*फिर चीन का कर्जदार हुआ पाकिस्तान, ड्रैगन देगा 700 मिलियन डॉलर की मदद*

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पाकिस्तान इस वक्त भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है।हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 3 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है।पाकिस्‍तान इस हालात से उबरने के लिए दुनियाभर के देशों के सामने हाथ फैला चुका है। आईएमएफ भी लोन नहीं पास कर रहा है जो पाकिस्तान को काफी मदद देने का काम कर सकता था।यहां तक की उसका सदाबहार दोस्‍त चीन ने भी हाथ खड़े कर लिए थे। हालांकि पाकिस्तान ने उसके “पैर” नहीं छोड़े। जिसके बाद चीन ने पाकिस्तान को 700 मिलियन डॉलर देने का ऐलान कर दिया है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने बुधवार को ऐलान किया कि चीन डेवलपमेंट बोर्ड ने 700 मिलियन के लोन को मंजूरी दी है। डार ने ट्वीट करते हुए लिखा, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान उम्मीद कर रहा है कि इस हफ्ते उसे ये रक्म मिल जाएगी, जो देश के घटते विदेशी मुद्रा भंडार को उबारने में मदद करेगी। आपको बता दें पाकिस्तान पर इससे पहले भी चाइना का काफी उधार है।

बता दें चाइना से पहले यूएई ने पाकिस्तान को सपोर्ट किया था। देश के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ यूएई गए थे और तकरीबन 1 बिलियन डॉलर का लोन वापस लेकर आए थे।

भारत में बीबीसी दफ्तरों पर आईटी सर्वे को लेकर ब्रिटिश सांसदों ने उठाए सवाल, सरकार ने कहा साथ खड़े हैं

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ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन(बीबीसी) के भारतीय ऑफिस में आयकर विभाग के सर्वे का मामला ब्रिटिश संसद में उठा। यूके सरकार में मंत्री डेविड रटली से जब संसद में विपक्षी सांसदों ने आईटी सर्वे को लेकर सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि हम बीबीसी के लिए खड़े हैं। हम इसे फंड देते हैं। हम अपने सहयोगियों, भारत सरकार सहित दुनिया भर में अपने दोस्तों के साथ इसके महत्व को लेकर संवाद करने में सक्षम होना चाहते हैं। 

बता दें कि 14 फ़रवरी को बीबीसी के दिल्ली और मुंबई दफ़्तरों में आयकर विभाग ने सर्वे शुरू किया था, जो तीन दिनों चला था। ब्रिटेन की सरकार की ओर से अब तक इस मामले में किसी तरह का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। इस मामले में लेबर पार्टी के नेता फ़ैबियन हेमिल्टन ने भारत सरकार की इस कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, पिछले हफ़्ते बीबीसी के भारत स्थित दफ़्तरों पर छापा मारा जाना काफ़ी चिंताजनक है, चाहे इसकी आधिकारिक वजह कुछ भी बताई जाए। बीबीसी दुनिया भर में अपनी उच्च गुणवत्ता वाली भरोसेमंद रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है और उसे बिना किसी भय के रिपोर्टिंग करने की आज़ादी होनी चाहिए।

वहीं डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) के सांसद जिम शैनन ने कहा, हमें इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि ये एक धमकाने वाली कार्रवाई थी, जिसे देश के नेता के प्रति आलोचनात्मक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ होने के बाद अंजाम दिया गया है। शैनन ने कहा, क्या मंत्री मुझे और इस सदन को बता सकते हैं कि सरकार इस मामले में भारतीय उच्चायोग को समन करने वाली है या वो अपने समकक्ष के समक्ष ये मुद्दा उठाएँगे?

विपक्षी दलों के सांसदों की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद ब्रितानी सरकार में मंत्री डेविड रटली ने अपनी सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने पहली बार जानकारी दी कि ब्रितानी मंत्रियों ने इस बारे में अपने भारतीय समकक्षों से बात की है।उन्होंने कहा, इस मामले को उठाया गया है और हम लगातार इस मामले पर नज़र रखे हुए हैं।

पिछले हफ्ते बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ्तरों में आयकर विभाग का सर्वे लगातार तीन दिन चला था। रिपोर्ट्स के मुताबिक छापेमारी के दौरान आईटी डिपॉर्टमेंट के अधिकारियों ने टैक्सेशन और कंपनी के स्ट्रक्चर जैसे फाइनेंशियल पहलुओं से जुड़े आंकड़े जुटाए थे। 

