तुर्की-चाइना मेड हथियार से दिल्ली दहलाने की थी साजिश, इंटरनेशनल हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़

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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तान की एक और घातक साजिश को नाकाम कर दिया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े एक बड़े अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह पाकिस्तान के रास्ते तुर्की और चीन में बने हाई एंड पिस्टल भारत में सप्लाई कर रहा था।

तस्करों के पास से क्या-क्या हुआ बरामद?

डीसीपी संजीव कुमार यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच ने गुप्त सूचना के आधार पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इस अंतरराष्ट्रीय अवैध हथियार सप्लाई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस गैंग के चार मुख्य ऑपरेटिवों को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह के सदस्यों कोके पास से 10 विदेशी महंगी पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। ये हथियार दिल्ली और आसपास के राज्यों में बदमाशों और गैंगस्टरों तक पहुंचाए जा रहे थे।

आईएसआई के इशारों पर कर रहे था काम

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का कहना है कि ये पूरा नेटवर्क पाकिस्तान आईएसआई से जुड़े लोगों के इशारे पर काम कर रहा था। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में भेजी गई थी, जो बताती है कि दुश्मन कितनी आधुनिक तकनीक से आतंक फैलाने की तैयारी में था।

आरोपी पंजाब-यूपी और दिल्ली के

इन गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मनदीप, दलविंदर, रोहन और अजय उर्फ मोनू के रूप में हुई है। ये सभी आरोपी पंजाब, यूपी और दिल्ली के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पहले हथियार पाकिस्तान पहुंचाए जाते, फिर वहां से तस्करी कर भारत की सीमा के अंदर लाए जाते थे।

लाल किला धमाके के बाद सतर्क हुईं एजेसियां

बता दें कि बीते 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला के पास हुए धमाके की घटना के बाद एजेसियों ने अपनी निगरानी और पैनी कर दी है। हर एक संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। आतंक से संबंध रखने वाले हर किसी की धर-पकड़ की जा रही है। लाल किला धमाके की घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 2 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

डिजिटल अरेस्ट के झांसे में आए लखनऊ के रिटायर्ड अफसर व शिक्षक, साइबर ठगों ने उड़ाए लाखों

