तेजी से बढ़ रहा है चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय', इन राज्यों में भारी तबाही का अलर्ट जारी

डेस्क: दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना हवा के तेज दबाव का क्षेत्र पिछले 3 घंटों के दौरान 11 किमी प्रति घंटे की गति के साथ लगभग उत्तर की ओर चला गया है और आज, 06 जून, 2023 को क्षेत्र में गोवा से 950 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में, मुंबई से 1100 किमी दक्षिण-पश्चिम में, पोरबंदर से 1190 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और कराची से 1490 किमी दक्षिण में केंद्रित रहा है। इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और अगले 12 घंटों के दौरान पूर्वी मध्य अरब सागर और इससे सटे दक्षिण पूर्व में एक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। इस तूफान को बिपरजॉय नाम दिया गया है। 

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 12 घंटो में यह डिप्रेशन चक्रवाती तूफ़ान में तब्दील हो जाएगा। इससे पहले कल (सोमवार) को मौसम विभाग ने इस अरब सागर में बन रहे तूफान के चलते 8-12 जून तक मुम्बई,ठाणे,पुणे समेत कोंकण के कई इलाकों में तेज़ बारिश और हवा चलने की आशंका जताई थी।

चक्रवात बिपारजॉय एक निम्न दबाव का क्षेत्र है जो वर्तमान में दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। इसके अगले 48 घंटों में और तीव्र होकर डिप्रेशन में बदलने की उम्मीद है और बाद के 72 घंटों में चक्रवाती तूफान अपनी तीव्रता तक पहुंच सकता है। चक्रवात का ट्रैक अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसके भारत के पश्चिमी तट की ओर बढ़ने की संभावना है। चक्रवात बिपारजॉय इस मौसम में अरब सागर में बनने वाला पहला चक्रवात है। 

मौसम विभाग ने जारी की है चेतावनी

चक्रवात से भारत के पश्चिमी तट पर भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की आशंका है। देश के कुछ राज्यों-गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में चक्रवात के कारण भारी बारिश होने की उम्मीद है। तेज हवाओं से बिजली गुल हो सकती है और संपत्ति को नुकसान हो सकता है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सावधानी बरतने और सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है। मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान को लेकर चेतावनी जारी की है। 

कैसे नाम मिला बिपरजॉय

चक्रवात को बाइपरजॉय नाम बांग्लादेश ने दिया था। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) सदस्य देशों द्वारा प्रस्तुत नामों के अनुसार वर्णानुक्रम में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नाम देता है। बांग्लादेश ने बिपरजॉय नाम दिया, जिसका अर्थ बंगाली में "खुशी" है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) चक्रवात की बारीकी से निगरानी कर रहा है और आवश्यकतानुसार सलाह जारी करेगा। तटीय क्षेत्रों के निवासियों को चक्रवात से संभावित बाढ़ और अन्य प्रभावों के लिए तैयार रहने की सलाह दी जाती है।

मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, विद्रोहियों की फायरिंग में एक बीएसएफ जवान की मौत, दो सैनिक घायल

#manipurbsfjawankilledduringfiringby_insurgents 

मणिपुर में एक बार फिर हालात बिगड़े हैं। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य के कई जिलों में कर्फ्यू के बीच सोमवार की रात एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी।सोमवार-मंगलवार (पांच और छह जून) की दरमियानी रात को वहां फिर से फायरिंग हो गई। विद्रोहियों की ओर से की गई ताजा गोलीबारी में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के एक जवान की जान चली गई, जबकि दो सैनिक घायल बताए गए। भारतीय सेना के स्पियर कॉर्प्स की ओर से जारी बयान में जानकारी दी गई थी।

भारतीय सेना के स्पीयर कोर ने एक बयान में कहा कि असम राइफल्स के घायल जवानों को विमान से मंत्रीपुखरी ले जाया गया है। अधिकारियों ने कहा कि असम राइफल्स, बीएसएफ और पुलिस की ओर से मणिपुर में सुगनू/सेरोऊ के क्षेत्रों में व्यापक अभियान चलाया गया। 5-6 जून की पूरी रात सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के समूह के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। सुरक्षा बलों ने प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की।

