बीजेपी को आ रही पुराने साथियों की याद! जाने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन दलों पर क्यों है खास नजर

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2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की बातें होने लगी हैं। विपक्षी दल एकजुट होकर बीजेपी को हराने की योजना बनाने के लिए बैठक कर रहे हैं। नई संसद के उद‌्घाटन समारोह का कांग्रेस सहित 20 विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया था। इसके जरिए विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाने की भी कोशिश की। एकतरफ विपक्षी एकता की कोशिश हो रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी भी अपना कुनबा बढ़ाने की कोशिश कर रही है। पिछले लोकसभा चुनाव से अब तक बीजेपी अपने कई साथियों को खो चुकी है। ऐसे में यह पार्टी आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अपने पुराने सहयोगियों को बार फिर वापस लाने की कोशिश में दिख रही हैं।

बीजेपी पुराने सहयोगियों को एकबार फिर वापस लाने की कवायद में

दरअसल पिछले दो लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को बुरी तरह हराकर बहुमत हासिल किया था। साल 2014 में बीजेपी ने अपने दम पर 282 सीटें जीतीं और एनडीए ने मिलकर 336, साल 2019 में बीजेपी ने 303 और एनडीए ने 352 सीटें जीतीं। धीरे-धीरे 2024 के चुनाव से पहले बीजेपी के अपने पुराने सहयोगी अलग होते गए और एक समय पार्टी के साथ कदमताल मिलाकर वर्षों तक चलनेवाली पार्टियों ने या तो विपक्ष का दामन थाम लिया या फिर एकला चलो की राह पर निकल पड़ीं। अब जब विपक्ष एकजुट हो रहा है तो बीजेपी भी लोकसभा चुनाव से पहले अपनी रणनीति बदल रही है और पार्टी को 25 साल पुराने सहयोगियों की फिर से याद आ रही है। बीजेपी गठबंधन की पुराने सहयोगियों को एकबार फिर से वापस लाने की कवायद में है।

टीडीपी के साथ दोस्ती का संकेत

हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की थी। 2019 में एनडीए से अलग हो चुकी इस पार्टी के प्रमुख से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में तेलुगु देशम पार्टी एक बार फिर एनडीए के गठबंधन में शामिल हो सकती। वैसे इसकी नींव इस साल हुए पोर्ट ब्लेयर के नगर परिषद के चुनाव में पड़ चुकी है। यहां दोनों दलों ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था और चुनाव जीत भी लिया था। इसके बाद मई में पीएम मोदी ने भी 'मन की बात' कार्यक्रम में एन टी रामाराव की जयंती पर उन्हें याद कर टीडीपी के साथ दोस्ती का संकेत दिया था। इसके बाद उनके साथ आने की अटकलें और बढ़ गईं।

पंजाब में अकाली दल की होगी वापसी

पंजाब के बीजेपी के पुराने सहयोगी की बात करें तो अकाली दल को लेकर पार्टी असमंजस में है। मगर जिस तरह सीनियर बादल यानी प्रकाश सिंह बादल के निधन पर प्रधानमंत्री समेत तमाम बड़े नेता उनके गांव पहुंचे और पीएम ने जो सह्रदयता दिखाई उसे देखकर कयास फिर से लगाए जा रहे हैं कि ये पार्टियां एकबार फिर एक प्लेटफार्म पर आ सकती हैं। 

राजभर के साथ यूपी में दोस्ती का प्लान

लोकसभा चुनाव में बीजेपी उत्तर प्रदेश में किसी तरह का कोई राजनीतिक रिस्क नहीं लेना चाहती है, जिसके लिए मौजूदा सहयोगी दलों को साथ रखने के अलावा भी नए साथ की तलाश में है। ऐसे में बीजेपी की नजर यूपी में ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा के साथ गठबंधन करने की है। विधान परिषद के चुनाव में राजभर ने बीजेपी के पक्ष में वोटिंग कर दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया है। इसकी वजह यह है कि सुभासपा से गठबंधन करने पर बीजेपी को पूर्वांचल में पांच से छह लोकसभा सीटों पर फायदा हो सकता है। ओम प्रकाश राजभर की एनडीए में वापसी कराने की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को सौंपी गई है। माना जा रहा है जुलाई में सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की बीजेपी नेतृत्व की बैठक प्रस्तावित है।

