गंगा में मेडल बहाने हर की पौड़ी पहुंचे पहलवान, गंगा सभा ने कहा- नहीं देंगे परमीशन

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भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का एलान किया है। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने हरिद्वार पहुंचे।गंगा में मेडल प्रवाहित करने से पहले हरि की पौड़ी पर पहलवान बैठकर कर खूब रोए। हर की पौड़ी पहुंची महिला पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की आंखें आंसू से भरी थी. ये दोनों ही मां गंगा के किनारे सिर पकड़कर बैठकर रोती नजर आई।

श्री गंगा सभा पहलवानों के गंगा में मेडल प्रवाहित करने का विरोध किया है। गंगा सभा के अध्यक्ष नीतिक गौतम ने खिलाड़ियों के मेडल गंगा में विसर्जन करने का विरोध किया है। उन्होंने कि गंगा को राजनीति का अखाड़ा न बनाएं।मेडल खेल की अस्थियां नहीं हैं, खेल अजर अमर है। पूजा करें तो स्वागत है। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे, मेडल प्रवाहित करने से रोकेंगे।

बता दें कि सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए पहलवान उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे।एक महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे ये पहलवान 28 मई के दिन संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने के लिए जा रहे थे। तभी दिल्ली पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग तोड़ने के आरोप में हिरासत में ले लिया। इस दौरान पहलवानों को बल पूर्वक हिरासत में लेने की कई तस्वीरें भी सामने आईं। पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस ने उनके टेंट भी हटा दिए, जिसमें महीने भर से वो रुके हुए थे। पहलवानों के खिलाफ कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।

इस घटना से आहत इस प्रदर्शन का चेहरा बन चुके बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने ट्वीट कर ये जानकारी दी कि उनके साथ हुए इस बर्ताव ने उन्हें झकझोर कर रख दिया है। पहलवानों ने बताया कि वो आज यानी मंगलवार को अपने ओलिंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीते गए मेडल्स को हरिद्वार जाकर गंगा नदी में बहा देंगे।

*खत्म हुई या थोड़ी टल गई है गहलोत-पायलट तकरार? दोनों नेताओं की चुप्पी कह रही भविष्य की कहानी*

#ashok_gehlot_and_sachin_pilot_meeting_with_kharge 

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद कांग्रेस के गले की फांस ना बन जाए, इसको लेकर पार्टी आलाकमान एक्शन में है। दोनों नेताओं के बीच विवाद सुलझाने के लिए दिल्ली में बैठक हुई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बंगले पर राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत और सचिन पायलट की 4 घंटे बैठक चली। बैछक के बाद खरगे के आवास के बाहर सोमवार देर रात गहलोत और पायलट बाहर आए, दोनों के साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता थे।इस दौरान केसी वेणुगोपाल ने मीडिया से बात की और कहा कि राजस्थान में कोई विवाद नहीं है। दोनों नेता मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, गहलोत और पायलट के हावभाव बता रहे थे कि पिक्चर अभी बाकी है।

सोमवार शाम को चार घंटे चली बैठक में पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ बंद कमरे में चर्चा की।बैठक के बाद बाहर आए दोनों नेताओं के चेहरे पर हल्की मुस्कान जरूर थी, लेकिन दोनों चुप थे। दोनों ने न कोई बयान दिया, न ही कोई इशारा किया। न ही दोनों ने एक-दूसरे की तरफ देखा। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या विवाद खत्म हो गया?

बता दें कि, 29 मई को करीब चार घंटे तक दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर गहलोत और पायलट विवाद को लेकर मंथन हुआ। इस बैठक में राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, अशोक गहलोत, सचिन पायलट और राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा मौजूद थे। अंदर क्या बात हुई कुछ सामने नहीं आया। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि राजस्थान में सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे और हम जीत हासिल करेंगे। इसके बाद सब चले गए। कांग्रेस ने दोनों नेताओं के नेतृत्व में ही राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ने का फैसला किया है, लेकिन मैराथन बैठक में पायलट मुद्दे के समाधान का क्या ठोस फॉर्मूला तय किया गया, यह बात अभी साफ नहीं हो सकी है।

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो, राहुल गांधी अमेरिका जाने से पहले दोनों के बीच सुलह चाहते थे। उन्होंने सचिन पायलट को आश्वासन दिया कि उनके सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा। वहीं, पायलट समर्थकों की मानें तो, पायलट को एक बार फिर साथ लाने और दोनों नेताओं के बीच सहमति बनाने की कोशिश जरूर की गई है। फिलहाल, पायलट ने सब कुछ कांग्रेस नेतृत्व पर छोड़ दिया है। अगले कुछ दिनों में फिर मीटिंग होने की संभावना है।

