दिल्ली में दिल दहला देने वाली वारदात, बीच सड़क 16 साल की लड़की को चाकुओं से गोदा, फिर पत्थर से कुचलकर मार डाला

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दिल्ली में दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है। देश की राजधानी दिल्‍ली की एक गली में हैवानियत का नंगा नाच चलता है।कई लोग उधर से गुजरे भी,लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई इस हैवानियत को रोकने की। मामला शाहबाद डेरी इलाके की है। जहां एक 16 साल की लड़की की लगातार कई बार चाकुओं से गोदा गया। इतना ही नहीं सिरफिरे युवक का इतने से भी उसका मन नहीं भरता है, तो एक पत्थर उठाता है और उससे लड़की को कुचलना शुरू कर देता है।इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। हत्या का आरोप साहिल नाम के लड़के पर लगा है। 

पुलिस के मुताबिक, साहिल और लड़की की दोस्ती थी, लेकिन बीते रविवार को उनका किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था।पुलिस ने बताया कि लड़की जब अपनी दोस्त नीतू के बेटे के बर्थडे पार्टी में जा रही थी, तभी साहिल ने लड़की को रास्ते में रोका और उस पर कई बार चाकू से हमला किया, फिर पत्थर से हमला किया। फिलहाल आरोपी साहिल फरार है। पुलिस टीम उसकी तलाश में दबिश दे रही है।

सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि आरोपी साहिल लड़की को चाकू से लगातार गोद रहा है। साहिल लगातार चाकू से हमला करता रहा। इसके बाद उसने कई बार पत्थर से मारा। इसके बाद मौके से भाग गया। घायल लड़की को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई

पुलिस के अनुसार, घटना दिल्ली के रोहिणी इलाके की है। पुलिस पड़ताल में नाबालिग लड़की की पहचान 16 साल की साक्षी के रूप में हुई। मृतका ई-36 जेजे कॉलोनी के रहने वाले जनकराज की पुत्री थी।

क्या समाज संवेदनहीनता की ओर जा रहा है?

हैरानी की बात तो यह है कि साहिल, लड़की पर चाकुओं से हमला करने के बाद पास में रखे पत्थर को उठाता और उससे लड़की को कुचलता है। यह दृश्य भी पास से गुजर रहे लोग देखते भी हैं, लेकिन सब के सब मौन होकर निकल जाते हैं। इस वायरल वीडियो के बाद दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। उससे बड़ा भी एक सवाल उठ रहा उन प्रत्यक्षदर्शियों पर जो इस तरह की दरिंदगी देखकर भी खामोश हैं। क्या समाज संवेदनहीनता की ओर जा रहा है?

स्वाति मालीवाल ने पुलिस को जारी किया नोटिस

डीसीडब्लू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस पूरी घटना का वीडियो ट्वीट किया है। स्वाति मालीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, "दिल्ली के शाहबाद डेरी में एक नाबालिग मासूम गुड़िया को चाकू गोद-गोदकर मारा गया और उसके बाद पत्थर से उसे कुचल दिया गया। दिल्ली में दरिंदों के हौसले बुलंद हैं। पुलिस को नोटिस जारी कर रहे हैं। सब हदें पार हो गई हैं। मैंने अपने इतने सालों के करियर में इससे ज़्यादा भयानक कुछ नहीं देखा।

पुतिन से मुलाकात के तुरंत बाद बेलारूस के राष्ट्रपति अस्पताल में भर्ती, जहर दिए जाने की आशंका

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बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की तबियत बिगड़ गई और उन्हें मॉस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के तुरंत बाद बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की तबीयत अचानक बिगड़ गई। आनन-फानन में उन्हें मॉस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। बेलारूसी राष्ट्रपति लुकाशेंको को पुतिन के करीबी नेताओं के रूप में जाना जाता था जो यूक्रेन पर उनके हमले का समर्थन कर रहे थे।

