*अतीक-अशरफ हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट का सवाल, यूपी सरकार से पूछा-दोनों को सीधे एंबुलेंस से अस्पताल के अंदर क्यों नहीं लाया गया?*

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अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में करवाने की मांग पर अदालत में सुनवाई जारी है।इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया कि अतीक और अशरफ अहमद को एंबुलेंस में अस्पताल के गेट तक क्यों नहीं ले जाया गया।अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के हत्या मामले की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ इस मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में मांग की गई है कि इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में स्वतंत्र जांच करवाई जाए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट तलब की है।

माफिया ब्रदर्स की हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा, अतीक-अशरफ को सीधे एंबुलेंस से अस्पताल के अंदर क्यों नहीं लाया गया। इस सवाल के जवाब में कोर्ट में यूपी सरकार की तरफ से मौजूद वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, हमने मामले की जांच किए जाने को लेकर एसआईटी बनाई है और हाईकोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में आयोग गठित कर मामले की जांच कर रहे हैं। रोहतगी के इस बयान पर याचिकाकर्ता ने बीच में ही टोकते हुए कहा, मैं 2017 से अब तक हुए एनकाउंटर की जांच की भी मांग कर रहा हूं।

इस दौरान उनसे कुछ तीखे सवाल पूछे गए। पीठ ने पूछा कि हत्यारों को कैसे पता की अतीक वहां आने वाला थाय़ ये भी पूछा गया कि एंबुलेंस को अस्पताल के अंदर क्यों नहीं लेकर जाया गया। आखिर क्यों अतीक-अशरफ की पैदल परेड कराई गई।

कोर्ट ने रोहतगी के इस बयान को रिकॉर्ड में लेते हुए यूपी सरकार से आने वाले तीन हफ्तों के अंदर अतीक-अशरफ हत्याकांड की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार हलफनामे में बताएगी कि किन परिस्थितियों में अतीक अशरफ की हत्या हुई। विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए गठित की गई जस्टिस बीएस चौहान की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने क्या कदम उठाए, इसकी जानकारी भी सरकार को देनी होगी।

जिया खान सुसाइड मामले में सूरज पंचोली को बड़ी राहत, सीबीआई की विशेष कोर्ट ने आरोपों से किया बरी

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जिया खान की आत्महत्या मामले में बॉयफ्रेंड सूरज पंचोली के खिलाफ आज मुंबई में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सूरज पंचोली को सुसाइड नोट में लगाए गए सभी आरोपों से बरी कर दिया है। आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप से भी अभिनेता बरी हो गए हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस जिया खान मुंबई में अपने घर पर 3 जून 2013 को मृत पाई गई थी। एक्ट्रेस की सुसाइड मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आज तकरीबन 10 साल बाद फैसला सुनाया।

पहले कोर्ट का फैसला जल्दी आने वाला था लेकिन जिया खान की मां राबिया ने कुछ लिखित चीज़ें जमा करने के लिए थोड़ा वक्त मांगा था। जिसके चलते कोर्ट ने अपना फैसाल 12:30 बजे तक के लिए रोक लिया था।सीबीआ ने सूरज पांचोली को जिया खान सुसाइड केस से पूरी तरह बरी कर दिया है। इस फैसले का इंतजार जिया खान की मां राबिया बड़ी बेसब्री के साथ कर रही थीं।उन्हें अपनी बेटी के लिए इंसाफ चाहिए था। हालांकि, उनके हाथ महज निराशा लगी है।

बता दें कि, बॉलीवुड अदाकारा जिया खान की लाश 3 जून 2013 के दिन उनके फ्लैट पर पायी गई थी। अभिनेत्री की लाश के पास छह पन्नों का सुसाइड नोट मिला था। बताया गया कि जिया खान ने मरने से पहले इसे खुद अपने हाथों से लिखा था। जिया की लाश के पास मिले सुसाइड नोट के अनुसार एक्टर सूरज पंचोली ने उन्हें सुसाइड के लिए उकसाया था, जो उस वक्त उनके बॉयफ्रेंड थे। इसके बाद मुंबई पुलिस ने 11 जून 2013 को बॉलिवुड एक्टर आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली को जिया को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।

