त्रयंबकेश्वर मंदिर में जबरन घुसे 4 युवक? फडणवीस ने दिया SIT जांच का आदेश, जानें पूरा मामला

#maharashtragovtsetsupsitforprobeoftrimbakeshwartempleinsult_case

महाराष्ट्र के नासिक के प्रसिद्ध त्रयंबकेश्वर मंदिर में खास समुदाय के लोगों के जबरन घुसने के मामले में राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है। बता दें कि महाराष्ट्र के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में बीते साल की तरह इस साल भी दूसरे समुदाय के युवकों के जबरन घुसने का मामला सामने आया है। दो दिन पहले की इस तरह का वीडियो वायरल होन के बाद महाराष्ट्र सरकार एक्शन में आ गई है।

फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन

महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर एसआईटी का गठन किया जा रहा है। एसआईटी का गठन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में किया जाएगा। यह एसआईटी सिर्फ इसी साल मंदिर में हुई घटना की जांच ही नहीं करेगी, पिछले साल हुई घटना की जांच भी करेगी।

मंदिर प्रशासन ने कहा- साजिश के तहत किया जा रहा ऐसा

मंदिर प्रशासन का कहना है कि बार-बार इस तरह की कार्रवाई साजिश के तहत की जा रही है। मंदिर प्रशासन की ओर से उत्तरी प्रवेश द्वार पर लिखित सूचना के बावजूद जबर्दस्ती दूसरे धर्म के लोग मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मंदिर के पुजारियों की ओर से संदिग्धों पर कठोर कार्रवाई की मांग के बाद एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और उन पर कठोर कार्रवाई करने का आदेश गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दे दिया है।

क्या है मामला

बीते शनिवार को महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दूसरे धर्म के लोगों के एक समूह ने मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश की थी। हालांकि मंदिर के सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी से वह सफल नहीं हो सके थे। बता दें कि मंदिर प्रबंधन समिति के निर्देश हैं कि मंदिर में हिंदुओं के अलावा किसी अन्य धर्म के लोग नहीं आ सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और करोड़ों लोगों की इस मंदिर में आस्था है। घटना के बाद मंदिर समिति ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए थे।

भारत में अफगान दूतावास में तालिबानी राजनयिक की नियुक्ति पर विवाद, जानें क्या है पूरा मामला

#powerstruggleatafghanembassy 

भारत में अफगानिस्तान के राजदूत और राजनयिक मिशन को लेकर घमासान मचा हुआ है।दिल्ली स्थित अफगानिस्तान दूतावास में राजदूत कौन होगा इसको लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। तालिबान की ओर से पहली बार भारत में अफगानिस्तान दूतावास के लिए राजदूत की नियुक्ति की गई।तालिबान के एक टॉप लीडर की ओर से कहा गया कि कादिर शाह अगले राजदूत होंगे।वहीं भारत में मौजूद अफगान दूतावास ने इन खबरों को भ्रामक और तालिबान निजाम का प्रतिनिधि बताने वाले को ही गलत करार दिया है।

दूतावास ने बयान जारी कर दी सफाई

भारत में अफगानिस्तानी दूतावास के मौजूदा प्रमुख फरीद मामुंदजई की जगह तालिबान द्वारा नया प्रभारी नियुक्त किए जाने की खबरों के बीच वहां के दूतावास ने स्पष्ट किया है कि मिशन के नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं हुआ है।नई दिल्ली स्थित अफगान दूतावास ने एक पत्र जारी कर कहा है कि खुद को कथित तौर पर मिशन प्रमुख और तालिबान निजाम के प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्ति की खबर गलत है।मामुंदजई के नेतृत्व वाले दूतावास ने एक बयान में कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक आफ अफगानिस्तान का दूतावास तालिबान के इशारे पर नई दिल्ली में मिशन की कमान संभालने के संबंध में एक व्यक्ति के दावों को सिरे से खारिज करता है। साथ ही यह भी दावा किया गया कि खुद को काबुल से नियुक्त चार्ज दी अफेयर्स बताने वाला व्यक्ति दूतावास में भ्रष्टाचार की गलत खबरें फैला रहा है।

