ओवैसी की केंद्र सरकार को चुनौती, कहा-दम है तो चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक करके दिखाओ

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अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केन्द्र की मोदी सरकार को बड़ी चुनौती पेश की है।ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार में अगर दम है तो वो चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक करके दिखाए।बीजेपी के राज्य प्रमुख बंदी संजय ने दावा किया था कि वह तेलंगाना के पुराने शहर में सर्जिकल स्ट्राइक करेगी। बंदी संजय के इस बयान पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए केन्द्र सरकार को चुनौती दी है।

असदुद्दीन ओवैसी मंगलवार को तेलंगाना के आदिलाबाद में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।सांसद ने कहा कि वो कहते हैं कि हम ओल्ड सिटी (हैदराबाद) में सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे। अगर वो ओल्ड सिटी में सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे तो हम क्या चूड़ियां पहन कर बैठे हैं। दम है तो चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक करके दिखाओं।

दरअसल, साल 2020 में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, बंदी संजय ने कहा था कि सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (टीआरएस) और एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी, रोहिंग्या, पाकिस्तानी और अफगानिस्तानी मतदाताओं की मदद से हैदराबाद निकाय चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे हैं। कुमार ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनावों के लिए प्रचार करते हुए कहा था, "जीएचएमसी चुनाव पाकिस्तान, अफगानिस्तान और रोहिंग्याओं के मतदाताओं के बिना आयोजित किए जाने चाहिए। हम चुनाव जीतने के बाद पुराने शहर में सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे।

अमित शाह पर साधा निशाना

वहीं, ओवैसी ने अपने और केसीआर के बीच गुप्त सहमति के दावे को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "अगर स्टीयरिंग मेरे हाथ में है तो आपको (अमित शाह) दर्द क्यों महसूस होता है?" उन्होंने कहा, "मंदिरों के लिए करोड़ों रुपये मंजूर किए गए और वह (अमित शाह) कहते हैं कि स्टीयरिंग मेरे हाथ में है। स्टीयरिंग मेरे हाथ में है, तो आपको दर्द क्यों होता है?" इससे पहले, 23 अप्रैल को, कर्नाटक के चेवेल्ला में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की 'संकल्प सभा' को संबोधित करते हुए, शाह ने असदुद्दीन ओवैसी और केसीआर के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया था।

पहलवानों के पदकों को गंगा में प्रवाहित करने के ऐलान पर बृजभूषण सिंह का बयान, कहा-गंगा जी की जगह उन्होंने मेडल नरेश टिकैत को दे दिया

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भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना देने वाले पहलवानों ने अपने मेडल को गंगा में बहाने का फैसला टाल दिया है। दरअसल, यौन शोषण के आरोप में बृजभूषण की गिरफ्तारी न होने से पहलवान आहत थे। वे अपने मेडल गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार भी पहुंच गए थे। लेकिन, भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने वहां पहुंचकर पहलवानों को समझाया और उन्हें अपना फैसला बदलने के लिए राजी किया।इसपर बृजभूषण ने कहा कि वे मेडल बहाने गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने टिकैत के हाथों में मेडल दे दिया। अब हम क्या कर सकते हैं?

ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने मंगलवार को एक ट्वीट में बताया कि वे अपना मेडल पवित्र गंगा में बहाने जा रहे हैं। इसके लिए वे हरिद्वार पहुंचे। शाम 6 बजे मेडल बहाने का प्लान था। हालांकि, समय गुजरने के साथ ही वहां किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे और पहलवानों को मनाया। उन्होंने पहलवानों से पांच दिनों का समय मांगा।इसके बाद खिलाड़ियों ने मेडल नरेश टिकैत को सौंप दिया।इस पूरे मामले पर बृजभूषण शरण सिंह ने बयान दिया है। उन्होंने कहा, अगर खिलाड़ी अपने मेडल गंगा में बहाना चाहते हैं तो मैं क्या कर सकता हूं।बीजेपी सांसद ने कहा, खिलाड़ी अपना मेडल गंगा जी में बहाने गए थे, लेकिन गंगा जी की जगह उन्होंने मेडल (नरेश) टिकैत को दे दिया।यह उनका स्टैंड है। मैं क्या कर सकता हूं?

