राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर सीआरपीएफ चिंतित, खरगे को लिखी चिट्ठी

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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाया है। 10 सितंबर को लिखी गई इस चिट्ठी में कहा गया है कि सीनियर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बिना पूर्व सूचना के विदेश चले जाते हैं, जो उनकी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। सीआरपीएफ ने राहुल गांधी को भी एक अलग लेटर लिखकर इस मुद्दे के बारे में बताया है। बता दें कि राहुल गांधी को जेड प्लस सुरक्षा कवर सीआरपीएफ द्वारा प्रदान किया जाता है।

सिक्योरिटी प्रोटोकॉल तोड़ने पर चिंता

सीआरपीएफ ने विदेश यात्राओं के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से अपना सिक्योरिटी प्रोटोकॉल बार-बार तोड़े जाने पर गंभीर चिंता जताई है। सीआरपीएफ की ओर से कहा गया है कि इस तरह सुरक्षा से खिलवाड़ उन्हें गंभीर खतरे में डाल सकता है। सीआरपीएफ की ओर से इसके लिए उनकी इटली, वियतनाम और मलेशिया जैसे देशों की यात्राओं का हवाला भी दिया गया है।

अनिवार्य सुरक्षा उपायों की अनदेखी का आरोप

सीआरपीएफ ने राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे लिखी चिट्ठी में उनकी ओर से लगातार इसके उल्लंघन की बात कही गई है। सीआरपीएफ का कहना है कि एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL)टीम के साथ जेड+ कवर (Z+) होने के बावजूद राहुल ने कई मौकों पर अनिवार्य सुरक्षा उपायों की अनदेखी की।

अपनी गतिविधियों के बारे में देनी होती है सूचना

राहुल गांधी को एडवांस सिक्योरिटी लाइजन कवर के साथ हाइएस्ट लेवल की जेड+ सिक्योरिटी मिली हुई है। Z प्लस सिक्योरिटी में कुल 55 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं। इनमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो होते हैं। बाकी सुरक्षाकर्मी सीएपीएफ और लोकल पुलिस के होते हैं। येलो बुक प्रोटोकॉल के तहत हाई कैटेगरी की सुरक्षा प्राप्त लोगों को अपनी गतिविधियों के बारे में सुरक्षा विंग को पहले से सूचना देनी होती है ताकि पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसमें विदेश यात्रा भी शामिल है।

क्या है वो सलवा जुडूम केस? विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के फैसले को अमित शाह ने घेरा

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देश में उपराष्ट्रपति पद लिए 9 सितंबर को चुनाव होने हैं। एनडीए और विपक्ष दोनों ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष ने बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। इस बीच सलवा जुडूम फैसले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को घेरा है। शाह ने सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी पर हमला करते हुए कहा, उन्होंने सलवा जुडूम को खारिज किया और आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। इसी वजह से इस देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक बना रहा। मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार पद के लिए चुनने का आधार रही होगी।

एएनआ को दिए इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सुदर्शन रेड्डी ने सलवा जुडूम को खारिज कर आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। यही वजह है कि देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक चला है। उस समय नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसे ले रहा था। उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने अपनी रक्षा के लिए सलवा जुडूम का गठन किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद नक्सलियों ने रातों रात एक आदेश जारी कर सबको बाहर निकाल दिया। कई जगहों पर सुरक्षा बलों पर हमला हुए। उस स्कूल को भी तबाह कर दिया, जिसमें CRPF और सुरक्षा बल मौजूद थे।

क्या था सलवा जुडूम

छत्तीसगढ़ का बस्तर इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। यहां नक्सलियों के खिलाफ स्थानीय लोगों ने आंदोलन छेड़ा था। सलवा जुडूम का मतलब ‘शांति यात्रा’ होता है। ग्रामीणों ने नक्सलियों से अपनी सुरक्षा के लिए बिना किसी सरकारी मदद के शिविर स्थापित किए थे। बाद में बस्तर के इस अभियान को केंद्र और राज्य सरकार ने सहयोग दिया था। राज्य सरकार ने इस आंदोलन में कुछ सहायता प्रदान करनी शुरू कर दिया। इस आंदोलन का नेतृत्व बस्तर के युवा और स्थानीय लोग कर रहे थे।

नक्सलियों का विरोध में पूरे बस्तर में चला अभियान

आंदोलन से जुड़े लोगों ने नक्सलियों का विरोध में पूरे बस्तर में अभियान चलाया था। युवाओं ने अलग शिविर कैंपों की स्थापना की थी जिससे बच्चों को नक्सली विचारधारा से दूर रखा जा सके। हर गांव में नक्सलियों को खिलाफ अभियान चल पड़ा था। लोगों ने माओवादी विचारधारा का समर्थन करने वालों को गांव छोड़ने का फरमान जारी कर दिया था। जब नक्सलियों ने इन शिविरों पर हमला करना शुरू किया तो सरकार ने आंदोलन के सदस्यों को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के रूप में नियुक्त करना शुरू कर दिया था। सलवा जुडूम आंदोलन में शामिल स्थानीय युवकों को SPO बनाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई। युवाओं को SPO ट्रेनिंग देकर नक्सलियों के खिलाफ हमला किया जाता था।

कोर्ट ने सलवा जुडूम व्यवस्था पर लगाई थी रोक

मानवाधिकार और कई समाजसेवियों ने सलवा जुडूम का विरोध किया। सलवा जुडूम पर आरोप लगा कि इसमें निर्दोष ग्रामीणों को प्रताड़ित किया जा रहा है। लोगों के घर जलाने, जबरन कैंप में ले जाने और मानवाधिकार उल्लंघन समेत कई आरोप लगाए गए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गईं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नाबालिगों को हथियार देकर लड़ाई में झोंकना असंवैधानिक है। कोर्ट ने सलवा जुडूम और SPO व्यवस्था पर रोक लगा दी थी।

सुप्रीम कोर्ट के जज थे विपक्ष के उम्मीदवार

सलवा जुडूम पर रोक लगाने का फैसला जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने दिया था। उन्होंने सुनाते हुए कहा था कि सलवा जुडूम की स्थापना गलत थी और इसे असंवैधानिक समानांतर व्यवस्था बताया था तथा इसे समाप्त करने का आदेश दिया था।

दिल्ली सीएम की सुरक्षा में फिर बदलाव, सरकार ने सीआरपीएफ को हटाया, दिल्ली पुलिस देगी रेखा गुप्ता को सिक्योरिटी

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केंद्र सरकार ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को दी गई जेड श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा को वापस ले लिया है। यह सुरक्षा उन्हें कुछ दिन पहले एक हमले के बाद दी गई थी। अब उनकी सुरक्षा का जिम्मा फिर से दिल्ली पुलिस को सौंपा गया है। बता दें कि रेखा गुप्ता पर 20 अगस्त की सुबह सिविल लाइंस में उनके कैंप कार्यालय में 'जन सुनवाई' कार्यक्रम के दौरान एक व्यक्ति ने हमला किया था।

हमले के बाद बढ़ाई गई थी सुरक्षा

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर 20 अगस्त को उनके कार्यालय में ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ था। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस हमले को उनकी हत्या की सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया था। इस घटना के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विशिष्ट व्यक्तियों को दी जाने वाली सीआरपीएफ की ‘वीआईपी’ सुरक्षा शाखा को केंद्र के ‘जेड’ श्रेणी सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया था।

चार दिन में सरकार का यू टर्न

सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पहले सीआरपीएफ सुरक्षा देने का आदेश तैयार किया था, लेकिन बाद में योजना बदली गई और कवर हटाने के आदेश जारी कर दिए गए। अब दिल्ली पुलिस सीएम गुप्ता की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी।

झारखंड: पेट मे बम प्लांट कर उड़ाया, 14 जवानों की हत्या, 40 केस…लातेहार में आतंक का दूसरा नाम था नक्सली मनीष

झारखंड के अलग-अलग जिलों में राज्य को नक्सली मुक्त बनाने के लिए सुरक्षा बल लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं. सोमवार को भी सुरक्षा बलों ने 5 लाख के इनामी नक्सली को मार गिराया. पिछले 48 घंटे के दौरान झारखंड के लातेहार जिले में ही दो मुठभेड़ की घटना हुईं, जिसमें वांटेड 10 लाख के इनामी जेजेएमपी संगठन के सुप्रीमो पप्पू लोहरा, 5 लाख के इनामी प्रभात गंझू को सुरक्षा बलों ने निशाना बनाया.

