गृह रक्षकों की बहाली को लेकर जिलाधिकारी ने किया आगाह, बिचौलियों के झांसे में ना आए अभ्यर्थी

बेतिया : गत 5 जून से 13 जून तक बेतिया जिला में गृह रक्षकों की बहाली की प्रक्रिया महाराजा स्टेडियम में संपन्न हुई। उक्त जानकारी देते हुए दिनेश कुमार राय , जिला पदाधिकारी ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि इस बहाली प्रक्रिया को बिल्कुल निष्पक्ष एवं पारदर्शी रखने के उद्देश्य से आधुनिकतम तकनीकी का प्रयोग किया गया है। जहां उम्मीदवारों के पहचान हेतु बायोमेट्रिक जांच तीन-तीन स्तरों पर कराई गई है, वही दौड़ में आरएफआईडी तकनीकी का प्रयोग किया गया है। जो माइक्रोसेकंड की भी गणना कर लेती है इसके अतिरिक्त हाई चेस्ट मेजरमेंट लॉन्ग जंप कथा शॉट पुट में लेजर बेस्ट डिजिटल मेजरमेंट टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है। जो स्टिक गणना में सक्षम है साथ ही साथ सभी कैंडिडेट का मैन्युअल टेबल वाइज एंट्री कराया गया है्। 

उन्होंने बताया कि इस बहाली हेतु वर्ष 2011 में कुल 238 पदों के लिए प्रकाशित विज्ञापन में कुल 11684 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसके विरूद्ध कुल 4015 उम्मीदवारों ने शारीरिक जांच परीक्षा में भाग लिया। भाग लेने वाले उम्मीदवारों में से 489 अंतिम रूप से परीक्षा के सभी प्रकरणों में भाग लिए हैं। क्योंकि इस बहाली में आधुनिकतम तकनीकी के साथ-साथ मैनुअल एंट्री भी कराई गई है। सभी प्रकरणों पर वीडियोग्राफी एवं सीसीटीवी रिकॉर्डिंग कराई गई है। अतः इनकी प्रमाणिकता निर्विवाद है। 

उन्होंने सभी अभ्यार्थियों से अपील किया है कि वे किसी भी बिचौलिया के प्रलोभन में नहीं आए और अगर कोई बिचौलिया अभ्यर्थियों को गुमराह करने का प्रयास करता है तो शीघ्र ही इसकी सूचना जिला प्रशासन को दें। ताकि ऐसे लोगों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई किया जा सके। 

इस अवसर पर बेतिया पुलिस अधीक्षक अमरकेश डी.,जिला समादेष्टा, गृह रक्षा वाहिनी अमन कुमार सिंह एवं जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अनंत कुमार मौजूद रहे।

स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चित्तरंजन दास की पुण्यतिथि पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आ

बेतिया: भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चित्तरंजन दास की पुण्यतिथि पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन आज दिनांक 16 जून2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चितरंजन दास के पुण्यतिथि पर एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया।

 इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन , मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से भारत की महान स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चितरंजन दास को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन 16 1925 को भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चितरंजन दास का निधन हुआ था ।उनका सारा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा।वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, वकील पत्रकार एवं समाज सुधारक थे। राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को देखते हुए सम्मान पूर्वक ‘देशबंधु’ कहा जाता था। एक महत्वपूर्ण राष्ट्रवादी नेता के साथ-साथ वो एक सफल विधि-शास्त्री भी थे।

 स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान उन्होंने ‘अलीपुर षड़यंत्र काण्ड’ (1908) के अभियुक्त अरविन्द घोष एवं विभिन्न अवसरों पर स्वतंत्रता सेनानियों का बचाव किया था। अन्य राष्ट्रवादियों एवं देशभक्तों की तरह इन्होंने भी ‘असहयोग आंदोलन’ के अवसर पर अपनी वकालत छोड़ दी एवं अपनी सारी संपत्ति मेडिकल कॉलेज तथा स्त्रियों के अस्पताल को दे डाला। 