बता दें कि प्रदर्शन कर रहे पहलवान जैसे अपने विश्व और ओलंपिक पदक गंगा नदी में बहाने को तैयार हुए वैसे ही ‘हर की पौड़ी' पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई। साक्षी, विनेश और उनकी चचेरी बहन संगीता सुबकती दिखायी दीं और उनके पति उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे। उनके समर्थकों ने उनके चारों ओर घेरा बनाया हुआ था। पहलवान ‘हर की पौड़ी' पहुंचकर करीब 20 मिनट तक चुपचाप खड़े रहे। फिर वे गंगा नदी के किनारे अपने पदक हाथ में लेकर बैठ गये। इस बीच खाप और राजनेताओं के अनुरोध के बाद करीब पौने दो घंटे यहां बिताने के बाद पहलवान वापिस लौट आये। किसान नेता शाम सिंह मलिक और नरेश टिकैत ने मामले को सुलझाने के लिये पहलवानों से पांच दिन का समय मांगा है।

बता दें कि शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।

अब अमेरिका से राहुल ने छोड़े बयानों के “बाण”, पीएम मोदी को लेकर कही ऐसी बात, फिर आने वाला है सियासी उबाल

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कांग्रेस के पूर्व चीफ राहुल गांधी ने विदेशी धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में मंगलवार को प्रवासी भारतीयों के सामने उन्होंने तंज कसा कि मोदी को लगता है कि वह सब कुछ जानते हैं। वह भगवान को भी ज्ञान दे सकते हैं।बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को अमेरिका के दौरे पर पहुंचे। राहुल ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात कर उन्हें संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए देश की राजनीति के बारे में बात की और भारतीय जनता पार्टी समेत आरएसएस पर कड़ा प्रहार किया।

पीएम मोदी भगवान को भी समझा सकते हैं-राहुल

सैन फ्रांसिस्को में राहुल गांधी ने भाजपा और भारत के प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत में कुछ लोगों को लगता है कि वे सब कुछ जानते हैं।कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी को लगता है कि उन्हें सब कुछ पता है। वो साइंटिस्ट को साइंस समझा सकते हैं। वो भगवान को भी समझा सकते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि भगवान से ज्यादा उन्हें पता है। भारत में अलग भाषा, अलग धर्म के लोग एक साथ रहा करते थे, ये सोच गलत है कि एक इंसान को सब कुछ पता है, ये एक बीमारी है। हमारे देश में कुछ समूह हैं, जिन्हें लगता है, उन्हें सब पता है, शायद भगवान से भी ज्यादा पता है।

भगवान को समझाने लगेंगे कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है-राहुल 

राहुल ने आगे कहा- वह भगवान के साथ बैठ सकते हैं और उन्हें भी समझा सकते हैं कि क्या कुछ चल रहा है। हमारे प्रधानमंत्री भी ऐसे लोगों में से हैं। मुझे लगता है कि अगर उन्हें भगवान के बगल में बिठा देंगे तो वह उन्हें भी समझाने लगेंगे कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है। भगवान भी भ्रमित रह जाएंगे कि मैंने यह क्या बना दिया? यह मजेदार चीजें हैं, पर ऐसा ही हो रहा है।

केंद्रीय एजेंसियों के गलत उपयोग का आरोप

वहीं, रांग्रेस नेता ने एक बार फिर केंद्रीय एजेंसियों के गलत उपयोग का सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार केंद्रीय एजेंसियों का सहारा लेकर विपक्ष को निशाना बना रही है। हर कोई उनके खिलाफ बोलना चाहता है तो उनपर कार्रवाई कर दी जाती है। केद्रीय एजेंसियों का दुर्व्यवहार किया जा रहा है। लोगों को डराया धमकाया जा रहा है। इसकी वजह से राजनीति में कठिनाई आ रही है।

पूरा भारत कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा था-राहुल

राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के अनुभव को लोगों के साथ शेयर करते हुए कहा, मैंने जब ये यात्रा शुरू थी तो 5-6 दिन बाद महसूस हुआ कि ये यात्रा आसान नहीं होगी। हजारों किलोमीटर की यात्रा को पैदल तय करना बेहद मुश्किल दिख रहा था, लेकिन मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था। उन्होंने बताया, मैं, कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक रोजाना 25 किलोमीटर की यात्रा तय कर रहे थे। तीन हफ्ते बाद मुझे लगा कि मैं अब थक नहीं रहा हूं। मैंने लोगों से भी पूछना छुरू किया कि क्या वो थकान महसूस कर रहे हैं? लेकिन किसी ने इसका जवाब हां में नहीं दिया। उन्होंने कहा, उस यात्रा में केवल कांग्रेस नहीं चल रही थी बल्कि पूरा भारत कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा था।

