भारतीय मछुआरों को पकड़ ले जा रहे थे पाकिस्तानी, भारतीय कोस्ट गार्ड ने बीच समुद्र में ऐसे दौड़ाया

#indian_coast_guard_rescue_7_fishermen_apprehended_by_pakistan

भारतीय तटरक्षक जहाज अग्रिम ने पाकिस्तानी सीमा के पास से सात भारतीय मछुआरों को बचाया। इन मछुआरों को भारत-पाकिस्तान समुद्री सीमा के पास पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) ने पकड़ा था। पाकिस्तानी गार्ड्स मछुआरों को जहाज से पाकिस्तान ले जा रहे थे। हालांकि, पाकिस्तानी ऐसा कर पाते इससे पहले ही भारतीय तटरक्षक बल उनके रास्ते में आ गए। मछुआरों को बचाने के लिए भारतीय तटरक्षक जहाज अग्रिम ने दो घंटे तक पाकिस्तानी जहाज का पीछा किया। उसने पाकिस्तानी जहाज को खदेड़कर पकड़ा और सभी भारतीय मछुआरों को सकुशल कैद से छुड़ा लिया है।

रविवार की दोपहर भारतीय तटरक्षक बल को मछली पकड़ने के लिए निषिद्ध क्षेत्र (NFZ) के पास काम कर रही एक नाव 'काल भैरव' की ओर से संकटकालीन संकेत मिला था। इसके बाद नाव और मछुआरों के बचाव में एक जहाज भेजा गया। भारतीय तटरक्षक बल के जहाज ने पाकिस्तानी जहाज नुसरत को रोका और उन्हें भारतीय मछुआरों को छोड़ने पर मजबूर कर दिया।भारतीय जहाज ने पहले पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी के जहाज पीएमएस नुसरत को अलर्ट किया गया। उसे बताया गया कि किसी भी हालत में वह भारतीय क्षेत्र से मछुआरों को नहीं ले जा सकते।

रक्षा अधिकारी ने बताया कि 17 नवंबर को इंडियन कोस्ट गार्ड के शिप को भारतीय मछुआरों की बोट से डिस्ट्रेस कॉल आया जो कि नो फिंशिंग जोन से किया गया था। मैसेज में जानकारी दी कि भारत पाकिस्तान मेरीटाइम बाउंड्री के पास पाकिस्तानी मेरिटाइम सिक्योरिटी एंजेसी ने तकरीबन 3:30 बजे 7 भारतीय मछुआरों को पकड़ा लिया। जानकारी मिलते ही कोस्ट गार्ड के शिप उस इलाके की तरफ बढ़े और उस पाकिस्तानी शिप को रोक लिया और भारतीय मछुआरों को छुड़वाया।

भारतीय नौसेना में 10+2 बीटेक कैडेट एंट्री स्कीम के लिए नोटिफिकेशन जारी, आवेदन 6 दिसंबर से होंगे शुरू

नई दिल्ली:- इंडियन नेवी में शामिल होने का सपना देख रहे युवाओं के लिए महत्वपूर्ण खबर है। भारतीय नौसेना की ओर से 10+2 (B.TECH- PC) July) CADET ENTRY SCHEME 2025 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर भर्ती का एलान किया गया है। 

अधिसूचना के मुताबिक इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 6 दिसंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर 2024 तक पूर्ण की जाएगी। ऐसे में जो भी अभ्यर्थी इस भर्ती के लिए पात्रता पूरी करते हैं वे तय तिथियों के अंदर ऑनलाइन माध्यम से इंडियन नेवी की ऑफिशियल वेबसाइट joinindiannavy.gov.in पर जाकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर सकेंगे।

पात्रता एवं मापदंड

Indian Navy 10+2 Inter B.Tech Entry (Permanent Commission) July 2025 Batch भर्ती में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी का फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ (PCM) विषयों से न्यूनतम 70 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं उत्तीर्ण किया हो। इसके साथ ही उम्मीदवार ने JEE MAIN 2024 एंट्रेस एग्जाम में भाग लिया हो।

इसके अतिरिक्त आवेदन करने वाले अभ्यर्थी का जन्म 2 जनवरी 2006 एवं 1 जुलाई 2008 के बीच हुआ हो। अभ्यर्थी की न्यूनतम लंबाई 157 सेमी से कम नहीं होनी चाहिए। योग्यता एवं मापदंड की अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल नोटिफिकेशन का अवलोकन कर सकते हैं।

निशुल्क रहेगा आवेदन का मौका

अभ्यर्थी ध्यान रखें कि इस भर्ती में सभी वर्ग के अभ्यर्थी पूर्ण रूप से निशुल्क आवेदन कर सकेंगे अर्थात आवेदन के साथ किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को JEE MAIN 2024 में All India Common Rank List (CRL) - 2024 के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जायेगा। शॉर्टलिस्ट किये गए उम्मीदवारों को भर्ती के अगले चरण एसएसबी इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जायेगा।

एसएससी इंटरव्यू के आधार पर उम्मीदवारों को अंतिम मेरिट लिस्ट में जगह दी जाएगी। जिन उम्मीदवारों का नाम मेरिट लिस्ट में दर्ज होगा उनको रिक्त पदों नियुक्ति प्रदान की जाएगी।

भर्ती विवरण

इस भर्ती के माध्यम से एग्जीक्यूटिव एवं टेक्निकल ब्रांच के तहत उम्मीदवारों की नियुक्तियां की जाएंगी। पदों की कुल संख्या 39 है। इसमें से महिला उम्मीदवारों के लिए अधिकतम 9 पद आरक्षित हैं। भर्ती से जुड़ी अधिक जानकारी डिटेल्ड नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही साझा कर दी जाएगी।

सर्दियों में इन फूड्स का करें सेवन, इम्यूनिटी होगी स्ट्रॉन्ग


सर्दियों का मौसम हमारे शरीर को कई तरीकों से प्रभावित करता है। इस दौरान तापमान में गिरावट के कारण सर्दी-जुकाम और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, हमें अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने की जरूरत होती है। इस लेख में हम जानेंगे कुछ ऐसी चीजों के बारे में जो सर्दियों में सेवन करने पर इम्यून सिस्टम को बूस्ट करती हैं।

1. आंवला (Indian Gooseberry)

आंवला विटामिन सी का प्रमुख स्रोत है, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में बेहद सहायक है। यह एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर को संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। रोज सुबह आंवला का जूस पीने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।

2. हल्दी (Turmeric)

हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करता है। सर्दियों में हल्दी वाला दूध पीना फायदेमंद होता है।

3. शहद और अदरक (Honey and Ginger)

शहद में प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जबकि अदरक का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। शहद और अदरक को एक साथ लेने से गले की खराश और सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है। सर्दियों में इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

4. तुलसी (Basil)

तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से बचाते हैं। रोजाना तुलसी के कुछ पत्तों का सेवन करने से इम्यून सिस्टम बेहतर होता है और सर्दी-खांसी से भी राहत मिलती है।

5. गुनगुना पानी (Warm Water)

सर्दियों में गुनगुना पानी पीना बेहद फायदेमंद होता है। यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है और इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है। साथ ही, यह पाचन को भी बेहतर बनाता है।

6. बादाम और अखरोट (Almonds and Walnuts)

सर्दियों में ड्राई फ्रूट्स का सेवन बेहद लाभकारी होता है। बादाम और अखरोट में विटामिन ई, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। रोजाना थोड़ी मात्रा में इन्हें खाने से शरीर की ऊर्जा भी बढ़ती है।

7. लहसुन (Garlic)

लहसुन में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। रोजाना एक-दो लहसुन की कलियों का सेवन करने से सर्दियों में बीमारियों से बचाव होता है।

निष्कर्ष

सर्दियों में स्वस्थ रहने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए इन चीजों का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। इन्हें अपनी डाइट में शामिल करके आप सर्दियों में बीमारियों से दूर रह सकते हैं और शरीर को ताकतवर बना सकते हैं।

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.


