पार्टी को जोड़ने में असफल होती कांग्रेस, अब देश के पहले गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी के परपोते सीआर केसवन का इस्तीफा

#cr_kesavan_resigns_from_congress

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में “भारत जोड़ो यात्रा” संपन्न की है। राहुल गांधी ही नहीं पूरी पार्टी इस यात्रा के बाद से काफी उत्साहित दिख रही है। हालांकिस पार्टी में टूट का जो सिलसिला शुरू हुआ है, वो अब भी नहीं थमा है। कांग्रेस अपनों को डो कर रख पाने में फेल होती दिख रही है। दरअसल, अब भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी के परपोते सीआर केसवन ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संबोधित करते हुए अपना त्यागपत्र ट्विटर पर शेयर किया।

सीआर केसवन ने क्यों छोड़ी कांग्रेस?

सीआर केसवन ने अपनी चिट्टी में लिखा कहा कि वह अब खुद को पार्टी से नहीं जोड़ पा रहे हैं। यही कारण है कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी से इनकार कर दिया और भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेने से भी परहेज किया। केसवन ने लिखा, 'मुझे यह कहते हुए वास्तव में दुख हो रहा है कि पिछले कुछ समय से मुझे पार्टी में वे नैतिक मूल्य नजर नहीं आ रहे, जिन्होंने मुझे पार्टी के लिए समर्पण के साथ दो दशकों से काम करने के लिए प्रेरित किया था। मैं अब यह नहीं कह सकता कि मैं पार्टी की किस बात से सहमत हूं। यही कारण है कि मैंने कोई बड़ी जिम्मेदारी भी नहीं ली।

किसी पार्टी से बातचीत से किया इनकार

उन्होंने लिखा कि मेरे लिए एक नया रास्ता तय करने का समय है और इसलिए मैं तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मैंने तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में अपना इस्तीफा भी उपयुक्त प्राधिकारी को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे किसी और पार्टी में जाने की अटकलें होंगी लेकिन मैंने किसी से बात नहीं की है और ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता कि आगे क्या होगा। मैं एक राजनीतिक मंच के माध्यम से अपने देश की सेवा करने के लिए नेकनीयती से प्रयास करूंगा, यह एक ऐसा मंच होगा जहां मैं सार्वजनिक जीवन की अखंडता और आदर्शों को दृढ़ता से बनाए रख सकता हूं।

कहा-जो दोस्ती कायम की है जो बनी रहेगी

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को संबोधित करते हुए अपने इस्तीफे में सीआर केसवन ने लिखा है कि विदेश में सफल कैरियर को पीछे छोड़कर मैं अपने देश की सेवा करने के लिए भारत लौटा था। इसके बाद पार्टी की विचारधारा को देखते हुए मैंनें 2001 में कांग्रेस में शामिल हो गया। इसके बाद की यात्रा चुनौतीपूर्ण और आकर्षक थी। मुझे श्रीपेरंबुदूर में राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान के उपाध्यक्ष [राज्य मंत्री के पद पर], प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य, भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय परिषद सदस्य और राष्ट्रीय मीडिया के रूप में सेवा करने का अवसर मिला।सरकार और संगठन में वर्षों से मुझे सौंपी गई सभी जिम्मेदारियों के लिए मैं ईमानदारी से पार्टी और सोनिया गांधी को धन्यवाद देता हूं। मैंने यहां दोस्ती कायम की है जो बनी रहेगी।

नहीं हो सका एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव, बीजेपी पार्षदों के तोड़फोड़ व बैलेट बॉक्स कब्जाने के आरोप के बाद टला मतदान

#mcd_election_of_standing_committee_members

दिल्ली नगर निगम जंग का मैदान बन गया है। एमसीडी दिल्ली के मेयर का चुनाव भले ही संपन्न हो गया, लेकिन एमसीडी सदन में गतिरोध जारी है। आज स्टैंडिग कमेटी का चुनाव होना था, लेकिन हंगामे के कारण चुनाव टल गया है। बुधवार की पूरी रात चली सदन की कार्रवाई में जमकर हंगामा हुआ। जिसके कारण कई बार सदन की कार्रवाई बाधित हुई। लगातार हंगामा और नारेबाजी की वजह से सदन कल सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है।

