गोवर्धन पूजा की दिव्य कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए
कमलेश मेहरोत्रा
लहरपुर (सीतापुर)। नगर के प्रसिद्ध हनुमत निवास मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में पंचम दिवस शुक्रवार को गोवर्धन पूजा व छप्पन भोग कथा का अलौकिक वर्णन किया गया। कथा में गोवर्धन पूजा की दिव्य कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
कथा व्यास स्वामी पंडित हरिनारायणाचार्य शास्त्री जी महाराज अयोध्या धाम ने भगवान गिरिराज जी महाराज के समक्ष, सुंदर छप्पन भोग के दर्शन कराए, उन्होंने कहा कि जहां सत्य एवं भक्ति का समन्वय होता है, वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। गाय की सेवा के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिन्दू परिवार में गाय की सेवा अवश्य होनी चाहिए, क्योंकि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है, गाय का दूध अमृत के समान है। कथा व्यास ने गोवर्धन पूजा की कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए कहा कि वर्षा के देवता इंद्र को प्रसन्न करने के लिए की जा रही तैयारियों को लेकर नंद वासियों से, भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है, वर्षा से इंद्र का कोई मतलब नहीं है, ऐसा सुनने के बाद इंद्र देवता नाराज हो गए और भारी बारिश से नंद गांव में त्राहि-त्राहि मच गई, नंद वासियों को बारिस के प्रकोप से बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को ही उठा लिया और नंद गांव के लोग सुरक्षित हो गए इसके बाद से ही गोवर्धन पूजा का क्रम शुरु हुआ। श्रीमद् भागवत कथा की अमृत वर्षा को स्ट्रांग करने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु, महिलाएं व बच्चे उपस्थित थे।
Apr 08 2023, 15:37