युगांडा में समलैंग‍िक संबंध बनाने पर मिलेगी सजा-ए-मौत, राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने दी कानून को मंजूरी

#anti_lgbtq_law_uganda

भारत में समलैंगिक शादी को लेकर चल रही बहस के बीच युगांडा में एक बड़ा फैसला हुआ है। युगांडा में समलैंग‍िक संबंधों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। अब युगांडा में समलैंगिक संबंध बनाने पर उम्र कैद से लेकर मौत की सजा तक मिल सकती है। 30 अफ्रीकी देशों की तरह युगांडा में पहले से ही समलैंगिक संबंधों पर प्रतिबंध लगे हुए हैं लेकिन इसके लिए इतने सख्त कानून नहीं थे। सोमवार को राष्ट्रपति योवेरी मुसेवनी द्वारा पारित कानून इसे दुनिया का सबसे सख्त कानून बनाता है।

युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी की ओर से समलैंगिकता से जुड़े बिल पर साइन करने के बाद एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए ये दुनिया का सबसे कठोर कानून बन गया है। नया कानून अब भी ‘गंभीर समलैंगिकता’ के लिए मौत की सजा का प्रावधान करता है। इसमें एचआईवी से संक्रमित लोगों के साथ-साथ नाबालिगों और समाज के दूसरे कमजोर वर्गों के लोगों के साथ यौन संबंध बनाना शामिल किया गया है। कानून के मुताबिक ‘समलैंगिक संबंध बनाने की कोशिश’ करने वाले एक संदिग्ध को 14 साल तक की कैद हो सकती है।

इससे पहले राष्ट्रपति मुसेवेनी ने अप्रैल में नेशनल असेंबली को बिल वापस भेज दिया था। जिसमें बदलाव करके एलजीबीटीक्यू के रूप में पहचान रखने वालों और वास्तव में समलैंगिकता में शामिल होने के बीच अंतर करने के लिए कहा गया था। लेकिन सांसदों ने इस बात को खारिज कर दिया। इसका मतलब है कि बार-बार अपराधियों को मौत की सजा दी जा सकती है। हालांकि कानून के खिलाफ युगांडा के हाईकोर्ट में एक कानूनी चुनौती यह तर्क देते हुए दायर की गई है कि कानून स्पष्ट रूप से असंवैधानिक है।

कानून पास होते ही दुनियाभर में इसकी आलोचनाएं शुरू हो चुकी हैं। वेर्स्टन देशों ने इस कानून की जमकर आलोचना की है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने सारी दुनिया के लिए एक दुखद बताया है। बाइडेन ने कहा, इस कानून को जितनी जल्दी हो सके रद्द कर देना चाहिए। बाइडेन ने ऐसा न करने पर पूर्वी अफ्रीकी देश में सहायता और निवेश में कटौती करने की धमकी दी।

26/11 हमले में शामिल आतंकी की पाकिस्तान जेल में मौत, हाफिज सईद का था खास*

#lashkar_e_taiba_terrorist_abdul_salam_bhuttavi_died_in_pak_jail 

लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर अब्दुल सलाम भुट्टावी की सोमवार की रात पाकिस्तान की जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उसने 2008 में 26/11 मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों को ट्रेनिंग दी थी। 2002 और 2008 में हाफिज सईद को हिरासत में लिए जाने पर भुट्टावी ने कार्यवाहक प्रमुख के तौर पर लश्कर-ए-तैयबा का संचालन किया था। उसकी मौत की घोषणा सोमवार की देर रात आतंकी समूह से जुड़े कई संगठनों ने की।

भुट्टावी को 2012 में यूनाइटेड नेशंस ने आतंकी घोषित किया था। इसके कई साल बाद उसे गिरफ्तार किया गया। अगस्त 2020 में लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की के साथ एक आतंक वित्तपोषण मामले में दोषी ठहराया गया था। उसे 16 साल की सजा सुनाई गई थी।

भुट्टावी के मरने की घोषणा कल सोमवार देर रात आतंकी समूह से जुड़े कई संगठनों ने की।आतंकी भुट्टावी की मौत के बारे में दी गई जानकारी में कहा गया कि अब्दुल सलाम की कल सोमवार दोपहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शेखपुरा जेल में हर्ट अटैक पड़ने की वजह से मौत हो गई। लश्कर से जुड़े एक संगठन ने 78 साल के आतंकी भुट्टावी के अंतिम संस्कार को दिखाने वाला एक वीडियो भी जारी किया। भुट्टावी का अंतिम संस्कार की प्रक्रिया आज मंगलवार सुबह लाहौर के पास मुरीदके में आतंकी समूह के ‘मरकज’ या केंद्र में आयोजित की गई।

