पुतिन ने की पीएम मोदी की तारीफ, बोले-दबाव में नहीं झुकें, भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने का दिया आदेश

#putin_remark_trump_tariff_war_india_us_pressure_pm_modi

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को भारत और चीन पर मास्को के साथ ऊर्जा संबंध तोड़ने के लिए दबाव बनाने के अमेरिका की कोशिशों की कड़ी आलोचना की और चेतावनी दी कि इस तरह के कदम आर्थिक रूप से उलटे पड़ सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उनका देश भारत और चीन का आभारी है, जिन्होंने ब्रिक्स की स्थापना की। ये ऐसे देश हैं जो किसी का पक्ष नहीं लेते हैं और वास्तव में एक न्यायपूर्ण विश्व बनाने की आकांक्षा रखते हैं। 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के साथ अपने रिश्तों को एक बार फिर नई ऊंचाई देते हुए अपनी सरकार को आदेश दिया है कि वे भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करें। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को अपनी सरकार को आदेश दिया है कि वह नई दिल्ली की ओर से कच्चे तेल के भारी आयात के कारण भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के उपाय करे। दरअसल, अमेरिका ने भारत को झुकाने के लिए 50 फीसदी टैरिफ लगाया। डोनाल्ड ट्रंप ने सोचा इससे भारत-रूस की दोस्ती टूट जाएगी। भारत टैरिफ के दबाव में रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। इससे रूस कमजोर पड़ जाएगा। रूस-यूक्रेन खत्म हो जाएगा। मगर पुतिन ने अपने दोस्त को दबाव से उबारने का उपाय कर दिया।

रूस-भारत के बीच कभी कोई तनाव नहीं रहा-पुतिन

साउथ रूस के काला सागर रिसॉर्ट में गुरुवार शाम भारत सहित 140 देशों के सुरक्षा और भू-राजनीतिक विशेषज्ञों के अंतर्राष्ट्रीय वल्दाई चर्चा मंच से बोलते हुए पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि रूस और भारत के बीच कभी कोई समस्या या तनाव नहीं रहा है और उन्होंने हमेशा अपनी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए हैं।

मोदी को बताया संतुलित-बुद्धिमान और राष्ट्र हितैषी नेता

पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताया और कहा कि वे उनके भरोसेमंद संबंधों में सहज महसूस करते हैं। पुतिन ने मोदी के नेतृत्व वाली भारत की राष्ट्रवादी सरकार की सराहना की और उन्हें एक संतुलित, बुद्धिमान और राष्ट्र हितैषी नेता बताया।

भारत अपना अपमान नहीं होने देगा

पुतिन ने कहा कि क्या भारत अपने ऊर्जा संसाधनों को यूं ही छोड़ देगा? अगर ऐसा है तो इससे काफी नुकसान होगा। कुछ लोगों का मानना है कि यह 9-10 अरब डॉलर हो सकता है। अगर भारत पर अमेरिका प्रतिबंध लगाता है तो भी नुकसान इतना ही होगा। भारत और भारतीय लोग कभी भी किसी के सामने अपना अपमान नहीं होने देंगे। मैं पीएम मोदी को जानता हूं, वे भी ऐसा कोई फैसला नहीं करेंगे।

अमेरिका की दबाव वाली नीति से भड़के पुतिन

पुतिन ने कहा कि भारत हमारी ऊर्जा आपूर्ति से इनकार करता है तो उसे निश्चित रूप से नुकसान होगा। रूसी ऊर्जा आपूर्ति में कटौती से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा, जिससे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली जाएंगी। पुतिन की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यूरोप, भारत और चीन पर रूसी तेल खरीदना बंद करने का दबाव बनाने के बाद आई है। हालांकि भारत ने दबाव ना मानते हुए तेल खरीद जारी रखी है।

चीन में पीएम मोदी और पुतिन की खास मुलाकात, एक दूसरे को लगाया गले, देखते रह गए शहबाज शरीफ

#chinascosummit202russianpresidentvladimirputinhugspmmodi

चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। तियानजिन से पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास तस्वीर सामने आई है। राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी ने एक-दूसरे का गले लगाकर गर्मजोशी से अभिवादन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एससीसो मंच पर एक साथ नजर आए। इसकी तस्वीर सामने आई है। तीनों नेता आपस में बातचीत करते दिखे। इस दौरान तीनों देशों की ट्रायो डिप्लोमेसी देखने को मिली, यानी ये देश आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

पुतिन और मोदी की द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई मुलाकात

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो तस्वीरें शेयर की। एक तस्वीर में मोदी पुतिन को गले लगाते नजर आ रहे हैं। दूसरी तस्वीर में दोनों नेता हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह मुलाकात उनकी द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई, जो पूर्ण सत्र के बाद होने वाली है।

मोदी-पुतिन-जिनपिंग कि तिकड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र से पहले कुछ समय साथ बिताया। इस दौरान तीनों ही नेता एक-दूसरे से हल्के फुल्के अंदाज में हंसी मजाक करते नजर आए। इस दौरान तीनों नेता हंसी ठहाके लगाते दिखाई दिए। इसके बाद पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन एक साथ मंच की ओर चले गए। इस दौरान दोनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने से निकले, जो पहले से ही मंच पर फोटो सेशन के लिए खड़े थे। इस दौरान शहबाज की नजरें पीएम मोदी और पुतिन पर ही टिकी हुई थीं। उनके चेहरे से बेबसी के भाव साफ जाहिर हो रहे थे।

एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट

एससीओ समिट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में हो रही है। यह एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट है, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हैं। सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं, जबकि पर्यवेक्षक और संवाद साझेदार देशों में तुर्की, मालदीव, नेपाल, म्यांमार, मिस्र और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जैसे नाम हैं।

समिट का फोकस क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर है। चीनी विदेश मंत्रालय के सहायक मंत्री लिउ बिन ने कहा कि शी जिनपिंग तियानजिन घोषणा जारी करेंगे, जो एससीओ के अगले 10 वर्षों की विकास रणनीति को रेखांकित करेगी।

मुश्किल वक्त में भारत को मिला दोस्तों का साथ, ट्रंप-पुतिन ने दिया समर्थन

#trumptalkedwithpmmodiputinreactiononpahalgam_attack

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहलगाम हमले के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। उन्होंने आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई। हमले की निंदा करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूर्ण समर्थन का भरोसा दिया। वहीं दूसरी ओर, पीएम मोदी के मित्र और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है और भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, कश्मीर से आई खबर बेहद परेशान करने वाली है। अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। हम मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के अद्भुत लोगों को हमारा पूरा समर्थन और गहरी संवेदना है।

अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ

इस बारे में अपडेट देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और इस जघन्य हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत को पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़े हैं।