बिहार में बीजेपी राजनीतिक साथियों की तलाश में

बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के खेमे में जाने के बाद बीजेपी नए राजनीतिक साथियों की तलाश में है। राम विलास पासवान की सियासी विरासत संभाल रहे चिराग पासवान की बीजेपी के साथ नजदीकियां बढ़ रही हैं। जेडीयू से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा के भी बीजेपी के साथ गठबंधन की तैयारी है तो वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी को भी साथ लेने की तैयारी है। ये दोनों ही नेता पहले एनडीए के साथ रह चुके हैं। वहीं, महागठबंधन में शामिल जीतनराम मांझी भी इन दिनों बागी तेवर अपनाए हुए हैं, जिसके चलते उनके भी एनडीए में वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं।

बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट, पुलिस को पॉक्सो केस में नहीं मिले सबूत, कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर

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भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को पॉक्सो केस में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली पुलिस ने पॉक्सो मामले में पटियाला हाऊस कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उनके खिलाफ इस केस में कोई सबूत नहीं मिले हैं लिहाजा हम इस मामले की जांच बंद कर रहे हैं। अदालत ने पुलिस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई तय की है।

कैंसिलेशन रिपोर्ट भी दाखिल

महिला पहलवानों के उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस ने आज यानी गुरुवार को अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, 1100 से 1200 पन्नों की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि महिला पहलवान केस में पर्याप्त सबूत उपलब्ध कराने में असफल रहे हैं। इसके साथ-साथ पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज पोक्सो मामले को वापस लेने के लिए 550 पेज की कैंसिलेशन रिपोर्ट भी दाखिल की है। 

बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई टेक्निकल एविडेन्स नही मिले

चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने बताया है कि उसे मामले की तफ्तीश के दौरान बृजभूषण सिंह के खिलाफ कोई टेक्निकल एविडेन्स नही मिले हैं। जांच में पुलिस को न तो कोई संदिग्ध तस्वीर, वीडियो या फुटेज या फिर फोरेंसिक सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस की ओर से महिला पहलवानों से भी सबूत मांगे गए थे लेकिन वो उपलब्ध कराने में असफल रहे।

क्या था पूरा मामला?

बीते महीने 23 अप्रैल को देश के शीर्ष तीन पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक बृजभूषण सिंह शरण के ऊपर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए और उनके इस्तीफे की मांग करने लगे। इसके बाद उन्होंने बृजभूषण सिंह शरण पर यौन शौषण के आरोप लगाए जिस पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की थी। ओलंपियन पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट ने इस महीने की शुरुआत में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ भी बातचीत की थी। सरकार ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून तक आरोप पत्र दायर किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन अगले फैसले तक स्थगित कर दिया था।

अमेरिका का भारत को बड़ा ऑफर, पीएम मोदी की यात्रा से पहले किलर ड्रोन बेचना चाहता है बाइडेन प्रशासन

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले बाइडेन सरकार ने भारत को बड़ा ऑफर दिया है।रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका चाहता है, कि भारत सरकार अमेरिका से विशाल हथियारबंद ड्रोन डील को पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले फाइनल कर ले। दरअसल, भारत लंबे समय से अमेरिका से विशाल हथियारबंद ड्रोन विमान सी गार्डियन खरीदना चाहता है लेकिन यह डील लटकी हुई है। अमेरिकी वार्ताकार अब यह उम्‍मीद कर रहे हैं कि पीएम मोदी की 22 जून होने वाली यात्रा में यह गतिरोध टूट सकता है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक चूंकि पीएम मोदी की यात्रा तय हो गई है, ऐसे में अमेरिका के विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय पेंटागन और राष्‍ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस ने भारत से कहा है कि वह 30 MQ-9 प्रिडिएटर हथियारबंद ड्रोन के मामले में प्रगति 'दिखाए।' 

इंडिया टुडे ने सरकारी सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में ये जानकारी दी है। जिसमें बताया गया है कि लंबे समय से अटकी हुई इस डील को 15 जून को होने वाली बैठक के बाद आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए अमेरिका की तरफ से भी लगातार कोशिशें हो रही हैं। रक्षा मंत्रालय की ये बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 21 से 24 जून तक अमेरिका दौरे से ठीक पहले हो रही है। जिसमें कई रक्षा सौदों को लेकर चर्चा हो सकती है।