जिस 5 लाख के इनामी कुख्यात मनीष यादव को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में ढेर किया है. उस पर 14 जवानों की हत्या के साथ-साथ कुल 40 नक्सली हिंसा के मामले दर्ज हैं. साल 2013 में झारखंड के लातेहार जिले में ही बरवाडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत अमवाटीकर टोला कटिया के जंगल में पुलिस और भाकपा माओवादियों के बीच मुठभेड़ की घटना हुई थी, जिसमें CRPF बटालियन 112 /बी के 10 जवान शहीद हुए थे, जबकि 15 जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे. इतना ही नहीं नक्सलियों ने उस दौरान एक मृत जवान के शरीर में बम भी लगाया था.

जब झारखंड पुलिस के 4 जवान शहीद हुए

इसके साथ ही वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले लातेहार जिले के ही चंदवा थाना क्षेत्र अंतर्गत लुकईया मोड़ के पास नक्सलियों ने पुलिस की पीसीआर वैन पर हमला करते हुए जमकर फायरिंग की गई थी. इस घटना में झारखंड पुलिस के 4 जवान शहीद हुए थे. नक्सलियों ने पुलिस की एक पिस्टल, तीन राइफल और लगभग 100 के करीब में कारतूस भी लूट ली गई थीं. इन दोनों ही घटनाओं में मृतक कुख्यात 5 लाख का इनामी नक्सली यादव शामिल था.

मुठभेड़ में मारे गए 5 लाख के इनामी नक्सली मनीष यादव पर 14 जवानों की हत्या करने का आरोप था, इसके साथ ही उसके विरुद्ध 40 नक्सली हिंसा के मामले दर्ज हैं. लातेहार जिले के एसपी को मिली गुप्त सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों की छापेमारी दल की ओर से रात 1:30 बजे लातेहार जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र ग्राम चोरहा टोला नीचे दौना की रेकी की जा रही थी.

5 लाख का इनामी नक्सली मनीष यादव ढेर

इसी दौरान छापामारी दल को एक स्थान पर एक घर में दो नक्सलियों के छिपे होने की सूचना के बाद उस घर की घेराबंदी की. फिर नक्सलियों ने पुलिस की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी गई. मोर्चा संभालते हुए सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में 5 लाख का इनामी कुख्यात नक्सली मनीष यादव मारा गया. जबकि 10 लाख के इनामी भा०क०पा० (माओ०) नक्सली संगठन के जोनल कमांडर, कुंदन जी उर्फ सुधीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया.

मृतक भा०क०पा० (माओ०) नक्सली संगठन के सब जोनल कमांडर मनीष यादव उर्फ मनीष बिहार के गया के डुमरिया थाने के चक्रबंधा गांव का रहने वाला था. मनीष और कुंदन ने कई बड़ी नक्सली हिंसाओं को अंजाम दिया है. इनमें साल जनवरी 2013 में ऑपरेशन सामना के दौरान बरवाडीह थानान्तर्गत अमवाटीकर टोला कटिया के जंगल में पुलिस और भा०क०पा० (माओ) उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें CRPF बटालियन-112/B कंपनी के 14 जवान और एक पुलिसकर्मी सुबोध साहू घायल हुए थे. इनमें से महेश कुमार की इलाज के दौरान हो मौत हो गई थी.

PCR वैन पर हमला कर फायरिंग की घटना

साल 2019 में चंदवा थानान्तर्गत लुकईया मोड़ के पास भा०क०पा० (माओ०) के नक्सलियों ने PCR वैन पर हमला कर फायरिंग की, जिसमें 4 गृहरक्षक शहीद हो गए थे. इसके बाद साल 2017 में नेतरहाट थानान्तर्गत ग्राम बदौनी के ग्राम साले के बीच स्थित स्वास्थ्य केंद्र के पास भा०क०पा० (माओ०) ने सुबिराम मुण्डा सा० बेदुआ टोली, थाना नेतरहाट, जिला लातेहार की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

वहीं साल 2012 में भण्डरिया थानान्तर्गत ग्राम कुटकु स्थित प्राथमिक विद्यालय में रात्रि विश्राम के दौरान भा०क०पा० (माओ०) उग्रवादियों ने पुलिस कैम्प पर फायरिंग कर हमला कर दिया था. हालांकि इस दौरान पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की थी और कोई हताहत नहीं हुआ था. साल 2023 को नेतरहाट थानान्तर्गत ग्राम दौरान में भा०क०पा० (माओ०) नक्सलियों के ने ग्रामीण देव कुमार प्रजापति पे० खिजहर प्रजापति साकिन के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की, जिससे उनकी हो गई थी.

2018 से लेकर 2024 तक की नक्सली हिंसा

2018 में भंडरिया थाना से करीब 35 किलोमीटर पूरब में ग्राम खपरी महुआ में पुलिस बलों को लक्षित करते हुए IED विस्फोट किया गया, जिसमें 06 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. 2019 में बारेसाढ़ बस स्टैंड पर अशोक प्रसाद के साथ मारपीट कर उसके 2 ट्रैक्टर, 1 ट्रक (407) और एक मोटरसाइकिल को आग लगा दी गई थी. 2022 में माओवादी ने कन्सट्रक्शन के कार्य में लगे बॉस कचरा प्लांट में मौजूद 2 JCB, 4 पानी टैंकर, एक पोपलेन, एक टाटा-407 के कुल 09 वाहनों को तेल छिड़ककर आग लगा दी.

2023 को माओवादी उग्रवादी संगठन के 10-12 हथियारबंद दस्ता सदस्यों ने चटकपुर से सरनाडीह रोड़ में बुढ़ा नदी पर पुल निर्माण का कार्य कर रहे मजदूरों से मारपीट कर की और चार ट्रैक्टर, एक पोकलेन मशिन पर डीजल छिड़ककर आग लगा दी थी. 2023 में ही माओवादी उग्रवादी संगठन के 18-20 हथियारबंद दस्ता सदस्यों ने महुआडांड़ थाना अन्तर्गत ग्राम चुटिया स्थित चुटिया नदी पर पुल निर्माण का कार्य कर रहे मैनेजर, मजदूरों से मारपीट, गाली गलौज कर एक कंक्रीट पम्प मशीन को पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी. वहीं पिछले साल 2024 को भा०क०पा० (माओ०) संगठन ने नेतरहाट थानान्तर्गत ग्राम-दौना और दुरूप मे BSN टॉवर में काम कर रहे मजदूरों से मारपीट की और सारा सोलर प्लेट, 08 बैटरी, SCDV, CPU को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया था.

नक्सल मोर्चे पर मिली बड़ी कामयाबी: 4 हार्डकोर सहित 18 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 39 लाख का था इनाम

सुकमा- छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। दक्षिण बस्तर डिवीजन और पीएलजीए बटालियन नंबर-01 से जुड़े 4 हार्डकोर नक्सलियों सहित कुल 18 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। आत्मसमर्पित सभी नक्सलियों पर कुल 39 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

इस अभियान को छत्तीसगढ़ शासन की “नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत योजना” और “नक्सल आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति” के तहत अंजाम दिया गया है। योजना के अनुसार, नक्सलियों से मुक्त घोषित हर ग्राम पंचायत को 1 करोड़ रुपये की विकास राशि प्रदान की जाती है। इन्हीं प्रयासों से प्रभावित होकर कई नक्सली समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं।

आत्मसमर्पित नक्सलियों पर इतना था इनाम

बता दें कि नक्सलियों की इतनी बड़ी तादाद में आत्मसमर्पण की इस प्रक्रिया में जिला बल, डीआरजी सुकमा, विआशा सुकमा, रेंज फील्ड टीम (RFT) कोंटा, सुकमा, जगदलपुर, तथा CRPF की 80वीं, 212वीं, 219वीं और COBRA 203वीं बटालियन की खुफिया इकाइयों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चह्वाण ने इस अवसर पर शेष नक्सलियों से भी हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने और सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना और प्रशासन की मजबूत मौजूदगी से नक्सली संगठन कमजोर हो रहे हैं, और इसी का परिणाम है यह आत्मसमर्पण।

CRPF DIG की इनोवा ने सेलेरियो कार को मारी टक्कर, महिला-पुरुष बच्चों समेत 4 गंभीर रूप से घायल…

रायपुर- नया रायपुर के सेक्टर 17 कायाबांधा इलाके में अभी-अभी एक बड़ा सड़क हादसा हो गया. DIG CRPF की इनोवा कार ने मारुति सेलेरियो को टक्कर मार दी. इस हादसे में कार सवार एक महिला, एक पुरुष और 2 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को तत्काल बाल्को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है. फिलहाल घायलों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है.