बता दें कि बीबीसी ने हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया था, जिसके कुछ हफ़्ते बाद नई दिल्ली और मुंबई स्थित दफ़्तरों की तलाशी ली गई। यह डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों पर थी। उस समय भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस डॉक्यूमेंट्री में कई लोगों ने गुजरात दंगों के दौरान नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए थे। केंद्र सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगैंडा और औपनिवेशिक मानसिकता के साथ भारत-विरोधी बताते हुए भारत में बैन कर दिया था।

*एस जयशंकर पर टीएमसी सांसद का जोरदार हमला, पिता के बयान का जिक्र कर पूछा- क्या विदेश मंत्री को भूलने की बीमारी है?

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विदेश मंत्री एस जयशंकर के हाल में दिए इंटरव्यू पर विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने तीखा पलटवार किया है। टीएमसी सांसद और पूर्व नौकरशाह जवाहर सरकार ने सवाल किया है कि क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर को भूलने की बीमारी है? ऐसा लग रहा है कि बीजेपी ने जब उन्हें नौकरशाह से मंत्री बनाया तो वो खुश करने में जुटे हुए हैं। जवाहर सरकार ने गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री के खिलाफ जयशंकर की टिप्पणी के जवाब में पलटवार किया है।

टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के पिता के बयान का उल्लेख करते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया है। ट्विटर पर जवाहर सरकार ने लिखा, एस जयशंकर के पिता के सुब्रमण्यम ने कहा था कि गुजरात (2002 के दंगे) में धर्म की हत्या कर दी गई थी। जो निर्दोष नागरिकों की रक्षा करने में विफल रहे वे अधर्म के दोषी हैं। राम… गुजरात के ‘असुर’ शासकों के खिलाफ अपने धनुष का इस्तेमाल करते। असुर की सेवा करता देख बेटे पर शर्म आती है।

दरअसल, हाल ही में एएनआई से बातचीत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्युमेंट्री की आलोचना करते हुए कहा है कि इसे रिलीज किए जाने की टाइमिंग एक्सिडेंटल यानी संयोग नहीं है, बल्कि यह दूसरे तरीकों से की जा रही राजनीति है। न्यूज एजेंसी एएनआई से इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुलासा किया कि उनके पिता डॉ के सुब्रह्मण्यम को 1980 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने सचिव, रक्षा उत्पादन के पद से हटा दिया गया था और राजीव गांधी की अवधि के दौरान उन्हें कैबिनेट सचिव के पद से हटा दिया गया था।

विदेश मंत्री एस जयशंकर के इस इंटरव्यू पर निशाना साधते हुए टीएमसी सांसद ने कहा कि जयशंकर भूलने की बीमारी से पीड़ित थे। जवाहर सरकार ने कहा कि अजीब बात है कि जयशंकर ने कांग्रेस के शासन में ईमानदार रहकर काम किया और बढ़िया जगह पर पोस्टिंग का फायदा उठाया लेकिन अब उनके मन में गांधी परिवार के लिए आक्रोश आ गया है? क्या यह भूलने की बीमारी है या वह विदेश मंत्री के रूप में अपने अभूतपूर्व प्रचार के लिए सिर्फ भाजपा को गले लगा रहे हैं?

एएनआई से बातचीत में डॉ एस जयशंकर ने कहा था कि उन्होंने बीजेपी इसलिए ज्वाइन किया क्योंकि वही एक ऐसी पार्टी है जो भारत के उत्थान और प्रगति के बारे में सोचती है। उन्होंने कहा था कि विरोध की राजनीति करने में हर्जा नहीं है। लेकिन सवाल यह है कि आप के इस तरह के विरोध से किसका फायदा हो रहा है। कांग्रेस पार्टी बुनियादी तौर पर सवाल उठाए। हालांकि असल मुद्दा तो यह है कि अपने शासन काल में जितनी गल्तियां उनकी तरफ से की गई थी क्या वो उसकी बात करते हैं। कांग्रेस का यही दोहरा चरित्र लोगों को रास नहीं आता है

कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने वाली छात्राओं को परीक्षा में बैठने से रोक के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका, चीफ जस्टिस ने कहा कि वह इसपर फैसला लेंगे

कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब का मामला एक बार फिर गरमा गया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ के सामने हिजाब से जुड़ी याचिका मेंशन हुई। एडवोकेट शादान फरसत ने कहा कि यह मुख्य याचिका में Interlocutory application है।