पीएम मोदी का ये दौरा पिछले कई दौरों से बिल्कुल अलग होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने देश को सशक्त बनाने का जो प्रण लिया है।सुपरपावर अमेरिका भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है। इस बार अमेरिका की 3 सबसे बड़ी संस्थाएं भारत के साथ बहुत बड़ी डील करने को बेताब हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार अमेरिका से MQ-9B सी गार्डियन ड्रोन की डील भी हो सकती है। इस तरह के ड्रोन्स भारत ने साल 2020 में लीज़ पर लिए थे। नेवी के बेड़े में ये दोनों ड्रोन शामिल किए गए थे। भारत को इस ड्रोन की ताकत का अहसास हो गया है, इसलिए इसकी डील सीधे अमेरिका से बड़े स्तर पर हो सकती है।

बता दें कि भारत ने समुद्र में चीनी और पाकिस्‍तानी हरकतों पर निगरानी के लिए दो सी गार्डियन ड्रोन लीज पर लिया हुआ है। MQ-9 प्रिडिएटर ड्रोन सैटेलाइट से संचालित होता है और यह 45 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ते हुए 35 घंटे तक हवा में रह सकता है। इसमें रेडॉर की तरह से सेंसर लगे होते हैं। इसमें इलेक्‍ट्रानिक सपोर्ट के लिए उपकरण होते हैं जो किसी भी दुश्‍मन की पहचान कर सकते हैं। इसके बाद इस ड्रोन में लगी मिसाइलों और बम की मदद से उस दुश्‍मन को तबाह कर दिया जाता है।

उत्तर प्रदेश में आज से 20 तक बारिश व आंधी का सिलसिला चक्रवाती तूफान और मानसून मिलकर बदल सकते हैं यूपी का मौसम

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

मानसून के साथ ही चक्रवातीय तूफान बिपरजाॅय उत्तर प्रदेश के मौसम पर असर डाल सकता है। आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक जेपी गुप्ता ने बताया कि आज से उत्तर प्रदेश के विभिन्न अंचलों में गरज- चमक के साथ बारिश और आंधी का सिलसिला शुरू होगा जो 20 जून तक जारी रह सकता है।‌ 18 से 21 जून के बीच पूर्वी भारत में मानसून के पहुंचने के आसार बन रहे हैं। इस वक्त मानसून की ट्रफ लाइन पूर्वी उत्तर प्रदेश से उत्तरी ओडिशा होते हुए पूर्वी बिहार और उत्तर पूर्वी बंगाल की खाड़ी तक पहुंच रही हैं। बृहस्पतिवार को को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क‌ई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश होने से ज्यादा आसार हैं। इसके बाद पूर्वी अंचलों में भी छिटपुट बारिश का क्रम शुरू होगा। फिलहाल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में प्रचंड गर्मी का प्रकोप जारी है।

स्टालिन सरकार का बड़ा फैसला, तमिलनाडु में सीबीआई को जांच के लिए लेनी होगी इजाजत

#cbi_to_take_permission_to_probe_cases_in_tamil_nadu

केन्द्र की मोदी सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगातार लग रहा है। इसी बीच बुधवार को तमिलनाडु के बिजली और आबकारी मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने केंद्रियों एजेंसियों से जुड़ा बड़ा फैसला लिया है। स्टालिन सरकार के फैसले के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी को अब जांच के लिए पहले राज्य की अनुमति लेनी होगी।तमिलनाडु गृह विभाग ने बुधवार (14 जून) को कहा कि तमिलनाडु राज्य में मामलों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो से सामान्य सहमति वापस लेता है।

तमिलनाडु के गृह विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, तमिलनाडु सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली है।बयान के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी, सीबीआई को अब राज्य में नए मामले की जांच के लिए तमिलनाडु सरकार से अनुमति लेनी होगी। बयान में कहा गया कि पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, मिजोरम, पंजाब और तेलंगाना में इसे पहले ही किया जा चुका है।

इन राज्यों में भी सीबीआई को अनुमति जरूरी

दरअसल, आम सहमति वापसी के बाद अब केंद्रीय जांच एजेंसी को राज्य में किसी भी मामले की जांच करने से पहले तमिलनाडु सरकार से अनुमति लेनी होगी।तमिलनाडु सीबीआई द्वारा जांच के लिए अपनी सामान्य सहमति वापस लेने वाला दसवां भारतीय राज्य बन गया। इससे पहले जिन अन्य 9 राज्यों ने मामलों की जांच के लिए सीबीआई से अपनी सामान्य सहमति वापस ले ली थी उनमें छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, मेघालय, मिजोरम, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। 