छठ गीतों के लिए मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की उम्र में निधन, बेटे ने कहा छठी मैया ने अपने पास बुलाया

#sharda_sinha_dies_at_the_age_of_72_at_aiims_hospital

Sharda Sinha (Indian Folk Singer)

प्रतिष्ठित छठ गीतों के लिए मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें इलाज के लिए एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था, उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने उनके इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके ये दु:खद समाचार शेयर किया कि अब उनकी माँ शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं l

देहांत के कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक छठ पर्व गीत जारी किया "दुखवा मिटाए छठी मैया " l उनकी तबीयत खराब होने के कारण उनके बेटे ने इसका ऑडियो उनके यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया था l  

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके बेटे से बात की थी और उन्हें हिम्मत रख कर अपनी माँ की सेवा करने को कहा था। कुछ दिन पहले ही इंस्टाग्राम पर उनकी तबीयत को लेकर गलत खबर डालने पर उनके बेटे ने एक पोस्ट किया था जिसमे की वे शारदा जी के तबीयत की जानकारी दे रहे थे l

शारदा जी की निधन की खबर सुनते ही उनके प्रशंसक को एक सदमा लग गया है , छठ महापर्व के पहले ही दिन उनकी मृत्यु की खबर एक शोक की लहर ले आई है l हर एक गीत के साथ लोग उन्हें ही याद कर रहे हैं।साथ ही लोग छठी मैया के प्रति ऊनकी भक्ति को भी नमन कर रहे हैं कि, नहाय खाय के दिन ही मां ने उन्हें अपने पास बुलाया है।छठ का पर्व पूरे देश में उनकी याद के साथ मनाया जाएगा। यह एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती है, और इसकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी, यहां तक कि यह छठ महापर्व भी उनके बिना वैसा नहीं होगा, उनके गाए हर गीत के साथ भावना बनी रहेगी,और नुकसान महसूस किया जाएगा।

उन्होंने कई गाने गाए हैं और बिहार की संस्कृति को मूल भाव से समृद्ध किया है। गाने चाहे शादी, छठ या किसी अन्य अवसर के हों, उनकी आवाज कभी भी अतिरिक्त भावनाएं और आकर्षण जोड़ने में विफल नहीं रही है l

यह क्षति व्यक्तिगत है और हर बिहारवासी इसे अपने परिवार के किसी सदस्य को खोने जैसा महसूस कर रहा है, शारदा जी अपनी कला के माध्यम से अमर रहेंगी।

हम उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं..

రైల్వే ప్రయాణికులకు గుడ్‌న్యూస్

రైళ్లలో ప్రయాణం చేయాలంటే టికెట్ బుక్ చేసుకోవాల్సిందే. టికెట్ల బుకింగ్‌ కోసం ఐఆర్‌సీటీసీని ఉపయోగిస్తున్నారు. పీఎన్ఆర్ స్టేటస్, రైలు లైవ్ స్టేటస్‌ తెలుసుకొనేందుకు వేర్వేరు యాప్‌లు వినియోగించాలి. ఆ కష్టాలకు చెక్ పెడుతూ ఐఆర్‌సీటీసీ ఓ కొత్త సూపర్ యాప్‌ను తీసుకొస్తోంది.

భారతీయ రైల్వే (Indian Railways) వ్యవస్థ ప్రతిరోజు కొన్ని కోట్ల మంది ప్రయాణికులను తమ తమ గమ్య స్థానాలకు చేర్చుతోంది. రైళ్లలో ప్రయాణం చేయాలంటే టికెట్ బుక్ చేసుకోవాల్సిందే. టికెట్ల బుకింగ్‌ కోసం ప్రస్తుతం ఐఆర్‌సీటీసీ (IRCTC)ని ఉపయోగిస్తున్నారు. పీఎన్ఆర్ స్టేటస్, రైలు లైవ్ స్టేటస్‌ తెలుసుకొనేందుకు వేర్వేరు యాప్‌లు వినియోగించాలి. ఆ కష్టాలకు చెక్ పెడుతూ ఐఆర్‌సీటీసీ ఓ కొత్త సూపర్ యాప్‌ను తీసుకొస్తోంది. ఈ యాప్ ద్వారా అన్ని రకాల రైల్వే సేవలు అందుబాటులోకి రానున్నాయి (IRCTC Super APP).

రైల్వేశాఖకు సంబంధించి టికెట్స్‌ బుకింగ్‌, పీఎన్‌ఆర్‌ స్టేటస్‌, ట్రాకింగ్‌ స్టేటస్‌ కోసం రకరకాల యాప్స్‌ని ఉపయోగించడం చాలా కష్టం అవుతోంది. ఈ సమస్యను అధిగమించేందుకు ఇండియన్ రైల్వేస్ సరికొత్త సూపర్‌ యాప్‌ని తీసుకురాబోతోంది. ఇకపై ఈ యాప్‌లోనే టికెట్స్‌ బుకింగ్‌, పీఎన్‌ఆర్‌ స్టేటస్‌, ట్రెయిన్‌ ట్రాకింగ్‌ చేసేందుకు వీలుంటుంది.

అంతేకాదు రైలు ప్రయాణంలో ఫుడ్ ఆర్డర్ చేసుకునేందుకు కూడా ఈ యాప్ ఉపయోగపడుతుందట. ఇక, ప్లాట్‌ఫారమ్‌ టికెట్ నుంచి జనరల్‌ టికెట్‌ వరకు ఆన్‌లైన్‌ మోడ్‌లో కొనుగోలు చేసే వీలుంటుంది. డిసెంబర్ చివరి నాటి ఈ సూపర్ యాప్ అందుబాటులోకి వస్తుందట.

