एलआईसी का ओडिशा ट्रेन दुर्घटना पर बड़ा फैसला, जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए कई तरह की राहत देने की घोषणा

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एलआईसी ने ओडिशा में हुए भीषण रेल हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए कई तरह की राहत देने की घोषणा की है। एलआईसी ने बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट के पीड़ितों के लिए क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस के लिए कई तरह की छूट देने का ऐलान किया है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी का कहना है कि दावों का तेजी से निपटारा किया जाएगा ताकि पीड़ित परिवारों को जल्दी से जल्दी वित्तीय राहत मिल सके।बता दें कि ओडिशा के शहर बालासोर में दो यात्री ट्रेनों और एक मालगाड़ी के बीच हुई दुर्घटना में अब तक करीब 288 लोगों की मौत हो गई है और 1,100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।

एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने पीड़ितों के परिजनों के लिए क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस में कई तरह की राहत देने का ऐलान किया। साथ ही एक स्पेशल कॉल सेंटर नंबर भी जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि मुसीबत की इस घड़ी में एलआईसी पॉलिसीज और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना के दावेदारों के लिए ये राहत दी गई है। इस बात के भी प्रयास किए जा रहे हैं कि प्रभावित परिवारों के दावों को जल्दी से जल्दी सेटल किया जा सके। दावेदार समीप के ब्रांच, डिविजन या कस्टमर जोन्स में संपर्क कर सकते हैं। साथ ही वे मदद के लिए कंपनी के कॉल सेंटर में भी संपर्क कर सकते हैं जिसका नंबर 02268276827 है।

सिद्धार्थ मोहंती ने कहा है कि पंजीकृत मृत्यु प्रमाण पत्र के स्थान पर रेलवे, पुलिस या किसी राज्य एवं केंद्रीय प्रशासन द्वारा जारी हताहतों की सूची को भी मृत्यु का प्रमाण माना जाएगा। उन्होंने बताया कि दुर्घटना के हताहतों के लिए पूछताछ और जानकारी के लिए एलआईसी ने संभागीय और शाखा स्तर के कार्यालयों में दावा संबंधी प्रश्नों के समाधान एवं दावेदारों को सहायता प्रदान करने के लिए विशेष सहायता डेस्क स्थापित किया है। 

ओडिशा में शुक्रवार शाम को हुए भीषण हादसे में 288 यात्रियों की मौत हो गई जबकि एक हजार से अधिक घायल हो गए। इसे देश का चौथा बड़ा रेल हादसा माना जा रहा है। तीन ट्रेनों के टकराने से यह हादसा हुआ। इस हादसे के कारण उस रूट पर रेल ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित हुआ है। रेलवे के मुताबिक 90 ट्रेनों को कैंसल कर दिया गया है। बड़ी संख्या में ट्रेनों का रूट डाइवर्ट किया गया है जबकि कुछ ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट भी किया गया है।

बालासोर ट्रेन हादसाः रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बड़ा बयान, बोले-पता चली हादसे की असली वजह

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बालासोर में दर्दनाक ट्रेन हादसे को 36 घंटे से ज्यादा बीत गए। इस हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 900 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव हादसे के बाद से ही घटनास्थल पर डटे हुए हैं। रेल हादसे में अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि रेल हादसे की असली वजह का पता चल गया है। सेफ्टी कमिश्नर जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

अश्विनी वैष्णव ने कहा, प्रधानमंत्री ने एक दिन पहले जो दिशा-निर्देश दिए थे।। उसी के मुताबिक काम चल रहा है। बुधवार सुबह यानी 7 जून तक हालात सामान्य हो जाएंगे। हालांकि, उन्होंने अभी कारणों का जिक्र नहीं किया है।

बता दें, शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया था। इस दौरान पीएम ने कड़े लहजे में कहा था कि मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि मरम्मत का काम लगभग पूरा हो गया है। रेलवे की टीम ने पूरी रात काम करकी रही। अब मृतकों की पहचान कर कानूनी प्रक्रिया के बाद उन्हें उनके परिवारों तक पहुंचाने का काम हो रहा है।घटना कोलकाता-चेन्नई मेन लाइन पर हुई है। ऐसे में काफी ट्रेनें ऐसी हैं जिनके रूट को बदला गया है और कई ट्रेनें बंद हैं।

