अतीक अहमद के खास लाेगों में शामिल था मुठभेड़ में मारा गया अरबाज
लखनऊ। उमेश पाल हत्याकांड का एक इनामी शूटर अरबाज मुठभेड़ में मारा गया है। पूरामुफ्ती के सल्लाहपुर का रहने वाला अरबाज अतीक अहमद के बेहद खास लोगों में शामिल था। यही वजह है कि वह अतीक अहमद के दूसरे नंबर के बेटे अली की गाड़ी चलाता था। अली के जेल जाने के बाद वह अहजम और अबान की गाड़ी चलाने लगा था।
अरबाज का पिता आफाक अतीक के बाहर रहने पर रहता था साथ
अरबाज दोनों बेटों की गाड़ी ड्राइविंग करने के साथ साथ सुरक्षा में भी खड़ा रहता था। अरबाज का पिता आफाक यही भूमिका अतीक के साथ निभाता था। पिता आफाक अतीक के बाहर रहने के दौरान साये की तरह उसके साथ चलता था। वह अतीक के साथ ही दिन रात रहता था। अरबाज के आपराधिक रिकॉर्ड को पता किया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक घटना वाले दिन अरबाज न सिर्फ गाड़ी ड्राइव कर ले गया था, बल्कि उसने फायरिंग भी की थी। फिर वहां से शूटरों को लेकर चकिया तक आया था।
मुठभेड़ में इंस्पेक्टर धूमनगंज घायल
प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेम सराय में नेहरू पार्क के पास सोमवार की दोपहर उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अरबाज को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। उसका साथी मौके से फरार हो गया। तीन दिन पहले विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की बदमाशों ने उनके घर के पास हत्या कर दी थी। मुठभेड़ के दौरान इंस्पेक्टर धूमनगंज घायल हो गए। अरबाज पर पुलिस कमिश्नर ने 50 हजार का इनाम घोषित किया था।
शूटर अरबाज का साथी मौके से फरार
सोमवार को उमेश पाल हत्याकांड में प्रयुक्त क्रेटा कार से शूटरों को घटनास्थल तक ले जाने वाले अरबाज के नेहरू पार्क के पास होने की जानकारी मिलने के बाद एसओजी और पुलिस टीम ने घेरेबंदी की। पुलिस से घिरने पर वह बाइक से अपने एक साथी के साथ भागने लगा। उसने पुलिस पर फायरिंग भी शुरू कर दी। एक गोली धूमनगंज इंस्पेक्टर राजेश मौर्य के हाथ में लगी। इसके बाद पुलिस वालों ने भी उस पर फायर झोंक दिया। जवाबी फायरिंग में अरबाज वहीं गिर गया, जबकि उसका साथी मौके से फरार हो गया।
उमेश पाल हत्याकांड में चौबीस घंटे के अंदर तीन बड़े खुलासे
उमेश पाल हत्याकांड में पिछले 24 घंटों में 3 बड़े खुलासे हुए हैं। पहला- प्रयागराज में उमेश की हत्या के लिए 6 नहीं 13 शूटर पहुंचे थे। इनमें 7 बैकअप में इंतजार कर रहे थे। दूसरा- हत्या की साजिश मुस्लिम हॉस्टल में रची गई थी। तीसरा- साजिश में अहम रोल अहमदाबाद के साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ का था। अशरफ बरेली जेल में बंद है। जेल से ही ये वॉट्सऐप कॉल के जरिए अपने गुर्गों से जुड़ते थे।यह खुलासा इलाहाबाद हाईकोर्ट का वकील और हत्या में शामिल सदाकत खान ने पूछताछ के दौरान किया। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि सदाकत को एसटीएफ ने सोमवार को गोरखपुर से गिरफ्तार किया। ये नेपाल भागने की फिराक में था। सदाकत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम बोर्डिंग हॉस्टल के कमरा नंबर 36 में अवैध रूप से रह रहा था। इसी कमरे में उमेश पाल की हत्या की साजिश रची गई।
Feb 28 2023, 13:06