चक्रवाती तूफान को लेकर राहत भरी खबर, गुजरात के तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा बिपरजॉय पड़ा कमजोर, तूफान के लैंडफॉल में भी बदलाव की संभावना
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को लेकर राहत भरी खबर है। गुजरात के तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा बिपरजॉय कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। पिछले कुछ घंटों में तूफान की तीव्रता कम हो गई है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान राहत आयुक्त आलोक पांडे ने यह जानकारी दी।
कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह
उन्होंने बताया कि चक्रवात बिपरजॉय की हवा की गति में उल्लेखनीय कमी देखी गई है। इसके चलते तूफान के संभावित लैंडफॉल में भी बदलाव की संभावना है। अधिकारी ने बताया कि पहले के पूर्वानुमान के मुताबिक, तूफान कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के करीब शाम 4 बजे से शाम 5 बजे के बीच पहुंचने वाला था। लेकिन अब इसमें बदलाव की संभावना है क्योंकि हवा की गति कम पड़ी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक दिन पहले भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि लैंडफॉल के दौरान हवा की गति लगभग 140-145 किमी प्रति घंटा हो सकती हा।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, "मौसम विभाग के अनुसार तूफान की रफ्तार धीमी होने के कारण अब इसके गुरुवार रात करीब नौ बजे से रात 10 बजे के बीच तट से टकराने की संभावना है। संभावित चक्रवात के जमीन से टकराने पर हवा की गति 115-125 किमी प्रति घंटा होने की संभावना है। केवल तूफान की रफ्तार कम हुई है, लेकिन संकट अभी टला नहीं है, ऐसे में प्रशासन एहतियात के तौर पर पूरी तैयारी कर चौकसी बरत रहा है।"
सतर्क रहने पर जोर
तूफान की तीव्रता में कमी एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि अधिकारियों ने सतर्क रहने पर जोर दिया है क्योंकि संकट अभी पूरी तरह टला नहीं है। अधिकारी ने कहा कि राज्य प्रशासन उच्च स्तर की तैयारियों को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। आईएमडी के मुताबिक, अगले 3 घंटों के दौरान गुजरात राज्य के द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, मोरबी, राजकोट, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, गिर सोमनाथ और कच्छ जिले में 40 किमी प्रति घंटे से कम की अधिकतम सतही हवा की गति के साथ मध्यम बारिश (5-15 मिमी/घंटा) की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री पटेल ने चक्रवात बिपरजॉय द्वारा उत्पन्न संभावित जोखिमों के मद्देनजर सक्रिय उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया है और सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों को राज्य के निवासियों की सुरक्षा और भलाई को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। भारतीय सेना, नौसेना, स्टेट रिजर्व डिफेंस फोर्स (SRDF), नेशनल रिजर्व डिफेंस फोर्स (NRDF) और कोस्ट गार्ड के साथ राज्य सरकार ने चक्रवात के प्रभाव को कम करने और प्रभावित आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सामूहिक प्रयास शुरू किया है।
94,000 से अधिक लोगों को निकाला
गुजरात सरकार ने एक मीडिया बयान में कहा कि 8 प्रभावित जिलों के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले 94,000 से अधिक लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। निकाले गए लोगों में कच्छ से 46,823, जूनागढ़ से 4,864, जामनगर से 9,942, पोरबंदर से 4379, देवभूमि द्वारका से 10,749, गिर सोमनाथ से 1605, मोरबी से 9243 और राजकोट से 6822 लोग शामिल हैं। इसके अलावा, 8930 बच्चे, 4697 बुजुर्ग और 1131 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वन्य जीवों की सुरक्षा और संरक्षा को ध्यान में रखते हुए गुजरात वन विभाग द्वारा करीब 180 टीमें तैयार की गई हैं। इसके अलावा रिहायशी इलाकों में पशुशालाओं को खुला रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।
Jun 16 2023, 11:25