ट्रेन हादसे के घायलों से मिले पीएम नरेंद्र मोदी, बोले- दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे वाली जगह पर पहुंचे। शुक्रवार रात यहां भीषण ट्रेन हादसा हुआ, जिसमें अब तक 288 लोगों ने जान गंवा दी है।। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ट्रेन हादसे वाली जगह पर हालात का जायजा लिया। फिर वह बालासोर मेडिकल कॉलेज में घायलों से मिले। पीएम मोदी ने कहा कि हादसा विचलित करने वाला है। हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

अस्पताल पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल पर स्थिति का जायजा लेने के बाद दुर्घटना में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए बालासोर के एक अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने घायलों से मुलाकात कर उनका हाल जाना और मदद का आश्वासन दिया। इसे पहले, पीएम नरेंद्र मोदी ने घटनास्थल से कैबिनेट सचिव और स्वास्थ्य मंत्री से बात की। उन्होंने उनसे घायलों और उनके परिवारों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि शोक संतप्त परिवारों को असुविधा का सामना न करना पड़े और प्रभावितों को आवश्यक सहायता मिलती रहे।

दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने बालासोर के अस्पताल में पीड़ितों से मिलने के बाद मीडिया से कहा, जिन लोगों ने अपना जीवन खोया है, यह बहुत दर्दनाक और संवेदना से भी परे मन को विचलित करने वाला है। जिन परिवारजनों को इंजरी हुई है, सरकार उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। सरकार के लिए घटना अत्यंत गंभीर है। हर प्रकार की जांच के निर्देश दिए गए हैं। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसको सख्त से सख्त सजा हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

पीएम मोदी के साथ रेल मंत्री भी रहे मौजूद

हादसे वाली जगह पर पीएम मोदी के साथ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे।इसके अलावा रेलवे के तमाम आला अधिकारी भी पीएम मोदी के साथ मौके पर मौजूद थे।घटनास्थल से आए वीडियो में पीएम को रेलवे अधिकारियों के जरिए कुछ फाइलें दिखाते हुए देखा गया।

10 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान

वहीं, बालासोर आने से पहले पीएम मोदी ने दिल्ली में एक बैठक बुलाई। इस बैठक में ओडिशा दुर्घटना से जुड़े हालातों पर चर्चा की गई। रेलवे ने कहा है कि हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा के तौर पर दिया जाएगा।

ओडिशा के बालासोर में रेल हादसे के बाद सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, इधर, राहत बचाव कार्य भी चल रहा है, यहां पढ़िए, बीते दशकों में और भी हो चुकी हैं बड़ी दुर्घटनाएं


ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम में दो यात्री ट्रेनों की टक्कर में अब तक 261 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस भीषण दुर्घटना में 1000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। रेल हादसे के बाद दुर्घटनास्थल पर एनडीआरएफ की नौ टीम बचाव कार्य में जुटी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडिशा में हुई ट्रेन दुर्घटना पर दुख व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि घटनास्थल पर बचाव अभियान जारी है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जा रही है। उन्होंने स्थिति का जायजा लेने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी बात की है। आज पीएम मोदी के घटनास्थल पर भी जाने की बात कही जा रही है।

कुछ बड़े रेल हादसे

जून 1981

 बिहार में 6 जून 1981 को एक ट्रेन मानसी और सहरसा के बीच पुल पाल करते समय पटरी से उतर गई थी और सात डिब्बे कोसी नदी में गिर गई थी। इस हादसे में 800 यात्रियों की मौत हो गई थी। यह अब तक भारत और दुनिया के सबसे खतरनाक रेल हादसों में से एक है।