लुकाशेंको-पुतिन के बीच बंद कमरे में हुई बातचीत

बेलारूस में विपक्ष के नेता वालेरी सेपकालो ने बताया कि लुकाशेंकों को तबीयत खराब होने के बाद मॉस्को के सेंट्रल क्लीनिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि लुकाशेंको और पुतिन के बीच बंद कमरे में बातचीत हुई थी, जिसके बाद लुकाशेंको की तबीयत बिगड़ गई। वालेरी सेपकालो ने बताया कि रूस के शीर्ष डॉक्टर लुकाशेंको का इलाज कर रहे हैं लेकिन उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। वालेरी सेपकालो ने जानकारी दी कि लुकाशेंको के खून को साफ करने की प्रक्रिया चल रही है।

लुकाशेंको को दिया गया जहर?

वालेरी ने कहा कि लुकाशेंको को क्रेमलिन की ओर से जहर देने की आशंका है। उन्होंने दावा किया कि बेलारूसी तानाशाह को बचाने के प्रयास इसलिए किए जा रहे हैं ताकि किसी को 'शक' न हो। पिछले कुछ समय से लुकाशेंको के स्वास्थ्य को लेकर पिछले कुछ समय से अफवाहों का बाजार गर्म रहा है। इस महीने की शुरुआत में भी रूस के विजय दिवस परेड में शामिल होने के लिए मॉस्को पहुंचे हुए थे। जहां, पुतिन के साथ उनको लंच भी करना था लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से लुकाशेंको अचानक बेलारूस लौट गए थे। हालांकि, बाद में उन्होंने खुद ही बयान देते हुए अफवाहों को खारिज कर दिया था और कहा था कि मैं मरने वाला नहीं हूं दोस्तों। आपके अभी बहुत लंबे समय तक मेरे साथ संघर्ष करना होगा। एक बैठक के दौरान लुकाशेंको ने कहा कि था कि वो वह एक सामान्य कोल्ड वायरस एडेनोवायरस की चपेट में है।

स्पेस रिसर्च में भारत की एक और ऊंची उड़ान, नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-1 का प्रक्षेपण सफल

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अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने के मामले में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को एक नई उड़ान भरी। इसरो के वैज्ञानिकों ने ओडिशा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के जरिए एक नौवहन उपग्रह NVS-01 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। जानकारी के अनुसार, दो हजार किलो से ज्यादा वजनी स्पेसक्राफ्ट एनवीएस-01 भारत की नेविगेशनल और निगरानी करने की क्षमताओं को बढ़ा देगा। बताया जा रहा है कि इस स्पेसक्राफ्ट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया गया है।

इसे अंतरिक्ष में भेजने के लिए सैटेलाइट की उल्टी गिनती रविवार सुबह 7.12 बजे शुरू हो गई थी। वैज्ञानिकों ने इसके लिए कल ही काउंटडाउन शुरू की थी. 27.5 घंटे का काउंटडाउन सेट किया गया था. भारतीय जीएसएलवी रॉकेट की मदद से सैटेलाइट को 10.42 बजे लॉन्च किया गया।यह नेविगेशन सैटेलाइट सीरीजी का सेकेंड जेनरेशन रीजनल सैटेलाइट है।

इसरो का यह परीक्षण खास है

51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी अपनी 15वीं उड़ान में 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 नौवहन उपग्रह को लेकर रवाना हुआ। प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद यह रॉकेट लगभग 251 किमी की ऊंचाई पर भू-स्थिर स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में उपग्रह को स्थापित करेगा। एनवीएस-01 अपने साथ एल1, एल5 और एस बैंड उपकरण लेकर गया है। इसरो का यह परीक्षण खास है। अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि यह पहली बार है जब स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी का सोमवार के प्रक्षेपण में इस्तेमाल किया गया है।

