स्कूल वैन में आग लगी,बच्चों ने कूद कर बचाई जान

फर्रुखाबाद । उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद थाना कमालगंज क्षेत्र में मंगलवार को छात्र छात्राओं से भरी वैन में एकाएक आग लग गई।वैन में आग लगते ही बच्चों में हड़कम्प मच गया। बच्चों ने वैन से कूद कर जान बचाई।इस वैन में तकरीबन 20 छात्र छात्रा सवार थे।थाना क्षेत्र के गौतम बुद्ध शिक्षण संस्थान कनकौली की स्कूल वैन मेंअखमेलपुर के निकट अचानक आग लग गई। आग लगते ही बच्चों में अफरा तफरी मच गई। बच्चों ने कूद कर अपनी जान बचाई ।

देखते देखते स्कूल वैन जल कर राख हो गई। स्कूल वैन में आग लगी देख भारी संख्या में ग्रामीण घटना स्थल पर पहुच गए। ग्रामीणों ने भारी मसक्त के बाद आग पर काबू पाया।घटना स्थल पर पहुची पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। पुलिस स्कूल प्रबंधक सुशांत शाक्य से पूछताछ कर रही है।बताया गया है कि कंडम वाहनों से बच्चों को लाया ले जाया जाता है । थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया स्कूल स्कूल वैन की एस आई एमटी से जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

*कटका क्लब सामाजिक संस्था के द्वारा यातयात माह के तहत एम्बुलेंस को रास्ता दें,अभियान रामकली बा. इं.कॉलेज और सुल्तानपुर नर्सिंग इंस्टीट्यू चलाया*
सुल्तानपुर,कटका क्लब सामाजिक संस्था के द्वारा यातयात माह के तहत एम्बुलेंस को रास्ता दें अभियान रामकली बालिका इंटर कॉलेज और सुल्तानपुर नर्सिंग इंस्टीट्यूट में चलाया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व कटका क्लब के महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष नफीसा खातून ने किया। इस मौके पर रामकली बालिका इंटर के प्रधानाचार्य रीना सिंह ने बताया कि दो पहिया वाहन चलाते समय सदैव हेलमेट पहनने, चार पहिया वाहन चलाते समय सदैव सीट बेल्ट लगाने, तेज गति से वाहन न चलाने एवं मादक पदार्थ का सेवन कर वाहन न चलाने आदि यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया। कथा वाचक शनि मिश्र ने बताया कि मानवीय तौर पर भी इंसानों को समझनी चाहिए. सड़क पर जब कोई एंबुलेंस जा रही होती है. तो उसे अपने आप ही साइड दे देनी चाहिए, कटका क्लब के अध्यक्ष सौरभ मिश्र विनम्र ने बताया कि हो सकता है एंबुलेंस किसी घायल को ले जाने जा रही हो जो किसी हादसे का शिकार हो गया हो. इसीलिए उसके रास्ते में बाधा नहीं डालनी चाहिए। आए अतिथियों के सुल्तानपुर नर्सिंग इंस्टीट्यूट के उप प्रधानाचार्य राघव ने आभार व्यक्त किया।इस मौके पर प्रशांत सिंह, सत्यम चौरसिया, नीलम, रुचि, डॉक्टर अंजली सिंह, नरेंद्र कुमार, चंद्र प्रकाश सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।
डबल डेकर बस पलटी, तीन सवारियों की मौत, 25 घायल
लखनऊ । कानपुर के अरौल थाना क्षेत्र के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर मंगलवार तड़के आनंद विहार, दिल्ली से बिहार जा रही एक डबल डेकर बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में पांच साल के मासूम समेत तीन यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 25 अन्य लोग घायल हैं। घायलों में 10 की हालत गंभीर बताई जा रही है। बस में कुल 45 यात्री सवार थे। घटना के बाद बस चालक और परिचालक फरार हो गए।

बस डिवाइडर पर चढ़ गई और पलट गई

यात्रियों के अनुसार, बस दिल्ली से बिहार के सिवान जा रही थी। हादसा किलोमीटर संख्या 216 के पास हुआ। बताया गया कि चालक को अचानक झपकी आ गई, जिससे बस डिवाइडर पर चढ़ गई और पलट गई। घटना के दौरान बस के परखच्चे उड़ गए और टूटे हुए कांच सैकड़ों मीटर तक बिखर गए। बस की रफ्तार अधिक होने के कारण यह लगभग 40-50 फीट तक घिसकती चली गई।पुलिस और राहगीरों की मदद से घायलों को बाहर निकाला गया और सामुदायिक चिकित्सा केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद HALT अस्पताल रेफर किया गया।

चालक व परिचालक की तलाश जारी

सड़क हादसे में अनुराग (5 वर्ष), पुत्र अजय, बिहार, नसीम आलम (20 वर्ष), बिहार, शशि कुमार (26 वर्ष), पश्चिम बंगाल की मौत हो गई। जबकि अनुराग की मां को गंभीर चोटें आई हैं, उनका इलाज जारी है।सहायक पुलिस आयुक्त मंजय सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है और घायलों का इलाज किया जा रहा है। पुलिस घटना की जांच कर रही है और चालक व परिचालक की तलाश जारी है।
जनजातीय भागीदारी उत्सव : विविध लोककला, नृत्य और परंपराओं ने रचा अनुपम संगम
*देशभर से आए कलाकारों ने प्रस्तुत की चित्रकूट से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक की सांस्कृतिक विरासत*

