ऐतिहासिक पलासी युद्ध की 266 वीं वर्षगांठ पर मातृभूमि की रक्षा करने वाले अमर शहीदों एवं वीर सैनिकों को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि।
आज दिनांक 23 जून 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में ऐतिहासिक प्लासी युद्ध की 266 वी वर्षगांठ पर बंगाल के नवाब शहीद सिराजुद्दौला ,मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले अमर शहीदों एवं वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान
अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली ,डॉ अमित कुमार लोहिया पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ,मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा ने संयुक्त रूप से नवाब सिराजुद्दौला, अमर शहीदों एवं वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन आज से 266 वर्ष पूर्व 23 जून 1757 को ऐतिहासिक पलासी के मैदान में नवाब सिराजुद्दौला एवं लॉर्ड क्लाइव के बीच
प्लासी का पहला युद्ध 23 जून 1757 को मुर्शिदाबाद के दक्षिण में 22 मील दूर नदिया जिले में भागीरथी नदी के किनारे 'प्लासी' नामक स्थान में हुआ था। इस युद्ध में एक ओर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना थी तो दूसरी ओर थी बंगाल के नवाब की सेना। ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को धोखे से हरा दिया था।
किंतु इस युद्ध को कम्पनी की जीत नही मान सकते कयोंकि युद्ध से पूर्व ही नवाब के तीन सेनानायक मीर जाफर, उसके दरबारी, तथा राज्य के अमीर सेठ जगत सेठ आदि से कलाइव ने षडंयत्र कर लिया था।
नवाब की तो पूरी सेना ने युद्ध मे भाग भी नही लिया था युद्ध के फ़ौरन बाद मीर जाफ़र के पुत्र मीरन ने नवाब सिराजुद्दौला एवं उनके करीबी लोगों की हत्या धोखे से कर दी थी। इस युद्ध को भारत के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण माना जाता है।
भारत के चंद गद्दारों की वजह से इस युद्ध से ही भारत की दासता की कहानी शुरू होती है। जिसके कारण लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों ने भारत को गुलाम बनाए रखा। अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के अथक प्रयासों से 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया।
Jun 24 2023, 09:15