ప్రస్తుతం ఐఆర్‌సీటీసీ రైల్ కనెక్ట్ యాప్‌ను 10 కోట్ల మందికి పైగా డౌన్‌లోడ్‌ చేసుకొని వినియోగిస్తున్నారు. ప్రస్తుతానికి ఇదే అత్యంత ప్రజాదరణ పొందిన రైల్వే యాప్‌గా నిలిచింది. రైల్ మదద్, యూటీఎస్, సటార్క్, టీఎమ్‌సీ-నిరీక్షన్, ఐఆర్‌సీటీసీ ఎయిర్, పోర్ట్‌రీడ్‌ వంటి యాప్‌లు కూడా రైల్వే సేవలను ప్రజలకు అందిస్తున్నాయి. వీటన్నింటిలోనూ ఉన్న సేవలను ఓకే సూపర్ యాప్ ద్వారా అందించేందుకు రైల్వే సిద్ధమవుతోంది.

अमेरिका ने भारत की 19 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, भारत के रक्षा क्षेत्र में इन प्रतिबंधों का कितना होगा असर?

#ussanctionsonindiancompaniesaffectdefence_ecosystem

अमेरिका ने रूस की मदद करने के आरोप में हाल ही में दुनियाभर की करीब 400 कंपनियों पर बैन लगाया था। इनमें कुछ भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं। इनमें 19 भारतीय कंपनियां और दो व्‍यक्ति भी शामिल हैं। अमेरिका का आरोप है कि ये कंपनियां फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस को ऐसा साजो-सामान उपलब्ध करवा रही हैं, जिनका इस्तेमाल रूस युद्ध में कर रहा है।अमेरिकी प्रतिबंध के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या भारत-अमेरिका के रिश्‍ते बिगड़ेंगे? सवाल ये भी है कि कंपनियों पर बैन लगाने से क्या इसका भारत पर कोई असर पड़ेगा?

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ कंपनियों में तो रजिस्टर्ड डायरेक्टर और शेयरधारक रूसी नागरिक भी हैं। उदाहरण के लिए, डेन्‍वास सर्विसेज मुख्य रूप से अलग-अलग सेवाओं के लिए डिजिटल कियोस्क सप्लाई करती है। इस कंपनी में रूसी नागरिकों की हिस्सेदारी है। भारतीय कानून के मुताबिक, भारतीय कंपनियों में विदेशी नागरिकों का डायरेक्टर होना कानूनी है और रूसी संस्थाओं के साथ काम करने पर कोई रोक नहीं है। इस कंपनी पर आरोप है कि यह अमेरिका में बने माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण रूस को उसके आधुनिक हथियारों में इस्तेमाल करने के लिए दे रही थी।

इन भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध

सबसे पहले हम उन कं‍पनियों के बारे में जान लेते हैं, जिन पर रूस को ऐसी सामग्री मुहैया कराने का आरोप है, जिसका इस्‍तेमाल वह युद्ध के लिए हथियार बनाने में कर रहा है। अमेरिका ने आभार टेक्नोलॉजीज एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, डेनवास सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एमसिस्टेक, गैलेक्सी बियरिंग्स लिमिटेड, ऑर्बिट फिनट्रेड एलएलपी, इनोवियो वेंचर्स, केडीजी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, खुशबू होनिंग प्राइवेट लिमिटेड, लोकेश मशीन्स लिमिटेड, पॉइंटर इलेक्ट्रॉनिक्स, आरआरजी इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, शार्पलाइन ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड, शौर्य एयरोनॉटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, श्रीजी इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और श्रेया लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को प्रतिबंधित सूची में रखा है।

भारतीय कंपनियों पर क्‍या होगा असर?

अमेरिका के प्रतिबंध के जरिए इन कंपनियों को स्विफ्ट बैंकिंग सिस्टम में ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है। इससे कंपनियां उन देशों से लेन-देन नहीं कर पाती हैं, जो रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस के खिलाफ हैं। जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा है, उनकी संपत्तियां भी उन देशों में फ्रीज हो सकती हैं, जो इस बैन के पक्ष में हैं। लेकिन, जानकारों का कहना है कि प्रतिबंधों से भारतीय कंपनियों पर ज्‍यादा असर नहीं होगा।

किसी कानून का उल्लंघन नहीं

इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार जिन कंपनियों पर बैन लगाया गया है उनमें से किसी के पास न तो अमेरिकी बिजनस अकाउंट हैं और न ही किसी अंतरराष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण संधि का उल्लंघन किया है। सूत्रों के मुताबिक विदेश व्यापार महानिदेशालय के सख्त नियम हैं और उन नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है। जिन भारत कंपनियों पर अमेरिका ने बैन लगाया है, वे गैर-डॉलर और गैर-यूरो पेमेंट मैकेनिज्म के माध्यम से तीसरे देशों के जरिए काम कर सकती हैं। यानी कह सकते हैं कि अमेरिका की ओर से बैन लगाने पर भी इस कंपनियों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।

इन 19 कंपनियों में से सिर्फ आरआरजी इंजीनियरिंग ही ऐसी कंपनी है जो भारतीय रक्षा क्षेत्र के साथ थोड़ा-बहुत काम करती है। इसने आरआरजी के साथ काम किया है और कुछ सैन्य यूनिट को जरूरी सामान सप्लाई किए हैं। इस कंपनी पर आरोप है कि इसने अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित रूसी कंपनी आर्टेक्स लिमिटेड कंपनी को माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स की 100 से ज्यादा खेप भेजी हैं। रिकॉर्ड के मुताबिक, आरआरजी ने पहले आरआरजी की कुछ प्रयोगशालाओं में डेटा सेंटर और आईटी नेटवर्क बनाने के लिए कर्मचारी भी मुहैया कराए थे। इसने अलग-अलग सैन्य यूनिट को सीमित संख्या में परमाणु, जैविक और रासायनिक हमले का पता लगाने वाले उपकरण भी सप्लाई किए हैं। कंपनी का दावा है कि इसने सैटकॉम स्टेशन बनाने में भी काम किया है। उद्योग के जानकारों का कहना है कि ऐसे उपकरण भारत में आसानी से मिल जाते हैं और जरूरत पड़ने पर इन्हें आसानी से खरीदा जा सकता है।

मिठाई के साथ भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी से सैनिकों की वापसी पूरी करी, सत्यापन जारी

#india_china_calls_troops_back_from_lac

Indian- Chinese troops at LAC Ladakh

भारत और चीन ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक से अपनी सेनाओं की वापसी पूरी कर ली है, जिसके बाद दोनों पक्ष अब आमने-सामने की जगहों से एक निर्दिष्ट और परस्पर सहमत दूरी पर सैनिकों और उपकरणों की वापसी का संयुक्त सत्यापन कर रहे हैं, इस घटनाक्रम से अवगत लोगों ने बताया।

सीमा पर तनाव कम करने के लिए 21 अक्टूबर को भारत और चीन के बीच हुए समझौते के अनुरूप अंतिम सत्यापन किया जा रहा है।

देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और सत्यापन जारी है। स्थानीय कमांडरों के स्तर पर बातचीत जारी रहेगी। उम्मीद है कि दोनों सेनाएं जल्द ही इलाकों में गश्त शुरू कर देंगी। विघटन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ दो फ्लैशपॉइंट से अपने अग्रिम तैनात सैनिकों और उपकरणों को वापस बुला लिया है, और मई 2020 में सैन्य गतिरोध शुरू होने के बाद वहां बनाए गए अस्थायी ढांचों को ध्वस्त कर दिया है। ⁠गश्ती के तौर-तरीके ग्राउंड कमांडरों के बीच तय किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "गुरुवार (दिवाली) को मिठाइयों के आदान-प्रदान की योजना बनाई गई है।"

इस विकास से भारतीय सेना और पीएलए को वार्ता में दो साल के गतिरोध को दूर करने में मदद मिलेगी - गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग पॉइंट-15 से विघटन का चौथा और अंतिम दौर सितंबर 2022 में हुआ था, जिसके बाद वार्ता गतिरोध पर पहुंच गई थी। चीन ने बुधवार को कहा कि दोनों सेनाएं पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों की वापसी से संबंधित "संकल्पों" को "व्यवस्थित" तरीके से लागू कर रही हैं, पीटीआई ने बीजिंग से रिपोर्ट की।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देश सीमा से संबंधित मुद्दों पर समाधान पर पहुंच गए हैं। चीनी अधिकारी ने सैनिकों की वापसी से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "फिलहाल, चीनी और भारतीय सीमा सैनिक व्यवस्थित तरीके से प्रस्तावों को लागू कर रहे हैं।"

पूर्व सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (सेवानिवृत्त) ने पहले कहा था कि देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी से दोनों पक्षों को समन्वित तरीके से और सहमत आवृत्ति और ताकत (गश्ती दलों की) के साथ गश्त करने में सुविधा होगी, उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष अब एलएसी पर शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए रास्ता बना सकते हैं।

23 अक्टूबर को सैनिकों की वापसी शुरू हुई और इसके पूरा होने से दोनों अग्रिम क्षेत्रों में जमीनी स्थिति अप्रैल 2020 से पहले जैसी हो गई है। भारतीय सेना उन क्षेत्रों में अपनी गश्त गतिविधि फिर से शुरू करेगी, जो पीएलए की अग्रिम मौजूदगी के कारण कटे हुए थे। 21 अक्टूबर को भारत और चीन द्वारा देपसांग और डेमचोक में गतिरोध को हल करने के लिए वार्ता में सफलता की घोषणा के बाद सैनिकों की वापसी शुरू हुई, लद्दाख में ये दो अंतिम बिंदु हैं, जहां प्रतिद्वंद्वी सैनिक लगभग साढ़े चार साल से आमने-सामने हैं।

विस्थापन समझौते में केवल देपसांग और डेमचोक शामिल हैं, और दोनों देश अन्य क्षेत्रों पर विभिन्न स्तरों पर अपनी बातचीत जारी रखेंगे, जहां पहले सैनिकों की वापसी के बाद तथाकथित बफर जोन बनाए गए थे। देपसांग और डेमचोक से प्रतिद्वंद्वी सैनिकों की वापसी में बफर जोन का निर्माण शामिल नहीं है, जैसा कि सैनिकों की वापसी के पिछले दौर के बाद हुआ था।

भारत और चीन ने पहले गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा (पीपी-17ए) और हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुला लिया था, जहां क्षेत्र में दोनों सेनाओं की गश्त गतिविधियों को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित करने के लिए बफर जोन बनाए गए थे। अलगाव के क्षेत्रों का उद्देश्य हिंसक टकराव की संभावना को खत्म करना था। दोनों पक्षों द्वारा इन क्षेत्रों में गश्त पर रोक हटाना आगे की बातचीत के परिणाम पर निर्भर करेगा।

टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुलाना सीमा तनाव को कम करने की दिशा में पहला कदम है। क्षेत्र में शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को कम करना और प्रतिद्वंद्वी सैनिकों को अंततः वापस बुलाना जरूरी है। दोनों सेनाओं के पास अभी भी लद्दाख थिएटर में दसियों हज़ार सैनिक और उन्नत हथियार तैनात हैं।

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ किया: 2 ग्रेनेड, 3 माइंस बरामद

#indianarmybustspakistaniterror_hideout

Indian Army

भारतीय सेना की रोमियो फोर्स ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के इलाके में एक पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया, अधिकारियों ने बताया, सेना विशेष अभियान समूह (एसओजी) पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही थी।

ऑपरेशन के हिस्से के रूप में, सेना ने ठिकाने से दो ग्रेनेड और तीन पाकिस्तानी माइंस बरामद किए, जो इस क्षेत्र में चल रहे खतरे को उजागर करते हैं, पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया। जवाब में, अधिकारियों ने तंगमर्ग और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में व्यापक तलाशी अभियान के साथ अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। भारतीय सेना की पहल का उद्देश्य गुलमर्ग, बारामुल्ला और गंदेरबल जिले के गगनगीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों से जुड़े संदिग्धों का पता लगाना है।

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले

इन सैन्य अभियानों की आवश्यकता 24 अक्टूबर को एक दुखद घटना के बाद पैदा हुई, जिसमें आतंकवादियों ने एक सैन्य वाहन पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप सेना के दो जवान और दो नागरिक कुली मारे गए। इसी तरह, 20 अक्टूबर को हुए एक पिछले हमले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक सुरंग स्थल पर एक डॉक्टर और छह निर्माण श्रमिकों की जान चली गई थी, जिससे इन हमलों की लक्षित प्रकृति के बारे में गंभीर चिंताएँ पैदा हो गई थीं।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का आह्वान किया

इन आतंकवादी हमलों को मद्देनजर रखते हुए , जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं और शिविरों के आसपास सुरक्षा प्रोटोकॉल को तत्काल बढ़ाने का आदेश दिया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने एक व्यापक सुरक्षा ऑडिट का निर्देश दिया और प्रमुख स्थानों पर निरंतर गश्त और जाँच चौकियाँ स्थापित कीं।

इसी तरह के एक अन्य ऑपरेशन में, काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में एक बड़ा ऑपरेशन किया और एक आतंकी संगठन से जुड़े भर्तीकर्ताओं को पकड़ा। काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट ने बताया कि श्रीनगर, गंदेरबल, पुलवामा, अनंतनाग, बडगाम और कुलगाम सहित जिलों में छापे मारे गए।

अधिकारियों ने कहा कि वे "तहरीक लबैक या मुस्लिम" (टीएलएम) नामक नवगठित आतंकवादी संगठन के भर्ती मॉड्यूल को ध्वस्त करने में सक्षम थे, जिसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की एक शाखा बताया जाता है, जिसे बाबा हमास नामक एक पाकिस्तानी आतंकवादी संचालक द्वारा संचालित किया जा रहा था।

देखा जा रहा है की केंद्र शाषित प्रदेश के चुनाव के बाद से आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में ज़्यदा पहल करनी चालू कर दी है, इसमें लोग मुख़्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाह से आस लगाए बैठे है की वो इसपर कोई सख्त कदम उठाएंगे। 