भारत रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च करने वाला पहला देश

खास बात यह है कि भारत रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च करने वाला पहला देश है। स्पेस में ग्लोबल नेविगेशन सेटालाइट्स की संख्या चार है। मौजूद सैटेलाइट को तमिलनाडु स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया है। नेविगेशन सैटेलाइट रियल-टाइम जियोपॉजिश्निंग और टाइमिंग सर्विसेज मुहैया कराएगा। इस सैटेलाइट को स्पेस में ले जाने वाला रॉकेट जीएसएलवी का यह 15वां स्पेस ट्रिप है। नेविगेशन सैटेलाइट को एनवीएस-01 नाम दिया गया है। इसका वजन 2,232 किलोग्राम बताया जा रहा है।

देश की आंख बनकर सुरक्षा एजेंसियों को रास्ता दिखाएगी

एनवीएस-01 के जरिये भारत का नेविगेशन सिस्टम और मजबूत होगा। इसके साथ ही देश की सीमाओं पर निगरानी में मदद करेगी। इस सैटेलाइट के सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित होने से चीन और पाकिस्तान को मिर्च लगना तय है। दोनों ही देशों की ओर से भारतीय सीमाओं पर लगातार उकसावे वाली कार्रवाई की जाती रही है। कहा जा रहा है कि एनवीएस-01 के जरिये अब भारत समय रहते ही सीमाओं पर होने वाली पड़ोसी देशों की नापाक कारगुजारियों का जवाब देने के लिए तैयार हो सकेगा। किसी भी आपात स्थिति में भी इसरो की नाविक सैटेलाइट देश की आंख बनकर सुरक्षा एजेंसियों को रास्ता दिखाने का काम करेगी।

क्या होता है नेविगेशन सेटेलाइट?

स्वदेशी नेविगेशन सेटेलाइट (NAVIC) को इसरो ने विकसित किया और बनाया है। ये सात सैटेलाइट का एक समूह है, जो अंतरिक्ष में ग्राउंड स्टेशन की तरह काम करेंगे। ये नेटवर्क सामान्य लोगों से लेकर सैन्य बलों के लिए रणनीतिक तौर पर नेविगेशनल सेवाएं मुहैया कराएगा। इस सिस्टम को भारत में एविएशन सेक्टर में बढ़ रही मांगों को देखते हुए बेहतर नेविगेशन, समय और स्थिति निर्धारण में मदद करेगा।इस सैटेलाइट के जरिये भारत और आसपास का करीब 1500 किलोमीटर का क्षेत्र निगरानी क्षेत्र में आ जाएगा। इस सैटेलाइट के साथ ही इसरो ने पहली बार स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी को भी लॉन्च किया है।

पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, दंगे भड़काने की कोशिश का आरोप

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दिल्ली पुलिस ने रविवार को जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन के आयोजकों और उनके समर्थकों पर दंगा करने तथा सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर हिरासत में लिया।

जंतर मंतर पर उपद्रव करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने बजरंग पूनिया, साक्षी मालिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट समेत आयोजकों और जंतर मंतर से हिरासत में लिए गए सभी 109 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 186 (लोक सेवक के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला या आपराधिक बल का उपयोग) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 352 (गंभीर उकसावे के अलावा हमला या आपराधिक बल), 147 (दंगा) और 149 (गैरकानूनी जमावड़ा) भी प्राथमिकी में शामिल हैं।

बता दें कि, पहलवानों ने 28 मई को संसद भवन की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करने के दौरान संसद के पास महिला महापंचायत लगाने की घोषणा की थी। पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसी को लेकर पहलवानों ने जंतर मंतर से संसद भवन की ओर कूच किया। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। इसी दौरान पुलिस की उनसे झड़प हो गई। पुलिस ने जंतर मंतर से 109 महिला व पुरुष पहलवान समेत उनके समर्थकों को हिरासत में लिया। हिरासत में लेने के दौरान पहलवानों व उनके समर्थकों की पुलिसकर्मियों से जमकर हाथापाई व झड़प हुई। घटना में करीब दस पुलिसकर्मियों को चोटें आई, जिनमें चार महिला कर्मी शामिल हैं। 

दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर हुई घटना के मामले में रविवार देर शाम एफआईआर दर्ज की है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने पहलवानों साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के साथ ही प्रदर्शन के आयोजकों, और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा- 147, 149, 186, 188, 332, 353, PDPP अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, देर शाम पहले सभी महिला पहलवानों को छोड़ दिया गया, उसके बाद अन्य को भी छोड़ दिया गया। सभी को सख्त हिदायत दी गई कि वे दोबारा जंतर-मंतर पर धरना नहीं देंगे।

12 जून को होगा जुटान, पटना से शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में नीतीश कुमार

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बिहार की राजधानी पटना का राजनीतिक पारा जून के पहले पखवाड़े में चढ़ने वाला है।दरअसल, भाजपा विरोधी गैर कांग्रेसी खेमे के कई मुख्यमंत्रियों को यहां जुटान होना है।विपक्षी एकजुटता को लेकर नीतीश कुमार की पहल पर होने वाली बैठक की तारीख तय हो गयी है। यह बैठक 12 जून को पटना में होगी। देश भर से विपक्षी दलों के राजनीतिक दिग्गज पटना आएंगे और बीजेपी के खिलाफ हुंकार भरेंगे। 

नीतीश ने बैठक को लेकर नेताओं को कमर कसने को कहा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पटना में अपने पार्टी कार्यालय में जेडीयू पदाधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए विपक्षी एकता दल की बैठक की जानकारी दी। नीतीश कुमार ने बैठक को लेकर सभी नेताओं से कमर कसने की भी अपील की। पदाधिकारी ने कहा कि पूरी संभावना है कि बैठक पटना के ज्ञान भवन में होगी।

ममता बनर्जी ने पटना में बैठक का दिया था प्रस्ताव

विपक्षी एकजुटता की पहल के सिलसिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जब कोलकाता में पश्चि्म बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भेंट की थी। ममता बनर्जी ने ही यह परामर्श दिया था कि इस सिलसिले में एक बड़ी बैठक पटना में आयोजित की जानी चाहिए, उस बैठक में विपक्ष के सभी नेता जुटें और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नीति तय हो। इसके बाद ही सभी लोगों की सहूलियत के हिसाब से इसकी तारीख तय करने पर काम हो रहा था। दिल्ली में जब हाल ही में मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी से मुलाकात की थी। तब कांग्रेस को तारीख तय करने की जिम्मेवारी दी गयी थी।

ये बड़े नेता होंगे बैठक में शामिल

12 जून को होने वाली बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला, दिल्ली के मुख्यमंत्री आप नेता अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, राकांपा प्रमुख शरद पवार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेेन के मौजूद रहने की उम्मीद है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष की महाबैठक में रणनीति बनाई जा सकती है।

क्या खत्म होगा गहलोत-सचिन विवाद? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज दिल्ली में दोनों नेताओं से करेंगे मुलाकात

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राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जंग जारी है। इसका कांग्रेस को आने वाले चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच चल रही सियासी जंग को जल्द खत्म करने की पार्टी हाईकमान कोशिश कर रही है। इसी क्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पालयट से मुलाकात करेंगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये बैठक पायलट के उस ‘अल्टीमेटम’ के ठीक बाद प्रस्तावित हुई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इस महीने के अंत तक राज्य सरकार से उनकी तीन मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।पायलट की एक मांग है कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित घोटालों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

कहा जा रहा है कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान गहलोत और पायलट को एक मंच पर लाने के लिए अलग-अलग मुलाकात करेगा। रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को एक साथ लाने में सफल रहे और पार्टी अब इसी फॉर्मूले को राजस्थान में आजमाना चाहती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में राजस्थान के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, गोविंद सिंह डोटासरा, अशोक गहलोत, सचिन पायलट समेत डॉ. सीपी जोशी को बुलाया गया है। इसके अलावा, रघु शर्मा, हरीश चौधरी, भंवर जितेंद्र सिंह, रघुवीर मीणा, कुलदीप इंदौर भी बैठक में मौजूद रहेंगे।

