जूनागढ़ में दरगाह के अवैध निर्माण को लेकर बवाल, पथराव और आगजनी, भीड़ ने पुलिस चौकी पर बोला हमला

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गुजरात के जूनागढ़ में शुक्रवार रात एक अवैध दरगाह को लेकर जमकर बवाल मचा। दरगाह के अवैध निर्माण को लेकर प्रशासन ने नोटिस जारी किया था। उसके बाद लोग भड़क गए और पुलिसकर्मयों को ही निशाना बना दिया। इस दौरान उपद्रवियों की भीड़ ने मजेवड़ी चौक स्थित पुलिस चौकी पर हमला कर तोड़फोड़ कर दी और वाहनों को आग के हवाले कर दिया।इतना ही नहीं पुलिस थाने पर पत्थरबाजी भी की गई।हमले में डिप्टी एसपी, महिला पीएसआई और एक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

डीएसपी, पीएसआई समेत 5 पुलिसकर्मी घायल

अवैध दरगाह को हटाने का नोटिस जारी होते ही मुस्लिम समुदाय ने इसका विरोध शुरू कर दिया।प्रशासन ने मजेवाड़ी में स्थित एक दरगाह को लेकर अवैध निर्माण का नोटिस दिया था। जिसके बाद जिम्मेदारों की तरफ से प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं पहुंचा। ऐसे में प्रशासन ने कार्रवाई का फैसला लिया, उसी दौरान पुलिस और भीड़ के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान कई सरकारी वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया है।भीड़ ने इस दौरान जमकर पथरबाजी की। जब पुलिस स्थिति को काबू करने के लिए मौके पर पहुंची तो भीड़ ने पुलिस पर भी हमला कर दिया।असामाजिक तत्वों ने मजेवड़ी थाने पर हमला कर दिया। इस हमले में डीएसपी, पीएसआई समेत 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसमें 2 महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इतना ही नहीं एक सरकारी वाहन को भी भीड़ ने आग के हवाले कर दिया।

क्या है मामला ?

प्रशासन ने जूनागढ़ के उपरकोट एक्सटेंशन में एक दरगाह को लेकर अवैध निर्माण का नोटिस दिया था। इलाके के लोग इसका विरोध कर रहे थे। गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी राात यही गुस्सा बेकाबू हुआ और जूनागढ़ में जंग जैसे हालात बन गए। जिस दरगाह को हटाए जाने का नोटिस दिया गया था, वो मजेवाड़ी दरवाजे के ठीक सामने स्थित है।

जेल में बंद महाठग सुकेश की रेलमंत्री से खास अपील, कहा-ओडिशा रेल हादसे के पीड़ितों बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाऊंगा, 10 करोड़ का दान स्वीकार करें

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200 करोड़ रुपये की ठगी के आरोप में जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने रेल मंत्री को पत्र लिखा है। सुकेश चंद्रशेखर ने इस पत्र में रेल हादसे के पीड़ितों की मदद के लिए 10 करोड़ रुपये देने की पेशकश की। बता दें कि 2 जून को ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई थी जिसमें 288 यात्रियों की जान चली गई जबकि कई अन्य घायल हो गए। 

सुकेश चंद्रशेखर अभी दिल्ली के मंडोली जेल में बंद है। उस पर 200 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। सुकेश चंद्रशेखर ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर ओडिशा ट्रेन त्रासदी के पीड़ितों के लिए 10 करोड़ रुपये का दान स्वीकार करने का आग्रह किया है। सुकेश ने शुक्रवार को लिखे पत्र में कहा, उक्त योगदान मेरे व्यक्तिगत कोष से है, जो कमाई के मेरे वैध स्रोत से है। 10 करोड़ रुपये के डिमांड ड्राफ्ट के साथ रिटर्न फाइलिंग और अन्य दस्तावेज भी दिए जाएंगे। 

सुकेश ने कहा- हादसे ने मुझे पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया

अपने वकील के जरिए जारी चिठ्ठी में सुकेश ने लिखा है कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना है जिसने मुझे पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया। पिछले कुछ दिनों से मेरा दिल काफी भारी है। यह उन सभी के लिए बेहद दर्दनाक है, जिनके अपनों ने इस हादसे में अपनी जान गंवाई है। उसने कहा हम देख पा रहे हैं कि हमारी सरकार पहले से ही इस हादसे में प्रभावितों को सभी आवश्यक चीजें मुहैया करा रही है। 

खुद को देश का जिम्मेदार और अच्छा नागरिक बताया

एक जिम्मेदार और अच्छे नागरिक के रूप में मैं विशेष रूप से अपने परिवार के कमाने वाले लोगों को खोने वाले के परिवार के सदस्यों को जिनके परिवार में अभी छोटे बच्चें है जो आगे चलकर हमारे देश का भविष्य बनेंगे उनको अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए मैं 10 करोड़ रूपये की मदद करने की पेशकश कर रहा हूं। 

मृतक परिवार के बच्चों की शिक्षा में सहयोग करना चाहता है सुकेश

मेरे इस योगदान का विशेष रूप से मृतक परिवार के बच्चों की शिक्षा के लिए उपयोग किया जाना चाहिए, चाहे वह स्कूल, हाई स्कूल या कॉलेज शिक्षा हो। जेल में बंद इस ठग ने रेल मंत्री से डिमांड ड्राफ्ट बनाने के लिए संबंधित विभाग का नाम और अन्य जरुरी जानकारी मांगी है ताकि जल्द से जल्द ड्राफ्ट बनाकर मदद की जा सके। उसने रेल मंत्री से डिमांड ड्राफ्ट बनाने के लिए संबंधित विभाग का नाम और अन्य जानकारी मांगी है ताकि जल्द से जल्द ड्राफ्ट बनाकर मदद की जा सके।

सुकेश ने की पीएम मोदी की तारीफ

इस पत्र में सुकेश ने पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा इस भयंकर रेल हादसे के बाद जिस स्तर पर राहत-बचाव के कार्य किये गए, उसकी तारीफ करते हुए कहा है यह देखना काफी सुखद है। हमारे प्रधानमंत्री ने इस घटना पर पूरी तरह नजर बनाए रखा, खुद घटनास्थल पर जाकर जाएजा लिया, पल पल का अपडेट लेते रहे। यह देश के जनता के प्रति उनके प्रेम और संवेदना को दर्शाता है।

*ममता बनर्जी की कांग्रेस को दो टूक, कहा- सीपीआई(एम) से हाथ मिलाने के बाद बंगाल में हमसे सहयोग मांगने न आएं*

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पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनावों से पूर्व कांग्रेस और सीपीआईएम ने हाथ मिला लिया है। जिसपर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। बंगाल की सीएम ने कहा है कि बीजेपी, कांग्रेस और सीपीआईएम, टीएमसी के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। ममता ने कहा कि कांग्रेस, आप, सीपीआ(एम) बीजेपी के सबसे अच्छे दोस्त हैं। ममता बनर्जी ने साफ तौर पर कह दिया है कि कांग्रेस अगर राज्य में भाजपा और सीपीआईएम का सहयोग करती है तो हमसे राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन की उम्मीद ना करें।

सीपीआई(एम) से हाथ मिलाने के बाद बंगाल में सहयोग मांगने न आएं-ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने आगे कहा कि कांग्रेस तो बहुत राज्यों में रही है, वे संसद में हमारा सहयोग चाहते हैं और पार्टी हम पर हमला करती है। हम बीजेपी के खिलाफ उनका साथ देने को तैयार हैं लेकिन सीपीआई(एम) से हाथ मिलाने के बाद आप बंगाल में हमसे सहयोग मांगने न आएं। टीएमसी चीफ ने कहा कि कांग्रेस बीजेपी की गोद में बैठी है और बीजेपी कांग्रेस की गोद में। ममता बनर्जी ने कहा, अगर कांग्रेस पश्चिम बंगाल में बीजेपी से तालमेल करती है, तो उसे राज्य में हमसे समर्थन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

