अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महारानी जानकी कुंवर की 153वीं जन्मदिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन द्वारा दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि
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बेतियि :- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2023 के के अवसर पर, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एवं वीरांगना बेतिया राज की अंतिम महारानी महारानी जानकी कुंवर की 153 वी जन्म दिवस पर, सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के तत्वाधान में महान स्वतंत्रता सेनानी वीरांगना, बेतिया राज के अंतिम महारानी जानकी कुंवर की 153 वीं जन्मदिवस ,चित्तौड़ की महान शासक ,महारानी कर्णावती की शहादत दिवस एवं विगत वर्षों में विभिन्न घटनाओं में पूरे विश्व में मारे गए लोगो विशेष रुप से महिलाओं एवं बालिकाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए डा0 एजाज अहमद ,अधिवक्ता ने कहा कि आज ही के दिन चित्तौड़ की महारानी महारानी कर्णावती ने सुल्तान बहादुर शाह के आक्रमण को रोकने अभिमान, सम्मान एवं मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए अपनी 13000 सहयोगियों के संग अग्नि समाधि (जौहर ) द्वारा अपने प्राणों की आहुति दे दी।
अपनी मृत्यु के पूर्व महारानी कर्णावती ने सहायता के लिए अपने भाई मुगल बादशाह हिमायू को राखी भेज सहायता मांगी थी। मुगल बादशाह हिमायू के आने के पूर्वी उनकी बहन कर्णावती वीरगति को प्राप्त हो गई थी।
मुगल बादशाह हिमायू ने बहादुर शाह से चित्तौड़ को छीन कर चित्तौड़ की महारानी कर्णावती के पुत्र विक्रमजीत सिंह को पून: सौंप दिया।
महारानी कर्णावती एवं उनकी 13000 महिला सहयोगियों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आज 8 मार्च को हमें महारानी कर्णावती जैसे अमर विभूतियों को स्मरण करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। बेतिया राज की अंतिम महारानी महारानी जानकी कुंवर का जन्म मार्च 1870 में हुआ था।
महारानी जानकी कुंवर बेतिया, पश्चिम चंपारण की पहली महिला हैं जिन्होंने लगभग 50 वर्षों तक 1897 से 1947 तक सब से अधिक अंग्रेजों के अत्याचार और यातना की शिकार रहीं।
सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा 8 मार्च को प्रत्येक वर्ष महारानी जानकी कुंवर जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। महारानी जानकी कुंवर का जन्म मार्च 1870 ई0 में हुआ था। विशेष रूप से महारानी जानकी कुंवर की जीवन दर्शन, ऐतिहासिक धरोहरों के लिए महारानी जानकी कुंवर का प्रयास सामाजिक कुरीतियों से मुक्त, शिक्षा ,स्वास्थ्य ,स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण के लिए रूप में जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।
बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डॉ शहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ने संयुक्त रूप से कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विश्व बिरादरी एवं विश्व समुदाय से से आग्रह करते हैं कि विश्व की आधी आबादी यानी महिलाओं को उनके अधिकार एवं उनके विश्व के विकास में प्रतिनिधित्व उनके आबादी के अनुपात में सुनिश्चित करें ताकि विश्व में वास्तव में सुख शांति समृद्धि एवं विकास लाया जा सके।
Mar 09 2023, 19:55