एडवोकेट फरसत ने कहा कि चूंकि 9 मार्च से परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। ऐसे में छात्राएं परीक्षा से वंचित रह जाएंगी। हमारी बस इतनी दरख्वास्त है कि उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए। इस पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने सवाल किया कि उन्हें (छात्राओं को) परीक्षा में बैठने से रोका क्यों जा रहा है? इसपर एडवोकेट फरसत ने बताया कि छात्राएं हिजाब पहनती हैं।

हाईकोर्ट ने हिजाब पर लगा दिया था बैन

बता दें कि कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब का मामला लंबे समय से सुर्खियों में है। पहले मामला हाईकोर्ट गया था। तब हाईकोर्ट ने शैक्षिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया था। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। करीब साल भर बहस के बाद पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया था, जो बंटा हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था बंटा फैसला

सुप्रीम कोर्ट में 2 जजों की बेंच में से एक जज ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था, जबकि दूसरे जज जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा था कि हिजाब पहनना अपनी व्यक्तिगत पसंद हो सकती है। उन्होंने कहा था कि हाईकोर्ट ने गलत रास्ता अपनाया। यह (हिजाब) सीधा व्यक्तिगत पसंद का मामला है और संविधान के आर्टिकल 14 और 19 से जुड़ा है जो पसंद का अधिकार देता है।

दिल्ली-एनसीआर में लगे भूकंप के झटके, उत्तराखंड में भी हिली धरती; जान लीजिए, रिक्टर स्केल पर इतनी रही तीव्रता

 दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके लगे हैं। भूकंप बुधवार दोपहर को महसूस किया गया। बताया जा रहा है कि इसका केंद्र नेपाल में था। राहत की बात है कि कहीं से भी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी भूकंप

इससे पहले, बुधवार दोपहर डेढ़ बजे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां भूकंप की तीव्रता 4.4 मापी गई है। भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ से 143 किमी दूर जमीन के 10 किमी अंदर था।

नेपाल में था भूकंप का केंद्र

नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र ने इसकी जानकारी दी है। केंद्र ने बताया कि नेपाल के बाजुरा में बुधवार दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.2 मापी गई।

पहले भी आया नेपाल में भूकंप

हाल ही में नेपाल में 5.8 की तीव्रता का भूकंप आया था। भूपंक के झटके से तीन मकान ढह गए थे। भूकंप का केंद्र बाजुरा के हिमाली ग्राम परिषद और हुमला के ताजकोट ग्राम परिषद का सीमावर्ती क्षेत्र था।

अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में एक और भारतवंशी शामिल, विवेक रामास्वामी ने किया उम्मीदवारी का एलान

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क्या ब्रिटेन के बाद अमेरिका में भी चलेगा भारतवंशी का जादू?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की रेस में दो भारतवंशी दिखाएंगे दम

निक्की हेली के बाद मैदान में एक और नाम

साल 2024 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। भारतीय मूल की निक्की हेली के बाद एक और भारतवंशी ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। यानी इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की रेस में भारतीय मूल के दो लोग शामिल होते दिखेंगे। भारतीय मूल के विवेक गोस्वामी ने अब अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है।

पिछले दिनों निक्की हेली ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने को लेकर अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया था।निक्की हेली के अलावा भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी जो हेल्थ केयर और तकनीकी क्षेत्र के बड़े उद्यमी, रूढ़िवादी टिप्पणीकार और लेखक हैं, ने फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है। रामास्वामी ने इंटरव्यू में कहा,मुझे आज रात यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि मैं इस देश में उन आदर्शों को पुनर्जीवित करने के लिए राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल हो रहा हूं।

भारतवंशी निक्की हेली कर चुकीं हैं अपने अभियान की शुरूआत

रामास्वामी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी का दावा पेश करने वाले दूसरे भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं। कुछ ही दिन पहले भारतीय मूल की ही निक्की हेली ने भी 2024 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर हामी भरी थी। रिपब्लिकन पार्टी की भारतवंशी नेता निक्की हेली ने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी दावेदारी के लिए 15 फरवरी को औपचारिक रूप से अभियान की शुरुआत कर दी।

कौन हैं विवेक रामास्वामी?

