सुप्रीम कोर्ट से भाजपा को झटका, दिल्ली एमसीडी मेयर के चुनाव में मनोनीत पार्षद नहीं डाल पाएंगे वोट, चौथी फिर टला मेयर चुनाव

 दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट से भाजपा को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा संविधान में स्पष्ट है कि मनोनीत पार्षद (एल्डरमैन) मेयर चुनाव में वोट नहीं डाल सकते हैं। साथ ही 16 फरवरी को होने वाले दिल्ली मेयर का चुनाव भी टल गया है। उपराज्यपाल की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) संजय जैन ने कहा मामले में विस्तृत सुनवाई होनी चहिए। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई 17 फरवरी को होगी।

दिल्ली मेयर चुनाव मामले में आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली मेयर की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा कि एमसीडी मेयर चुवाव में मनोनीत पार्षद वोट नहीं कर सकते हैं। इसी मामले में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि संविधान के प्रविधान के अनुसार, मनोनीत सदस्य महापौर और उपमहापौर चुनाव के लिए वोट नहीं कर सकते हैं।

मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। एलजी कार्यालय की ओर से एएसजी संजय जैन ने कहा कि दिल्ली मेयर का चुनाव भी 17 फरवरी की सुनवाई के बाद की तारीख के लिए स्थगित कर दिया है। शीर्ष अदालत ने आठ फरवरी को शैली ओबेरॉय की याचिका पर उपराज्यपाल कार्यालय, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के प्रोटेम पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा और अन्य से जवाब मांगा था।

बागेश्वर धाम पहुंचे कांग्रेस नेता कमलनाथ, कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से भी की मुलाकात

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बागेश्वर धाम और उसके पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बीते कुछ समय से काफी चर्चा में हैं। इस बीच मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ सोमवार को बागेश्वर धाम पहुंचे। बागेश्वर धाम में उन्होंने कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सुबह 11 बजे बागेश्वर धाम पहुंचे। वहां भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की। उसके बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से बंद कमरे में मुलाकात की। काफी देर तक बागेश्वर धाम में रुकने के बाद कमलनाथ वहां से पन्ना के लिए रवाना हो गए।कमलनाथ ने बागेश्वर धाम बालाजी मंदिर में माथा टेककर इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार की अनौपचारिक शुरुआत कर दी। 

बागेश्वर धाम के दर्शन करने के बाद कमलनाथ ने कहा कि मैंने छिंदवाड़ा में सबसे बड़ा 101 फीट से भी ऊंचा हनुमान मंदिर बनवाया है। मैं हनुमानजी से यहां प्रार्थना करने आया था कि मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहे।कमलनाथ ने ये बी कहा कि महाराज जी से भी मुलाकात हुई है।

बता दें कि पिछले कुछ समय से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री चर्चा में हैं और सुर्खियां बने हुए हैं। नागपुर में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के पदाधिकारियों से चमत्कारों को लेकर हुई तकरार के बाद विवादों में भी घिर गए थे। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कुछ लोगों का धर्मांतरण कर चर्चा में आए थे। ऐसे में कमलनाथ का बागेश्वर धाम पहुंचना एक बड़ा सियासी कदम बताया जा रहा है।

सरकार चाहती है की कोई भी समाज पीछे नहीं रहेः राष्ट्रपति

लखनऊ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यूपी में 25 करोड़ लोग निवास करते हैं, लेकिन क्यों सिर्फ बुक्सा समाज को ही बुलाया गया है। क्योंकि सरकार चाहती है कि कोई भी समाज पीछे न रह जाए।

सभी आगे बढ़ें। हर बच्चे को पढ़ने की सुविधा मिले, शिक्षित व आर्थिक रूप से उन्नति करें। बुक्सा समाज शिक्षा, सामाजिक व आर्थिक समेत सभी क्षेत्रों में पीछे है, सरकार चाहती है कि वे भी कदम से कदम मिलाकर चलें। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को सूबे की बुक्सा जनजाति के लोगों को वनाधिकार पत्र वितरित कर उनसे संवाद के दौरान यह बातें कहीं।  

