पोषण पखवाड़ा के समापन समारोह में सीडीपीओ ने चमकी बुखार, लू व अगलगी से बचाव हेतू लोगो को किया जागरूक

गौनाहा :-बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कुमारी सुचेता ने पोषण पखवाड़ा के समापन समारोह में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 38 के पोषक क्षेत्र के लोगों को चमकी बुखार, लू व अगलगी से बचाव हेतु कई आवश्यक दिशा निर्देश दी।

जमुनिया पंचायत के बैदौली गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर चुने गए 5 स्वस्थ बालक व बालिकाओं को सीडीपीओ द्वारा पुरस्कृत किया गया। किशोरी व महिलाओं को एनीमिया से बचाव हेतु जानकारी दी गयी।

इस अवसर पर किशोरियों को नीली गोली खिलाई गयी ताकि उन्हें खतरनाक बीमारियों से बचाया जा सके। बच्चों के पोषण हेतु उन्हें शपथ भी दिलाई गई।

इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीणों को चमकी बुखार, लूह और आगलगी से बचाव हेतू विस्तृत जानकारी देते हुए उन्हें जागरूक किया गया।

पोषण पखवाड़ा के समापन समारोह में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका व आशा कार्यकर्ता शामिल थी।

राजद नेता के आवास पर इफ्तेहार पार्टी का हुआ आयोजन, महागठबंधन शामिल दलों के नेता हुए शामिल

नरकटियागंज : प्रखंड के मझरिया गांव में इफ्तेहार पार्टी का आयोजन किया गया। इस दौरान महागठबंधन मे शामिल दलों के कई नेता भी मौजूद रहे।

बता दे कि इफ्तार पार्टी का आयोजन राजद के प्रखंड उपाध्यक्ष मोहमद अबुलैश के आवास पर किया गया। दावत-ए- इफ्तार पार्टी में बड़ी संख्या में सभी समुदाय के लोगों ने शामिल होकर एक दूसरे को गले मिलकर माहे रमजान महीने का बधाई देते हुए समाज में भाईचारा एवं अमन चैन की दुआ मांगी।

तत्पश्चात सभी समुदाय के लोगों ने एक साथ बैठकर गंगा जमुनी तहजीब का झलक पेश करते हुए इफ्तार पार्टी में शामिल हुए।

इस दौरान पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मजहर आलम,पूर्व मुखिया पति विजय सिंह,कांग्रेस नेता अमजद अली,राजद नेता सगीर अहमद,सगीर अहमद,सुशील कुमार,जाकिर आलम, तारकिशोर यादव,सतेंद्र कुमार के साथ अन्य कई नेता मौजूद रहें।

जाति आधारित जनगणना हेतु 6 पंचायत के 194 प्रगणको एवं प्रवेक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण

गौनाहा :- बिहार जातिय आधारित जनगणना 2022 _23 के द्वितीय चरण के गणना हेतु सोमवार को 194 प्रगणको एवं प्रवेक्षकों एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। 

प्रशिक्षण का विधिवत उद्घाटन बीडीओ सह चार्ज पदाधिकारी अजय प्रकाश राय, सीओ सह सहायक चार्ज पदाधिकरी अमित कुमार, बीपीआरओ अन्नपूर्णा कुमारी द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर की गई।

बीडीओ ने प्रशिक्षण पा रहें प्रगणक व प्रवेक्षकों को जनगणना से संबंधित कई आवश्यक दिशा निर्देश दिया|

उन्होंने कहा कि जातिय आधारित जनगणना में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

उनका कहना था कि प्रखंड मुख्यालय स्थित सभागार,बीआरसी भवन व कन्या मध्य विद्यालय के प्रांगण में दो दो पंचायत के प्रगणकों व प्रवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है| 

प्रशिक्षण के प्रथम दिन बजड़ा, भितिहरवा, बेलसंडी, धमौरा, बेलवा व लक्षणौता के प्रगणकों व प्रवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया| शेष 12 पंचायत के प्रगणक व प्रवेक्षकों को 5 व 6 अप्रैल को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