श्री दास के नेतृत्व में स्वराज्य पार्टी ने देश में इतना अधिक प्रभाव बढ़ा लिया कि तत्कालीन भारतमंत्री लार्ड बर्केनहैड के लिए भारत में सांविधानिक सुधारों के लिए चित्तरंजन दास से कोई न कोई समझौता करना ज़रूरी हो गया लेकिन दुर्भाग्यवश अधिक परिश्रम करने और जेल जीवन की कठिनाइयों को न सह सकने के कारण श्री चित्तरंजन दास बीमार पड़ गए और 16 जून, 1925 ई. को उनका निधन हो गया।

चित्तरंजन दास की मृत्यु के फलस्वरूप ब्रिटिश सरकार से वार्ता की बात समाप्त हो गई और भारतीय स्वाधीनता की समस्या के शान्तिमय समाधान का अवसर नष्ट हो गया। चित्तरंजन दास के निधन का शोक संम्पूर्ण देश में मनाया गया। सारे देशवासी उन्हें प्यार से 'देशबंधु' कहते थे।

बरसात शुरू होने की धमक के बीच नगर निगम के जाम नालों की युद्ध स्तर पर करें सफाई व उड़ाही: गरिमा

बेतिया : मौसम का पारा गर्म रहने के बावजूद भी मानसून के बरसात की धमक अब मिलने लगी है। इस बीच सघन शहरी क्षेत्र से सुगम जलनिकासी के लिए संवेदनशील स्थानों की पहचान कर नालों की सफाई और उड़ाही का अभियान युद्ध स्तर पर तेज करने का निर्देश नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने दिया। 

गुरुवार को नगर निगम क्षेत्र के वार्ड- 5 के उत्तरी द्वारदेवी चौक, वार्ड 22 के बेलबाग बंगाली कॉलोनी व वार्ड 26 के मुख्य नालों की जारी उड़ाही का महापौर श्रीमती सिकारिया ने ऑन स्पॉट औचक निरीक्षण किया। 

तेज हवा के बीच झुलसा देने वाली गर्मी के बीच मुख्य नालों में उतरकर उड़ाही करते दहाड़ी सफाई मजदूरों को महापौर श्रीमती सिकारिया ने सही मायने में कर्मवीर करार दिया। 

उन्होंने कहा कि पूरे नगर निगम क्षेत्र को जल जमाव से बचाने में आप सबकी भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने बरसात शुरू होने की धमक के बीच नगर निगम के जाम नालों की जारी सफाई और उड़ाही अभियान को युद्ध स्तर पर पूरा करने का निर्देश दिया।

इसी क्रम उन्होंने नगर निगम के सफाई निरीक्षक मोहम्मद तबरेज को निगम क्षेत्र के सभी मुख्य नालों के कचरा और सिल्ट के कारण अक्सर जाम हो जाने वाले संवेदनशील प्वाइंट की युद्ध स्तर पर जांच का आदेश दिया।

जिलाधिकारी ने नौतन एवं बैरिया प्रखंड में चल रहे विकास योजनाओं एवं बांधों का लिया जायजा, दिए कई जरुरी निर्देश

बेतिया : जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय द्वारा बीते बुधवार को नौतन एवं बैरिया प्रखंड का भ्रमण किया गया तथा विकास कार्यों का जायजा लिया गया। अधिकारियों एवं ग्रामीणों से पूर्व में आयी बाढ़, संभावित बाढ़ एवं कटाव आदि को लेकर जानकारी ली गयी। 

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी अधिकारी अलर्ट होकर कार्य करेंगे। संभावित बाढ़ से निपटने हेतु आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एसओपी का शत-प्रतिशत अनुपालन करें तथा ससमय सभी तैयारी पूर्ण कर लें। संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में सुरक्षात्मक सामग्री को एकत्र कर लें।

जिलाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता, जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया गया कि फ्लड फाईटिंग की सभी तैयारियां ससमय कर लें। तटबंधों का नियमित रूप से निरीक्षण कराते रहे तथा आवश्यकतानुसार सुरक्षात्मक कार्य करें। पीओ, मनरेगा को निर्देश दिया गया कि बाढ़ आश्रय स्थल तक सुगमतापूर्वक आने-जाने हेतु एप्रोच पथ का निर्माण शीघ्र कराने की व्यवस्था करें।

भ्रमण के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा मंगलपुर बांध का भी जायजा लिया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत की तथा पूर्व के बाढ़, कटाव से संबंधित जानकारी ली। ग्रामीणों द्वारा अपने अनुभवों को साझा किया गया तथा कुछ सुझाव भी दिया गया।