दूतावास ने कहा- काबुल में तालिबान शासन को मान्यता नहीं देता

बयान में कहा गया है, दूतावास अफगान लोगों के हितों का समर्थन करने के लिए भारत सरकार के रुख की सराहना करता है। साथ ही काबुल में तालिबान शासन को मान्यता नहीं देता है, जैसा कि दुनियाभर की लोकतांत्रिक सरकारों के साथ होता रहा है।

कादिर शाह तालिबान के प्रतिनिधि घोषित 

बताया जा रहा है कि नई नियुक्ति के तौर पर काबुल से किसी को नहीं भेजा गया है। बल्कि अफगान दूतावास में पहले से काम कर रहे मुहम्मद कादिर शाह नाम के राजनयिक को ही तालिबान का प्रतिनिधि घोषित किया गया है। वर्ष 2020 से अफगान दूतावास में ट्रेड काउंसलर के रूप में काम कर रहे कादिर शाह ने पिछले महीने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर दावा किया था कि उन्हें तालिबान द्वारा दूतावास प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है। 

हालांकि, भारत ने अभी तक तालिबान के गठन को मान्यता नहीं दी है। भारत काबुल में समावेशी सरकार बनाने की वकालत करता रहा है और इस बात पर जोर देता रहा है कि अफगान धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

धूल की चादर में लिपटा दिल्ली-एनसीआर, पारा पहुंचा 40 के पार, मौसम विभाग ने कहा-अगले तीन दिन तक रहेंगे ऐसे ही हालात

#dust_cover_has_enveloped_many_areas_of_delhi_ncr 

दिल्ली- एनसीआर में सुबह से ही हवा में धूल है और धूल की चादर के चलते विजिबिलिटी भी काफी कम हो गई है। मौसम विभाग के मुताबिक- अगले तीन दिन दिल्ली एनसीआर, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यही हालात रहेंगे।दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में सुबह से धूल की चादर छाई हुई है। कल रात से ही तेज हवाएं चल रही हैं। जिसके चलते आसमान में धूल की चादर देखी जा रही है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी)की मानें तो आज से (16 मई से) अगले दो दिनों में दिल्ली में धूल भरी आंधी चलने के साथ हल्की बारिश भी हो सकती है।तीन दिन तक हवा में धूल रहेगी। ये धूल भरी आंधियां राजस्थान की ओर से आ रही हैं। बता दें कि दिल्ली में आज सुबह तेज हवा चली, जिससे धूल उड़ी और वायु की गुणवत्ता पर काफी असर पड़ा और इसके साथ दृश्यता घटकर 1,000 मीटर तक रह गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी। मौसम विज्ञानियों ने धूल उड़ने के पीछे पिछले पांच दिन से उत्तरपश्चिम भारत में भीषण गर्मी, बारिश न होने के कारण सूखी मिट्टी और आधी रात से ही तेज हवा के संयोजन को जिम्मेदार ठहराया।

वहीं, मौसम विभाग ने मंगलवार को हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई है। हालांकि, बारिश होने के बावजूद भी दिल्ली वासियों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री व न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। वहीं, बुधवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ ही हल्की बारिश की संभावना है। अधिकतम तापमान 42 डिग्री दर्ज किया जा सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को नजफगढ़ इलाका सबसे अधिक गर्म दर्ज किया गया, जहां अधिकतम तापमान 43.9 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 26.7 डिग्री रहा। वहीं, नरेला इलाका का अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

पीएम मोदी ने देश के 71 हजार युवाओं को वर्चुअली बांटे अपॉइंटमेंट लेटर, कहा-नौकरियों में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हुआ