अगस्त 1995

दिल्ली से कानपुर के बीच चलने वाली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद के पास खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई थी। इस हादसे में दोनों ट्रेनों के 360 से अधिक यात्री मारे गए थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट में इस घटना के लिए मैन्युअल त्रुटि को जिम्मेदार ठहराया गया था। कहा जाता है कि पटरी पर जानवर के मरने के बाद कालिंदी एक्सप्रेस के ब्रेक जाम हो गए और ट्रैक पर ही रुक गए। साथ ही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस को भी उसी ट्रैक पर चलाने की अनुमति दी गई। पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ने कालिंदी एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी जिससे हादसा हो गया था।

26 नवंबर 1998

जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस पंजाब खन्ना में अमृतसर जाने वाली फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के साथ हादसे की शिकार हुई थी। पटरी टूटी होने के कारण स्वर्ण मंदिर मेल ट्रेन के 3 डब्बे पटरी से उतर गए थे। वहीं जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस छह डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस भीषण हदसे में 280 से अधिक यात्रियों की जान गई थी।

28 मई 2010

मुंबई जाने वाली हावड़ा कुर्ला लोकमान्य तिलक ज्ञानेश्वरी सुपर डीलक्स एक्सप्रेस पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले में खेमशौली और साडीहा के बीच रात 1:30 बजे पटरी से उतर गई थी। इसके बाद एक मालगाड़ी ने आकर टक्कर मार दी थी। इस हादसे में 235 यात्रियों की जान चली गई थी।

9 सितंबर 2002

हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस गया और डेहरी-ऑन-सोन स्टेशनों के बीच रफी गंज स्टेशन के पास पटरी से उतर गई थी। मैनुअल फॉल्ट के कारण ह दुर्घटना हुई थी। इसमें 130 से अधिक लोग मारे गए थे। ऐसा कहा जाता है कि जिस ट्रैक पर ट्रेन चल रही थी वह ब्रिटिश काल का था। भारी बारिश के कारण पटरी में दरार आ गई थी। 

2 अगस्त 1999

उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार मंडल के अवध में अवध-असम एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल की टक्कर में करीब 268 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में 359 से अधिक लोग घायल हो गए थे। ब्रह्मपुत्र मेल भारतीय सैनिकों को असम से सीमा तक लेकर जा रहा था। वहीं, अवध असम एक्सप्रेस गुवाहाटी जा रही थी। गुस्लर के पास एक स्टेशन पर खड़ी थी। सिग्नल फेल होने के कारण ब्रह्मपुत्र मेल को उसी ट्रैक पर आगे बढ़ने की हरी झंडी दे दी गई थी। रात करीब 1:30 बजे अवध असम एक्सप्रेस ने सामने से टक्कर मार दी।

अक्टूबर 2005

आंध्र प्रदेश में वेलुगोंडा के पास एक पैसेंजर ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में कम से कम 77 लोग मारे गए थे।

जुलाई 2011

फतेहपुर में एक मेल ट्रेन के पटरी से उतरने से करीब 70 लोगों की मौत हो गई थी। 300 से ज्यादा घायल हो गए थे।

नवंबर 2016

उत्तर प्रदेश में एक एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने से 146 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए थे।

जनवरी 2017

आंध्र प्रदेश में एक पैसेंजर ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर जाने से कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई थी।

अक्टूबर 2018

अमृतसर में एक दिल दहला देने वाली हादसा हुई थी। पटरियों पर जमा भीड़ को ट्रेन कुचल देती है। इस हादसे में कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई थी

ओडिशा के बालेश्वर में रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म, रेल हादसे में अबतक 261 लोगों की मौत, पीएम मोदी जाएंगे दुर्घटनास्थल

ओडिशा के बालेश्वर जिले में दर्दनाक रेल हादसा हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक, बाहानगा स्टेशन के निकट शुक्रवार शाम करीब सात बजकर 20 मिनट पर हावड़ा-शालीमार एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिससे 261 लोगों की मौत हो गई।

ओडिशा में कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841-अप) शुक्रवार शाम को बालेश्वर जिला अंतर्गत बाहानगा स्टेशन से दो किमी दूर पनपना के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक, ओडिशा में तीन ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गई हैं। इस हादसे में 261 लोगों की मौत हो गई। फिलहाल, राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