विवेक रामास्वामी एक बिजनेसमैन हैं और अमेरिका के राज्य आइओवा में वह अपनी उम्मीदवारी के प्रचार को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। रामास्वामी का कहना है कि वह विचार आधारित कैंपेन शुरू करने पर फोकस कर रहे हैं। बता दें कि विवेक रामास्वामी के पिता एक जनरल इलेक्ट्रिक इंजीनियर थे और भारत के केरल से अमेरिका में बस गए थे। रामास्वामी की मां एक मनोचिकित्सक थी। रामास्वामी की जन्म अमेरिका सिनसिनाटी में हुआ। हावर्ड और येले यूनिवर्सिटी से पढ़े विवेक रामास्वामी की संपत्ति 500 मिलियन डॉलर के करीब है। विवेक रामास्वामी एक बायोटेक कंपनी के मालिक हैं।

“आप” की शैली ओबेरॉय बनीं दिल्ली की मेयर, तीन बार टलने के बाद आज हुआ मतदान

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दिल्ली नगर निगम को उसका नया मेयर मिल गया है।आम आदमी पार्टी (आप) की प्रत्याशी शैली ओबरॉय ने मेयर पद का चुनाव जीत लिया है। चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की रेखा गुप्ता को हराकर आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय दिल्ली की मेयर बनीं हैं।

दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव के लिए कुल 266 वोट पड़े।आप की मेयर पद की उम्मीदवार डॉ शैली ऑबरोय को 150 वोट मिले। जबकि भाजपा की उम्मीदवार रेखा गुप्ता को 116 वोट मिले।दिल्ली एमसीडी चुनाव पर आम आदमी पार्टी की जीत पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने नवनिर्वाचित मेयर डॉ शैली ओबरॉय को बधाई देने के साथ आप के सभी पार्षदों और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी।

मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया उन्होंने लिखा- गुंडे हार गये, जनता जीत गयी। दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी का मेयर बनने पर सभी कार्यकर्ताओं को बहुत बधाई और दिल्ली की जनता का तहे दिल से एक बार फिर से आभार।AAP की पहली मेयर शैली ओबरॉय को भी बहुत बहुत बधाई।

शैली ओबेरॉय दिल्ली की पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से पार्षद हैं। 39 साल की शैली ओबेरॉय पेशे से प्रोफेसर हैं। वहीं पहली बार पार्षद चुनी गई हैं। शैली ओबेरॉय मात्र 269 वोटों से चुनाव जीती थीं। उन्होंने पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से बीजेपी की दीपाली कपूर को हराया था।

”भारत में फासीवाद” इटली के अखबार को दिए इंटरव्यू में बोले राहुल गांधी

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में इटली के एक अखबार को इंटरव्यू दिया है।इटली के एक अखबार ‘Corriere della Sera’ को दिए इंटरव्यू में 52 वर्षीय राहुल गांधी ने भारत जोड़ों यात्रा से लेकर अपनी निजी जिदंगी को लेकर पूछे गए सवाल के भी खुलकर जवाब दिए हैं।

भारत में इस वक्त फासीवाद है-राहुल गांधी

1 फरवरी को इटली के अखबार में छपे इंटरव्यू के अनुसार, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है भारत में इस वक्त फासीवाद है। संसद अब काम नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि किसी भी देश में फासीवाद उस वक्त पैर पसारता है, जब लोकतांत्रिक ढांचे ध्वस्त होने लगते हैं और संसद सही ढंग से नहीं चलती। राहुल गांधी ने कहा मैं दो साल से बोल नहीं पाया हूं, जैसे ही मैं बोलना शुरू करता हूं वो मेरा माइक्रोफोन बंद कर देते हैं। शक्तियां संतुलित नहीं हैं। न्याय स्वतंत्र नहीं है। प्रेस अब स्वतंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष फासीवाद के खिलाफ वैकल्पिक नजरिया पेश करे तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनाव में हराया जा सकता है।

मोदी को मात देने का दिया “मंत्र”

इस दौरान राहुल गांधी ने 2024 के आम चुनाव में पीएम मोदी को कैसे मात देनी है इस पर भी बात की। नरेन्द्र मोदी को हराने के सवाल पर राहुल ने कहा, यह तो तय है कि पीएम मोदी को हराया जा सकता है। लेकिन जरूरी है कि आप जनता को एक परिप्रेक्ष्य दें। वामपंथ या दक्षिणपंथ से जुड़ा विजन नहीं, बल्कि शांति और गठबंधन का परिप्रेक्ष्य। फासीवाद को सिर्फ विकल्प देकर ही हराया जा सकता है। अगर भारत के कोई दो नजरिए आमने-सामने हों, तो हमारे नजरिए की जीत होगी।