लखनऊ। जनजाति भागीदारी उत्सव का मंगलवार को ऐतिहासिक और रंगारंग समापन हुआ। देश के विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय कलाकारों, संगीत-परंपराओं और लोकनृत्यों ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान को एक जीवंत सांस्कृतिक केन्द्र में बदल दिया। दर्शकों की भारी उपस्थिति इस उत्सव के प्रति बढ़ते जन-रुचि को दर्शाती रही।

समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोंड ने प्रदर्शनी और सांस्कृतिक मंच का अवलोकन किया। अरुणाचल प्रदेश से आए सांस्कृतिक दल के कलाकारों ने राज्यमंत्री संजीव गोंड को अपने पारंपरिक वस्त्र ‘खादा’ और ‘टांगों’ पहनाकर पूर्वाेत्तर की सम्मान-परंपरा का सुंदर परिचय कराया। राज्य मंत्री ने सभी कलाकारों की कला-संरक्षण की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे उत्सव न केवल कला का उत्सव हैं, बल्कि यह हमारे समाज को विविधता में एकता की सीख भी देते हैं।

*उत्तराखंड के कलाकारों ने किया पारम्परिक नृत्य*

उत्तराखंड के कलाकारों ने पहाड़ी संस्कृति से जुड़े पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए। उनकी प्रस्तुति में पर्वतीय त्योहारों, सामुदायिक उत्सवों और प्रकृति के प्रति सुंदर समावेश दिखाई दिया।

*चित्रकूट की पारंपरिक प्रस्तुति*

चित्रकूट से आए कलाकारों ने बुंदेलखंड की विशेष लोक परंपरा पर आधारित अनूठा गीत और नृत्य प्रस्तुत किया, जो घर में बच्चे के जन्म पर बुआ को नेग मांगने की रस्म का प्रतीक माना जाता है।

*शिल्पकारों को किया सम्मानित*

कार्यक्रम के बीच शिल्पकारों, जनजाति विकास विभाग,उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान और टी आर आई की टीम और लोक कलाकारों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में श्री शिव प्रसाद निदेशक जनजाति विकास,  टीआरआई के संयुक्त निदेशक आनंद कुमार सिंह, उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी, जनजाति विकास विभाग की उपनिदेशक डॉ प्रियंका वर्मा सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। उत्सव का यह समापन न केवल सांस्कृतिक विविधता का उत्सव था, बल्कि देश की जनजातीय परंपराओं का गौरवपूर्ण प्रदर्शन भी रहा।
रायबरेली में बाइक और ट्रक की टक्कर में परिवार समेत 4 की मौत
लखनऊ। रायबरेली के डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के मुंशीगंज-डलमऊ राजमार्ग पर सोमवार शाम हुए सड़क हादसे में मंगलवार की सुबह दो और लोगों की मौत हो गई। इससे पहले हादसे में पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। अब तक कुल चार लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि दो अन्य घायल हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।जानकारी के अनुसार, सरायं दिलावर गांव निवासी आशिक (35) परिवार के साथ रायबरेली गए थे। वापसी में बाइक पर पत्नी शाहीन (30), पुत्री अरीबा (10) और बेटे अरसम (4) के साथ लौट रहे थे। इसी दौरान खड़गपुर कुर्मियाना निवासी राजकुमार (35) अपने दोस्त के साथ बाइक पर घर लौट रहे थे।

चार मौत से पूरे गांव में मातम का माहौल

हादसा चौदह मील के पास हुआ, जब डलमऊ से रायबरेली की ओर जा रहे ट्रक ने पहले आशिक की बाइक में टक्कर मारी और फिर राजकुमार व उसके दोस्त को रौंद दिया। मौके पर आशिक और उसका चार वर्षीय बेटा अरसम की मौत हो गई थी। मंगलवार सुबह इलाज के दौरान शाहीन और राजकुमार की भी मौत हो गई।मौतों से परिवारों में कोहराम मचा है। सरायं दिलावर गांव में पति-पत्नी और बेटे की मौत से सन्नाटा पसरा हुआ है और पूरे गांव में मातम का माहौल है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और घायलों का इलाज किया जा रहा है।
*वेलफेयर इंस्पेक्टर जेपी यादव ने कोचिंग डिपो अधिकारी सुल्तानपुर विनय कुमार श्रीवास्तव के दफ्तर पहुंचकर लेखा संबंधित कागजों का निरीक्षण किया*
आज 18 नवंबर 2025 को रेलवे मंडल कार्यालय लखनऊ से लगभग 11:00 बजे सहायक मंडल फाइनेंस मैनेजर कंचन प्रभा,अवधेश सिंह सीनियर सेक्शन ऑफिसर एवं प्रशांत कुमार लांबा अकाउंटेंट और वेलफेयर इंस्पेक्टर जेपी यादव ने कोचिंग डिपो अधिकारी सुल्तानपुर श्री विनय कुमार श्रीवास्तव के दफ्तर पहुंचकर लेखा संबंधित कागजों का निरीक्षण किया साथ ही लोको शेड जाकर सफाई के कार्य को भी चेक किया वहाँ से निकल कर टीम ने स्टेशन परिसर की साफ सफाई का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर कार्यालय अधीक्षक विनय कुमार सिंह , संतोष कुमार और विपिन सिंह ने जांच अधिकारी को पूरा सहयोग किया
चुनावी हार के बाद पहली बार सामने आए प्रशांत किशोर, बोले-हार की पूरी जिम्मेदारी मेरी, करूंगा प्रायश्चित