मंत्री वी सेंथिल की गिरफ्तारी के बाद फैसला

तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ ईडी की छापेमारी के बाद स्टालिन सरकार ने बड़ा कदम उठाया।इस कदम पर विपक्षी नेताओं ने भाजपा की तीखी आलोचना करते हुए सत्तारूढ़ पार्टी पर प्रतिद्वंद्वी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस समेत कईविपक्षी दलों के नेताओं ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्तापक्ष के खिलाफ बोलने वालों को राजनीतिक उत्पीड़न एवं प्रतिशोध की कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के परिवहन विभाग में नौकरियों के बदले नकदी घोटाले के मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। बालाजी तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन नीत सरकार में केंद्रीय एजेंसी की इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले पहले मंत्री हैं। मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस मामले पर कहा कि जब बालाजी ने जांच में पूरी तरह सहयोग का आश्वासन दिया है तो लंबी पूछताछ की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्या ईडी की इस तरह की अमानवीय कार्रवाई उचित है। बालाजी 2014-15 में अपराध के समय अन्नाद्रमुक में शामिल थे और उस समय परिवहन मंत्री थे।

बृजभूषण सिंह के खिलाफ गुरुवार चार्जशीट दाखिल कर सकती है दिल्ली पुलिस, पहलवानों को 15 जून तक जांच पूरी करने का मिला था आश्वासन

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भारतीय कुश्‍ती महासंघ के अध्‍यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ महिला रेसलर्स के यौन उत्‍पीड़न के आरोपों की जांच लगभग पूरी हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक, दिल्‍ली पुलिस इस मामले में गुरुवार को चार्जशीट दाखिल कर सकती है।केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सात जून को ओलंपिक पदक विजेता पहलवानों बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक से मुलाकात की थी। साथ ही प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल हो जाएगा। इस आश्वासन के बद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन रोक दिया था।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया चूंकि मंत्री ने पहलवानों को आश्वासन दिया है कि मामले में 15 जून (गुरुवार) तक आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा, हम इसका पालन करेंगे।अधिकारियों ने बताया कि जांच के क्रम में दिल्ली पुलिस ने पांच अन्य देशों के कुश्ती संघ/महासंघों को पत्र लिखकर सिंह द्वारा यौन उत्पीड़ीन की कथित घटनाओं के संबंध में जानकारी मांगी है, लेकिन उनके जवाब का इंतजार है।अधिकारियों ने बताया कि जवाब मिलने के बाद पूरक आरोपपत्र दाखिल किए जाएगा। उन्होंने बताया कि टूर्नामेंट के फोटो और वीडियो, मैच के दौरान पहलवान जहां रूकीं थीं उन जगहों की सीसीटीवी फुटेज आदि उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुए नोटिस जारी किया गया है।

पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने एसआईटी के साथ जांच रिपोर्ट को लेकर बैठक भी की है। इस मामले में पुलिस ने 209 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। 4 पहलवानों से सबूत लिए हैं। विभिन्न साई सेंटरों और प्रतियोगिता स्थलों से सीसीटीवी फुटेज, फोटो और संबंधित नजदीकियों के बयान दर्ज किए हैं।अपनी जांच के लिए दिल्‍ली पुलिस ने पांच देशों के कुश्ती महासंघों को पत्र लिखकर बृजभूषण के यौन उत्‍पीड़न की कथित घटनाओं के संबंध में जानकारी मांगी है, इस महासंघों के जवाब का अभी इंतजार हो रहा है. अधिकारियों ने बताया कि महासंघों की ओरसे जवाब मिल जाने के बाद इस मामले में सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

आज गुजरात से टकराएगा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय, लैंडफॉल से पहले भारी बारिश, 74 हजार लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया

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अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय खतरनाक रूप से चुका है। कुछ ही घंटों में यह गुजरात से टकराने वाला है। बताया जा रहा है कि लैंडफॉल आज शाम 4 से 5 बजे के बीच हो सकता है।भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने तूफान के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि चक्रवात बिपरजोय सौराष्ट्र, कच्छ की तरफ बढ़ रहा है। यह जखाऊ से करीब 180 किमी की दूरी पर है। हवाएं 125-135 किमी प्रति घंटे रफ्तार से चल रही हैं। यह अति गंभीर चक्रवाती तूफान है जो शाम तक तट पर पहुंचेगा। इसकी वजह से पेड़, छोटे मकान, मिट्टी के घर, टिन के घरों को नुकसान हो सकता।