पांच जून को हिंसा में 3 की मौत

सूबे में इससे पहले पांच जून की सुबह इंफाल पश्चिम जिले के कांगचुप इलाके में लोगों के दो समूहों के बीच गोलीबारी हुई थी। घटना के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हुए थे। पुलिस के मुताबिक, घायलों को इंफाल के हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था, जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई।

10 जून की दोपहर 3 बजे तक नेट पर प्रतिबंध

राज्य में तीन मई को दो समुदायों के बीच भड़की हिंसा में अब तक 90 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। तनाव की स्थिति को देखते हुए 11 जिलों में अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है.मणिपुर सरकार की ओर से सोमवार शाम को जारी एक आदेश में कहा गया है कि इंटरनेट सेवाओं को पांच और दिनों के लिए बंद कर दिया जाएगा, यानी 10 जून की दोपहर 3 बजे तक नेट पर प्रतिबंध रहेगा।

बता दें कि मेईती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) की ओर से आयोजित एक रैली के दौरान मणिपुर में 3 मई को हिंसा हुई थी।19 अप्रैल को मणिपुर उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य के मेइती समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में मार्च का आयोजन किया गया था।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री से शादी करना चाहती है एमबीबीएस की छात्रा, गंगोत्री से बागेश्वर धाम तक के लिए शुरू की पदयात्रा

#mbbs_student_girl_wants_to_marry_bageshwar_dham

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कुछ समय से लगातार सुर्खियों में हैं। युवा संत बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मुखर होकर देश को हिंदू राष्ट्र बनाने बात कहते हैं। ऐसे ही बयानों को लेकर धीरेन्द्र शास्त्री लगातार चर्चा में रहते हैं। लेकिन इस बार मामला जरा हटकर है। दरअसल इस बार बाबा अपनी शादी की खबरों को लेकर सुर्खियों में हैं।बागेशर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से विवाह की कामना लेकर एमबीबीएस की छात्रा शिवरंजनी तिवारी ने पदयात्रा निकाली है। श्री गंगोत्री धाम से श्री बागेश्वर धाम तक सर पर गंगा जल का कलश लेकर पदयात्रा शुरू की गई है।यह कलश यात्रा 16 जून को बागेश्वर धाम पहुंचेगी।

शनिवार को शिवरंजनी तिवारी चित्रकूट स्थित संतोषी अखाड़ा पहुंची, जहां चित्रकूट के साधू संतों के समक्ष भजनों का गायन करते हुए मनोकामना पूर्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया। शिवरंजनी तिवारी ने बताया कि सिर पर गंगा जल का कलश लेकर वह पदयात्रा निकाल रही हैं। उधर, लोगों ने कहा कि कहा बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से विवाह की कामना को लेकर यह पद यात्रा शुरू की गई है। इस पर बार-बार पूछे जाने के बाद शिवरंजनी तिवारी ने केवल यही कहा कि सभी लोग अगली 16 तारीख का इंतजार करें।

बता दें, शिवरंजनी एक यूट्यूबर और भजन गायिका हैं। वह अपने आपको सेलिब्रिटी भी बता रही हैं। अभी हाल ही में यात्रा के दौरान वह इलाहाबाद एवं चित्रकूट में संतों के साथ देखी गई थी, जल्द ही वह बागेश्वर धाम पहुंचने वाली है। तो, वहीं अब बागेश्वर धाम के शुभचिंतकों को उनके चाहने वालों को बेसब्री से इंतजार है।

शिवरंजनी मध्य प्रदेश के सिवनी जिले की रहने वाली हैं। शिवरंजनी खुद को मेडिकल का स्टूडेंट बता रही हैं, लेकिन कॉलेज का नाम बताने से इनकार कर दिया। इसको लेकर कहा कि वे कॉलेज के नाम को गुप्त ही रखती हैं। हालांकि, उन्हें कॉलेज में एडमिशन लिए 1 साल हो गया है।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री से शादी करना चाहती है एमबीबीएस की छात्रा, गंगोत्री से बागेश्वर धाम तक के लिए शुरू की पदयात्रा