#prashantkishorsorrytobiharvoterfor_defeated

बिहार चुनाव में करारी हार के बाद प्रशांत किशोर मंगलवार को पहली बार जनता के सामने आए। प्रशांत किशोर आज पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता से माफी मांगी और अपनी नाकामी की जिम्मेदारी खुद ली। इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया वो राजनीति से संन्यास लेने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बिहार को बेहतर बनाने का उनका संकल्प पहले से भी अधिक मजबूत है। अब दोगुनी मेहनत से बिहार की जनता के लिए काम करेंगे।

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हम विश्वास नहीं जीत पाए-पीके

प्रशांत किशोर ने पटना में पार्टी की हार की जिम्मेदारी ली। उन्होंने कहा कि हमलोगों से जरूर कुछ गलती हुई है। इसलिए ऐसा परिणाम दिया। जनता ने हमलोगों को नहीं चुना। जनता ने हमलोगों पर विश्वास नहीं दिखाया। इस हार की जिम्मेदारी पूरी तरह से मेरी है। जिस प्रयास से हमलोग जुड़े थे, उनका विश्वास नहीं जीत पाया। हमलोग सामूहिक तौर पर हारे हैं।

एक दिन के मौन व्रत का ऐलान

पीके ने कहा, हम लोगों से जो गलती हुई है, मैं विनम्रता से माफ़ी मांगता हूं। 20 को भीतरहरवा आश्रम से प्रायश्चित के तौर पर सामूहिक मौन उपवास रखूंगा एक दिन के लिए। गलती हो सकती है, लेकिन गुनाह नहीं किया, वोट नहीं मिलना गुनाह नहीं है। जहां जाति की राजनीति चलती रही है, धर्म की राजनीति रही है, वहां जाति धर्म के आधार पर बांटने का गुनाह नहीं किया हूं।"

मैंने कोई गुनाह नहीं किया-पीके

प्रशांत किशोर ने कहा कि गलती हो सकती है। लेकिन, हमने गुनाह नहीं किया है। मैं सिर उठाकर कह सकता हूं कि मैंने कोई गुनाह नहीं किया है। मैंने जातियों का जहर फैलाने का गुनाह नहीं किया। मैंने जनता का मत खरीदने की कोशिश नहीं की। जिस तरह महाभारत में अभिमन्यु को घेरकर छल से मार दिया गया। लेकिन, महाभारत नहीं जीता नहीं गया। जीत उसकी ही हुई जो धर्म के साथ थे।

पीछे नहीं हटेंगे-पीके

पीके ने आगे कहा, हमलोग फिर से खड़े होंगे। हमलोग जब तक जीतेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं। जब तक व्यवस्था को सुधार नहीं देते तब तक पीछे नहीं हटेंगे। अब दोगुनी मेहनत से बिहार की जनता के लिए काम करेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि वे किसी पद पर नहीं हैं, इसलिए इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति छोड़ सकता हूं, लेकिन बिहार को नहीं छोड़ूंगा।

लखनऊ पर आतंक का खतरा: महिला आतंकी डॉ. शाहीन शाहिद की मास्टरमाइंडिंग का पर्दाफाश, यूपी के कई शहरों पर था हमला निशाना


लखनऊ । आगामी छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के अवसर पर उत्तर प्रदेश में बड़े आतंकी हमले की साजिश रचने का प्रयास हुआ, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने इसे नाकाम कर दिया। राजधानी लखनऊ के खंदारी बाजार निवासी डॉ. शाहीन शाहिद और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी सहित पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया कि डॉ. शाहीन इस गिरोह की मास्टरमाइंड थीं और उनका लक्ष्य सिर्फ दिल्ली नहीं, बल्कि यूपी के कई प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को निशाना बनाना था।

दिल्ली धमाके के बाद यूपी को भी बनाया था निशाना

सूत्रों के मुताबिक, लाल किला मैट्रो स्टेशन में हुए बम धमाके के बाद यह गिरोह लखनऊ, अयोध्या, मथुरा और काशी में बड़े पैमाने पर तबाही मचाने की योजना बना रहा था। डॉ. शाहीन और उसके सहयोगी देश विरोधी एजेंडों के तहत सक्रिय थे और उनका मकसद सामाजिक भय फैलाना और आतंक को बढ़ावा देना था।

जांच में यह भी पता चला कि डॉ. शाहीन ने सऊदी अरब में करीब चार साल तक एक प्रमुख अस्पताल में काम किया। इसी दौरान उनका संपर्क कश्मीरी मूल के डॉक्टरों और संभावित आतंकियों से हुआ। लौटने के बाद वह फरीदाबाद और लखनऊ में सक्रिय रही।

एनआईए और एटीएस ने शुरू की गहन पड़ताल

जांच एजेंसियों ने लालबाग और मड़ियांव स्थित आवासों से बरामद दस्तावेजों, लैपटॉप, मोबाइल और हार्ड ड्राइव की गहन फोरेंसिक पड़ताल शुरू कर दी है। एनआईए ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से संपर्क कर डिजिटल उपकरणों की जांच की रिपोर्ट मंगवाई है। इसके अलावा एटीएस सहारनपुर और कानपुर में उनके वाहनों और सहयोगियों की जानकारी जुटा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, डॉ. परवेज की गाड़ियों की फोरेंसिक जांच भी कराई जा रही है। इसकी मदद से यह पता लगाया जाएगा कि क्या उनके जरिए अमोनियम नाइट्रेट, फर्टिलाइजर या अन्य विस्फोटक सामग्री कहीं भेजी गई थी। एनआईए की टीम अयोध्या का भी रुख करेगी, क्योंकि डॉ. परवेज ने अयोध्या में इंटर्नशिप की थी और वहां उसके संपर्कों की पड़ताल आवश्यक मानी जा रही है।