पुतिन ने किया आतंकियों को कठोर सजा देने का समर्थन

वहीं दूसरी ओर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को संदेश भेजकर संवेदना व्यक्त की और कहा, इस क्रूर अपराध को किसी भी मायने में सही ठहराया नहीं जा सकता। हम उम्मीद करते हैं कि हमला करने वालों को सख्त सजा मिलेगी। पुतिन ने रूस की ओर से भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, पहलगाम में पर्यटकों पर हुए जघन्य आतंकी हमले पर भारत के लोगों और सरकार के प्रति गहरी संवेदना। रूस आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।

पुतिन को मारने की साजिश? रूसी राष्ट्रपति काफिले में शामिल लिमोजिन कार में धमाका

#explosioninthelimousinecarofpresidentputins_convoy

मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के काफिले में शामिल कार में धमाके की खबर है। पुतिन के काफिले की लग्जरी कार लिमोजिन में जबरदस्त धमाका हुआ है। धमाका मॉस्को में रूसी सुरक्षा एजेंसी एफएसबी मुख्यालय के बाहर हुआ है। धमाके के बाद कार पूरी तरह से जलकर खाक हो गई। हालांकि, इस धमाके में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। कार में धमाके का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कार में आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने इस धमाके के बाद सीवर की तलाशी से लेकर अपने गार्डों की जांच का आदेश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉस्को के एफएसबी खुफिया विभाग के मुख्यालय के उत्तर में अचानक व्लादिमीर पुतिन के काफिले में शामिल लिमोजिन कार में विस्फोट हो गया। फुटेज के मुताबिक पहले कार के इंजन में आग लगी और बाद में यह अंदरुनी हिस्से तक फैल गई। कार में आग लगते ही आसपास के रेस्तरां और बार के कर्मचारी मदद के लिए पहुंचे। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि घटना के वक्त कार कौन चला रहा था। बताया जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन को 275000 पाउंड वाली लिमोजिन कार काफी पसंद है। उन्होंने यह कार उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को भी उपहार में दी है।

पुतिन की हत्या की कोशिश?

इस घटना के बाद दावा किया जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति की हत्या की कोशिश की गई है। रूस यूक्रेन युद्ध के बीच क्रेमलिन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर हमले की आशंका जताई है। यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका और रूसी राष्ट्रपति के बीच बातचीत हो रही है और इस दौरान सवाल उठ रहे हैं कि क्या व्लादिमीर पुतिन की हत्या की कोशिश की गई है?

जेलेंस्की ने की थी पुतिन के मरने की भविष्यवाणी

हाल ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने पुतिन को लेकर भविष्यवाणी की थी। 2 दिन पहले जेलेंस्की ने कहा था कि पुतिन जल्द मर जाएंगे। कीव इंडिपेंडेंट के अनुसार, जेलेंस्की ने 26 मार्च को पेरिस में यूरोपीय पत्रकारों के साथ एक इंटरव्यू के दौरान ये बात कही थी।

हालांकि, पुतिन के खराब स्वास्थ्य के बारे में लगातार अटकलों के बीच जेलेंस्की ने यह टिप्पणी की थी। पुतिन 72 साल के हैं। उन्हें कई बीमारियां हैं। पिछले साल उन्हें कार्डियक अरेस्ट भी आया था। इसके बाद हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था।

राष्ट्रपति पुतिन इस साल भारत दौरे पर आएंगे, यूक्रेन युद्ध के बीच पहला दौरा

#vladimirputinindia_visit

रूस-यूक्रेन जंग के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं। पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत दौरा करने का न्योता कबूल कर लिया है। हालांकि, अभी पुतिन के दौरे की तारीख तय नहीं है। पुतिन के भारत दौरे का कार्यक्रम तय किय जा रहा है। यह जानकारी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को दी। पुतिन का दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच समझौता कराने में जुटे हैं।

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद रूस की अपनी पहली विदेश यात्रा की है। अब हमारी बारी है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय सरकार का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। रूसी विदेश मंत्री ने बयान 'रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर' समिट के दौरान दिया। इस बैठक का आयोजन रूसी अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद (आरआईएसी) ने किया था।

2024 में दो बार रूस गए थे मोदी

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने अक्टूबर 2024 में रूस की यात्रा की थी, जो लगभग पांच वर्षों में उनकी पहली यात्रा थी। व्लादिमीर पुतिन और नरेंद्र मोदी की आखिरी मुलाकात 22 अक्टूबर 2024 को रूस के कजान में हुई थी। यह 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान की मुलाकात थी। इस द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-रूस संबंधों की समीक्षा की और व्यापार, रक्षा, ऊर्जा व लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी। पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई और सहयोग की पेशकश की। उसी दौरान पीएम मोदी ने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था।

इससे पहले जुलाई में भी मोदी ने दो दिन का रूस दौरा किया था। तब उन्होंने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था। वहीं, उन्होंने 2019 में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा किया था।

आखिरी बार 2021 में भारत आए थे पुतिन

फरवरी 2022 में यूक्रेन वॉर शुरू होने पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 06 दिसंबर 2021 में भारत की यात्रा की थी। वह सिर्फ 4 घंटे के लिए भारत आए थे। इस दौरान भारत और रूस के बीच 28 समझौते पर दस्तखत हुए थे। इसमें मिलिट्री और तकनीकी समझौते थे। दोनों देशों ने 2025 तक 30 अरब डॉलर (2 लाख 53 हजार करोड़ रुपए) सालाना ट्रेड का टारगेट रखा था।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जताई ट्रंप की सुरक्षा को लेकर चिंता, जानें क्या सलाह दी?

#putinsayshedoesnotbelievetrumpissafe

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। पुतिन ने कहा कि अमेरिकी चुनाव कैंपेन के दौरान ट्रंप के खिलाफ हत्या के प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ट्रंप अब भी सुरक्षित नहीं हैं। पुतिन ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति ट्रंप सतर्क रहेंगे। इसके साथ ही पुतिन ने ट्रंप की तारीफ भी की। उन्होंने ट्रंप एक अनुभवी और बुद्धिमान राजनीतिज्ञ हैं।

समाचार एजेंसी रायटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक कजाकिस्तान के दौरे पर गए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वह अमेरिकी चुनाव प्रचार को लेकर अचंभित हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह असभ्य तरीके अपनाए गए। यहां तक कि उनकी जान लेने की भी कोशिश हुई. वो भी एक नहीं दो-दो बार. मेरा मानना है कि ट्रंप की जिंदगी सुरक्षित नहीं है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी इतिहास में कई घटनाएं घटी हैं लेकिन मेरा मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप समझदार हैं और मुझे लगता है कि वह खतरों के प्रति सचेत हो गए हैं