प्रखंड मुख्यालय स्थित सभागार में आई टी सहायक गौनाहा सह जिला ट्रेनर प्रवीण कुमार द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। 

अन्य प्रशिक्षको में हरि मोहन शर्मा, रूपेश कुमार, सुधीर महतो व दीपक कुमार शामिल थे।

विदित हो कि पूरे प्रखंड में 493 प्रगणक व 88 प्रवेक्षक जाति आधारित जनगणना हेतु लगाए गए हैं।

जाति आधारित जनगणना हेतु 6 पंचायत के 194 प्रगणको एवं प्रवेक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण

गौनाहा :- बिहार जातिय आधारित जनगणना 2022 _23 के द्वितीय चरण के गणना हेतु सोमवार को 194 प्रगणको एवं प्रवेक्षकों एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। 

प्रशिक्षण का विधिवत उद्घाटन बीडीओ सह चार्ज पदाधिकारी अजय प्रकाश राय, सीओ सह सहायक चार्ज पदाधिकरी अमित कुमार, बीपीआरओ अन्नपूर्णा कुमारी द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर की गई।

बीडीओ ने प्रशिक्षण पा रहें प्रगणक व प्रवेक्षकों को जनगणना से संबंधित कई आवश्यक दिशा निर्देश दिया|

उन्होंने कहा कि जातिय आधारित जनगणना में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

उनका कहना था कि प्रखंड मुख्यालय स्थित सभागार,बीआरसी भवन व कन्या मध्य विद्यालय के प्रांगण में दो दो पंचायत के प्रगणकों व प्रवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है| 

प्रशिक्षण के प्रथम दिन बजड़ा, भितिहरवा, बेलसंडी, धमौरा, बेलवा व लक्षणौता के प्रगणकों व प्रवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया| शेष 12 पंचायत के प्रगणक व प्रवेक्षकों को 5 व 6 अप्रैल को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

प्रखंड मुख्यालय स्थित सभागार में आई टी सहायक गौनाहा सह जिला ट्रेनर प्रवीण कुमार द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। 

अन्य प्रशिक्षको में हरि मोहन शर्मा, रूपेश कुमार, सुधीर महतो व दीपक कुमार शामिल थे।

विदित हो कि पूरे प्रखंड में 493 प्रगणक व 88 प्रवेक्षक जाति आधारित जनगणना हेतु लगाए गए हैं।

मैट्रीक परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर अंशु और दिव्या ने किया आईडियल कोचिंग का नाम रौशन

नरकटियागंज: प्रखंड के ब्लॉक रोड बरवा गाँव में संचालित आईडियल कोचिंग सेंटर के छात्रों ने बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा परिणाम में इस बार फिर से शानदार प्रदर्शन कर अपने क्षेत्र में चर्चा का विषय बने हुए हैं और गाँव के लोग भी काफी उत्साहित हैं। 

आपको बता दें कि पुरैनिया निवासी अंशु कुमारी ने मैट्रिक परीक्षा में 401 अंक लाकर अपने कोचिंग के साथ-साथ पूरे क्षेत्र का नाम रौशन की है पूछे जाने पर अंशु कुमारी ने इसका  सारा श्रेय अपने माता-पिता और आईडियल कोचिंग के शिक्षकों को दिया है।  

कोचिंग के संचालक रविरंजन कुमार ने बताया कि अंशु ने अच्छा प्रदर्शन किया है साथ ही दिव्या कुमारी के अलावा भी छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया है सभी मेरे तरफ उज्जवल भविष्य की हार्दिक शुभकामनाएं । 

मौके पर उपस्थित अन्य शिक्षक जमाल खान,रुबीना ख़ातून इत्यादि छात्र-छात्राओं ने मिठाई खिलाकर एक दूसरे को बधाई दी।

उड़ीसा राज्य की स्थापना दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का किया गया आयोजन।

 आज दिनांक 1 अप्रैल 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में उड़ीसा राज्य की स्थापना दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया,

 जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ,बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर सर्वप्रथम उड़ीसा राज्य के संस्थापकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।जिन्होंने अपने त्याग एवं परिश्रम से उड़ीसा राज्य की आधारशिला रखी। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता डॉ ,सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली , डॉ अमित कुमार लोहिया ने संयुक्त रूप से कहा कि उड़ीसा आज उत्कल दिवस मना रहा है।

 1 अप्रैल 1936 को बिहार, मद्रास प्रेसीडेंसी, संयुक्त बंगाल के कुछ हिस्सों को अलग कर ओडिशा प्रांत को अलग पहचान मिली थी। 

‘उत्कल दिवस’ या ‘उत्कल दिबाशा’ पर पूरे प्रांत मे उड़ीसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज ही के दिन ओडिशा को भाषाई आधार पर एक अलग राज्य का दर्जा मिला था। 1 अप्रैल 1936 को बिहार, मद्रास प्रेसीडेंसी, संयुक्त बंगाल के कुछ हिस्सों को अलग कर ओडिशा प्रांत को अलग पहचान मिली थी। 

ओडिशा राज्य में जनजातीय आबादी काफी अधिक है। आंकड़ों पर अगर गौर करें तो यहां तीसरी बड़ी आबादी जनजातीय लोगों की है। विभिन्न जनजातियों की अपनी भाषा तो यहां बोलचाल की भाषा है ही लेकिन अधिकारिक रुप से यहां उड़िया है। गैर जनजातीय समाज उड़िया में बात करता है। हालांकि, काफी हिस्से में यहां बंगाली भाषा भी बोली जाती है। भाषाई आधार पर अंग्रेजी हुकूमत ने उड़ीसा को अलग राज्य का दर्जा हुआ ।

ओडिशा कई शक्तिशाली राजाओं के शासन का गवाह रहा है। मौर्य शासन के दौरान यह क्षेत्र कलिंग का हिस्सा बन गया। 261 ईसा पूर्व में राजा अशोक ने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की थी। राजा खारवेल के शासन के दौरान राज्य को कला, वास्तुकला और मूर्तिकला की भूमि के रुप में पहचान मिली। गजपति मुकुंददेव ओडिशा के लोकप्रिय शासक थे। 1803 में यह क्षेत्र ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन आ गया।

1,55,707 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वाले ओडिशा की राजधानी आजादी के पहले कटक हुआ करती थी। लेकिन आजाद भारत में प्रांत की राजधानी को भुवनेश्वर करने का फैसला किया गया। साल 1948 में ओडिशा की राजधानी को भुवनेश्वर में बनाया गया। इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल शाहनवाज अली एवं सामाजिक कार्यकर्ता नवीदू चतुर्वेदी ने कहा कि

ओडिशा कई शक्तिशाली राजाओं के शासन का गवाह रहा है। मौर्य शासन के दौरान यह क्षेत्र कलिंग का हिस्सा बन गया। 261 ईसा पूर्व में राजा अशोक ने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की थी। राजा खारवेल के शासन के दौरान राज्य को कला, वास्तुकला और मूर्तिकला की भूमि के रुप में पहचान मिली। गजपति मुकुंददेव ओडिशा के लोकप्रिय शासक थे।

 1803 में यह क्षेत्र ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन आ गया। इस मंच के माध्यम से समस्त उड़ीसा वासियों को शुभकामना देते हैं।

नरकटियागंज में त्रिदिवसीय आचार्य कार्यशाला का किया गया शुभारंभ

नरकटियागंज :आज दिनांक 31-1-23 दिन शुक्रवार को गोदावरी देवी रामचंद्र प्रसाद सरस्वती विद्या मंदिर पुरानी बाजार नरकटियागंज में त्रिदिवसीय आचार्य कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। यह कार्यशाला आगामी आगामी 2 अप्रैल 23 तक चलेगा।

कार्यक्रम का शुभारंभ जिला निरीक्षक अनिल कुमार राम (लोक शिक्षा समिति बिहार) अध्यक्ष वर्मा प्रसाद सचिव सुरेंद्र जायसवाल प्रधानाचार्य वाणी कांत झा ने दीप प्रज्वलित कर किया।