सैन फ्रांसिस्को में राहुल की मोहब्बत की दुकान

गांधी पोडियम पर जब अपनी बात रख रहे थे, तब कुछ लोग नारेबाजी करने लगे थे। राहुल ने इसके बाद जवाब में मुस्कुरा कर कहा कि वह नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने आए हैं। सैन फ्रांसिस्को में मोहब्बत की दुकान कार्यक्रम में भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने भारत जोड़ो यात्रा के जरिए नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली है।

गंगा में मेडल बहाने हर की पौड़ी पहुंचे पहलवान, गंगा सभा ने कहा- नहीं देंगे परमीशन

#wrestlers_in_haridwar_for_immerse_medals

भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का एलान किया है। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने हरिद्वार पहुंचे।गंगा में मेडल प्रवाहित करने से पहले हरि की पौड़ी पर पहलवान बैठकर कर खूब रोए। हर की पौड़ी पहुंची महिला पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की आंखें आंसू से भरी थी. ये दोनों ही मां गंगा के किनारे सिर पकड़कर बैठकर रोती नजर आई।

श्री गंगा सभा पहलवानों के गंगा में मेडल प्रवाहित करने का विरोध किया है। गंगा सभा के अध्यक्ष नीतिक गौतम ने खिलाड़ियों के मेडल गंगा में विसर्जन करने का विरोध किया है। उन्होंने कि गंगा को राजनीति का अखाड़ा न बनाएं।मेडल खेल की अस्थियां नहीं हैं, खेल अजर अमर है। पूजा करें तो स्वागत है। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे, मेडल प्रवाहित करने से रोकेंगे।

बता दें कि सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए पहलवान उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे।एक महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे ये पहलवान 28 मई के दिन संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने के लिए जा रहे थे। तभी दिल्ली पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग तोड़ने के आरोप में हिरासत में ले लिया। इस दौरान पहलवानों को बल पूर्वक हिरासत में लेने की कई तस्वीरें भी सामने आईं। पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस ने उनके टेंट भी हटा दिए, जिसमें महीने भर से वो रुके हुए थे। पहलवानों के खिलाफ कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।

इस घटना से आहत इस प्रदर्शन का चेहरा बन चुके बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने ट्वीट कर ये जानकारी दी कि उनके साथ हुए इस बर्ताव ने उन्हें झकझोर कर रख दिया है। पहलवानों ने बताया कि वो आज यानी मंगलवार को अपने ओलिंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीते गए मेडल्स को हरिद्वार जाकर गंगा नदी में बहा देंगे।

*खत्म हुई या थोड़ी टल गई है गहलोत-पायलट तकरार? दोनों नेताओं की चुप्पी कह रही भविष्य की कहानी*

#ashok_gehlot_and_sachin_pilot_meeting_with_kharge 

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद कांग्रेस के गले की फांस ना बन जाए, इसको लेकर पार्टी आलाकमान एक्शन में है। दोनों नेताओं के बीच विवाद सुलझाने के लिए दिल्ली में बैठक हुई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बंगले पर राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत और सचिन पायलट की 4 घंटे बैठक चली। बैछक के बाद खरगे के आवास के बाहर सोमवार देर रात गहलोत और पायलट बाहर आए, दोनों के साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता थे।इस दौरान केसी वेणुगोपाल ने मीडिया से बात की और कहा कि राजस्थान में कोई विवाद नहीं है। दोनों नेता मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, गहलोत और पायलट के हावभाव बता रहे थे कि पिक्चर अभी बाकी है।

सोमवार शाम को चार घंटे चली बैठक में पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ बंद कमरे में चर्चा की।बैठक के बाद बाहर आए दोनों नेताओं के चेहरे पर हल्की मुस्कान जरूर थी, लेकिन दोनों चुप थे। दोनों ने न कोई बयान दिया, न ही कोई इशारा किया। न ही दोनों ने एक-दूसरे की तरफ देखा। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या विवाद खत्म हो गया?