जिया ने साल 2007 में अमिताभ बच्चन के साथ ‘निशब्द’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। बॉलीवुड में डेब्यू करने के दौरान जिया महज 21 साल की थीं. रामगोपाल वर्मा की इस फिल्म में जिया और अमिताभ के बीच रोमांटिक रिश्ता दिखाया गया था। जिया की एक्टिंग की काफी तारीफ हुई थी। इसके बाद जिया खान आमिर खान के साथ साल 2008 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘गजनी’ में नजर आई थीं। आमिर खान और असिन स्टारर इस फिल्म में जिया एक मेडिकल स्टूडेंट के रोल में थी। इसके बाद 2010 में जिया ने अपनी तीसरी और आखिरी फिल्म ‘हाउसफुल’ की थी। इस फिल्म में भी जिया ने अक्षय कुमार जैसे बड़े स्टार्स के साथ स्क्रीन शेयर की थी और ये फिल्म भी हिट रही थी।

*देश में फिर कोरोना ने बढ़ाई टेंशन, 24 घंटे में 7,533 नए मामले दर्ज*

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देश में कोरोना के मामलों में उतार चढ़ाव का दौर जारी है।पिछले 24 घंटे में कोरोना के 7,533 नए मामले सामने आए हैं। गुरुवार से तुलना करें तो नए मामलों में 19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को बीते 24 घंटे में 9,335 नए मामले सामने आए थे। यह आंकड़ा बुधवार को 9,629 था। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 44 और मरीजों की मौत के बाद देश में कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 5,31,468 हो गई है। इनमें वे 16 लोग भी शामिल हैं, जिनके नाम संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल ने वैश्विक महामारी से दम तोड़ने वाले मरीजों की सूची में जोड़े हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या 57,410 से घटकर 53,852 रह गई है। उपचाराधीन मरीजों की यह संख्या कुल मामलों का 0.12 प्रतिशत है। वहीं, भारत में मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.69 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 4,43,47,024 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.18 प्रतिशत है।

*10 साल बाद एक्ट्रेस जिया खान को मिलेगा न्याय? जानें क्या है पूरा मामला*

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बॉलीवुड अभिनेत्री जिया खान आत्महत्या मामले में सीबीआइ की विशेष सीबीआइ अदालत शुक्रवार को फैसला सुना सकती है। अभिनेता सूरज पंचोली पर जिया को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। जिया खान ने जुहू स्थित घर में आत्महत्या कर ली थी।

बॉलीवुड अदाकारा जिया खान की लाश 3 जून 2013 के दिन उनके फ्लैट पर पायी गई थी। अभिनेत्री की लाश के पास छह पन्नों का सुसाइड नोट मिला था। बताया गया कि जिया खान ने मरने से पहले इसे खुद अपने हाथों से लिखा था। जिया की लाश के पास मिले सुसाइड नोट के अनुसार एक्टर सूरज पंचोली ने उन्हें सुसाइड के लिए उकसाया था, जो उस वक्त उनके बॉयफ्रेंड थे। इसके बाद मुंबई पुलिस ने 11 जून 2013 को बॉलिवुड एक्टर आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली को जिया को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।

जिया खान की मृत्यु के बाद उनकी मां राबिया खान ने एक्टर सूरज पंचोली पर कई गंभीर आरोप लगाए। राबिया खान के अनुसार सूरज पंचोली ने उनकी बेटी को इतना परेशान कर दिया था कि उसके बाद मौत के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था। राबिया खान के आरोपों के बाद यह मामला सीबीआई को दिया गया। जिया खान की मां राबिया खान के अनुसार उनकी बेटी ने आत्महत्या नहीं बल्कि उसकी हत्या हुई है

लगभग एक महीने जेल में बिताने के बाद 1 जुलाई 2013 को सूरज पंचोली को जमानत पर रिहा कर दिया गया। इस मामले में पुलिस की जांच से जिया खान की मां राबिया ख़ान संतुष्ट नहीं थी। उनका कहना था की यह मामला हत्या का है और इसकी जांच हत्या का मामला समझकर करनी चाहिए। जिया की मां की अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने साल 2014 में मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दे दी थी। साल 2015 में सीबीआई ने मामले को जांच कर कोर्ट में सूरज पंचोली के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर थी। इसमें सूरज पंचोली पर एक्ट्रेस को खुदकुशी के लिए उकसाने की धारा 306 के तहत आरोप तय किये गये थे।