दरअसल, पायलट ने अपनी मांगों को लेकर अजमेर से जयपुर तक एक जन संघर्ष यात्रा निकाली थी।इस यात्रा के दौरान वह अपनी ही सरकार को घेरते हुए दिखाई दिए थे। जब जन संघर्ष यात्रा खत्म हुई तो पायलट ने गहलोत सरकार के सामने अपनी तीन मांगे रखीं। पायलट ने प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि पहले की बीजेपी सरकार यानि वसुंधरा सरकार के अंदर जो भी भ्रष्टाचार हुए हैं, उस पर संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अपनी दूसरी मांग में पायलट ने पेपर लीक अभ्यथियों को मुआवजा देने की भी बात दोहराई थी। उन्होंने कहा था कि अगर उनकी ये मांगे नहीं मानी गईं तो वह प्रदेश भर में आंदोलन करेंगे।

*उज्जैन में आंधी तूफान में गिरीं महाकाल लोक की मूर्तियां, निर्माणकार्य पर उठे सवाल, श्रद्धालुओं के प्रवेश पर फिलहाल रोक*

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मध्यप्रदेश के उज्जैन में बिगड़े मौसम का असर महाकाल लोक पर भी पड़ा है। आंधी के कारण महाकाल लोक की कुछ मूर्तियां गिर गईं। घटना रविवार शाम 4 बजे की बताई जा रही है। जैसे ही घटना की जानकारी प्रशासनिक और पुलिस अमले को मिली, वैसे अधिकारी महाकाल लोक पहुंचे और आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद करवा दिया।बता दें कि आज दोपहर के बाद से ही उज्जैन में तेज बारिश का दौर शुरू हो गया था।जिसके बाद इस तरह के हालात पैदा हुए।

आज जिस समय आंधी और बारिश का दौर शुरू हुआ उस समय वहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक में मौजूद थे। रविवार होने से वैसे ही भक्तों की संख्या ज्यादा ही थी। जिस समय तेज आंधी आई, वहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। तूफान आने से वहां अफरा-तफरी मच गई। हादसे में कई श्रद्धालु बाल-बाल बचे। गनीमत यह रही कि इसकी वजह से जनहानि नहीं हुई है।इस घटना की जानकारी मिलने के बाद उज्जैन कलेक्टर महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी एडीएम अनुकूल जैन सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंचे इसके बाद सुधार कार्य शुरू करवाया गया।

6 से 7 मूर्तियां हुई क्षतिग्रस्त

रविवार दोपहर में तेज आंधी-तूफान के साथ उज्जैन में बारिश हुई है। महाकाल लोक के अंदर कई देवी-देवताओं की बड़ी-बड़ी मूर्तियां स्थापित हैं। आंधी-तूफान के कारण ये मूर्तियां टूटकर गिर गई हैं। साथ ही कई मूर्तियां क्षतिग्रस्त भी हुई हैं। तेज हवा के जोर से महाकाल लोक परिसर में मौजूद 6 से 7 मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गई। सप्तऋषि की कुछ मूर्तियां अपनी जगह से उखड़ कर नीचे आ गिरी, वही किसी मूर्ति का हाथ टूट गया, तो किसी का धड़ अलग हो गया। इसके बाद महाकाल प्रबंधन मूर्तियों को व्यवस्थित करने में जुट गया है। 

गुणवत्ताहीन कार्यों की पोल खुल

एक साल के अंदर ही तेज आंधी-तूफान में यहां महाकाल लोक में स्थापित बड़ी-बड़ी मूर्तियां टूटकर गिरने लगी हैं। इसके बाद निर्माण को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, पिछले साल 11 अक्टूबर को ही प्रधानमंत्री मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। लगभग 850 करोड़ की लागत से निर्मित हो रहे महाकाल लोक में किए गए गुणवत्ताहीन कार्यों की पोल खुल रही है। आंधी में महाकाल लोक में लगी मूर्तियां उड़ गई और बुरी तरीके से कई मूर्तियां क्षतिग्रस्त हुई। गौरतलब है कि घटिया काम को लेकर लोकायुक्त में जांच भी चल रही है। वहीं, मूर्तियां टूटने के बाद उन आरोपों को बल मिला है। अब देखना यह है कि शासन के स्तर पर क्या कार्रवाई होती है।