जानकारी के मुताबिक, यह पूरी घटना मंदिर हसौद थाना क्षेत्र की है. बताया जा रहा है कि घटना के समय DRG CRPF की इनोवा कार में अधिकारी मौजूद नहीं थे. वहीं मौके पर पहुंची पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.

माना CSP लंबोधर पटेल ने बताया सेक्टर-16 चौराहे पर दो वाहनों में टक्कर हुई है. सीआरपीएफ डीआईजी की इनोवा क्रिस्टा वहां थी और दूसरी मारुति सिलेरियो वहां सेक्टर-17 से ओर से आ रही थी. इसी दौरान दोनों कार की आपस में भिड़ंत हो गई. इनोवा वाहन क्रिस्टा वाहन में डीआईजी साहब के स्टाफ थे. सेलेरियो कार सवार 4 लोग घायल हुए है. जिन्हें बालको में भर्ती कर उपचार कराया जा रहा है.

36 लाख के 5 इनामी नक्सली गिरफ्तार, बड़ी मात्रा में हथियार समेत दैनिक उपयोग की सामग्री जब्त

कांकेर- नक्सलवार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सुरक्षा बलों को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है. जवानों ने हथियार के साथ 36 लाख के 5 इनामी नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से दो नक्सली नाबालिग हैं. यह मामला महाराष्ट्र गढ़चिरौली के भामरागढ़ थाना क्षेत्र का है.

सी 60 और CRPF की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की है. नक्सलियों के पास से हथियार समेत भारी संख्या में दैनिक उपयोग की सामग्री जब्त की गई है.

माओवादियों के गढ़ ‘कर्रेगुट्टा’ में सुरक्षाबलों का कब्जा, CRPF DG जीपी सिंह और CG DGP अरुण देव ने दी नक्सल ऑपरेशन की जानकारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे सबसे बड़े ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है. बीजापुर और तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में 21 दिनों तक चले इस संयुक्त अभियान में अब तक 31 वर्दीधारी माओवादी मारे गए हैं. मुठभेड़ों के दौरान 35 हथियार, 450 IED, सैकड़ों बंकर और माओवादियों की तकनीकी इकाइयां भी नष्ट की गई है.

इस बड़ी सफलता को लेकर बुधवार को बीजापुर में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में CRPF के डीजी जीपी सिंह और छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने इस अभियान की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन 21 अप्रैल से 11 मई तक चला और इसे अब तक का सबसे प्रभावशाली माओवादी विरोधी अभियान माना जा रहा है।

CRPF DG जीपी सिंह और डीजीपी अरुण गौतम ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देशन में संचालित इस ज्वाइंट एक्शन प्लान के अंतर्गत माओवाद विरोधी अभियान का संचालन किया जा रहा है. माओवाद विरोधी अभियान के मुख्य आयाम हैं-सुरक्षा बलों द्वारा नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना कर सुरक्षा विहीन क्षेत्रों को भरना, माओवाद प्रभावित जिलों में राज्य की विकास योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करना ताकि क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो एवं नागरिकों को इसका लाभ मिल सके तथा सुरक्षा बलों द्वारा माओवादियों के आर्म्ड कैडर्स एवं उनके संपूर्ण ईको सिस्टम के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना है. इस एक्शन प्लान के क्रियान्वयन के फलस्वरूप सुरक्षा बलों ने माओवादियों के आर्म्ड कैडर्स एवं ईको सिस्टम को भारी क्षति पहुंचाई है, जिससे माओवादियों के प्रभाव क्षेत्र में काफी कमी आई है.

नक्सलियों के अभेद्य गढ़ में पहुंचे सुरक्षाबल

माओवादियों के सबसे मजबूत सशस्त्र संगठन पीएलजीए बटालियन, सीआरसी कंपनी एवं तेलंगाना स्टेट कमेटी सहित अनेक शीर्ष कैडर्स की शरणस्थली जिला सुकमा एवं बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में थी. उक्त क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुरक्षा बलों द्वारा अनेक नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना की जाकर आसूचना आधारित अभियानों का संचालन किया जा रहा है. सुरक्षा बलों का वर्चस्व बढ़ने के फलस्वरूप माओवादियों द्वारा यूनिफाइड कमांड का गठन किया गया एवं उक्त स्थान से पलायन कर जिला बीजापुर, छत्तीसगढ़ एवं जिला मुलुगु, तेलंगाना की सीमा पर माओवादियों द्वारा अभेद्य समझे जाने वाले करेगुट्टालू पहाड़ पर शरण ली गई.

करेगुट्टालू पहाड़ी लगभग 60 किमी लंबा एवं 5 किमी से लेकर 20 किमी चौड़ा अत्यंत दुष्कर पहाड़ी क्षेत्र है. उक्त पहाड़ी की भौगोलिक परिस्थिति काफी कठिन एवं चुनौतीपूर्ण है. माओवादियों द्वारा विगत ढाई वर्ष में शनैः-शनैः उक्त पहाड़ी में अपना बेस तैयार किया, जिसमें उनके लगभग 300-350 आर्म्ड कैडर्स सहित पीएलजीए बटालियन की टेक्निकल डिपार्टमेंट (टीडी) यूनिट एवं अन्य महत्वपूर्ण संगठनों की शरणस्थली थी.

प्राप्त सूचनाओं के आधार पर पूर्ण एवं पुख्ता ऑपरेशनल योजना तैयार की जाकर छत्तीसगढ़ पुलिस एवं केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा 21 अप्रैल से एक वृहद संयुक्त ऑपरेशन संचालित किया गया. यह अभियान अब तक का सबसे बड़ा एवं व्यापक माओवाद विरोधी अभियान है तथा राज्य एवं केंद्र की विभिन्न एजेंसियों का मिलकर काम करने का एक उत्कृष्ट नमूना है. इस अभियान का उद्देश्य माओवादियों की सशस्त्र क्षमता को क्षीण करना, हथियारबंद दस्तों को न्यूट्रलाइज़ करना, इस दुर्गम इलाके से माओवादियों को हटाना और माओवादियों के दुर्दांत संगठन पीएलजीए बटालियन को क्षिन्न-भिन्न करना था.

21 मुठभेड़ें, 31 नक्सली ढेर

उक्त माओवाद विरोधी अभियानों में 21 अप्रैल से 11 मई के दौरान कुल 21 मुठभेड़ों में 16 वर्दीधारी महिला माओवादी समेत कुल 31 वर्दीधारी माओवादियों के शव और 35 हथियार बरामद किए गए हैं. प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि मुठभेड़ स्थल से बरामद शव प्रतिबंधित और अवैध सीपीआई माओवादी संगठन अंतर्गत पीएलजीए बटालियन नंबर 01, तेलंगाना राज्य समिति, दंडकारण्य विशेष जोनल समिति के माओवादी कैडर्स हैं. शवों की विस्तृत पहचान प्रक्रिया जारी है. लगातार 21 दिनों तक चलने वाले इस ऐतिहासिक माओवाद विरोधी अभियान के दौरान प्राप्त सभी तथ्यों और जानकारियों पर विचार करने के पश्चात अनुमान है कि अभियान के दौरान कई वरिष्ठ स्तर के माओवादी कैडर्स या तो मारे गए हैं या गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हालांकि, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण सुरक्षा बल सभी घायल और मारे गए माओवादियों के शव बरामद नहीं कर पाए. अब तक इस अभियान के दौरान कुल 31 माओवादियों के शव बरामद किए जा सके हैं, जिनमें से 03 शव 24 अप्रैल, 01 शव 05 मई को, 22 शव 07 मई को तथा 05 शव 08 मई को बरामद किए गए हैं.

इस अभियान में अब तक कुल 216 माओवादी ठिकाने और बंकर नष्ट किए गए. उपरोक्त माओवादी ठिकाने और बंकर से तलाशी अभियानों के दौरान कुल 450 नग आईईडी, 818 नग बीजीएल शेल, 899 बंडल कार्डेक्स, डेटोनेटर और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है.

माओवादियों की तकनीकी यूनिट तबाह

सुरक्षा बलों ने माओवादियों की 04 तकनीकी इकाइयों को नष्ट किया है, जिनका उपयोग बीजीएल शेल, देसी हथियार, आईईडी और अन्य घातक हथियारों के निर्माण के लिए किया जा रहा था. इन तकनीकी इकाइयों के ठिकानों से 04 लेथ मशीनें भी बरामद कर नष्ट की गईं. अभियान के दौरान विभिन्न माओवादी ठिकानों और बंकरों से बड़ी मात्रा में राशन सामग्री, दवाएं एवं दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद की गई.