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं राज्यपाल थी तो सरकार से बोली कि जनजातियों को आगे लाना है। उनके लिए बहुत काम हो रहे हैं। स्कूल-कॉलेज खुल रहे हैं। शुरुआत अच्छी हुई है तो सारी समस्याओं को दूर भी किया जाएगा। अभी टेक्नोलॉजी का जमाना है। विडियो से जाना कि छात्राओं के लिए हॉस्टल है, घर से आने-जाने वालों के लिए साइकिल की व्यवस्था कराई गई। मुसहर जनजातिय के लोग जंगलों में रहते हैं। उनकी खुद की जमीन न होने से वे पीएम आवास योजना से नहीं जुड़ पाते। उन्होंने समाज के लोगों को नसीहत दी कि सीखना बहुत जरूरी है। बेटा हो या बेटी, दोनों को पढ़ाना चाहिए।  

सिर्फ सरकार से सहारा न लें, आगे बढ़ने का जुनून होना चाहिए

राष्ट्रपति ने कहा कि जिंदगी जीने के लिए घर जरूरी है। आपमें से कोई पंचायत मुखिया बन गया, कोई समिति सदस्य, हर क्षेत्र में बच्चियां बढ़ रही हैं। यह शुरुआत है, जनजातीय भी जरूर आगे बढ़ेंगे। सिर्फ गवर्नमेंट से ही सहारा न लें, बल्कि आगे बढ़ने का जुनून होना चाहिए। मानसिकता मजबूत होनी चाहिए। मनोबल को सशक्त करना चाहिए। बेटा-बेटी दोनों को पढ़ाइए, सरकार से बात करूंगी कि जरूरत पर नजदीक स्कूल खोले जाएं। अभी एकलव्य विद्यालय खोले गए हैं। बच्चों को भी कंप्टीशन में भाग लेना चाहिए। यह सोच आनी चाहिए कि दूसरे समुदाय के बच्चों के साथ आपके बच्चे भी आगे आ पाएं। आपको भी उस रास्ते पर दौड़ना चाहिए। हम जनजातिय हैं, पीछे नहीं रहेंगे, हम भी सशक्त होंगे, हम भी कुछ बनेंगे। यह सोच होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने बताया कि आपकी राज्यपाल गांव-गांव घूमती हैं। कई गांवों, आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद ले चुकी हैं। मुख्यमंत्री व मंत्रियों से बात हुई है। जो समाज पीछे है, उसे आगे लाने के लिए वे प्रयासरत हैं। आगे का रास्ता बहुत अच्छा होगा। 

आप भी कदम से कदम और कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे

राष्ट्रपति ने कहा कि आपको अपना पारंपरिक कार्य (खेती-बाड़ी, पशुपालन) भी करते रहना चाहिए। आर्थिक उन्नति के लिए सरकार सहयोग देती है। बेहतर के लिए हमें प्रयास करना चाहिए और प्रयास करने से ही आगे बढ़ सकते हैं। आपका भविष्य उज्ज्वल होगा, आपको भी कदम से कदम और कंधे से कंधे मिलाकर बढ़ना चाहिए। सरकार प्रयास कर रही है पर आपको भी प्रयास जारी रखना चाहिए। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने जनजातीय समूहों द्वारा संचालित समूहों की ओर से निर्मित स्मृति चिह्न राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिया। कार्यक्रम में निदेशलाय, जनजातीय विकास विभाग की तरफ से बुक्सा जाति पर डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई। 