मेयर डॉ. शैली ओबेराय ने कहा कि सदन में तोड़ फोड़ हुई, बीजेपी की रेखा गुप्ता ने पोडियम को तोड़ा। अमित नागपाल ने बैलेट पेपर को फाड़ा, बैलेट बॉक्स को फेंका। पूरी रात हमने कोशिश की कि स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव हो। उन्होंने कहा कि कल की बैठक में बताएंगे कि अमित नागपाल और रेखा गुप्ता पर क्या कार्रवाई होगी।

एमसीडी की मेयर शैली ओबरॉय ने आतिशी, संजय सिंह, सौरभ भारद्वाज संग प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान शैली ओबरॉय ने कहा, हमने पूरी रात कोशिश की कि किसी तरह चुनाव हो जाएं। सदन को भाजपा ने गैरकानूनी तरीके से चलाने की कोशिश की, भाजपा ने सदन में मर्यादा का पालन नहीं किया और स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव आखिरकार टालना पड़ा। शैली ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी की पार्षद रेखा गुप्ता और अमित नागपाल ने सारी हदों को पार किया। हम इन दोनों पार्षदों पर क्या कार्रवाई की जानी चाहिए उसे लेकर बैठक में विचार करेंगे। कल सुबह 10:00 बजे तक के लिए सदन को स्थगित किया गया है।

अखाड़ा बना एमसीडी, स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में 15 घंटे से हंगामा जारी, आप-बीजेपी पार्षदों के बीच हाथापाई, फेंकी गई बोतलें

#mcd_election_of_standing_committee_members_stuck

दिल्ली नगर निगम में आज स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव होना है। हालांकि इस बीच हंगामा जारी है। एमसीडी दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच जारी गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है।बुधवार को मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के बाद एमसीडी सदन में कार्रवाई के दौरान पूरी रात गहमा गहमी बनी रही।स्थायी समिति के चुनाव में रातभर से जबरदस्त हंगामा जारी है।कल रात कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित हुई।रात में कभी एक घंटे तो कभी आधे घंटे के लिए सदन स्थगित किया जाता रहा।जैसे ही कार्यवाही शुरू होती है पार्षदों का हंगामा शुरू हो जाता है। कल हाथापाई हुई और बोतलें फेंकी गईं। आप और बीजेपी पार्षदों ने एक दूसरे पर बोतलें फेंकी। यहां तक की दोनों पार्टी के नेताओं के बीच हाथापाई और मारपीट भी हुई। 

मेयर, डिप्टी मेयर का चुनाव होने के बाद बुधवार रात स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव हंगामे के कारण फंसा रहा। गुरूवार की सुबह पार्षदों ने सदन की कार्यवाही शुरू होने पर बैलेट बॉक्स तक वेल में फेंक दिया और जमकर हंगामा किया। देर रात हुए हंगामे के बाद गुरुवार सुबह एक बार फिर स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव की तैयारी शुरू की गईं। सदन में बैलेट बॉक्स लाए गए। आयुक्त अपनी सीट पर आ चुके थे। स्टैंडिग कमेटी के चुनाव के लिए निगम सचिव और महापौर के आने का इंतजार हो रहा था। तभी सदन में हंगामा होने लगा। बीजेपी पार्षदों ने नारेबाजी शुरू कर दी।आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पार्षदों पर मेयर शैली ओबेराय पर हमला करने, आप पार्षदों से मारपीट करने और बैलेट बॉक्स लूटने का आरोप लगाया है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्य सभा सांसद संजय सिंह और आप नेता आतिशी ने ट्वीटर पर बीजेपी को घेरने की कोशिश की। आतिशी ने सीधा सीधा गुंडागर्दी का आरोप लगाया। कहा कि बीजेपी वालों, अब तो स्वीकार कर लो कि जनता ने नकार दिया है।