ऑपरेशन में 18 जवान घायल

विगत 21 दिनों के इस महत्वपूर्ण अभियान के दौरान विभिन्न आईईडी विस्फोटों में कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के कुल 18 जवान घायल हुए. हालांकि सभी घायल जवान अब खतरे से बाहर हैं और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में सर्वोत्तम उपचार प्रदान किया जा रहा है. करेगुट्टालू पहाड़ी के ऊपर की परिस्थितियां काफी विपरीत हैं, दिन के समय तापमान 45 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक होने से अनेक जवान डिहाइड्रेशन के शिकार हुए, परंतु उसके उपरांत भी उनके द्वारा ऊंचे मनोबल के साथ माओवादियों के विरुद्ध उक्त अभियान जारी रखा गया.

2025 में अब तक 174 नक्सली मारे गए

साल 2025 की शुरुआत से अब तक कुल 174 हार्डकोर माओवादी मारे जा चुके हैं. इस व्यापक और संगठित अभियान के दूरगामी परिणाम देखने को मिल रहे हैं, जिसके तहत माओवादियों की बड़ी और सशस्त्र इकाइयाँ अब छोटे-छोटे समूहों में विभाजित हो चुकी हैं. सुरक्षा बलों की क्षेत्र में पकड़ और मजबूत हुई है, साथ ही बीजापुर जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र तथा नारायणपुर जिले के माड़ क्षेत्र जैसे पूर्ववर्ती सुरक्षा-विहीन क्षेत्रों में भी निरंतर प्रगति हो रही है. भविष्य में भी माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में आम जनता का विश्वास अर्जित करने, क्षेत्रीय विकास को गति देने और माओवादियों के समयबद्ध समूल उन्मूलन के लिए आक्रामक कार्रवाई जारी रखी जाएगी.

SP जितेंद्र यादव ने बताई कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर चलाए गए एंटी नक्सल ऑपरेशन की सफलता

बीजापुर-  कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर 21 दिनों तक चलाए गए सबसे बड़े एंटी नक्सल ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. CRPF के डीजी जीपी सिंह और छत्तीसगढ़ DG अरुण देव गौतम ने आज संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन की पूरी जानकारी दी. इस दौरान बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने 21 अप्रैल से 11 मई तक चलाए गए नक्सल विरोध अभियान की सफलता बताई. उन्होंने कहा, ऑपरेशन के दौरान कुल 21 मुठभेड़ों में कुल 31 माओवादी मारे गए. इनमें से 28 नक्सली की शिनाख्त हो चुकी है, जिन पर एक करोड़ 72 लाख का इनाम घोषित था.

एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि सभी मारे गए 31 माओवादियों के शव के साथ 31 हथियार बरामद किए गए हैं. इसमें एसएलआर, इसांस समेत आटोमेटिकल हथियार शामिल हैं. अब तक 28 नक्सलियों की शिनाख्ती हो चुकी है. शेष शवों की पहचान प्रक्रिया जारी है. अनुमान लगाया जा रहा कि 21 दिनों तक चलाए गए इस ऐतिहासिक एंटी नक्सल ऑपरेशन में कई बड़े नक्सली लीडर या तो मारे गए हैं या घायल हुए हैं. भौगोलिक परिस्थितियों के कारण हमारे जवान बाकी नक्सलियों के शव बरामद नहीं कर पाए है।


214 माओवादी ठिकानों और बंकरों को जवानों ने किया नष्ट


एसपी ने बताया, कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर नक्सल विरोध अभियान के दौरान कुल 214 माओवादी ठिकानों और बंकरों को नष्ट किया गया है. इस दौरान 450 IED रिकवर किए गए हैं. सिर्फ 15 IED ही ब्लास्ट हुए हैं. बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री के साथ 12 हजार किलोग्राम खाने का सामान भी बरामद हुआ है. इस इलाके में अब सुरक्षा बलों की मजबूत पकड़ हुई है।


आईईडी विस्फोट में 18 जवान हुए घायल

एसपी यादव ने बताया, ऑपरेशन के दौरान आईईडी विस्फोट में कोबरा, डीआरजी के 18 जवान घायल हुए हैं. हालांकि सभी खतरे से बाहर हैं. सभी का अस्पतालों में इलाज जारी है. उन्होंने बताया, कर्रेगुट्टा की पहाड़ी की परिस्थितियां काफी विपरीत है, यहां का तापमान 45 डिग्री होने के कारण हमारे कई जवान डीहाइड्रेशन के शिकार हुए हैं. फिर भी उनके मनोबल कम नहीं हुए.

नक्सलियों के खिलाफ कुल 17 केस दर्ज

एसपी ने बताया, नक्सलियों के खिलाफ कुल 17 केस दर्ज किए गए हैं. जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है. साथ ही NIA-SIA की भी मदद ली जा रही है. उन्होंने कहा, नक्सलवाद को समूल खत्म करने भविष्य में भी अभियान जारी रहेगा, ताकि बस्तर का विकास हो सके..

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कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर मारे गए 26 नक्सली, लाखों रुपए का घोषित था इनाम

बीजापुर- कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर सुरक्षा बलों का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशान जारी है, जिसमें अब तक 26 नक्सली मारे गए हैं, जिन पर लाखों रुपए का इनाम घोषित था. ऑपरेशन में ढेर हुए 26 नक्सलियों में से 21 की शिनाख्त कर ली गई है. वहीं 6 नक्सलियों की शिनाख्ती की प्रकिया जारी है. बीजापुर में आज शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में एंटी नक्शन ऑपरेशन पर CRPF के डीजी व DGP छत्तीसगढ़ कई बड़े खुलासे कर सकते हैं.

ऑपरेशन में मारे गए ये नक्सली

डोडी सन्नी (37) निवासी टेकलगुड़ा, जिला सुकमा – PLGA बटालियन नंबर वन की सदस्या, इनाम 8 लाख

बाड़से हुंगी, उम्र 18 वर्ष, निवासी रेंगाईपारा, जिला बीजापुर – PLGA बटालियन नंबर वन की सदस्या, इनाम 8 लाख

सोढ़ी हड़मे, उम्र 28 वर्ष, निवासी मोयला जिला सुकमा – PLGA बटालियन नंबर वन की सदस्या, इनाम 8 लाख

मड़कम हिड़मा, उम्र 27 वर्ष, निवासी जीड़पल्ली थाना पामेड़ – पार्टी सदस्य

माड़वी जोगा, उम्र 22 वर्ष, निवासी पनवासी कोजेर जिला बीजापुर – पार्टी सदस्य

जोगा हेमला, उम्र 31 वर्ष, निवासी बटटुम, जिला सुकमा – पार्टी सदस्य

दुग्गा वेका ऊर्फ सोमा, उम्र 24 वर्ष, निवासी बुड़गीचेरू, जिला बीजापुर – पार्टी सदस्य

मोटूमड़ुमा, उम्र 18 वर्ष, निवासी कोंडापल्ली, जिला बीजापुर – पार्टी सदस्य

भीमा माड़वी उम्र 23 वर्ष, निवासी निलावाया, जिला बीजापुर – एसीएम, दक्षिण बस्तर डिवीजन

सादरपल्ली चंदू, उम्र 23 वर्ष, निवासी एटुरू जिला सुकमा – पाटी सदस्य /डॉक्टर टीम

सन्नी करटम उम्र 22 वर्ष, निवासी आउटपल्ली, बीजापुर – प्लाटून नम्बर 10 सदस्या

मंजूला कारम उम्र 36 वर्ष, निवासी लहरोली, जिला बीजापुर – PLGA BN No-01 PPCM

राधा ताती उम्र 25 वर्ष, निवासी पालनार, जिला बीजापुर – एसीएम

सोढ़ी मंगली उम्र 27 वर्ष, निवासी दुलेर, जिला सुकमा – पाटी सदस्य

रामे मड़कम उम्र 25 वर्ष निवासी गुडुम, जिला सुकमा – पार्टी सदस्य

सोमड़ी तामो उम्र 18 वर्ष, निवासी कोण्डापल्ली, जिला बीजापुर – पार्टी सदस्य

कुंजाम भीमे उम्र 20 वर्ष, निवासी तुमरेल जिला बीजापुर – पार्टी सदस्य

नरसिंह राव उम्र 35 वर्ष, निवासी भीमाराम जिला बीजापुर – पीपीसीएम

लखमू पोयामी, उम्र 25 वर्षी, निवासी केतुलनार जिला बीजापुर – पार्टी सदस्य

सोढ़ी लक्ष्मण उम्र 24 वर्ष निवासी कस्तुरपाड़ जिला बीजापुर – एसीएम

पूनेम पोदिया उम्र 30 वर्ष निवासी भसूापर जिला बीजापुर – एसीएम, टीएसएस कम्युनिकेशन इंचार्ज।

राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर सीआरपीएफ चिंतित, खरगे को लिखी चिट्ठी

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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाया है। 10 सितंबर को लिखी गई इस चिट्ठी में कहा गया है कि सीनियर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बिना पूर्व सूचना के विदेश चले जाते हैं, जो उनकी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। सीआरपीएफ ने राहुल गांधी को भी एक अलग लेटर लिखकर इस मुद्दे के बारे में बताया है। बता दें कि राहुल गांधी को जेड प्लस सुरक्षा कवर सीआरपीएफ द्वारा प्रदान किया जाता है।

सिक्योरिटी प्रोटोकॉल तोड़ने पर चिंता

सीआरपीएफ ने विदेश यात्राओं के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से अपना सिक्योरिटी प्रोटोकॉल बार-बार तोड़े जाने पर गंभीर चिंता जताई है। सीआरपीएफ की ओर से कहा गया है कि इस तरह सुरक्षा से खिलवाड़ उन्हें गंभीर खतरे में डाल सकता है। सीआरपीएफ की ओर से इसके लिए उनकी इटली, वियतनाम और मलेशिया जैसे देशों की यात्राओं का हवाला भी दिया गया है।

अनिवार्य सुरक्षा उपायों की अनदेखी का आरोप

सीआरपीएफ ने राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे लिखी चिट्ठी में उनकी ओर से लगातार इसके उल्लंघन की बात कही गई है। सीआरपीएफ का कहना है कि एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL)टीम के साथ जेड+ कवर (Z+) होने के बावजूद राहुल ने कई मौकों पर अनिवार्य सुरक्षा उपायों की अनदेखी की।

अपनी गतिविधियों के बारे में देनी होती है सूचना

राहुल गांधी को एडवांस सिक्योरिटी लाइजन कवर के साथ हाइएस्ट लेवल की जेड+ सिक्योरिटी मिली हुई है। Z प्लस सिक्योरिटी में कुल 55 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं। इनमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो होते हैं। बाकी सुरक्षाकर्मी सीएपीएफ और लोकल पुलिस के होते हैं। येलो बुक प्रोटोकॉल के तहत हाई कैटेगरी की सुरक्षा प्राप्त लोगों को अपनी गतिविधियों के बारे में सुरक्षा विंग को पहले से सूचना देनी होती है ताकि पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसमें विदेश यात्रा भी शामिल है।

क्या है वो सलवा जुडूम केस? विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के फैसले को अमित शाह ने घेरा

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देश में उपराष्ट्रपति पद लिए 9 सितंबर को चुनाव होने हैं। एनडीए और विपक्ष दोनों ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष ने बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। इस बीच सलवा जुडूम फैसले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को घेरा है। शाह ने सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी पर हमला करते हुए कहा, उन्होंने सलवा जुडूम को खारिज किया और आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। इसी वजह से इस देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक बना रहा। मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार पद के लिए चुनने का आधार रही होगी।

एएनआ को दिए इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सुदर्शन रेड्डी ने सलवा जुडूम को खारिज कर आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। यही वजह है कि देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक चला है। उस समय नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसे ले रहा था। उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने अपनी रक्षा के लिए सलवा जुडूम का गठन किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद नक्सलियों ने रातों रात एक आदेश जारी कर सबको बाहर निकाल दिया। कई जगहों पर सुरक्षा बलों पर हमला हुए। उस स्कूल को भी तबाह कर दिया, जिसमें CRPF और सुरक्षा बल मौजूद थे।

क्या था सलवा जुडूम

छत्तीसगढ़ का बस्तर इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। यहां नक्सलियों के खिलाफ स्थानीय लोगों ने आंदोलन छेड़ा था। सलवा जुडूम का मतलब ‘शांति यात्रा’ होता है। ग्रामीणों ने नक्सलियों से अपनी सुरक्षा के लिए बिना किसी सरकारी मदद के शिविर स्थापित किए थे। बाद में बस्तर के इस अभियान को केंद्र और राज्य सरकार ने सहयोग दिया था। राज्य सरकार ने इस आंदोलन में कुछ सहायता प्रदान करनी शुरू कर दिया। इस आंदोलन का नेतृत्व बस्तर के युवा और स्थानीय लोग कर रहे थे।

नक्सलियों का विरोध में पूरे बस्तर में चला अभियान

आंदोलन से जुड़े लोगों ने नक्सलियों का विरोध में पूरे बस्तर में अभियान चलाया था। युवाओं ने अलग शिविर कैंपों की स्थापना की थी जिससे बच्चों को नक्सली विचारधारा से दूर रखा जा सके। हर गांव में नक्सलियों को खिलाफ अभियान चल पड़ा था। लोगों ने माओवादी विचारधारा का समर्थन करने वालों को गांव छोड़ने का फरमान जारी कर दिया था। जब नक्सलियों ने इन शिविरों पर हमला करना शुरू किया तो सरकार ने आंदोलन के सदस्यों को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के रूप में नियुक्त करना शुरू कर दिया था। सलवा जुडूम आंदोलन में शामिल स्थानीय युवकों को SPO बनाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई। युवाओं को SPO ट्रेनिंग देकर नक्सलियों के खिलाफ हमला किया जाता था।

कोर्ट ने सलवा जुडूम व्यवस्था पर लगाई थी रोक

मानवाधिकार और कई समाजसेवियों ने सलवा जुडूम का विरोध किया। सलवा जुडूम पर आरोप लगा कि इसमें निर्दोष ग्रामीणों को प्रताड़ित किया जा रहा है। लोगों के घर जलाने, जबरन कैंप में ले जाने और मानवाधिकार उल्लंघन समेत कई आरोप लगाए गए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गईं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नाबालिगों को हथियार देकर लड़ाई में झोंकना असंवैधानिक है। कोर्ट ने सलवा जुडूम और SPO व्यवस्था पर रोक लगा दी थी।

सुप्रीम कोर्ट के जज थे विपक्ष के उम्मीदवार

सलवा जुडूम पर रोक लगाने का फैसला जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने दिया था। उन्होंने सुनाते हुए कहा था कि सलवा जुडूम की स्थापना गलत थी और इसे असंवैधानिक समानांतर व्यवस्था बताया था तथा इसे समाप्त करने का आदेश दिया था।

दिल्ली सीएम की सुरक्षा में फिर बदलाव, सरकार ने सीआरपीएफ को हटाया, दिल्ली पुलिस देगी रेखा गुप्ता को सिक्योरिटी

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केंद्र सरकार ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को दी गई जेड श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा को वापस ले लिया है। यह सुरक्षा उन्हें कुछ दिन पहले एक हमले के बाद दी गई थी। अब उनकी सुरक्षा का जिम्मा फिर से दिल्ली पुलिस को सौंपा गया है। बता दें कि रेखा गुप्ता पर 20 अगस्त की सुबह सिविल लाइंस में उनके कैंप कार्यालय में 'जन सुनवाई' कार्यक्रम के दौरान एक व्यक्ति ने हमला किया था।

हमले के बाद बढ़ाई गई थी सुरक्षा

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर 20 अगस्त को उनके कार्यालय में ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ था। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस हमले को उनकी हत्या की सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया था। इस घटना के एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विशिष्ट व्यक्तियों को दी जाने वाली सीआरपीएफ की ‘वीआईपी’ सुरक्षा शाखा को केंद्र के ‘जेड’ श्रेणी सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया था।

चार दिन में सरकार का यू टर्न

सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पहले सीआरपीएफ सुरक्षा देने का आदेश तैयार किया था, लेकिन बाद में योजना बदली गई और कवर हटाने के आदेश जारी कर दिए गए। अब दिल्ली पुलिस सीएम गुप्ता की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी।

झारखंड: पेट मे बम प्लांट कर उड़ाया, 14 जवानों की हत्या, 40 केस…लातेहार में आतंक का दूसरा नाम था नक्सली मनीष

झारखंड के अलग-अलग जिलों में राज्य को नक्सली मुक्त बनाने के लिए सुरक्षा बल लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं. सोमवार को भी सुरक्षा बलों ने 5 लाख के इनामी नक्सली को मार गिराया. पिछले 48 घंटे के दौरान झारखंड के लातेहार जिले में ही दो मुठभेड़ की घटना हुईं, जिसमें वांटेड 10 लाख के इनामी जेजेएमपी संगठन के सुप्रीमो पप्पू लोहरा, 5 लाख के इनामी प्रभात गंझू को सुरक्षा बलों ने निशाना बनाया.

