भटक कर रिहायशी इलाके में 18 दिनों से भटक रहा शावक जंगल की ओर लौटा, लोगों मे राहत

गौनाहा :- वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मांगुराहा वन क्षेत्र से भटक कर रिहायशी इलाके में 18 दिनों से भटक रहा शावक अब जंगल की तरफ लौटने लगा है।
विदित हो कि उक्त शावक को लेकर मितनी, बलुआ, पिपरा, टिकुल टोला, बेलसंडी कोहरगड्डी मरजदी, मरजादपुर, भितिहरवा सहित दर्जनों गांव में दहशत का माहौल है।
शावक के डर से लोग अपने सरेह में न तो अकेले जा रहे है, नहीं मवेशी को लेकर सरेह में जाने की हिम्मत जुटा पा रहे है।
रेंजर सुनील कुमार पाठक ने बताया कि शावक 8 से 10 किलोमीटर दूर जंगल से निकल चुका था। परंतु अब दोन नहर पार कर पिपरिया सोलर प्लांट के इर्द-गिर्द पहुंचा है, जो जंगल से चार-पांच किलोमीटर दूर है।
रेंजर ने बताया कि शावक अकेले हैं। उसके साथ न कभी बाघिन थी, न हीं वर्तमान में है।
वन कर्मियों ने बताया कि बाघिन शावक को एक से डेढ़ साल तक अपने साथ रख कर शिकार करना सिखाती है। उसके बाद शावक खुद शिकार करने लगता है।
उक्त शावक अब खुद शिकार करने लायक हो गया है। इसलिए वह अब बाघिन से अलग हो गया है।
रेंजर श्री पाठक ने बताया कि शावक दो दिन पूर्व दोन कैनाल नहर के करीब आया था, परंतु वह दक्षिण दिशा में लौट गया था। वर्तमान में वह शावक अब दोन कैनाल नहर पार कर चुका है। उम्मीद है की एक से दो रोज में वह जंगल में प्रवेश कर जाएगा।
उनका कहना है कि बाघ को दिन में धुंधला दिखाई देता है। यही कारण है कि उक्त शावक सुबह होते ही गन्ने की खेत में प्रवेश कर छुप जाता है। बाघ को रात में बहुत दूर तक साफ दिखाई देता है। यही कारण है कि शावक रात होने पर गन्ने के खेत से निकलकर अन्यत्र जाता है।
उन्होंने कहा कि खेत का मिट्टी कड़ा हो जाने के कारण उसके पग मार्क का सही टैगिंग नहीं हो पा रहा है। मंगूराहा व गोवर्धना वन क्षेत्र के वनकर्मी उक्त गांव के सरेहो में सुबह से शाम तक टैगिंग करने में जुटे हुए हैं, परंतु शावक के पग मार्क का सही टैगिंग नहीं हो पा रहा है। शावक के पुराने पग मार्क का ही टैगिंग हो पाया है।
रेंजर व अन्य वनकर्मी द्वारा भी रात में उस शावक की टैगिंग की जा रही है । उनका कहना था कि एक दिन भितिहरवा चिमनी के पास पग मार्क दिखाई देने की बात बताई गई थी परंतु जब उस पग मार्क की टैगिंग की गई तो पता चला कि वह पगमार्क शावक का नहीं कुत्ते का था।
वैसे तो उस शावक को फंसाने हेतु टीकुल टोला, बेलसंडी गांव के उत्तर व दक्षिण सरेह में गन्ने के खेत में पिंजरा लगाया गया है कि कहीं शावक आकर इसमें फंस जाए।
मंगूराहां व गोवर्धन वनक्षेत्र के वन कर्मियों द्वारा प्रतिदिन शावक के पग मार्क का टैगिंग किया जा रहा है।
Feb 08 2023, 15:12