5 लोगों को राष्ट्रपति ने दिए वनाधिकार प्रमाण पत्र

बिजनौर के कोतवाली, अफजलगढ़ व नजीबाबाद ब्लॉक में निवास करती है। यूपी के बिजनौर में वनाधिकार अधिनियम के तहत 21 लोगों को वन भूमि पर पट्टे दिए गए हैं। इसमें से 5 लोगों को राष्ट्रपति ने वनाधिकार पट्टा अभिलेख के प्रमाण पत्र दिए। बाला पत्नी श्री चिरंजी, श्री धन सिंह, शिव सिंह, वीरेंद्र व वीरमती के स्थान पर पति पारेन ने प्रमाण पत्र प्राप्त किए। बुक्सा जनजाति की प्रतिनिधि सीमा (ग्राम प्रधान, बावन सराय) व धन सिंह ने अपनी बातें भी रखीं।

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने प्रकिया को ठहराया सही

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जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। इस प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के परिसीमन की प्रकिया को सही ठहराया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में अब चुनावों का रास्ता साफ हो गया है। 

बता दें कि श्रीनगर के रहने वाले हाजी अब्दुल गनी खान और मोहम्मद अयूब मट्टू ने जम्मू कश्मीर में परिसीमन को चुनौती देते हुए उसे रद्द करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि परिसीमन में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। जबकि केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और चुनाव आयोग ने इस दलील को गलत बताया था। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित किया था। पिछले साल 1 दिसंबर को जस्टिस संजय किशन कौल और अभय एस ओका की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा था। आज ये फैसला जस्टिस अभय एस ओक ने सुनाया।

याचिकाकर्ता की दलील

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन के लिए आयोग का गठन संवैधानिक प्रावधानों के हिसाब से सही नहीं है। परिसीमन में विधानसभा क्षेत्रों की सीमा बदली गई है. उसमें नए इलाकों को शामिल किया गया है। साथ ही सीटों की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 कर दी गई है, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की भी 24 सीटें शामिल हैं। यह जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की धारा 63 का उल्लंघन है 

केंद्र सरकार ने कहा

केंद्र सरकार की तरफ से जवाब देते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 2, 3 और 4 के तहत संसद को देश में नए राज्य या प्रशासनिक इकाई के गठन और उसकी व्यवस्था से जुड़े कानून बनाने का अधिकार दिया गया है। इसी के तहत पहले भी परिसीमन आयोग का गठन किया जाता रहा है। इसके अलावा, याचिकाकर्ता का यह कहना भी गलत है कि परिसीमन सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही लागू किया गया है। इसे असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड के लिए भी शुरू किया गया है।

परिसीमन पर बवाल क्यों

बता दें कि आर्टिकल 370 हटाए जाने से पहले जम्मू और कश्मीर की लोकसभा सीटों का परिसीमन केंद्र करता था। विधानसभा सीटों का परिसीमन राज्य सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट, 1957 के तहत होता था। 2019 में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा और लोकसभा दोनों सीटों का परिसीमन का अधिकार केंद्र के पास चला गया है।

वुमेंस प्रीमियर लीग ऑक्शनः खिलाड़ियों पर बरस रहा पैसा, अब तक सबसे महंगी बिकीं मंधाना, बैंगलोर ने खर्च किए 3.40 करोड़

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वुमेंस प्रीमियर लीग के लिए ऑक्शन शुरू हो गया है। मुंबई में वुमेंस प्रीमियर लीग के पहले ऑक्शन की शुरुआत हो गई है। दुनियाभर के 400 से अधिक खिलाड़ियों की बोली लगाई जाएगी। कुल पांच टीमें 90 खिलाड़ियों को खरीदने के लिए तैयार हैं।

मंधाना को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 3.40 करोड़ रुपये में खरीदा

सबसे पहली बोली टीम इंडिया की स्टार क्रिकेटर स्मृति मंधाना के नाम लगी है, उनका बेस प्राइस 50 लाख रुपये था। स्मृति के लिए लगभग सभी टीमों ने बोली लगाई है और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने उन्हें 3.40 करोड़ रुपये में खरीदा। स्मृति मंधाना के लिए मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के बीच बिडिंग बैटल देखने को मिली। स्मृति मांधना पर मुंबई ने दो करोड़ की बोली लगाई। बैंगलोर पीछा नहीं हटा और अब बोली 2 करोड़ 60 लाख तक पहुंच गई थी। आखिरकार उन्हें 3.4 करोड़ रुपए में आरसीबी ने खरीदा। स्मृति मंधाना पहले सेट की सबसे महंगी खिलाड़ी रहीं।