महिला आतंकी का नेटवर्क देशभर में फैला

एटीएस और पुलिस की जांच में यह सामने आया कि डॉ. शाहीन और उसके भाई के संपर्क में लखनऊ और यूपी के आधा दर्जन से अधिक संदिग्ध हैं। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि यह गिरोह जम्मू-कश्मीर से लेकर यूपी तक सक्रिय था और उनका नेटवर्क कई शहरों और संस्थाओं तक फैला हुआ था। एनआईए और एटीएस इस नेटवर्क को पूरी तरह उजागर करने और देश के भीतर इसके संपर्कों को तोड़ने में जुटी हैं।

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने बड़े हादसों को रोका

विशेषज्ञों का कहना है कि महिला आतंकी के सक्रिय होने से यूपी में बड़े आतंकी हमलों की गंभीर आशंका थी। लेकिन समय पर गिरफ्तारी और गहन जांच ने बड़े हादसों को टाल दिया। बरामद दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्यों से अब तक यह पता चला है कि गिरोह का दायरा दिल्ली, लखनऊ, अयोध्या, मथुरा और काशी तक फैला हुआ था।

जांच का अगला चरण

बता दें कि डॉक्टर शाहीन बम धमाके की मास्टरमाइंड बताई जा रही है जबकि डॉ परवेज उसका सबसे भरोसेमंद मददगार बताया जा रहा है। इनके साथ और कौन-कौन लोग जुड़े हैं इसके बारे में जांच एजेंसियां, एटीएस और पुलिस इनकी कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है।एनआईए और एटीएस की नजर अब गिरोह के पूरा नेटवर्क खंगालने, इसके सहयोगियों की पहचान करने और विदेशों से जुड़े कनेक्शन उजागर करने पर केंद्रित है। फोरेंसिक जांच, दस्तावेजों की पड़ताल और संदिग्धों से पूछताछ के बाद ही गिरोह की पूरी साजिश उजागर हो पाएगी।
रांची: रायसा मोड़ के पास दर्दनाक हादसा, अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार दो युवकों की मौत; फुटबॉल मैच देखकर लौट रहे थे मृतक जीजा-साला

रांची: नामकुम थाना क्षेत्र स्थित रायसा मोड़ के पास रविवार देर रात हुए एक भीषण सड़क हादसे में बाइक सवार दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान संजय मुंडा (25), हरबुल, नामकुम निवासी, और सुकरा मुंडा, लुदुंगबेडा, बुढ़मू निवासी, के रूप में की गई है।

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फुटबॉल मैच देखकर लौट रहे थे

मिली जानकारी के अनुसार, संजय मुंडा और सुकरा मुंडा ब्यांगडीह गांव में आयोजित एक फुटबॉल मैच देखने गए थे। रात में वापस अपने घर लौटते समय, रायसा मोड़ के पास पीछे से आ रहे एक अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों युवक सड़क पर दूर जा गिरे और गंभीर चोटों के कारण मौके पर ही दम तोड़ दिया।

हादसे के तुरंत बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया।

रिश्ते में थे जीजा-साला

मृतक संजय के पिता गंगाराम मुंडा ने बताया कि दोनों युवक खेती-बाड़ी का काम करते थे और रिश्ते में जीजा–साला थे। संजय के चचेरे भाई की शादी सुकरा की बहन से हुई थी। सुकरा हाल ही में हरबुल में मेहमानी आया था और संजय के साथ ही रह रहा था।

स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना पुलिस और पूर्व मुखिया महादेव मुंडा को दी। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अब फरार वाहन चालक को जल्द पकड़ने के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों की जांच कर रही है।

कुएं में गिरने से वृद्ध की मौत, परिजनों में कोहराम

अंकित मिश्रा

मीरजापुर।ड्रमंडगंज थाना क्षेत्र के चक भैंसोड़ गांव में मंगलवार सुबह घर के सामने कुएं में गिरने से वृद्ध की मौत हो गई। घटना की जानकारी होने पर परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों ने पुलिस को बिना सूचना दिए ही शव का दाह संस्कार कर दिए।चक भैसोड़ गांव निवासी 80 वर्षीय राम नाथ सुबह पानी भरने के लिए कुएं पर गए थे उसी दौरान पैर फिसलने से बीस फीट गहरे कुएं में गिर पड़े। पानी में डूबने से वृद्ध की मौत हो गई।

सुबह वृद्ध को घर पर नही देख पुत्रवधू सोनकली और पौत्र सुमन खोजबीन करने लगे। कुछ देर बाद कुएं की जगत पर वृद्ध की लाठी पड़ी देख पुत्रवधू और पौत्र कुएं पर और कुएं में झांककर देखा तो पानी में वृद्ध की टोपी उतराई हुई थी। परिजनों को समझते देर नही लगी। पुत्रवधू और पौत्र ने रोते-बिलखते हुए अगल बगल के लोगों से अनहोनी की आशंका जताई। मौके पर पहुंचे ग्रामीण रस्सी और कटिया डालकर कुएं में वृद्ध की तलाश करने लगे कुछ ही देर में वृद्ध का कुर्ता कटिया में फंस गया। ग्रामीणों ने वृद्ध को कुएं से बाहर निकाला लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे ग्राम प्रधान सुरेश केशरी ने परिजनों ढांढस बंधाते हुए शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया। मृतक का इकलौता पुत्र घनश्याम महाराष्ट्र के पूना जिले में रहकर किसी प्राइवेट कंपनी में मेहमान मजदूरी करता है। पिता की मौत की खबर पाकर घर के लिए निकल पड़ा है। घटना की जानकारी पुलिस को नही है।