#pmnarendramodidistribute71000appointmentlettersinrozgar_mela 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज यानी 16 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगभग 71,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस दौरान देशभर में 45 जगह पर कार्यक्रम आयोजित हुए जिसमें पीएम मोदी वर्चुअली जुड़े थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री इन नियुक्तियों को भी संबोधित किया। पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया है जिससे भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद खत्म हुआ है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने इन नवनियुक्त कर्मियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित भी किया और उन्हें सरकारी नौकरी मिलने पर बधाई दी। उन्होंने कहा, आज 70 हजार से अधिक युवाओं को भारत सरकार के विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र मिल रहा है। आप सभी ने कड़ी मेहनत से ये सफलता हासिल की है। मैं आपको और आपके परिवार को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।

भ्रष्टाचार खत्म हुआ है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने रोजगार मेले को संबोधित करते हुए कहा कि आज के वक्त में नौकरियों में भी बदलाव आया है। आज सरकारी नौकरियों के फॉर्म में डॉक्यूमेंट्स को सेल्फ अटेस्ट करना भी पर्याप्त होता है, लेकिन पहले के वक्त में लाइन में लगना पड़ता था फिर अटेस्ट करवाना पड़ता था, उसके बाद डाक से आवेदन भेजा जाता था। डाक से आवेदन भेजे जाने के बाद भी इस बात की गारंटी नहीं होती थी कि आवेदन पहुंचेगा या नहीं। पीएम मोदी ने कहा कि आज के वक्त में पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। जिसका फायदा यह हुआ है कि भ्रष्टाचार कम हो रहा है।पीएम मोदी ने कहा कि इन प्रयासों से न केवल भ्रष्टाचार कम हो रहा है, बल्कि भाई-भतीजावाद भी कम हो रहा है। जो देश के लिए अच्छा है।

नौ वर्षों में सरकार ने रोजगार के नए अवसरों का निर्माण किया-पीएम मोदी

अपने संबोधन में कहा कि 16 मई 2014 को नौ साल पहले लोकसभा चुनाव के नजीजे आए थे, तब पूरे देश में जोश और उमंग की लहर थी। इन नौ वर्षों के दौरान सरकार ने रोजगार के नए अवसरों का निर्माण किया। बीते नौ साल में सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडेचर में 34 हजार लाख करोड़ रुपये खर्च किए। इस पैसे से देश में हाइवे बने और विकास के काम हुए। पीएम ने कहा कि देश के 9 करोड़ लोगों ने मुद्रा योजना की मदद से अपने स्वरोजगार शुरू किया है। भारत के युवाओं के पास अलग-अलग सेक्टर्स में काम करने की स्किल के लिए कौशल विकास केंद्रों और आईआईटी और आईआईएम तैयार की गई है। 

किन विभागों में मिली नौकरी

देश भर सरकारी विभागों में चयनित कर्मचारी भारतीय डाक सेवक, डाक निरीक्षक, वाणिज्यिक-सह-टिकट क्लर्क, जूनियर क्लर्क टाइपिस्ट, जूनियर लेखा क्लर्क, ट्रैक मेंटेनर, सहायक अनुभाग अधिकारी, लोवर डिविजन क्लर्क, सब डिविजन अधिकारी, टैक्स असिस्टेंस, सहायक प्रवर्तन अधिकारी, सहायक लेखा अधिकारी, सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी, मंडल लेखाकार, लेखा परीक्षक, कांस्टेबल, , निरीक्षक, नर्सिंग अधिकारी, सहायक सुरक्षा अधिकारी, फायरमैन, हेड कांस्टेबल, सहायक कमांडेंट, प्रधानाचार्य, प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक, सहायक रजिस्ट्रार, सहायक प्रोफेसर जैसे कई पदों पर इनकी भर्तियां की जा रही हैं। 

बता दें कि 2022 में रोजगार मेले का पहला फेज लॉन्च हुआ था। पीएम मोदी ने 2023 के आखिरी तक 10 लाख भर्तियां कराने का वादा किया है। रोजगार मेला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक खास पहल है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को रोजगार देने हैं।