जिलाधिकारी ने बैरिया एवं नौतन प्रखंड के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों से कहा कि नियमित रूप से शनिवारीय जनता दरबार का आयोजन कराना सुनिश्चित किया जाय। जनता दरबार में संबंधित अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष की उपस्थिति हर हाल में होनी चाहिए। जनता दरबार का प्रभावी रूप से संचालन हो ताकि भूमि विवाद तथा अन्य विवादों का ससमय पारदर्शी तरीके से निष्पादन किया जा सके।

उन्होंने निर्देश दिया कि नियमित रूप से प्रखंडस्त पर साप्ताहिक बैठक का आयोजन किया जाय। बैठक में विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों की अद्यतन स्थिति, लंबित मामलों की समीक्षा करें। लंबित मामलों को तत्परतापूर्वक निष्पादित कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रखंडस्तर के सभी अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर जनता के हितों के लिए कार्य करेंगे। प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों में साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था करेंगे।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रखंडों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र, विद्यालय, जन वितरण प्रणाली दुकान, पीएचसी का औचक निरीक्षण करें तथा क्रियान्वित योजनाओं का स्थलीय जांच भी करें। उन्होंने निर्देश दिया कि विद्यालयों में मिड डे मिल योजनान्तर्गत बच्चों को दिये जाने वाला भोजन गुणवतापूर्ण होना चाहिए। बच्चों को खाना देने से पहले अच्छे तरह से जांच करके संतुष्ट हो लें।

उन्होंने निर्देश दिया कि अंचलाधिकारी म्यूटेशन के मामलों को प्राथमिकता के साथ नियमानुकूल निष्पादित करेंगे। लंबित म्यूटेशन के मामलों को कैम्प मोड में निष्पादित कराना सुनिश्चित करेंगे। आरटपीएस काउंटर का संचालन अच्छे तरीके से करें। आरटीपीएस काउंटर पर प्राप्त आवेदनों को निर्धारित समयावधि में निष्पादित करायें।

कार्य में लापरवाही को लेकर सीडीपीओ, बैरिया को शोकॉज करने तथा अगले आदेश तक वेतन स्थगित करने का आदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया। वहीं बीपीआरओ, बैरिया को सख्त हिदायद दिया गया कि नल-जल योजनान्तर्गत सभी योजनाएं क्रियाशील होनी चाहिए। किसी कारणवश अवरूद्ध नल-जल योजना को अविलंब क्रियाशील कराना सुनिश्चित करेंगे।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, एएसडीएम, अनिल कुमार, निदेशक, डीआरडीए, सुजीत बरनवाल, विशेष कार्य पदाधिकारी, सुजीत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

जिलाधिकारी ने नौतन एवं बैरिया प्रखंड में चल रहे विकास योजनाओं एवं बांधों का लिया जायजा, दिए कई जरुरी निर्देश

बेतिया : जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय द्वारा बीते बुधवार को नौतन एवं बैरिया प्रखंड का भ्रमण किया गया तथा विकास कार्यों का जायजा लिया गया। अधिकारियों एवं ग्रामीणों से पूर्व में आयी बाढ़, संभावित बाढ़ एवं कटाव आदि को लेकर जानकारी ली गयी। 

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी अधिकारी अलर्ट होकर कार्य करेंगे। संभावित बाढ़ से निपटने हेतु आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एसओपी का शत-प्रतिशत अनुपालन करें तथा ससमय सभी तैयारी पूर्ण कर लें। संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में सुरक्षात्मक सामग्री को एकत्र कर लें।

जिलाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता, जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया गया कि फ्लड फाईटिंग की सभी तैयारियां ससमय कर लें। तटबंधों का नियमित रूप से निरीक्षण कराते रहे तथा आवश्यकतानुसार सुरक्षात्मक कार्य करें। पीओ, मनरेगा को निर्देश दिया गया कि बाढ़ आश्रय स्थल तक सुगमतापूर्वक आने-जाने हेतु एप्रोच पथ का निर्माण शीघ्र कराने की व्यवस्था करें।

भ्रमण के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा मंगलपुर बांध का भी जायजा लिया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत की तथा पूर्व के बाढ़, कटाव से संबंधित जानकारी ली। ग्रामीणों द्वारा अपने अनुभवों को साझा किया गया तथा कुछ सुझाव भी दिया गया।