26/11 हमले में शामिल आतंकी की पाकिस्तान जेल में मौत, हाफिज सईद का था खास

#lashkar_e_taiba_terrorist_abdul_salam_bhuttavi_died_in_pak_jail

लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर अब्दुल सलाम भुट्टावी की सोमवार की रात पाकिस्तान की जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। उसने 2008 में 26/11 मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों को ट्रेनिंग दी थी। 2002 और 2008 में हाफिज सईद को हिरासत में लिए जाने पर भुट्टावी ने कार्यवाहक प्रमुख के तौर पर लश्कर-ए-तैयबा का संचालन किया था। उसकी मौत की घोषणा सोमवार की देर रात आतंकी समूह से जुड़े कई संगठनों ने की।

भुट्टावी को 2012 में यूनाइटेड नेशंस ने आतंकी घोषित किया था। इसके कई साल बाद उसे गिरफ्तार किया गया। अगस्त 2020 में लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की के साथ एक आतंक वित्तपोषण मामले में दोषी ठहराया गया था। उसे 16 साल की सजा सुनाई गई थी।

भुट्टावी के मरने की घोषणा कल सोमवार देर रात आतंकी समूह से जुड़े कई संगठनों ने की।आतंकी भुट्टावी की मौत के बारे में दी गई जानकारी में कहा गया कि अब्दुल सलाम की कल सोमवार दोपहर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शेखपुरा जेल में हर्ट अटैक पड़ने की वजह से मौत हो गई। लश्कर से जुड़े एक संगठन ने 78 साल के आतंकी भुट्टावी के अंतिम संस्कार को दिखाने वाला एक वीडियो भी जारी किया। भुट्टावी का अंतिम संस्कार की प्रक्रिया आज मंगलवार सुबह लाहौर के पास मुरीदके में आतंकी समूह के ‘मरकज’ या केंद्र में आयोजित की गई।

नहीं रहे 48 साल के महाराष्ट्र के इकलौते कांग्रेस सांसद धानोरकर, चार दिन पहले ही हुआ था पिता का निधन

 

महाराष्ट्र के इकलौते कांग्रेस सांसद बालू धानोरकर का दिल्ली में निधन हो गया। वह 48 साल के थे। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंधे ने बताया कि उनका पिछले तीन दिनों से दिल्ली के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। इससे पहले नागपुर में उनके किडनी की बीमारी का इलाज किया गया था।

 बालू उर्फ सुरेश धनोरकर चंद्रपुर से सांसद थे। कुछ दिन पहले ही उनके किडनी स्टोन का ऑपरेशन किया गया था। इसी के बाद उनकी हालत खराब होने लगी थी। जानकारी के मुताबिक नागपुर में हालत गंभीर होने पर उन्हें रविवार को एयर एंबुलेंस से दिल्ली के मेंदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। दो दिन से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। वे वेंटीलेटर पर थे। मंगलवार तड़के उनका निधन हो गया। वहीं चार दिन पहले उनके पिता भी दिवंगत हो गए थे। अस्पताल में भर्ती होने के कारण वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं जा पाए थे। उनकी पत्नी प्रतिभा धनोरकर वरोरा विधानसभा से विधायक हैं।

 जानकारी के मुताबिक धानोरकर का पार्थिव शरीर दिल्ली से नागपुर होते हुए अपराह्न 01: 30 बजे वरोरा उनके आवास ले जाया जाएगा। अपराह्न 02 बजे से 31 मई की सुबह 10 बजे तक उनके निवास पर अंतिम दर्शन किए जाएंगे फिर पूर्वाह्न 11 : 00 बजे वाणी - वरोरा बाई पास मार्ग स्थित मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

*देश के लिए जीते मेडल गंगा में बहाएंगे पहलवान, आमरण अनशन का ऐलान*

#wrestlerswillthrowolympicmedalsinthe_ganges

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का ऐलान किया है।यौन उत्‍पीड़न के आरोपों को लेकर भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवान आज शाम उत्‍तराखंड के हरिद्वार जाएंगे। यहां पहलवान गंगा में प्रवाहित करेंगे। पहलवान बजरंग पूनिया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

