कार्यों में मिली अनियमितता, दो चिकित्सकों को प्रतिकूल प्रविष्टि, प्रधान व बीडीओ को नोटिस, सचिव पर अनुशासनिक कार्यवाही के डीएम ने दिए निर्देश

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। जिलाधिकारी डॉ0 राजागणपति आर0 ने शुक्रवार को ब्लॉक ऐलिया के गांव तिहार की तिहार गौशाला का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखीं। जिलाधिकारी ने पशुओं दिये जाने वाले चारे की व्यवस्था न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुये संबंधित को निर्देशित किया पशुओं के लिये भूसा, हरा चारा एवं पानी आदि समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जायें। गौशालाओं में रिकार्ड रखने हेतु सात रजिस्टर में से कोई भी रजिस्टर न होने पर सचिव पर अनुशासनिक कार्यवाही तथा प्रधान को नोटिस दिये जाने के निर्देश जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को दिये। खण्ड विकास अधिकारी को कार्यों में रूचि न लेने एवं अनियमितता पाये जाने के दृष्टिगत स्पष्टीकरण जारी के निर्देश दिये। 

जिलाधिकारी ने गौशाला में पशुओं के उपचार हेतु तैनात दो चिकित्सकों को पशुओं के सही उपचार न करने एवं अन्य कार्यों में शिथिलता पाये जाने पर प्रतिकूल प्रविष्टि के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिये। साथ ही जिलाधिकारी ने भूसा का रख-रखाव को देखते हुये पशुओं को ठंड से बचाने हेतु तिरपाल के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान डी0सी0 मनरेगा चन्दन देव पाण्डेय सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

दिल्ली धमाका केस: एनआईए की कार्रवाई तेज, डॉ. शाहीन समेत चार आरोपी कस्टडी में

लखनऊ । देश की राजधानी दिल्ली में हुए भयानक बम धमाके के मामले ने अब उत्तर प्रदेश को भी सेंसरशिप के केंद्र में ला दिया है। एनआईए ने राजधानी निवासी डॉ. शाहीन सईद समेत चार आरोपियों को कस्टडी में लेकर जांच की रफ्तार को बढ़ा दिया है। सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन को लखनऊ और कानपुर, जबकि डॉ. आदिल को सहारनपुर लाया जा सकता है। दोनों से उनके संपर्क, करीबी सहयोगियों और संभावित नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी। कानपुर क्यों गई थी शाहीन पता लगाने में जुटी एजेंसियां दो माह पहले डॉ. शाहीन की कानपुर और लखनऊ यात्रा पर एजेंसियां विशेष ध्यान दे रही हैं। उनका मकसद सिर्फ यह पता करना नहीं कि शाहीन वहां क्यों गई थी, बल्कि यह भी कि उसने किन लोगों से मुलाकात की और किन नेटवर्क के संपर्क में रही। यूपी एटीएस और एनआईए की टीम ने कई डॉक्टरों और संदिग्धों से पूछताछ तेज कर दी है।जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि धमाके से जुड़े सात मोबाइल नंबर फरीदाबाद और दिल्ली के लाल किले के आसपास धमाके से पहले सक्रिय थे। धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी इन नंबरों से राजधानी और आसपास के 22 संवेदनशील नंबरों के साथ बातचीत और व्हाट्सएप मैसेज भी किए गए। सुरक्षा एजेंसियां इन सभी कड़ियों को जोड़कर पूरे नेटवर्क को ट्रेस कर रही हैं।डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी का नाम सामने आने के बाद कानपुर और लखनऊ की सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें भी शहर पर टिक गई हैं। जांच में यह भी पता चला कि धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी। शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, जिसमें से एक फुटेज में काले रंग की एसयूवी कार में महिला को देखा गया, लेकिन नकाब पहनने के कारण उसकी पहचान नहीं हो सकी। चारों आरोपियों को जल्द लिया जाएगा रिमांड पर जांच अधिकारी पुरानी एसयूवी कारों और अन्य संदिग्ध वाहनों की भी पड़ताल कर रहे हैं। इसके अलावा पुलिस ने कश्मीरी मूल के छात्रों और शोधार्थियों का सत्यापन शुरू किया है। लगभग 150 छात्रों की जानकारी जुटाई जा रही है, लेकिन दो छात्र लापता हैं और संस्थान प्रशासन इस संबंध में सहयोग नहीं कर रहा।सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि दिल्ली धमाके के तार अब यूपी और पड़ोसी राज्यों तक जुड़े हुए हैं। एनआईए, आईबी, यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर आरोपियों और उनके सहयोगियों के नेटवर्क को तोड़ने की कवायद में जुटी हैं। जांच अधिकारी कह रहे हैं कि चारों आरोपियों को जल्द ही रिमांड पर लेकर अलग-अलग जगहों पर पूछताछ की जाएगी।शहर में हड़कंप मचा हुआ है है। राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं सूत्रों के अनुसार, एनआईए और यूपी एटीएस की कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है। अब पूरा उत्तर प्रदेश सतर्क है और जांच का दायरा और गहरा गया है।इस सनसनीखेज मामले में एजेंसियों की तेज कार्रवाई और जांच की हर नई जानकारी लोगों की सांसें रोक रही है। राजधानी धमाके की साजिश में शामिल यह नेटवर्क अब यूपी में सक्रिय हो गया है, और सुरक्षा एजेंसियां इसे जड़ से उखाड़ने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं। सहारनपुर: जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों पर जांच का नया केंद्र दिल्ली में हाल ही में हुई आतंकवादी घटना के बाद जांच का फोकस अब सहारनपुर की ओर बढ़ गया है। विशेषकर देवबंद क्षेत्र को खुफिया एजेंसियां लगातार मॉनिटर कर रही हैं, क्योंकि यह लंबे समय से कई आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल्स का गढ़ रहा है। इनमें मसूद अजहर का संगठन, जैश-ए-मोहम्मद, भी शामिल है।मसूद अजहर वर्ष 1994 में देवबंद आया था, और उसके बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जैश की गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई। उस समय से लेकर अब तक कई प्रमुख घटनाओं में देवबंद और सहारनपुर का नाम सामने आया है।
कहां से कहां पहुंचने के चक्कर में भारतीय नारियां कहां से कहां पहुंच रही हैं : कविता तिवारी

लखनऊ । भारतीय समाज को पुरुष प्रधान समाज कहा जाता था किंतु समाज को संवारने का कार्य महिलाओं ने भी कुशलता पूर्वक किया है । विश्व पटल पर भारतीय नारियों ने अपनी छवि आज चमकाई है चाहे वह खेल जगत हो उद्योग जगत शिक्षा हो या अन्य क्षेत्र में। आज भारतीय नारियां हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं यह हमारे लिए गर्व की बात है आज से ही नहीं भारत में स्त्रियां प्राचीन काल से ही आगे रही हैं गार्गी मैत्रेई अपला जैसी विदुषी, महारानी लक्ष्मीबाई जैसी साहसी और सीता सती पार्वती जैसी पवित्रता की प्रतीक हुई है कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स जैसी महिलाओं के साहस एवं योग्यता को सारा विश्व देख चुका है सोफिया एवं व्योमिका सिंह जैसी साहसी महिलाओं के पराक्रम से तो दुश्मन भी हैरान हो चुका है किंतु भारतीय नारियों के लिए कुछ चिंता चिंता का विषय भी है जैसी सामाजिक असुरक्षा जिस पर देश में लगातार प्रयास हो रहे हैं किंतु एक ऐसा विषय है जिस के लिए महिला समाज स्वयं जिम्मेदार है जैसे घर गृहस्थी के निर्वहन में असर्मथता आजकल महिलाएं जितना ज्यादा शिक्षित होती जा रही है उतना ही गृहस्थ जीवन में रहना नहीं पसंद कर रही हैं कभी तलाक कभी कभी घर छोड़ कभी जीवन साथी को ही मार देना जैसी स्थिति उत्पन्न कर रही हैं मै यह नहीं कह रही हूं कि सारी गलतियां महिलाओं की ही है मगर कहीं न कहीं महिलाएं अपनी सहनशीलता को खो रही हैं अपनी पुरानी पीढ़ी की महिलाओं से नहीं सीखने की कोशिश कर रही हैं पुरानी पीढ़ी की महिलाएं अशिक्षित बेशक थी मगर परिवार को चलाना बखूबी जानती थी उसके लिए चाहे उनको कितना भी कुछ सहन करना पड़ता था मगर परिवार को लेकर चलती थी आधुनिक भारतीय नारियां अपनी प्राचीन भारतीय नारियों को अपना आदर्श न मानकर अपितु पश्चिमी सभ्यता को अपनाती जा रही हैं परिणास्वरुप आज कल कहीं नीले ड्रम की घटना तो कहीं कुछ घटित हो रहा है जिससे भारतीय नारियों की छवि धूमिल हो रही है।उक्त विचार राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत के राष्ट्रीय प्रचारक कविता तिवारी ने कही।
पति और दोस्तों ने मिलकर किया महिला के साथ अनैतिक कृत्य, FIR दर्ज