दोनों हाथों में लड्डू चाहती है कांग्रेस-ममता बनर्जी

ममता ने भाजपा और माकपा के साथ गठबंधन करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि पार्टी को भाजपा के खिलाफ लड़ाई में तृणमूल कांग्रेस से राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दोनों हाथों में लड्डू लेना चाहती है। एक तरफ संसद में हमारा सहयोग चाहती है। दूसरी तरफ टीएमसी पर हमला भी करती है। अगर बीजेपी के खिलाफ हमारा सहयोग चाहिए तो उसे सीपीआई (एम) से दूर रहना होगा। बता दें कि बंगाल पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने सीपीआई(एम) के साथ गठबंधन किया है।

2024 में पीएम मोदी को उनकी कुर्सी से हटाने का ऐलान

वहीं, पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई झड़पों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से हो रही है, लेकिन बीजेपी नफरत और भेदभाव फैलाने की कोशिश कर रही है। ममता ने कहा कि बीजेपी को इस मकसद में कामयाब नहीं होने दूंगी। मैं जब तक रहूंगी तब तक कभी भेदभाव नहीं करूंगी। इस पंचायत चुनाव के दौरान मैं ऐलान करती हूं कि 2024 में हम नरेंद्र मोदी को उनकी कुर्सी से हटा देंगे।

बता दें कि गुरुवार 15 जून को नामांकन के दौरान झड़प की खबर सामने आई थी। इस दौरान चली गोली में 1 शख्स की मौत हो गई, वहीं दो लोग इस घटना में घायल हो गए थे। इसके बाद कलकत्ता हाइकोर्ट ने पंचायत चुनाव से पूर्व राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि राज्य में केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर 48 घंटे में उनकी तैनाती की मांग की जाए। इस फैसले का भाजपा व अन्य दलों ने स्वागत किया है। लेकिन ममता सरकार ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी है। तृणमूल कांग्रेस के नेता मदन मित्रा ने कहा कि अब पार्टी लड़ने के साथ-साथ केंद्रीय बलों और उनकी यातना का सामना करने के लिए भी तैयार है।

जान लीजिए, मौसम का ताजा हाल, देश के एक हिस्से में हो रही मूसलाधार बारिश तो दूसरे बड़े हिस्से में बरस रही आग, पढ़िए, मौसम विभाग ने क्या कहा

 देश के एक हिस्से में तूफान के कारण मूसलाधार बारिश हो रही है। वहीं, कुछ हिस्सों में मॉनसून के लिए अनुकूल स्थिति बनती दिख रही है। बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में अभी गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। हालांकि मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में मॉनसून को लेकर अच्छी खबर भी दी है। आईएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक, 18-21 जून के आसपास दक्षिण के कुछ राज्यों और दक्षिण-पश्चिम भारत में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।

वहीं, चक्रवाती तूफान "बिपरजॉय" अरब सागर के ऊपर उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ा और रात के करीब 10:30 बजे गुजरात के जखाऊ पोर्ट के करीब मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच सौराष्ट्र और कच्छ के आस-पास के तटों को पार कर गया। इस चक्रवाती तूफान में धीरे-धीरे कमजोर पड़ने और 16 जून की शाम के आसपास एक गहरे दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना अधिक हो गई है।

मौसम विभाग ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में अगले पांच दिनों तक जोरदार बारिश होने वाली है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, सिक्किम व अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी इस दौरान झमाझम बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले पांच दिनों तक ओले गिरने की भविष्यवाणी की है। आईएमडी ने कहा है कि 18 और 19 जून को इसकी तीव्रता काफी अधिक हो सकती है।

आईएमडी ने यह भी कहा है कि राजस्थान के कुछ हिस्सों में 16 से लेकर 18 जून तक काफी तीव्र बारिश होने वाली है। इसके कारण लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है।

मॉनसून में हो रही देरी के कारण बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में लोगों को भी तपती गर्मी से राहत मिलने की संभावना है। हालांकि, आईएमडी ने कहा है कि ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ में अगले पांच दिनों तक लू चलने के आसार हैं। इसके बाद स्थिति में सुधार हो सकती है। वहीं, बिहार, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में लोगों को अगले तीन दिनों के बाद लू से राहत मिल सकती है। उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां अगले 24 घंटे के बाद स्थिति में सुधार हो सकती है। यहां बारिश के आसार बन रहे हैं।