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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कुछ समय से लगातार सुर्खियों में हैं। युवा संत बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मुखर होकर देश को हिंदू राष्ट्र बनाने बात कहते हैं। ऐसे ही बयानों को लेकर धीरेन्द्र शास्त्री लगातार चर्चा में रहते हैं। लेकिन इस बार मामला जरा हटकर है। दरअसल इस बार बाबा अपनी शादी की खबरों को लेकर सुर्खियों में हैं।बागेशर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से विवाह की कामना लेकर एमबीबीएस की छात्रा शिवरंजनी तिवारी ने पदयात्रा निकाली है। श्री गंगोत्री धाम से श्री बागेश्वर धाम तक सर पर गंगा जल का कलश लेकर पदयात्रा शुरू की गई है।यह कलश यात्रा 16 जून को बागेश्वर धाम पहुंचेगी।

शनिवार को शिवरंजनी तिवारी चित्रकूट स्थित संतोषी अखाड़ा पहुंची, जहां चित्रकूट के साधू संतों के समक्ष भजनों का गायन करते हुए मनोकामना पूर्ति के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया। शिवरंजनी तिवारी ने बताया कि सिर पर गंगा जल का कलश लेकर वह पदयात्रा निकाल रही हैं। उधर, लोगों ने कहा कि कहा बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से विवाह की कामना को लेकर यह पद यात्रा शुरू की गई है। इस पर बार-बार पूछे जाने के बाद शिवरंजनी तिवारी ने केवल यही कहा कि सभी लोग अगली 16 तारीख का इंतजार करें।

बता दें, शिवरंजनी एक यूट्यूबर और भजन गायिका हैं। वह अपने आपको सेलिब्रिटी भी बता रही हैं। अभी हाल ही में यात्रा के दौरान वह इलाहाबाद एवं चित्रकूट में संतों के साथ देखी गई थी, जल्द ही वह बागेश्वर धाम पहुंचने वाली है। तो, वहीं अब बागेश्वर धाम के शुभचिंतकों को उनके चाहने वालों को बेसब्री से इंतजार है।

शिवरंजनी मध्य प्रदेश के सिवनी जिले की रहने वाली हैं। शिवरंजनी खुद को मेडिकल का स्टूडेंट बता रही हैं, लेकिन कॉलेज का नाम बताने से इनकार कर दिया। इसको लेकर कहा कि वे कॉलेज के नाम को गुप्त ही रखती हैं। हालांकि, उन्हें कॉलेज में एडमिशन लिए 1 साल हो गया है।

शुभेंदु अधिकारी का ममता बनर्जी पर बड़ा हमला, कहा- ट्रेन हादसा टीएमसी की साजिश, जांच से क्यों घबरा रहीं बंगाल की सीएम?

#shubhenduadhikarisaidwhyfearofcbi_investigation 

ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर पश्चिम बंगाल में बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी ) पर जोरदार हमला बोला है। अधिकारी ने टीएमसी पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि ओडिशा ट्रेन हादसे की घटना टीएमसी की साजिश है।

सीबीआई जांच से डर क्यों

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि दूसरे राज्य में हादसे से टीएमसी के नेता इतना क्यों डरे हुए हैं। आखिर उन्हें सीबीआई जांच से डर क्यों है। टीएमसी के लोग पुलिस की मदद से रेलवे के कर्मचारियों के फोन टैप किए। आखिरकार इन लोगों को रेलवे कर्मचारियों के बीच हुई बातचीत की जानकारी कैसे हुई। यह सब सीबीआई जांच के दायरे में आना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो वो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

ममता ने सीबीआइ जांच पर उठाए सवाल

दरअसल, ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने सीबीआइ जांच पर भी सवाल उठाया और कहा कि 12 साल पहले हुए ज्ञानेश्वरी ट्रेन हादसे की उन्होंने सीबीआइ से जांच कराने के आदेश दिए थे, लेकिन आज तक उसका नतीजा नहीं निकला है। सैंथिया मामले में भी सीबीआइ जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

हादसे पर सियासत जारी

बालासोर ट्रेन हादसे में आधिकारिक तौर पर 275 यात्रियों के मारे जाने की पुष्टि है। रेल मंत्रालय की तरफ से सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। करीब 51 घंटे बाद सोमवार को बाधित ट्रैक पर रेल सेवा बहाल होने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जो भी दोषी हों उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि इस हादसे पर सियासत भी गर्माई हुई है। विपक्षी दलों ने अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगा।

शुभेंदु अधिकारी का ममता बनर्जी पर बड़ा हमला, कहा- ट्रेन हादसा टीएमसी की साजिश, जांच से क्यों घबरा रहीं बंगाल की सीएम?