भारत जोड़ो यात्रा तो बताया "तपस्या"

राहुल गांधी ने अपने साक्षात्कार में भारत जोड़ो पदयात्रा पर “तपस्या” बताया। उन्होंने कहा, "सबकी सीमाएं, मेरी भी, हमारी सोच से कहीं ज्यादा हैं। संस्कृत में एक शब्द है तपस्या, जो कि किसी पश्चिमी संस्कृति के व्यक्ति के लिए समझना मुश्किल है। इसे कोई धैर्य कहता है, तो कोई बलिदान। लेकिन इसका मतलब है गर्मी पैदा करना। यह पदयात्रा से एक गर्माहट पैदा हुई, जो कि आपको अपने अंदर देखने देत है, समझने देती है कि भारतीयों का असाधारण लचीलापन कितना ज्यादा है।

दादी-नानी के साथ रिश्तों पर बोले राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अखबार को बताया कि वे भारतीय दादी के फेवरेट थे और बहन प्रियंका इटैलियन नानी की फेवरेट थीं। उन्होंने कहा, नानी 98 वर्ष जीवित रहीं और मैं चाचा वॉल्टर, ममेरे भाइयों और पूरे परिवार की तरह उनसे बहुत जुड़ा हुआ था। बचा दें कि पाओला माइनो का पिछले साल अगस्त में इटली में निधन हो गया था।

बच्चे चाहते हैं राहुल, फिर शादी क्यों नहीं की?

इंटरव्यू के दौरान उनसे सवाल किया गया कि उन्होंने अभी तक शादी क्यों नहीं की तो उन्होंने जवाब दिया, “यह अजीब है…मुझे नहीं पता। बहुत कुछ करना है। लेकिन मैं चाहूंगा कि बच्चे हों।” भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दाढ़ी न कटवाने के सवाल पर उन्होंने कहा, “मैंने तय किया था कि पूरे मार्च के दौरान मैं दाढ़ी नहीं कटवाऊंगा। अब मुझे तय करना है कि इसे रखना है यह नहीं…”

योगी सरकार ने खोला पिटाराः बजट में हर वर्ग को साधने की कोशिश, जानें जनता को क्या-क्या मिला

#uttar_pradesh_budget_2023

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को पेश किया।इस बजट में समाज के सभी वर्गों को साधने की कोशिश की गई है।सुरेश खन्ना ने 06 लाख 90 हजार 242 करोड 43 लाख रुपये का बजट सदन में रखा।वित्त मंत्री ने इस दौरान कहा कियह ‘नए उत्तर प्रदेश’ का विकासोन्मुखी बजट है।

यूपी के बजट से जुड़े बड़े ऐलान

-वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने भाषण के दौरान कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेंस कॉरिडोर परियोजना के लिए ₹550 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के ल‍िए 200 करोड़ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ गोरखपुर में औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा। इसके लिए 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। इसके अलावा पांच लाख रोजगार सृजन करने के लिए राज्य में बनाए जा रहे एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारे बनाए जाएंगे। इसके तहत पूर्वाचल एक्सप्रेस वे और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के किनारे 6 स्थानों पर औद्योगिक निर्माण संकुल बनाने का फैसला किया गया है

-इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से नई उप्र सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा नीति-2022 के तहत करीब ₹5000 करोड़ के निवेश का अनुमान है, जिससे करीब 50,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 1,00,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने का अनुमान है।

-अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की बेटियों की शादी अनुदान योजना के लिए ₹150 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत प्रति लाभार्थी को ₹15 हजार तक की धनराशि से लाभान्वित किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ₹1,050 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-वित्त मंत्री ने बजट भाषण में स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए 12 हजार 650 करोड़ खर्च करने का एलान किया है। सरकार ने हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का भी लक्ष्य तय किया है। 14 नए मेडिकल कॉलेज के लिए 2191 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

-वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मुख्य सिंचाई परियोजना के लिए ₹5,332 करोड़ 50 लाख, मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए ₹2,220 करोड़ 20 लाख और लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए ₹3,400 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित हैं। साथ ही वित्तीय वर्ष 2023-2024 में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास के लिए ₹2,803 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

-ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना हेतु 300 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।