इसमें आगामी सत्र 2023-24 के लिए वार्षिक कार्य योजना तैयार किया गया। इसमें विद्यालय की हरेक गतिविधि रूपरेखा कैसी हो ?भैया बहन की पढ़ाई की व्यवस्था कैसे सुदृढ़ हो ? हमारे भैया बहन का विकास कैसे हो? उस पर बारीकी से चर्चा की गई।

नए सत्र में विद्यालय द्वारा हरेक गतिविधि को ध्यान में रखते हुए भैया बहनों के लिए स्मार्ट बोर्ड लगाने का भी प्रस्ताव पारित हुआ। ताकि हमारे भैया बहन को पढ़ाई संबंधी कोई परेशानी ना हो हमारे भैया बहुत अच्छे ढंग से पढ़ाई कर सकें और जीवन में आगे बढ़ सके।

मौके पर आचार्य नितेश कुमार वर्मा, विनोद दुबे, अभय तिवारी, प्रभात कुमार मिश्र, कलाधर पाठक, अभिषेक श्रीवास्तव, मलय निरभ, प्रेमचंद्र मिश्रा, श्याम बिहारी सिंह, सुरेश यादव, रुपेश मिश्रा, विनोद सिंह , सुरेंद्र प्रताप सिंह आचार्या अप्पी कुमारी, मेघना खर्दवाल , सोनी कुमारी, रजनी कुमारी, स्मिता कुमारी आदि उपस्थित रहे।

सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन का आह्वान, तिब्बती स्वाधीनता एवं तिब्बती शरणार्थियों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करें संयुक्त राष्ट्र संघ एवं विश्व बिरादरी


बेतिया : तिब्बत के आध्यात्मि धर्मगुरु ने अपने सहयोगियों संग चीनी सरकार के यातनाओं एवं उत्पीड़नो से तंग आकर दलाई लामा ने शांति एवं तिब्बती सांस्कृतिक पहचान बचाने के लिए भारत का रुख किया था, आज ही के दिन 30 मार्च 1959 को दलाई लामा लगभग 1महीने के दुर्लभ यात्रा के बाद भारत पहुंचे थे। दलाई लामा तब से भारत में रहे हैं, जब 1959 में, तिब्बत से स्थानीय आबादी के सहयोग अपने सहयोगियों के साथ से निकले थे। तिब्बत सरकार का निर्वासन सरकार हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से संचालित होता है। भारत में लगभग 1,60,000 से अधिक तिब्बती रहते हैं।

इस अवसर पर, डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड , डॉ शाहनवाज अली डॉ अमित कुमार लोहिया , मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक एस सबा,डॉ महबूब उर रहमान, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता दलाई लामा ने अपनी शांति और दया के माध्यम से दुनिया को प्रेरित किया है। तिब्बतियों और उनकी विरासत के लिए संघर्ष के प्रतीक के रूप में है। 

1959 से अब तक स्वतंत्रता में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा और तिब्बतियों की मेजबानी करने के लिए सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विश्व की सभी संस्थाएं भारत को धन्यवाद देते हैं, और तिब्बत की स्वाधीनता की कामना करते हैं।  

"दलाई लामा आशा के दूत हैं, जिनका आध्यात्मिक मार्गदर्शन गर्मजोशी और करुणा को आगे बढ़ाने, धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने, मानव अधिकारों को सुरक्षित रखने और तिब्बती लोगों की भाषा और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण बल रहा है।

इस अवसर पर, संयुक्त राष्ट्र संघ एवं विश्व की सरकारों से अपील करते हैं तिब्बत में लोकतंत्र बहाली के लिए उचित कार्यवाही करें ताकि दलाई लामा अपने देश लौट सके, जिसका सपना विगत 64 वर्षों से दलाई लामा एवं तिब्बती लोग देख रहे हैं।