#shubhenduadhikarisaidwhyfearofcbi_investigation 

ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर पश्चिम बंगाल में बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी ) पर जोरदार हमला बोला है। अधिकारी ने टीएमसी पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि ओडिशा ट्रेन हादसे की घटना टीएमसी की साजिश है।

सीबीआई जांच से डर क्यों

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि दूसरे राज्य में हादसे से टीएमसी के नेता इतना क्यों डरे हुए हैं। आखिर उन्हें सीबीआई जांच से डर क्यों है। टीएमसी के लोग पुलिस की मदद से रेलवे के कर्मचारियों के फोन टैप किए। आखिरकार इन लोगों को रेलवे कर्मचारियों के बीच हुई बातचीत की जानकारी कैसे हुई। यह सब सीबीआई जांच के दायरे में आना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो वो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

ममता ने सीबीआइ जांच पर उठाए सवाल

दरअसल, ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने सीबीआइ जांच पर भी सवाल उठाया और कहा कि 12 साल पहले हुए ज्ञानेश्वरी ट्रेन हादसे की उन्होंने सीबीआइ से जांच कराने के आदेश दिए थे, लेकिन आज तक उसका नतीजा नहीं निकला है। सैंथिया मामले में भी सीबीआइ जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

हादसे पर सियासत जारी

बालासोर ट्रेन हादसे में आधिकारिक तौर पर 275 यात्रियों के मारे जाने की पुष्टि है। रेल मंत्रालय की तरफ से सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। करीब 51 घंटे बाद सोमवार को बाधित ट्रैक पर रेल सेवा बहाल होने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जो भी दोषी हों उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि इस हादसे पर सियासत भी गर्माई हुई है। विपक्षी दलों ने अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगा।

बालासोर ट्रेन हादसा मामले में बड़ा खुलासा, इंटरलॉकिंग सिस्टम से जानबूझकर छेड़खानी का दावा

#coromandel_train_accident_investigation_reveals_tampering_with_interlocking_system 

ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे की शुरुआती जांच में पता चला है कि सिस्टम से जानबूझकर छेड़छाड़ की गई है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने रेलवे के सूत्रों के हवाले से दावा किया कि एक्सीडेंट इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में गड़बड़ी से हुआ। बिना छेड़छाड़ के यह संभव ही नहीं है कि मेन लाइन के लिए निर्धारित रूट लूप लाइन में बदल जाए।

शुरूआती जांच में बताया जा रहा है कि इसके सबूत भी मिले हैं कि इस इंटरलॉकिंग सिस्टम से जानबूझकर छेड़छाड़ की गई है।हादसे पर रेलवे ने इस बात की आशंका जाहिर की है कि यह जो भी घटना हुई वह पॉइंट में बदलाव की वजह से हुई। पीएमओ को जानकारी दी गई कि रेलवे को ऐसा लगता है कि यह सब कुछ जानबूझकर किया गया है या फिर किसी ऐसे शख्स ने किया है, जिसको पॉइंट के बारे में पूरी जानकारी थी।इसी वजह से रेलवे ने दुर्घटना की जांच सीबीआई से करवाने का फैसला किया है।

रेलवे के उच्च अधिकारियों का कहना है कि बालासोर ट्रेन दुर्घटना के पीछे इंटरलॉकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। उनके मुताबिक रेलवे की प्रारंभिक जांच में इस बात के सुराग मिले हैं कि इसमें जानबूझकर छेड़छाड़ की गई हो और इसलिए ये महसूस किया गया कि इसकी जांच किसी पेशेवर जांच एजेंसी से करवाई जाए।

रेलवे के मुताबिक, जबतक इस इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ कोई जानबूझकर छेड़छाड़ नहीं करता, ऐसा मुमकिन ही नहीं है कि मेन लाइन के लिए निर्धारित लाइन को लूप लाइन से बदला जाए। अधिकारी ने सिफारिश की है कि इसी एंगल से जांच होनी चाहिए। बताया जाता है कि भारतीय रेलवे जिस इंटरलॉकिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है उसके पास चार सर्टिफिकेशन हैं और 100 फीसदी सुरक्षित माना जाता 