मुंबई इंडियंस की हुईं हरमनप्रीत कौर

टीम इंडिया की कप्तान हरमनप्रीत कौर के नाम दूसरी बोली लगी है। उनका बेस प्राइस भी 50 लाख रुपये था, हरमनप्रीत कौर को मुंबई इंडियंस ने 1.80 करोड़ रुपये में खरीदा है। हरमनप्रीत के लिए दिल्ली कैपिटल्स और बैंगलोर के बीच जंग हुई।मुंबई इंडियंस ने एक करोड़ 60 लाख पर एंट्री की। उत्तर प्रदेश की टीम एक करोड़ 70 लाख के साथ रेस में एंट्री हुई। आखिरकार मुंबई इंडियंस ने 1.80 करोड़ रुपये में हरमनप्रीत को खरीदा।

सोफी एकलस्टोन को यूपी वॉरियर्स ने खरीदा

इंग्लैंड की स्पिनर सोफी एकलस्टोन को यूपी वॉरियर्स ने खरीदा। उनका बेस प्राइस 50 लाख रुपये था। वे ऑलराउंडर हैं, उन्हें यूपी वॉरियर्स ने 1.80 करोड़ रुपये में खरीदा।

नताली स्कीवर को मुंबई इंडियंस ने खरीदा

इंग्लैंड की ऑलराउंडर और कप्तान नताली स्कीवर को मुंबई इंडियंस ने 3.20 करोड़ रुपये में खरीदा। उनका बेस प्राइस 50 लाख रुपये था।

ताहिला मैक्ग्रा को यूपी वॉरियर्स ने खरीदा

ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर को यूपी वॉरियर्स ने 1.40 करोड़ रुपये में खरीदा। उनका बेस प्राइस 40 लाख रुपये था।

लिट्टे चीफ को लेकर बड़ा दावा, तमिल नेता ने कहा-जिंदा है प्रभाकरण

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लिबरेशन टाइगर्स तमिल ईलम यानी (लिट्टे) प्रमुख वी प्रभाकरन के जिंदा होने का दावा किया गया है। तमिल नेशनलिस्ट मूवमेंट के नेता पाझा नेदुमारन ने चौंकाने वाला दावा किया है। साथ ही ये भी कहा है कि वह जल्द सामने आएगा।

वर्ल्ड कनफेडरनेशन ऑफ तमिल्स के अध्यक्ष पी नेदुमारन ने कहा गया है कि लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन जिंदा हैं। नेदुमारन ने कहा है कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे तमिल राष्ट्रीय नेता प्रभाकरण जिंदा हैं और वह ठीक हैं। उन्होंने कहा, जल्द ही, सही समय आने पर प्रभाकरण दुनिया के सामने आएंगे और वह इलम तमिल्स के बेहतरी के लिए एक योजना पेश करेंगे। नेदुमारन ने यह भी दावा किया कि प्रभाकरन का परिवार भी सुरक्षित है क्योंकि वह लगातार उनके संपर्क में है। उन्होंने कहा कि प्रभारकन की सहमति के बाद ही मैंने ये जानकारी दी है। नेदुमारन ने कहा, मुझे उम्मीद है कि इस खबर से उन अटकलों पर विराम लगेगा, जो लिट्टे प्रमुख के बारे में फैलाई गई हैं।

प्रभाकरण के बाहर आने का यही सही समय

तंजावुर में मुलिवैक्कल मेमोरियल में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नेदुमारन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्थिति और श्रीलंका में राजपक्षे शासन के खिलाफ सिंहली लोगों के शक्तिशाली विद्रोह के चलते प्रभाकरण के बाहर आने का यही सही समय है। उन्होंने कहा कि सिंहली लोगों का विद्रोह जो कि राजपक्षे के शासनकाल में दबा दिया गया था, वह अब रंग ला रहा है।