बता दें कि, 29 मई को करीब चार घंटे तक दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर गहलोत और पायलट विवाद को लेकर मंथन हुआ। इस बैठक में राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, अशोक गहलोत, सचिन पायलट और राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा मौजूद थे। अंदर क्या बात हुई कुछ सामने नहीं आया। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि राजस्थान में सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे और हम जीत हासिल करेंगे। इसके बाद सब चले गए। कांग्रेस ने दोनों नेताओं के नेतृत्व में ही राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ने का फैसला किया है, लेकिन मैराथन बैठक में पायलट मुद्दे के समाधान का क्या ठोस फॉर्मूला तय किया गया, यह बात अभी साफ नहीं हो सकी है।

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो, राहुल गांधी अमेरिका जाने से पहले दोनों के बीच सुलह चाहते थे। उन्होंने सचिन पायलट को आश्वासन दिया कि उनके सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा। वहीं, पायलट समर्थकों की मानें तो, पायलट को एक बार फिर साथ लाने और दोनों नेताओं के बीच सहमति बनाने की कोशिश जरूर की गई है। फिलहाल, पायलट ने सब कुछ कांग्रेस नेतृत्व पर छोड़ दिया है। अगले कुछ दिनों में फिर मीटिंग होने की संभावना है।

युगांडा में समलैंग‍िक संबंध बनाने पर मिलेगी सजा-ए-मौत, राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने दी कानून को मंजूरी

#anti_lgbtq_law_uganda

भारत में समलैंगिक शादी को लेकर चल रही बहस के बीच युगांडा में एक बड़ा फैसला हुआ है। युगांडा में समलैंग‍िक संबंधों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। अब युगांडा में समलैंगिक संबंध बनाने पर उम्र कैद से लेकर मौत की सजा तक मिल सकती है। 30 अफ्रीकी देशों की तरह युगांडा में पहले से ही समलैंगिक संबंधों पर प्रतिबंध लगे हुए हैं लेकिन इसके लिए इतने सख्त कानून नहीं थे। सोमवार को राष्ट्रपति योवेरी मुसेवनी द्वारा पारित कानून इसे दुनिया का सबसे सख्त कानून बनाता है।

युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी की ओर से समलैंगिकता से जुड़े बिल पर साइन करने के बाद एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए ये दुनिया का सबसे कठोर कानून बन गया है। नया कानून अब भी ‘गंभीर समलैंगिकता’ के लिए मौत की सजा का प्रावधान करता है। इसमें एचआईवी से संक्रमित लोगों के साथ-साथ नाबालिगों और समाज के दूसरे कमजोर वर्गों के लोगों के साथ यौन संबंध बनाना शामिल किया गया है। कानून के मुताबिक ‘समलैंगिक संबंध बनाने की कोशिश’ करने वाले एक संदिग्ध को 14 साल तक की कैद हो सकती है।

इससे पहले राष्ट्रपति मुसेवेनी ने अप्रैल में नेशनल असेंबली को बिल वापस भेज दिया था। जिसमें बदलाव करके एलजीबीटीक्यू के रूप में पहचान रखने वालों और वास्तव में समलैंगिकता में शामिल होने के बीच अंतर करने के लिए कहा गया था। लेकिन सांसदों ने इस बात को खारिज कर दिया। इसका मतलब है कि बार-बार अपराधियों को मौत की सजा दी जा सकती है। हालांकि कानून के खिलाफ युगांडा के हाईकोर्ट में एक कानूनी चुनौती यह तर्क देते हुए दायर की गई है कि कानून स्पष्ट रूप से असंवैधानिक है।

कानून पास होते ही दुनियाभर में इसकी आलोचनाएं शुरू हो चुकी हैं। वेर्स्टन देशों ने इस कानून की जमकर आलोचना की है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने सारी दुनिया के लिए एक दुखद बताया है। बाइडेन ने कहा, इस कानून को जितनी जल्दी हो सके रद्द कर देना चाहिए। बाइडेन ने ऐसा न करने पर पूर्वी अफ्रीकी देश में सहायता और निवेश में कटौती करने की धमकी दी।