बालेश्वर में हुए दर्दनाक हादसे के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओडिशा आ रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री हादसे वाली जगह पर जाएंगे। इसके बाद वे बालेश्वर सदर अस्पताल एवं कटक एससीबी मेडिकल का भी दौरा करेंगे।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी शनिवार की सुबह दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे, NDRF, SDRF की टीम बचाव कार्य में जुटी है। फिलहाल, हमारा ध्यान बचाव कार्य पर है। राहत और बचाव कार्य खत्म होने के बाद ही बहाली का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। पहले से ही बहाली के लिए मशीनें तैनात हैं।

बेंगलुरु से हावड़ा जा रही एक्सप्रेस के साथ कोरोमंडल एक्सप्रेस की टक्कर हुई। खड़गपुर डीआरएम ने इसकी पुष्टि की है। पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस बेपटरी हुई थी, जिससे बेंगलुरु हावड़ा एक्सप्रेस की टक्कर हुई। इस दुर्घटना में दोनों ट्रेन के 12 कोच बेपटरी हो गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया है।

क्या 'कवच' से टल सकता था बालासोर रेल हादसा? जानें क्या होती है ये तकनीक, जिसे लेकर ममता बनर्जी ने रेल मंत्री से पूछे सवाल

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ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से भीषण हादसा हुआ है जिसमें अभी तक 288 लोगों की मौत हो गई है जबकि 900 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। हादसे के बाद बचाव और राहत का कार्य जारी है। रेल मंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इस बीच रेल हादसे के बाद से पूरे देश में एक बार फिर कवच सिस्टम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। लोग जानना चाहते हैं कि क्या कवच सिस्टम इस बड़े हादसे को रोक सकता था? वहीं आज बालासोर में वर्तमान रेलमंत्री अश्विनी वैष्ण से रूबरू हुई पूर्व में रेलमंत्री रह चुकीं ममता बनर्जी ने भी कवच सिस्टम को लेकर सवाल उठाए।

ममता बनर्जी ने रेलमंत्री से पूछा सवाल

आज पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ओडिशा के बालासोर में पहुंची और वह वहां पर दुर्घटनास्थल का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ संबोधित किया। मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम ममता ने पास में खड़े रेल मंत्री से इस रूट पर कवच नहीं होने का कारण पूछ लिया। ममता बनर्जी ने कहा, 'कोरोमंडल एक्सप्रेस में कोई टक्कर रोधी (एंटी-कोलिजन) उपकरण नहीं था। जब मैं रेल मंत्री थी तब मैंने एक टक्कर रोधी उपकरण पेश किया था जिससे एक ही ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनें एक निश्चित दूरी पर रुकती थीं। अब, जब आप यहां हैं (अश्विनी वैष्णव) तो मैं यह बताना चाहती हूं कि इस ट्रेन में कोई एंटी-कोलिजन डिवाइस नहीं था। इस तरह की तकनीक होती तो इस घटना को टाला जा सकता था।'

पिछले साल कवच टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग की गई थी

बता दें कि रेल मंत्रालय ने पिछले साल कवच टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग की थी और इसका प्रचार किया गया था। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 4 मार्च, 2022 को भारतीय रेल के 'कवच' की टेस्टिंग में खुद शामिल हुए थे। रेल मंत्री ने एक वीडियो पोस्ट की थी, जिसमें आमने-सामने से पूरी रफ्तार के साथ आ रही 2 ट्रेनें बिना ब्रेक लगाए अपने आप रुक गई थीं। रेल मंत्रालय ने बताया था कि कवच सिस्टम से रेल हादसों पर लगाम लगेगी और यात्रियों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी। अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या कवच सिस्टम इस बड़े हादसे को रोक सकता था?

क्या कवच से रुक सकता था हादसा?