पूर्ण स्वच्छ, निष्पक्ष, भयमुक्त एवं शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न कराएं मतदान : जिलाधिकारी।


थ्री लेयर रहेगी सुरक्षा व्यवस्था, पर्याप्त संख्या में पुलिस पदाधिकारी, पुलिस बलों की है तैनाती : पुलिस अधीक्षक।

जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार एवं पुलिस अधीक्षक, बेतिया, श्री उपेंद्र नाथ वर्मा द्वारा की गई संयुक्त ब्रीफिंग।

03-सारण स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन अंतर्गत मतदान 31मार्च को।

मतदान का समय प्रातः 08.00 बजे से अपराह्न 04.00 बजे तक निर्धारित।

बेतिया। 03-सारण स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन-2023 अंतर्गत 31 मार्च को मतदान तथा 05 अप्रैल को मतो की गणना होगी। मतदान का समय प्रातः 08.00 बजे से अपराह्न 04.00 बजे तक निर्धारित है। 

मतदान को स्वच्छ, निष्पक्ष, भयमुक्त एवं शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने के उद्देश्य से आज समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार एवं पुलिस अधीक्षक, बेतिया, श्री उपेंद्र नाथ वर्मा द्वारा संयुक्त ब्रीफिंग की गई। 

इस ब्रीफिंग में उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, सहायक समाहर्त्ता, सुश्री शिवाक्षी दीक्षित, अपर समाहर्त्ता, श्री राजीव कुमार सिंह, उप निर्वाचन पदाधिकारी, श्री लालबहादुर राय सहित सभी स्टैटिक-सह-सेक्टर मजिस्ट्रेट/पुलिस पदाधिकारी, जोनल दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे।

इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि सभी मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारी पूरी मुस्तैदी के साथ निर्वाचन को सफलतापूर्वक संपन्न कराएंगे। उन्होंने कहा कि सभी स्टैटिक-सह-सेक्टर मजिस्ट्रेट/पुलिस पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले मतदान केंद्रों पर मतदान दल के सभी सदस्य, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल मतदान सामग्री के साथ आज संध्या में पहुंच गए हैं। 

उन्होंने निर्देश दिया कि सभी स्टैटिक-सह-सेक्टर मजिस्ट्रेट/पुलिस पदाधिकारी मतदान केंद्र परिसर में मतदान अवधि में विधि-व्यवस्था संधारित करेंगे। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या शिकायत प्राप्त होने पर शिकायतों का स्थलीय जांच करेंगे एवं नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। यदि मतदान कर्मियों के बीच मतदान प्रक्रिया के संबंध में कोई संदेह हो तो उसे तुरंत दूर करेंगे।

उन्होंने निर्देश दिया कि मतदान के दौरान मतदान केंद्र के 200 मीटर की परिधि क्षेत्र प्रतिबंधित क्षेत्र होता है अतः प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी दल द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर मतदाता को पर्ची निर्गत करने अथवा मतदाताओं को प्रभावित करने का कार्य नहीं किया जा रहा है।

उन्होंने निर्देश दिया कि सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सभी थानाध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत भ्रमणशील रहकर सुरक्षा व्यवस्था एवं विधि व्यवस्था का संधारण सुनिश्चित करेंगे। संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी उक्त निर्वाचन के आलोक में मतदान को स्वच्छ, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने हेतु धारा-144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा लागू करेंगे।

उन्होंने कहा कि सभी अनुमंडल पदाधिकारी जिला नियंत्रण कक्ष की भांति अपने-अपने अनुमंडल मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित करेंगे। नियंत्रण कक्ष में दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी सहित पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति करेंगे। प्रत्येक नियंत्रण कक्ष में क्यूआरटी अलर्ट मोड में तैनात रहेंगे। 

उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि जिलास्तर सहित सभी नियंत्रण कक्ष में आवश्यक संसाधनों के साथ चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ, जीवन रक्षक उपकरण सहित एक-एक एम्बुलेंस की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करेंगे। जिला अग्निशमन पदाधिकारी नियंत्रण कक्ष में एक-एक अग्निशमन वाहन की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करेंगे।