मणिपुर में हिंसा के बाद पुलिस और सेना की बड़ी कार्रवाई, अब तक 30 से ज्यादा आतंकवादी ढेर, सीएम एन बीरेन सिंह का दावा

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हिंसाग्रस्त मणिपुर में हालात सामान्य नहीं हो रहे हैं।एक बार फिर राज्य के अलग-अलग इलाकों में विद्रोहियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ की खबर है।राज्य पुलिस और सेना ने जातीय हिंसा से प्रभावित कई इलाकों में आठ घंटे से ज्यादा समय का ऑपरेशन चलाया। इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दावा किया है कि हिंसा के बाद से अब तक राज्य में 30 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया है। इस ऑपरेशन के बाद राज्य के सीएम एन बीरेन सिंह ने प्रेस वार्ता कर ये जानकारी दी।

सीएम एन बीरेन सिंह ने किया दावा

सीएम एन बीरेन सिंह ने सुरक्षा बलों और मणिपुर पुलिस की कार्रवाई के बारे में बताते हुए कहा कि जिन आतंकवादी समूहों के बारे में कार्रवाई की गई है वे नागरिक आबादी के खिलाफ उन्नत हथियारों से हमले कर रहे थे। रिपोर्ट्स में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हवाले से बताया गया है कि आतंकवादी समूह नागरिकों के खिलाफ एम -16 और एके -47 असॉल्ट राइफलों और स्नाइपर गन का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे कई गांवों में घरों को जलाने के लिए आए थे। जिसके जवाब में सेना और अन्य सुरक्षा बलों ने फायरिंग शुरू की। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकी निहत्थे नागरिकों के खिलाफ हमले करके राज्य को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे मुख्यमंत्री ने दावा किया कि ये झड़पें समुदायों के बीच नहीं बल्कि कुकी उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच है।

इन इलाकों में हिंसा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विद्रोहियों ने बीती रात दो बजे इंफाल घाटी और उसके आसपास के पांच इलाकों में एक साथ हमला किया। अधिकारियों ने बताया है कि ये झड़पें तब शुरू हुईं हैं, जब सेना ने शांति कायम करने के उद्देश्य से विभिन्न समुदायों को हथियारबंद करने के लिए अभियान शुरू किया। इस बीच, एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि पश्चिम इंफाल के उरीपोक में भाजपा विधायक ख्वाइरकपम रघुमणि सिंह के घर में तोड़फोड़ की गई और उनके दो वाहनों में आग लगा दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि इंफाल घाटी के आसपास के विभिन्न जिलों में सुबह तड़के कई जगहों पर झड़पें हुईं। अधिकारी ने कहा कि हमें काकचिंग में सुगनू, चुराचांदपुर में कांगवी, इंफाल पश्चिम में कांगचुप, इंफाल पूर्व में सगोलमंग, बिशेनपुर में नुंगोईपोकपी, इंफाल पश्चिम में खुरखुल और कांगपोकपी में वाईकेपीआई से गोलीबारी की सूचना मिली है।

3 मई से शुरू हुई हिंसा

बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह कल मणिपुर का दौरा करने वाले हैं। उन्होंने मैतेई और कुकी दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने और सामान्य स्थिति लाने के लिए काम करने की अपील की है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए कल दो दिवसीय दौरे पर राज्य गए थे। इंफाल घाटी और उसके आसपास रहने वाले मैतेई लोगों और पहाड़ियों में बसे कूकी जनजाति के बीच जातीय हिंसा जारी है। मैतेई लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग है। इसको लेकर कुकी समुदाय से हिंसक झड़पें होती रही हैं। अब तक 70 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। टकराव 3 मई से शुरू हुआ था।

जान लीजिए, एक जून से बदल जाएंगे कई महत्वपूर्ण सरकारी नियम, इन बदले नियमों का आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर, डिटेल में पढ़िए