जिस 5 लाख के इनामी कुख्यात मनीष यादव को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में ढेर किया है. उस पर 14 जवानों की हत्या के साथ-साथ कुल 40 नक्सली हिंसा के मामले दर्ज हैं. साल 2013 में झारखंड के लातेहार जिले में ही बरवाडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत अमवाटीकर टोला कटिया के जंगल में पुलिस और भाकपा माओवादियों के बीच मुठभेड़ की घटना हुई थी, जिसमें CRPF बटालियन 112 /बी के 10 जवान शहीद हुए थे, जबकि 15 जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे. इतना ही नहीं नक्सलियों ने उस दौरान एक मृत जवान के शरीर में बम भी लगाया था.

जब झारखंड पुलिस के 4 जवान शहीद हुए

इसके साथ ही वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले लातेहार जिले के ही चंदवा थाना क्षेत्र अंतर्गत लुकईया मोड़ के पास नक्सलियों ने पुलिस की पीसीआर वैन पर हमला करते हुए जमकर फायरिंग की गई थी. इस घटना में झारखंड पुलिस के 4 जवान शहीद हुए थे. नक्सलियों ने पुलिस की एक पिस्टल, तीन राइफल और लगभग 100 के करीब में कारतूस भी लूट ली गई थीं. इन दोनों ही घटनाओं में मृतक कुख्यात 5 लाख का इनामी नक्सली यादव शामिल था.

मुठभेड़ में मारे गए 5 लाख के इनामी नक्सली मनीष यादव पर 14 जवानों की हत्या करने का आरोप था, इसके साथ ही उसके विरुद्ध 40 नक्सली हिंसा के मामले दर्ज हैं. लातेहार जिले के एसपी को मिली गुप्त सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों की छापेमारी दल की ओर से रात 1:30 बजे लातेहार जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र ग्राम चोरहा टोला नीचे दौना की रेकी की जा रही थी.

5 लाख का इनामी नक्सली मनीष यादव ढेर

इसी दौरान छापामारी दल को एक स्थान पर एक घर में दो नक्सलियों के छिपे होने की सूचना के बाद उस घर की घेराबंदी की. फिर नक्सलियों ने पुलिस की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी गई. मोर्चा संभालते हुए सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में 5 लाख का इनामी कुख्यात नक्सली मनीष यादव मारा गया. जबकि 10 लाख के इनामी भा०क०पा० (माओ०) नक्सली संगठन के जोनल कमांडर, कुंदन जी उर्फ सुधीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया.

मृतक भा०क०पा० (माओ०) नक्सली संगठन के सब जोनल कमांडर मनीष यादव उर्फ मनीष बिहार के गया के डुमरिया थाने के चक्रबंधा गांव का रहने वाला था. मनीष और कुंदन ने कई बड़ी नक्सली हिंसाओं को अंजाम दिया है. इनमें साल जनवरी 2013 में ऑपरेशन सामना के दौरान बरवाडीह थानान्तर्गत अमवाटीकर टोला कटिया के जंगल में पुलिस और भा०क०पा० (माओ) उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें CRPF बटालियन-112/B कंपनी के 14 जवान और एक पुलिसकर्मी सुबोध साहू घायल हुए थे. इनमें से महेश कुमार की इलाज के दौरान हो मौत हो गई थी.

PCR वैन पर हमला कर फायरिंग की घटना

साल 2019 में चंदवा थानान्तर्गत लुकईया मोड़ के पास भा०क०पा० (माओ०) के नक्सलियों ने PCR वैन पर हमला कर फायरिंग की, जिसमें 4 गृहरक्षक शहीद हो गए थे. इसके बाद साल 2017 में नेतरहाट थानान्तर्गत ग्राम बदौनी के ग्राम साले के बीच स्थित स्वास्थ्य केंद्र के पास भा०क०पा० (माओ०) ने सुबिराम मुण्डा सा० बेदुआ टोली, थाना नेतरहाट, जिला लातेहार की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

वहीं साल 2012 में भण्डरिया थानान्तर्गत ग्राम कुटकु स्थित प्राथमिक विद्यालय में रात्रि विश्राम के दौरान भा०क०पा० (माओ०) उग्रवादियों ने पुलिस कैम्प पर फायरिंग कर हमला कर दिया था. हालांकि इस दौरान पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की थी और कोई हताहत नहीं हुआ था. साल 2023 को नेतरहाट थानान्तर्गत ग्राम दौरान में भा०क०पा० (माओ०) नक्सलियों के ने ग्रामीण देव कुमार प्रजापति पे० खिजहर प्रजापति साकिन के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की, जिससे उनकी हो गई थी.

2018 से लेकर 2024 तक की नक्सली हिंसा

2018 में भंडरिया थाना से करीब 35 किलोमीटर पूरब में ग्राम खपरी महुआ में पुलिस बलों को लक्षित करते हुए IED विस्फोट किया गया, जिसमें 06 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. 2019 में बारेसाढ़ बस स्टैंड पर अशोक प्रसाद के साथ मारपीट कर उसके 2 ट्रैक्टर, 1 ट्रक (407) और एक मोटरसाइकिल को आग लगा दी गई थी. 2022 में माओवादी ने कन्सट्रक्शन के कार्य में लगे बॉस कचरा प्लांट में मौजूद 2 JCB, 4 पानी टैंकर, एक पोपलेन, एक टाटा-407 के कुल 09 वाहनों को तेल छिड़ककर आग लगा दी.

2023 को माओवादी उग्रवादी संगठन के 10-12 हथियारबंद दस्ता सदस्यों ने चटकपुर से सरनाडीह रोड़ में बुढ़ा नदी पर पुल निर्माण का कार्य कर रहे मजदूरों से मारपीट कर की और चार ट्रैक्टर, एक पोकलेन मशिन पर डीजल छिड़ककर आग लगा दी थी. 2023 में ही माओवादी उग्रवादी संगठन के 18-20 हथियारबंद दस्ता सदस्यों ने महुआडांड़ थाना अन्तर्गत ग्राम चुटिया स्थित चुटिया नदी पर पुल निर्माण का कार्य कर रहे मैनेजर, मजदूरों से मारपीट, गाली गलौज कर एक कंक्रीट पम्प मशीन को पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी. वहीं पिछले साल 2024 को भा०क०पा० (माओ०) संगठन ने नेतरहाट थानान्तर्गत ग्राम-दौना और दुरूप मे BSN टॉवर में काम कर रहे मजदूरों से मारपीट की और सारा सोलर प्लेट, 08 बैटरी, SCDV, CPU को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया था.

नक्सल मोर्चे पर मिली बड़ी कामयाबी: 4 हार्डकोर सहित 18 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 39 लाख का था इनाम

सुकमा- छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है। दक्षिण बस्तर डिवीजन और पीएलजीए बटालियन नंबर-01 से जुड़े 4 हार्डकोर नक्सलियों सहित कुल 18 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। आत्मसमर्पित सभी नक्सलियों पर कुल 39 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

इस अभियान को छत्तीसगढ़ शासन की “नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत योजना” और “नक्सल आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति” के तहत अंजाम दिया गया है। योजना के अनुसार, नक्सलियों से मुक्त घोषित हर ग्राम पंचायत को 1 करोड़ रुपये की विकास राशि प्रदान की जाती है। इन्हीं प्रयासों से प्रभावित होकर कई नक्सली समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं।

आत्मसमर्पित नक्सलियों पर इतना था इनाम

बता दें कि नक्सलियों की इतनी बड़ी तादाद में आत्मसमर्पण की इस प्रक्रिया में जिला बल, डीआरजी सुकमा, विआशा सुकमा, रेंज फील्ड टीम (RFT) कोंटा, सुकमा, जगदलपुर, तथा CRPF की 80वीं, 212वीं, 219वीं और COBRA 203वीं बटालियन की खुफिया इकाइयों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चह्वाण ने इस अवसर पर शेष नक्सलियों से भी हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने और सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना और प्रशासन की मजबूत मौजूदगी से नक्सली संगठन कमजोर हो रहे हैं, और इसी का परिणाम है यह आत्मसमर्पण।

CRPF DIG की इनोवा ने सेलेरियो कार को मारी टक्कर, महिला-पुरुष बच्चों समेत 4 गंभीर रूप से घायल…

रायपुर- नया रायपुर के सेक्टर 17 कायाबांधा इलाके में अभी-अभी एक बड़ा सड़क हादसा हो गया. DIG CRPF की इनोवा कार ने मारुति सेलेरियो को टक्कर मार दी. इस हादसे में कार सवार एक महिला, एक पुरुष और 2 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को तत्काल बाल्को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है. फिलहाल घायलों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है.