दिल्ली, राजस्थान में अगले कुछ दिन मिलेगी गर्मी से राहत, इन राज्यों में भारी बारिश का अनुमान, जानें अगले 3 दिनों तक कैसे रहेगा मौसम

#weather_updates 

देश भर में पिछले कुछ हफ्तों से लगातार तपा देने वाली भीषण गर्मी पड़ रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में सुबह से लेकर रात तक लोगों को गर्म हवाओं का सामना करना पड़ रहा है। लोग पसीने से तर-बतर हो रहे हैं। जिसके चलते लोगों की परेशानियां बढ़ रही है।मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक देश के कई इलाकों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है।हालांकि, मौसम विभाग की माने तो आने वाले दिनों में थोड़ी राहत महसूस होने वाली है। 

दरअसल मौसम विभाग का अनुमान है कि दिल्ली समेत पूरे उत्तर पश्चिम भारत में धूल भरी तेज हवाएं चलेंगी। साथ ही कुछ जगह हल्की बारिश का भी अनुमान है। वहीं कुछ राज्यों में भारी बारिश की भी संभावना है, जिससे अगले कुछ दिन राहत भरे रह सकते हैं। 

इन राज्यों में बारिश की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार (16 मई) को दिल्ली के कई स्थानों पर और आसपास के क्षेत्रों में 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। साथ ही इसके बाद बारिश होने की भी उम्मीद है। इसके अलावा दिल्ली में मंगलवार 16 मई को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार है। इसके अलावा राज्य के भरतपुर, बीकानेर दौसा जैसलमेर, नागौर, चूरू, सीकर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों और आसपास के क्षेत्रों में 16 मई को आंधी और हल्की बारिश की उम्मीद है।

इन राज्यों में होगी भारी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा में अगले कुछ दिन भारी बारिश का अनुमान है। खासकर असम और मेघालय में बादल जमकर बरस सकते हैं। इनके अलावा बांकुरा, जमशेदपुर और मिदनापुर में भी ठीक-ठाक बारिश हो सकती है। जम्मू कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद में बिजली कड़क सकती है। 19 मई से मौसम में बदलाव के कम ही आसार हैं और उसके बाद लोगों को गर्मी का प्रकोप झेलना पड़ेगा। 

इन जगहों पर सताएगी लू

दिल्ली और उत्तर पश्चिम भारत में जहां गर्मी से थोड़ी राहत रहेगी, वहीं ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तटीय आंध्र प्रदेश के इलाकों में लू कहर बरपाएगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार 15 मई को बताया कि अगले 24 घंटों के दौरान ओडिशा के जिलों में कई स्थानों पर अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। विभाग ने सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, संबलपुर, सोनपुर और बोलांगीर जिलों में कुछ स्थानों पर हीटवेव के लिए अलर्ट जारी किया है। महाराष्ट्र में भी मौसम विभाग ने गर्मी को लेकर अलर्ट जारी किया है। राज्य के ज्यादातर इलाकों का तापमान 42 डिग्री सेलिस्यस तक पहुंच चुका है।

दिल्ली के स्कूल को फिर मिली बम से उड़ाने की धमकी, घर भेजे गए बच्चे

#bomb_threat_to_delhi_school 

देश की राजधानी दिल्ली में आए दिन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियां मिल रही हैं। एक बार फिर से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। दिल्ली के पुष्प विहार के अमृता स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची हैं। साकेत के अमृता स्कूल का यह मामला है।

बताया जा रहा है कि स्कूल मैनेजमेंट को यह धमकी मेल करके दी गई है। मेल आज सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर आई है। स्कूल प्रबंधन ने इसकी सूचना तत्काल दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को दी। इसके बाद सूचना पर पुलिस की एक टीम तत्काल स्कूल पहुंची।दिल्ली पुलिस ने एहतियातन स्कूल को खाली करा दिया है। बताया जा रहा है कि स्कूल के बच्चों को घर भेज दिया गया है। वहीं, बम स्क्वाड भी मौके पर पहुंच गई है। बम स्क्वाड की एक टीम ये पता लगाने में जुटी है कि क्या स्कूल के अंदर कोई विस्फोटक पदार्थ प्लांट किया गया है।