-वृद्धावस्था और किसान पेंशन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023 -2024 के बजट में ₹7,248 करोड़ का बजट प्राविधान प्रस्तावित है। इसके साथ ही दिव्यांग पेंशन योजना के तहत दिव्यांग भरण पोषण अनुदान के लिए 1,120 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

-वाराणसी और गोरखपुर में मेटो के लिए 100 करोड़ के बजट का ऐलान किया गया है। झांसी चित्रकुट लिंक एक्सप्रेस वे के लिए 235 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

-कॉलेजों के संचालन के लिए 2 हजार 491 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि स्वास्थ्य व्यवस्था पर 12 हजार 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

-वित्त मंत्र ने कहा कि उप्र स्टार्टअप नीति-2020 के अन्तर्गत कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ऊर्जा, खादी, शिक्षा, पर्यटन, परिवहन आदि क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में 50 इन्क्यूबेटर तथा 7200 स्टार्टअप्स कार्यरत हैं। इन्क्यूबेटर्स को बढ़ावा देने तथा स्टार्टअप्स के लिये सीड फण्ड हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप्स नीति हेतु 60 करोड़ रूपये प्रस्तावित है।

बेटी को पापा ने भेजी दूल्हे की फोटो, लड़की ने लड़के को कर दिया अपनी कंपनी में जॉब ऑफर अब वाट्सएप पर जमकर हो रहा वायरल


 इन दिनों माता-पिता के लिए अपने बच्चों को दूल्हे और दुल्हन की प्रोफाइल लिंक शेयर करना काफी आम हो गया है। एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिसमें एक लड़की ने पिता द्वारा भेजे गए मैट्रिमोनियल मैच को जॉब ऑफर कर दिया। वह प्लेटफॉर्म है, जहां मेल खाने वाले दो लोग आपस में बातचीत करते हैं और फिर शादी के लिए राजी होने पर रिश्ता आगे बढ़ाते हैं। यही कारण है कि कई पैरेंट्स विवाह योग्य उम्र तक पहुंचने पर अपने बेटे और बेटियों का वैवाहिक वेबसाइटों पर रजिस्ट्रेशन करवाते हैं। उनका लक्ष्य अपने बच्चों के लिए जीवन साथी खोजना है। इन दिनों माता-पिता के लिए अपने बच्चों को दूल्हे और दुल्हन की प्रोफाइल लिंक शेयर करना काफी आम हो गया है। एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसमें एक लड़की ने पिता द्वारा भेजे गए

मैट्रिमोनियल मैच को जॉब ऑफर कर दिया।

बेंगलुरु स्थित स्टार्ट-अप 'साल्ट' की को-फाउंडर उदिता पाल को उनके पिता ने एक मैचमेकर की एक प्रोफाइल भेजी थी। लेकिन लड़की ने रिश्ते को आगे बढ़ाने के बजाय उस शख्स को अपनी कंपनी में नौकरी की पेशकश की। इसके बाद लड़की ने अपने पिता को इस बारे में बताया और फिर व्हाट्सऐप का एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पिता ने एक मैसेज में लिखा, आप वैवाहिक साइटों से लोगों को काम पर नहीं रख सकते। अब उसके पिता को क्या कहें?

व्हाट्सऐप चैट पर पिता ने बेटी को लिखी ऐसी बात

उन्होंने आगे लिखा, मैंने आपका मैसेज देखा। आपने उसे एक इंटरव्यू का लिंक दिया और उसका बायोडाटा मांगा। इसके बाद उदिता पाल ने अपने पिता को जवाब दिया कि उस व्यक्ति के पास फिनटेक का 7 वर्ष का अनुभव है, जोकि बहुत अच्छा है। लड़की के पिता को वह व्यक्ति एक अच्छा मैच लग रहा था क्योंकि साल्ट एक फिनटेक प्लेटफॉर्म है जो अंतरराष्ट्रीय लेनदेन की सुविधा देता है। उदिता ने आगे लिखा, '7 साल का फिनटेक अनुभव बहुत अच्छा है और हम उन्हें काम पर रख रहे हैं। मुझे खेद है।

उदिता ने अब बातचीत का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर किया है। इस पोस्ट पर अभी तक 14,000 से अधिक लाइक्स और 1,200 से ज्यादा रीट्वीट हो चुके हैं। क्या उदिता के लिए उस व्यक्ति को काम पर रखना सही था या नहीं? यह आप तय करें।