74,345 लोगों को अस्थायी आश्रयों में लाया गया

गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडे ने कहा कि तटीय इलाकों से लोगों को निकालने की प्रक्रिया बुधवार सुबह तक पूरी कर ली गई। 74,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। आठ तटीय जिलों में कुल 74,345 लोगों को अस्थायी आश्रयों में ले जाया गया। अकेले कच्छ जिले में लगभग 34,300 लोगों को निकाला गया। इसके बाद जामनगर में 10,000, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,089, देवभूमि द्वारका में 5,035, जूनागढ़ में 4,604, पोरबंदर में 3,469 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। 

8 जिलों में हाई अलर्ट

बिपरजॉय तूफान को देखते हुए गुजरात के 8 जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है।चक्रवात की वजह से गुजरात आने-जाने वाली 100 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द किया गया है। राजकोट एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही रोकी गई। स्कूल कॉलेज भी एहतियातन बंद किए गए हैं।

एनडीआरएफ और सेना ने मोर्चा संभाला

चक्रवात की संभावित दस्तक से पहले राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने गुजरात और महाराष्ट्र में राहत एवं बचाव अभियान चलाने के लिए कुल 33 टीमों को जिम्मा सौंपा है। एनडीआरएफ की 18 टीमों को गुजरात में रखा गया है, एक को दीव में तैनात किया गया है।भारतीय नौसेना ने बताया है कि चार जहाज स्टैंडबॉय पर हैं। पोरबंदर और ओखा में पांच-पांच राहत दल और वलसुरा में 15 राहत दल तैयार हैं। गोवा में आईएनएस हंस और मुंबई में आईएनएस शिकरा नेवल एयर स्टेशन पर नेवी के हेलीकॉप्टर को तैयार रहने को कहा गया है।

आप पाकिस्तानी मुसलमान को भाई समझते हैं या नहीं?' जानें क्या था ओवैसी का जवाब

#do_you_consider_pakistani_muslims_as_brothers_know_what_was_answer_owaisi 

एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं।वहां एक कार्यक्रम में ओवैसी ने पाकिस्तान को लेकर पूछे गए एक सवाल का दिलचस्प जवाब दिया जो अब चर्चा में है। युवक ने हैदराबाद के सांसद से पूछा कि क्या आप पाकिस्तान के मुसलमानों को अपना भाई मानते हैं? युवक के सवाल पर ओवैसी ने जवाब वायरल हो रहा है।

शिकागो में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में ओवैसी से एक युवक ने पूछा कि क्या आप पाकिस्तान के मुसलमानों को भी अपना भाई मानते हैं ? इस पर ओवैसी ने जवाब देते हुए कहा, हम पाकिस्तान नाम का एक और राष्ट्र बनाने के खिलाफ थे क्योंकि हमारे पूर्वजों ने आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी

ओवैसी ने आगे कहा कि जो रजाकार थे वो चले गए और जो वफादार थे वो रह गए। इसके बाद ओवैसी ने मुंबई हमले का जिक्र किया और पाकिस्तान को घेरते हुए कहा कि मुंबई हमले के जो हमलावर थे, वो पाकिस्तान से आए थे और इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। हमने देखा कि 2008 में मुंबई हमले के दौरान पड़ोसी मुल्क ने क्या किया? पाकिस्तान में आतंकवाद है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। कसाब ने मुंबई में मासूमों की हत्या की, वो पाकिस्तान का ही तो था।

अपने जवाब में लगे हाथों ओवैसी ने केन्द्र सरकार को भी लपेटे में ले लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमारी नई संसद के अंदर एक अखंड भारत का चित्र लगाया गया है। इसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान का नक्शा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा नेताओं से कहा कि चलिए इन देशों को फतह करते हैं तो भाजपा नेता बोले- मजाक कर रहे हो? मैंने कहा कि मैं मजाक क्यों करूंगा? आपने उन देशों को अपने मानचित्रों में जोड़ा है?