ट्रंप की चिंता कर रहे हैं पुतिन

पुतिन ने आगे कहा कि अमेरिकी चुनाव में जिस तरह से ट्रंप के परिवार और बच्चों को घसीटा गया, उसको देखकर वह और ज्यादा अचंभित हो गए। राजनीतिक विरोधियों ने ट्रंप के बच्चों और परिवार की खूब आलोचना की।

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बीच जुलाई में पेंसिल्वेनिया में ट्रंप की हत्या की कोशिश हुई थी, जिसमें वह घायल हो गए थे। इसके बाद सितंबर में फ्लोरिडा गोल्फ कोर्स में एक एक शख्स ने उनकी जान लेने की कोशिश की थी, लेकिन वे नाकाम हो गया।

यूक्रेन के साथ जंग पर कही बड़ी बात

वहीं, अमेरिका द्वारा यूक्रेन के साथ जंग को और भड़काने संबंधी सवाल पर पुतिन ने कहा कि यह एक चाल हो सकती है। पुतिन ने यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों का रूस में इस्तेमाल करने की अनुमति देने पर कहा, बाइडेन प्रशासन जानबूझकर ट्रम्प के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। हालांकि ट्रम्प एक ‘होशियार राजनेता’ हैं जो जंग खत्म करने के लिए कोई न कोई समाधान ढूंढ़ लेंगे। हम भी ट्रम्प से बातचीत के लिए तैयार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या बाइडेन के फैसले से क्या रूस-अमेरिका के संबंधों पर असर पड़ेगा, पुतिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ट्रम्प के आने के बाद चीजें बेहतर हो सकती हैं।

'ट्रम्प और पुतिन की फ़ोन वार्ता है काल्पनिक ': रूस ने यूक्रेन युद्ध को लेकर डोनाल्ड - पुतिन की बातचीत की खबरों का किया खंडन

#thetelephonicconversationisafictionalnewssayskremlin

Vladimir Putin & Donald Trump

रूस ने सोमवार को यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच निजी बातचीत की खबरों का खंडन किया। क्रेमलिन ने इस रिपोर्ट को "पूरी तरह से काल्पनिक" और "झूठी जानकारी" बताया। यह अब प्रकाशित की जा रही जानकारी की गुणवत्ता का सबसे स्पष्ट उदाहरण है। यह पूरी तरह से झूठ है। यह पूरी तरह से काल्पनिक है। यह सिर्फ झूठी जानकारी है," राज्य के स्वामित्व वाली स्पुतनिक न्यूज ने क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से कहा।

रविवार को, द वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि ट्रम्प ने गुरुवार को फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो रिसॉर्ट से पुतिन के साथ एक निजी टेलीफोन पर बातचीत की। इसने बिना विवरण के यह भी दावा किया कि ट्रम्प ने यूक्रेन में रूस द्वारा कब्जा की गई "भूमि के मुद्दे को संक्षेप में उठाया"। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प ने पुतिन को यूरोप में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की याद दिलाई और संघर्ष को हल करने के लिए आगे की बातचीत में रुचि व्यक्त की।

यूक्रेन पर ट्रंप का रुख

चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने दावा किया था कि अगर वे अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो वे कभी युद्ध शुरू नहीं होने देते और उन्होंने युद्ध को जल्द खत्म करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कीव के लिए वाशिंगटन के बहु-अरब डॉलर के समर्थन पर भी सवाल उठाया है, जो यूक्रेन के लिए लड़ाई जारी रखने के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा है। ट्रंप और उनके अभियान ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन के लिए जारी अमेरिकी सहायता बिडेन प्रशासन में रक्षा कंपनियों और विदेश नीति के पक्षधरों के "भ्रष्ट" युद्ध समर्थक गठजोड़ को वित्तपोषित करने में मदद करती है।

यूक्रेन में युद्ध लगभग तीन साल से चल रहा है। पिछले सप्ताहांत, युद्ध के मोर्चे पर दोनों पक्षों की ओर से अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमले हुए। रूस ने रात भर में यूक्रेन पर 145 ड्रोन दागे, जबकि मॉस्को ने राजधानी शहर को निशाना बनाकर 34 यूक्रेनी ड्रोन गिराने का दावा किया। हमलों में हालिया वृद्धि को नए अमेरिकी प्रशासन के तहत संभावित वार्ता से पहले दोनों देशों द्वारा बढ़त हासिल करने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।

चुनाव जीतते ही एक्शन में आए ट्रंप, पुतिन को लगाया फोन, क्या खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध?

#donaldtrumpvladimirputinphone_call

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपत ग्रहण से पहले ही एक्शन में दिख रहे हैं। पदभार संभालने से पहले ही वो काम पर लग गए हैं। इसी क्रम में ट्रंप ने रविवार को रूस-युक्रेन युद्ध के बीच उन्‍होंने रूसी राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को फोन घुमाया। वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दोनों नेताओं के बीच गुरुवार को बात हुई जिसमें ट्रंप ने पुतिन से यूक्रेन में युद्ध को न बढ़ाने को कहा है। बता दें कि पीएम मोदी भी रूस-यूक्रेन संकट को हल करने की कोशिश में लगे हुए हैं। पिछले कुछ महीनों में वो रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों का दौरा कर चुके हैं। यही नहीं अपने दो विश्वासपात्रों विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को पीएम मोदी ने युद्ध रुकवाने की कोशिशें करने की विशेष जिम्‍मेदारी दी है।

वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक कॉल के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कथित तौर पर पुतिन को यूरोप में मजबूत अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की याद दिलाई। इसके साथ ही यूक्रेन युद्ध का हल तलाशने के लिए आगे भी चर्चा में रुचि जाहिर की। वॉशिंगटन पोस्ट ने मामले की जानकारी रखने वाले अज्ञात स्रोतों के हवाले से बताया कि डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया और इस मुद्दे पर मॉस्को के साथ भविष्य की बातचीत में शामिल होने की इच्छा का संकेत दिया।

पुतिन से पहले जेलेंस्की से भी की बात

ट्रंप और पुतिन की बातचीत ऐसे वक्त हुई है, जब एक दिन पहले ही अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की थी। इस बातचीत के दौरान एलन मस्क भी ट्रंप के साथ मौजूद थे। अमेरिका के एक्सियोस पोर्टल की न्यूज रिपोर्ट की मानें तो यूक्रेन के मुद्दे पर दो बड़ी घटनाएं हुईं, पहली यह कि एलन मस्क ने जेलेंस्की से बातचीत की है और दूसरी यह कि इस बातचीत के बाद जेलेंस्की संघर्ष को लेकर कुछ बातों पर समझाने के बाद राजी हुए। इसी रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रंप, मस्क और जेलेंस्की के बीच फोन पर करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। जेलेंस्की की तरफ से बधाई मिलने के बाद ट्रंप ने उन्हें कहा कि वह यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेंगे।