समीक्षा के क्रम में बताया गया कि निर्वाचन को स्वच्छ, निष्पक्ष, भयमुक्त एवं शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने हेतु जिला स्तर पर समाहरणालय सभागार में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। जिसका दूरभाष संख्या 06254-240204 है। इस नियंत्रण कक्ष के वरीय प्रभारी पदाधिकारी, अनिल कुमार राय, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, पश्चिमी चंपारण को बनाया गया है।

उप निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि 03-सारण स्नातक हेतु कुल मतदाताओं की कुल संख्या-13622 है, जिसमें पुरूष मतदाताओं की संख्या-10593 तथा महिला मतदाताओं की संख्या-3029 है। इसी तरह 03-सारण शिक्षक हेतु कुल मतदाताओं की संख्या-1538 है, जिसमें पुरूष मतदाताओं की संख्या-1349 तथा महिला मतदाताओं की संख्या-189 है। उन्होंने बताया कि सारण स्नातक हेतु जिले के सभी अंचल कार्यालय को मतदान केन्द्र बनाया गया है तथा 03-सारण शिक्षक हेतु सभी जिले के सभी प्रखंड विकास कार्यालय को मतदान केन्द्र बनाया गया है। 

उन्होंने बताया कि मतदान बैलेट पेपर के माध्यम से सम्पन्न होगी। निर्वाचक इसमें अधिमानता के क्रम में मतपत्र पर अपना मत अंकित कर सकते हैं। मत अंकित करने की प्रक्रिया इस प्रकार हैः-

● मतदान के लिए सिर्फ बैंगनी (Violet) स्केच पेन, जो आपको मतपत्र के साथ ही दी जाती है, का उपयोग करें। अन्य कोई भी कलम या पेंसिल या बॉलपेन का इस्तेमाल नहीं करें।

● अभ्यर्थी के नाम के सामने स्थित अधिमानता क्रम वाले स्तंभ में अपने पहले पसंद के अभ्यर्थी को अंक 1 लिखकर मतदान करें।

● चुने जाने हेतु अभ्यर्थियों की संख्या एक से अधिक रहने पर भी अंक सिर्फ 1 एक ही अभ्यर्थी के सामने किया जायेगा। 

● प्रत्येक मतदाता अधिकतम उतनी अधिमानतायें अंकित कर सकता है, जितने चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी होंगे। 

● शेष बचे हुए अभ्यर्थियों के लिये अपनी अगली अधिमानतायें बाद के अंकों 2, 3, 4 आदि के रूप में अपनी अधिमानता के आधार पर अंकित करें।

● किसी भी अभ्यर्थी के नाम के सामने केवल एक ही अंक अंकित करें। समान अंक एक से अधिक अभ्यर्थी के नाम के सामने नहीं अंकित किया जाना चाहिए।

● अधिमानता केवल अंकों में जैसे 1, 2, 3 आदि में अंकित किया जायेगा। अधिमानता शब्दों में जैसे एक, दो, तीन, चार आदि में नहीं किया जायेगा।

● अंकों को भारतीय अंक के अंतरराष्ट्रीय रूप जैसे 1, 2, 3, 4, 5 आदि या रोमन रूप I, II, III आदि या संविधान की आठवीं सूची में मान्यता प्राप्त किसी भारतीय भाषा में अंकित किया जा सकता है। 

● मतपत्र पर अपना हस्ताक्षर या अद्याक्षर या नाम या कोई शब्द नहीं लिखें। अपने अंगूठें का निशान भी नहीं दें।

● अपनी अधिमानता दर्शाने के लिए सही का निशान या क्रॉस का निशान अंकित नहीं करें। ऐसे मतपत्र अस्वीकृत कर दिये जायेंगे।

● अपने मतपत्र को वैध बनाने के लिये आपको किसी एक अभ्यर्थी के सामने अंक 1 अंकित करना चाहिए। अन्य अधिमानतायें केवल ऐच्छिक है अनिवार्य नहीं।