राजधानी दिल्ली में देश के नामचीन पहलवान एक महीने से जंतर मंतर पर धरने पर थे।लेकिन नए संसद भवन के उद्घाटन वाले दिन 28 मई को उन्हें वहां से हटा दिया गया। अब पहलवानों ने आमरन अनशन का ऐलान कर दिया है। पहलवानों ने सोशल मीडिया पर जारी पत्र में कहा है कि मेडल हमारी जान है आत्‍मा हैं, इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा, इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। रेसलर विनेश फोगाट ने इस बारे में सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखा है।

जारी पत्र में कहा गया है कि ‘इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्‍योंकि वह गंगा मां ही है… जितना पवित्र हम गंगा मां को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया। ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है।

पत्र में उन्होंने लिखा, हमारे साथ 28 मई को जो हुआ वो आप सबने देखा। पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया। हमें कितनी बर्बरता से गिरफ़्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई। क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध कर दिया है।  

इस देश में हमारा कुछ बचा ही नहीं

पत्र में आगे लिखा है हम महिला पहलवान ऐसा महसूस कर रही हैं जैसे इस देश में हमारा कुछ बचा ही नहीं है। फोगाट ने लिखा, हमें वो पल याद आ रहे हैं, जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे। अब लग रहा है कि ये मेडल क्यों जीते थे। क्या इसलिए जीते थे कि तंत्र हमारे साथ ऐसा घटिया व्यवहार करे। हमें घसीटे और फिर हमें ही अपराधी बना दे। कल पूरा दिन हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपती फिरी हैं। तंत्र को पकड़ना उत्पीड़क को चाहिए था, लेकिन वह पीड़ित महिलाओं को उनका धरना खत्म करवाने, उन्हें तोड़ने और डराने में लगा हुआ है। अब लग रहा है कि हमारे गले में सजे इन मेडलों का कोई मतलब नहीं रह गया है। इनको लौटाने की सोचने भर से हमें मौत लग रही थी, लेकिन अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता करके भी क्या जीना। 

मेडल ना लौटाने की बताई वजह

पत्र में पहलवानों ने इस मेडल को राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को न सौंपकर गंगा में ही बहाने की वजह भी बताई है। इसमें लिखा, हमारे सामने सवाल आया कि मेडल किसे लौटाएंगे। हमारी राष्ट्रपति को जो खुद एक महिला हैं। मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमें सिर्फ 2 किलोमीटर दूर बैठी सिर्फ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी नहीं बोलीं। पीएम मोदी को मेडल न लौटाने की वजह बताते हुए लिखा गया कि प्रधानमंत्री हमें अपने घर की बेटियां बताते थे। उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध नहीं ली। बल्कि नई संसद के उद्घाटन में हमारा शोषण करने वाले (बृजभूषण शरण सिंह) को ही बुलाया। वह तेज सफेदी वाले चमकदार कपड़ों में फोटो खिंचवा रहा था। उसकी सफेदी हमें चुभ रही थी। मानो कह रही हो मैं ही तंत्र हूं।

“पवित्र मेडल को रखने की सही जगह मां गंगा”

उन्होंने आगे लिखा, ये मेडल हमें नहीं चाहिए। हम इन मेडल को गंगा में बहाने जा रहे हैं। क्योंकि वह गंगा मां हैं। जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था। ये मेडल सारे देश के लिए पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह मां गंगा ही हो सकती है।

*सरकार के नौ साल पूरे करने पर बोले पीएम मोदी-'सेवा के 9 साल'*

#pmmodionndagovernments9years 

पीएम मोदी के कार्यकाल को 9 साल पूरे हो रहे हैं। मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने इसे 'सेवा के 9 साल' बताते हुए कहा कि इस दौरान उनकी सरकार के द्वारा लिया गया हर फैसला लोगों का जिंदगी बेहतर बनाने के लिए था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपनी सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर ट्वीट किया।पीएम ने कहा, "आज, जब हम देश की सेवा के नौ साल पूरे कर रहे हैं, मैं कृतज्ञता और विनम्रता से अभिभूत हूं। जो भी फैसले लिए गए, जो भी काम किए गए, यह सभी लोगों के जीवन को बेहतर करने के उद्देश्य से थे। हम आगे भी एक विकसित भारत बनाने के लिए काम करते रहेंगे।"