बता दें कि मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो गया था। मेयर, डिप्टी मेयर के चुनाव में सदस्यों को वोटिंग के दौरान मोबाइल साथ में लेकर जाने की रोक थी। इसका सभी सदस्यों ने पालन भी किया। इसके बाद मेयर ने एक घंटे के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित करते हुए कहा कि लौटते ही स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव शुरू कराएंगी, लेकिन करीब दो घंटे की देरी के बाद मेयर चेयर पर लौटीं। इस दौरान पार्षदों ने सदन में हनुमान चालीसा का पाठ किया और देशभक्ति के गाने भी गाए। सदन में जय श्रीराम, जय बजरंग बली के जयकारे लगाए गए। भाजपा की पार्षद शिखा राय ने निगम सचिव भगवान सिंह से सवाल किया कि मेयर मैडम अपनी चेयर पर लौट रही हैं, वे दो घंटे से गायब हैं। इसके करीब दस मिनट बाद मेयर चेयर पर लौटीं।मेयर के सदन में आते ही हंगामा कुछ शांत हो गया। मेयर ने कहा, 'हमने वकीलों की राय ली है. वोटिंग में मोबाइल फोन की मनाही नहीं है। मोबाइल फोन वोटिंग में बैन नहीं होते, बस साइलेंट हो. आप उसका मुद्दा नहीं उठाएंगे। इसके बाद वार्ड नंबर 56 से वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन सदन में फिर हंगामा होने लगा। जोरदार नारेबाजी के बीच पार्षद ने बैलेट पेपर फाड़ दिया। बीजेपी के पार्षद वेल में आकर शुरुआत से वोटिंग कराने की मांग को लेकर नारेबाजी की।

*फिर चीन का कर्जदार हुआ पाकिस्तान, ड्रैगन देगा 700 मिलियन डॉलर की मदद*

#china_gives_700_million_loan_to_pakistan 

पाकिस्तान इस वक्त भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है।हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 3 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है।पाकिस्‍तान इस हालात से उबरने के लिए दुनियाभर के देशों के सामने हाथ फैला चुका है। आईएमएफ भी लोन नहीं पास कर रहा है जो पाकिस्तान को काफी मदद देने का काम कर सकता था।यहां तक की उसका सदाबहार दोस्‍त चीन ने भी हाथ खड़े कर लिए थे। हालांकि पाकिस्तान ने उसके “पैर” नहीं छोड़े। जिसके बाद चीन ने पाकिस्तान को 700 मिलियन डॉलर देने का ऐलान कर दिया है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने बुधवार को ऐलान किया कि चीन डेवलपमेंट बोर्ड ने 700 मिलियन के लोन को मंजूरी दी है। डार ने ट्वीट करते हुए लिखा, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान उम्मीद कर रहा है कि इस हफ्ते उसे ये रक्म मिल जाएगी, जो देश के घटते विदेशी मुद्रा भंडार को उबारने में मदद करेगी। आपको बता दें पाकिस्तान पर इससे पहले भी चाइना का काफी उधार है।

बता दें चाइना से पहले यूएई ने पाकिस्तान को सपोर्ट किया था। देश के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ यूएई गए थे और तकरीबन 1 बिलियन डॉलर का लोन वापस लेकर आए थे।

भारत में बीबीसी दफ्तरों पर आईटी सर्वे को लेकर ब्रिटिश सांसदों ने उठाए सवाल, सरकार ने कहा साथ खड़े हैं

#bbc_it_survey_in_india_uk_government 

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन(बीबीसी) के भारतीय ऑफिस में आयकर विभाग के सर्वे का मामला ब्रिटिश संसद में उठा। यूके सरकार में मंत्री डेविड रटली से जब संसद में विपक्षी सांसदों ने आईटी सर्वे को लेकर सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि हम बीबीसी के लिए खड़े हैं। हम इसे फंड देते हैं। हम अपने सहयोगियों, भारत सरकार सहित दुनिया भर में अपने दोस्तों के साथ इसके महत्व को लेकर संवाद करने में सक्षम होना चाहते हैं। 

बता दें कि 14 फ़रवरी को बीबीसी के दिल्ली और मुंबई दफ़्तरों में आयकर विभाग ने सर्वे शुरू किया था, जो तीन दिनों चला था। ब्रिटेन की सरकार की ओर से अब तक इस मामले में किसी तरह का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। इस मामले में लेबर पार्टी के नेता फ़ैबियन हेमिल्टन ने भारत सरकार की इस कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, पिछले हफ़्ते बीबीसी के भारत स्थित दफ़्तरों पर छापा मारा जाना काफ़ी चिंताजनक है, चाहे इसकी आधिकारिक वजह कुछ भी बताई जाए। बीबीसी दुनिया भर में अपनी उच्च गुणवत्ता वाली भरोसेमंद रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है और उसे बिना किसी भय के रिपोर्टिंग करने की आज़ादी होनी चाहिए।