बता दें कि इससे पहले डिफेंस कॉलोनी स्थित इंडियन पब्लिक स्कूल और डीपीएस मथुरा रोड में बम रखे होने की दो दो बार सूचना मिल चुकी हैं। 26 अप्रैल को मथुरा रोड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल को ई-मेल के जरिए बम की धमकी मिली थी।

”मैं ब्लैकमेल नहीं करूंगा,” दिल्ली रवानगी से पहले बोले डीके शिवकुमार, खरगे आज कर सकते हैं सीएम के नाम की घोषणा

#karnatakacmdecisionlikelytoday

कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन होगा? चुनाव जीतने के बाद से लेकर अब तक कांग्रेस इस सवाल का हल नहीं ढूंढ पाई है।हालांकि, कहा जा रहा है कि कर्नाटक की राजनीति में आज यानी मंगलवार का दिन “मंगल” होने वाला है। स्टेट कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार मंगलवार को दिल्ली आएंगे। देश की राजधानी में कांग्रेस के आलाकमान के साथ डीके शिवकुमार की बैठक होनी है।जिसमें सरकार गठन को लेकर चर्चा की जाएगी।

सोनिया गांधी मेरी रोल मॉडल-डीके

कर्नाटक में कांग्रेस के सीनियर नेता डीके शिवकुमार ने मंगलवार को दिल्ली रवानगी से पहले बेंगलुरू एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान डीके ने कहा, "कांग्रेस मेरी मां, मंदिर और ईश्वर जैसी है। ऐसे में इन्हें (मां और भगवान को) पता होता है कि मुझे क्या चाहिए...। वैसे, मैं किसी को ब्लैकमेल नहीं करूंगा। मैं हाईकमान की बात मानूंगा, क्योंकि सोनिया गांधी मेरी रोल मॉडल हैं।

सोमवार की डीके नहीं पहुंचे थे दिल्ली

इससे पहले मुख्यमंत्री पद के लिए जोरदार ‘लॉबिंग’ के बीच, कांग्रेस नेतृत्व ने सोमवार को चर्चा के लिए शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को दिल्ली बुलाया था। सिद्धरमैया सोमवार दोपहर दिल्ली पहुंचे, लेकिन शिवकुमार ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अंतिम समय में अपनी यात्रा रद्द कर दी। बाद में शाम को, बेंगलुरु ग्रामीण से कांग्रेस सांसद डी के सुरेश ने पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे से उनके आवास पर मुलाकात की और इसके बाद संवाददाताओं से कहा कि उनके भाई मंगलवार को दिल्ली पहुंचेंगे। 

दरअसल, सोमवार को भी मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर नहीं लग पाई। देर रात बैठकों का दौर चला, मगर कोई समाधान नहीं निकल पाया। ऐसे में डीके शिवकुमार का आज दिल्ली पहुंचना अहम माना जा रहा है। पार्टी आलाकमान के साथ मुलाकात के बाद सीएम के नाम पर मुहर लग सकती है।

सबकी निगाहें शीर्ष नेतृत्व पर टिकी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पास पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पहुंचने के बाद अब सबकी निगाहें शीर्ष नेतृत्व पर टिकी हैं। पर्यवेक्षक सुशील कुमार शिंदे, भंवर जितेंद्र सिंह व दीपक बावरिया ने रविवार देर रात तक विधायकों से मशविरे के बाद सोमवार शाम दिल्ली में खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंपी। हालांकि, सिद्धरमैया ने दिल्ली रवानगी से पहले ही दावा कर दिया था, ज्यादातर विधायक मेरे पक्ष में हैं। इसके जवाब में शिवकुमार ने कहा, पार्टी ने मेरे नेतृत्व में चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की है।

*राजस्थान का रारःसचिन पायलट की गहलोत सरकार को खुली चुनौती, 15 दिन का दिया अल्टीमेटम*