लखनऊ । साइबर ठगों का नया तरीका सामने आया है, जिसमें रिटायर्ड रेलवे अफसर और शिक्षक को डिजिटल अरेस्ट कर 30.57 लाख रुपये से अधिक की ठगी की गई। ठगों ने खुद को एटीएस, क्राइम ब्रांच और अन्य एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़ितों को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का झांसा दिया और जेल भेजने की धमकी देकर रकम वसूली। रेलवे से रिटायर्ड अफसर से 18 लाख रुपये की ठगी आलमबाग के गीतानगर निवासी रिटायर्ड रेलवे अफसर तेज बहादुर सिंह ने बताया कि 9 नवंबर को उन्हें अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके आधार कार्ड से एचडीएफसी बैंक में खाता खुला है, जिसमें आतंकी धनराशि का आदान-प्रदान हो रहा है। झांसे में आकर तेज बहादुर ने ठगों से बात करना शुरू किया।ठगों ने उन्हें चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा। हर दो घंटे में अपडेट लेने के बाद अगले दिन बयान देने के लिए मुंबई एटीएस के कार्यालय आने के लिए कहा और फिर फोन पर झांसा देकर तेज बहादुर के पत्नी के खाते में 14 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए। अगले दिन चार लाख रुपये और हड़प लिए। बैंक द्वारा संदेह जताने पर परिवार को जानकारी मिलने के बाद तेज बहादुर को ठगी का अहसास हुआ। शिक्षक से छह दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 12.57 लाख रुपये की ठगी राजाजीपुरम निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक गया प्रसाद त्रिपाठी को सात नवंबर को अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को एटीएस इंस्पेक्टर बताकर कहा कि उनका नाम पाकिस्तान के लिंक में आया है और जम्मू-कश्मीर में मामला दर्ज है। ठगों ने छह दिन तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर 12.57 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाए। साइबर क्राइम पुलिस ने की कार्रवाई साइबर क्राइम थाने के प्रभारी ब्रजेश कुमार ने बताया कि गया प्रसाद के मामले में दो ठगों के खातों में 2.5 लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए। तेज बहादुर की ठगी की रकम भी वापस दिलाने की कोशिश की जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है। सावधानियां ,अपने खातों को सुरक्षित रखें अगर आपके बैंक में बड़ी रकम आती है, तो साइबर अपराधियों की नजर आपके खाते पर हो सकती है। ठग खुद को क्राइम ब्रांच, एटीएस या अन्य एजेंसियों का अधिकारी बताकर डराने का प्रयास करते हैं। आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स या हवाला में नाम जुड़ने की धमकी देकर पैसे वसूले जाते हैं। ऐसे कॉल आने पर परिवार और नज़दीकी लोगों को तुरंत जानकारी दें, खाते की जानकारी साझा न करें और कोई रकम ट्रांसफर न करें। शिकायत कैसे करें साइबर ठगी की घटना पर शिकायत साइबर क्राइम थाने, साइबर सेल, लोकल पुलिस स्टेशन, टोल फ्री नंबर 1930 या वेबसाइट www.cybercrime.gov.in के माध्यम से दर्ज कराई जा सकती है।
रांची के डॉक्टर को ट्रेडिंग का झांसा देकर ₹3.75 करोड़ का चूना; 17 मामलों में वांछित 'दीप मजूमदार' गिरफ्तार, फर्जी ऐप के जरिए किया फ्रॉड


रांची (झारखंड): झारखंड की राजधानी रांची में साइबर ठगों ने एक डॉक्टर को 3.75 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। इस मामले में झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य अपराधी दीप मजूमदार को पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुशमांडी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।

ऐसे दिया गया ठगी को अंजाम

पश्चिम बंगाल का रहने वाला ठग दीप मजूमदार, जो पहले भी 17 अन्य साइबर अपराधों में शामिल रहा है, ने डॉक्टर को ट्रेडिंग के जरिए मुनाफा कमाने का लालच दिया।

विश्वास जीतना: साइबर अपराधियों ने पहले "FYERS SECURITIES PRIVATE LIMITED" नाम से एक फर्जी WhatsApp ग्रुप बनाया और उसमें आकर्षक ट्रेडिंग ऑफर भेजे।

फर्जी ऐप: पीड़ित को एक नकली इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग ऐप "FYERS" डाउनलोड करने को कहा गया।

करोड़ों का लालच: इस फर्जी ऐप में डॉक्टर को ट्रेडिंग के दौरान करोड़ों रुपये का नकली मुनाफा दिखाया गया, जिससे पीड़ित का विश्वास जीता जा सका।

पैसे ट्रांसफर: जालसाजों ने नकली मुनाफा दिखाकर डॉक्टर को अपने झांसे में लिया और उनसे अलग-अलग बैंक खातों में लगभग 3.75 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए।

गिरफ्तार अपराधी का आपराधिक इतिहास

डॉक्टर को जब ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने झारखंड सीआईडी के साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद सीआईडी टीम ने दीप मजूमदार को गिरफ्तार किया।

17 शिकायतें: इस अपराधी के खिलाफ गृह मंत्रालय के National Cyber Crime Reporting Portal पर देश के आठ अलग-अलग राज्यों (तेलंगाना, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली) में कुल 17 शिकायतें दर्ज हैं।

C.I.D. की अन्य कार्रवाई

सीआईडी साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इस घटना से पहले अगस्त में, सीआईडी ने इन्वेस्टमेंट के नाम पर हुए 30 करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड का खुलासा किया था।