वहीं सीबीआई ने हादसे की जांच शुरू कर दी है।पीटीआई के मुताबिक, सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल का सोमवार को दौरा किया और अपनी जांच शुरू की। रेलवे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। खुर्दा रोड मंडल के डीआरएम आर रॉय ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार सीबीआई जांच शुरू हो गई है लेकिन विस्तृत विवरण अभी उपलब्ध नहीं है। रेलवे बोर्ड ने रविवार को हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

है।

भारत में लोकतंत्र पर सवाल उठाने वालों को अमेरिका ने दिया करारा जवाब, कहा-दिल्ली जाइए और खुद देख लीजिए

#us_dismisses_concerns_over_health_of_democracy_in_india

भारत में लोकतंत्र की स्थिति पर चिंताओं को अमेरिका ने सिरे से खारिज किया है। वाहट हाउस ने सोमवार को कहा है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और वहां जाने वाला कोई भी व्यक्ति इसे खुद महसूस कर सकता है।अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस ने सोमवार को एक बयान जारी कर ये बात कही।बता दें कि राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं और वहां वह अपने बयानों में भारत में लोकतंत्र को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। इसी को लेकर कुछ पत्रकारों ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत के लोकतंत्र से जुड़े सवाल किए। जिसपर उन्हें करारा जवाब मिला।

व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा, ‘भारत एक जीवंत लोकतंत्र है। कोई भी, जिसे आप जानते हैं, जो नई दिल्ली जाता है, वह इसे खुद देख सकता है। और निश्चित रूप से, मैं उम्मीद करता हूं कि लोकतांत्रिक संस्थानों की ताकत और इसकी हालत चर्चा का हिस्सा होगी। 

भारत-अमेरिका संबंध पर कही ये बात

किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘देखिए, हम कभी संकोच नहीं करते और आप दोस्तों के साथ ही ऐसा कर सकते हैं। आपको दोस्तों के साथ ऐसा करना चाहिए। आप कभी भी उन चिंताओं को जाहिर करने से नहीं कतराते हैं जो हम दुनिया भर में किसी के साथ हो सकते हैं। लेकिन यह (राजकीय) यात्रा है, वास्तव में अब जो है उसे आगे बढ़ाने के बारे में और हम जो उम्मीद करते हैं वह एक गहरी, मजबूत साझेदारी और दोस्ती होगी।

राहुल गांधी के दौर के बाद अमेरिका का बयान

अमेरिकी विदेश विभाग का यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौर के बाद आया है। बयान में न तो कहीं राहुल का जिक्र था और न ही उनसे जुड़ा कोई सवाल पूछा गया था। लेकिन माना जा रहा है कि अप्रत्‍यक्ष तौर पर राहुल की टिप्‍पणी का ही जवाब दिया गया है।ऐसा माना जा रहा है कि अपने इस बयान के जरिए अमेरिका ने उन सभी आलोचनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाए गए हैं।

क्‍या कहा था राहुल ने

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले दिनों अमेरिका में एक कार्यक्राम में कहा था कि भारत के लोकतंत्र से ‘‘पूरी दुनिया का लोकहित’’ जुड़ा है। अगर इसमें ‘‘बिखराव’’ होता है तो इसका असर पूरे विश्व पर पड़ेगा। अमेरिका के छह दिवसीय दौरे पर गए गांधी ने साथ ही कहा कि लोकतंत्र देश का आंतरिक मामला है। उन्होंने ‘नेशनल प्रेस क्लब’ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘भारत में लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ना हमारा काम है और यह एक ऐसी चीज है, जिसे हम समझते हैं, जिसे हम स्वीकार करते हैं और जो हम करते हैं।’’

सीबीआई ने शुरू की बालासोर ट्रेन हादसे की जांच, अफसरों की टीम ने घटनास्थल का लिया जायजा

#odisha_train_accident_cbi_started_investigation

सीबीआई ने ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है। सोमवार शाम सीबीआई की टीम बालासोर रेल हादसे की जांच के लिए एक्सीडेंट साइट पर पहुंची और मौके का मुआयना किया। सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने घटनास्थल का दौरा कर दुर्घटना की जांच शुरू की। सीबीआई की टीम अब हादसे की वजहों की तलाश में जुट गई है। बताया जा रहा है कि सीबीआई ने एक्सीडेंट वाली जगह से अहम सबूत जुटाए हैं। रेलवे बोर्ड ने रविवार को इस दर्दनाक ट्रेन हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। 