जिलाधिकारी ने बैरिया एवं नौतन प्रखंड के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों से कहा कि नियमित रूप से शनिवारीय जनता दरबार का आयोजन कराना सुनिश्चित किया जाय। जनता दरबार में संबंधित अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष की उपस्थिति हर हाल में होनी चाहिए। जनता दरबार का प्रभावी रूप से संचालन हो ताकि भूमि विवाद तथा अन्य विवादों का ससमय पारदर्शी तरीके से निष्पादन किया जा सके।

उन्होंने निर्देश दिया कि नियमित रूप से प्रखंडस्त पर साप्ताहिक बैठक का आयोजन किया जाय। बैठक में विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों की अद्यतन स्थिति, लंबित मामलों की समीक्षा करें। लंबित मामलों को तत्परतापूर्वक निष्पादित कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रखंडस्तर के सभी अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर जनता के हितों के लिए कार्य करेंगे। प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों में साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था करेंगे।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रखंडों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र, विद्यालय, जन वितरण प्रणाली दुकान, पीएचसी का औचक निरीक्षण करें तथा क्रियान्वित योजनाओं का स्थलीय जांच भी करें। उन्होंने निर्देश दिया कि विद्यालयों में मिड डे मिल योजनान्तर्गत बच्चों को दिये जाने वाला भोजन गुणवतापूर्ण होना चाहिए। बच्चों को खाना देने से पहले अच्छे तरह से जांच करके संतुष्ट हो लें।

उन्होंने निर्देश दिया कि अंचलाधिकारी म्यूटेशन के मामलों को प्राथमिकता के साथ नियमानुकूल निष्पादित करेंगे। लंबित म्यूटेशन के मामलों को कैम्प मोड में निष्पादित कराना सुनिश्चित करेंगे। आरटपीएस काउंटर का संचालन अच्छे तरीके से करें। आरटीपीएस काउंटर पर प्राप्त आवेदनों को निर्धारित समयावधि में निष्पादित करायें।

कार्य में लापरवाही को लेकर सीडीपीओ, बैरिया को शोकॉज करने तथा अगले आदेश तक वेतन स्थगित करने का आदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया। वहीं बीपीआरओ, बैरिया को सख्त हिदायद दिया गया कि नल-जल योजनान्तर्गत सभी योजनाएं क्रियाशील होनी चाहिए। किसी कारणवश अवरूद्ध नल-जल योजना को अविलंब क्रियाशील कराना सुनिश्चित करेंगे।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, एएसडीएम, अनिल कुमार, निदेशक, डीआरडीए, सुजीत बरनवाल, विशेष कार्य पदाधिकारी, सुजीत कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मलाही बलुआ पंचायत में नव निर्मित अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का हुआ शुभारंभ, जिलाधिकारी ने किया उद्घाटन

बेतिया : लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंर्तगत बैरिया प्रखण्ड के मलाही बलुआ पंचायत में नव निर्मित अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का उद्धघाटन जिला पदाधिकारी दिनेश कुमार राय द्वारा किया गया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, निदेशक, डीआरडीए, सुजीत बरनवाल सहित प्रखण्ड एवं जिला स्तरीय अन्य पदाधिकारियों के साथ जन-प्रतिनिधि एवं समुदाय के लोग उपस्थित रहे।

उप विकास आयुक्त ने पंचायत में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन क्रियान्वयन कार्य को सुचारू रूप से क्रियान्वयन हेतु पंचायत प्रतिनिधियों को लगातार अनुश्रवण एवं कर्मियों को सहयोग करने की बात कही। साथ ही गाँवो को स्वच्छ एवं समृद्ध बनाने एवं स्वच्छता शुल्क संग्रह हेतु समुदाय को जागरूक करने हेतु सूचना शिक्षा एवं संचार गतिविधियों को आयोजन करने का भी बात कही।

इस अवसर पर जिलाधिकारी सहित सभी अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा पौधारोपण भी किया गया।

विश्व रक्तदाता दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठन द्वारा नई पीढ़ी से की यह अपील 

रक्तदान कर मानवता की सेवा को आगे आए विश्व की नई पीढ़ी। विश्व रक्तदाता दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठन नई पीढ़ी से की अपील।

