अक्षय कुमार की 13 साल की बेटी से मांगी गई अश्लील तस्वीरें, एक्टर ने महाराष्ट्र सीएम से लगाई गुहार
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बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने एक सनसनीखेज घटना का खुलासा किया है। उन्होंने साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे को उजागर करते हुए बताया है कि कैसे उनकी बेटी नितारा वीडियो गेम खेलते वक्त साइबर क्राइम का शिकार होते-होते बच गई। अक्षय ने इस घटना का जिक्र करते हुए महाराष्ट्र सरकार से साइबर क्राइम से जुड़ा एक चैप्टर कोर्स में भी शामिल करने की मांग की है। बता दें कि अक्षय की बेटी नितारा सिर्फ 13 साल की हैं।
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महाराष्ट्र पुलिस के ‘साइबर अवेयरनेस मंथ’ के उद्घाटन समारोह में अक्षय कुमार ने उस आपबीती का खुलासा किया। कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र पुलिस मुख्यालय में हुआ, जहां अक्षय कुमार ने अपनी बेटी के साथ हुई साइबर क्राइम की घटना का जिक्र किया और देवेंद्र फडणवीस से विनती करते हुए कहा कि हर स्कूल में बच्चों को 'साइबर' को सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाए।
अक्षय कुमार में अपने घर में घटी घटना किया जिक्र
अक्षय कुमार ने कार्यक्रम में कहा, मैं आपको उस घटना के बारे में बताना चाहता हूं जो कुछ महीनों पहले मेरे घर में घटी थी। मेरी बेटी ऑनलाइन गेम खेल रही थी और उस गेम में कई लोग शामिल होते हैं जिन्हें हम नहीं जानते। वहां से मैसेज आता है, 'बहुत अच्छा खेला, वेरी गुड,' और फिर सवाल आता है कि 'तुम कहां रहती हो?' मेरी बेटी ने लोकेशन बता दी। फिर कुछ दिन सब कुछ नॉर्मल हो गया, और फिर मैसेज आता है…'मेल हो या फीमेल?' मेरी बेटी उसका भी जवाब देती है। उसके बाद एक और मैसेज आता है, क्या आप मुझे अपनी न्यूड तस्वीरें भेज सकते हैं?
अक्षय की महाराष्ट्र सरकार से खास अपील
इस मामले में महाराष्ट्र सरकार और मुख्यमंत्री से मांग करते हुए अक्षय ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि हमारे महाराष्ट्र राज्य में सातवीं, आठवीं, नौवीं और दसवीं कक्षा में हर हफ्ते साइबर पीरियड नाम से एक पीरियड होना चाहिए। जहां बच्चों को इसके बारे में समझाया जाए। उन्होंने कहा कि आप सभी जानते हैं कि यह अपराध सड़क पर होने वाले अपराध से भी बड़ा होता जा रहा है। इस अपराध को रोकना बहुत जरूरी है।










!नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025: गृह मंत्रालय ने देशभर में बढ़ते साइबर अपराधों, विशेषकर बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों पर गहरी चिंता जताई है। हाल ही में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने बताया कि वर्ष 2018 से 2022 के बीच बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा प्रकाशित "भारत में अपराध" रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में जहां ऐसे कुल 232 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 1823 हो गई है। सबसे अधिक बढ़ोत्तरी इन अपराधों में देखी गई: साइबर पोर्नोग्राफी और बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री: 2018 में 44 से बढ़कर 2022 में 1171 मामले। साइबर स्टॉकिंग और बदमाशी: 2018 में 40 से बढ़कर 2022 में 158 मामले। ब्लैकमेलिंग और उत्पीड़न: 2018 में केवल 4 जबकि 2022 में 74 मामले। राज्य सरकारें ज़िम्मेदार, केंद्र दे रहा सहयोग: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत 'पुलिस' और 'लोक व्यवस्था' राज्य के विषय हैं। हालांकि, केंद्र सरकार 'भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र' (I4C) और विभिन्न वित्तीय सहायता योजनाओं के माध्यम से राज्यों को साइबर अपराध की रोकथाम में सहयोग दे रही है। महत्वपूर्ण पहलें: राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP): नागरिक अब https://cybercrime.gov.in पर महिला और बच्चों से जुड़े साइबर अपराधों की रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर 1930 भी 24x7 सहायता के लिए सक्रिय है। पूर्वोत्तर राज्यों में विशेष जागरूकता अभियान: CBSE और ISEA द्वारा स्कूलों में जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। डाक विभाग के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर जागरूकता: साइबर स्वच्छता संदेशों का प्रचार किया गया। शिक्षा पाठ्यक्रम में भी शामिल होगी साइबर स्वच्छता: I4C और NCERT मिलकर पाठ्यक्रम में साइबर सुरक्षा और स्वच्छता पर अध्याय जोड़ने की प्रक्रिया में हैं। इसके अलावा, दो लाख से अधिक NCC, NSS और NYKS छात्र भी साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, बच्चों की डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी स्तरों पर समन्वित प्रयास ज़रूरी हैं। यह कदम न केवल कानून व्यवस्था को सशक्त बनाएंगे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी साइबर दुनिया में सुरक्षित रहने की दिशा में तैयार करेंगे।


















Oct 31 2025, 18:21
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