स्कूल वैन में आग लगी,बच्चों ने कूद कर बचाई जान

फर्रुखाबाद । उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद थाना कमालगंज क्षेत्र में मंगलवार को छात्र छात्राओं से भरी वैन में एकाएक आग लग गई।वैन में आग लगते ही बच्चों में हड़कम्प मच गया। बच्चों ने वैन से कूद कर जान बचाई।इस वैन में तकरीबन 20 छात्र छात्रा सवार थे।थाना क्षेत्र के गौतम बुद्ध शिक्षण संस्थान कनकौली की स्कूल वैन मेंअखमेलपुर के निकट अचानक आग लग गई। आग लगते ही बच्चों में अफरा तफरी मच गई। बच्चों ने कूद कर अपनी जान बचाई ।

देखते देखते स्कूल वैन जल कर राख हो गई। स्कूल वैन में आग लगी देख भारी संख्या में ग्रामीण घटना स्थल पर पहुच गए। ग्रामीणों ने भारी मसक्त के बाद आग पर काबू पाया।घटना स्थल पर पहुची पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। पुलिस स्कूल प्रबंधक सुशांत शाक्य से पूछताछ कर रही है।बताया गया है कि कंडम वाहनों से बच्चों को लाया ले जाया जाता है । थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया स्कूल स्कूल वैन की एस आई एमटी से जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

*कटका क्लब सामाजिक संस्था के द्वारा यातयात माह के तहत एम्बुलेंस को रास्ता दें,अभियान रामकली बा. इं.कॉलेज और सुल्तानपुर नर्सिंग इंस्टीट्यू चलाया*
सुल्तानपुर,कटका क्लब सामाजिक संस्था के द्वारा यातयात माह के तहत एम्बुलेंस को रास्ता दें अभियान रामकली बालिका इंटर कॉलेज और सुल्तानपुर नर्सिंग इंस्टीट्यूट में चलाया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व कटका क्लब के महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष नफीसा खातून ने किया। इस मौके पर रामकली बालिका इंटर के प्रधानाचार्य रीना सिंह ने बताया कि दो पहिया वाहन चलाते समय सदैव हेलमेट पहनने, चार पहिया वाहन चलाते समय सदैव सीट बेल्ट लगाने, तेज गति से वाहन न चलाने एवं मादक पदार्थ का सेवन कर वाहन न चलाने आदि यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया। कथा वाचक शनि मिश्र ने बताया कि मानवीय तौर पर भी इंसानों को समझनी चाहिए. सड़क पर जब कोई एंबुलेंस जा रही होती है. तो उसे अपने आप ही साइड दे देनी चाहिए, कटका क्लब के अध्यक्ष सौरभ मिश्र विनम्र ने बताया कि हो सकता है एंबुलेंस किसी घायल को ले जाने जा रही हो जो किसी हादसे का शिकार हो गया हो. इसीलिए उसके रास्ते में बाधा नहीं डालनी चाहिए। आए अतिथियों के सुल्तानपुर नर्सिंग इंस्टीट्यूट के उप प्रधानाचार्य राघव ने आभार व्यक्त किया।इस मौके पर प्रशांत सिंह, सत्यम चौरसिया, नीलम, रुचि, डॉक्टर अंजली सिंह, नरेंद्र कुमार, चंद्र प्रकाश सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।
डबल डेकर बस पलटी, तीन सवारियों की मौत, 25 घायल
लखनऊ । कानपुर के अरौल थाना क्षेत्र के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर मंगलवार तड़के आनंद विहार, दिल्ली से बिहार जा रही एक डबल डेकर बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में पांच साल के मासूम समेत तीन यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 25 अन्य लोग घायल हैं। घायलों में 10 की हालत गंभीर बताई जा रही है। बस में कुल 45 यात्री सवार थे। घटना के बाद बस चालक और परिचालक फरार हो गए।

बस डिवाइडर पर चढ़ गई और पलट गई

यात्रियों के अनुसार, बस दिल्ली से बिहार के सिवान जा रही थी। हादसा किलोमीटर संख्या 216 के पास हुआ। बताया गया कि चालक को अचानक झपकी आ गई, जिससे बस डिवाइडर पर चढ़ गई और पलट गई। घटना के दौरान बस के परखच्चे उड़ गए और टूटे हुए कांच सैकड़ों मीटर तक बिखर गए। बस की रफ्तार अधिक होने के कारण यह लगभग 40-50 फीट तक घिसकती चली गई।पुलिस और राहगीरों की मदद से घायलों को बाहर निकाला गया और सामुदायिक चिकित्सा केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद HALT अस्पताल रेफर किया गया।

चालक व परिचालक की तलाश जारी

सड़क हादसे में अनुराग (5 वर्ष), पुत्र अजय, बिहार, नसीम आलम (20 वर्ष), बिहार, शशि कुमार (26 वर्ष), पश्चिम बंगाल की मौत हो गई। जबकि अनुराग की मां को गंभीर चोटें आई हैं, उनका इलाज जारी है।सहायक पुलिस आयुक्त मंजय सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है और घायलों का इलाज किया जा रहा है। पुलिस घटना की जांच कर रही है और चालक व परिचालक की तलाश जारी है।
जनजातीय भागीदारी उत्सव : विविध लोककला, नृत्य और परंपराओं ने रचा अनुपम संगम
*देशभर से आए कलाकारों ने प्रस्तुत की चित्रकूट से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक की सांस्कृतिक विरासत*