तूफान बिपरजॉय से पहले भूकंप के झटकों से हिली कच्छ की धरती, 3.5 तीव्रता का आया भूकंप

#earthquake_tremors_in_kutch_gujarat_amid_storm_warning 

अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भारत के पश्चिमी तट की ओर बढ़ रहा है। कल गुरुवार यानी 15 जून तक इसके गुजरात के तट तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। इस तूफान के पहुचंने से पहले बुधवार शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए। गुजरात के कच्छ में भूकंप से धरती कांपी। इससे लोगों में दोहरी दहशत घर कर गई। मिली जानकारी के अनुसार गुजरात के भुज और कच्छ क्षेत्र में भूकंप आया है। भूकंप की तीव्रता 3.3 रही। इससे पहले जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

इससे पहले जम्मू कश्मीर में आज एक फिर से धरती कांपी है। बुधवार को दोपहर बाद जम्मू कश्मीर में किश्तवार इलाके में भूकंप के झटके महसूस किए गए। मिली जानकारी के अनुसार रिएक्टर पैमाने पर तीव्रता 3.4 मापी गई। इससे पहले मंगलवार को भी दिन में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। फिर मंगलवार रात में भी जम्मू कश्मीर में भूकंप आया था।

बता दें कि चक्रवात बिपारजॉय कल यानी 15 जून को शाम को 4 से 8 बजे के बीच सौराष्ट्र, कच्छ जखाऊ पोर्ट के पास और पाकिस्तान के हिस्से में टकराएगा। कच्छ, देवभूम द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट और मोरबी जिले में हवा की गति 15 की सुबह 125 से 135 और शाम तक 145 किमी प्रति घंटा रहेगी। कल इन जिलों में भारी से भारी बारिश की संभावना है। जब ये साइक्लोन सौराष्ट्र, कच्छ और पाकिस्तान के पोर्ट के पास टकराएगा तब इसकी गति 125 किमी प्रति घंटा रहेगी।

संभावित प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। कच्छ और द्वारका में अधिक वर्षा की संभावना है। अबतक 50 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बिजली कर्मचारियों की 200 टीमें लगाई गई हैं। बिजली पोल, डामर का स्टॉक तैयार कर लिया गया है। सभी खतरे वाली जगहों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहुंच गई हैं। संचार के लिए सैटेलाइट फोन और हैम रेडियो की टीमें भी तैयार रखी गई हैं। द्वारका में सबस्टेशन क्षतिग्रस्त हो गया, जिसे घंटों बाद बहाल किया गया।

2024 में तोड़ना है मोदी का मैजिक, तो विपक्ष को अपनाना होगा ये फॉर्मूला, जानें कहां फंस सकता है पेंच

#loksabhaelection2024strategyofoppositiontodefeat_bjp 

लोकसभा चुनाव में अभी कुछ महीनों का वक्त बाकी है, लेकिन सभी राजनीतिक दल मिशन-2024 के मोड में उतर चुके हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है। बीजेपी केंद्र की सत्ता में हैट्रिक लगाने की कवायद में जुटी है तो विपक्ष नरेंद्र मोदी को हर हाल में रोकने के लिए तानाबाना बुनने लगा है। इसके लिए विपक्ष को एकजुट करने की कवायद जारी है। इसी क्रम में 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक होनी है। देश भर से कम से कम 15 विपक्षी दलों के भाग लेने की संभावना है। इनमें ममता बनर्जी की टीएमसी, मलिल्कार्जुन खरगे के नेतृत्व वाली कांग्रेस, पीडीपी, नेशनल कान्फ्रेंस, समाजवादी पार्टी शामिल हैं। साथ ही एनसीपी और उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने बैठक में शामिल होने की सवीकृति दी है।

मोदी को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने का बनेगा फॉर्मूला

विपक्षी एकता के सूत्रधार बनते दिख रहे जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में प्रमुख पार्टियों के आला नेताओं की बैठक रखी है।इस बैठक में बीजेपी को हराने की रणनीति तय की जाएगी। मोदी को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने के लिए फॉर्मूला बनेगा। इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए ‘वन इज टु वन’ फॉर्मूला की भी चर्चा है। सबसे पहले जानते हैं ‘वन इज टु वन’ फॉर्मूला क्या है? 