बालासोर में जिस तरह का हादसा हुआ, वहां यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस ने मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मारी थी जबकि उसका इंजन आगे था। अगर इस ट्रेन में कवच सिस्टम होता, तब भी ये टक्कर नहीं रुकती। क्योंकि कवच सिर्फ उन परिस्थितियों में ही काम करता है जब आमने-सामने से आ रही दो ट्रेनों के इंजन में ये सिस्टम इंस्टॉल हो और काम कर रहा हो

भारतीय रेल के दक्षिण मध्य रेलवे के मुताबिक अप्रैल 2022 तक कुल 1445 रूट किलोमीटर की रेल लाइन, मुख्यतः दक्षिण भारत में कवच सिस्टम को इंस्टॉल किया गया है। लेकिन ओडिशा में जहां ये रेल हादसा हुआ, वहां कवच सिस्टम इंस्टॉल नहीं हुआ है।

ओडिशा के बालासोर में रेल हादसा, राहत बचाव कार्य जारी, ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों के बारे में कोई भी जानकारी लेने के लिए जारी किए हैं आपातकाल

 ओडिशा के बालासोर जिले में बहनागा रेलवे स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें कम से कम 233 लोगों की हुई है। वहीं सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई डिब्बे बहानागा स्टेशन के पास एक पटरी से उतर गए और दूसरी लाइन पर जा गिरे। रेलवे प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि शाम करीब 7 बजे, शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस के 10-12 डिब्बे बालेश्वर के पास पटरी से उतर गए और दूसरे ट्रैक पर जा गिरे। कुछ समय बाद, यशवंतपुर से हावड़ा जाने वाली एक और ट्रेन उन पटरी से पड़े डिब्बों से टकरा गई। उसके 3-4 डिब्बे पटरी से उतर गए। 

हादसा शुक्रवार शाम लगभग 7 बजे हुआ। दोनों ट्रेनों के कम से कम 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और कम से कम 4 डिब्बे रेलवे लाइन के काफी दूर जा गिरे।

ओडिशा के मुख्य सचिव ने बताया कि 233 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 900 लोग घायल हुए हैं। घायलों को सोरो सीएचसी, गोपालपुर सीएचसी और खांटापाड़ा पीएचसी में भेजा गया है। सुपरफास्ट ट्रेन के पलटे हुए डिब्बों के अंदर और भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। हादसे के बाद हेल्पलाइन नंबर (67822 62286) जारी किया गया है। लोग इस नंबर पर फोन कर जानकारी ले सकते हैं। बचाव अभियान शुरू किया गया और घायलों को बालासोर अस्पताल में स्थानांतरित किया जा रहा है।

ओडिशा के बालासोर से करीब 40 किलोमीटर दूर ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसा इतना भीषण था कि कई डिब्बे दूर जाकर गिरे हैं। तलाशी और बचाव अभियान के लिए टीमें मौके पर पहुंची हैं। विशेष राहत आयुक्त कार्यालय ने कहा है कि कलेक्टर, बालासोर को भी सभी आवश्यक व्यवस्था करने के लिए मौके पर पहुंचने और राज्य स्तर से किसी भी अतिरिक्त मदद की आवश्यकता होने पर एसआरसी को सूचित करने का निर्देश दिया गया है। 

ट्रेन पश्चिम बंगाल के शालीमार स्टेशन से निकलती है और चेन्नई के पुरची थलाइवर डॉ एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन तक जाती है। ट्रेन ने दोपहर 3.30 बजे अपनी यात्रा शुरू की और बालासोर स्टेशन पर शाम 6.30 बजे पहुंची। इसे कल शाम 4.50 बजे चेन्नई पहुंचना था। सरकार ने कई हेल्पलाइन नंबर प्रदान किए हैं - 033-26382217, 8972073925, 67822 62286, 9332392339।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर लिखा, "यह जानकर हैरानी हुई कि पश्चिम बंगाल से यात्रियों को ले जा रही शालीमार-कोरोमंडल एक्सप्रेस आज शाम बालासोर के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई और बाहर जाने वाले हमारे कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हम अपने लोगों की भलाई के लिए ओडिशा सरकार और दक्षिण पूर्व रेलवे के साथ समन्वय कर रहे हैं। हमारे आपातकालीन कंट्रोल रूम को तुरंत 033- 22143526/22535185 नंबर के साथ सक्रिय कर दिया गया है। बचाव, पुनर्प्राप्ति, सहायता और सहायता के लिए सभी प्रयास शुरू किए गए हैं। हम ओडिशा सरकार और रेलवे अधिकारियों के साथ सहयोग करने और बचाव कार्यों में सहायता के लिए 5-6 सदस्यों की एक टीम मौके पर भेज रहे हैं। मैं मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ व्यक्तिगत रूप से लगातार स्थिति की निगरानी कर रही हूं।"

ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे के पीछे कौन जिम्मेवार, कैसे एक ही पटरी पर अा गई दो ट्रेनें, यहां पढ़िए, किसको माना जा रहा हादसे की बड़ी वजह

 ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को बड़ा ट्रेन हादसा हो गया। बहनागा बाजार स्टेशन पर पहले बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस और फिर उससे टकराकर कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां पटरी से उतर गईं। इसके बाद एक मालगाड़ी भी उनसे टकरा गई। इस दिल दहला देने वाले हादसे में अब तक 207 यात्रियों की मौत हो चुकी है। वहीं, 900 से अधिक घायल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजे का ऐलान किया है।

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि हादसा शाम 7:20 बजे बहनागा बाजार स्टेशन पर हुआ। हावड़ा जा रही सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और दूसरी लाइन पर गिर गए। पटरी से उतरे ये डिब्बे उसी समय चेन्नई जा रही शालीमार चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए। इससे दूसरी ट्रेन की बोगियां भी पलट गईं। आइए हम आपको बताते हैं कि कैसा दो ट्रेन टकराती है।

जानिए, कैसे दो ट्रेन एक ही पटरी पर आ जती है?

दो ट्रेन के एक ही समय पर एक ही पटरी पर कैसे आ जाने के दो कारण हो सकते हैं। एक मानवीय भूल और दूसरा तकनीकी खराबी। ओडिशा में ट्रेन हादसे के पीछे तकनीक में खराबी को अब तक वजह माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि सिग्नल की खराबी के कारण दो ट्रेन एक ही पटरी पर आ गईं और उनमें टक्कर हो गई। उल्लेखनीय है कि चालक ट्रेन को कंट्रोल रूम के निर्देश पर चलाता है और कंट्रोल रूम से निर्देश पटरियों पर ट्रैफिक को देख कर दिया जाता है।

ऐसे काम करता है कंट्रोल रूम

 हर रेलवे कंट्रोल रूम में एक बड़ी सी डिस्प्ले पर दिख रहा होता है कि कौन सी पटरी पर ट्रेन है और कौन सी पटरी खाली है। ये हरे और लाल रंग की लाइटों के माध्यम से दिखाया जाता है। जैसे कि अगर किसी पटरी पर कोई ट्रेन है या चल रही है तो वो लाल दिखाएगा और जो पटरी यानी रेलने ट्रैक खाली है, वह हरी लाइट दिखाता है। इसी को देख कर कंट्रोल रूम से लोकोपायलट को निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन इस बार जैसे हादसा हुआ, उसे देख कर ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि डिस्प्ले पर ट्रेन का सिग्नल सही नहीं दिखाई दिया और इसकी वजह से यह हादसा हुआ।

करीब दो महीने बाद सात घंटे के लिए घर लौटे मनीष सिसोदिया, बीमार पत्नी से नहीं हो सकी मुलाकात

#manish_sisodia_reached_home_to_meet_wife

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आप नेता मनीष सिसोदिया अपनी पत्नी सीमा सिसोदिया से मिलने दिल्ली स्थित उनके आवास पर पहुंचे। दिल्ली हाई कोर्ट ने कल उन्हें अपनी बीमार पत्नी से सुबह 10 बजे से आज शाम 5 बजे तक मिलने की अनुमति दी थी। लेकिन सिसोदिया घर पहुंचने के बाद भी अपनी पत्नी से नहीं मिल पाए। दरअसल, सिसोदिया की पत्नी की तबीयत अचानक बिगड़ गई है। मनीष सिसोदिया की पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