वहीं डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) के सांसद जिम शैनन ने कहा, हमें इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि ये एक धमकाने वाली कार्रवाई थी, जिसे देश के नेता के प्रति आलोचनात्मक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ होने के बाद अंजाम दिया गया है। शैनन ने कहा, क्या मंत्री मुझे और इस सदन को बता सकते हैं कि सरकार इस मामले में भारतीय उच्चायोग को समन करने वाली है या वो अपने समकक्ष के समक्ष ये मुद्दा उठाएँगे?

विपक्षी दलों के सांसदों की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद ब्रितानी सरकार में मंत्री डेविड रटली ने अपनी सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने पहली बार जानकारी दी कि ब्रितानी मंत्रियों ने इस बारे में अपने भारतीय समकक्षों से बात की है।उन्होंने कहा, इस मामले को उठाया गया है और हम लगातार इस मामले पर नज़र रखे हुए हैं।

पिछले हफ्ते बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ्तरों में आयकर विभाग का सर्वे लगातार तीन दिन चला था। रिपोर्ट्स के मुताबिक छापेमारी के दौरान आईटी डिपॉर्टमेंट के अधिकारियों ने टैक्सेशन और कंपनी के स्ट्रक्चर जैसे फाइनेंशियल पहलुओं से जुड़े आंकड़े जुटाए थे। 

बता दें कि बीबीसी ने हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया था, जिसके कुछ हफ़्ते बाद नई दिल्ली और मुंबई स्थित दफ़्तरों की तलाशी ली गई। यह डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों पर थी। उस समय भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस डॉक्यूमेंट्री में कई लोगों ने गुजरात दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए थे। केंद्र सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगैंडा और औपनिवेशिक मानसिकता के साथ भारत-विरोधी बताते हुए भारत में बैन कर दिया था।

*एस जयशंकर पर टीएमसी सांसद का जोरदार हमला, पिता के बयान का जिक्र कर पूछा- क्या विदेश मंत्री को भूलने की बीमारी है?

#tmc_mp_jawahar_sarkar_attacks_dr_s_jaishankar

विदेश मंत्री एस जयशंकर के हाल में दिए इंटरव्यू पर विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने तीखा पलटवार किया है। टीएमसी सांसद और पूर्व नौकरशाह जवाहर सरकार ने सवाल किया है कि क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर को भूलने की बीमारी है? ऐसा लग रहा है कि बीजेपी ने जब उन्हें नौकरशाह से मंत्री बनाया तो वो खुश करने में जुटे हुए हैं। जवाहर सरकार ने गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री के खिलाफ जयशंकर की टिप्पणी के जवाब में पलटवार किया है।

टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के पिता के बयान का उल्लेख करते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया है। ट्विटर पर जवाहर सरकार ने लिखा, एस जयशंकर के पिता के सुब्रमण्यम ने कहा था कि गुजरात (2002 के दंगे) में धर्म की हत्या कर दी गई थी। जो निर्दोष नागरिकों की रक्षा करने में विफल रहे वे अधर्म के दोषी हैं। राम… गुजरात के ‘असुर’ शासकों के खिलाफ अपने धनुष का इस्तेमाल करते। असुर की सेवा करता देख बेटे पर शर्म आती है।

दरअसल, हाल ही में एएनआई से बातचीत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री की आलोचना करते हुए कहा है कि इसे रिलीज किए जाने की टाइमिंग एक्सिडेंटल यानी संयोग नहीं है, बल्कि यह दूसरे तरीकों से की जा रही राजनीति है। न्यूज एजेंसी एएनआई से इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुलासा किया कि उनके पिता डॉ के सुब्रह्मण्यम को 1980 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने सचिव, रक्षा उत्पादन के पद से हटा दिया गया था और राजीव गांधी की अवधि के दौरान उन्हें कैबिनेट सचिव के पद से हटा दिया गया था।

विदेश मंत्री एस जयशंकर के इस इंटरव्यू पर निशाना साधते हुए टीएमसी सांसद ने कहा कि जयशंकर भूलने की बीमारी से पीड़ित थे। जवाहर सरकार ने कहा कि अजीब बात है कि जयशंकर ने कांग्रेस के शासन में ईमानदार रहकर काम किया और बढ़िया जगह पर पोस्टिंग का फायदा उठाया लेकिन अब उनके मन में गांधी परिवार के लिए आक्रोश आ गया है? क्या यह भूलने की बीमारी है या वह विदेश मंत्री के रूप में अपने अभूतपूर्व प्रचार के लिए सिर्फ भाजपा को गले लगा रहे हैं?