आज दिनांक 14 जून 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया ,जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों एवं बुद्धिजीवियों ने भाग लिया ।इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय

विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा ने संयुक्त रूप से कहा कि विश्व रक्तदाता दिवस मनाने का आरंभ 2004 में हुआ था। रक्त के बिना शरीर हाड़-मांस का ढांचा है। शरीर के सुचारू संचालन के लिए खून की आवश्यकता होती है। खून की कमी से व्यक्ति का जीवन खतरे में पड़ सकता है। एक शरीर को खून की जरूरत होने पर अगर समय से रक्त की पूर्ति न की जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। खून की कमी को पूरा करके जीवन की रक्षा रक्तदान के जरिए की जा सकती है।

इस कारण लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जाता है, ताकि एक स्वस्थ व्यक्ति जरूरतमंद को रक्तदान कर सके और एक जीवन बचा सके। रक्तदान को बढ़ावा देने और रक्तदाता का आभार व्यक्त करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर दुनियाभर के लोगों को जरूरतमंदों को खून उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित किया जाता है,

ताकि खून की कमी से किसी मरीज की जान न जाए। इस अवसर पर वक्ताओं ने रक्तदाता दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रक्तदाता दिवस मनाने की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2004 में की थी। वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर ने ब्लड ग्रुप सिस्टम की खोज की थी। उनके इस योगदान के लिए 1930 में कार्ल लैंडस्टीनर को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। रक्तदाता दिवस वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर को समर्पित हैं, जिनका जन्मदिन 14 जून को होता है। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि हर वर्ष रक्तदाता दिवस की एक खास थीम होती है।

इस साल विश्व रक्तदाता दिवस 2023 की थीम है 'रक्त दो, प्लाज्मा दो, जीवन साझा करो, जीवन साझा करो' है। मंच के माध्यम से हम विश्व के नई पीढ़ी से आह्वान करते हैं कि मानवता की रक्षा के लिए रक्तदान के प्रति जागरूक हो।

12 फिट का अजगर को रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ा।

वाल्मीकि नगर इन दिनों भीषण गर्मी के कारण वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना वन प्रमंडल 2 के वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र से सटे रिहायशी इलाकों में इन दिनों वन्यजीवों के निकलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में सोमवार की दोपहर वाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के टंकी बाजार स्थित राजेश साह के घर में लगभग 12 फीट लंबा एक विशाल अजगर बैठा था।गृहस्वामी राजेश साह द्वारा इसकी सूचना वन क्षेत्र कार्यालय को दी। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए। वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के रेंजर अवधेश कुमार सिंह ने वन कर्मियों की टीम को गठीत कर घटनास्थल पर भेजा। वन कर्मियों की टीम ने घटनास्थल पर पहुंच कर कई घंटों की मशक्कत के बाद 12 फीट लंबे विशाल अजगर को सुरक्षित पकड़कर वीटीआर के कक्ष संख्या 29 के जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया।

संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव बान की मून के जन्मदिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आ

संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव बान की मून की लंबी उम्र एवं अच्छे स्वास्थ्य कामनाओं के लिए सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भेजा संदेश। आज दिनांक 13 जून 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव माननीय बान की मून के जन्मदिवस पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ,बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली ,डॉ अमित कुमार लोहिया, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव माननीय बान की मून को जन्मदिवस पर बधाई देते हुए उनकी लंबी उम्र एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के पूर्व महासचिव बान की मून का कार्यकाल विश्व शांति एवं मानवता का चुनौतियों भरा काल रहा। जिसमें माननीय बान की मून ने अपनी सूज बुझ एवं अपने लंबे कार्य अनुभव से जटिल समस्याओं हल निकाला था। संयुक्त राष्ट्र का अनुभव आरंभ 1975 में शुरू हुआ जब वह सियोल में विदेश मंत्रालय के संयुक्त राष्ट्र प्रभाग के एक कर्मचारी सदस्य बने। 1970 के दशक के अंत में, जब दक्षिण कोरिया को केवल पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त था, बान की मून को संयुक्त राष्ट्र में दक्षिण कोरियाई मिशन में तैनात किया गया था। 1999 में उन्होंने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि संगठन के लिए तैयारी आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। बान की मून 2001-02 में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष की कैबिनेट का भी नेतृत्व किया, 11 सितंबर, 2001 को संयुक्त राज्य में आतंकवादी हमलों के बाद की भूमिका अति महत्वपूर्ण रही।