लखनऊ। जनजाति भागीदारी उत्सव का मंगलवार को ऐतिहासिक और रंगारंग समापन हुआ। देश के विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय कलाकारों, संगीत-परंपराओं और लोकनृत्यों ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान को एक जीवंत सांस्कृतिक केन्द्र में बदल दिया। दर्शकों की भारी उपस्थिति इस उत्सव के प्रति बढ़ते जन-रुचि को दर्शाती रही।

समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोंड ने प्रदर्शनी और सांस्कृतिक मंच का अवलोकन किया। अरुणाचल प्रदेश से आए सांस्कृतिक दल के कलाकारों ने राज्यमंत्री संजीव गोंड को अपने पारंपरिक वस्त्र ‘खादा’ और ‘टांगों’ पहनाकर पूर्वाेत्तर की सम्मान-परंपरा का सुंदर परिचय कराया। राज्य मंत्री ने सभी कलाकारों की कला-संरक्षण की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे उत्सव न केवल कला का उत्सव हैं, बल्कि यह हमारे समाज को विविधता में एकता की सीख भी देते हैं।

*उत्तराखंड के कलाकारों ने किया पारम्परिक नृत्य*

उत्तराखंड के कलाकारों ने पहाड़ी संस्कृति से जुड़े पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए। उनकी प्रस्तुति में पर्वतीय त्योहारों, सामुदायिक उत्सवों और प्रकृति के प्रति सुंदर समावेश दिखाई दिया।

*चित्रकूट की पारंपरिक प्रस्तुति*

चित्रकूट से आए कलाकारों ने बुंदेलखंड की विशेष लोक परंपरा पर आधारित अनूठा गीत और नृत्य प्रस्तुत किया, जो घर में बच्चे के जन्म पर बुआ को नेग मांगने की रस्म का प्रतीक माना जाता है।

*शिल्पकारों को किया सम्मानित*

कार्यक्रम के बीच शिल्पकारों, जनजाति विकास विभाग,उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान और टी आर आई की टीम और लोक कलाकारों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में श्री शिव प्रसाद निदेशक जनजाति विकास,  टीआरआई के संयुक्त निदेशक आनंद कुमार सिंह, उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी, जनजाति विकास विभाग की उपनिदेशक डॉ प्रियंका वर्मा सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। उत्सव का यह समापन न केवल सांस्कृतिक विविधता का उत्सव था, बल्कि देश की जनजातीय परंपराओं का गौरवपूर्ण प्रदर्शन भी रहा।
रायबरेली में बाइक और ट्रक की टक्कर में परिवार समेत 4 की मौत
लखनऊ। रायबरेली के डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के मुंशीगंज-डलमऊ राजमार्ग पर सोमवार शाम हुए सड़क हादसे में मंगलवार की सुबह दो और लोगों की मौत हो गई। इससे पहले हादसे में पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। अब तक कुल चार लोग जान गंवा चुके हैं, जबकि दो अन्य घायल हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।जानकारी के अनुसार, सरायं दिलावर गांव निवासी आशिक (35) परिवार के साथ रायबरेली गए थे। वापसी में बाइक पर पत्नी शाहीन (30), पुत्री अरीबा (10) और बेटे अरसम (4) के साथ लौट रहे थे। इसी दौरान खड़गपुर कुर्मियाना निवासी राजकुमार (35) अपने दोस्त के साथ बाइक पर घर लौट रहे थे।

चार मौत से पूरे गांव में मातम का माहौल

हादसा चौदह मील के पास हुआ, जब डलमऊ से रायबरेली की ओर जा रहे ट्रक ने पहले आशिक की बाइक में टक्कर मारी और फिर राजकुमार व उसके दोस्त को रौंद दिया। मौके पर आशिक और उसका चार वर्षीय बेटा अरसम की मौत हो गई थी। मंगलवार सुबह इलाज के दौरान शाहीन और राजकुमार की भी मौत हो गई।मौतों से परिवारों में कोहराम मचा है। सरायं दिलावर गांव में पति-पत्नी और बेटे की मौत से सन्नाटा पसरा हुआ है और पूरे गांव में मातम का माहौल है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और घायलों का इलाज किया जा रहा है।
*वेलफेयर इंस्पेक्टर जेपी यादव ने कोचिंग डिपो अधिकारी सुल्तानपुर विनय कुमार श्रीवास्तव के दफ्तर पहुंचकर लेखा संबंधित कागजों का निरीक्षण किया*
आज 18 नवंबर 2025 को रेलवे मंडल कार्यालय लखनऊ से लगभग 11:00 बजे सहायक मंडल फाइनेंस मैनेजर कंचन प्रभा,अवधेश सिंह सीनियर सेक्शन ऑफिसर एवं प्रशांत कुमार लांबा अकाउंटेंट और वेलफेयर इंस्पेक्टर जेपी यादव ने कोचिंग डिपो अधिकारी सुल्तानपुर श्री विनय कुमार श्रीवास्तव के दफ्तर पहुंचकर लेखा संबंधित कागजों का निरीक्षण किया साथ ही लोको शेड जाकर सफाई के कार्य को भी चेक किया वहाँ से निकल कर टीम ने स्टेशन परिसर की साफ सफाई का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर कार्यालय अधीक्षक विनय कुमार सिंह , संतोष कुमार और विपिन सिंह ने जांच अधिकारी को पूरा सहयोग किया
चुनावी हार के बाद पहली बार सामने आए प्रशांत किशोर, बोले-हार की पूरी जिम्मेदारी मेरी, करूंगा प्रायश्चित