26/11 हमले में शामिल आतंकी की पाकिस्तान जेल में मौत, हाफिज सईद का था खास*

#lashkar_e_taiba_terrorist_abdul_salam_bhuttavi_died_in_pak_jail 

लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर अब्दुल सलाम भुट्टावी की सोमवार की रात पाकिस्तान की जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उसने 2008 में 26/11 मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों को ट्रेनिंग दी थी। 2002 और 2008 में हाफिज सईद को हिरासत में लिए जाने पर भुट्टावी ने कार्यवाहक प्रमुख के तौर पर लश्कर-ए-तैयबा का संचालन किया था। उसकी मौत की घोषणा सोमवार की देर रात आतंकी समूह से जुड़े कई संगठनों ने की।

भुट्टावी को 2012 में यूनाइटेड नेशंस ने आतंकी घोषित किया था। इसके कई साल बाद उसे गिरफ्तार किया गया। अगस्त 2020 में लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की के साथ एक आतंक वित्तपोषण मामले में दोषी ठहराया गया था। उसे 16 साल की सजा सुनाई गई थी।

भुट्टावी के मरने की घोषणा कल सोमवार देर रात आतंकी समूह से जुड़े कई संगठनों ने की।आतंकी भुट्टावी की मौत के बारे में दी गई जानकारी में कहा गया कि अब्दुल सलाम की कल सोमवार दोपहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शेखपुरा जेल में हर्ट अटैक पड़ने की वजह से मौत हो गई। लश्कर से जुड़े एक संगठन ने 78 साल के आतंकी भुट्टावी के अंतिम संस्कार को दिखाने वाला एक वीडियो भी जारी किया। भुट्टावी का अंतिम संस्कार की प्रक्रिया आज मंगलवार सुबह लाहौर के पास मुरीदके में आतंकी समूह के ‘मरकज’ या केंद्र में आयोजित की गई।

26/11 हमले में शामिल आतंकी की पाकिस्तान जेल में मौत, हाफिज सईद का था खास

#lashkar_e_taiba_terrorist_abdul_salam_bhuttavi_died_in_pak_jail

लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर अब्दुल सलाम भुट्टावी की सोमवार की रात पाकिस्तान की जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उसने 2008 में 26/11 मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों को ट्रेनिंग दी थी। 2002 और 2008 में हाफिज सईद को हिरासत में लिए जाने पर भुट्टावी ने कार्यवाहक प्रमुख के तौर पर लश्कर-ए-तैयबा का संचालन किया था। उसकी मौत की घोषणा सोमवार की देर रात आतंकी समूह से जुड़े कई संगठनों ने की।

भुट्टावी को 2012 में यूनाइटेड नेशंस ने आतंकी घोषित किया था। इसके कई साल बाद उसे गिरफ्तार किया गया। अगस्त 2020 में लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की के साथ एक आतंक वित्तपोषण मामले में दोषी ठहराया गया था। उसे 16 साल की सजा सुनाई गई थी।

भुट्टावी के मरने की घोषणा कल सोमवार देर रात आतंकी समूह से जुड़े कई संगठनों ने की।आतंकी भुट्टावी की मौत के बारे में दी गई जानकारी में कहा गया कि अब्दुल सलाम की कल सोमवार दोपहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शेखपुरा जेल में हर्ट अटैक पड़ने की वजह से मौत हो गई। लश्कर से जुड़े एक संगठन ने 78 साल के आतंकी भुट्टावी के अंतिम संस्कार को दिखाने वाला एक वीडियो भी जारी किया। भुट्टावी का अंतिम संस्कार की प्रक्रिया आज मंगलवार सुबह लाहौर के पास मुरीदके में आतंकी समूह के ‘मरकज’ या केंद्र में आयोजित की गई।

नहीं रहे 48 साल के महाराष्ट्र के इकलौते कांग्रेस सांसद धानोरकर, चार दिन पहले ही हुआ था पिता का निधन

 

महाराष्ट्र के इकलौते कांग्रेस सांसद बालू धानोरकर का दिल्ली में निधन हो गया। वह 48 साल के थे। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंधे ने बताया कि उनका पिछले तीन दिनों से दिल्ली के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। इससे पहले नागपुर में उनके किडनी की बीमारी का इलाज किया गया था।