पुतिन ने ट्रंप के साथ बातचीत की इच्छा जाहिर की

बता दें कि पिछले हफ्ते रूस के सोची में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पुतिन ने कहा था, यह मत सोचिए कि ट्रम्प के साथ बातचीत करना गलत है। अगर दुनिया के कुछ नेता संपर्क बहाल करना चाहते हैं, मैं इसके खिलाफ नहीं हूं। हम ट्रंप से बात करने के लिए तैयार हैं।उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस के साथ संबंधों को बहाल करने की इच्छा के बारे में, यूक्रेनी संकट को खत्म करने में मदद करने के लिए, मेरी राय में, कम से कम ध्यान देने योग्य है। उन्होंने ट्रम्प को एक बहादुर आदमी भी बताया और कहा कि वह इस बात से प्रभावित हैं कि जुलाई में हत्या के प्रयास के बाद ट्रम्प ने खुद को कैसे संभाला।

डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर व्लादिमीर पुतिन की पहली प्रतिक्रिया, बधाई के साथ तारीफ में कही ये बात

#russianpresidentputincongratulatesdonald_trump

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेता बधाई दे रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिपिंग के बाद अब आखिरकार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी बधाई दी है। जीत की बधाई देते हुए पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ भी की। पुतिन ने एक कार्यक्रम में ट्रंप को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो एक बहादुर नेता हैं। अमेरिका के चुनावी परिणाम सामने आने के बाद यह पुतिन की पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। यह बधाई ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और रूस के बीच संबंधों में भारी तनाव है, खासकर यूक्रेन युद्ध को लेकर, जिसमें अमेरिका ने यूक्रेन का समर्थन किया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोची रिसॉर्ट में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे थे। पुतिन से सम्मेलन में ट्रंप की जीत को लेकर सवाल किया गया। इस पर पुतिन ने कहा कि "मैं इस अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में उनके चुनाव पर उन्हें बधाई देना चाहता हूं।"

इस दौरान पुतिन ने ट्रंप की बहादुरी की तारीफ भी की। इतना ही नहीं ट्रंप पर जुलाई में हुए हत्या के प्रयास के बाद उनके द्वारा की गई प्रतिक्रिया को भी उन्होंने सराहा। पुतिन ने कहा, मैंने ट्रंप के व्यवहार को देखा है, उन्होंने काफी साहस दिखाया। पुतिन ने यह भी कहा कि वह ट्रंप से बातचीत के लिए तैयार हैं और अमेरिका से संबंधों को बहाल करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है कि वह इस दिशा में कदम उठाएगा या नहीं।

पुतिन ने हालांकि यह भी कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए रूस पर किसी भी तरह का कोई दबाव काम नहीं करेगा। हालांकि वह संकट के समाधान के लिए बातचीत के लिए तैयार हैं। बातचीत ऐसी हो जो दोनों पक्षों के हित में हो।

क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आई पुतिन की प्रतिक्रिया

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ये बयान ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर जीत को लेकर क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आया है। क्रेमलिन द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद यूक्रेन के साथ 30 महीने से अधिक समय से जारी युद्ध समाप्त होता है या नहीं, यह देखना बेहद दिलचस्प रहेगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बयान दिए थे। लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि इन बयानों पर कार्रवाई होती है या नहीं।

रूस ने साफ किया रूख

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और रूस के रिश्तों में काफी तनाव पैदा हो चुका है। अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं और रूस की आक्रामकता का बड़े मंचो पर कड़ा विरोध भी किया। इन परिस्थितियों में, ट्रंप का रूस के साथ रिश्तों को सुधारने की बात करना एक नया पहलू हो सकता है। पुतिन ने बधाई देकर संकेत दिया कि वह इस मुद्दे पर ट्रंप से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए अमेरिका का रुख जानना महत्वपूर्ण होगा।

पुतिन ने अब तक ट्रंप को क्यों नहीं दी जीत की बधाई, अमेरिका-रूस के रिश्तों पर आया बड़ा बयान

#whyputinnotyetcongratulatedtrumponhisvictory

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में इतिहास रचने वाले डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेताओं ने बधाई दी है। लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन की ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया है।दुनिया के प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों की ओर से ट्रंप को बधाई दिए जाने के बीच पुतिन का ये कदम चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है। रूस की ओर से अमेरिका को अमित्र देश बताया गया है।

दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ किया कि वो फिलहाल अभी डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने नहीं जा रहे हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बुधवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने की योजना नहीं बना रहे हैं। दिमित्री ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम एक ऐसे अमित्र देश के बारे में बात कर रहे हैं जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है।यूक्रेन में चल रहे युद्ध का जिक्र करते हुए पेसकोव ने कहा कि ‘अमेरिका इस संघर्ष को बढ़ावा देता है और इसमें हिस्सा लेता है। अमेरिका इस विदेश नीति को बदलने में सक्षम है. यह किया जाएगा या नहीं और यह कैसे किया जाएगाष

बता दें कि मास्को ने दर्जनों देशों को ‘अमित्र’ के रूप में नामित किया है, जो रूस के हितों के लिए शत्रुतापूर्ण माने जाते हैं। इसमें आर्थिक प्रतिबंध लगाना और यूक्रेन का समर्थन करना शामिल है, क्योंकि वह रूस के के खिलाफ खुद में शामिल है।

रूस को अमेरिका के रुख का इंतजार

रूस ने बुधवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंध ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर हैं, लेकिन क्रेमलिन का दरवाजा बातचीत के लिए खुला है। अभी रूस को इस बात का इंतजार है कि जब जनवरी में डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस लौटते हैं तो क्या होता है।

जेलेंस्की ने ट्रंप को दी जीत की बधाई

वहीं, दूसरी तरफ यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप को चुनावी जीत के लिए बधाई दी है। जेलेंस्की ने दुनिया के मामलों में ताकत के जरिये से शांति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उनकी सराहना की। अपने चुनाव अभियान के दौरान, ट्रंप ने यूक्रेन में युद्ध से निपटने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के तरीके की आलोचना की। ट्रंप ने दावा किया कि अगर वह अभी भी पद पर होते, तो रूस कभी भी पूरे पैमाने पर हमला शुरू नहीं करता। पुतिन और जेलेंस्की दोनों के साथ अपने अच्छे संबंध का दावा करते हुए, ट्रम्प ने दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने पर पदभार ग्रहण करने से पहले यूक्रेन में युद्ध को खत्म करने का वादा किया है।