लखनऊ । यूपी की राजधानी में एक महिला के साथ रोंगटे खड़े कर देने वाली दरिंदगी का मामला सामने आया है। वजीरगंज थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता ने अपने ही पति पर ऐसा आरोप लगाया है, जिसने स्थानीय पुलिस से लेकर इलाके के लोगों तक को हिलाकर रख दिया है। महिला का कहना है कि उसका पति न केवल दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करता था, बल्कि उसे नशीला पदार्थ पिलाकर अपने दोस्तों के साथ अनैतिक कार्य करवाने तक पहुंच गया। शादी के चंद दिनों पर पति का असली चेहरा आ गया सामने पीड़िता के अनुसार, 14 अक्तूबर 2022 को उसका निकाह हरदोई रोड स्थित अंधे की चौकी के पास रहने वाले एक व्यापारी से हुआ था। शादी के चंद दिनों बाद ही पति का असली चेहरा सामने आने लगा। आरोप है कि पति ने अतिरिक्त दहेज की मांग शुरू कर दी। विरोध करने पर कभी शराब के नशे में बुरी तरह पिटाई, तो कभी घंटों भूखा रखने जैसे अमानवीय अत्याचार किए जाने लगे। दोस्तों से कराया दरिंदगी फिर बनाई वीडियो महिला ने बताया कि एक दिन पति घर आया और कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया। कुछ ही देर में वह बेहोश हो गई। इसी दौरान पति ने अपने दो दोस्तों को घर बुलाया और बेहोशी की हालत में उनके साथ अनैतिक कार्य करवाया। आरोप है कि इस दरिंदगी की वीडियो और फोटो भी बनाई गईं। विरोध करने पर पीटा, प्रताड़ना से परेशान होकर चली गई मायके होश में आने पर जब पीड़िता ने विरोध किया, तो पति और भी ज्यादा बेरहम हो गया। कथित तौर पर उसने न केवल उसे पीटा, बल्कि धमकी दी कि यदि उसने किसी को कुछ बताया तो बनाई गई अश्लील वीडियो वायरल कर देगा। पीड़िता के मुताबिक, बढ़ती प्रताड़ना से तंग आकर वह मायके चली गई। इसी बीच उसे पता चला कि आरोपी पति ने उनका मकान भी बेच दिया। जब उसने विरोध किया, तो पति ने धमकी को अंजाम देते हुए उसकी निजी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दीं, जिससे पीड़िता मानसिक रूप से टूट गई। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर शुरू की जांच मामले की जानकारी पुलिस तक पहुंची तो वजीरगंज थाने में पति सहित उसके दोस्तों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि पूरे मामले की तफ्तीश जारी है। तकनीकी साक्ष्य व अन्य प्रमाण जुटाए जा रहे हैं। साक्ष्य मिलने पर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बहाना करना नहीं छोड़ेंगे तो अगली पीढ़ी भी सत्ता में नहीं आ पाएगी चिराग पासवान


पटना
राजद ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि पोस्टल वोट रिजेक्ट होने के कारण हमारे गठबंधन के उम्मीदवार हार गए नहीं तो कुछ सीटों पर हमारे उम्मीदवार जीतते इसपर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि राजद और कांग्रेस जिंदगी भर कभी भी पलट करके यह लोग सत्ता में नहीं आएंगे अगर यह लोग बहाने बनाना नहीं छोड़ेंगे. हर हार के बाद आपको एक ईमानदार मंथन करने की जरूरत है कौन नहीं गुजरा है हार से. हम लोग हार से गुजरे हैं फिर भी हमारे पिता 2009 की हार के बाद अपने आप को 2014 मे खड़ा करने का काम किया. 2021 में मुझे मेरी पूरी पार्टी छीन ली गई और आज 2024-25 में हम लोगों ने पुनः अपने आप को स्थापित करने का काम किया क्योंकि हम लोगों ने ईमानदार मंथन किया. 2020 के हमारे इंटरव्यू निकाल करके देखिए हमने कभी भी किसी पर ठीकरा तक नहीं फोड़ा कि हमारी पार्टी का क्यों ऐसा परफॉर्मेंस रहा. हम लोगों ने ईमानदार मंथन किया कि हम लोगों से कहां कमी रह गई और कहां चुक हो गई. इतने अहंकार में डूबी हुई यह पार्टियों है कांग्रेस हो या राजद हो. आज रिजल्ट आए हुए इतने दिन हो गए और आज एक सप्ताह होने को आ गया है इन लोगों ने अभी तक मंथन तक करना जरूरी नहीं समझा एक बैठक की और अपने आप को नेता चुन लिया. और आज भी इस बात का ठीकरा फोड़ने में लगे हैं कि कभी इसका वोट चोरी हो गया तो कभी इसने वोट काट लिया. केवल आप लोग दूध के धुले हैं बाकी सब गलत है. तीन बार से एनडीए जीत करके आ रही है तो वह गलत है पर दो-दो बार यूपीए जीतकर के आ जाती है वह ठीक था. जहां पर आप जीत जाते हैं झारखंड जैसे राज्यों में तो वह सही हो जाता है और हम महाराष्ट्र की जातते हैं तो वह गलत हो जाता है. SIR चल रहा था तब से बहाना बना रहे हैं वोट चोरी का. यह लोग बहाना बना नहीं छोड़ेंगे तो *लालू जी की अगली पीढ़ी भी सत्ता में नहीं आएगी अगर यह लोग बहाना बनाना नहीं छोड़ेंगे तो* उनकी सभा में अगर आप चले जाइए तो आपको देखने को मिलेगा कि महिलाओं के साथ बदतमीजी की जाती थी इन लोगों के कार्यक्रम में इन लोगों के प्रवक्ताओं को देख लीजिए किस तरीके से एग्रेसिव होकर के बातों को रखते थे. आप अपने विपक्ष के तौर पर बातों को रखिए लेकिन केवल बहाना करते रहना है. EVM को लेकर के रोना रोते थे आज क्यों नहीं है ऐसा. SIR को नया मुद्दा बना लिया है और अगले 10 साल तक हारेंगे फिर नया मुद्दा ढूंढ लेंगे. ईमानदार से एक बार बैठ करके यह मंथन करें कि जनता ने क्यों नहीं साथ दिया है तब पता चलेगा. जनता ने 2005 से इन लोगों का साथ छोड़ा हुआ है और यह लोग समझ नहीं पा रहे हैं. यह लोग बताएं कि 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ नहीं मिलता तो सात जन्म में भी ये लोग सरकार नहीं बनाते. 2020 में अगर मैं अलग नहीं रहता यूनाइटेड NDA रहता तो इससे भी बद्दतर प्रदर्शन रहता. यह लोग जो सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि इसकी या उसकी वजह से हुआ एक बार ईमानदारी सब बैठेंगे तो इन लोगों को पता चलेगा कि यह लोग कितनी जगह गलत रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार हमेशा परिवारवाद पर हमला करते हैं लेकिन कल आशीर्वाद देते नजर आए उपेंद्र कुशवाहा के बेटे को ना कि वह MLA है और नाही एमएलसी है इसको आप लोग बढ़ावा दे रहे हैं इस पर चिराग पासवान ने कहा कि मैं परिवारवाद पर कुछ बोल ही नहीं सकता हूं. लेकिन मैं बस इतना ही कहूंगा कि आप उस व्यवस्था को ऐसे में सुधार नहीं सकते आप एक नई लकीड़ नही खींच सकते मैं इसको नहीं मानता. क्योंकि आप एक परिवार से आते हैं आपको एक मौका नहीं मिलना चाहिए मैं इसका पक्षधर नहीं हूं लेकिन मैं बस इतना कहूंगा कि अगर आपके अंदर काबिलियत नहीं होगी आप कितने भी बड़े परिवार से आ जाओ आपका कुछ नहीं होगा. मैं अपना उदाहरण दूंगा 2021 में मेरे से मेरी पार्टी सिंबल सब कुछ लिया गया. आज अगर काबिलियत नहीं होती तो सात जन्म में भी चिराग पासवान या पार्टी खड़ी नहीं हो सकती थी. ऐसे में किसी परिवार का होना आपका सौभाग्य हो सकता है पर आपकी काबिलियत ही आपको आगे लेकर के जाएगी. काबिलियत होगी आप आगे बढ़ेंगे नहीं होगी तो कोई आपको आगे नहीं बढ़ा पाएगा. बंगाल बिहार जीतने के बाद बंगाल की बारी है हम लोग असम भी जीतने जा रहे हैं बंगाल भी जीतने जा रहे हैं और जितने राज्यों में डॉन साउथ तमिलनाडु सारी जगह आप लोग देखेंगे इस चुनाव के परिणामों की परछाई पूरे देश में देखने को मिलेगी. बंगाल में आपकी क्या भूमिका रहेगी इस पर चिराग पासवान ने कहा कि जो बिहार में भूमिका थी वही बंगाल में भी भूमिका रहेगी. समावेश के साथ महिला युवाओं को जोड़ते हुए आगे बढ़ना और वही भूमिका में आने वाले दिनों में असम बंगाल तमिलनाडु उत्तर प्रदेश 2027 में चुनाव है तमाम राज्यों में देखने को मिलेगा
जहानाबाद मेरा सपना — शिक्षा का प्रकाश” शकील अहमद काकवी की सोच ने बदल दी गाँव की तस्वीर