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बिहार चुनाव में करारी हार के बाद प्रशांत किशोर मंगलवार को पहली बार जनता के सामने आए। प्रशांत किशोर आज पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता से माफी मांगी और अपनी नाकामी की जिम्मेदारी खुद ली। इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया वो राजनीति से संन्यास लेने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बिहार को बेहतर बनाने का उनका संकल्प पहले से भी अधिक मजबूत है। अब दोगुनी मेहनत से बिहार की जनता के लिए काम करेंगे।

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हम विश्वास नहीं जीत पाए-पीके

प्रशांत किशोर ने पटना में पार्टी की हार की जिम्मेदारी ली। उन्होंने कहा कि हमलोगों से जरूर कुछ गलती हुई है। इसलिए ऐसा परिणाम दिया। जनता ने हमलोगों को नहीं चुना। जनता ने हमलोगों पर विश्वास नहीं दिखाया। इस हार की जिम्मेदारी पूरी तरह से मेरी है। जिस प्रयास से हमलोग जुड़े थे, उनका विश्वास नहीं जीत पाया। हमलोग सामूहिक तौर पर हारे हैं।

एक दिन के मौन व्रत का ऐलान

पीके ने कहा, हम लोगों से जो गलती हुई है, मैं विनम्रता से माफ़ी मांगता हूं। 20 को भीतरहरवा आश्रम से प्रायश्चित के तौर पर सामूहिक मौन उपवास रखूंगा एक दिन के लिए। गलती हो सकती है, लेकिन गुनाह नहीं किया, वोट नहीं मिलना गुनाह नहीं है। जहां जाति की राजनीति चलती रही है, धर्म की राजनीति रही है, वहां जाति धर्म के आधार पर बांटने का गुनाह नहीं किया हूं।"

मैंने कोई गुनाह नहीं किया-पीके

प्रशांत किशोर ने कहा कि गलती हो सकती है। लेकिन, हमने गुनाह नहीं किया है। मैं सिर उठाकर कह सकता हूं कि मैंने कोई गुनाह नहीं किया है। मैंने जातियों का जहर फैलाने का गुनाह नहीं किया। मैंने जनता का मत खरीदने की कोशिश नहीं की। जिस तरह महाभारत में अभिमन्यु को घेरकर छल से मार दिया गया। लेकिन, महाभारत नहीं जीता नहीं गया। जीत उसकी ही हुई जो धर्म के साथ थे।

पीछे नहीं हटेंगे-पीके

पीके ने आगे कहा, हमलोग फिर से खड़े होंगे। हमलोग जब तक जीतेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं। जब तक व्यवस्था को सुधार नहीं देते तब तक पीछे नहीं हटेंगे। अब दोगुनी मेहनत से बिहार की जनता के लिए काम करेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि वे किसी पद पर नहीं हैं, इसलिए इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति छोड़ सकता हूं, लेकिन बिहार को नहीं छोड़ूंगा।

लखनऊ पर आतंक का खतरा: महिला आतंकी डॉ. शाहीन शाहिद की मास्टरमाइंडिंग का पर्दाफाश, यूपी के कई शहरों पर था हमला निशाना


लखनऊ । आगामी छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के अवसर पर उत्तर प्रदेश में बड़े आतंकी हमले की साजिश रचने का प्रयास हुआ, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने इसे नाकाम कर दिया। राजधानी लखनऊ के खंदारी बाजार निवासी डॉ. शाहीन शाहिद और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी सहित पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया कि डॉ. शाहीन इस गिरोह की मास्टरमाइंड थीं और उनका लक्ष्य सिर्फ दिल्ली नहीं, बल्कि यूपी के कई प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को निशाना बनाना था।

दिल्ली धमाके के बाद यूपी को भी बनाया था निशाना

सूत्रों के मुताबिक, लाल किला मैट्रो स्टेशन में हुए बम धमाके के बाद यह गिरोह लखनऊ, अयोध्या, मथुरा और काशी में बड़े पैमाने पर तबाही मचाने की योजना बना रहा था। डॉ. शाहीन और उसके सहयोगी देश विरोधी एजेंडों के तहत सक्रिय थे और उनका मकसद सामाजिक भय फैलाना और आतंक को बढ़ावा देना था।

जांच में यह भी पता चला कि डॉ. शाहीन ने सऊदी अरब में करीब चार साल तक एक प्रमुख अस्पताल में काम किया। इसी दौरान उनका संपर्क कश्मीरी मूल के डॉक्टरों और संभावित आतंकियों से हुआ। लौटने के बाद वह फरीदाबाद और लखनऊ में सक्रिय रही।

एनआईए और एटीएस ने शुरू की गहन पड़ताल

जांच एजेंसियों ने लालबाग और मड़ियांव स्थित आवासों से बरामद दस्तावेजों, लैपटॉप, मोबाइल और हार्ड ड्राइव की गहन फोरेंसिक पड़ताल शुरू कर दी है। एनआईए ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से संपर्क कर डिजिटल उपकरणों की जांच की रिपोर्ट मंगवाई है। इसके अलावा एटीएस सहारनपुर और कानपुर में उनके वाहनों और सहयोगियों की जानकारी जुटा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, डॉ. परवेज की गाड़ियों की फोरेंसिक जांच भी कराई जा रही है। इसकी मदद से यह पता लगाया जाएगा कि क्या उनके जरिए अमोनियम नाइट्रेट, फर्टिलाइजर या अन्य विस्फोटक सामग्री कहीं भेजी गई थी। एनआईए की टीम अयोध्या का भी रुख करेगी, क्योंकि डॉ. परवेज ने अयोध्या में इंटर्नशिप की थी और वहां उसके संपर्कों की पड़ताल आवश्यक मानी जा रही है।