भारतीय मछुआरों को पकड़ ले जा रहे थे पाकिस्तानी, भारतीय कोस्ट गार्ड ने बीच समुद्र में ऐसे दौड़ाया

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भारतीय तटरक्षक जहाज अग्रिम ने पाकिस्तानी सीमा के पास से सात भारतीय मछुआरों को बचाया। इन मछुआरों को भारत-पाकिस्तान समुद्री सीमा के पास पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) ने पकड़ा था। पाकिस्तानी गार्ड्स मछुआरों को जहाज से पाकिस्तान ले जा रहे थे। हालांकि, पाकिस्तानी ऐसा कर पाते इससे पहले ही भारतीय तटरक्षक बल उनके रास्ते में आ गए। मछुआरों को बचाने के लिए भारतीय तटरक्षक जहाज अग्रिम ने दो घंटे तक पाकिस्तानी जहाज का पीछा किया। उसने पाकिस्तानी जहाज को खदेड़कर पकड़ा और सभी भारतीय मछुआरों को सकुशल कैद से छुड़ा लिया है।

रविवार की दोपहर भारतीय तटरक्षक बल को मछली पकड़ने के लिए निषिद्ध क्षेत्र (NFZ) के पास काम कर रही एक नाव 'काल भैरव' की ओर से संकटकालीन संकेत मिला था। इसके बाद नाव और मछुआरों के बचाव में एक जहाज भेजा गया। भारतीय तटरक्षक बल के जहाज ने पाकिस्तानी जहाज नुसरत को रोका और उन्हें भारतीय मछुआरों को छोड़ने पर मजबूर कर दिया।भारतीय जहाज ने पहले पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी के जहाज पीएमएस नुसरत को अलर्ट किया गया। उसे बताया गया कि किसी भी हालत में वह भारतीय क्षेत्र से मछुआरों को नहीं ले जा सकते।

रक्षा अधिकारी ने बताया कि 17 नवंबर को इंडियन कोस्ट गार्ड के शिप को भारतीय मछुआरों की बोट से डिस्ट्रेस कॉल आया जो कि नो फिंशिंग जोन से किया गया था। मैसेज में जानकारी दी कि भारत पाकिस्तान मेरीटाइम बाउंड्री के पास पाकिस्तानी मेरिटाइम सिक्योरिटी एंजेसी ने तकरीबन 3:30 बजे 7 भारतीय मछुआरों को पकड़ा लिया। जानकारी मिलते ही कोस्ट गार्ड के शिप उस इलाके की तरफ बढ़े और उस पाकिस्तानी शिप को रोक लिया और भारतीय मछुआरों को छुड़वाया।

भारतीय नौसेना में 10+2 बीटेक कैडेट एंट्री स्कीम के लिए नोटिफिकेशन जारी, आवेदन 6 दिसंबर से होंगे शुरू

नई दिल्ली:- इंडियन नेवी में शामिल होने का सपना देख रहे युवाओं के लिए महत्वपूर्ण खबर है। भारतीय नौसेना की ओर से 10+2 (B.TECH- PC) July) CADET ENTRY SCHEME 2025 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर भर्ती का एलान किया गया है। 

अधिसूचना के मुताबिक इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 6 दिसंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर 2024 तक पूर्ण की जाएगी। ऐसे में जो भी अभ्यर्थी इस भर्ती के लिए पात्रता पूरी करते हैं वे तय तिथियों के अंदर ऑनलाइन माध्यम से इंडियन नेवी की ऑफिशियल वेबसाइट joinindiannavy.gov.in पर जाकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर सकेंगे।

पात्रता एवं मापदंड

Indian Navy 10+2 Inter B.Tech Entry (Permanent Commission) July 2025 Batch भर्ती में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी का फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ (PCM) विषयों से न्यूनतम 70 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं उत्तीर्ण किया हो। इसके साथ ही उम्मीदवार ने JEE MAIN 2024 एंट्रेस एग्जाम में भाग लिया हो।

इसके अतिरिक्त आवेदन करने वाले अभ्यर्थी का जन्म 2 जनवरी 2006 एवं 1 जुलाई 2008 के बीच हुआ हो। अभ्यर्थी की न्यूनतम लंबाई 157 सेमी से कम नहीं होनी चाहिए। योग्यता एवं मापदंड की अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल नोटिफिकेशन का अवलोकन कर सकते हैं।

निशुल्क रहेगा आवेदन का मौका

अभ्यर्थी ध्यान रखें कि इस भर्ती में सभी वर्ग के अभ्यर्थी पूर्ण रूप से निशुल्क आवेदन कर सकेंगे अर्थात आवेदन के साथ किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को JEE MAIN 2024 में All India Common Rank List (CRL) - 2024 के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जायेगा। शॉर्टलिस्ट किये गए उम्मीदवारों को भर्ती के अगले चरण एसएसबी इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जायेगा।

एसएससी इंटरव्यू के आधार पर उम्मीदवारों को अंतिम मेरिट लिस्ट में जगह दी जाएगी। जिन उम्मीदवारों का नाम मेरिट लिस्ट में दर्ज होगा उनको रिक्त पदों नियुक्ति प्रदान की जाएगी।

भर्ती विवरण

इस भर्ती के माध्यम से एग्जीक्यूटिव एवं टेक्निकल ब्रांच के तहत उम्मीदवारों की नियुक्तियां की जाएंगी। पदों की कुल संख्या 39 है। इसमें से महिला उम्मीदवारों के लिए अधिकतम 9 पद आरक्षित हैं। भर्ती से जुड़ी अधिक जानकारी डिटेल्ड नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही साझा कर दी जाएगी।

सर्दियों में इन फूड्स का करें सेवन, इम्यूनिटी होगी स्ट्रॉन्ग


सर्दियों का मौसम हमारे शरीर को कई तरीकों से प्रभावित करता है। इस दौरान तापमान में गिरावट के कारण सर्दी-जुकाम और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, हमें अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने की जरूरत होती है। इस लेख में हम जानेंगे कुछ ऐसी चीजों के बारे में जो सर्दियों में सेवन करने पर इम्यून सिस्टम को बूस्ट करती हैं।

1. आंवला (Indian Gooseberry)

आंवला विटामिन सी का प्रमुख स्रोत है, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में बेहद सहायक है। यह एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर को संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। रोज सुबह आंवला का जूस पीने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।

2. हल्दी (Turmeric)

हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करता है। सर्दियों में हल्दी वाला दूध पीना फायदेमंद होता है।

3. शहद और अदरक (Honey and Ginger)

शहद में प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जबकि अदरक का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। शहद और अदरक को एक साथ लेने से गले की खराश और सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है। सर्दियों में इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

4. तुलसी (Basil)

तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से बचाते हैं। रोजाना तुलसी के कुछ पत्तों का सेवन करने से इम्यून सिस्टम बेहतर होता है और सर्दी-खांसी से भी राहत मिलती है।

5. गुनगुना पानी (Warm Water)

सर्दियों में गुनगुना पानी पीना बेहद फायदेमंद होता है। यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है और इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है। साथ ही, यह पाचन को भी बेहतर बनाता है।

6. बादाम और अखरोट (Almonds and Walnuts)

सर्दियों में ड्राई फ्रूट्स का सेवन बेहद लाभकारी होता है। बादाम और अखरोट में विटामिन ई, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। रोजाना थोड़ी मात्रा में इन्हें खाने से शरीर की ऊर्जा भी बढ़ती है।

7. लहसुन (Garlic)

लहसुन में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। रोजाना एक-दो लहसुन की कलियों का सेवन करने से सर्दियों में बीमारियों से बचाव होता है।

निष्कर्ष

सर्दियों में स्वस्थ रहने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए इन चीजों का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। इन्हें अपनी डाइट में शामिल करके आप सर्दियों में बीमारियों से दूर रह सकते हैं और शरीर को ताकतवर बना सकते हैं।

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.


