फिर मिलेंगे बिछड़े! चंद्रबाबू नायडू-अमित शाह की मुलाकात के क्या हैं मायने*
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मिशन-2024 को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। एक तरफ बीजेपी के लिए “महा” विपक्ष बनाने की कवायद चल रही है, तो दूसरी ओर बीजेपी, एनडीए के उन पुराने सहयोगियों को साथ लाने की तैयारी में है, जो किसी वजह से साथ छोड़कर जा चुके हैं। बीजेपी सहयोगियों को साथ लाने की कोशिश में है, ताकि 2024 में विपक्ष के मंसूबों पर पानी फेर सके और तीसरी बार केन्द्र की सत्ता हासिल कर सके।इसी सिलसिले में रविवार को तेलगु देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू की अमित शाह के साथ मुलाकात हुई। इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे।
करीब एक घंटे तक चली इस मुलाकात में इस साल के आखिर में होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, इस साल होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और टीडीपी एक साथ आ सकते हैं।टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में चुनाव पूर्व गठबंधन पर सहमति बन गई है। इसकी औपचारिक घोषणा जल्द की जाएगी।
संबंध सुधारने की कोशिश
पार्टी सूत्रों ने बताया कि फिलहाल टीडीपी के साथ आने और दो राज्यों में मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमति बनी है। जल्द ही दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत होगी। आंध्रप्रदेश में जहां टीडीपी बड़े भाई की भूमिका में होगी, वहीं तेलंगाना में टीडीपी भाजपा के छोटे भाई की भूमिका में होगी। नायडू और शाह कि इस मुलाकात को लंबे समय बाद फिर से गठबंधन या कहें कि संबंध सुधारने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा।
पुराने साथी ही नायडू
बता दें कि, चंद्रबाबू नायडू पहले एनडीए के साथी रहे। मगर बाद में अपना हाथ खींच लिया। चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी 2014 में एनडीए का हिस्सा थी लेकिन मार्च 2018 में आंध्र को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर गठबंधन से अलग हो गई थी। इसके बाद वो बीजेपी के धुर विरोधी बन गए। लोकसभा चुनावों के लिए चंद्रबाबू नायडू ने थर्ड फ्रंट बनाने के लिए खूब दिल्ली दौड़े। लेकिन इसका कोई फायदा तो नहीं हुआ हां नुकसान जरूर करा बैठे. वो राष्ट्रीय राजनीति में इतना व्यस्त हो गए कि उनके हाथ आंध्र प्रदेश ही निकल गया।
हाल के महीनों में बदले नायडू के सुर
नायडू भाजपा की आलोचना करते रहे हैं लेकिन हाल के महीनों में उनके सुर बदले दिखे। अप्रैल में उन्होंने दूरदर्शी नेता कहते हुए पीएम मोदी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी की राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया से जुड़ने की इच्छा रखते हैं। पहले से भी इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी को हराने के लिए भाजपा और उसकी समान विचारधारा वाली पार्टियों के बीच गठबंधन हो सकता है। वैसे, माना जाता है कि 2019 के चुनाव के बाद से ही नायडू भाजपा से रिश्ते सुधारने की कोशिश में लग गए थे।
Jun 05 2023, 14:57