गिरफ्तारी: सीआईडी ने रांची, जामताड़ा समेत छह जिलों में छापेमारी कर कुल 7 अपराधियों को गिरफ्तार किया।

बरामदगी: अपराधियों के पास से 8 मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड, 9 एटीएम कार्ड, 4 पासबुक, 9 चेक बुक और केस से जुड़ी व्हाट्सएप चैट बरामद हुई थी।

म्यूल खाते: जांच में यह भी सामने आया कि झारखंड के साइबर अपराधियों ने साइबर फ्रॉड से अर्जित रकम छिपाने के लिए 15,000 म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल किया था।

*थाना धनघटा पुलिस द्वारा ग्राम गागरगाड़ व कबीर लाइब्रेरी बण्डा बाजार में चौपाल लगाकर छात्रो/लोगों को किया गया जागरुक*

धनघटा थानाक्षेत्र में बृहद स्तर पर चलाया जा रहा “साइबर अपराधों से बचाव” सम्बन्धी अभियान

पुलिस अधीक्षक संतकबीरनगर श्री संदीप कुमार मीना के निर्देशन, अपर पुलिस अधीक्षक श्री सुशील कुमार सिंह के मार्गदर्शन में क्षेत्राधिकारी धनघटा श्री प्रियम राजशेखर पाण्डेय के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक थाना धनघटा श्री जयप्रकाश दूबे द्वारा ग्राम गागरगाड़ व कबीर लाइब्रेरी बण्डा बाजार में साइबर जागरुकता कार्यक्रम से सम्बन्धित चौपालें आयोजित की गयी ।

प्रभारी निरीक्षक थाना धनघटा श्री जयप्रकाश दूबे द्वारा ग्राम गागरगाड़ व कबीर लाइब्रेरी बण्डा* में छात्रों/लोगों को बताया गया कि अज्ञात लिंक, कॉल, ईमेल, लॉटरी या क्यूआर कोड स्कैन करने जैसे धोखाधड़ी के प्रयासों से सावधान रहें । किसी भी प्रकार की साइबर ठगी या ऑनलाइन अपराध की सूचना तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें अथवा पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें, साथ ही लोगों से अपील की गई कि वे अपने बैंक विवरण, ओटीपी, पासवर्ड या व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें और सोशल मीडिया पर संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें । इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा उन्हें डिजिटल माध्यमों का सुरक्षित उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है साथ ही महिला / बालिकाओं को जागरुक करने के साथ ही उनके समस्याओं के निस्तारण कराने के संबंध में जागरुक किया गया । इस अवसर पर उ0नि0 श्री तुफानी यादव, म0उ0नि0 श्रीमती अंजली सरोज, म0आ0 सीता यादव, म0आ0 प्रेमा बिन्द, म0पीआरडी मनीता सहित अन्य अधिकारी/ कर्मचारीगण व स्कूल के स्टाफ मौजूद रहे ।

अक्षय कुमार की 13 साल की बेटी से मांगी गई अश्लील तस्वीरें, एक्टर ने महाराष्ट्र सीएम से लगाई गुहार

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बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने एक सनसनीखेज घटना का खुलासा किया है। उन्होंने साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे को उजागर करते हुए बताया है कि कैसे उनकी बेटी नितारा वीडियो गेम खेलते वक्त साइबर क्राइम का शिकार होते-होते बच गई। अक्षय ने इस घटना का जिक्र करते हुए महाराष्ट्र सरकार से साइबर क्राइम से जुड़ा एक चैप्टर कोर्स में भी शामिल करने की मांग की है। बता दें कि अक्षय की बेटी नितारा सिर्फ 13 साल की हैं।

महाराष्ट्र पुलिस के ‘साइबर अवेयरनेस मंथ’ के उद्घाटन समारोह में अक्षय कुमार ने उस आपबीती का खुलासा किया। कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र पुलिस मुख्यालय में हुआ, जहां अक्षय कुमार ने अपनी बेटी के साथ हुई साइबर क्राइम की घटना का जिक्र किया और देवेंद्र फडणवीस से विनती करते हुए कहा कि हर स्कूल में बच्चों को 'साइबर' को सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाए।