छठ गीतों के लिए मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की उम्र में निधन, बेटे ने कहा छठी मैया ने अपने पास बुलाया

#sharda_sinha_dies_at_the_age_of_72_at_aiims_hospital

Sharda Sinha (Indian Folk Singer)

प्रतिष्ठित छठ गीतों के लिए मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें इलाज के लिए एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था, उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने उनके इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके ये दु:खद समाचार शेयर किया कि अब उनकी माँ शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं l

देहांत के कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक छठ पर्व गीत जारी किया "दुखवा मिटाए छठी मैया " l उनकी तबीयत खराब होने के कारण उनके बेटे ने इसका ऑडियो उनके यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया था l  

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके बेटे से बात की थी और उन्हें हिम्मत रख कर अपनी माँ की सेवा करने को कहा था। कुछ दिन पहले ही इंस्टाग्राम पर उनकी तबीयत को लेकर गलत खबर डालने पर उनके बेटे ने एक पोस्ट किया था जिसमे की वे शारदा जी के तबीयत की जानकारी दे रहे थे l

शारदा जी की निधन की खबर सुनते ही उनके प्रशंसक को एक सदमा लग गया है , छठ महापर्व के पहले ही दिन उनकी मृत्यु की खबर एक शोक की लहर ले आई है l हर एक गीत के साथ लोग उन्हें ही याद कर रहे हैं।साथ ही लोग छठी मैया के प्रति ऊनकी भक्ति को भी नमन कर रहे हैं कि, नहाय खाय के दिन ही मां ने उन्हें अपने पास बुलाया है।छठ का पर्व पूरे देश में उनकी याद के साथ मनाया जाएगा। यह एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती है, और इसकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी, यहां तक कि यह छठ महापर्व भी उनके बिना वैसा नहीं होगा, उनके गाए हर गीत के साथ भावना बनी रहेगी,और नुकसान महसूस किया जाएगा।

उन्होंने कई गाने गाए हैं और बिहार की संस्कृति को मूल भाव से समृद्ध किया है। गाने चाहे शादी, छठ या किसी अन्य अवसर के हों, उनकी आवाज कभी भी अतिरिक्त भावनाएं और आकर्षण जोड़ने में विफल नहीं रही है l

यह क्षति व्यक्तिगत है और हर बिहारवासी इसे अपने परिवार के किसी सदस्य को खोने जैसा महसूस कर रहा है, शारदा जी अपनी कला के माध्यम से अमर रहेंगी।

हम उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं..

రైల్వే ప్రయాణికులకు గుడ్‌న్యూస్

రైళ్లలో ప్రయాణం చేయాలంటే టికెట్ బుక్ చేసుకోవాల్సిందే. టికెట్ల బుకింగ్‌ కోసం ఐఆర్‌సీటీసీని ఉపయోగిస్తున్నారు. పీఎన్ఆర్ స్టేటస్, రైలు లైవ్ స్టేటస్‌ తెలుసుకొనేందుకు వేర్వేరు యాప్‌లు వినియోగించాలి. ఆ కష్టాలకు చెక్ పెడుతూ ఐఆర్‌సీటీసీ ఓ కొత్త సూపర్ యాప్‌ను తీసుకొస్తోంది.

భారతీయ రైల్వే (Indian Railways) వ్యవస్థ ప్రతిరోజు కొన్ని కోట్ల మంది ప్రయాణికులను తమ తమ గమ్య స్థానాలకు చేర్చుతోంది. రైళ్లలో ప్రయాణం చేయాలంటే టికెట్ బుక్ చేసుకోవాల్సిందే. టికెట్ల బుకింగ్‌ కోసం ప్రస్తుతం ఐఆర్‌సీటీసీ (IRCTC)ని ఉపయోగిస్తున్నారు. పీఎన్ఆర్ స్టేటస్, రైలు లైవ్ స్టేటస్‌ తెలుసుకొనేందుకు వేర్వేరు యాప్‌లు వినియోగించాలి. ఆ కష్టాలకు చెక్ పెడుతూ ఐఆర్‌సీటీసీ ఓ కొత్త సూపర్ యాప్‌ను తీసుకొస్తోంది. ఈ యాప్ ద్వారా అన్ని రకాల రైల్వే సేవలు అందుబాటులోకి రానున్నాయి (IRCTC Super APP).

రైల్వేశాఖకు సంబంధించి టికెట్స్‌ బుకింగ్‌, పీఎన్‌ఆర్‌ స్టేటస్‌, ట్రాకింగ్‌ స్టేటస్‌ కోసం రకరకాల యాప్స్‌ని ఉపయోగించడం చాలా కష్టం అవుతోంది. ఈ సమస్యను అధిగమించేందుకు ఇండియన్ రైల్వేస్ సరికొత్త సూపర్‌ యాప్‌ని తీసుకురాబోతోంది. ఇకపై ఈ యాప్‌లోనే టికెట్స్‌ బుకింగ్‌, పీఎన్‌ఆర్‌ స్టేటస్‌, ట్రెయిన్‌ ట్రాకింగ్‌ చేసేందుకు వీలుంటుంది.

అంతేకాదు రైలు ప్రయాణంలో ఫుడ్ ఆర్డర్ చేసుకునేందుకు కూడా ఈ యాప్ ఉపయోగపడుతుందట. ఇక, ప్లాట్‌ఫారమ్‌ టికెట్ నుంచి జనరల్‌ టికెట్‌ వరకు ఆన్‌లైన్‌ మోడ్‌లో కొనుగోలు చేసే వీలుంటుంది. డిసెంబర్ చివరి నాటి ఈ సూపర్ యాప్ అందుబాటులోకి వస్తుందట.