*प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में आए नीरज चोपड़ा, बोले- खिलाड़ियों को जल्द मिले न्याय*

#neeraj_chopra_supports_protest_of_wrestlers

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगभग तीन महीने बाद फिर से देश के अंतरराष्ट्रीय पहलवानों ने मोर्चा खोल दिया है। बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट सहित देश के शीर्ष पहलवानों का विरोध प्रदर्शन फिर से जंतर मंतर पर जारी है।सड़क पर उतरे देश के पहलवान सरकार से डब्ल्यूएफआई (भारतीय कुश्ती महासंघ) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शन कर रहे रेसलर्स को भारत के लिए एथलीट्स में पहला गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा का साथ मिला है। नीरज चोपड़ा ने न्याय की मांग के लिए खिलाड़ियों के सड़क पर उतरने को लेकर अफसोस जाहिर किया है। नीरज चोपड़ा ने ट्वीट कर कहा, न्याय की मांग को लेकर हमारे खिलाड़ी सड़क पर हैं। यह देखकर मुझे दुख होता है। हमारे महान देश को गर्व दिलाने के लिए इन खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत की है।उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हर व्यक्ति देश के सम्मान की रक्षा करने के लिए जिम्मेदार है। जो भी हो रहा है, वो नहीं होना चाहिए। भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर ने कहा कि ये बहुत गंभीर मामला है और न्याय के लिए अधिकारियों को तेजी से एक्शन लेना चाहिए।

बता दें कि रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ एफ़आईआर और गिरफ़्तारी की मांग को लेकर को लेकर रेसलर्स जंतर मंतर पर बीते 6 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। ये खिलाड़ी जनवरी में भी जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे। हालांकि तब सरकार की ओर से न्याय का आश्वासन मिलने के बाद खिलाड़ियों ने अपना प्रदर्शन वापस ले लिया था। लेकिन तीन महीने बाद भी मांगे पूरी नहीं होने के चलते खिलाड़ी दोबारा जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे।

मणिपुर में सीएम बीरेन के कार्यक्रम वाली जगह को भीड़ ने फूंका, धारा 144 लागू, इंटरनेट सर्विस भी सस्पेंड

#manipur_section_144_imposed_in_churachandpur_internet_service_suspended

मणिपुर के चुराचांदपुर में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पर भीड़ ने तोड़फोड़ और आगजनी की। पुलिस ने बताया कि गुरुवार रात करीब नौ बजे अनियंत्रित भीड़ ने इस घटना को अंजाम दिया गया। घटना के बाद, जिले में इंटरनेट पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही धारा 144 लागू कर दी गई है।दरअसल मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह चुराचांदपुर आने वाले थे। यहां उन्हें एक जिम का उद्घाटन करना था और एक जनसभा को संबोधित भी करना था।

सीएम के दौरे से पहले ही उनके कार्यक्रम स्थल पर भीड़ ने हमला बोल दिया और तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी।आक्रोशित भीड़ को आयोजन स्थल के अंदर कुर्सियों और अन्य सामान को भी तोड़ डाला और नवनिर्मित जिम के खेल उपकरणों में भी आग लगा दी। ये घटना गुरुवार की थी। इसके बाद जिले में इंटरनेट सर्विस बंद करने के साथ-साथ धारा 144 लगा दी गई है। वहीं, भीड़ के हमले के बाद पुलिस तुरंत एक्शन मोड में नजर आई और मौके पर पहुंचकर भीड़ को भगाया। हालांकि तब तक कार्यक्रम स्थल को नुकसान पहुंच चुका था। इससे पहले ही सैकड़ों कुर्सियों को आग के हवाले किया जा चुका था। 

वहीं, इस घटना के बाद से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है।स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर चुराचंदपुर प्रशासन ने जिले में सुरक्षा बढ़ा दी, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। जिसको देखते हुए पुलिस ने जिले में सुरक्षा बढ़ा दी है। 

जानकारी के मुताबिक घटना न्यू लमका की है। यहां भीड़ ने पीटी स्पोर्ट्स कॉम्पेल्क्स में बने ओपन जिम को भी आगे हवाले कर दिया था। इसके अलावा सद्भाव मंडप में आयोजित होने वाली जनसभा से पहले वेन्यू को नुकसान पहुंचाया गया। जानकारी के मुताबिक ये पूरा मामला आरक्षित वन क्षेत्र को खाली कराने केलिए चलाए जा रहे बेदखली अभियान से जुड़ा हुआ है जिसका किसान और आदिवासी निवासी पिछले काफी समय से विरोध कर रहे हैं। इसी के मद्दे नजक गुरुवार को बंद का आह्वान किया गया था।