13 अक्टूबर, 2006 को, उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हथियार का परीक्षण करने के कुछ ही दिनों बाद, बान को संयुक्त राष्ट्र महासचिव-चुनाव नामित किया गया था। बान 1 जनवरी, 2007 को कोफी अन्नान के उत्तराधिकारी बने, बर्मी राजनेता यू थांट के कार्यालय (1962-71) के बाद से संयुक्त राष्ट्र महासचिव के रूप में सेवा करने वाले पहले एशियाई बन गए। प्रतिबंध को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनमें उत्तर कोरियाई और ईरानी परमाणु खतरे, मध्य पूर्व में परेशानी और सूडान के दारफुर क्षेत्र में मानवीय संकट शामिल हैं। स्वयं संयुक्त राष्ट्र का सुधार भी एक प्रमुख मुद्दा था। 2011 में बान को दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया था।

उनके दूसरे कार्यकाल में बान ने कई संकटों का सामना किया, विशेष रूप से मध्य पूर्व में, जैसे कि सीरियाई गृहयुद्ध और अरब स्प्रिंग के विभिन्न आंदोलनों से नतीजा रहा। इसके अलावा, उन्हें 2014 में क्रीमिया के यूक्रेनी स्वायत्त गणराज्य के रूस के जबरन कब्जे पर अंतरराष्ट्रीय उथल-पुथल का सामना करना पड़ा। यह 31 दिसंबर, 2016 को समाप्त हुआ था।

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न, विश्व से बाल श्रम एवं बाल विवाह खत्म करने का लिया संकल्प

बेतिया : सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर दो दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह पर बोलते हुए अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली ,डॉ अमित कुमार लोहिया ,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहिन परवीन , मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा ने संयुक्त रूप से कहा कि पूरी दुनिया में12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का उद्देश्य बाल श्रम के खिलाफ दुनिया भर में बढ़ते आंदोलन के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करना है।

सामाजिक न्याय और बाल श्रम के बीच की कड़ी पर जोर देते हुए, 2023 में विश्व दिवस का नारा 'सभी के लिए सामाजिक न्याय' है। बाल श्रम समाप्त करें है'। बापु एवं बा कर्मभूमि बेतिया पश्चिम चंपारण मे सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, फकीराना सिस्टर्स सोसाइटी, बचपन बचाओ आंदोलन, कैलाश सत्यार्थी फाऊंडेशन ,यूनिसेफ एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थाएं संयुक्त रूप से बाल श्रम उन्मूलन, सीमा पार बाल व्यापार, बाल विवाह, बाल दुराचार की रोकथाम के लिए संयुक्त रुप से कार्य कर रही है। जिसके लिए समय समय पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पुलिस प्रशासन एवं सामाजिक पृष्ठभूमि के लोगों का सहयोग लिया जा रहा है।

पिछले तीन दशकों के दौरान बाल श्रम से निपटने में संयुक्त राष्ट्र संघ, विभिन्न सरकारों एवं विश्व बिरादरी द्वारा हमारे संयुक्त अनुभव ने प्रदर्शित किया है कि यदि मूल कारणों को दूर किया जाए तो बाल श्रम को समाप्त किया जा सकता है। पहले से कहीं अधिक, हम सभी के लिए लोगों की दैनिक समस्याओं के समाधान में योगदान देना अत्यावश्यक है, और बाल श्रम - संभवतः - इन समस्याओं में सबसे अधिक दिखाई देता है।

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि इस मंच के माध्यम से हम आह्वान कर रहे हैं कि सामाजिक न्याय को प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से सामाजिक न्याय के लिए परिकल्पित वैश्विक गठबंधन के तहत, इसके महत्वपूर्ण तत्वों में से एक के रूप में बाल श्रम उन्मूलन के साथ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई को फिर से शुरू करना अत्यधिक आवश्यक है। हम आशा करते हैं कि आने वाले दिनों में सामाजिक जागृति के माध्यम से धरातल पर बाल श्रम समाप्त किया जा सकेगा।