 जून का महीना शुरू होने में कुछ ही दिनों का समय शेष रह गया है। इस महीने की शुरुआत से कुछ महत्वपूर्ण सरकारी नियम लागू होने वाले हैं, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है। इन नियमों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैंकिंग और गैंस सिलेंडर की कीमत शामिल हैं। 

एलपीजी सिलेंडर की कीमत

हर महीने की शुरुआत में पेट्रोलियम और तेल विपणन कंपनियों की ओर से नए गैस सिलेंडर के दाम तय किए जाते हैं। इस बार भी इसमें बदलाव होने की उम्मीद की जा रही है। 10 किलो वाले एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में मई में 171.50 रुपये की कटौती की गई थी। हालांकि, घरेलू गैस की कीमत में कोई भी बदलाव नहीं किया गया था।

इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत बढ़ेगी

अगले महीने की शुरुआत से दोपहिया वाहन महंगे हो जाएंगे। सरकार की ओर से हाल ही में एक नोटिस जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी 15 हजार रुपये से प्रति किलोवॉट से घटाकर 10 हजार रुपये प्रति किलोवॉट कर दिया है। इस कारण आम जनता के लिए इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन खरीदना 25,000 रुपये तक महंगा हो सकता है।

100 दिन 100 भुगतान अभियान

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का '100 दिन 100 भुगतान' का अभियान एक जून से शुरू हो जाएगा। इसका उद्देश्य देश के हर जिले के प्रत्येक बैंक में शीर्ष 100 अनक्लेम्ड राशि का पता लगाया जाना और उसका निपटान किया जाना है। यह अभियान 100 दिनों को लिए चलाया जाएगा। इसका अभियान का उद्देश्य देश में अनक्लेम्ड राशि के सही हकदार का पता लगाकर उसे सौपना है।

कफ सिरप की जांच

सरकार की ओर से एक जून से किसी भी कफ सिरप की जांच से बाद ही उसे निर्यात की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया गया है।

जान लीजिए, एक जून से बदल जाएंगे कई महत्वपूर्ण सरकारी नियम, इन बदले नियमों का आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर, डिटेल में पढ़िए


जून का महीना शुरू होने में कुछ ही दिनों का समय शेष रह गया है। इस महीने की शुरुआत से कुछ महत्वपूर्ण सरकारी नियम लागू होने वाले हैं, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है। इन नियमों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैंकिंग और गैंस सिलेंडर की कीमत शामिल हैं।

एलपीजी सिलेंडर की कीमत

हर महीने की शुरुआत में पेट्रोलियम और तेल विपणन कंपनियों की ओर से नए गैस सिलेंडर के दाम तय किए जाते हैं। इस बार भी इसमें बदलाव होने की उम्मीद की जा रही है। 10 किलो वाले एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में मई में 171.50 रुपये की कटौती की गई थी। हालांकि, घरेलू गैस की कीमत में कोई भी बदलाव नहीं किया गया था।

इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत बढ़ेगी

अगले महीने की शुरुआत से दोपहिया वाहन महंगे हो जाएंगे। सरकार की ओर से हाल ही में एक नोटिस जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी 15 हजार रुपये से प्रति किलोवॉट से घटाकर 10 हजार रुपये प्रति किलोवॉट कर दिया है। इस कारण आम जनता के लिए इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन खरीदना 25,000 रुपये तक महंगा हो सकता है।

100 दिन 100 भुगतान अभियान

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का '100 दिन 100 भुगतान' का अभियान एक जून से शुरू हो जाएगा। इसका उद्देश्य देश के हर जिले के प्रत्येक बैंक में शीर्ष 100 अनक्लेम्ड राशि का पता लगाया जाना और उसका निपटान किया जाना है। यह अभियान 100 दिनों को लिए चलाया जाएगा। इसका अभियान का उद्देश्य देश में अनक्लेम्ड राशि के सही हकदार का पता लगाकर उसे सौपना है।

कफ सिरप की जांच

सरकार की ओर से एक जून से किसी भी कफ सिरप की जांच से बाद ही उसे निर्यात की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया गया है।