जहानाबाद से एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जहाँ एक व्यक्ति के सपने ने पूरे गाँव की दिशा बदल दी। शकील अहमद काकवी का यह सपना सिर्फ एक कल्पना नहीं, बल्कि शिक्षा की रोशनी से गाँव को जगाने की एक जीवंत पहल बन चुका है।

स्टोरी:
रात का सन्नाटा और गाँव की छतों पर उतरती चाँदनी… इन्हीं पलों में शकील अहमद काकवी ने एक ऐसा सपना देखा जिसने उनके जीवन की दिशा बदल दी।
सपने में वे अपने ही गाँव की गलियों में थे—सादगी, मिट्टी की खुशबू और खेलते बच्चों की चमकती आँखें। बच्चों की आँखों में वह मासूम पुकार थी—“हमें बस रोशनी और दिशा चाहिए।”

यही सपना उनके लिए एक संदेश बन गया। उन्होंने तय किया कि अब इन बच्चों के भविष्य को संवारना है। गाँव के युवाओं से चर्चा हुई, और कई युवा इस अभियान से जुड़ गए। एक महिला शिक्षिका भी इस मुहिम का हिस्सा बनीं। धीरे-धीरे गाँव में एक नई आवाज़ गूँजने लगी—

“बेटियाँ और बेटे—सब पढ़ेंगे, तभी गाँव बदलेगा।”

शकील अहमद काकवी का विश्वास भारतीय परंपरा और ज्ञान के उन सूत्रों से और गहरा हुआ जहाँ कहा गया है—
“विद्या ददाति विनयम्”,
“विद्यायाः प्राप्यते सुखम्”,
और “ज्ञान से बढ़कर कोई पवित्र तत्व नहीं।”

इसके बाद गाँव में “जामिया कायनात” नामक पाठशाला की स्थापना की गई। जो बच्चे कभी खुद को महत्वहीन समझते थे, वे आज शिक्षा के सहारे अपनी ज़िंदगी संवार रहे हैं।
गाँव में उम्मीद की किरण लौटी, मुस्कुराहट लौटी।

इस सफर में कुरान की यह आयत भी दिशा दिखाती रही—
“अल्लाह उस कौम की हालत नहीं बदलता, जो खुद को बदलने की कोशिश नहीं करती।”

जब छात्रों की संख्या बढ़ने लगी तो पुरानी बंद हवेली को खोलकर शिक्षा की नई शमा जलाई गई। शकील अहमद काकवी ने कहा—

“मेरी कोशिश को सराहो, मेरे हमराह चलो…
मैंने एक शमा जलाई है हवाओं के खिलाफ।”

फिर उन्होंने गाँव में “त” की ताकत जगाने की अवधारणा रखी—

  • त — तालीम (शिक्षा)
  • त — तंजीम (संगठन)
  • त — तहरीक (अभियान)
  • त — तिजारत (आर्थिक उन्नति)

और गूँज उठा नारा—
“मेरे गाँव की यही पहचान—पढ़ा-लिखा हो हर इंसान।”

क्यू:
शकील अहमद काकवी का सपना अब सिर्फ सपना नहीं रहा। जहानाबाद में शिक्षा की रोशनी जग चुकी है और यह रोशनी आगे भी कई ज़िंदगियों को रोशन करने की क्षमता रखती है।

जहानाबाद से यह कहानी साबित करती है कि एक व्यक्ति का सपना, एक गाँव की तकदीर बदल सकता है।

गया में शेरघाटी-गोपालपुर ब्रिज के पास दो ट्रकों की भीषण टक्कर, ड्राइवर और खलासी गंभीर रूप से घायल, ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत

गया जिला के शेरघाटी थाना क्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर ब्रिज के पास शुक्रवार की सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया। तेज रफ्तार से चल रही एक ट्रक ने सामने जा रही दूसरी ट्रक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि पीछे से टक्कर मारने वाली ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत हो गया और ट्रक के केबिन में मौजूद ड्राइवर और खलासी बुरी तरह फँस गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आगे चल रही ट्रक ने अचानक ब्रेक लगाया, जबकि पीछे की ट्रक तेज रफ्तार में थी और उसे संभलने का मौका नहीं मिला। तेज रफ्तार और अचानक ब्रेक के कारण हुए इस हादसे ने देखते ही देखते भयावह रूप ले लिया। टक्कर की आवाज आसपास के लोगों को चौंका देने वाली थी। स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे और स्थिति को संभालने का प्रयास किया।

घटना की सूचना मिलते ही शेरघाटी पुलिस मौके पर पहुँची और स्थानीय लोगों की मदद से गैस कटर की सहायता से ट्रक के केबिन में फँसे ड्राइवर व खलासी को बाहर निकाला गया। दोनों गंभीर रूप से घायल थे और उन्हें तुरंत शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनका उपचार जारी है। डॉक्टरों के अनुसार दोनों की स्थिति नाजुक बनी हुई है।

हादसे के बाद सड़क पर दोनों ओर लंबा जाम लग गया। ट्रक के क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया था। पुलिस ने क्रेन बुलाकर क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटाया और धीरे-धीरे यातायात बहाल किया। लगभग एक घंटे तक सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में कई बार तेज रफ्तार के कारण दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, लेकिन गति नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने प्रशासन से इस मार्ग पर स्पीड कंट्रोल के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।

यह हादसा एक बार फिर तेज रफ्तार के खतरों को उजागर करता है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ट्रकों से संबंधित दस्तावेजों की भी जाँच की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सड़क पर चलते समय निर्धारित गति सीमा का पालन करें ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

रेड करने पहुंचे ED अफसर के सामने बिजनेसमैन ने छोड़े कुत्ते, छापेमारी में बेहिसाब कैश-ज्वेलरी बरामद

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में कोयला माफिया नेटवर्क के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई की है. दोनों ही राज्यों में आज तड़के सुबह 40 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी कर अवैध कोयला खनन, चोरी और तस्करी के मामलों की जांच की जा रही है. इस कार्रवाई में एल.बी. सिंह सहित कई बड़े नाम शामिल हैं. हालांकि सिंह की एक हरकत ने अधिकारियों को परेशानी में डाल दिया. ईडी के अधिकारी जैसे ही घर में घुसने वाले थे. एलबी सिंह ने अपने पालतू कुत्तों को खोल दिया. इससे अधिकारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है.