पुतिन ने की पीएम मोदी की तारीफ, बोले-दबाव में नहीं झुकें, भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने का दिया आदेश

#putin_remark_trump_tariff_war_india_us_pressure_pm_modi

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को भारत और चीन पर मास्को के साथ ऊर्जा संबंध तोड़ने के लिए दबाव बनाने के अमेरिका की कोशिशों की कड़ी आलोचना की और चेतावनी दी कि इस तरह के कदम आर्थिक रूप से उलटे पड़ सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि उनका देश भारत और चीन का आभारी है, जिन्होंने ब्रिक्स की स्थापना की। ये ऐसे देश हैं जो किसी का पक्ष नहीं लेते हैं और वास्तव में एक न्यायपूर्ण विश्व बनाने की आकांक्षा रखते हैं। 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के साथ अपने रिश्तों को एक बार फिर नई ऊंचाई देते हुए अपनी सरकार को आदेश दिया है कि वे भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करें। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को अपनी सरकार को आदेश दिया है कि वह नई दिल्ली की ओर से कच्चे तेल के भारी आयात के कारण भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के उपाय करे। दरअसल, अमेरिका ने भारत को झुकाने के लिए 50 फीसदी टैरिफ लगाया। डोनाल्ड ट्रंप ने सोचा इससे भारत-रूस की दोस्ती टूट जाएगी। भारत टैरिफ के दबाव में रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। इससे रूस कमजोर पड़ जाएगा। रूस-यूक्रेन खत्म हो जाएगा। मगर पुतिन ने अपने दोस्त को दबाव से उबारने का उपाय कर दिया।

रूस-भारत के बीच कभी कोई तनाव नहीं रहा-पुतिन

साउथ रूस के काला सागर रिसॉर्ट में गुरुवार शाम भारत सहित 140 देशों के सुरक्षा और भू-राजनीतिक विशेषज्ञों के अंतर्राष्ट्रीय वल्दाई चर्चा मंच से बोलते हुए पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि रूस और भारत के बीच कभी कोई समस्या या तनाव नहीं रहा है और उन्होंने हमेशा अपनी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए हैं।

मोदी को बताया संतुलित-बुद्धिमान और राष्ट्र हितैषी नेता

पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताया और कहा कि वे उनके भरोसेमंद संबंधों में सहज महसूस करते हैं। पुतिन ने मोदी के नेतृत्व वाली भारत की राष्ट्रवादी सरकार की सराहना की और उन्हें एक संतुलित, बुद्धिमान और राष्ट्र हितैषी नेता बताया।

भारत अपना अपमान नहीं होने देगा

पुतिन ने कहा कि क्या भारत अपने ऊर्जा संसाधनों को यूं ही छोड़ देगा? अगर ऐसा है तो इससे काफी नुकसान होगा। कुछ लोगों का मानना है कि यह 9-10 अरब डॉलर हो सकता है। अगर भारत पर अमेरिका प्रतिबंध लगाता है तो भी नुकसान इतना ही होगा। भारत और भारतीय लोग कभी भी किसी के सामने अपना अपमान नहीं होने देंगे। मैं पीएम मोदी को जानता हूं, वे भी ऐसा कोई फैसला नहीं करेंगे।

अमेरिका की दबाव वाली नीति से भड़के पुतिन

पुतिन ने कहा कि भारत हमारी ऊर्जा आपूर्ति से इनकार करता है तो उसे निश्चित रूप से नुकसान होगा। रूसी ऊर्जा आपूर्ति में कटौती से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा, जिससे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली जाएंगी। पुतिन की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यूरोप, भारत और चीन पर रूसी तेल खरीदना बंद करने का दबाव बनाने के बाद आई है। हालांकि भारत ने दबाव ना मानते हुए तेल खरीद जारी रखी है।

चीन में पीएम मोदी और पुतिन की खास मुलाकात, एक दूसरे को लगाया गले, देखते रह गए शहबाज शरीफ

#chinascosummit202russianpresidentvladimirputinhugspmmodi

चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। तियानजिन से पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास तस्वीर सामने आई है। राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी ने एक-दूसरे का गले लगाकर गर्मजोशी से अभिवादन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एससीसो मंच पर एक साथ नजर आए। इसकी तस्वीर सामने आई है। तीनों नेता आपस में बातचीत करते दिखे। इस दौरान तीनों देशों की ट्रायो डिप्लोमेसी देखने को मिली, यानी ये देश आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

पुतिन और मोदी की द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई मुलाकात

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो तस्वीरें शेयर की। एक तस्वीर में मोदी पुतिन को गले लगाते नजर आ रहे हैं। दूसरी तस्वीर में दोनों नेता हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह मुलाकात उनकी द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई, जो पूर्ण सत्र के बाद होने वाली है।

मोदी-पुतिन-जिनपिंग कि तिकड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र से पहले कुछ समय साथ बिताया। इस दौरान तीनों ही नेता एक-दूसरे से हल्के फुल्के अंदाज में हंसी मजाक करते नजर आए। इस दौरान तीनों नेता हंसी ठहाके लगाते दिखाई दिए। इसके बाद पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन एक साथ मंच की ओर चले गए। इस दौरान दोनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने से निकले, जो पहले से ही मंच पर फोटो सेशन के लिए खड़े थे। इस दौरान शहबाज की नजरें पीएम मोदी और पुतिन पर ही टिकी हुई थीं। उनके चेहरे से बेबसी के भाव साफ जाहिर हो रहे थे।

एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट

एससीओ समिट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में हो रही है। यह एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट है, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हैं। सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं, जबकि पर्यवेक्षक और संवाद साझेदार देशों में तुर्की, मालदीव, नेपाल, म्यांमार, मिस्र और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जैसे नाम हैं।

समिट का फोकस क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर है। चीनी विदेश मंत्रालय के सहायक मंत्री लिउ बिन ने कहा कि शी जिनपिंग तियानजिन घोषणा जारी करेंगे, जो एससीओ के अगले 10 वर्षों की विकास रणनीति को रेखांकित करेगी।

मुश्किल वक्त में भारत को मिला दोस्तों का साथ, ट्रंप-पुतिन ने दिया समर्थन

#trumptalkedwithpmmodiputinreactiononpahalgam_attack

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहलगाम हमले के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। उन्होंने आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई। हमले की निंदा करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूर्ण समर्थन का भरोसा दिया। वहीं दूसरी ओर, पीएम मोदी के मित्र और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है और भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, कश्मीर से आई खबर बेहद परेशान करने वाली है। अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। हम मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के अद्भुत लोगों को हमारा पूरा समर्थन और गहरी संवेदना है।

अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ

इस बारे में अपडेट देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया और जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और इस जघन्य हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत को पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़े हैं।