बता दें कि रविवार सुबह मनीष सिसोदिया के घर पहुंचने से पहले ही उनकी पत्नी सीमा सिसोदिया की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जिस कारण उन्हें तुरंत नजदीकी एलएनजेपी अस्पताल के इमरजेंसी में एडमिट करना पड़ा। चूंकि कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को सिर्फ घर पर पत्नी से मुलाकात करने की इजाजत दी है। ऐसे में वह अस्पताल नहीं जा पाए। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की सुरक्षा में सिसोदिया शाम पांच बजे तक अपने घर पर ही रहेंगे, इसके बाद उन्हें वापस जेल ले जाया जाएगा।

बता दें कि सिसोदिया ने पत्नी की खराब सेहत का हवाला देते हुए 6 हफ्ते की अंतरिम जमानत की मांग की थी। लेकिन ईडी ने अंतरिम ज़मानत अर्जी का विरोध किया था।ईडी ने कहा था कि कुछ दिन पहले ही वो अंतरिम जमानत की अर्जी को वापस ले चुके हैं। अब फिर से उसी आधार पर अंतरिम जमानत मांग रहे हैं। जांच एजेंसी की ओर से कहा गया कि सिसोदिया पुलिस की मौजदूगी में पत्नी से मुलाकात कर सकते हैं।जिसके बाद पत्नी से मुलाकात के लिए कोर्ट ने सिसोदिया को राहत दी।

जेल में बंद मनीष सिसोदिया को पत्नी के मेडिकल आधार पर सात घंटे की मोहलत दी गई है। इस दौरान वह न तो मीडिया से बात करेंगे और न ही इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे। सिसोदिया सिर्फ अपने परिवार के लोगों से मिल सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें शनिवार शाम तक पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट भी जमा करनी होगी।

दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) 11 जून को रामलीला मैदान में महारैली के माध्यम से दिखा


दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) 11 जून को रामलीला मैदान में महारैली करने जा रही है। इस महारैली में केजरीवाल एंड कंपनी केंद्र को अपना दम दिखाएगी। 'आप' की दिल्ली इकाई के संयोजक और कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को पदाधिकारियों के साथ बैठक की। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि चार जून को दिल्ली के दो हजार मंडलों पर महारैली की तैयारी को लेकर बैठक होगी। उसके अगले दिन डोर-टू-डोर कैंपेन शुरू होगा। घर-घर जाकर महारैली के लिए लोगों को निमंत्रण दिया जाएगा।

गोपाल राय ने कहा कि 11 जून को पार्टी द्वारा आयोजित की जा रही रैली राष्ट्रीय राजधानी के निवासियों को केंद्र सरकार के अध्यादेश के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए एक मंच होगी।

पदाधिकारियों को रैली की तैयारियों की जिम्मेदारियां सौंपने के लिए आयोजित एक बैठक में राय ने कहा कि 'आप' कार्यकर्ता पांच जून से घर-घर जाकर अभियान शुरू करेंगे और दिल्लीवासियों को रैली में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने कहा कि रैली दिल्लीवासियों के लिए केंद्र सरकार के अध्यादेश के प्रति अपना आक्रोश और रोष व्यक्त करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगी।

राय ने कहा, “यह जानना आवश्यक है कि संविधान प्रत्येक नागरिक को वोट देने का अधिकार प्रदान करता है और किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा इस अधिकार को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का विरोध एकजुट सार्वजनिक मुखरता के साथ किया जाना चाहिए।”

'आप' नेता ने कहा कि दिल्ली में पार्टी के 2,000 मंडलों की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए विशाल रैली की तैयारी पर चर्चा के लिए चार जून को एक बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी के उपाध्यक्षों को लोकसभा क्षेत्रों की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

गौरतलब है कि 'आप' केंद्र द्वारा 19 मई को जारी किए गए एक अध्यादेश के खिलाफ लड़ रही है, जिसके दायरे में दानिक्स कैडर के ग्रुप 'ए' अधिकारियों की नियुक्ति और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार लाया गया है।

मई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसले में दिल्ली सरकार को सेवाओं के मामलों में कार्यकारी शक्ति दी गई थी, जिसमें अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग शामिल था, जिसे केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश से पलट दिया गया है।