देखकर लोगों की भीड़ लग गई। 

इस संबंध में वीटीआर रैयत के रेजंर ने बताया कि नरकटियागंज के शहरी इलाकों में बंदरों का एक समूह भटक कर आया गया था जिससे लोग डर सहमे हुए थे। इसकी सूचना वन विभाग को मिली तो वनविभाग की एक टीम भेजा गया और जंगली बंदरों का सफल रेस्क्यू कर लाया गया है जिसे सुरक्षित विटीआर के जंगलों में छोड़ा जाएगा।

बता दें कि बगहा व रामनगर शहरों के अलावा वाल्मीकिनगर में जंगली बंदरों व लंगूरों की चहलकदमी रिहायशी इलाकों में काफ़ी बढ़ गई है। लिहाजा इनसे कई तरह के नुकसान हो रहे हैं। इसी बीच नरकटियागंज में वन विभाग की ओर से यह पहली कार्रवाई है जब उत्पात मचाने वाले बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़नें की क़वायद शुरू की गई है।

हरख टोली में बांध दरकने की खबर, डीएम ने मौके पर पहुंच कटावरोधी कार्य का बारीकी से किया निरीक्षण

बगहा : हरख टोली में बांध दरकने की खबर पर पूरे प्रशासनिक अमला के साथ डीएम दिनेश रॉय कटाव स्थल पर पहुंचे हैं और कराए गए कटावरोधी कार्य का बारीकी से किया निरीक्षण किया है। 

डीएम ने बताया की उन्हें जैसे ही इस मामले की खबर मिली उन्होंने जलसंसाधन विभाग के मुख्य अभियंता समेत अन्य अभियंताओं के साथ स्थल का निरीक्षण किया है। आशंका और घबराने की बात नहीं है। 

उन्होंने बताया कि बनाए गए बांध में जहां भी कटाव हुआ है उसका मरम्मत्ती कार्य शुरू कर दिया गया है। अब से यहां अभियंताओं की टीम लगातार कैंप करेगी और कटाव रोधी कार्य की अनियमित्तता में जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे ऊनपर कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि ठकरहा के हरख टोला में 400 मीटर तक बचाव रोधी कार्य धराशाई हो गया है।

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय विश्वनाथ प्रताप सिंह की जन्मदिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का क

बेतिया : आज दिनांक 25 जून 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में गरीबों के मसीहा सह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय विश्वनाथ प्रताप सिंह के जन्म दिवस पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। 

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से कहा कि विश्व नाथ प्रताप सिंह का जन्म 25 जून 1931 को इलाहाबाद में हुआ था। 

भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री के तौर पर विश्वनाथ प्रताप सिंह का शासनकाल एक ऐसा समय है, जिसने भारतीय लोकतंत्र की दिशा एवं दशा को काफी हद तक बदल दिया। उनके शासन काल में लोकतंत्र की व्यापकता में वृद्धि हुयी एवं हाशिए पर खड़े लोगों की आस्था लोकतंत्र में मजबूत हुई। 

देश के पिछड़े वर्ग के पिछड़े वर्ग के लोग सामाजिक न्याय दिलाने के लिए उन्होंने हर संभव प्रयास किया। केंद्र में वीपी सिंह के शासन काल के दौरान मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने की घटना सामाजिक एवं भारतीय राजनीति का अहम मोड़ साबित हुई। 

जिस समय मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया । उनके प्रयासों से फलस्वरूप आज पिछड़े वर्गों को जो 27 प्रतिशत आरक्षण मिला है। उसके लिए देश उन्हें हमेशा याद करेगा।