महिला आतंकी का नेटवर्क देशभर में फैला

एटीएस और पुलिस की जांच में यह सामने आया कि डॉ. शाहीन और उसके भाई के संपर्क में लखनऊ और यूपी के आधा दर्जन से अधिक संदिग्ध हैं। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि यह गिरोह जम्मू-कश्मीर से लेकर यूपी तक सक्रिय था और उनका नेटवर्क कई शहरों और संस्थाओं तक फैला हुआ था। एनआईए और एटीएस इस नेटवर्क को पूरी तरह उजागर करने और देश के भीतर इसके संपर्कों को तोड़ने में जुटी हैं।

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने बड़े हादसों को रोका

विशेषज्ञों का कहना है कि महिला आतंकी के सक्रिय होने से यूपी में बड़े आतंकी हमलों की गंभीर आशंका थी। लेकिन समय पर गिरफ्तारी और गहन जांच ने बड़े हादसों को टाल दिया। बरामद दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्यों से अब तक यह पता चला है कि गिरोह का दायरा दिल्ली, लखनऊ, अयोध्या, मथुरा और काशी तक फैला हुआ था।

जांच का अगला चरण

बता दें कि डॉक्टर शाहीन बम धमाके की मास्टरमाइंड बताई जा रही है जबकि डॉ परवेज उसका सबसे भरोसेमंद मददगार बताया जा रहा है। इनके साथ और कौन-कौन लोग जुड़े हैं इसके बारे में जांच एजेंसियां, एटीएस और पुलिस इनकी कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है।एनआईए और एटीएस की नजर अब गिरोह के पूरा नेटवर्क खंगालने, इसके सहयोगियों की पहचान करने और विदेशों से जुड़े कनेक्शन उजागर करने पर केंद्रित है। फोरेंसिक जांच, दस्तावेजों की पड़ताल और संदिग्धों से पूछताछ के बाद ही गिरोह की पूरी साजिश उजागर हो पाएगी।
रांची: रायसा मोड़ के पास दर्दनाक हादसा, अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार दो युवकों की मौत; फुटबॉल मैच देखकर लौट रहे थे मृतक जीजा-साला

रांची: नामकुम थाना क्षेत्र स्थित रायसा मोड़ के पास रविवार देर रात हुए एक भीषण सड़क हादसे में बाइक सवार दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान संजय मुंडा (25), हरबुल, नामकुम निवासी, और सुकरा मुंडा, लुदुंगबेडा, बुढ़मू निवासी, के रूप में की गई है।

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फुटबॉल मैच देखकर लौट रहे थे

मिली जानकारी के अनुसार, संजय मुंडा और सुकरा मुंडा ब्यांगडीह गांव में आयोजित एक फुटबॉल मैच देखने गए थे। रात में वापस अपने घर लौटते समय, रायसा मोड़ के पास पीछे से आ रहे एक अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों युवक सड़क पर दूर जा गिरे और गंभीर चोटों के कारण मौके पर ही दम तोड़ दिया।

हादसे के तुरंत बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया।

रिश्ते में थे जीजा-साला

मृतक संजय के पिता गंगाराम मुंडा ने बताया कि दोनों युवक खेती-बाड़ी का काम करते थे और रिश्ते में जीजा–साला थे। संजय के चचेरे भाई की शादी सुकरा की बहन से हुई थी। सुकरा हाल ही में हरबुल में मेहमानी आया था और संजय के साथ ही रह रहा था।

स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना पुलिस और पूर्व मुखिया महादेव मुंडा को दी। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस अब फरार वाहन चालक को जल्द पकड़ने के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों की जांच कर रही है।

कुएं में गिरने से वृद्ध की मौत, परिजनों में कोहराम

अंकित मिश्रा

मीरजापुर।ड्रमंडगंज थाना क्षेत्र के चक भैंसोड़ गांव में मंगलवार सुबह घर के सामने कुएं में गिरने से वृद्ध की मौत हो गई। घटना की जानकारी होने पर परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों ने पुलिस को बिना सूचना दिए ही शव का दाह संस्कार कर दिए।चक भैसोड़ गांव निवासी 80 वर्षीय राम नाथ सुबह पानी भरने के लिए कुएं पर गए थे उसी दौरान पैर फिसलने से बीस फीट गहरे कुएं में गिर पड़े। पानी में डूबने से वृद्ध की मौत हो गई।

सुबह वृद्ध को घर पर नही देख पुत्रवधू सोनकली और पौत्र सुमन खोजबीन करने लगे। कुछ देर बाद कुएं की जगत पर वृद्ध की लाठी पड़ी देख पुत्रवधू और पौत्र कुएं पर और कुएं में झांककर देखा तो पानी में वृद्ध की टोपी उतराई हुई थी। परिजनों को समझते देर नही लगी। पुत्रवधू और पौत्र ने रोते-बिलखते हुए अगल बगल के लोगों से अनहोनी की आशंका जताई। मौके पर पहुंचे ग्रामीण रस्सी और कटिया डालकर कुएं में वृद्ध की तलाश करने लगे कुछ ही देर में वृद्ध का कुर्ता कटिया में फंस गया। ग्रामीणों ने वृद्ध को कुएं से बाहर निकाला लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे ग्राम प्रधान सुरेश केशरी ने परिजनों ढांढस बंधाते हुए शासन से हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया। मृतक का इकलौता पुत्र घनश्याम महाराष्ट्र के पूना जिले में रहकर किसी प्राइवेट कंपनी में मेहमान मजदूरी करता है। पिता की मौत की खबर पाकर घर के लिए निकल पड़ा है। घटना की जानकारी पुलिस को नही है।