जानकारी के मुताबिक, यह पूरी घटना मंदिर हसौद थाना क्षेत्र की है. बताया जा रहा है कि घटना के समय DRG CRPF की इनोवा कार में अधिकारी मौजूद नहीं थे. वहीं मौके पर पहुंची पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.

माना CSP लंबोधर पटेल ने बताया सेक्टर-16 चौराहे पर दो वाहनों में टक्कर हुई है. सीआरपीएफ डीआईजी की इनोवा क्रिस्टा वहां थी और दूसरी मारुति सिलेरियो वहां सेक्टर-17 से ओर से आ रही थी. इसी दौरान दोनों कार की आपस में भिड़ंत हो गई. इनोवा वाहन क्रिस्टा वाहन में डीआईजी साहब के स्टाफ थे. सेलेरियो कार सवार 4 लोग घायल हुए है. जिन्हें बालको में भर्ती कर उपचार कराया जा रहा है.

36 लाख के 5 इनामी नक्सली गिरफ्तार, बड़ी मात्रा में हथियार समेत दैनिक उपयोग की सामग्री जब्त

कांकेर- नक्सलवार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सुरक्षा बलों को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है. जवानों ने हथियार के साथ 36 लाख के 5 इनामी नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से दो नक्सली नाबालिग हैं. यह मामला महाराष्ट्र गढ़चिरौली के भामरागढ़ थाना क्षेत्र का है.

सी 60 और CRPF की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की है. नक्सलियों के पास से हथियार समेत भारी संख्या में दैनिक उपयोग की सामग्री जब्त की गई है.

माओवादियों के गढ़ ‘कर्रेगुट्टा’ में सुरक्षाबलों का कब्जा, CRPF DG जीपी सिंह और CG DGP अरुण देव ने दी नक्सल ऑपरेशन की जानकारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे सबसे बड़े ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है. बीजापुर और तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में 21 दिनों तक चले इस संयुक्त अभियान में अब तक 31 वर्दीधारी माओवादी मारे गए हैं. मुठभेड़ों के दौरान 35 हथियार, 450 IED, सैकड़ों बंकर और माओवादियों की तकनीकी इकाइयां भी नष्ट की गई है.

इस बड़ी सफलता को लेकर बुधवार को बीजापुर में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में CRPF के डीजी जीपी सिंह और छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने इस अभियान की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन 21 अप्रैल से 11 मई तक चला और इसे अब तक का सबसे प्रभावशाली माओवादी विरोधी अभियान माना जा रहा है।

CRPF DG जीपी सिंह और डीजीपी अरुण गौतम ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देशन में संचालित इस ज्वाइंट एक्शन प्लान के अंतर्गत माओवाद विरोधी अभियान का संचालन किया जा रहा है. माओवाद विरोधी अभियान के मुख्य आयाम हैं-सुरक्षा बलों द्वारा नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना कर सुरक्षा विहीन क्षेत्रों को भरना, माओवाद प्रभावित जिलों में राज्य की विकास योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करना ताकि क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो एवं नागरिकों को इसका लाभ मिल सके तथा सुरक्षा बलों द्वारा माओवादियों के आर्म्ड कैडर्स एवं उनके संपूर्ण ईको सिस्टम के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना है. इस एक्शन प्लान के क्रियान्वयन के फलस्वरूप सुरक्षा बलों ने माओवादियों के आर्म्ड कैडर्स एवं ईको सिस्टम को भारी क्षति पहुंचाई है, जिससे माओवादियों के प्रभाव क्षेत्र में काफी कमी आई है.

नक्सलियों के अभेद्य गढ़ में पहुंचे सुरक्षाबल

माओवादियों के सबसे मजबूत सशस्त्र संगठन पीएलजीए बटालियन, सीआरसी कंपनी एवं तेलंगाना स्टेट कमेटी सहित अनेक शीर्ष कैडर्स की शरणस्थली जिला सुकमा एवं बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में थी. उक्त क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सुरक्षा बलों द्वारा अनेक नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना की जाकर आसूचना आधारित अभियानों का संचालन किया जा रहा है. सुरक्षा बलों का वर्चस्व बढ़ने के फलस्वरूप माओवादियों द्वारा यूनिफाइड कमांड का गठन किया गया एवं उक्त स्थान से पलायन कर जिला बीजापुर, छत्तीसगढ़ एवं जिला मुलुगु, तेलंगाना की सीमा पर माओवादियों द्वारा अभेद्य समझे जाने वाले करेगुट्टालू पहाड़ पर शरण ली गई.

करेगुट्टालू पहाड़ी लगभग 60 किमी लंबा एवं 5 किमी से लेकर 20 किमी चौड़ा अत्यंत दुष्कर पहाड़ी क्षेत्र है. उक्त पहाड़ी की भौगोलिक परिस्थिति काफी कठिन एवं चुनौतीपूर्ण है. माओवादियों द्वारा विगत ढाई वर्ष में शनैः-शनैः उक्त पहाड़ी में अपना बेस तैयार किया, जिसमें उनके लगभग 300-350 आर्म्ड कैडर्स सहित पीएलजीए बटालियन की टेक्निकल डिपार्टमेंट (टीडी) यूनिट एवं अन्य महत्वपूर्ण संगठनों की शरणस्थली थी.

प्राप्त सूचनाओं के आधार पर पूर्ण एवं पुख्ता ऑपरेशनल योजना तैयार की जाकर छत्तीसगढ़ पुलिस एवं केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा 21 अप्रैल से एक वृहद संयुक्त ऑपरेशन संचालित किया गया. यह अभियान अब तक का सबसे बड़ा एवं व्यापक माओवाद विरोधी अभियान है तथा राज्य एवं केंद्र की विभिन्न एजेंसियों का मिलकर काम करने का एक उत्कृष्ट नमूना है. इस अभियान का उद्देश्य माओवादियों की सशस्त्र क्षमता को क्षीण करना, हथियारबंद दस्तों को न्यूट्रलाइज़ करना, इस दुर्गम इलाके से माओवादियों को हटाना और माओवादियों के दुर्दांत संगठन पीएलजीए बटालियन को क्षिन्न-भिन्न करना था.

21 मुठभेड़ें, 31 नक्सली ढेर

उक्त माओवाद विरोधी अभियानों में 21 अप्रैल से 11 मई के दौरान कुल 21 मुठभेड़ों में 16 वर्दीधारी महिला माओवादी समेत कुल 31 वर्दीधारी माओवादियों के शव और 35 हथियार बरामद किए गए हैं. प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि मुठभेड़ स्थल से बरामद शव प्रतिबंधित और अवैध सीपीआई माओवादी संगठन अंतर्गत पीएलजीए बटालियन नंबर 01, तेलंगाना राज्य समिति, दंडकारण्य विशेष जोनल समिति के माओवादी कैडर्स हैं. शवों की विस्तृत पहचान प्रक्रिया जारी है. लगातार 21 दिनों तक चलने वाले इस ऐतिहासिक माओवाद विरोधी अभियान के दौरान प्राप्त सभी तथ्यों और जानकारियों पर विचार करने के पश्चात अनुमान है कि अभियान के दौरान कई वरिष्ठ स्तर के माओवादी कैडर्स या तो मारे गए हैं या गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हालांकि, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण सुरक्षा बल सभी घायल और मारे गए माओवादियों के शव बरामद नहीं कर पाए. अब तक इस अभियान के दौरान कुल 31 माओवादियों के शव बरामद किए जा सके हैं, जिनमें से 03 शव 24 अप्रैल, 01 शव 05 मई को, 22 शव 07 मई को तथा 05 शव 08 मई को बरामद किए गए हैं.

इस अभियान में अब तक कुल 216 माओवादी ठिकाने और बंकर नष्ट किए गए. उपरोक्त माओवादी ठिकाने और बंकर से तलाशी अभियानों के दौरान कुल 450 नग आईईडी, 818 नग बीजीएल शेल, 899 बंडल कार्डेक्स, डेटोनेटर और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है.

माओवादियों की तकनीकी यूनिट तबाह

सुरक्षा बलों ने माओवादियों की 04 तकनीकी इकाइयों को नष्ट किया है, जिनका उपयोग बीजीएल शेल, देसी हथियार, आईईडी और अन्य घातक हथियारों के निर्माण के लिए किया जा रहा था. इन तकनीकी इकाइयों के ठिकानों से 04 लेथ मशीनें भी बरामद कर नष्ट की गईं. अभियान के दौरान विभिन्न माओवादी ठिकानों और बंकरों से बड़ी मात्रा में राशन सामग्री, दवाएं एवं दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद की गई.