धनबाद के बड़े कोयला व्यवसायी एल.बी. सिंह और उनके भाई कुंभनाथ सिंह के ठिकानों पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने व्यापक छापेमारी की है. ईडी की टीमें सरायढेला के देवबिला स्थित आवास, बैंक मोड़ के शांति भवन, निरसा के टालडांगा में बिनोद महतो के ठिकाने तथा भूली में सन्नी केशरी के स्थान सहित करीब आधा दर्जन लोकेशन पर पहुंची हैं.

अधिकारियों पर छोड़े कुत्ते

ईडी के अफसरों को घर में घुसने से रोकने के लिए एलबी सिंह ने अपने पालतू कुत्तों को खोल दिया था. कुत्ते एलबी सिंह के आवासीय परिसर में घूम रहे थे और ईडी के अफसरों को घर में घुसने से रोके हुए थे. अधिकारी जैसे ही घर के अंदर जाने की कोशिश करते कुत्ते भौंकना शुरू कर देते. हालांकि बाद में अधिकारी घर के अंदर जाने में सफल रहे.

भारी सोना चांदी बरामद

ईडी ने अपनी इस छापेमारी में भारी मात्रा में कैश और सोना चांदी भी बरामद किया है. 100 से ज़्यादा ED अधिकारी और स्टाफ कोयला माफिया के खिलाफ सर्च कर रहे हैं. सर्च ऑपरेशन सुबह करीब 6 बजे शुरू हुआ था.

10 दिन पहले भी हुई थी छापेमारी

दोनों भाई कोयला आउटसोर्सिंग कंपनी के मालिक हैं और हाल के दिनों में सामने आए कोयला स्कैन से जुड़े मामलों की जांच के क्रम में यह कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले करीब 10 वर्ष पूर्व बीसीसीएल में टेंडर घोटाला मामले में CBI ने एल.बी. सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी. उस दौरान छापेमारी के वक्त एल.बी. सिंह द्वारा CBI टीम पर फायरिंग भी किए जाने की घटना सामने आई थी.

ईडी की ताजा कार्रवाई से कोयला कारोबार से जुड़े अन्य लोगों में भी हलचल मची हुई है. जांच एजेंसी अभी सभी स्थानों से दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है.

बौद्ध धर्म मानने वाला हूं लेकिन सभी धर्मों में विश्वास, सुप्रीम कोर्ट में अपने आखिरी दिन बोले सीजेआई गवई

#cji_br_gavai_in_his_farewell_speech

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने गुरुवार को एक फेयरवेल प्रोग्राम में कहा, मैं बौद्ध धर्म को मानने वाला हूं, लेकिन वास्तव में एक सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) व्यक्ति हूं। हिंदू, सिख, इस्लाम समेत सभी धर्मों में विश्वास रखता हूं।उन्होंने अपने पिता से ये चीजें सीखी हैं, जो खुद एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे और डॉ. भीमराव अंबेडकर के सच्चे अनुयायी थे।

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मैं धर्मनिरपेक्ष हूं-सीजेआई

सीजेआई सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई समारोह में बोल रहे थे। सीजेआई गवई 23 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में उनका आखिरी कार्यदिवस होगा। इसी दौरान एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, बौद्ध पृष्ठभूमि के बावजूद मैं धर्मनिरपेक्ष हूं और सभी धर्मों हिंदू, सिख, इस्लाम और ईसाई धर्म में विश्वास करता हूं। उन्होंने कहा-मैं बौद्ध धर्म का पालन करता हूं, लेकिन किसी भी धार्मिक अध्ययन में मेरी गहरी रुचि नहीं है। मैं सचमुच धर्मनिरपेक्ष हूं और हिंदू, सिख, इस्लाम और ईसाई धर्म... हर चीज में विश्वास करता हूं।

सभी धर्मों का सम्मान करते हुए बड़ा हुआ-सीजेआई

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने सीजेआई बी आर गवई के रिटायरमेंट से पहले फेयरवेल का आयोजन किया था, जहां उन्होंने ये बातें कहीं। सीजेआई बी आर गवई ने कहा, मेरे पिता भी धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे। वह डॉ. भीमराव अंबेडकर के सच्चे अनुयायी थे और मैंने बचपन में हमेशा देखा है कि जब भी वह राजनीतिक कार्यक्रमों में जाते थे और उनके दोस्त उनसे कहते थे- सर यहां चलो, यहां बहुत प्रसिद्ध दरगाह है, यहां का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है। तो मैं इस तरह सभी धर्मों का सम्मान करते हुए बड़ा हुआ हूं।

रविवार को पूरा हो रहा कार्यकाल

चीफ जस्टिस बीआर गवई का आज आखिरी वर्किंग डे है। हालांकि, उनका कार्यकाल रविवार 23 नवंबर को पूरा हो रहा है। यानी कि सीजेआई सुप्रीम कोर्ट से रविवार को रिटायर होंगे। चूंकि कोर्ट शनिवार और रविवार को बंद रहता तो आज उनका आखिरी वर्किंग डे रहेगा। इसलिए ही सुप्रीम कोर्ट परिसर में उनके फेयरवेल का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

19th जंबूरी में हाई-टेक सुरक्षा घेरा, लखनऊ पुलिस पूरी तरह अलर्ट

लखनऊ। राजधानी में आयोजित होने वाले 19th नेशनल जंबूरी के लिए पुलिस ने व्यापक सुरक्षा और व्यवस्थागत तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर के निर्देशन में तथा संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था बबलू कुमार के मार्गदर्शन में दक्षिणी जोन व यूपी-112 की संयुक्त टीमें पूरे कार्यक्रम की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में जुटी हैं। अधिकारियों ने बताया कि जंबूरी में आने वाले बच्चों, स्काउट्स, प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। 23 से 29 नंवबर तक थाना पीजीआई क्षेत्रांतर्गत स्थित डिफेन्स एक्सपो ग्राउण्ड, वृंदावन योजना सेक्टर-15 में भारत स्काउट एवं गाइड के डायमंड जुबली जम्बूरी की 19वीं राष्ट्रीय जम्बोरी का भव्य कार्यक्रम प्रस्तावित है। दो विशेष चौकियां महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई आयोजन स्थल डिफेंस पर 01 अस्थायी पुलिस थाना और 08 पुलिस चौकियाँ स्थापित की गई हैं, जिनमें दो विशेष चौकियाँ महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई हैं। पूरे परिसर में 300 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से लैस एक आधुनिक कंट्रोल रूम 24 घंटे गतिविधियों की निगरानी करेगा। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 4 फायर स्टेशन और 2 डेडीकेटेड PRV वाहन गश्त पर रहेंगे। ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी 200 से अधिक ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया है, जबकि सुरक्षा जांच के लिए 90 LIU कर्मी भी सक्रिय रहेंगे। जंबूरी के सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा की तैयारी पूरी जंबूरी में बच्चों और युवाओं से पुलिस का सकारात्मक और संवेदनशील संवाद सुनिश्चित करने के लिए सभी तैनात पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग भी दी गई। यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में ग्रूमिंग, बॉडी लैंग्वेज, कम्युनिकेशन स्किल और व्यवहारिक संवेदनशीलता पर प्रशिक्षण दिया गया।लखनऊ पुलिस ने बताया कि आगामी दिनों में भी इसी प्रकार की ट्रेनिंग और तकनीकी कार्यशालाएँ आयोजित की जाती रहेंगी, ताकि पुलिस की छवि अधिक संवेदनशील और प्रोफेशनल बन सके। पुलिस ने आश्वासन दिया कि जंबूरी के सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी की गई है।
कार्यों में मिली अनियमितता, दो चिकित्सकों को प्रतिकूल प्रविष्टि, प्रधान व बीडीओ को नोटिस, सचिव पर अनुशासनिक कार्यवाही के डीएम ने दिए निर्देश

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। जिलाधिकारी डॉ0 राजागणपति आर0 ने शुक्रवार को ब्लॉक ऐलिया के गांव तिहार की तिहार गौशाला का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखीं। जिलाधिकारी ने पशुओं दिये जाने वाले चारे की व्यवस्था न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुये संबंधित को निर्देशित किया पशुओं के लिये भूसा, हरा चारा एवं पानी आदि समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जायें। गौशालाओं में रिकार्ड रखने हेतु सात रजिस्टर में से कोई भी रजिस्टर न होने पर सचिव पर अनुशासनिक कार्यवाही तथा प्रधान को नोटिस दिये जाने के निर्देश जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को दिये। खण्ड विकास अधिकारी को कार्यों में रूचि न लेने एवं अनियमितता पाये जाने के दृष्टिगत स्पष्टीकरण जारी के निर्देश दिये। 

जिलाधिकारी ने गौशाला में पशुओं के उपचार हेतु तैनात दो चिकित्सकों को पशुओं के सही उपचार न करने एवं अन्य कार्यों में शिथिलता पाये जाने पर प्रतिकूल प्रविष्टि के निर्देश संबंधित अधिकारी को दिये। साथ ही जिलाधिकारी ने भूसा का रख-रखाव को देखते हुये पशुओं को ठंड से बचाने हेतु तिरपाल के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान डी0सी0 मनरेगा चन्दन देव पाण्डेय सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

दिल्ली धमाका केस: एनआईए की कार्रवाई तेज, डॉ. शाहीन समेत चार आरोपी कस्टडी में

लखनऊ । देश की राजधानी दिल्ली में हुए भयानक बम धमाके के मामले ने अब उत्तर प्रदेश को भी सेंसरशिप के केंद्र में ला दिया है। एनआईए ने राजधानी निवासी डॉ. शाहीन सईद समेत चार आरोपियों को कस्टडी में लेकर जांच की रफ्तार को बढ़ा दिया है। सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन को लखनऊ और कानपुर, जबकि डॉ. आदिल को सहारनपुर लाया जा सकता है। दोनों से उनके संपर्क, करीबी सहयोगियों और संभावित नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी। कानपुर क्यों गई थी शाहीन पता लगाने में जुटी एजेंसियां दो माह पहले डॉ. शाहीन की कानपुर और लखनऊ यात्रा पर एजेंसियां विशेष ध्यान दे रही हैं। उनका मकसद सिर्फ यह पता करना नहीं कि शाहीन वहां क्यों गई थी, बल्कि यह भी कि उसने किन लोगों से मुलाकात की और किन नेटवर्क के संपर्क में रही। यूपी एटीएस और एनआईए की टीम ने कई डॉक्टरों और संदिग्धों से पूछताछ तेज कर दी है।जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि धमाके से जुड़े सात मोबाइल नंबर फरीदाबाद और दिल्ली के लाल किले के आसपास धमाके से पहले सक्रिय थे। धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी इन नंबरों से राजधानी और आसपास के 22 संवेदनशील नंबरों के साथ बातचीत और व्हाट्सएप मैसेज भी किए गए। सुरक्षा एजेंसियां इन सभी कड़ियों को जोड़कर पूरे नेटवर्क को ट्रेस कर रही हैं।डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ. परवेज अंसारी का नाम सामने आने के बाद कानपुर और लखनऊ की सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें भी शहर पर टिक गई हैं। जांच में यह भी पता चला कि धमाके से 25 दिन पहले शाहीन कानपुर में मौजूद थी। शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, जिसमें से एक फुटेज में काले रंग की एसयूवी कार में महिला को देखा गया, लेकिन नकाब पहनने के कारण उसकी पहचान नहीं हो सकी। चारों आरोपियों को जल्द लिया जाएगा रिमांड पर जांच अधिकारी पुरानी एसयूवी कारों और अन्य संदिग्ध वाहनों की भी पड़ताल कर रहे हैं। इसके अलावा पुलिस ने कश्मीरी मूल के छात्रों और शोधार्थियों का सत्यापन शुरू किया है। लगभग 150 छात्रों की जानकारी जुटाई जा रही है, लेकिन दो छात्र लापता हैं और संस्थान प्रशासन इस संबंध में सहयोग नहीं कर रहा।सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि दिल्ली धमाके के तार अब यूपी और पड़ोसी राज्यों तक जुड़े हुए हैं। एनआईए, आईबी, यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर आरोपियों और उनके सहयोगियों के नेटवर्क को तोड़ने की कवायद में जुटी हैं। जांच अधिकारी कह रहे हैं कि चारों आरोपियों को जल्द ही रिमांड पर लेकर अलग-अलग जगहों पर पूछताछ की जाएगी।शहर में हड़कंप मचा हुआ है है। राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं सूत्रों के अनुसार, एनआईए और यूपी एटीएस की कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि राजधानी धमाके के पीछे का नेटवर्क सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है। अब पूरा उत्तर प्रदेश सतर्क है और जांच का दायरा और गहरा गया है।इस सनसनीखेज मामले में एजेंसियों की तेज कार्रवाई और जांच की हर नई जानकारी लोगों की सांसें रोक रही है। राजधानी धमाके की साजिश में शामिल यह नेटवर्क अब यूपी में सक्रिय हो गया है, और सुरक्षा एजेंसियां इसे जड़ से उखाड़ने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं। सहारनपुर: जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों पर जांच का नया केंद्र दिल्ली में हाल ही में हुई आतंकवादी घटना के बाद जांच का फोकस अब सहारनपुर की ओर बढ़ गया है। विशेषकर देवबंद क्षेत्र को खुफिया एजेंसियां लगातार मॉनिटर कर रही हैं, क्योंकि यह लंबे समय से कई आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल्स का गढ़ रहा है। इनमें मसूद अजहर का संगठन, जैश-ए-मोहम्मद, भी शामिल है।मसूद अजहर वर्ष 1994 में देवबंद आया था, और उसके बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जैश की गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई। उस समय से लेकर अब तक कई प्रमुख घटनाओं में देवबंद और सहारनपुर का नाम सामने आया है।
कहां से कहां पहुंचने के चक्कर में भारतीय नारियां कहां से कहां पहुंच रही हैं : कविता तिवारी

लखनऊ । भारतीय समाज को पुरुष प्रधान समाज कहा जाता था किंतु समाज को संवारने का कार्य महिलाओं ने भी कुशलता पूर्वक किया है । विश्व पटल पर भारतीय नारियों ने अपनी छवि आज चमकाई है चाहे वह खेल जगत हो उद्योग जगत शिक्षा हो या अन्य क्षेत्र में। आज भारतीय नारियां हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं यह हमारे लिए गर्व की बात है आज से ही नहीं भारत में स्त्रियां प्राचीन काल से ही आगे रही हैं गार्गी मैत्रेई अपला जैसी विदुषी, महारानी लक्ष्मीबाई जैसी साहसी और सीता सती पार्वती जैसी पवित्रता की प्रतीक हुई है कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स जैसी महिलाओं के साहस एवं योग्यता को सारा विश्व देख चुका है सोफिया एवं व्योमिका सिंह जैसी साहसी महिलाओं के पराक्रम से तो दुश्मन भी हैरान हो चुका है किंतु भारतीय नारियों के लिए कुछ चिंता चिंता का विषय भी है जैसी सामाजिक असुरक्षा जिस पर देश में लगातार प्रयास हो रहे हैं किंतु एक ऐसा विषय है जिस के लिए महिला समाज स्वयं जिम्मेदार है जैसे घर गृहस्थी के निर्वहन में असर्मथता आजकल महिलाएं जितना ज्यादा शिक्षित होती जा रही है उतना ही गृहस्थ जीवन में रहना नहीं पसंद कर रही हैं कभी तलाक कभी कभी घर छोड़ कभी जीवन साथी को ही मार देना जैसी स्थिति उत्पन्न कर रही हैं मै यह नहीं कह रही हूं कि सारी गलतियां महिलाओं की ही है मगर कहीं न कहीं महिलाएं अपनी सहनशीलता को खो रही हैं अपनी पुरानी पीढ़ी की महिलाओं से नहीं सीखने की कोशिश कर रही हैं पुरानी पीढ़ी की महिलाएं अशिक्षित बेशक थी मगर परिवार को चलाना बखूबी जानती थी उसके लिए चाहे उनको कितना भी कुछ सहन करना पड़ता था मगर परिवार को लेकर चलती थी आधुनिक भारतीय नारियां अपनी प्राचीन भारतीय नारियों को अपना आदर्श न मानकर अपितु पश्चिमी सभ्यता को अपनाती जा रही हैं परिणास्वरुप आज कल कहीं नीले ड्रम की घटना तो कहीं कुछ घटित हो रहा है जिससे भारतीय नारियों की छवि धूमिल हो रही है।उक्त विचार राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत के राष्ट्रीय प्रचारक कविता तिवारी ने कही।
पति और दोस्तों ने मिलकर किया महिला के साथ अनैतिक कृत्य, FIR दर्ज

लखनऊ । यूपी की राजधानी में एक महिला के साथ रोंगटे खड़े कर देने वाली दरिंदगी का मामला सामने आया है। वजीरगंज थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता ने अपने ही पति पर ऐसा आरोप लगाया है, जिसने स्थानीय पुलिस से लेकर इलाके के लोगों तक को हिलाकर रख दिया है। महिला का कहना है कि उसका पति न केवल दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करता था, बल्कि उसे नशीला पदार्थ पिलाकर अपने दोस्तों के साथ अनैतिक कार्य करवाने तक पहुंच गया। शादी के चंद दिनों पर पति का असली चेहरा आ गया सामने पीड़िता के अनुसार, 14 अक्तूबर 2022 को उसका निकाह हरदोई रोड स्थित अंधे की चौकी के पास रहने वाले एक व्यापारी से हुआ था। शादी के चंद दिनों बाद ही पति का असली चेहरा सामने आने लगा। आरोप है कि पति ने अतिरिक्त दहेज की मांग शुरू कर दी। विरोध करने पर कभी शराब के नशे में बुरी तरह पिटाई, तो कभी घंटों भूखा रखने जैसे अमानवीय अत्याचार किए जाने लगे। दोस्तों से कराया दरिंदगी फिर बनाई वीडियो महिला ने बताया कि एक दिन पति घर आया और कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया। कुछ ही देर में वह बेहोश हो गई। इसी दौरान पति ने अपने दो दोस्तों को घर बुलाया और बेहोशी की हालत में उनके साथ अनैतिक कार्य करवाया। आरोप है कि इस दरिंदगी की वीडियो और फोटो भी बनाई गईं। विरोध करने पर पीटा, प्रताड़ना से परेशान होकर चली गई मायके होश में आने पर जब पीड़िता ने विरोध किया, तो पति और भी ज्यादा बेरहम हो गया। कथित तौर पर उसने न केवल उसे पीटा, बल्कि धमकी दी कि यदि उसने किसी को कुछ बताया तो बनाई गई अश्लील वीडियो वायरल कर देगा। पीड़िता के मुताबिक, बढ़ती प्रताड़ना से तंग आकर वह मायके चली गई। इसी बीच उसे पता चला कि आरोपी पति ने उनका मकान भी बेच दिया। जब उसने विरोध किया, तो पति ने धमकी को अंजाम देते हुए उसकी निजी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दीं, जिससे पीड़िता मानसिक रूप से टूट गई। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर शुरू की जांच मामले की जानकारी पुलिस तक पहुंची तो वजीरगंज थाने में पति सहित उसके दोस्तों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि पूरे मामले की तफ्तीश जारी है। तकनीकी साक्ष्य व अन्य प्रमाण जुटाए जा रहे हैं। साक्ष्य मिलने पर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बहाना करना नहीं छोड़ेंगे तो अगली पीढ़ी भी सत्ता में नहीं आ पाएगी चिराग पासवान


पटना
राजद ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि पोस्टल वोट रिजेक्ट होने के कारण हमारे गठबंधन के उम्मीदवार हार गए नहीं तो कुछ सीटों पर हमारे उम्मीदवार जीतते इसपर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि राजद और कांग्रेस जिंदगी भर कभी भी पलट करके यह लोग सत्ता में नहीं आएंगे अगर यह लोग बहाने बनाना नहीं छोड़ेंगे. हर हार के बाद आपको एक ईमानदार मंथन करने की जरूरत है कौन नहीं गुजरा है हार से. हम लोग हार से गुजरे हैं फिर भी हमारे पिता 2009 की हार के बाद अपने आप को 2014 मे खड़ा करने का काम किया. 2021 में मुझे मेरी पूरी पार्टी छीन ली गई और आज 2024-25 में हम लोगों ने पुनः अपने आप को स्थापित करने का काम किया क्योंकि हम लोगों ने ईमानदार मंथन किया. 2020 के हमारे इंटरव्यू निकाल करके देखिए हमने कभी भी किसी पर ठीकरा तक नहीं फोड़ा कि हमारी पार्टी का क्यों ऐसा परफॉर्मेंस रहा. हम लोगों ने ईमानदार मंथन किया कि हम लोगों से कहां कमी रह गई और कहां चुक हो गई. इतने अहंकार में डूबी हुई यह पार्टियों है कांग्रेस हो या राजद हो. आज रिजल्ट आए हुए इतने दिन हो गए और आज एक सप्ताह होने को आ गया है इन लोगों ने अभी तक मंथन तक करना जरूरी नहीं समझा एक बैठक की और अपने आप को नेता चुन लिया. और आज भी इस बात का ठीकरा फोड़ने में लगे हैं कि कभी इसका वोट चोरी हो गया तो कभी इसने वोट काट लिया. केवल आप लोग दूध के धुले हैं बाकी सब गलत है. तीन बार से एनडीए जीत करके आ रही है तो वह गलत है पर दो-दो बार यूपीए जीतकर के आ जाती है वह ठीक था. जहां पर आप जीत जाते हैं झारखंड जैसे राज्यों में तो वह सही हो जाता है और हम महाराष्ट्र की जातते हैं तो वह गलत हो जाता है. SIR चल रहा था तब से बहाना बना रहे हैं वोट चोरी का. यह लोग बहाना बना नहीं छोड़ेंगे तो *लालू जी की अगली पीढ़ी भी सत्ता में नहीं आएगी अगर यह लोग बहाना बनाना नहीं छोड़ेंगे तो* उनकी सभा में अगर आप चले जाइए तो आपको देखने को मिलेगा कि महिलाओं के साथ बदतमीजी की जाती थी इन लोगों के कार्यक्रम में इन लोगों के प्रवक्ताओं को देख लीजिए किस तरीके से एग्रेसिव होकर के बातों को रखते थे. आप अपने विपक्ष के तौर पर बातों को रखिए लेकिन केवल बहाना करते रहना है. EVM को लेकर के रोना रोते थे आज क्यों नहीं है ऐसा. SIR को नया मुद्दा बना लिया है और अगले 10 साल तक हारेंगे फिर नया मुद्दा ढूंढ लेंगे. ईमानदार से एक बार बैठ करके यह मंथन करें कि जनता ने क्यों नहीं साथ दिया है तब पता चलेगा. जनता ने 2005 से इन लोगों का साथ छोड़ा हुआ है और यह लोग समझ नहीं पा रहे हैं. यह लोग बताएं कि 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ नहीं मिलता तो सात जन्म में भी ये लोग सरकार नहीं बनाते. 2020 में अगर मैं अलग नहीं रहता यूनाइटेड NDA रहता तो इससे भी बद्दतर प्रदर्शन रहता. यह लोग जो सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि इसकी या उसकी वजह से हुआ एक बार ईमानदारी सब बैठेंगे तो इन लोगों को पता चलेगा कि यह लोग कितनी जगह गलत रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार हमेशा परिवारवाद पर हमला करते हैं लेकिन कल आशीर्वाद देते नजर आए उपेंद्र कुशवाहा के बेटे को ना कि वह MLA है और नाही एमएलसी है इसको आप लोग बढ़ावा दे रहे हैं इस पर चिराग पासवान ने कहा कि मैं परिवारवाद पर कुछ बोल ही नहीं सकता हूं. लेकिन मैं बस इतना ही कहूंगा कि आप उस व्यवस्था को ऐसे में सुधार नहीं सकते आप एक नई लकीड़ नही खींच सकते मैं इसको नहीं मानता. क्योंकि आप एक परिवार से आते हैं आपको एक मौका नहीं मिलना चाहिए मैं इसका पक्षधर नहीं हूं लेकिन मैं बस इतना कहूंगा कि अगर आपके अंदर काबिलियत नहीं होगी आप कितने भी बड़े परिवार से आ जाओ आपका कुछ नहीं होगा. मैं अपना उदाहरण दूंगा 2021 में मेरे से मेरी पार्टी सिंबल सब कुछ लिया गया. आज अगर काबिलियत नहीं होती तो सात जन्म में भी चिराग पासवान या पार्टी खड़ी नहीं हो सकती थी. ऐसे में किसी परिवार का होना आपका सौभाग्य हो सकता है पर आपकी काबिलियत ही आपको आगे लेकर के जाएगी. काबिलियत होगी आप आगे बढ़ेंगे नहीं होगी तो कोई आपको आगे नहीं बढ़ा पाएगा. बंगाल बिहार जीतने के बाद बंगाल की बारी है हम लोग असम भी जीतने जा रहे हैं बंगाल भी जीतने जा रहे हैं और जितने राज्यों में डॉन साउथ तमिलनाडु सारी जगह आप लोग देखेंगे इस चुनाव के परिणामों की परछाई पूरे देश में देखने को मिलेगी. बंगाल में आपकी क्या भूमिका रहेगी इस पर चिराग पासवान ने कहा कि जो बिहार में भूमिका थी वही बंगाल में भी भूमिका रहेगी. समावेश के साथ महिला युवाओं को जोड़ते हुए आगे बढ़ना और वही भूमिका में आने वाले दिनों में असम बंगाल तमिलनाडु उत्तर प्रदेश 2027 में चुनाव है तमाम राज्यों में देखने को मिलेगा
जहानाबाद मेरा सपना — शिक्षा का प्रकाश” शकील अहमद काकवी की सोच ने बदल दी गाँव की तस्वीर

जहानाबाद से एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है, जहाँ एक व्यक्ति के सपने ने पूरे गाँव की दिशा बदल दी। शकील अहमद काकवी का यह सपना सिर्फ एक कल्पना नहीं, बल्कि शिक्षा की रोशनी से गाँव को जगाने की एक जीवंत पहल बन चुका है।

स्टोरी:
रात का सन्नाटा और गाँव की छतों पर उतरती चाँदनी… इन्हीं पलों में शकील अहमद काकवी ने एक ऐसा सपना देखा जिसने उनके जीवन की दिशा बदल दी।
सपने में वे अपने ही गाँव की गलियों में थे—सादगी, मिट्टी की खुशबू और खेलते बच्चों की चमकती आँखें। बच्चों की आँखों में वह मासूम पुकार थी—“हमें बस रोशनी और दिशा चाहिए।”

यही सपना उनके लिए एक संदेश बन गया। उन्होंने तय किया कि अब इन बच्चों के भविष्य को संवारना है। गाँव के युवाओं से चर्चा हुई, और कई युवा इस अभियान से जुड़ गए। एक महिला शिक्षिका भी इस मुहिम का हिस्सा बनीं। धीरे-धीरे गाँव में एक नई आवाज़ गूँजने लगी—

“बेटियाँ और बेटे—सब पढ़ेंगे, तभी गाँव बदलेगा।”

शकील अहमद काकवी का विश्वास भारतीय परंपरा और ज्ञान के उन सूत्रों से और गहरा हुआ जहाँ कहा गया है—
“विद्या ददाति विनयम्”,
“विद्यायाः प्राप्यते सुखम्”,
और “ज्ञान से बढ़कर कोई पवित्र तत्व नहीं।”

इसके बाद गाँव में “जामिया कायनात” नामक पाठशाला की स्थापना की गई। जो बच्चे कभी खुद को महत्वहीन समझते थे, वे आज शिक्षा के सहारे अपनी ज़िंदगी संवार रहे हैं।
गाँव में उम्मीद की किरण लौटी, मुस्कुराहट लौटी।

इस सफर में कुरान की यह आयत भी दिशा दिखाती रही—
“अल्लाह उस कौम की हालत नहीं बदलता, जो खुद को बदलने की कोशिश नहीं करती।”

जब छात्रों की संख्या बढ़ने लगी तो पुरानी बंद हवेली को खोलकर शिक्षा की नई शमा जलाई गई। शकील अहमद काकवी ने कहा—

“मेरी कोशिश को सराहो, मेरे हमराह चलो…
मैंने एक शमा जलाई है हवाओं के खिलाफ।”

फिर उन्होंने गाँव में “त” की ताकत जगाने की अवधारणा रखी—

  • त — तालीम (शिक्षा)
  • त — तंजीम (संगठन)
  • त — तहरीक (अभियान)
  • त — तिजारत (आर्थिक उन्नति)

और गूँज उठा नारा—
“मेरे गाँव की यही पहचान—पढ़ा-लिखा हो हर इंसान।”

क्यू:
शकील अहमद काकवी का सपना अब सिर्फ सपना नहीं रहा। जहानाबाद में शिक्षा की रोशनी जग चुकी है और यह रोशनी आगे भी कई ज़िंदगियों को रोशन करने की क्षमता रखती है।

जहानाबाद से यह कहानी साबित करती है कि एक व्यक्ति का सपना, एक गाँव की तकदीर बदल सकता है।

गया में शेरघाटी-गोपालपुर ब्रिज के पास दो ट्रकों की भीषण टक्कर, ड्राइवर और खलासी गंभीर रूप से घायल, ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत

गया जिला के शेरघाटी थाना क्षेत्र अंतर्गत गोपालपुर ब्रिज के पास शुक्रवार की सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया। तेज रफ्तार से चल रही एक ट्रक ने सामने जा रही दूसरी ट्रक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि पीछे से टक्कर मारने वाली ट्रक का आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षत-विक्षत हो गया और ट्रक के केबिन में मौजूद ड्राइवर और खलासी बुरी तरह फँस गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आगे चल रही ट्रक ने अचानक ब्रेक लगाया, जबकि पीछे की ट्रक तेज रफ्तार में थी और उसे संभलने का मौका नहीं मिला। तेज रफ्तार और अचानक ब्रेक के कारण हुए इस हादसे ने देखते ही देखते भयावह रूप ले लिया। टक्कर की आवाज आसपास के लोगों को चौंका देने वाली थी। स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे और स्थिति को संभालने का प्रयास किया।

घटना की सूचना मिलते ही शेरघाटी पुलिस मौके पर पहुँची और स्थानीय लोगों की मदद से गैस कटर की सहायता से ट्रक के केबिन में फँसे ड्राइवर व खलासी को बाहर निकाला गया। दोनों गंभीर रूप से घायल थे और उन्हें तुरंत शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनका उपचार जारी है। डॉक्टरों के अनुसार दोनों की स्थिति नाजुक बनी हुई है।

हादसे के बाद सड़क पर दोनों ओर लंबा जाम लग गया। ट्रक के क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया था। पुलिस ने क्रेन बुलाकर क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटाया और धीरे-धीरे यातायात बहाल किया। लगभग एक घंटे तक सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में कई बार तेज रफ्तार के कारण दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, लेकिन गति नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने प्रशासन से इस मार्ग पर स्पीड कंट्रोल के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।

यह हादसा एक बार फिर तेज रफ्तार के खतरों को उजागर करता है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ट्रकों से संबंधित दस्तावेजों की भी जाँच की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सड़क पर चलते समय निर्धारित गति सीमा का पालन करें ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

रेड करने पहुंचे ED अफसर के सामने बिजनेसमैन ने छोड़े कुत्ते, छापेमारी में बेहिसाब कैश-ज्वेलरी बरामद

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में कोयला माफिया नेटवर्क के खिलाफ बड़े स्तर पर कार्रवाई की है. दोनों ही राज्यों में आज तड़के सुबह 40 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी कर अवैध कोयला खनन, चोरी और तस्करी के मामलों की जांच की जा रही है. इस कार्रवाई में एल.बी. सिंह सहित कई बड़े नाम शामिल हैं. हालांकि सिंह की एक हरकत ने अधिकारियों को परेशानी में डाल दिया. ईडी के अधिकारी जैसे ही घर में घुसने वाले थे. एलबी सिंह ने अपने पालतू कुत्तों को खोल दिया. इससे अधिकारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है.

धनबाद के बड़े कोयला व्यवसायी एल.बी. सिंह और उनके भाई कुंभनाथ सिंह के ठिकानों पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने व्यापक छापेमारी की है. ईडी की टीमें सरायढेला के देवबिला स्थित आवास, बैंक मोड़ के शांति भवन, निरसा के टालडांगा में बिनोद महतो के ठिकाने तथा भूली में सन्नी केशरी के स्थान सहित करीब आधा दर्जन लोकेशन पर पहुंची हैं.

अधिकारियों पर छोड़े कुत्ते

ईडी के अफसरों को घर में घुसने से रोकने के लिए एलबी सिंह ने अपने पालतू कुत्तों को खोल दिया था. कुत्ते एलबी सिंह के आवासीय परिसर में घूम रहे थे और ईडी के अफसरों को घर में घुसने से रोके हुए थे. अधिकारी जैसे ही घर के अंदर जाने की कोशिश करते कुत्ते भौंकना शुरू कर देते. हालांकि बाद में अधिकारी घर के अंदर जाने में सफल रहे.

भारी सोना चांदी बरामद

ईडी ने अपनी इस छापेमारी में भारी मात्रा में कैश और सोना चांदी भी बरामद किया है. 100 से ज़्यादा ED अधिकारी और स्टाफ कोयला माफिया के खिलाफ सर्च कर रहे हैं. सर्च ऑपरेशन सुबह करीब 6 बजे शुरू हुआ था.

10 दिन पहले भी हुई थी छापेमारी

दोनों भाई कोयला आउटसोर्सिंग कंपनी के मालिक हैं और हाल के दिनों में सामने आए कोयला स्कैन से जुड़े मामलों की जांच के क्रम में यह कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले करीब 10 वर्ष पूर्व बीसीसीएल में टेंडर घोटाला मामले में CBI ने एल.बी. सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी. उस दौरान छापेमारी के वक्त एल.बी. सिंह द्वारा CBI टीम पर फायरिंग भी किए जाने की घटना सामने आई थी.

ईडी की ताजा कार्रवाई से कोयला कारोबार से जुड़े अन्य लोगों में भी हलचल मची हुई है. जांच एजेंसी अभी सभी स्थानों से दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है.

बौद्ध धर्म मानने वाला हूं लेकिन सभी धर्मों में विश्वास, सुप्रीम कोर्ट में अपने आखिरी दिन बोले सीजेआई गवई

#cji_br_gavai_in_his_farewell_speech

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने गुरुवार को एक फेयरवेल प्रोग्राम में कहा, मैं बौद्ध धर्म को मानने वाला हूं, लेकिन वास्तव में एक सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) व्यक्ति हूं। हिंदू, सिख, इस्लाम समेत सभी धर्मों में विश्वास रखता हूं।उन्होंने अपने पिता से ये चीजें सीखी हैं, जो खुद एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे और डॉ. भीमराव अंबेडकर के सच्चे अनुयायी थे।

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मैं धर्मनिरपेक्ष हूं-सीजेआई

सीजेआई सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई समारोह में बोल रहे थे। सीजेआई गवई 23 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं और शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में उनका आखिरी कार्यदिवस होगा। इसी दौरान एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, बौद्ध पृष्ठभूमि के बावजूद मैं धर्मनिरपेक्ष हूं और सभी धर्मों हिंदू, सिख, इस्लाम और ईसाई धर्म में विश्वास करता हूं। उन्होंने कहा-मैं बौद्ध धर्म का पालन करता हूं, लेकिन किसी भी धार्मिक अध्ययन में मेरी गहरी रुचि नहीं है। मैं सचमुच धर्मनिरपेक्ष हूं और हिंदू, सिख, इस्लाम और ईसाई धर्म... हर चीज में विश्वास करता हूं।

सभी धर्मों का सम्मान करते हुए बड़ा हुआ-सीजेआई

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन ने सीजेआई बी आर गवई के रिटायरमेंट से पहले फेयरवेल का आयोजन किया था, जहां उन्होंने ये बातें कहीं। सीजेआई बी आर गवई ने कहा, मेरे पिता भी धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे। वह डॉ. भीमराव अंबेडकर के सच्चे अनुयायी थे और मैंने बचपन में हमेशा देखा है कि जब भी वह राजनीतिक कार्यक्रमों में जाते थे और उनके दोस्त उनसे कहते थे- सर यहां चलो, यहां बहुत प्रसिद्ध दरगाह है, यहां का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है। तो मैं इस तरह सभी धर्मों का सम्मान करते हुए बड़ा हुआ हूं।

रविवार को पूरा हो रहा कार्यकाल

चीफ जस्टिस बीआर गवई का आज आखिरी वर्किंग डे है। हालांकि, उनका कार्यकाल रविवार 23 नवंबर को पूरा हो रहा है। यानी कि सीजेआई सुप्रीम कोर्ट से रविवार को रिटायर होंगे। चूंकि कोर्ट शनिवार और रविवार को बंद रहता तो आज उनका आखिरी वर्किंग डे रहेगा। इसलिए ही सुप्रीम कोर्ट परिसर में उनके फेयरवेल का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

19th जंबूरी में हाई-टेक सुरक्षा घेरा, लखनऊ पुलिस पूरी तरह अलर्ट

लखनऊ। राजधानी में आयोजित होने वाले 19th नेशनल जंबूरी के लिए पुलिस ने व्यापक सुरक्षा और व्यवस्थागत तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर के निर्देशन में तथा संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था बबलू कुमार के मार्गदर्शन में दक्षिणी जोन व यूपी-112 की संयुक्त टीमें पूरे कार्यक्रम की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में जुटी हैं। अधिकारियों ने बताया कि जंबूरी में आने वाले बच्चों, स्काउट्स, प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। 23 से 29 नंवबर तक थाना पीजीआई क्षेत्रांतर्गत स्थित डिफेन्स एक्सपो ग्राउण्ड, वृंदावन योजना सेक्टर-15 में भारत स्काउट एवं गाइड के डायमंड जुबली जम्बूरी की 19वीं राष्ट्रीय जम्बोरी का भव्य कार्यक्रम प्रस्तावित है। दो विशेष चौकियां महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई आयोजन स्थल डिफेंस पर 01 अस्थायी पुलिस थाना और 08 पुलिस चौकियाँ स्थापित की गई हैं, जिनमें दो विशेष चौकियाँ महिला सुरक्षा के लिए बनाई गई हैं। पूरे परिसर में 300 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से लैस एक आधुनिक कंट्रोल रूम 24 घंटे गतिविधियों की निगरानी करेगा। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 4 फायर स्टेशन और 2 डेडीकेटेड PRV वाहन गश्त पर रहेंगे। ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी 200 से अधिक ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया है, जबकि सुरक्षा जांच के लिए 90 LIU कर्मी भी सक्रिय रहेंगे। जंबूरी के सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा की तैयारी पूरी जंबूरी में बच्चों और युवाओं से पुलिस का सकारात्मक और संवेदनशील संवाद सुनिश्चित करने के लिए सभी तैनात पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग भी दी गई। यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में ग्रूमिंग, बॉडी लैंग्वेज, कम्युनिकेशन स्किल और व्यवहारिक संवेदनशीलता पर प्रशिक्षण दिया गया।लखनऊ पुलिस ने बताया कि आगामी दिनों में भी इसी प्रकार की ट्रेनिंग और तकनीकी कार्यशालाएँ आयोजित की जाती रहेंगी, ताकि पुलिस की छवि अधिक संवेदनशील और प्रोफेशनल बन सके। पुलिस ने आश्वासन दिया कि जंबूरी के सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी की गई है।