पुतिन ने किया आतंकियों को कठोर सजा देने का समर्थन

वहीं दूसरी ओर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को संदेश भेजकर संवेदना व्यक्त की और कहा, इस क्रूर अपराध को किसी भी मायने में सही ठहराया नहीं जा सकता। हम उम्मीद करते हैं कि हमला करने वालों को सख्त सजा मिलेगी। पुतिन ने रूस की ओर से भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, पहलगाम में पर्यटकों पर हुए जघन्य आतंकी हमले पर भारत के लोगों और सरकार के प्रति गहरी संवेदना। रूस आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।

पुतिन को मारने की साजिश? रूसी राष्ट्रपति काफिले में शामिल लिमोजिन कार में धमाका

#explosioninthelimousinecarofpresidentputins_convoy

मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के काफिले में शामिल कार में धमाके की खबर है। पुतिन के काफिले की लग्जरी कार लिमोजिन में जबरदस्त धमाका हुआ है। धमाका मॉस्को में रूसी सुरक्षा एजेंसी एफएसबी मुख्यालय के बाहर हुआ है। धमाके के बाद कार पूरी तरह से जलकर खाक हो गई। हालांकि, इस धमाके में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। कार में धमाके का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कार में आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने इस धमाके के बाद सीवर की तलाशी से लेकर अपने गार्डों की जांच का आदेश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉस्को के एफएसबी खुफिया विभाग के मुख्यालय के उत्तर में अचानक व्लादिमीर पुतिन के काफिले में शामिल लिमोजिन कार में विस्फोट हो गया। फुटेज के मुताबिक पहले कार के इंजन में आग लगी और बाद में यह अंदरुनी हिस्से तक फैल गई। कार में आग लगते ही आसपास के रेस्तरां और बार के कर्मचारी मदद के लिए पहुंचे। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि घटना के वक्त कार कौन चला रहा था। बताया जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन को 275000 पाउंड वाली लिमोजिन कार काफी पसंद है। उन्होंने यह कार उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को भी उपहार में दी है।

पुतिन की हत्या की कोशिश?

इस घटना के बाद दावा किया जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति की हत्या की कोशिश की गई है। रूस यूक्रेन युद्ध के बीच क्रेमलिन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर हमले की आशंका जताई है। यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका और रूसी राष्ट्रपति के बीच बातचीत हो रही है और इस दौरान सवाल उठ रहे हैं कि क्या व्लादिमीर पुतिन की हत्या की कोशिश की गई है?

जेलेंस्की ने की थी पुतिन के मरने की भविष्यवाणी

हाल ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने पुतिन को लेकर भविष्यवाणी की थी। 2 दिन पहले जेलेंस्की ने कहा था कि पुतिन जल्द मर जाएंगे। कीव इंडिपेंडेंट के अनुसार, जेलेंस्की ने 26 मार्च को पेरिस में यूरोपीय पत्रकारों के साथ एक इंटरव्यू के दौरान ये बात कही थी।

हालांकि, पुतिन के खराब स्वास्थ्य के बारे में लगातार अटकलों के बीच जेलेंस्की ने यह टिप्पणी की थी। पुतिन 72 साल के हैं। उन्हें कई बीमारियां हैं। पिछले साल उन्हें कार्डियक अरेस्ट भी आया था। इसके बाद हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था।

राष्ट्रपति पुतिन इस साल भारत दौरे पर आएंगे, यूक्रेन युद्ध के बीच पहला दौरा

#vladimirputinindia_visit

रूस-यूक्रेन जंग के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं। पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत दौरा करने का न्योता कबूल कर लिया है। हालांकि, अभी पुतिन के दौरे की तारीख तय नहीं है। पुतिन के भारत दौरे का कार्यक्रम तय किय जा रहा है। यह जानकारी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को दी। पुतिन का दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच समझौता कराने में जुटे हैं।

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद रूस की अपनी पहली विदेश यात्रा की है। अब हमारी बारी है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय सरकार का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। रूसी विदेश मंत्री ने बयान 'रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर' समिट के दौरान दिया। इस बैठक का आयोजन रूसी अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद (आरआईएसी) ने किया था।

2024 में दो बार रूस गए थे मोदी

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने अक्टूबर 2024 में रूस की यात्रा की थी, जो लगभग पांच वर्षों में उनकी पहली यात्रा थी। व्लादिमीर पुतिन और नरेंद्र मोदी की आखिरी मुलाकात 22 अक्टूबर 2024 को रूस के कजान में हुई थी। यह 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान की मुलाकात थी। इस द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-रूस संबंधों की समीक्षा की और व्यापार, रक्षा, ऊर्जा व लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी। पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई और सहयोग की पेशकश की। उसी दौरान पीएम मोदी ने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था।

इससे पहले जुलाई में भी मोदी ने दो दिन का रूस दौरा किया था। तब उन्होंने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था। वहीं, उन्होंने 2019 में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा किया था।

आखिरी बार 2021 में भारत आए थे पुतिन

फरवरी 2022 में यूक्रेन वॉर शुरू होने पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 06 दिसंबर 2021 में भारत की यात्रा की थी। वह सिर्फ 4 घंटे के लिए भारत आए थे। इस दौरान भारत और रूस के बीच 28 समझौते पर दस्तखत हुए थे। इसमें मिलिट्री और तकनीकी समझौते थे। दोनों देशों ने 2025 तक 30 अरब डॉलर (2 लाख 53 हजार करोड़ रुपए) सालाना ट्रेड का टारगेट रखा था।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जताई ट्रंप की सुरक्षा को लेकर चिंता, जानें क्या सलाह दी?

#putinsayshedoesnotbelievetrumpissafe

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। पुतिन ने कहा कि अमेरिकी चुनाव कैंपेन के दौरान ट्रंप के खिलाफ हत्या के प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ट्रंप अब भी सुरक्षित नहीं हैं। पुतिन ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति ट्रंप सतर्क रहेंगे। इसके साथ ही पुतिन ने ट्रंप की तारीफ भी की। उन्होंने ट्रंप एक अनुभवी और बुद्धिमान राजनीतिज्ञ हैं।

समाचार एजेंसी रायटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक कजाकिस्तान के दौरे पर गए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वह अमेरिकी चुनाव प्रचार को लेकर अचंभित हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह असभ्य तरीके अपनाए गए। यहां तक कि उनकी जान लेने की भी कोशिश हुई. वो भी एक नहीं दो-दो बार. मेरा मानना है कि ट्रंप की जिंदगी सुरक्षित नहीं है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी इतिहास में कई घटनाएं घटी हैं लेकिन मेरा मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप समझदार हैं और मुझे लगता है कि वह खतरों के प्रति सचेत हो गए हैं