ऑपरेशन में 18 जवान घायल

विगत 21 दिनों के इस महत्वपूर्ण अभियान के दौरान विभिन्न आईईडी विस्फोटों में कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के कुल 18 जवान घायल हुए. हालांकि सभी घायल जवान अब खतरे से बाहर हैं और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में सर्वोत्तम उपचार प्रदान किया जा रहा है. करेगुट्टालू पहाड़ी के ऊपर की परिस्थितियां काफी विपरीत हैं, दिन के समय तापमान 45 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक होने से अनेक जवान डिहाइड्रेशन के शिकार हुए, परंतु उसके उपरांत भी उनके द्वारा ऊंचे मनोबल के साथ माओवादियों के विरुद्ध उक्त अभियान जारी रखा गया.

2025 में अब तक 174 नक्सली मारे गए

साल 2025 की शुरुआत से अब तक कुल 174 हार्डकोर माओवादी मारे जा चुके हैं. इस व्यापक और संगठित अभियान के दूरगामी परिणाम देखने को मिल रहे हैं, जिसके तहत माओवादियों की बड़ी और सशस्त्र इकाइयाँ अब छोटे-छोटे समूहों में विभाजित हो चुकी हैं. सुरक्षा बलों की क्षेत्र में पकड़ और मजबूत हुई है, साथ ही बीजापुर जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र तथा नारायणपुर जिले के माड़ क्षेत्र जैसे पूर्ववर्ती सुरक्षा-विहीन क्षेत्रों में भी निरंतर प्रगति हो रही है. भविष्य में भी माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में आम जनता का विश्वास अर्जित करने, क्षेत्रीय विकास को गति देने और माओवादियों के समयबद्ध समूल उन्मूलन के लिए आक्रामक कार्रवाई जारी रखी जाएगी.

SP जितेंद्र यादव ने बताई कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर चलाए गए एंटी नक्सल ऑपरेशन की सफलता

बीजापुर-  कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर 21 दिनों तक चलाए गए सबसे बड़े एंटी नक्सल ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. CRPF के डीजी जीपी सिंह और छत्तीसगढ़ DG अरुण देव गौतम ने आज संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन की पूरी जानकारी दी. इस दौरान बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने 21 अप्रैल से 11 मई तक चलाए गए नक्सल विरोध अभियान की सफलता बताई. उन्होंने कहा, ऑपरेशन के दौरान कुल 21 मुठभेड़ों में कुल 31 माओवादी मारे गए. इनमें से 28 नक्सली की शिनाख्त हो चुकी है, जिन पर एक करोड़ 72 लाख का इनाम घोषित था.

एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि सभी मारे गए 31 माओवादियों के शव के साथ 31 हथियार बरामद किए गए हैं. इसमें एसएलआर, इसांस समेत आटोमेटिकल हथियार शामिल हैं. अब तक 28 नक्सलियों की शिनाख्ती हो चुकी है. शेष शवों की पहचान प्रक्रिया जारी है. अनुमान लगाया जा रहा कि 21 दिनों तक चलाए गए इस ऐतिहासिक एंटी नक्सल ऑपरेशन में कई बड़े नक्सली लीडर या तो मारे गए हैं या घायल हुए हैं. भौगोलिक परिस्थितियों के कारण हमारे जवान बाकी नक्सलियों के शव बरामद नहीं कर पाए है।


214 माओवादी ठिकानों और बंकरों को जवानों ने किया नष्ट


एसपी ने बताया, कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर नक्सल विरोध अभियान के दौरान कुल 214 माओवादी ठिकानों और बंकरों को नष्ट किया गया है. इस दौरान 450 IED रिकवर किए गए हैं. सिर्फ 15 IED ही ब्लास्ट हुए हैं. बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री के साथ 12 हजार किलोग्राम खाने का सामान भी बरामद हुआ है. इस इलाके में अब सुरक्षा बलों की मजबूत पकड़ हुई है।


आईईडी विस्फोट में 18 जवान हुए घायल

एसपी यादव ने बताया, ऑपरेशन के दौरान आईईडी विस्फोट में कोबरा, डीआरजी के 18 जवान घायल हुए हैं. हालांकि सभी खतरे से बाहर हैं. सभी का अस्पतालों में इलाज जारी है. उन्होंने बताया, कर्रेगुट्टा की पहाड़ी की परिस्थितियां काफी विपरीत है, यहां का तापमान 45 डिग्री होने के कारण हमारे कई जवान डीहाइड्रेशन के शिकार हुए हैं. फिर भी उनके मनोबल कम नहीं हुए.

नक्सलियों के खिलाफ कुल 17 केस दर्ज

एसपी ने बताया, नक्सलियों के खिलाफ कुल 17 केस दर्ज किए गए हैं. जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है. साथ ही NIA-SIA की भी मदद ली जा रही है. उन्होंने कहा, नक्सलवाद को समूल खत्म करने भविष्य में भी अभियान जारी रहेगा, ताकि बस्तर का विकास हो सके..

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कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर मारे गए 26 नक्सली, लाखों रुपए का घोषित था इनाम

बीजापुर- कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर सुरक्षा बलों का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशान जारी है, जिसमें अब तक 26 नक्सली मारे गए हैं, जिन पर लाखों रुपए का इनाम घोषित था. ऑपरेशन में ढेर हुए 26 नक्सलियों में से 21 की शिनाख्त कर ली गई है. वहीं 6 नक्सलियों की शिनाख्ती की प्रकिया जारी है. बीजापुर में आज शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में एंटी नक्शन ऑपरेशन पर CRPF के डीजी व DGP छत्तीसगढ़ कई बड़े खुलासे कर सकते हैं.

ऑपरेशन में मारे गए ये नक्सली

डोडी सन्नी (37) निवासी टेकलगुड़ा, जिला सुकमा – PLGA बटालियन नंबर वन की सदस्या, इनाम 8 लाख

बाड़से हुंगी, उम्र 18 वर्ष, निवासी रेंगाईपारा, जिला बीजापुर – PLGA बटालियन नंबर वन की सदस्या, इनाम 8 लाख

सोढ़ी हड़मे, उम्र 28 वर्ष, निवासी मोयला जिला सुकमा – PLGA बटालियन नंबर वन की सदस्या, इनाम 8 लाख

मड़कम हिड़मा, उम्र 27 वर्ष, निवासी जीड़पल्ली थाना पामेड़ – पार्टी सदस्य

माड़वी जोगा, उम्र 22 वर्ष, निवासी पनवासी कोजेर जिला बीजापुर – पार्टी सदस्य

जोगा हेमला, उम्र 31 वर्ष, निवासी बटटुम, जिला सुकमा – पार्टी सदस्य

दुग्गा वेका ऊर्फ सोमा, उम्र 24 वर्ष, निवासी बुड़गीचेरू, जिला बीजापुर – पार्टी सदस्य

मोटूमड़ुमा, उम्र 18 वर्ष, निवासी कोंडापल्ली, जिला बीजापुर – पार्टी सदस्य

भीमा माड़वी उम्र 23 वर्ष, निवासी निलावाया, जिला बीजापुर – एसीएम, दक्षिण बस्तर डिवीजन

सादरपल्ली चंदू, उम्र 23 वर्ष, निवासी एटुरू जिला सुकमा – पाटी सदस्य /डॉक्टर टीम

सन्नी करटम उम्र 22 वर्ष, निवासी आउटपल्ली, बीजापुर – प्लाटून नम्बर 10 सदस्या

मंजूला कारम उम्र 36 वर्ष, निवासी लहरोली, जिला बीजापुर – PLGA BN No-01 PPCM

राधा ताती उम्र 25 वर्ष, निवासी पालनार, जिला बीजापुर – एसीएम

सोढ़ी मंगली उम्र 27 वर्ष, निवासी दुलेर, जिला सुकमा – पाटी सदस्य

रामे मड़कम उम्र 25 वर्ष निवासी गुडुम, जिला सुकमा – पार्टी सदस्य

सोमड़ी तामो उम्र 18 वर्ष, निवासी कोण्डापल्ली, जिला बीजापुर – पार्टी सदस्य

कुंजाम भीमे उम्र 20 वर्ष, निवासी तुमरेल जिला बीजापुर – पार्टी सदस्य

नरसिंह राव उम्र 35 वर्ष, निवासी भीमाराम जिला बीजापुर – पीपीसीएम

लखमू पोयामी, उम्र 25 वर्षी, निवासी केतुलनार जिला बीजापुर – पार्टी सदस्य

सोढ़ी लक्ष्मण उम्र 24 वर्ष निवासी कस्तुरपाड़ जिला बीजापुर – एसीएम

पूनेम पोदिया उम्र 30 वर्ष निवासी भसूापर जिला बीजापुर – एसीएम, टीएसएस कम्युनिकेशन इंचार्ज।