भारत की मेजबानी में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक आज, चीन और पाकिस्तान भी होंगे शामिल

#meet_defence_minister_of_sco_countries_in_india

शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ देशों के रक्षा मंत्रियों का जमावड़ा आज से नई दिल्ली में होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे।बैठक के लिए चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री भाग लेने पहुंच रहे हैं। साथ ही भारत ने बेलारूस, ईरान समेत एससीओ पर्यवेक्षक देशों के रक्षा मंत्रियों को भी आमंत्रित किया है। बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री वर्चुअल तरीके से भाग लेंगे।एससीओ के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की आज होने वाली बैठक में क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा, आतंकवाद पर अंकुश और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर रहेगा। इस बैठक में हरेक देश अपना पक्ष रखेगा।

चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू, ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल शेराली मिर्जो, ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा घराई अस्तियानी और कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल रसलान झाक्सिलिकोव सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान के उनके समक्ष भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होने वाले सम्मेलन में भाग लेंगे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत की अगुवाई में एससीओ देशों के रक्षा मंत्री क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा के अलावा एससीओ के इलाके में आतंकवाद विरोधी प्रयासों पर भी बात करेंगे। साथ ही रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक बैठक में बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर भी मंथन होगा। इस बैठक के लिए आ रहे विभिन्न देशों के रक्षा मंत्री के साथ भारत के रक्षा मंत्री क़ई अहम द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। जहां द्विपक्षीय रक्षा संबंधी मुद्दों और आपसी हित के अन्य मामलों पर चर्चा की जाएगी।

रोटी पलटने का समय है अब’, शरद पवार के इस बयान के क्या हैं सियासी मायने?

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राजनीति में बयानों के बड़े मायने होते हैं। ऐसे ही एक बया से महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। दरअसल, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि रोटी पलटने का समय आ गया है।पवार के इस “मुहावरे” का महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में तरह तरह के अर्थ निकाले जा रहे हैं।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मुंबई के युवा मंथन कार्यक्रम में कहा, ''किसी ने मुझे कहा कि रोटी सही समय पर पलटनी होती है और अगर सही समय पर नहीं पलटी तो वो कड़वी हो जाती है। अब सही समय आ गया है रोटी पलटने का, उसमें देरी नहीं होनी चाहिए। इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आग्रह करूंगा की वो इस पर काम करें।

शरद पवार के इस बयान से कयास लगाए जाने लगे हैं। माना जा रहा है कि उनका इशारा भतीजे अजित पवार की तरफ है।दरअसल अजित पवार के अगले राजनीतिक कदम को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही है। दावा किया जा रहा है कि वह बीजेपी के साथ हाथ मिला सकते हैं। हाल ही में अजित पवार एनसीपी की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। हालांकि इन दावों को अजित पवार और शरद पवार खारिज करते रहे हैं।

अब शरद पवार के नए बयान से सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी। सवाल उठने लगा कि आखिर शरद पवार किस रोटी को पलटने की बात कर रहे हैं? क्या फिर से महाराष्ट्र में कोई बड़ा उलटफेर होने वाला है ?

मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को कहा- जहरीला सांप, भड़की भाजपा ने कहा- अपने आकाओं को खुश करने की कोशिश

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है। खड़गे ने पीएम मोदी को जहरीला सांप कहा है। कर्नाटक के कलबुर्गी में गुरुवार को चुनावी सभा को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा पीएम मोदी जहरीले सांप की तरह हैं। आप सोच सकते हैं कि यह जहर है या नहीं, लेकिन यदि आप उसे चखेंगे, तो आपकी मौत हो जाएगी।

कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान को लेकर बीजेपी हमलावर हो गई है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने खरगे का वीडियो शेयर किया है। वीडियो शेयर करते हुए मालवीय ने कहा है कि अब कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘जहरीला सांप’ कहा है। वो कहते हैं कि सोनिया गांधी ने ‘मौत का सौदागर’ कहकर जो शुरू किया था, हम जानते हैं कि उसका अंत कैसे हुआ। कांग्रेस लगातार नीचे गिरती जा रही है। इस हताशा से पता चलता है कि कांग्रेस कर्नाटक में जमीन खो रही है और ये बात उसे पता है।