एएनआई से बातचीत में डॉ एस जयशंकर ने कहा था कि उन्होंने बीजेपी इसलिए ज्वाइन किया क्योंकि वही एक ऐसी पार्टी है जो भारत के उत्थान और प्रगति के बारे में सोचती है। उन्होंने कहा था कि विरोध की राजनीति करने में हर्जा नहीं है। लेकिन सवाल यह है कि आप के इस तरह के विरोध से किसका फायदा हो रहा है। कांग्रेस पार्टी बुनियादी तौर पर सवाल उठाए। हालांकि असल मुद्दा तो यह है कि अपने शासन काल में जितनी गल्तियां उनकी तरफ से की गई थी क्या वो उसकी बात करते हैं। कांग्रेस का यही दोहरा चरित्र लोगों को रास नहीं आता है

कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने वाली छात्राओं को परीक्षा में बैठने से रोक के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका, चीफ जस्टिस ने कहा कि वह इसपर फैसला लेंगे

कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब का मामला एक बार फिर गरमा गया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ के सामने हिजाब से जुड़ी याचिका मेंशन हुई। एडवोकेट शादान फरसत ने कहा कि यह मुख्य याचिका में Interlocutory application है।

एडवोकेट फरसत ने कहा कि चूंकि 9 मार्च से परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। ऐसे में छात्राएं परीक्षा से वंचित रह जाएंगी। हमारी बस इतनी दरख्वास्त है कि उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए। इस पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि उन्हें (छात्राओं को) परीक्षा में बैठने से रोका क्यों जा रहा है? इसपर एडवोकेट फरसत ने बताया कि छात्राएं हिजाब पहनती हैं।

हाईकोर्ट ने हिजाब पर लगा दिया था बैन

बता दें कि कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब का मामला लंबे समय से सुर्खियों में है। पहले मामला हाईकोर्ट गया था। तब हाईकोर्ट ने शैक्षिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया था। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। करीब साल भर बहस के बाद पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया था, जो बंटा हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था बंटा फैसला

सुप्रीम कोर्ट में 2 जजों की बेंच में से एक जज ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था, जबकि दूसरे जज जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा था कि हिजाब पहनना अपनी व्यक्तिगत पसंद हो सकती है। उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट ने गलत रास्ता अपनाया। यह (हिजाब) सीधा व्यक्तिगत पसंद का मामला है और संविधान के आर्टिकल 14 और 19 से जुड़ा है जो पसंद का अधिकार देता है।

दिल्ली-एनसीआर में लगे भूकंप के झटके, उत्तराखंड में भी हिली धरती; जान लीजिए, रिक्टर स्केल पर इतनी रही तीव्रता

 दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके लगे हैं। भूकंप बुधवार दोपहर को महसूस किया गया। बताया जा रहा है कि इसका केंद्र नेपाल में था। राहत की बात है कि कहीं से भी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी भूकंप

इससे पहले, बुधवार दोपहर डेढ़ बजे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां भूकंप की तीव्रता 4.4 मापी गई है। भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ से 143 किमी दूर जमीन के 10 किमी अंदर था।

नेपाल में था भूकंप का केंद्र

नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र ने इसकी जानकारी दी है। केंद्र ने बताया कि नेपाल के बाजुरा में बुधवार दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.2 मापी गई।

पहले भी आया नेपाल में भूकंप

हाल ही में नेपाल में 5.8 की तीव्रता का भूकंप आया था। भूपंक के झटके से तीन मकान ढह गए थे। भूकंप का केंद्र बाजुरा के हिमाली ग्राम परिषद और हुमला के ताजकोट ग्राम परिषद का सीमावर्ती क्षेत्र था।

अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में एक और भारतवंशी शामिल, विवेक रामास्वामी ने किया उम्मीदवारी का एलान

#another_indian_origin_running_us_president

क्या ब्रिटेन के बाद अमेरिका में भी चलेगा भारतवंशी का जादू?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की रेस में दो भारतवंशी दिखाएंगे दम

निक्की हेली के बाद मैदान में एक और नाम

साल 2024 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। भारतीय मूल की निक्की हेली के बाद एक और भारतवंशी ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। यानी इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की रेस में भारतीय मूल के दो लोग शामिल होते दिखेंगे। भारतीय मूल के विवेक गोस्वामी ने अब अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है।

पिछले दिनों निक्की हेली ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने को लेकर अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया था।निक्की हेली के अलावा भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी जो हेल्थ केयर और तकनीकी क्षेत्र के बड़े उद्यमी, रूढ़िवादी टिप्पणीकार और लेखक हैं, ने फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है। रामास्वामी ने इंटरव्यू में कहा,मुझे आज रात यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि मैं इस देश में उन आदर्शों को पुनर्जीवित करने के लिए राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल हो रहा हूं।

भारतवंशी निक्की हेली कर चुकीं हैं अपने अभियान की शुरूआत

रामास्वामी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी का दावा पेश करने वाले दूसरे भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं। कुछ ही दिन पहले भारतीय मूल की ही निक्की हेली ने भी 2024 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर हामी भरी थी। रिपब्लिकन पार्टी की भारतवंशी नेता निक्की हेली ने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी दावेदारी के लिए 15 फरवरी को औपचारिक रूप से अभियान की शुरुआत कर दी।

कौन हैं विवेक रामास्वामी?

विवेक रामास्वामी एक बिजनेसमैन हैं और अमेरिका के राज्य आइओवा में वह अपनी उम्मीदवारी के प्रचार को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। रामास्वामी का कहना है कि वह विचार आधारित कैंपेन शुरू करने पर फोकस कर रहे हैं। बता दें कि विवेक रामास्वामी के पिता एक जनरल इलेक्ट्रिक इंजीनियर थे और भारत के केरल से अमेरिका में बस गए थे। रामास्वामी की मां एक मनोचिकित्सक थी। रामास्वामी की जन्म अमेरिका सिनसिनाटी में हुआ। हावर्ड और येले यूनिवर्सिटी से पढ़े विवेक रामास्वामी की संपत्ति 500 मिलियन डॉलर के करीब है। विवेक रामास्वामी एक बायोटेक कंपनी के मालिक हैं।

“आप” की शैली ओबेरॉय बनीं दिल्ली की मेयर, तीन बार टलने के बाद आज हुआ मतदान

#shelly_oberoi_delhi_new_mayor

दिल्ली नगर निगम को उसका नया मेयर मिल गया है।आम आदमी पार्टी (आप) की प्रत्याशी शैली ओबरॉय ने मेयर पद का चुनाव जीत लिया है। चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की रेखा गुप्ता को हराकर आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय दिल्ली की मेयर बनीं हैं।

दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव के लिए कुल 266 वोट पड़े।आप की मेयर पद की उम्मीदवार डॉ शैली ऑबरोय को 150 वोट मिले। जबकि भाजपा की उम्मीदवार रेखा गुप्ता को 116 वोट मिले।दिल्ली एमसीडी चुनाव पर आम आदमी पार्टी की जीत पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने नवनिर्वाचित मेयर डॉ शैली ओबरॉय को बधाई देने के साथ आप के सभी पार्षदों और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी।

मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया उन्होंने लिखा- गुंडे हार गये, जनता जीत गयी। दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी का मेयर बनने पर सभी कार्यकर्ताओं को बहुत बधाई और दिल्ली की जनता का तहे दिल से एक बार फिर से आभार।AAP की पहली मेयर शैली ओबरॉय को भी बहुत बहुत बधाई।

शैली ओबेरॉय दिल्ली की पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से पार्षद हैं। 39 साल की शैली ओबेरॉय पेशे से प्रोफेसर हैं। वहीं पहली बार पार्षद चुनी गई हैं। शैली ओबेरॉय मात्र 269 वोटों से चुनाव जीती थीं। उन्होंने पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से बीजेपी की दीपाली कपूर को हराया था।