ट्रंप की चिंता कर रहे हैं पुतिन

पुतिन ने आगे कहा कि अमेरिकी चुनाव में जिस तरह से ट्रंप के परिवार और बच्चों को घसीटा गया, उसको देखकर वह और ज्यादा अचंभित हो गए। राजनीतिक विरोधियों ने ट्रंप के बच्चों और परिवार की खूब आलोचना की।

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बीच जुलाई में पेंसिल्वेनिया में ट्रंप की हत्या की कोशिश हुई थी, जिसमें वह घायल हो गए थे। इसके बाद सितंबर में फ्लोरिडा गोल्फ कोर्स में एक एक शख्स ने उनकी जान लेने की कोशिश की थी, लेकिन वे नाकाम हो गया।

यूक्रेन के साथ जंग पर कही बड़ी बात

वहीं, अमेरिका द्वारा यूक्रेन के साथ जंग को और भड़काने संबंधी सवाल पर पुतिन ने कहा कि यह एक चाल हो सकती है। पुतिन ने यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों का रूस में इस्तेमाल करने की अनुमति देने पर कहा, बाइडेन प्रशासन जानबूझकर ट्रम्प के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। हालांकि ट्रम्प एक ‘होशियार राजनेता’ हैं जो जंग खत्म करने के लिए कोई न कोई समाधान ढूंढ़ लेंगे। हम भी ट्रम्प से बातचीत के लिए तैयार हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या बाइडेन के फैसले से क्या रूस-अमेरिका के संबंधों पर असर पड़ेगा, पुतिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ट्रम्प के आने के बाद चीजें बेहतर हो सकती हैं।

'ट्रम्प और पुतिन की फ़ोन वार्ता है काल्पनिक ': रूस ने यूक्रेन युद्ध को लेकर डोनाल्ड - पुतिन की बातचीत की खबरों का किया खंडन

#thetelephonicconversationisafictionalnewssayskremlin

Vladimir Putin & Donald Trump

रूस ने सोमवार को यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच निजी बातचीत की खबरों का खंडन किया। क्रेमलिन ने इस रिपोर्ट को "पूरी तरह से काल्पनिक" और "झूठी जानकारी" बताया। यह अब प्रकाशित की जा रही जानकारी की गुणवत्ता का सबसे स्पष्ट उदाहरण है। यह पूरी तरह से झूठ है। यह पूरी तरह से काल्पनिक है। यह सिर्फ झूठी जानकारी है," राज्य के स्वामित्व वाली स्पुतनिक न्यूज ने क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से कहा।

रविवार को, द वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि ट्रम्प ने गुरुवार को फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो रिसॉर्ट से पुतिन के साथ एक निजी टेलीफोन पर बातचीत की। इसने बिना विवरण के यह भी दावा किया कि ट्रम्प ने यूक्रेन में रूस द्वारा कब्जा की गई "भूमि के मुद्दे को संक्षेप में उठाया"। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प ने पुतिन को यूरोप में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की याद दिलाई और संघर्ष को हल करने के लिए आगे की बातचीत में रुचि व्यक्त की।

यूक्रेन पर ट्रंप का रुख

चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने दावा किया था कि अगर वे अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो वे कभी युद्ध शुरू नहीं होने देते और उन्होंने युद्ध को जल्द खत्म करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कीव के लिए वाशिंगटन के बहु-अरब डॉलर के समर्थन पर भी सवाल उठाया है, जो यूक्रेन के लिए लड़ाई जारी रखने के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा है। ट्रंप और उनके अभियान ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन के लिए जारी अमेरिकी सहायता बिडेन प्रशासन में रक्षा कंपनियों और विदेश नीति के पक्षधरों के "भ्रष्ट" युद्ध समर्थक गठजोड़ को वित्तपोषित करने में मदद करती है।

यूक्रेन में युद्ध लगभग तीन साल से चल रहा है। पिछले सप्ताहांत, युद्ध के मोर्चे पर दोनों पक्षों की ओर से अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमले हुए। रूस ने रात भर में यूक्रेन पर 145 ड्रोन दागे, जबकि मॉस्को ने राजधानी शहर को निशाना बनाकर 34 यूक्रेनी ड्रोन गिराने का दावा किया। हमलों में हालिया वृद्धि को नए अमेरिकी प्रशासन के तहत संभावित वार्ता से पहले दोनों देशों द्वारा बढ़त हासिल करने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।

चुनाव जीतते ही एक्शन में आए ट्रंप, पुतिन को लगाया फोन, क्या खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध?

#donaldtrumpvladimirputinphone_call

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपत ग्रहण से पहले ही एक्शन में दिख रहे हैं। पदभार संभालने से पहले ही वो काम पर लग गए हैं। इसी क्रम में ट्रंप ने रविवार को रूस-युक्रेन युद्ध के बीच उन्‍होंने रूसी राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को फोन घुमाया। वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दोनों नेताओं के बीच गुरुवार को बात हुई जिसमें ट्रंप ने पुतिन से यूक्रेन में युद्ध को न बढ़ाने को कहा है। बता दें कि पीएम मोदी भी रूस-यूक्रेन संकट को हल करने की कोशिश में लगे हुए हैं। पिछले कुछ महीनों में वो रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों का दौरा कर चुके हैं। यही नहीं अपने दो विश्वासपात्रों विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को पीएम मोदी ने युद्ध रुकवाने की कोशिशें करने की विशेष जिम्‍मेदारी दी है।

वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक कॉल के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कथित तौर पर पुतिन को यूरोप में मजबूत अमेरिकी सैन्य उपस्थिति की याद दिलाई। इसके साथ ही यूक्रेन युद्ध का हल तलाशने के लिए आगे भी चर्चा में रुचि जाहिर की। वॉशिंगटन पोस्ट ने मामले की जानकारी रखने वाले अज्ञात स्रोतों के हवाले से बताया कि डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया और इस मुद्दे पर मॉस्को के साथ भविष्य की बातचीत में शामिल होने की इच्छा का संकेत दिया।

पुतिन से पहले जेलेंस्की से भी की बात

ट्रंप और पुतिन की बातचीत ऐसे वक्त हुई है, जब एक दिन पहले ही अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की थी। इस बातचीत के दौरान एलन मस्क भी ट्रंप के साथ मौजूद थे। अमेरिका के एक्सियोस पोर्टल की न्यूज रिपोर्ट की मानें तो यूक्रेन के मुद्दे पर दो बड़ी घटनाएं हुईं, पहली यह कि एलन मस्क ने जेलेंस्की से बातचीत की है और दूसरी यह कि इस बातचीत के बाद जेलेंस्की संघर्ष को लेकर कुछ बातों पर समझाने के बाद राजी हुए। इसी रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रंप, मस्क और जेलेंस्की के बीच फोन पर करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। जेलेंस्की की तरफ से बधाई मिलने के बाद ट्रंप ने उन्हें कहा कि वह यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेंगे।

पुतिन ने ट्रंप के साथ बातचीत की इच्छा जाहिर की

बता दें कि पिछले हफ्ते रूस के सोची में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पुतिन ने कहा था, यह मत सोचिए कि ट्रम्प के साथ बातचीत करना गलत है। अगर दुनिया के कुछ नेता संपर्क बहाल करना चाहते हैं, मैं इसके खिलाफ नहीं हूं। हम ट्रंप से बात करने के लिए तैयार हैं।उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस के साथ संबंधों को बहाल करने की इच्छा के बारे में, यूक्रेनी संकट को खत्म करने में मदद करने के लिए, मेरी राय में, कम से कम ध्यान देने योग्य है। उन्होंने ट्रम्प को एक बहादुर आदमी भी बताया और कहा कि वह इस बात से प्रभावित हैं कि जुलाई में हत्या के प्रयास के बाद ट्रम्प ने खुद को कैसे संभाला।

डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर व्लादिमीर पुतिन की पहली प्रतिक्रिया, बधाई के साथ तारीफ में कही ये बात

#russianpresidentputincongratulatesdonald_trump

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेता बधाई दे रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिपिंग के बाद अब आखिरकार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी बधाई दी है। जीत की बधाई देते हुए पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ भी की। पुतिन ने एक कार्यक्रम में ट्रंप को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो एक बहादुर नेता हैं। अमेरिका के चुनावी परिणाम सामने आने के बाद यह पुतिन की पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। यह बधाई ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और रूस के बीच संबंधों में भारी तनाव है, खासकर यूक्रेन युद्ध को लेकर, जिसमें अमेरिका ने यूक्रेन का समर्थन किया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोची रिसॉर्ट में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग ले रहे थे। पुतिन से सम्मेलन में ट्रंप की जीत को लेकर सवाल किया गया। इस पर पुतिन ने कहा कि "मैं इस अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में उनके चुनाव पर उन्हें बधाई देना चाहता हूं।"

इस दौरान पुतिन ने ट्रंप की बहादुरी की तारीफ भी की। इतना ही नहीं ट्रंप पर जुलाई में हुए हत्या के प्रयास के बाद उनके द्वारा की गई प्रतिक्रिया को भी उन्होंने सराहा। पुतिन ने कहा, मैंने ट्रंप के व्यवहार को देखा है, उन्होंने काफी साहस दिखाया। पुतिन ने यह भी कहा कि वह ट्रंप से बातचीत के लिए तैयार हैं और अमेरिका से संबंधों को बहाल करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है कि वह इस दिशा में कदम उठाएगा या नहीं।

पुतिन ने हालांकि यह भी कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए रूस पर किसी भी तरह का कोई दबाव काम नहीं करेगा। हालांकि वह संकट के समाधान के लिए बातचीत के लिए तैयार हैं। बातचीत ऐसी हो जो दोनों पक्षों के हित में हो।

क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आई पुतिन की प्रतिक्रिया

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ये बयान ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर जीत को लेकर क्रेमलिन के बयान के काफी देर बाद आया है। क्रेमलिन द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद यूक्रेन के साथ 30 महीने से अधिक समय से जारी युद्ध समाप्त होता है या नहीं, यह देखना बेहद दिलचस्प रहेगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बयान दिए थे। लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि इन बयानों पर कार्रवाई होती है या नहीं।

रूस ने साफ किया रूख

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और रूस के रिश्तों में काफी तनाव पैदा हो चुका है। अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं और रूस की आक्रामकता का बड़े मंचो पर कड़ा विरोध भी किया। इन परिस्थितियों में, ट्रंप का रूस के साथ रिश्तों को सुधारने की बात करना एक नया पहलू हो सकता है। पुतिन ने बधाई देकर संकेत दिया कि वह इस मुद्दे पर ट्रंप से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए अमेरिका का रुख जानना महत्वपूर्ण होगा।

पुतिन ने अब तक ट्रंप को क्यों नहीं दी जीत की बधाई, अमेरिका-रूस के रिश्तों पर आया बड़ा बयान

#whyputinnotyetcongratulatedtrumponhisvictory

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में इतिहास रचने वाले डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेताओं ने बधाई दी है। लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन की ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया है।दुनिया के प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों की ओर से ट्रंप को बधाई दिए जाने के बीच पुतिन का ये कदम चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है। रूस की ओर से अमेरिका को अमित्र देश बताया गया है।

दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ किया कि वो फिलहाल अभी डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने नहीं जा रहे हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बुधवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने की योजना नहीं बना रहे हैं। दिमित्री ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम एक ऐसे अमित्र देश के बारे में बात कर रहे हैं जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है।यूक्रेन में चल रहे युद्ध का जिक्र करते हुए पेसकोव ने कहा कि ‘अमेरिका इस संघर्ष को बढ़ावा देता है और इसमें हिस्सा लेता है। अमेरिका इस विदेश नीति को बदलने में सक्षम है. यह किया जाएगा या नहीं और यह कैसे किया जाएगाष

बता दें कि मास्को ने दर्जनों देशों को ‘अमित्र’ के रूप में नामित किया है, जो रूस के हितों के लिए शत्रुतापूर्ण माने जाते हैं। इसमें आर्थिक प्रतिबंध लगाना और यूक्रेन का समर्थन करना शामिल है, क्योंकि वह रूस के के खिलाफ खुद में शामिल है।

रूस को अमेरिका के रुख का इंतजार

रूस ने बुधवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंध ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर हैं, लेकिन क्रेमलिन का दरवाजा बातचीत के लिए खुला है। अभी रूस को इस बात का इंतजार है कि जब जनवरी में डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस लौटते हैं तो क्या होता है।

जेलेंस्की ने ट्रंप को दी जीत की बधाई

वहीं, दूसरी तरफ यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप को चुनावी जीत के लिए बधाई दी है। जेलेंस्की ने दुनिया के मामलों में ताकत के जरिये से शांति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उनकी सराहना की। अपने चुनाव अभियान के दौरान, ट्रंप ने यूक्रेन में युद्ध से निपटने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के तरीके की आलोचना की। ट्रंप ने दावा किया कि अगर वह अभी भी पद पर होते, तो रूस कभी भी पूरे पैमाने पर हमला शुरू नहीं करता। पुतिन और जेलेंस्की दोनों के साथ अपने अच्छे संबंध का दावा करते हुए, ट्रम्प ने दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने पर पदभार ग्रहण करने से पहले यूक्रेन में युद्ध को खत्म करने का वादा किया है।