अनुराग ठाकुर का खड़गे पर तंज

खड़गे के इस बयान के बाद बीजेपी ने लगातार कांग्रेस और खड़गे पर एक के बाद एक वार किए हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी अध्यक्ष तो बनाया लेकिन कोई उन्हें ऐसा मानता नहीं हैं, इसलिए उन्होंने सोनिया गांधी के बयान से भी ज्यादा घटिया बयान आज दिया।

राजनीतिक आकाओं को खुश करना चाहते हैं खड़गे- धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पीएम मोदी को लेकर खड़गे के बयान के आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया।

खड़गे की सफाई

बवाल बढ़ता देख खरगे ने अपने बयान पर सफाई दी है। खड़गे ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका मतलब पीएम मोदी से नहीं बल्कि उनके पार्टी से था और उन्होंने पीएम मोदी को नहीं अपितु बीजेपी को जहरीला कहा था।

सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक शादियों की मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान बोले सीजेआई, अब हम कानून के मामले में अमेरिका से बहु


सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को भी समलैंगिक शादियों की मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सरकार इसी बात पर अड़ी है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में सुनवाई नहीं करना चाहिए और फैसला संसद पर छोड़ देना चाहिए। बुधवार को दिलचस्प बहस हुई। केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र किया तो सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अब हम कानून के मामले में अमेरिका से बहुत आगे निकल गए हैं।

दरअसल तुषार मेहता ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का जिक्र किया था जिसमें कोर्ट ने पांच दशक पुराने ऐतिहासिक फैसले को बदलकर महिलाओं को गर्भपात करवाने के कानूनी अधिकार को समाप्त कर दिया था। सीजेआई ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि भारत अमेरिका के कानून से इस मामले में बहुत आगे है। आखिर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले का जिक्र सुप्रीम कोर्ट में किया गया यहां डिटेल में पढ़िए।

क्या था अमेरिका का पूरा मामला

अमेरिका में पहले महिलाओं को गर्भपात करवाने का कानूनी अधिकार दिया था। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ही साल 1973 में महिलाओं को यह अधिकार दिया था। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को पलटते हुए कहा कि संविधान गर्भपात का अधिकार नहीं देता है। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा था कि अमेरिका के सभी राज्य गर्भपात को लेकर अपने अलग से नियम कानून बना सकते हैं।

क्या था 50 साल पहले का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने जिस फैसले को पलटा उस केस का नाम था, 'रो वी वेड।' उस मामले में हुआ यह था कि नॉर्मा मैककॉर्वी नाम की महिला को तीसरा बच्चा होने वाला था लेकिन वह उसे जन्म नहीं देना चाहती थीं। उन्होंने जब अमेरिका के फेडरल कोर्ट का रुख किया तो उन्हें गर्भपात करवाने की इजाजत नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और वहां से उन्हें गर्भपात करवाने की इजाजत दे दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गर्भ के बारे में फैसला महिलाओं को ही करना चाहिए। इसके बाद से अमेरिका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात करवाने का अधिकार मिला हुआ था। साल 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 6:3 के बहुमत से 50 साल पुराने फैसले को पलट दिया। इस फैसले में गर्भपात को असंवैधानिक बताया गया।

इस मामले में भारत कैसे है आगे?

सीजेआई ने कहा कि इस मामले में भारत अमेरिका से आगे है। दरअसल रो वी वेड फैसले दो साल पहले ही भारत में मेडिकल टर्मिनेशन प्रेग्नेंसी ऐक्ट 1971 पास किया था। इस कानून के तहत भारत में महिलाओं को शर्तों के साथ गर्भपात कराने का अधिकार दिया गया था। फिलहाल कई संशोधनों के बाद अब 24 हफ्ते तक गर्भपात कराने का अधिकार है। इसमें भी कई अपवाद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अविवाहित महिलाओं को भी 24 हफ्ते की प्रेग्नेंसी तक गर्भपात का अधिकार दे दिया था। सामान्य मामलों में पहले केवल विवाहित महिलाओं को ही 20 से 24 हफ्ते के बीच गर्भपात का अधिकार था।