#sachinpilotgive15dayultimatumtoashokgehlot_govt

राजस्थानकांग्रेस में गहलोत-पायलट के बीच चल रहा सियासी बवाल एक कदर और बढ़ गया है। सचिन पायलट ने अब खुलकर कांग्रेस की गहलोत सरकार को चुनौती दे डाली है। पायलट ने जयपुर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए 3 मांगें पूरी करने की बात कही है। उन्होंने ऐलान किया है कि 15 दिन में मांगें पूरी नहीं हुई तो वो प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे। 

जन संघर्ष यात्रा की समाप्ति पर सोमवार को राजधानी जयपुर में आयोजित जनसभा में पायलट ने गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए खुली चेतावनी दे डाली है। पायलट ने कहा कि अगर सरकार ने पेपर लीक से प्रभावित हुए अभ्यर्थियों को मुआवजा नहीं दिया और वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच नहीं कराई तो वे पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। इसके साथ ही पायलट ने आरपीएससी की वर्तमान व्यवस्था को भंग करने की भी मांग की।

पायलट ने सरकार के सामने ये तीन मांगें रखी

पायलट ने सभा के मंच से पहली मांग आरपीएससी (राजस्थान लोक सेवा आयोग) को भंग करने की रखी। पेपर लीक मामले को लेकर पायलट ने आपीएससी के चेयरमैन और सदस्यों के नियुक्ति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा पूरे तंत्र का पुनर्गठन करें, नए कानून मापदंड बनें और पारदर्शिता से लोगों का चयन हो।दूसरी मांग अब तक की प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी से प्रभावित युवाओं को आर्थिक मुआवजा देने की रखी। उन्होंने कहा पेपर लीक से प्रभावित प्रत्‍येक नौजवान को उच‍ित आर्थिक मुआवजा दिया जाना चाहिए। तीसरी मांग में उन्होंने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच की की बात कही। उन्होंने वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराने की मांग रखी।

महीने के आखिर तक का अल्टीमेटम

सचिन पायलट ने कहा कि इस महीने के आखिर में अगर तीनों मांगे नहीं मानी गई तो युवाओं के लिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन करूंगा। हम गांव में हर जगह जनता के साथ पैदल चलेंगे। मैंने कभी किसी पर आरोप नहीं लगाया किसी के खिलाफ बुरा शब्द नहीं निकाला। आप मुझे गाली दो, आरोप लगाओ मुझे चिंता नहीं। जनता ही जनार्दन होती है। जिन बच्चों के पेपर रद्द हो गये वो हताश होते हैं, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं।

हमारा संघर्ष किसी नेता के खिलाफ नहीं-पायलट

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारा संघर्ष किसी नेता के खिलाफ नहीं है। ये भ्रष्टाचार के खिलाफ है। राजस्थान में हमारी सरकार हटी थी तब कांग्रेस की बहुत कम सीट थी। तब मुझे कहा गया कि आपको कांग्रेस का अध्यक्ष बनना है। हमने पांच साल एकजुट होकर काम किया। वसुंधरा राजे के शासन में जो भ्रष्टाचार हुआ उस पर हमने आरोप लगाया। जब हमारी सरकर बनी तो जो हमने कहा था वो हमने किया, लेकिन जो आरोप हमने लगाया था उसको आज साढ़े चार साल हो गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पायलट के साथ मंत्री-विधायक भी मंच पर

सचिन पायलट ने अपनी 5 दिवसीय जन संघर्ष यात्रा के दौरान अपने समर्थक विधायकों और मंत्रियों को दूर रखा। लेकिन अंतिम दिन सोमवार को जयपुर में आयोजित सभा में पायलट के साथ मंच पर विधायक भी थे और मंत्री भी। गहलोत के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले पायलट समर्थक लगभग सभी बड़े नेता मंच पर मौजूद नजर आए। इसमें राज्‍य सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा व हेमाराम चौधरी के साथ साथ विधायक जीआर खटाना, वेद सोलंकी, सुरेश मोदी, राकेश पारीक, हरीश मीणा, खिलाड़ीलाल बैरवा, गिर्राज मलिंगा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, मुकेश भाकर, इंद्राज गुर्जर और रामनिवास गावड़िया भी शामिल हुए।