केंद्रीय मंत्री बताएंगे सरकार की उपलब्धियां

केंद्र में सरकार के 9 साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी ने देश भर में महीने भर का महासंपर्क अभियान शुरू किया है। इस अभियान के जरिए मोदी सरकार के 9 साल के काम को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक और संगठन पदाधिकारियों को दी गई है। केंद्रीय मंत्रियों सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लोकसभाओं का क्लस्टर बनाकर जिम्मेदारी सौंपी गई है। 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इस सफर में मोदी सरकार की क्या उपलब्धियां रही हैं, इसको बताने की जिम्मेदारी अब केंद्रीय मंत्रियों के हाथ में दी गई है। जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है, वहां के मुख्यमंत्री भी इस दौरान साथ रहेंगे। इसके साथ ही बीजेपी कार्यकर्ता भी सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच लेकर जाएंगे।

एक महीने में 51 बड़ी जनसभाएं करने की योजना

31 मई से 30 जून तक चलने वाले इस विशेष अभियान में पार्टी ने देश के अलग अलग हिस्सों में लगभग 51 बड़ी जनसभाएं करने की योजना तैयार की है। जिसमें पीएम मोदी करीब 8 सभाओं को संबोधित करेंगे। उनके आलावा अमित शाह, जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ, स्मृति ईरानी, हिमंत बिस्वा सरमा के साथ अन्य नेता भी रैलियों को करेंगे संबोधित। बीजेपी की सोशल मीडिया टीम ने भी आक्रामक प्रचार की योजना तैयार की है।

खुशखबरी, खत्म हुआ इंतजार, जुलाई के दूसरे सप्ताह में इसरो ने चंद्रयान : 03 को लॉन्च करने का किया ऐलान

 

 भारत अब चांद पर जाने को तैयार है। चंद्रयान : 03 को चांद पर भेजने की तैयारी चल रही है। इसरो जुलाई महीने में इसे लांच करेगा। हालांकि इसरो ने अभी तक चंद्रयान : 03 को लॉन्च करने की कोई विशेष तारीख नहीं बताई है। लेकिन संगठन ने साफ कर दिया है कि जुलाई महीने में इसे लांच किया जाएगा।

इसरो के जानकार के मुताबिक अगर सब कुछ ठीक तरीके से चलता रहा तो जुलाई के दूसरे सप्ताह में चंद्रयान : 03 को लॉन्च किया जा सकता है। इसरो के वरिष्ठ अधिकारियों ने कुछ दिन पहले बताया था कि इसके लॉन्च करने से पहले बीते मार्च माह में ही जरूरी परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने के दौरान कठोर कंपन और ध्वनिक वातावरण को संतुलित करने वाली क्षमता की पुष्टि कर दी गई थी। यह परीक्षण विशेष रूप से काफी महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण माने जाते हैं।

 चंद्रयान : 03 को अंतरिक्ष यान में श्रीहरिकोटा से एलवीएम : 03 द्वारा लांच किया जाएगा।

 चंद्रयान : 02 का ही अगला प्रोजेक्ट चंद्रयान : 03 है जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और वहां पर परीक्षण करेगा।

 इसमें एक ऑर्बिटर , एक लैंडर और एक रोवर शामिल है।

 

बता दें कि कुछ दिन पहले इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान : 03 मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार है और इसको लेकर हम सभी विश्वास से ओतप्रोत हैं। उन्होंने कहा कि हम इस मिशन को लेकर उत्साहित हैं और हमें विश्वास है कि मिशन हर हाल में सफल होगा।

अमृतसर से वैष्णो देवी जा रही बस गहरी खाई में गिरी, 10 की मौत, दर्जनों घायल, बिहार के रहने वाले थे अधिकांश यात्री, मुंडन करने जा रहे थे

जम्मू कश्मीर में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां अमृतसर से वैष्णो देवी (कटरा) जा रही बस गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर है। जख्मी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका ईलाज जारी है। मृतकों की शिनाख्त की जा रही है। पोस्टमार्टम का कार्य भी प्रगति पर है।

 बस अमृतसर से कटरा जा रही थी। जैसे ही बस नेशनल हाइवे 44 पर झज्जर कोटली पहुंची , बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। बस में करीब 75 लोग सवार थे। इनमें से 10 की मौत हो गई। जबकि अधिकांश सवारी घायल हो गए। जख्मी लोगों को ईलाज के लिए जम्मू भेजा गया है।   

   

उधर सीआरपीएफ अधिकारी अशोक चौधरी ने बताया कि सुबह दुर्घटना की जानकारी मिलते ही टीम घटनास्थल पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। शवों को निकाले जाने के साथ घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस की टीम भी हमारे साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी है। राहत और बचाव कार्य जारी है।   

मिली जानकारी के अनुसार बस में बिहार के लोग सवार होकर वैष्णो देवी जा रहे थे। वहां दर्शन - पूजा के साथ मुंडन संस्कार किया जाना था।