अज्ञात के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज

घटना के बाद 3 जून को रेलवे पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और रेलवे अधिनियम की कई धाराओं में केस दर्ज किया है। बालासोर रेलवे पुलिस की इस एफआईआर में अज्ञात के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने के साथ-साथ रेलवे एक्ट और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसी एफआईआर को आधार बनाकर सीबीआई इस मामले की जांच करेगी। बालासोर ट्रेन दुर्घटना में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 153, 154 और 175 के तहत कटक में सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई। बालासोर जीआरपीएस के एसआई पापु कुमार नाइक की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।

200 लोगों का ओडिशा के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज जारी

इधर, हादसे में घायल हुए करीब 1100 यात्रियों में से 900 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। करीब 200 लोगों का ओडिशा के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। वहीं, घटना में जान गंवाने वाले 278 लोगों में से 177 शवों की पहचान कर ली गई है जबकि 101 शवों की पहचान करनी बाकी है. इन शवों को भुवनेश्वर समेत अलग-अलग के मोर्चरी में रखा गया।

केवल भुवनेश्वर में 80 शवों की पहचान

केवल भुवनेश्वर की बात करें तो यहां पर कुल 193 शवों को रखा गया था। इसमें से 80 शवों की पहचान कर ली गई है। भुवनेश्वर नगर निगम के कमिश्नर विजय अमृत कुलंगे ने कहा है कि 55 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। बीएमसी की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर 1929 पर अब तक 200 से ज्यादा फोन आ चुके हैं। शवों की पहचान कर उन्हें परिजनों को सौंपा जा रहा है।

बालासोर रूट पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू

वहीं, बालासोर रूट पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है। हालांकि, अभी ट्रेनों की स्पीड कम है। हादसे के बाद करीब 51 घंटे के भीतर रविवार रात से ही रूट पर ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो गया है। अप और डाउन दोनों लाइन को ठीक कर लिया गया है। खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तीन दिन तक घटनास्थल पर मौजूद रहे और राहत व बचाव कार्य पर बारीकी से नजर रख रहे थे।

राजनाथ सिंह ने अमेरिका को किया अलर्ट, कहा-भरोसे लायक नहीं पाकिस्तान, हथियार देने की गलती न करें

#rajnath_singh_attack_on_pakistan_regarding_weapons

अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत के दौरे पर हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग और समर्थन बढ़ाने पर सहमति बन गई है। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मीटिंग में फैसला हुआ कि रक्षा औद्योगिक सहयोग की रूपरेखा तैयार की जाएगी। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत के अपने समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ लंबी चर्चा के बाद सोमवार को इसकी पुष्टी की। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ने रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रूपरेखा तैयार करने का फैसला किया है। वहीं, इस दौरान भारतीय रक्षा मंत्री ने अमेरिका को आगाह कर दिया है कि वह हथियारों के मामले में पाकिस्तान पर विश्वास ना करे।

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के बीच सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात हुई। इस दौरान राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री को आगाह करते हुए कहा कि अमेरिका हथियार के मामले में पाकिस्तान पर भरोसा करने की गलती न करें। उन्होंने कहा, "हथियारों के मामले में पाकिस्तान कतई भरोसेमंद नहीं है, क्योंकि वह हथियारों और तकनीक का गलत इस्तेमाल कर सकता है जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता आ सकती है।

राजनाथ सिंह और लॉयड ऑस्टिन के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत चली। इस दौरान भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने नौसैनिक सहयोग को मजबूत करने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता को स्वीकार किया। दोनों देशों ने नेविगेशन की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग लेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

बता दें कि ऑस्टिन रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर दिल्ली आए। खास बात यह है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री की यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा से दो सप्ताह पहले हुई है। ऑस्टिन ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मिले। उन्होंने बताया कि उनकी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजित डोभाल से सार्थक चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी तेजी से बढ़ रही है और हम रक्षा औद्योगिक सहयोग का विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं।