अरविंद केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन से अस्पताल में की मुलाकात, गले लगाकर जाना हाल, बताया-हीरो

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज अस्पताल पहुंच अपनी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन से मुलाकात की।केजरीवाल ने रविवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्तपताल (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन से मुलाकात की। अरविंद केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन को गले लगाया। इस दौरान सीएम केजरीवाल ने सत्येंद्र जैने से उनका हाल जाना।

दिल्ली सीएम केजरीवाल ने इस मुलाकात की कुछ तस्वीरें अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा की। सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए दिल्ली सीएम ने लिखा कि हिम्मती आदमी से मुलाकात...हीरो। इस ट्वीट के साथ तीन फोटोज शेयर की गई है। जिसमें अरविंद केजरीवाल सत्येंद्र जैन से गले मिलते और हाथ मिलाते दिख रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी 6 हफ्तों की अंतरिम जमानत

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ 11 जुलाई तक सत्येंद्र जैन को जमानत देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके महेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने उनकी अपनी मर्जी से अस्पताल में इलाज कराने की छूट दी है और कहा है कि अंतरिम जमानत के लिए शर्त ट्रायल कोर्ट तय करेगा। साथ ही, कोर्ट ने कहा है कि वह मेडिकल रेकॉर्ड 10 जुलाई को पेश करें। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री से कहा है कि वह अंतरिम जमानत अवधि के दौरान वह मीडिया से बात नहीं करेंगे और वह किसी भी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।

करीब एक साल से जेल में बंद है जैन

बता दें कि पिछले साल मई में गिरफ्तार किए जाने के बाद से तिहाड़ जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन बृहस्पतिवार को चक्कर आने से शौचालय में गिर पड़ थे। जिसके बाद उन्हें अस्पताल भर्ती कराया गया। धन शोधन के एक मामले में पिछले साल मई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से जैन तिहाड़ जेल में बंद।

पीएम मोदी बोले-नई संसद नए भारत के सृजन का आधार बनेगी, ये आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा

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वैदिक परंपराओं के साथ आज नए संसद भवन का उद्घाटन हो गया है।पीएम मोदी ने पूरे विधि-विधान से इसका उद्घाटन किया। इसके बाद लोकसभा के उपाध्यक्ष और इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का भाषण हुआ। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन हुआ। इस मौके पर पीएम ने कहा कि हर देश की विकास यात्रा में कुछ पल ऐसे आते हैं जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। कुछ तारीखें समय की ललाट पर इतिहास का अमित हस्ताक्षर बन जाती हैं। आज 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है। देश आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। भारत के लोगों ने अपने लोकतंत्र को संसद के इस नए भवन का उपहार दिया है। मैं देशवासियों को इस स्वर्णिम क्षण की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। 

नए रास्तों पर चलकर ही नए कीर्तिमान गढ़े जाते है-पीएम मोदी

पीएम ने नए संसद के भाषण में कहा है कि नए रास्तों पर चलकर ही नए कीर्तिमान गढ़े जाते है। नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है। नया जोश है, नया उमंग है, नया सफर है। नई सोच है, दिशा नई है, दृष्टि नई है। संकल्प नया है, विश्वास नया। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ये सिर्फ भवन नहीं है यह 140 करोड़ भारतीयों के आकांक्षाओं एवं सपनों का प्रतिबिंब है। यह विश्व को भारत के दृढ़ संकल्प को संकेत देने वाला लोकतंत्र का मंदिर है। यह नया संसद भवन योजनाओं को यथार्थ से, नीति को निर्माण से, इच्छाशक्ति को क्रियाशक्ति से, संकल्प को सिद्धी से जोड़ने वाली अहम कड़ी साबित होगा। यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का मध्यम बनेगा। यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। यह नया भारत विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा। यह नया भवन नूतन एवं पुरातन के सह-अस्तित्व भी बेजोड़ उदाहरण है। आज नया भारत अपने लिए नए लक्ष्य गढ़ रहा है।

यह भवन नए भारत के सृजन का आधार बनेगा-पीएम मोदी

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को यह भवन नई ऊर्जा और मजबूती प्रदान करेगी। यहां होने वाला हर निर्णय भारत के भविष्य को संवारेगा। इस भवन की हर ईंट और हर दीवार गरीब के कल्याण के लिए समर्पित है। अगले 25 वर्षों में संसद में बनने वाले नए कानून भारत को विकसित राष्ट्र बनाएंगे। यहां बनने वाले कानून, युवाओं, महिलाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण करेंगे। यह भवन नए भारत के सृजन का आधार बनेगा। मैं समस्त भारतवासियों को नए संसद की बधाई देता हूं।

इस नए भवन में संस्कृति भी है संविधान के स्वर भी हैं-पीएम मोदी

21वीं सदी का भारत बुलंद हौसलों से भरा हुआ है। आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इस भवन में विरासत भी है, वास्तु भी है। कला भी है कौशल भी है। इसमें संस्कृति भी है संविधान के स्वर भी हैं। लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है तो राज्यसभा का आतंरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है। संसद के प्रांगण में हमारा राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है। इस नए भवन में देश की विशेषताओं को समाहित किया गया है।

पीएम मोदी ने सावरकर को किया याद, मन की बात में किया इन हस्तियों का जिक्र

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया।पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के 101वें एपिसोड को सेकेंड सेंचुरी का प्रारंभ बताया और कहा कि पिछले महीने हम सभी ने इसकी स्पेशल सेंचुरी को सेलिब्रेट किया है। उन्होंने देश से कहा, ‘आपकी भागीदारी ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत है।इस दौरान उन्होंने वीर सावरकर से लेकर एनटी रामा राव तक कई बड़ी हस्तियों का जिक्र किया।

पीएम ने किया ‘युवा संगम’ का जिक्र

पीएम मोदी बोले, जब 'मन की बात' का प्रसारण हुआ, तो उस समय दुनिया के अलग-अलग देशों में, अलग-अलग टाइम जोन में, कहीं शाम हो रही थी तो कहीं देर रात थी। इसके बावजूद, बड़ी संख्या में लोगों ने 100वें एपिसोड को सुनने के लिए समय निकाला। पीएम मोदे ने आगे कहा, पिछले मन की बात में काशी तमिल संगमम की बात की। सौराष्ट्र तमिल संगमम की बात की। कुछ समय पहले ही वाराणसी में काशी तेलुगू संगमम भी हुआ। एक भारत श्रेष्ठ भावना को ताकत देने वाला ऐसे ही एक और अनूठा प्रयास देश में हुआ है। ये प्रयास है- युवा संगम का।शिक्षा मंत्रालय ने ‘युवा संगम’ नाम से एक बेहतरीन पहल की है। इसका उद्देश्य लोगों को लोगों को जोड़ने के साथ ही देश के युवाओं को आपस में घुलने-मिलने का मौका देना है। इसके तहत विभिन्न राज्यों के युवाओं को अलग-अलग राज्यों के दौरे पर भेजा जा रहा है। 

वीर सावरकर को किया याद

पीएम मोदी ने इस दौरान वीर सावरकर और एनटी रामा राव को भी याद किया। दरअसल आज यानी 28 मई को वीर सावरकर और एनटी रामा राव की जयंती है। पीएम मोदी ने मन की बात में इन दिग्गजों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। वीर सावरकर को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सामाजिक समानता और सामाजिक न्यया के लिए वीर सावरकर ने जितना कुछ किया, उसे आज कोई नहीं भूला। पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि उनके त्याग, साहस और संकल्प-शक्ति से जुड़ी कहानियां आज भी सबको प्रेरित करती हैं।

एनटीआर की प्रतिभा का किया जिक्र

वहीं एनटीआर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर अमिट छाप छोड़ी। एनटीआर की 100वीं जयंती पर उन्हें याद करतए हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने तेलुगु सिनेमा का ही नहीं करोड़ो लोगों का दिल जीता। पीएम मोदी ने एनटीआर की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया था। उन्होंने कई ऐतिहासिक पात्रों को अपने एक्टिंग के दम पर फिर से जीवित किया। भगवान कृष्ण, राम और ऐसी कई अन्य भूमिकाओं में एन.टी.आर का अभिनय लोग आज भी याद करते हैं।

पीएम मोदी ने जापान दौरे का किया जिक्र

पीएम मोदी ने इस दौरान जापान के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि, कुछ दिनों पहले मैं जापान गया जहां मुझे हिरोशिमा पीस मेमोरियल में जाने का मौका मिला। ये एक भावुक कर देने वाला पल था। जब हम इतिहास की यादों को संजोकर रखते हैं तो आने वाली पीढ़ियों की बहुत मदद करता है। पीएम मोदी ने बताया, बीते वर्षों में भी हमने भारत में नए-नए तरह के म्यूजियम और मेमोरियल बनते देखे हैं। स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। पीएम मोदी बोले, गुरुग्राम में एक अनोखा संग्रहालय है. म्यूजियो कैमरा, इसमें 1860 के बाद के 8 हजार से ज्यादा कैमरों का कलेक्शन मौजूद है। तमिलनाडु के म्यूजियम ऑफ पॉजिब्लिटीज को हमारे दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय एक ऐसा म्यूजियम है, जिसमें 70 हजार से भी अधिक चीजें संरक्षित की गई हैं।

‘विश्व योग दिवस’ का भी जिक्र

आखिर में पीएम मोदी ने 21 जून को होने वाले ‘विश्व योग दिवस’ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “21 जून को हम ‘विश्व योग दिवस’ भी मनाएंगे.।आप इन तैयारियों के बारे में भी अपने ‘मन की बात’ में मुझे लिखते रहिए। किसी और विषय पर कोई और जानकारी अगर आपको मिले तो वो भी मुझे बताइयेगा।

इमेजिंग सिस्टम, फेस रिकग्निशन, समेत कई लेयर में कड़ें पहरे, जानें नए संसद भवन की सुरक्षा-व्यवस्था के बारे में*

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। नई संसद को आर्किटेक्‍ट बिमल पटेल की निगरानी में अहमदाबाद की एचसीपी डिजाइन, प्‍लानिंग एंड मैनेजमेंट ने डिजाइन किया है. इसे टाटा प्रोजेक्‍ट्स लिमिटेड ने रिकॉर्ड समय में बनाकर तैयार किया है। नई संसद 64,500 वर्ग मीटर में फैली भव्‍य इमारत है। जाहिर सी बात है, देश की इस सबसे महत्वपूर्ण जगह की हर व्यवस्था एकदम दुरूस्त होगी, खासकर सुरक्षा व्यवस्था। जानते हैं कि नई संसद में सुरक्षा के क्‍या बंदोबस्‍त हैं?

नए संसद भवन की सुरक्षा को लेकर बार-बार सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि मौजूदा संसद एक बार आतंकियों के हमले से दहल चुका है। 13 दिसबंर 2001 को आतंकियों ने बड़ा हमला किया था। इस हमले में 9 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। जिनमें दिल्ली पुलिस के जवान भी शामिल थे। तब से संसद के सुरक्षा बंदोबस्‍त को लगातार कड़ा किया गया। इस सबके मद्देनजर संसद की नई बिल्डिंग में सुरक्षा बंदोबस्‍त का खास ख्‍याल रखा गया है। नई इमारत में सुरक्षा के लिए एडवांस टेक्‍नोलॉजी, आधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षा बल, अग्नि शमन प्रणाली समेत कई इंतजाम किए गए हैं। नई संसद की सुरक्षा मौजूदा भवन के मुकाबले कई गुना बेहतर होगी। दूसरे शब्‍दों में कहा जाए तो नई संसद भवन में ऐसी कई सुरक्षा व्यवस्थताएं होंगी जो फिलहाल मौजूदा संसद भवन में नहीं हैं। 

सीसीटीवी कैमरा फेस रिकॉग्निशन सिस्टम से लैस

नई संसद में 360 डिग्री सीसीटीवी सर्विलांस की सुविधा रहेगी। इसकी खास बात ये होगी कि ये सीसीटीवी कैमरा फेस रिकॉग्निशन सिस्टम से लैस होंगे। ये सीसीटीवी कैमरा 360 डिग्री रोटेट कर निगरानी रखेंगे। खास बात है कि अगर कोई व्यक्ति कैमरे के घूमने की विपरित दिशा से संसद भवन परिसर में घुसने का प्रयास करता है तो भी वह पकड़ा जाएगा। एक कैमरा जब विपरित दिशा में घूमता है तो उसी वक्त सेकेंड और थर्ड कैमरा, पहले वाले कैमरे की दिशा में आ जाता है। इससे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के लिए संसद में एंट्री करना काफी मुश्किल हो जाएगा।

किसी भी तरह की घुसपैठ का आसानी से पता लग सकेगा

नई संसद में घुसपैठियों को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। थर्मल इमेजिंस सिस्टम किसी भी घुसपैठिए का पता लगाने में मददगार साबित होगा। इसके अलावा किसी भी तरह की अनहोनी से निपटने के लिए एक मजबूत फायर अलार्म सिस्टम होगा। आग लगने से नुकसान को बचाने के लिए आग दमन प्रणाली की व्यवस्था की गई है।

बैरियर, बाड़ और चौकियों से कई स्‍तर की सुरक्षा

संसद भवन परिसर में किसी भी संदिग्‍ध व्‍यक्ति को रोकने और किसी भी अनहोनी को नाकाम करने के लिए कई स्‍तर के सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। इनमें बैरियर्स, बाड़ और चौकियों पर आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षा बलों की तैनाती होगी। नए भवन के सुरक्षा बंदोबस्‍त में इस बात का खास ख्‍याल रखा गया है कि अगर संसद पर आतंकी हमला, बम धमाका या किसी दूसरी तरह से हमला किया जाए तो किसी भी सांसद, कर्मचारी या दूसरे लोगों को कोई नुकसान ना हो।

सर्विलांस सिस्टम के साथ छेड़छाड़ का तुरंत पता चलेगा

संसद भवन में ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी लगे हैं, जिनकी मदद से सर्विलांस सिस्टम के साथ कोई छेड़छाड़ होती है तो उसका तुरंत पता लग जाएगा। संसद भवन परिसर के किस सेक्शन में यह छेड़छाड़ हुई है, उस कंट्रोल पैनल की जानकारी सेंट्रल सर्वर पर आ जाती है। इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस प्रणाली में उन सभी बातों का ध्यान रखा गया है, जिनका इस्तेमाल कर शत्रु राष्ट्र या आतंकी समूह, किसी हमले की प्लानिंग करते हैं। संसद भवन में एनएसजी के शार्पशूटर 24 घंटे तैनात रहेंगे। इसके अलावा पीडीजी, जो सीआरपीएफ का एक समूह है, उसकी संख्या बढ़ाई गई है। संसद भवन परिसर के आसपास की सुरक्षा दिल्ली पुलिस के शार्पशूटर और स्वैट कमांडो को दी गई है। 

फिजकल सिक्योरिटी के अलावा नए संसद भवन में कई सुरक्षा प्रोटोकॉल भी होंगे। ये प्रोटोकॉल एक्सेस कंट्रोल से लेकर विजिटर मैनेजमेंट तक सब कुछ कवर करेंगे। इन प्रोटोकॉल का उद्देश्य संसद में एक सुरक्षित वातावरण बनाना है, जहां संसद के सदस्य हमले के डर के बिना अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।

पहलवानों की महिला महा-पंचायतः एक्शन में दिल्ली से लगी तीन राज्यों की पुलिस फोर्स, सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेडिंग

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आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया। तो वहीं दूसरी तरफ 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों ने ऐलान किया है कि आज वो नई संसद के सामने महिला सम्मान पंचायत आयोजित करेंगे। देश की नई संसद के सामने महिला महा-पंचायत करने के ऐलान के बाद दिल्ली सीमा से लगी तीन राज्यों की पुलिस फोर्स एक्शन में हैं। उन्होंने जो जहां है उसे वहीं रोको की नीति पर दिल्ली की तरफ कूच करने वाले खाप पंचायत के सदस्यों और किसान नेताओं को वहीं रोक लिया है। 

सीमाओं को सील किया गया

नई संसद के सामने महिला महापंचायत कराने के ऐलान के बाद दिल्ली-यूपी बॉर्डर, दिल्ली—रियाणा बॉर्डर पर पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। पहलवानों की महिला महा-पंचायत में शामिल होने के लिए कई राज्यों से किसानों ने दिल्ली का रूख कर लिया है। वहीं महिला सम्मान महापंचायत करने को लेकर हरियाणा, राजस्थान, पंजाब से किसान दल के अलावा सभी विपक्षी राजनीतिक पार्टियों की महिला सदस्य नई संसद भवन तक ना पहुंचे उसको लेकर सभी बॉर्डरओं को सील कर दिया गया है। टिकरी बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस, हरियाणा पुलिस और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स तैनात कर दी गई है।सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की चेकिंग की जा रही है। वहीं मेट्रो में भी चौकसी बढ़ाते हुए आवाजाही के केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन मेट्रो स्टेशनों के सभी एंट्री-एग्जिट दरवाजे बंद कर दिये हैं। हालांकि केंद्रीय सचिवालय पर इंटरचेंज की व्यवस्था जारी है।

राकेश टिकैत की चेतावनी

इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस संगठन पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के घर जाकर उन्हें रोकने का काम कर रही है। राकेश टिकैत ने चेतावनी दी है कि पुलिस ऐसा ना करें हम एक दिन की सांकेतिक पंचायत जरूर करेंगे।अगर पुलिस प्रशासन रोकने का काम करेगा तो हम सख्त से सख्त निर्णय लेने पर मजबूर हो जाएंगे।

नए संसद भवन पर लालू की पार्टी राजद की विवादित टिप्पणी, ट्वीट कर ताबूत से की तुलना

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देश को आज नई संसद बिल्डिंग मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है। इस उद्घाटन कार्यक्रम का कई विपक्षी दलों ने विरोध किया है। इस बीच, लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से एक विवादित फोटो ट्वीट की है। जिसके बाद एक बार फिर सियासी बवाल मचने वाला है। दरअसल आरजेडी के ट्वीटर अकाउंट से एक फोटो पोस्ट किया गया है। इसमें एक तरफ जहां नए संसद भवन की बिल्डिंग है तो दूसरी तरह ताबूत की फोटो है, और कैप्शन में लिखा गया है ‘ये क्या है?’

राजद ने एक ताबूत की तस्वीर के साथ नए संसद भवन की तुलना करते हुए लिखा कि ये क्या है? राजद का यह ट्वीट ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के नए भवन का उद्घाटन किया है। वहीं, उससे पहले संसद के नए भवन के उद्घाटन पर राजनीति भी खूब हुई है। कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया। राजद भी बहिष्कार करने वाली पार्टियों में शामिल है। 

2024 में जनता इन्हे इसी ताबूत में दफन करेगी-बीजेपी

आरजेडी के इस ट्वीट पर अब बवाल शुरू हो गया है। बीजेपी ने इस पलटवार करते हुए कहा है कि 2024 में जनता इन्हे इसी ताबूत में दफन करेगी। बीजेपी ने आरजेडी के ट्वीट को घिनौना बताया है और कहा है कि ये इनकी राजनीति के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा है कि भारतीय प्रणाली में त्रिकोण या त्रिभुज का बहुत महत्व है। वैसे ताबूत हेक्सागोनल है और ये 6 भुजाओं वाला बहुभुज है।

क्या आरजेडी स्थायी रूप से बहिष्कार करेगी?

बिहार भाजपा के नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि आज भले ही सभी दलों के लोगों ने संसद के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया हो लेकिन कल सदन की कार्यवाही तो वहीं चलने वाली है। क्या राष्ट्रीय जनता दल ने यह तय कर लिया है कि वे नए संसद भवन का स्थायी रूप से बहिष्कार करेंगे? क्या वे लोकसभा की सदस्या से इस्तीफा देंगे? ताबूत का चित्र दिखाना इससे ज्यादा अपमानजनक कुछ नहीं है।

अधीनम प्रमुख ने पीएम मोदी को सौंपा सेंगोल , आज नए संसद भवन में स्थापित होगा पवित्र राजदंड

नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संसद भवन में ऐतिहासिक और पवित्र 'सेंगोल' की स्थापना की। इससे पहले उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए 21 अधीनम चेन्नई से दिल्ली पहुंचे और संसद के नए भवन के उद्घाटन की पूर्व संध्या पर अधीनम महंतों ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पवित्र राजदंड 'सेंगोल' सौंप दिया।

 

धर्मपुरम अधीनम , पलानी अधीनम , विरुधाचलम अधीनम और थिरुकोयिलूर अधीनम उन अधीनमों में शामिल थे जो समारोह में भाग लेने के लिए चेन्नई से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। नए संसद भवन में सेंगोल को स्थापित करने से पहले अधीनम महंतों का आशीर्वाद लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मेरे निवास स्थान पर आप सभी के चरण पड़े हैं , यह मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। मुझे इस बात की भी बहुत खुशी है कि कल नए संसद भवन के लोकार्पण के समय आप सभी वहां आकर आशीर्वाद देने वाले हैं।

 

 कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम में तमिलनाडु की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत की आजादी में तमिल लोगों के योगदान को वह महत्व नहीं दिया गया जो दिया जाना चाहिए था। अब भाजपा ने इस विषय को प्रमुखता से उठाना शुरू किया है। मोदी ने कहा कि तमिल परंपरा में शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था। सेंगोल इस बात का प्रतीक था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की जिम्मेदारी है और वो कभी कर्तव्य के मार्ग से विचलित नहीं होगा।

  प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन को लोकतंत्र का मंदिर बताया और कामना की कि यह भारत के विकास पथ को मजबूत करता रहेगा और लाखों लोगों को सशक्त बनाए रखेगा। 'माई पार्लियामेंट माई प्राइड' हैशटैग के साथ ट्विटर पर नई इमारत का वीडियो साझा करने का लोगों से आग्रह करने वाले मोदी ने यह भी कहा कि बहुत भावनात्मक वॉयसओवर के जरिए लोग गर्व की भावना व्यक्त कर रहे हैं कि राष्ट्र को एक नई संसद मिल रही है , जो लोगों की आकांक्षाओं को और अधिक उत्साह के साथ पूरा करने के लिए काम करती रहेगी।

 

पीएम मोदी ने कहा कि 'आपका सेवक' और सरकार ने प्रयागराज के आनंद भवन से सेंगोल को बाहर निकाला है। आनंद भवन नेहरू परिवार का निवास स्थान था और इसे एक संग्रहालय में बदल दिया गया। आगे पीएम मोदी ने कहा कि सेंगोल का महत्व न केवल इसलिए है क्योंकि यह 1947 में सत्ता हस्तांतरण का एक पवित्र प्रतीक था बल्कि यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पूर्व-औपनिवेशिक भारत की गौरवशाली परंपराओं को स्वतंत्र भारत के भविष्य से जोड़ता है।

 

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि पवित्र राजदंड 'सेंगोल' अंग्रेजों से भारत में सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि संसद भवन ऐतिहासिक 'सेंगोल' स्थापित करने के लिए सबसे उपयुक्त और पवित्र स्थान है। पीएम मोदी ने सेंगोल को अमृत काल के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाने का निर्णय लिया।

 

 न्याय के प्रतीक 'सेंगोल' की स्थापना के बारे में बात करते हुए थिरुवदुथुराई अधीनम के अंबालावाना देसीगा परमाचरिया स्वामीगल ने शुक्रवार को कहा था कि यह तमिलनाडु के लिए गर्व की बात है कि सेंगोल को इसका महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह तमिलनाडु के लिए गर्व की बात है कि नए संसद भवन में न्याय के प्रतीक सेंगोल को स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने 1947 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सेंगोल दिया था जिसे अब रविवार को पीएम मोदी को भेंट किया जाना है।

 गृह मंत्री ने बुधवार को सेंगोल के बारे में विवरण और डाउनलोड करने योग्य वीडियो के साथ एक विशेष वेबसाइट (sengol1947.ignca.gov.in) लॉन्च की थी। उन्होंने कहा हम चाहते हैं कि भारत के लोग इसे देखें और इस ऐतिहासिक घटना के बारे में जानें। यह सभी के लिए गर्व की बात है।

देश को मिली नई संसद, पीएम मोदी ने हवन-पूजा के बाद लोकसभा में स्थापित किया सेंगोल, सर्व धर्म प्रार्थना सभा का भी आयोजन

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देश को नया संसद भवन मिल चुका है। पीएम मोदी ने पूरे विधि-विधान से इसका शुभारंभ किया। पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पीएम मोदी ने राजदंड सेंगोल को दण्डवत किया। इसके बाद सेंगोल उनको सौंप दिया। इसके बाद पीएम मोदी ने लोकसभा में स्पीकर की चेयर के बगल में राजदंड सेंगोल को स्थापित कर दिया।उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी संसद भवन के निर्माण में अपना योगदान देने वाले श्रमिकों से भी मिले और उनको सम्मानित भी किया।

पारंपरिक परिधान, वैदिक मंत्रोच्चारण

पूजा शामिल होने नए संसद भवन परिसर पहुंचे पीएम मोदी सफेद कुर्ता और सफेद धोती पहने नजर आए। वहीं, गले में दक्षिण भारत का पहनावा अंगवस्त्रम भी नजर आया। पारंपरिक परिधान में प्रधानमंत्री मोदी द्वार संख्या-एक से नई संसद परिसर के भीतर आए और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर ईश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच ‘गणपति होमम्’ अनुष्ठान किया। प्रधानमंत्री ने ‘सेंगोल’ (राजदंड) को दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया। 

स्पीकर की चेयर के सामने स्थापित हुआ सेंगोल

इसके बाद ‘नादस्वरम्’ की धुनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी सेंगोल को नए संसद भवन लेकर गए और इसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष के आसन के दाईं ओर एक विशेष स्थान में स्थापित किया।इस दौरान तमिलनाडु के अधीनम संत वैदिक मंत्रोच्चार करते रहे. पीएम के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी इस पूरे अनुष्ठान में शामिल रहे।

सर्व धर्म प्रार्थना सभा

'सेंगोल' की स्थापना के बाद वहां सर्व धर्म प्रार्थना सभा शुरू हुई। इस सर्वधर्म सभा में बौद्ध, जैन, पारसी, हिंदू, सिख, ईसाई, इस्लाम समेत कई धर्मों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी प्रार्थनाएं कीं। नई संसद के लोकार्पण के बाद उसके हॉल में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। इसमें 12 धर्मों के प्रतिनिधियों ने पवित्र शब्द कहे और नई संसद के लिए प्रार्थना की। प्रार्थना सभा के समय केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, विभागों के सचिव एवं अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे। यहां एक-एक कर सभी धर्माचार्यों ने अपनी प्रार्थना की और नई संसद को अपना आशीर्वाद दिया।

’सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा’ लिखने वाले शायर इकबाल डीयू के सिलेबस से होंगे बाहर, पाकिस्तान के हैं राष्ट्रीय कवि

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दिल्ली यूनिवर्सिटी के बीए प्रोग्राम से अब मशहूर शायर मोहम्मद इक़बाल का नाम मिटाने का फैसला किया गया है। अब डीयू पहुंचने वाले स्टूडेंट्स को इक़बाल के बारे में नहीं पढ़ाया जाएगा। बीए पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस में अबतक इक़बाल को पढ़ाया जाता रहा है। दिल्ली यूनिवर्सिटी एग्जीक्यूटिव काउंसिल के अप्रूवल के बाद इक़बाल को सिलेबस से हटा दिया जाएगा। इनके अलावा एकेडमिक काउंसिल ने कुछ अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है।

अंबेडकर को अधिक से अधिक पढ़ाने पर जोर

दिल्ली की एकेडमिक काउंसिल ने शुक्रवार को सिलेबस से जुड़े कई बदलाव किये हैं। इन बदलावों में अल्लामा इकबाल को पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस से हटा दिया गया है। एकेडमिक काउंसिल की ओर से पार्टिशन, हिंदू और ट्राइबल स्टडीज के लिए नए सेंटर स्थापित करने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है।वाइस चांसलर के प्रस्ताव को सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। बैठक में अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (यूजीसीएफ) 2022 के तहत अलग-अलग कोर्स के चौथे, पांचवें और छठे सेमेस्टर के सिलेबस को पारित किया गया। वहीं इकबाल को हटाने के साथ ही इस मौके पर कुलपति ने डॉ भीमराव अंबेडकर को अधिक से अधिक पढ़ाने पर भी जोर दिया।

एबीवीपी ने किया फैसले का स्वागत

अभी प्रस्तावों को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ईसी) से अनुमोदन मिलना बाकी है। यह बैठक 9 जून को होगी। वहीं, बीजेपी की छात्र इकाई एबीवीपी ने कवि अल्लामा इकबाल को सिलेबस से हटाए जाने के फैसले का स्वागत किया है। एबीवीपी की ओर से कहा गया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की अकादमिक परिषद ने कट्टर धार्मिक विद्वान को सिलेबस से हटाना का सही फैसला लिया है। 

कौन हैं इकबाल

इकबाल उर्दू और फारसी के मशहूर शायर हैं। जिन्होंने मशहूर गीत "सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा" लिखा था, भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे प्रमुख उर्दू और फारसी शायरों में से एक हैं। उन्हें पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि के रूप में भी जाना जाता है। अल्लामा इकबाल को पाकिस्तान का दार्शनिक पिता कहा जाता है। मोहम्मद अली जिन्ना को मुस्लिम लीग में एक नेता के तौर पर स्थापित करने में उनकी अहम भूमिका थी। पाकिस्तान बनने में उनके विचारों का भी योगदान माना जाता है।

नए संसद भवन पर सियासी रार जारी, केजरीवाल-खरगे के खिलाफ शिकायत दर्ज, राष्ट्रपति की जाति का जिक्र कर भड़काऊ बयान देने का आरोप

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नए संसद भवन के उद्घाटन का कार्यक्रम 28 मई को होना है, लेकिन उससे पहले सियासी बवाल मचा हुआ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उद्घाटन की मांग को लेकर कांग्रेस समेत 21 विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार किया है। इस बीच, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे के विरुद्ध समुदायों के बीच भेदभाव को बढ़ाने के इरादे से नए संसद भवन के उद्घाटन के कार्यक्रम के संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का हवाला देकर भड़काऊ बयान देने को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है। 

दोनों नेताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 121, 153ए, 505 और 34 के तहत शिकायत दर्ज की गई है। इन दोनों के अलावा कुछ अन्य नेताओं पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का जिक्र करते हुए भड़काऊ बयान देने का आरोप लगा है। इन नेताओं के खिलाफ दर्ज हुई शिकायत में कहा गया है कि इन्होंने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के आयोजन पर बात करते हुए यह भड़काऊ भाषण दिए। 

मल्लिकार्जुन खरगे का बयान

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को निमंत्रण नहीं दिए जाने को लेकर सरकार पर हमला बोला था। मल्लिकार्जुन खरगे ने एक के बाद एक ट्वीट कर सरकार को घेरा और कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार दलित और जनजातीय समुदायों से राष्ट्रपति केवल चुनावी वजहों से बनाती है। खरगे ने कहा कि जब शिलान्यास हुआ था तब तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को निमंत्रण नहीं दिया गया था। अब उद्घाटन के कार्यक्रम में द्रौपदी मुर्मू को निमंत्रण नहीं दिया गया है

केजरीवाल ने क्या कहा

वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दलित समाज पूछ रहा है कि क्या उन्हें अशुभ मानते हैं, इसलिए नहीं बुलाते? आम आदमी पार्टी के स्तर पर भी इस मामले में बीजेपी और मोदी सरकार पर सवाल दागे गए हैं।

बता दें कि नया संसद भवन रिकॉर्ड वक्त में बनकर तैयार हुआ है। नए संसद भवन का वीडियो पीएम मोदी खुद शेयर कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई 2023 रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करने जा रहे हैं।