एक दशक पहले केदारनाथ में जल प्रलय के बाद अब पुनर्निर्माण कार्यों से सज संवर रही केदारपुरी, उत्तराखंड के सीएम ने लिया निर्माण कार्यों का जायजा


एक दशक पहले केदारनाथ में जल प्रलय के बाद पुनर्निर्माण कार्यों से केदारपुरी सज और संवर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट से आपदा के जख्म मिट रहे हैं। आपदा के बाद पहले चरण में 225 करोड़ रुपये के काम किए गए। अभी काफी कुछ होना बाकी है। आज शुक्रवार सुबह सीएम धामी स्थलीय निरीक्षण के केदारनाथ धाम पहुंचे।

दूसरे चरण में 197 करोड़ रुपये की लागत से 21 निर्माण कार्य चल रहे हैं। इसके अलावा 148 करोड़ से ज्यादा तीर्थयात्रियों के लिए आवासीय सुविधा मिलेगी। 16 जून 2013 को आई आपदा से केदारनाथ मंदिर को छोड़ कर बाकी सब कुछ ध्वस्त हो गया था। हजारों लोगों को आपदा में जान गंवानी पड़ी थी।

केदारनाथ पुनर्निर्माण तीन चरणों में शुरू किया गया। पहले चरण में मंदिर परिसर का विस्तार, संगम के समीप गोल प्लाजा और मंदिर परिसर तक जाने वाले रास्ते पर कटवा पत्थर बिछाया गया। साथ ही मंदाकिनी नदी के तट पर सुरक्षा कार्य, सेंट्रल स्ट्रीट, आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती आस्था पथ व घाट, मंदिर परिसर के दोनों तरफ भवनों की सुरक्षा के लिए दीवार का निर्माण, ध्यान गुफा का निर्माण किया गया। दूसरे चरण में 197 करोड़ रुपये की लागत के पुनर्निर्माण कार्य किए जा रहे हैं।

नेपाल में रिलीज हो रही मेगा ब्लॉक बस्टर फिल्म आदिपुरुष को बैन करने की मांग, पढ़िए, माता सीता से इस देश का क्या है संबंध


महाकाव्य रामायण पर आधारित फिल्म 'आदिपुरुष' पर नेपाल में बैन लगा दिया गया है। काठमांडू के महापौर बालेंद्र शाह ने इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि संवाद का एक हिस्सा नहीं हटाने तक यह जारी रहेगा।

काठमांडू. काठमांडू के महापौर बालेंद्र शाह ने महाकाव्य रामायण पर आधारित फिल्म ‘आदिपुरुष’ से संवाद का एक हिस्सा नहीं हटाने तक नेपाल की राजधानी में हिंदी फिल्मों के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। महापौर शाह ने बदलाव करने के लिए तीन दिन का समय दिया है। शाह ने फेसबुक पर लिखा, दक्षिण भारतीय फिल्म ‘आदिपुरुष’ में निहित ‘जानकी भारत की बेटी है’ पंक्ति नेपाल और भारत में नहीं हटाए जाने तक काठमांडू महानगर में किसी भी हिंदी फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

फिल्म का शुक्रवार से नेपाल में प्रदर्शन होना है। हालांकि, नेपाल के फिल्म सेंसर बोर्ड ने कहा है कि उसने सीता को भारत की बेटी बताने वाले संवाद को हटाने के बाद ही फिल्म को रिलीज करने की इजाजत दी है। आदिपुरुष 2023 की सबसे बड़ी रिलीज़ में से एक है और 16 जून यानी आज ये देशभर के सिनेमाघरों में दस्तक देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। ‘आदिपुरुष’ का डायरेक्शन ओम राउत ने किया है और इसमें प्रभास, भगवान राम और कृति सेनन, सीता के किरदार में हैं। यह इंडियन सिनेमा की सबसे महंगी फिल्मों में से एक है। कई भाषाओं में रिलीज होने वाली आदिपुरुष दुनिया भर के सिनेमाघरों में 3डी प्रिंट में रिलीज की जाएगी।