आर्य समाज की स्थापना दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ने विश्व शांति एवं पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

बेतिया : आर्य समाज की स्थापना दिवस पर दिया विश्व शांति मानवता पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक सद्भावना का संदेश। आज आर्य समाज की स्थापना दिवस के अवसर पर विश्व शांति मानवता पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक सद्भावना का संदेश देते हुए अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सहा सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली ,डॉ अमित कुमार लोहिया ने संयुक्त रूप से कहा कि चैत शुक्ल 5, 1932विक्रम संवत 1875 ई0 को आर्य समाज की स्थापना हुई। जिसकी स्थापना स्वामी दयानन्द सरस्वती ने १८७५ में बंबई में मथुरा के स्वामी विरजानन्द की प्रेरणा से की थी। 

यह आन्दोलन पाश्चात्य प्रभावों की प्रतिक्रिया स्वरूप हिंदू धर्म में सुधार के लिए प्रारम्भ हुआ था। आर्य समाज में शुद्ध वैदिक परम्परा में विश्वास करते थे तथा मूर्ति पूजा, अवतारवाद, बलि, झूठे कर्मकाण्ड व अन्धविश्वासों को अस्वीकार करते थे। इसमें छुआछूत व जातिगत भेदभाव का विरोध किया तथा स्त्रियों व शूद्रों को भी यज्ञोपवीत धारण करने व वेद पढ़ने का अधिकार दिया था। स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा रचित सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रन्थ आर्य समाज का मूल ग्रन्थ है। आर्य समाज का आदर्श वाक्य है: कृण्वन्तो विश्वमार्यम्, जिसका अर्थ है - विश्व को आर्य बनाते चलो। 

इस अवसर पर आर्य समाज के महान विभूतियों स्वामी दयानन्द सरस्वती, स्वामी श्रद्धानन्द, महात्मा हंसराज, लाला लाजपत राय, भाई परमानन्द, राम प्रसाद 'बिस्मिल', पंडित गुरुदत्त, स्वामी आनन्दबोध पुष्पांजलि अर्पित की गई।

दयानन्द सरस्वती ने 10 अप्रैल सन् 1875 ई. (चैत्र शुक्ला 5 शनिवार सम्वत् 1932 विक्रमी) को मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की थी। इससे पूर्व उन्होंने 6 या 7 सितम्बर, 1872 को वर्तमान बिहार प्रदेश के ‘आरा’ स्थान पर आगमन पर भी वहां आर्यसमाज स्थापित किया था। उपलब्ध इतिहास व जानकारी के अनुसार यह प्रथम आर्यसमाज था। परन्तु उसके एक-दो ही अधिवेशन हुए। 

स्वामी दयानन्द ने 31 दिसम्बर 1874 से 10 जनवरी 1875 तक राजकोट में प्रवास कर वैदिक धर्म का प्रचार किया। यहां जिस कैम्प की धर्मशाला में स्वामी ठहरे, वहां उन्होंने आठ व्याख्यान दिये जिनके विषय थे ईश्वर, धर्मोदय, वेदों का अनादि और अपौरुषेय होना, पुनर्जन्म, विद्या-अविद्या, मुक्ति और बन्धन, आर्यों का इतिहास और कर्तव्य। यहां स्वामीजी ने पं. महीधर और जीवनराम शास्त्री से मूर्तिपूजा और वेदान्त-विषय पर शास्त्रार्थ भी किया। 

स्वामीजी का यहां राजाओं के पुत्रों की शिक्षा के कालेज, राजकुमार कालेज में एक व्याख्यान हुआ। उपदेश का विषय था ‘‘अंहिसा परमो धर्मः”। यहां स्कूल की ओर से स्वामीजी को प्रो. मैक्समूलर सम्पादित ऋग्वेद भेंट किया गया था। राजकोट में आर्यसमाज की स्थापना के विषय में पं. देवेन्द्रनाथ मुखोपाध्याय रचित महर्षि दयानन्द के जीवन चरित में विभिन्न विवरण प्राप्त होता है।