ప్రస్తుతం ఐఆర్‌సీటీసీ రైల్ కనెక్ట్ యాప్‌ను 10 కోట్ల మందికి పైగా డౌన్‌లోడ్‌ చేసుకొని వినియోగిస్తున్నారు. ప్రస్తుతానికి ఇదే అత్యంత ప్రజాదరణ పొందిన రైల్వే యాప్‌గా నిలిచింది. రైల్ మదద్, యూటీఎస్, సటార్క్, టీఎమ్‌సీ-నిరీక్షన్, ఐఆర్‌సీటీసీ ఎయిర్, పోర్ట్‌రీడ్‌ వంటి యాప్‌లు కూడా రైల్వే సేవలను ప్రజలకు అందిస్తున్నాయి. వీటన్నింటిలోనూ ఉన్న సేవలను ఓకే సూపర్ యాప్ ద్వారా అందించేందుకు రైల్వే సిద్ధమవుతోంది.

अमेरिका ने भारत की 19 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, भारत के रक्षा क्षेत्र में इन प्रतिबंधों का कितना होगा असर?

#ussanctionsonindiancompaniesaffectdefence_ecosystem

अमेरिका ने रूस की मदद करने के आरोप में हाल ही में दुनियाभर की करीब 400 कंपनियों पर बैन लगाया था। इनमें कुछ भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं। इनमें 19 भारतीय कंपनियां और दो व्‍यक्ति भी शामिल हैं। अमेरिका का आरोप है कि ये कंपनियां फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस को ऐसा साजो-सामान उपलब्ध करवा रही हैं, जिनका इस्तेमाल रूस युद्ध में कर रहा है।अमेरिकी प्रतिबंध के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या भारत-अमेरिका के रिश्‍ते बिगड़ेंगे? सवाल ये भी है कि कंपनियों पर बैन लगाने से क्या इसका भारत पर कोई असर पड़ेगा?

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ कंपनियों में तो रजिस्टर्ड डायरेक्टर और शेयरधारक रूसी नागरिक भी हैं। उदाहरण के लिए, डेन्‍वास सर्विसेज मुख्य रूप से अलग-अलग सेवाओं के लिए डिजिटल कियोस्क सप्लाई करती है। इस कंपनी में रूसी नागरिकों की हिस्सेदारी है। भारतीय कानून के मुताबिक, भारतीय कंपनियों में विदेशी नागरिकों का डायरेक्टर होना कानूनी है और रूसी संस्थाओं के साथ काम करने पर कोई रोक नहीं है। इस कंपनी पर आरोप है कि यह अमेरिका में बने माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण रूस को उसके आधुनिक हथियारों में इस्तेमाल करने के लिए दे रही थी।

इन भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध

सबसे पहले हम उन कं‍पनियों के बारे में जान लेते हैं, जिन पर रूस को ऐसी सामग्री मुहैया कराने का आरोप है, जिसका इस्‍तेमाल वह युद्ध के लिए हथियार बनाने में कर रहा है। अमेरिका ने आभार टेक्नोलॉजीज एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, डेनवास सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एमसिस्टेक, गैलेक्सी बियरिंग्स लिमिटेड, ऑर्बिट फिनट्रेड एलएलपी, इनोवियो वेंचर्स, केडीजी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, खुशबू होनिंग प्राइवेट लिमिटेड, लोकेश मशीन्स लिमिटेड, पॉइंटर इलेक्ट्रॉनिक्स, आरआरजी इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, शार्पलाइन ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड, शौर्य एयरोनॉटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, श्रीजी इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और श्रेया लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को प्रतिबंधित सूची में रखा है।

भारतीय कंपनियों पर क्‍या होगा असर?

अमेरिका के प्रतिबंध के जरिए इन कंपनियों को स्विफ्ट बैंकिंग सिस्टम में ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है। इससे कंपनियां उन देशों से लेन-देन नहीं कर पाती हैं, जो रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस के खिलाफ हैं। जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा है, उनकी संपत्तियां भी उन देशों में फ्रीज हो सकती हैं, जो इस बैन के पक्ष में हैं। लेकिन, जानकारों का कहना है कि प्रतिबंधों से भारतीय कंपनियों पर ज्‍यादा असर नहीं होगा।

किसी कानून का उल्लंघन नहीं

इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार जिन कंपनियों पर बैन लगाया गया है उनमें से किसी के पास न तो अमेरिकी बिजनस अकाउंट हैं और न ही किसी अंतरराष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण संधि का उल्लंघन किया है। सूत्रों के मुताबिक विदेश व्यापार महानिदेशालय के सख्त नियम हैं और उन नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है। जिन भारत कंपनियों पर अमेरिका ने बैन लगाया है, वे गैर-डॉलर और गैर-यूरो पेमेंट मैकेनिज्म के माध्यम से तीसरे देशों के जरिए काम कर सकती हैं। यानी कह सकते हैं कि अमेरिका की ओर से बैन लगाने पर भी इस कंपनियों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।

इन 19 कंपनियों में से सिर्फ आरआरजी इंजीनियरिंग ही ऐसी कंपनी है जो भारतीय रक्षा क्षेत्र के साथ थोड़ा-बहुत काम करती है। इसने आरआरजी के साथ काम किया है और कुछ सैन्य यूनिट को जरूरी सामान सप्लाई किए हैं। इस कंपनी पर आरोप है कि इसने अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित रूसी कंपनी आर्टेक्स लिमिटेड कंपनी को माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स की 100 से ज्यादा खेप भेजी हैं। रिकॉर्ड के मुताबिक, आरआरजी ने पहले आरआरजी की कुछ प्रयोगशालाओं में डेटा सेंटर और आईटी नेटवर्क बनाने के लिए कर्मचारी भी मुहैया कराए थे। इसने अलग-अलग सैन्य यूनिट को सीमित संख्या में परमाणु, जैविक और रासायनिक हमले का पता लगाने वाले उपकरण भी सप्लाई किए हैं। कंपनी का दावा है कि इसने सैटकॉम स्टेशन बनाने में भी काम किया है। उद्योग के जानकारों का कहना है कि ऐसे उपकरण भारत में आसानी से मिल जाते हैं और जरूरत पड़ने पर इन्हें आसानी से खरीदा जा सकता है।

मिठाई के साथ भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी से सैनिकों की वापसी पूरी करी, सत्यापन जारी

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Indian- Chinese troops at LAC Ladakh

भारत और चीन ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक से अपनी सेनाओं की वापसी पूरी कर ली है, जिसके बाद दोनों पक्ष अब आमने-सामने की जगहों से एक निर्दिष्ट और परस्पर सहमत दूरी पर सैनिकों और उपकरणों की वापसी का संयुक्त सत्यापन कर रहे हैं, इस घटनाक्रम से अवगत लोगों ने बताया।

सीमा पर तनाव कम करने के लिए 21 अक्टूबर को भारत और चीन के बीच हुए समझौते के अनुरूप अंतिम सत्यापन किया जा रहा है।

देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और सत्यापन जारी है। स्थानीय कमांडरों के स्तर पर बातचीत जारी रहेगी। उम्मीद है कि दोनों सेनाएं जल्द ही इलाकों में गश्त शुरू कर देंगी। विघटन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ दो फ्लैशपॉइंट से अपने अग्रिम तैनात सैनिकों और उपकरणों को वापस बुला लिया है, और मई 2020 में सैन्य गतिरोध शुरू होने के बाद वहां बनाए गए अस्थायी ढांचों को ध्वस्त कर दिया है। ⁠गश्ती के तौर-तरीके ग्राउंड कमांडरों के बीच तय किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "गुरुवार (दिवाली) को मिठाइयों के आदान-प्रदान की योजना बनाई गई है।"

इस विकास से भारतीय सेना और पीएलए को वार्ता में दो साल के गतिरोध को दूर करने में मदद मिलेगी - गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग पॉइंट-15 से विघटन का चौथा और अंतिम दौर सितंबर 2022 में हुआ था, जिसके बाद वार्ता गतिरोध पर पहुंच गई थी। चीन ने बुधवार को कहा कि दोनों सेनाएं पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों की वापसी से संबंधित "संकल्पों" को "व्यवस्थित" तरीके से लागू कर रही हैं, पीटीआई ने बीजिंग से रिपोर्ट की।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देश सीमा से संबंधित मुद्दों पर समाधान पर पहुंच गए हैं। चीनी अधिकारी ने सैनिकों की वापसी से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "फिलहाल, चीनी और भारतीय सीमा सैनिक व्यवस्थित तरीके से प्रस्तावों को लागू कर रहे हैं।"

पूर्व सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (सेवानिवृत्त) ने पहले कहा था कि देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी से दोनों पक्षों को समन्वित तरीके से और सहमत आवृत्ति और ताकत (गश्ती दलों की) के साथ गश्त करने में सुविधा होगी, उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष अब एलएसी पर शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए रास्ता बना सकते हैं।

23 अक्टूबर को सैनिकों की वापसी शुरू हुई और इसके पूरा होने से दोनों अग्रिम क्षेत्रों में जमीनी स्थिति अप्रैल 2020 से पहले जैसी हो गई है। भारतीय सेना उन क्षेत्रों में अपनी गश्त गतिविधि फिर से शुरू करेगी, जो पीएलए की अग्रिम मौजूदगी के कारण कटे हुए थे। 21 अक्टूबर को भारत और चीन द्वारा देपसांग और डेमचोक में गतिरोध को हल करने के लिए वार्ता में सफलता की घोषणा के बाद सैनिकों की वापसी शुरू हुई, लद्दाख में ये दो अंतिम बिंदु हैं, जहां प्रतिद्वंद्वी सैनिक लगभग साढ़े चार साल से आमने-सामने हैं।

विस्थापन समझौते में केवल देपसांग और डेमचोक शामिल हैं, और दोनों देश अन्य क्षेत्रों पर विभिन्न स्तरों पर अपनी बातचीत जारी रखेंगे, जहां पहले सैनिकों की वापसी के बाद तथाकथित बफर जोन बनाए गए थे। देपसांग और डेमचोक से प्रतिद्वंद्वी सैनिकों की वापसी में बफर जोन का निर्माण शामिल नहीं है, जैसा कि सैनिकों की वापसी के पिछले दौर के बाद हुआ था।

भारत और चीन ने पहले गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा (पीपी-17ए) और हॉट स्प्रिंग्स (पीपी-15) क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुला लिया था, जहां क्षेत्र में दोनों सेनाओं की गश्त गतिविधियों को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित करने के लिए बफर जोन बनाए गए थे। अलगाव के क्षेत्रों का उद्देश्य हिंसक टकराव की संभावना को खत्म करना था। दोनों पक्षों द्वारा इन क्षेत्रों में गश्त पर रोक हटाना आगे की बातचीत के परिणाम पर निर्भर करेगा।

टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को वापस बुलाना सीमा तनाव को कम करने की दिशा में पहला कदम है। क्षेत्र में शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को कम करना और प्रतिद्वंद्वी सैनिकों को अंततः वापस बुलाना जरूरी है। दोनों सेनाओं के पास अभी भी लद्दाख थिएटर में दसियों हज़ार सैनिक और उन्नत हथियार तैनात हैं।

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ किया: 2 ग्रेनेड, 3 माइंस बरामद

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Indian Army

भारतीय सेना की रोमियो फोर्स ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के इलाके में एक पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया, अधिकारियों ने बताया, सेना विशेष अभियान समूह (एसओजी) पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही थी।

ऑपरेशन के हिस्से के रूप में, सेना ने ठिकाने से दो ग्रेनेड और तीन पाकिस्तानी माइंस बरामद किए, जो इस क्षेत्र में चल रहे खतरे को उजागर करते हैं, पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया। जवाब में, अधिकारियों ने तंगमर्ग और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में व्यापक तलाशी अभियान के साथ अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। भारतीय सेना की पहल का उद्देश्य गुलमर्ग, बारामुल्ला और गंदेरबल जिले के गगनगीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों से जुड़े संदिग्धों का पता लगाना है।

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले

इन सैन्य अभियानों की आवश्यकता 24 अक्टूबर को एक दुखद घटना के बाद पैदा हुई, जिसमें आतंकवादियों ने एक सैन्य वाहन पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप सेना के दो जवान और दो नागरिक कुली मारे गए। इसी तरह, 20 अक्टूबर को हुए एक पिछले हमले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक सुरंग स्थल पर एक डॉक्टर और छह निर्माण श्रमिकों की जान चली गई थी, जिससे इन हमलों की लक्षित प्रकृति के बारे में गंभीर चिंताएँ पैदा हो गई थीं।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का आह्वान किया

इन आतंकवादी हमलों को मद्देनजर रखते हुए , जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं और शिविरों के आसपास सुरक्षा प्रोटोकॉल को तत्काल बढ़ाने का आदेश दिया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने एक व्यापक सुरक्षा ऑडिट का निर्देश दिया और प्रमुख स्थानों पर निरंतर गश्त और जाँच चौकियाँ स्थापित कीं।

इसी तरह के एक अन्य ऑपरेशन में, काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में एक बड़ा ऑपरेशन किया और एक आतंकी संगठन से जुड़े भर्तीकर्ताओं को पकड़ा। काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट ने बताया कि श्रीनगर, गंदेरबल, पुलवामा, अनंतनाग, बडगाम और कुलगाम सहित जिलों में छापे मारे गए।

अधिकारियों ने कहा कि वे "तहरीक लबैक या मुस्लिम" (टीएलएम) नामक नवगठित आतंकवादी संगठन के भर्ती मॉड्यूल को ध्वस्त करने में सक्षम थे, जिसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की एक शाखा बताया जाता है, जिसे बाबा हमास नामक एक पाकिस्तानी आतंकवादी संचालक द्वारा संचालित किया जा रहा था।

देखा जा रहा है की केंद्र शाषित प्रदेश के चुनाव के बाद से आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में ज़्यदा पहल करनी चालू कर दी है, इसमें लोग मुख़्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाह से आस लगाए बैठे है की वो इसपर कोई सख्त कदम उठाएंगे।