बॉक्‍स आफिस पर बंपर ओपनिंग, मेगा हिट हो सकती है फिल्‍म

फिल्म निर्माता और व्यापार विश्लेषक गिरीश जौहर ने कहा कि आदिपुरुष सभी भाषाओं में बॉक्स ऑफिस पर तकरीबन 50 करोड़ रुपये के साथ अच्छी शुरुआत कर सकती है। यह एक सच्ची अखिल भारतीय फिल्म है जहाँ निर्देशक और निर्माता उत्तर से हैं, लेकिन उन्होंने दक्षिण के एक बड़े सितारे को लीड रोल में लिया है। प्रभास की बड़ी फैन फॉलोइंग को देखकर मेरा अनुमान है कि फिल्म हिंदी भाषा में तकरबन 15-18 करोड़ रुपये की ओपनिंग की होगी और यह मेगा हिट फिल्‍म हो सकती है।

रिलीज से पहले ही हिट हो गई आदिपुरुष, झटके में कमा लिए 210 करोड़ रुपये, तोड़ पायेगी दंगल का रिकॉर्ड?

आदिपुरुष फिल्म के रिलीज का इंतजार अब खत्म होने वाला है। 16 जून को फिल्म देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो जाएगी। फिल्म के सुपरहिट होने की उम्मीद लगाई जा रही है। फिल्म के रिलीज से पहले ही प्रोड्यूसर्स ने राइट्स बेचकर 210 करोड़ रुपयों की कमाई कर ली है।

कांग्रेस को आम आदमी पार्टी का बड़ा ऑफर, सौरभ भारद्वाज ने कहा-अगर वे दिल्ली-पंजाब छोड़ दें, तो हम भी एमपी-राजस्थान में नहीं लड़ेंगे चुनाव

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आम आदमी पार्टी के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस को बड़ा ऑफर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पंजाब और दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ती है तो आम आदमी पार्टी भी राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ेगी।बता दें कि इस साल के अंत में राजस्‍थान और मध्‍य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। द‍िल्‍ली के बाद पंजाब में प्रचंड बहुमत के साथ म‍िली जीत और सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी राजस्‍थान और मध्‍य प्रदेश में चुनाव लड़ने वाली है। हालांकि इससे पहले कांग्रेस के लिए बड़ी पेशकश की है।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज कांग्रेस के लिए एक ‘ऑफर’ लेकर आए। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कह कि अगर कांग्रेस दिल्ली और पंजाब में चुनाव नहीं लड़ती है, तो आम आदमी पार्टी (आप) भी मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव नहीं लड़ेगी। दरअसल, जब सौरभ भारद्वाज से पूछा गया कि कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी, वहां कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी। अगर दोनों पार्टियां एक-दूसरे के वोट काटेंगी, तो एक साथ आने का क्या मतलब है। इसके जवाब में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को जीरो सीटें मिली थीं। अगर कांग्रेस कहती है कि वे दिल्ली-पंजाब में चुनाव नहीं लड़ेंगे, तो हम भी कहेंगे कि हम मध्य प्रदेश-राजस्थान में चुनाव नहीं लड़ेंगे।

आप नेता का यह बयान यह ऐसे समय में आया है जब आप दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस से समर्थन पाने की उम्मीद कर रही है।

...तो संभव है कि अगली बार देश में चुनाव ही न हो-सौरभ भारद्वाज

यही नहीं सौरभ भारद्वाज ने दावा कि यदि विपक्षी पार्टियां 2024 के लोकसभा चुनाव में एकजुट नहीं हुईं तो संभव है कि अगली बार देश में चुनाव ही न हो। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में यह दावा भी किया कि यदि नरेन्द्र मोदी 2024 में फिर से प्रधानमंत्री चुने जाते हैं तो संभावना है कि वह संविधान को बदल दें और जब तक वह जीवित रहें तब तक के लिए खुद को देश का ‘राजा’ घोषित कर दें।

