*संसार के सभी दुखों का कारण तृष्णा है, जो कभी भी पूरी नहीं होती*
कमलेश मेहरोत्रा
सीतापुर- नगर के प्रसिद्ध हनुमत निवास मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में आज शनिवार को श्रीमद् भागवत कथा की अमृत वर्षा करते हुए अयोध्या धाम के कथा व्यास पंडित स्वामी हरिनारायणाचार्य शास्त्री जी महाराज ने छठे दिन रुक्मणी मंगल कथा का अलौकिक वर्णन करते हुए कहा कि, आत्मा से परमात्मा का मिलन ही रुकमणी मंगल है।
इस अवसर पर कथा व्यास ने कहा जो भक्त सच्चे हृदय से प्रभु की शरण में आ जाता है उसकी वह सदैव रक्षा करते हैं, उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनने से ज्ञान बैराग्य व भक्ति के बीच संतुलन हो जाता है। भागवत कथा सुनने से मन को शांति प्राप्त होती है जो भक्त ज्ञान द्वारा आत्मा का स्वरूप पहचान लेता है, वह मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है।
कथा व्यास ने कहा कि संसार के सभी दुखों का कारण तृष्णा है जो कभी भी पूरी नहीं होती और मनुष्य तृष्णा के पीछे मोह माया वश भागता रहता है, कथा व्यास ने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि प्रभु की कृपा पाने की मन में तृष्णा रखें ना कि सांसारिक मोह माया की। इस मौके पर भारी संख्या में बच्चे महिलाएं और श्रद्धालु कथा को श्रवण करने के लिए उपस्थित थे।
Apr 08 2023, 19:52