भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया
स्वच्छता पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के लिए महात्मा गांधी द्वारा बताएं विचार विश्व समुदाय के लिए आज भी प्रासंगिक।
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भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन।
बेतिया पश्चिम चंपारण।
आज 4 जून 2023को भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली डॉ अमित कुमार लोहिया पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा डॉ महबूब उर रहमान एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से कहा कि आज पूरा देश भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष मना रहा है।
महात्मा गांधी ने आज से 106 वर्ष पूर्व बेतिया पश्चिम चंपारण की धरती पर 1917 में चंपारण सत्याग्रह के समय स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करते हुए कहा था कि पेड़ पौधे हमारे धरोहर हैं। पश्चिम चंपारण की धरती प्राकृतिक संसाधनों से हरी भरी है।
प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह पर्यावरण के प्रति जागरूक हो एवं इन्हें संरक्षण प्रदान करें ताकि प्रकृति एवं मानव जीवन के बीच संतुलन बना रहे ।इस अवसर पर डॉ0 शाहनवाज अली शोधार्थी बिहार विश्वविद्यालय इतिहास विभाग, डॉ अमित कुमार लोहिया एवं डॉ एजाज अहमद डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि बापू ने 106वर्ष पूर्व चंपारण के लोगों को स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के लिए लोगों को जागृत किया था ताकि जल जीवन एवं जमीन को सुरक्षित रखा जा सके ।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के लिए किए गए उपाय, स्वच्छता एवं विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति के लिए जो संकल्प चंपारण की धरती पर लिए गए थे। नई पीढ़ी के लिए एवं पूरे विश्व समुदाय के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
Jun 04 2023, 16:44