पीएम मोदी 21 जून को संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की करेंगे अगुवाई, यूएनजीए अध्यक्ष भी समारोह में होंगे शामिल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20-25 जून तक अमेरिका और मिस्र की आधिकारिक यात्र पर रहेंगे। अमेरिका की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में होने वाले समारोह में शामिल होंगे। भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल 21 जून को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सचिवालय में योग सत्र की अगुवाई करेंगे।

भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट को-ऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प ने कहा कि 2015 से दुनिया ने सही मायने में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अपनाया है। उन्होंने कहा कि योग का महत्व हर कोई समझ गया है और 175 सदस्य देशों ने इस पर तुरंत हस्ताक्षर कर दिए। यह उन लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय दिनों में से एक है और वास्तव में बहुत सी चीजों का प्रतीक है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए असरदार है। 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संयुक्त राष्ट्र में होने वाले समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 77वें सत्र के अध्यक्ष साबा कोरोसी भी इस समारोह में शामिल होंगे।कोरोसी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि मैं अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के नॉर्थ लॉन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त राष्ट्र में होने वाले 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लेने के लिए उत्साहित हूं।

बता दें, 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विचार रखा था। भारत द्वारा पारित मसौदा प्रस्ताव को 175 देशों ने समर्थन दिया था। योग की सार्वभौमिक मान्यता और बढ़ती लोकप्रियता के साथ, संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसंबर 2014 को 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। इसके बाद पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया।

पीएम मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन के निमंत्रण पर अमेरिका जा रहे हैं। यह यात्रा न्यूयॉर्क से शुरू होगी, जहां प्रधानमंत्री 21 जून को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह की अगुवाई करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी की यात्रा करेंगे। जहां 22 जून को व्हाइट हाउस में उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा। पीएम मोदी दोनों देशों के बीच हाई लेवल डॉयलाग को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन से मुलाकात करेंगे। 

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन उसी शाम प्रधानमंत्री के सम्मान में राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे। पीएम मोदी अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं के निमंत्रण पर 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। जिसमें प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी और सीनेट के अध्यक्ष चार्ल्स शूमर शामिल होंगे। 23 जून को प्रधानमंत्री मोदी के लिए अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन संयुक्त रूप से एक लंच की मेजबानी करेंगे। अपनी आधिकारिक व्यस्तताओं के अलावा प्रधानमंत्री मोदी प्रमुख सीईओ, पेशेवरों और अन्य प्रमुख हस्तियों के साथ कई मौकों पर बातचीत करने वाले हैं। वह प्रवासी भारतीयों से भी मिलेंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी 24-25 जून तक मिस्र की राजकीय यात्रा करने के लिए काहिरा जाएंगे। पीएम मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के निमंत्रण पर मिस्र का दौरा कर रहे हैं। जिसे उन्होंने जनवरी 2023 में दिया था, जब उन्होंने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में ‘मुख्य अतिथि’ के रूप में शिरकत की थी।यह पीएम मोदी की मिस्र की पहली यात्रा होगी।

लंदन में तिरंगे का अपमान करने वाले खालिस्तानी समर्थक अवतार सिंह खांडा की मौत, अमृतपाल सिंह का था सहयोगी

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खालिस्तानी अलगाववादी और लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले का मास्टरमाइंड अवतार सिंह खांडा की ब्रिटेन में मौत हो गई है। खांडा खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह का करीबी माना जाता था। मिली जानकारी के मुताबिक खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह का करीबी अवतार सिंह खंडा का बर्मिंघम में निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि वह ब्लड कैंसर से पीड़ित था और बर्मिंघम के अस्पताल में ही भर्ती था। 

कई सोशल मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अवतार सिंह खंडा को जहर दिया गया था। जिसके बाद उसे ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर के एक अस्‍पताल में उसे भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि अवतार सिंह पिछले काफी समय से ब्लड कैंसर से भी जूझ रहा था। बुधवार को खांडा को लंदन के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था। सूत्रों ने बताया कि कैंसर के कारण थक्का फटने से खांडा के शरीर में जहर फैल गया। 