 बालू उर्फ सुरेश धनोरकर चंद्रपुर से सांसद थे। कुछ दिन पहले ही उनके किडनी स्टोन का ऑपरेशन किया गया था। इसी के बाद उनकी हालत खराब होने लगी थी। जानकारी के मुताबिक नागपुर में हालत गंभीर होने पर उन्हें रविवार को एयर एंबुलेंस से दिल्ली के मेंदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। दो दिन से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। वे वेंटीलेटर पर थे। मंगलवार तड़के उनका निधन हो गया। वहीं चार दिन पहले उनके पिता भी दिवंगत हो गए थे। अस्पताल में भर्ती होने के कारण वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं जा पाए थे। उनकी पत्नी प्रतिभा धनोरकर वरोरा विधानसभा से विधायक हैं।

 जानकारी के मुताबिक धानोरकर का पार्थिव शरीर दिल्ली से नागपुर होते हुए अपराह्न 01: 30 बजे वरोरा उनके आवास ले जाया जाएगा। अपराह्न 02 बजे से 31 मई की सुबह 10 बजे तक उनके निवास पर अंतिम दर्शन किए जाएंगे फिर पूर्वाह्न 11 : 00 बजे वाणी - वरोरा बाई पास मार्ग स्थित मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

*देश के लिए जीते मेडल गंगा में बहाएंगे पहलवान, आमरण अनशन का ऐलान*

#wrestlerswillthrowolympicmedalsinthe_ganges

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का ऐलान किया है।यौन उत्‍पीड़न के आरोपों को लेकर भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवान आज शाम उत्‍तराखंड के हरिद्वार जाएंगे। यहां पहलवान गंगा में प्रवाहित करेंगे। पहलवान बजरंग पूनिया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

राजधानी दिल्ली में देश के नामचीन पहलवान एक महीने से जंतर मंतर पर धरने पर थे।लेकिन नए संसद भवन के उद्घाटन वाले दिन 28 मई को उन्हें वहां से हटा दिया गया। अब पहलवानों ने आमरन अनशन का ऐलान कर दिया है। पहलवानों ने सोशल मीडिया पर जारी पत्र में कहा है कि मेडल हमारी जान है आत्‍मा हैं, इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा, इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। रेसलर विनेश फोगाट ने इस बारे में सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखा है।

जारी पत्र में कहा गया है कि ‘इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्‍योंकि वह गंगा मां ही है… जितना पवित्र हम गंगा मां को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया। ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है।

पत्र में उन्होंने लिखा, हमारे साथ 28 मई को जो हुआ वो आप सबने देखा। पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया। हमें कितनी बर्बरता से गिरफ़्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई। क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है।  

इस देश में हमारा कुछ बचा ही नहीं

पत्र में आगे लिखा है हम महिला पहलवान ऐसा महसूस कर रही हैं जैसे इस देश में हमारा कुछ बचा ही नहीं है। फोगाट ने लिखा, हमें वो पल याद आ रहे हैं, जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे। अब लग रहा है कि ये मेडल क्यों जीते थे। क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करे। हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे। कल पूरा दिन हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपती फिरी हैं। तंत्र को पकड़ना उत्पीड़क को चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं को उनका धरना खत्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में लगा हुआ है। अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है। इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना। 

मेडल ना लौटाने की बताई वजह

पत्र में पहलवानों ने इस मेडल को राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को न सौंपकर गंगा में ही बहाने की वजह भी बताई है। इसमें लिखा, हमारे सामने सवाल आया कि मेडल किसे लौटाएंगे। हमारी राष्ट्रपति को जो खुद एक महिला हैं। मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमें सिर्फ 2 किलोमीटर दूर बैठी सिर्फ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी नहीं बोलीं। पीएम मोदी को मेडल न लौटाने की वजह बताते हुए लिखा गया कि प्रधानमंत्री हमें अपने घर की बेटियां बताते थे। उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध नहीं ली। बल्कि नई संसद के उद्घाटन में हमारा शोषण करने वाले (बृजभूषण शरण सिंह) को ही बुलाया। वह तेज सफेदी वाले चमकदार कपड़ों में फोटो खिंचवा रहा था। उसकी सफेदी हमें चुभ रही थी। मानो कह रही हो मैं ही तंत्र हूं।

“पवित्र मेडल को रखने की सही जगह मां गंगा”

उन्होंने आगे लिखा, ये मेडल हमें नहीं चाहिए। हम इन मेडल को गंगा में बहाने जा रहे हैं। क्योंकि वह गंगा मां हैं। जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था। ये मेडल सारे देश के लिए पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह मां गंगा ही हो सकती है।