प्रभाकरण को समर्थन देने की अपील

इसके साथ ही नेदुमारन ने दुनिया भर में ईलम तमिलों (श्रीलंकाई तमिल) और तमिलों से अपील की कि वे प्रभाकरण को पूरा समर्थन देने के लिए एकजुट रहें. उन्होंने तमिलनाडु सरकार, पार्टियों और तमिलनाडु की जनता से भी प्रभाकरण के साथ खड़े होने का भी आह्वान किया।

कौन है वेलुपिल्लई प्रभाकरन?

वेलुपिल्लई प्रभाकरन एक श्रीलंकाई तमिल गुरिल्ला और लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (लिट्टे) का संस्थापक है। लिट्टे ने श्रीलंका के उत्तर और पूर्व में एक स्वतंत्र तमिल राज्य बनाने की मांग की थी। लिट्टे ने श्रीलंकाई तमिल लोगों के लिए एक स्वतंत्र राज्य बनाने के लिए श्रीलंका में 25 से अधिक वर्षों तक युद्ध छेड़ा था।करीब 30 सालों तक तक अपने आतंक और दहशत से श्रीलंका को बार-बार दहलाता रहा। अलग राज्य की मांग को लेकर लिट्टे ने सबसे पहले आत्मघाती दस्ते की शुरुआत की। इसने इस दस्ते का यूज कर हजारों निर्दोष लोगों के साथ कई राजनीतिक हस्तियों को भी मौत के घाट उतार दिया। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी शामिल थे।

2009 में श्रीलंका ने प्रभाकरण को मृत घोषित किया था

बता दें कि श्रीलंकाई सेना ने 2009 में एक सैन्य अभियान चलाया था जिसमें प्रभाकरण के मारे जाने की बात कही गई थी। श्रीलंका के उत्तर और पूर्व प्रांत में एक स्वतंत्र तमिल राज्य बनाने के लिए हिंसक अभियान चलाने वाले प्रभाकरन को श्रीलंका सरकार ने 18 मई 2009 को मृत घोषित कर दिया। हिंसक एवं अलगाववादी आंदोलन चलाने पर दुनिया के 32 देशों ने लिट्टे को आतंकवादी संगठन घोषित किया था। इसी के साथ श्रीलंका का जाफना क्षेत्र लिट्टे के आतंक से आजाद हो गया था। प्रभाकरण के मार जाने के बाद लिट्टे ने हार मानते हुए अपनी बंदूकें शांत करने की घोषणा की थी।


उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में विहिप नेता को गोली मारने वाला भाजपा कार्यकर्ता गिरफ्तार, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर छिड़ी थी सोशल मीडिया पर जंग

यूपी के मुरादाबाद में विश्व हिंदू परिषद के महानगर सहमंत्री संतोष पंधारी पंडित को गोली मारने के आरोपी रजत शर्मा पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। सीओ सिविल लाइन डॉ. अनूप सिंह ने की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, हालांकि अभी पुलिस ने मीडिया कर्मियों को आरोपी से मिलने नहीं दिया है। पुलिस बाद में गिरफ्तारी और गोली मारने के कारणों का खुलासा करेगी। हालांकि शुरुआती जांच में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर दोनों के बीच में सोशल मीडिया पर हुई बहस को लेकर हमला करने की बात सामने आयी है। बहरहाल, रजत की गिरफ्तारी पर एसएसपी हेमराज मीणा ने पुलिस टीम की सराहना की है।