खांडा ने ही अमृतपाल को तैयार किया था

माना जाता है कि अवतार सिंह ने ही अमृतपाल को 'वारिस पंजाब दे' संगठन के नेता के रूप में पंजाब भेजा था। कुछ रिपोर्ट्स में तो यह भी कहा जाता है कि उसी ने अमृतपाल को ट्रेनिंग दी थी। 'वारिस पंजाब दे' का गठन दीप सिद्धू ने किया था। इसके साथ ही उसने कई सिख युवाओं को बम बनाने और आईईडी के इस्‍तेमाल की ट्रेनिंग दी थी। बताया जा रहा है कि अवतार सिंह के पिता और चाचा दोनों खालिस्तानी फोर्स के एक्टिव मेंबर थे और उसका मामा गुरजंत सिंह बुधसिंहवाला खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का प्रमुख था। बता दें कि खंडा के चाचा का 1988 और पिता का 1991 में एनकाउंटर कर दिया गया था।

कौन था खांडा

बता दें कि लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला करने वाले खालिस्तान समर्थकों में से कुछ मुख्य आरोपियों की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने तस्वीर जारी की थी। जिसमें लंदन में 19 मार्च 2023 को इंडिया हाउस पर हमला करने वालों का ब्यौरा मांगा गया है। इसमें से एक तस्वीर अवतार सिंह की भी थी। खांडा कथित तौर पर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) की लंदन इकाई का प्रमुख था और केएलएफ आतंकवादी कुलवंत सिंह खुखराना का बेटा था।

मोदी सरकार ने अब बदला नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम, कांग्रेस ने कहा-प्रतिशोध और संकीर्णता का दूसरा नाम मोदी

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नई दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदल दिया गया है। अब इसे प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से जाना जाएगा। नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदले जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना की और उनको संकीर्ण सोच और बदला लेने वाला व्यक्ति बताया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक ट्वीट किया और कहा कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों और अभिलेखों का खजाना रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है।

राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में फैसले पर लगी मुहर

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक हुई थी, जिसमें नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने के फैसले पर मुहर लग गई। राजनाथ सिंह नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के उपाध्यक्ष हैं। वहीं प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं। इनके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर समेत 29 सदस्य इस सोसाइटी में शामिल हैं। 

देश के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक म्यूजियम का पीएम मोदी ने दिया था प्रस्ताव

बता दें कि साल 2016 में पीएम मोदी ने एक प्रस्ताव रखा था कि तीन मूर्ति परिसर में देश के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक म्यूजियम का निर्माण किया जाएगा। उसी साल 25 नवंबर को एनएमएमएल की 162वीं बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बीते साल 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री संग्रहालय को जनता के लिए खोल दिया गया था।

इससे पहले भी बदले गए कई नाम

बता दें कि 2014 में मोदी सरकार आने के बाद से कई जगहों के नाम बदले गए हैं। इससे पहले मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान किया गया था। ये गार्डन राष्ट्रपति भवन के सामने है। मुगल गार्डन का नाम बदले जाने पर काफी सियासी हाय-तौबा मची थी। कांग्रेस ने नाम बदलने को इतिहास मिटाने की ओर कदम बताया था।

कभी पंडित जवाहर लाल नेहरू का घर रहा है ये भवन

गौरतलब हो कि तीन मूर्ति मार्ग पर बना हुआ प्रधानमंत्री संग्राहलय देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का घर रहा था। भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनके अंतिम सांस लेने तक पंडित जवाहर लाल नेहरू वहीं रहते थे। साल 1948 में जब पंडित नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने तो तीन मूर्ति भवन उनका आधिकारिक आवास बन गया। पंडित नेहरू 16 साल तक इस घर में रहे और यहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यू के बाद, सरकार ने उस घर को मेमोरियल घोषित कर दिया और उसी घर के अहाते में एक लाइब्रेरी का निर्माण कराया। इस लाइब्रेरी में देश के पत्रकार, लेखक, रिर्सच स्टूडेंट नेहरू के समय की सरकारों उनकी नीतियों और समकालीन देशों की किताबों को पढ़ते हैं। अब इसी लाइब्रेरी का मोदी सरकार ने नाम बदल दिया है जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है।