अगले कुछ दिन पहाड़ों में खराब रहेगा मौसम, केदारनाथ के पंजीकरण पर 24 मई तक लगी रोक


 मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अगले कुछ मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान जताया है। वहीं, केदारनाथ में भी यात्रा शुरू होने से अब तक बर्फबारी जारी है। जिसके चलते केदारनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण पर 15 मई तक लगी रोक को 24 मई तक बढ़ा दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, 24 तक नए पंजीकरण पर रोक रहेगी लेकिन जो यात्री पहले पंजीकरण कर चुके हैं वे यात्रा कर सकेंगे। बता दें कि 25 अप्रैल से अभी तक धाम में कुल 2,89149 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

कर्नाटक में मुख्यमंत्री कौन के सवाल में उलझी कांग्रेस के सामने एक और चुनौती, वक्फ बोर्ड के प्रमुख ने मुस्लिम नेता को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग

कर्नाटक में मुख्यमंत्री कौन के सवाल में उलझी नजर आ रही कांग्रेस के सामने एक और चुनौती नजर आ रही है। अब वक्फ बोर्ड के प्रमुख ने मुस्लिम नेता को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग रख दी है। उन्होंने 5 बड़े मंत्रालय भी मुसलमानों को देने की मांग की है। कहा कि मुसलमानों ने समुदाय के तौर पर कांग्रेस को काफी कुछ दिया और अब लौटाने का समय है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 9 मुस्लिम विधायक चुनकर आए हैं।

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने कहा, 'हमने चुनाव से पहले ही कहा था कि उपमुख्यमंत्री मुस्लिम होना चाहिए और हमें 30 सीटें मिलनी चाहिए...। हमें 15 मिली और 9 मुस्लिम उम्मीदवार जीते हैं। करीब 72 क्षेत्रों में कांग्रेस ने मुसलमानों की वजह से ही जीती। एक समुदाय के तौर पर हमने कांग्रेस को काफी कुछ दिया है। अब समय आ गया है कि हमें भी बदले में कुछ मिले।'

 कहा, 'हम मुस्लिम डिप्टी सीएम चाहते हैं और गृह, राजस्व और शिक्षा जैसे अच्छे मंत्रालयों में 5 मंत्री चाहते हैं। इसके जरिए हमारा शुक्रिया अदा करना कांग्रेस की जिम्मेदारी है। हमारी सभी मांगें पूरी हों, यह सुनिश्चित करने के लिए हमने सुन्नी उलेमा बोर्ड ऑफिस में आपातकालीन बैठक की है।'

सादी ने मुस्लिम नेता को डिप्टी सीएम बनाना कांग्रेस की 'जिम्मेदारी' बताया है। उन्होंने कहा, 'यह होना ही चाहिए। चुनाव से पहले ही हमारी यह मांग थी। इसे पूरा करना ही चाहिए। हम केवल यह कह रहे हैं कि डिप्टी सीएम मुस्लिम होना चाहिए। ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ और राज्य के 90 लाख लोग मुसलमान हैं। अनुसूचित जाति के अलावा हम सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय हैं। हम 30 सीटें चाहते थे, लेकिन नहीं मिली। लेकिन कम से कम हम यह चाहते हैं कि जैसे एसएम कृष्ण के समय की तरह 5 मुस्लिम मंत्री हों और अब एक डिप्टी सीएम हो।'

खड़गे चुनेंगे मुख्यमंत्री

कांग्रेस विधायकों ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विधायक दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत कर दिया। कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की रविवार शाम यहां एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया, जो कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनेगा। सीएलपी की बैठक में कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल और तीन केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने भी हिस्सा लिया।