विहिप के सहमंत्री संतोष पंडित को गोली मारने के आरोपी भाजपा कार्यकर्ता रजत शर्मा को गिरफ्तार करके पुलिस घटना की बाबत पूछताछ कर रही है। जानकार बताते हैं कि मेडिकल कराने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। याद रहे कि दिल्ली रोड पर मझोला थाना क्षेत्र में शनिवार शाम विहिप नेता संतोष पंडित को गोली मार दी गई थी। घटना मानसरोवर कालोनी के गेट पर हुई थी। घटना के समय नया मुरादाबाद निवासी संतोष पंडित कटघर में विहिप की बैठक से अपने दो साथियों के साथ लौटे थे। तभी बाइक पर पहुंचे नागफनी निवासी रजत शर्मा ने संतोष को गोली मार दी थी। गंभीर रूप से घायल संतोष पंडित को साईं अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। गोली मारने से पहले दोनों में बहस भी हुई थी। याद रहे कि संतोष पडिंत और रजत शर्मा एक-दूसरे से अच्छी तरह परिचित हैं।

माना जाता है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के जातियां पंडितों ने बनाई है वाले बयान को लेकर ब्राह्मण समाज में नाराजगी है और ब्राह्मण सभा ने आठ फरवरी को कलेक्ट्रेट पर प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ प्र्रदर्शन कियाा था। मोहन भागवत के खिलाफ नारेबाजी करने पर संतोष ने रजत के खिलाफ अपने फेसबुक एकाउंट पर पोस्ट की थी जिसके जवाब में रजत ने भी अपने फेसबुक एकाउंट पर पोस्ट की थी।

 संतोष ने मोहन भागवत के खिलाफ नारेबाजी करने के बाद भी रजत के भाजपा पदाधिकारी बने रहने पर भी सवाल उठाया था। हालांकि हमले के बाद भाजपा नेताओं ने रजत के भाजपा में होने से इनकार कर दिया है। बता दें कि रजत शर्मा नगर निगम का संविदा कर्मचारी है और नागफनी क्षेत्र में रहता है।

उत्तराखंड में पेपर लीक मामले में इनामी आरोपियों की तलाश में यूपी में छापे, भाजपा नेता समेत तीन फरार, अब तक 19 आरोपी गिरफ्तार

उत्तराखंड में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पटवारी व सहायक अभियंता (एई) और अवर अभियंता (जेई) की लिखित भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक प्रकरण में फरार आरोपियों की धरपकड़ तेज कर दी है। पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष समेत तीन आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित करने के बाद टीमें धरपकड़ के लिए रवाना कर दी गई हैं। एक टीम पूर्वी उत्तर प्रदेश पहुंची है जबकि एक टीम हरिद्वार के अलावा आसपास के इलाकों में दबिश दे रही है।

पटवारी और एई-जेई भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश में एसआईटी जुटी हुई है। जेल में बंद मास्टरमाइंड संजीव चतुर्वेदी के भांजे अनुराग पांडे निवासी बलिया उत्तर प्रदेश का नाम प्रकरण में सामने आया था जबकि लक्सर बाकरपुर निवासी डेविड की भूमिका भी प्रकाश में आई लेकिन दोनों हत्थे नहीं चढ़ पाए।

वहीं एई-जेई और पटवारी पेपर लीक मामले में फरार पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष मंगलौर ग्रामीण संजीव धारीवाल निवासी मोहम्मदपुर जट मंगलौर हाथ नहीं लग पाया है। शुक्रवार देर रात एसएसपी अजय सिंह ने तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। अब एसआईटी ने तलाश तेज कर दी।

अनुराग पांडे की गिरफ्तारी के लिए एक टीम बलिया उत्तर प्रदेश भेजी गई है। अलग-अलग टीमें भाजपा नेता संजय धारीवाल और डेविड की तलाश में दबिश दे रही है। आरोपियों के कई लोगों से कनेक्शन निकलने की बात भी सामने आई हैं। एसआईटी उनसे भी पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि जांच चल रही है। पेपर लीक के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।

भारत-नेपाल सीमा पर बिहार में तैनात जवानों में खूनी संघर्ष, सर्विस हथियार से एक ने दूसरे को मारी गोली, हालत गंभीर

 बिहार के सीतामढ़ी में भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा में तैनात सोनबरसा के नरकटिया बीओपी में दो जवानों के बीच आपसी लड़ाई में गोलीबारी से हड़कंप मच गया है। एक जवान ने दूसरे पर गोली चला दी। गोली जवान की जांघ में लगी है। जवान की हालत गंभीर बताई जा रही है। आरोपित जवान को एसएसबी ने फिलहाल अपने कब्जे में ले लिया है।

घटना सोमवार सुबह 7 बजे के करीब की बताई जा रही है। घटना के बाद आनन-फानन में जवान को गंभीर हालत में सीतामढ़ी सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल जवान की पहचान झारखंड निवासी धर्मेंद्र कुमार जोलोजो (33 वर्ष), पिता मंगल जोलोजो के तौर पर हुई है। वहीं, आरोपित जवान का नाम थान सिंह मीणा, पिता जगदीश मीणा है। वह राजस्थान का रहने वाला है। 

बताया जा रहा है कि जवान ने इंसास राइफल से दूसरे जवान पर गोली चलाई। एसडीपीओ सदर सुबोध कुमार ने जवान को गोली लगने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है। हालांकि, जवानों के बीच किस बात को लेकर विवाद था, इसपर कोई भी अधिकारी अभी कुछ भी बताने से के लिए तैयार नहीं है।

चिकित्सक के अनुसार, जवान के बाईं पैर के जांघ में एक गोली लगी है। सशस्त्र सीमा बल एसएसबी की 51वीं बटालियन के नरकटिया बीओपी में जवान की तैनाती है। अबतक आपसी विवाद में गोली चलने की बात सामने आई है। आरोपित जवान को भी पिटाई लगी है। एसएसबी के कमांडेंट राजन कुमार श्रीवास्तव ने कोई बयान देने से इनकार कर दिया है। तमाम बड़े अधिकारी बीओपी से लेकर सदर अस्पताल तक दौड़ लगा रहे हैं।

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रामचरित मानस पर टिप्पणी करने वाले बाबर की संतान', UP सहकारिता मंत्री भी विवाद में कूदे, राहुल गांधी और अखिलेश यादव को राजनीति के लिहाज से नासमझ भी बताया

उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने रामचरित मानस पर टिप्पणी करने वालों को बाबर की संतान बता दिया। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को राजनीति के लिहाज से नासमझ भी बताया। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर रविवार देर शाम पत्रकारों से बात करते सहकारिता मंत्री ने कहा कि जो भी रामचरितमानस के बारे में ऊल-जलूल बोल रहे हैं, वह सब बाबर की संतान हैं। जिन लोगों ने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई हैं, ऐसे लोगों से हम और राम भक्त क्या अपेक्षा कर सकते हैं।

कांग्रेस और अखिलेश पर साधा निशाना

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों राजनीति के लिहाज से नासमझ हैं। एक सवाल के उत्तर में सहकारिता मंत्री ने बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी बड़े बहुमत से जीतेगी। हम तीसरी बार केंद्र में हम सरकार बनाने जा रहे हैं। धर्म और राजनीति के सवाल पर उनका कहना था कि इस समय जितना ही प्रहार हो रहा है, वह सब सनातन धर्म पर ही किया जा रहा है। आने वाले चुनाव में प्रदेश की जनता ऐसा करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दे देगी।

विपक्षियों को किसी भी जाति से मतलब नहीं

सहकारिता मंत्री ने कहा कि विपक्षियों को किसी भी जाति से मतलब नहीं है। चाहे अगड़े हों या पिछड़े, उनको तो अपनी राजनीतिक रोटियां सेकना है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार से देश और प्रदेश के लोग सभी संतुष्ट हैं, किसान भी प्रसन्न है। इस मौके पर भाजपा नेता अनुराग पांडेय, रमाकांत दुबे, कलपेंद्र भारती सहित अन्य भाजपाई मौजूद रहे।