ऐसे रोका जा सकता है भाजपा विरोधी वोटों को बंटने से

जब किसी मजबूत पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ बाकी सभी विपक्षी दल मिलकर अपना सिर्फ एक उम्मीदवार उतारते हैं तो इसे ‘वन इज टु वन’ का फॉर्मूला कहा जाता है। इसे ऐसे समझ सकते हैं, 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर बीजेपी के खिलाफ आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बसपा समेत बड़े विपक्षी दल मिलकर मैदान में अपने 1 उम्मीदवार को उतारें। ऐसा करने से भाजपा के विरोध में पड़ने वाले वोटों को बंटने से रोका जा सकेगा।

बीजेपी को हराना आसान नहीं होगा

हालांकि, विपक्षी एकता की मुहिम के तहत बने वन टू वन फॉर्मूला यानी आमने-सामने की लड़ाई में बीजेपी को हराना आसान नहीं होगा। मान लीजिए 2024 में सभी विपक्षी दल इस फॉर्मूले से चुनावी मैदान में उतरते हैं तो बिहार में राजद और जदयू चाहेंगे कि उनके हिस्से में ज्यादा सीटें आएं। इसी तरह यूपी में सपा, बसपा और रालोद ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहेंगीं। इससे विपक्षी दलों की एकता खतरे में पड़ सकती है। 

यहां फंस सकता है पेंच

23 जून को होने वाली बैठक में विपक्षी पार्टियों का फोकस सीट बंटवारे और जीतने वाले उम्मीदवार को खड़े करने पर ही होने वाला है। जानकारी के अनुसार, विपक्ष 450 सीटों पर एक उम्मीदवार लड़ाने पर सहमति बनाने में जुटा है। हालांकि, अभी भी कई राज्य हैं, जहां पेंच फंस सकता है और विपक्षी एकता को झटका लग सकता है। विपक्षी एकता के केंद्र में कांग्रेस होने के कारण ज्यादातर सीटों पर पेंच भी उसी के चलते फंस सकता है। 

 दिल्ली- 7 सीटः दिल्ली में भाजपा को टक्कर देने के लिए आम आदमी पार्टी को सबसे बड़ा विपक्ष माना जा रहा है। इसी के चलते केजरीवाल की पार्टी दिल्ली की सात सीटों पर कांग्रेस से गठबंधन की राह देख रही है। हालांकि, दिल्ली कांग्रेस के नेता आप का साथ देने को तैयार नहीं है।

 पंजाब- 13 सीटः पंजाब की 13 सीटों पर भी यही हाल है। पंजाब में कांग्रेस को हराकर सत्ता संभालने वाली AAP से कांग्रेस के स्थानीय नेता हाथ मिलाने को राजी नहीं है। इन नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान के साथ बैठक कर कड़ा एतराज भी जताया है। दरअसल, नेताओं का मानना है कि इससे उनकी पार्टी को राज्य के चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है।

 केरल- 20 सीटः केरल में सीपीएम की सरकार है, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बढ़त मिली थी। इसी कारण कांग्रेस अपनी जीती सीट सीपीएम को देने को राजी नहीं है। वहीं, सीपीएम भी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।

 महाराष्ट्र - 48 सीटः महाराष्ट्र में भी स्थिति साफ नहीं है। महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी मुख्य पार्टी होने के चलते ज्यादा सीट चाह रहे हैं। वहीं, शिवसेना और एनसीपी आपस में भी अपनी जमीन बचाने की कोशिश में होगी। 

 पश्चिम बंगाल- 42 सीटः बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार होने के चलते मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और सीपीएम का एकसाथ मिलना आसान नहीं लग रहा है। बंगाल में भी सीटों को लेकर पेंच फंस सकता है।

 तेलंगाना- 17 सीटः केसीआर की पार्टी का नाम ही पार्टी प्रमुख ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) से बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) रख लिया है। केसीआर ने राष्ट्रीय राजनीति में आने की महत्वकांक्षाओं के चलते ऐसा किया। यही कारण है कि तेलंगाना में भी विपक्षी एकता खतरे में है।

 उत्तर प्रदेश- 80 सीटः यूपी की 80 सीटों पर भी सपा और कांग्रेस में सीट बंटवारे को लेकर अड़चन आ सकती है। दरअसल, यूपी में फिलहाल देखा जाए तो भाजपा के बाद सपा का ही सबसे बड़ा जनाधार है। इसके चलते कई ऐसी सीटें होंगी, जिसपर विवाद हो सकता है। 

हालांकि, अगर बीजेपी के खिलाफ साझा उम्मीदवार उतारने में विपक्ष कामयाब होता है तो महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पंजाब, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, केरल जैसे राज्यों में बीजेपी के साथ खेल जरूर हो जाएगा। वैसे, अभी तो कवायद शुरू हुई है।