अक्षय कुमार में अपने घर में घटी घटना किया जिक्र

अक्षय कुमार ने कार्यक्रम में कहा, मैं आपको उस घटना के बारे में बताना चाहता हूं जो कुछ महीनों पहले मेरे घर में घटी थी। मेरी बेटी ऑनलाइन गेम खेल रही थी और उस गेम में कई लोग शामिल होते हैं जिन्हें हम नहीं जानते। वहां से मैसेज आता है, 'बहुत अच्छा खेला, वेरी गुड,' और फिर सवाल आता है कि 'तुम कहां रहती हो?' मेरी बेटी ने लोकेशन बता दी। फिर कुछ दिन सब कुछ नॉर्मल हो गया, और फिर मैसेज आता है…'मेल हो या फीमेल?' मेरी बेटी उसका भी जवाब देती है। उसके बाद एक और मैसेज आता है, क्या आप मुझे अपनी न्यूड तस्वीरें भेज सकते हैं?

अक्षय की महाराष्ट्र सरकार से खास अपील

इस मामले में महाराष्ट्र सरकार और मुख्यमंत्री से मांग करते हुए अक्षय ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि हमारे महाराष्ट्र राज्य में सातवीं, आठवीं, नौवीं और दसवीं कक्षा में हर हफ्ते साइबर पीरियड नाम से एक पीरियड होना चाहिए। जहां बच्चों को इसके बारे में समझाया जाए। उन्होंने कहा कि आप सभी जानते हैं कि यह अपराध सड़क पर होने वाले अपराध से भी बड़ा होता जा रहा है। इस अपराध को रोकना बहुत जरूरी है।

ऑपरेशन “साइबर कवच’’ के दृष्टिगत जनपद पुलिस ने आम जनमानस को साइबर अपराध से बचाव हेतु किया जागरूक

गोण्डा। ऑपरेशन "साइबर कवच" के दृष्टिगत जनपद गोण्डा में साइबर अपराधों की रोकथाम एवं आमजन को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने हेतु पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल के निर्देशन में समस्त थाना प्रभारियों द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रों में साइबर जागरूकता अभियान चलाया गया ।

अभियान के अंतर्गत विद्यालयों, महाविद्यालयों, ग्राम सभाओं, बाजारों, बैंकों एवं सार्वजनिक स्थलों पर जनसभाओं का आयोजन कर नागरिकों को ऑनलाइन ठगी, ओटीपी फ्रॉड, फर्जी लिंक, सोशल मीडिया धोखाधड़ी जैसी घटनाओं से सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही, cybercrime.gov.in पोर्टल व हेल्पलाइन नंबर 1930 के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की विधि की जानकारी भी दी गई ।

पुलिस कर्मियों द्वारा आमजन को यह भी बताया गया कि आजकल ठग APK file के ज़रिए लोगों को सरकारी स्कीम, निमंत्रण पत्र और लुभावने ऑफ़र के नाम पर लिंक भेजकर फंसाते हैं। इन्हें इंस्टॉल करते ही आपका डेटा और बैंकिंग जानकारी चोरी हो सकती है। इसलिए अनजान APK file कभी डाउनलोड न करें । किसी भी अज्ञात कॉल, संदिग्ध लिंक या लुभावने ऑफर के झांसे में न आएं एवं अपने बैंक संबंधी गोपनीय जानकारी किसी से साझा न करें ।

साइबर सुरक्षा टिप्स-

01. ऑनलाइन लेन-देन में सावधानी बरतें

02. किसी भी अनजान फोन कॉल पर अपनी बैंक डिटेल, ओटीपी, बायोमैट्रिक डेटा, पैन कार्ड व आधार कार्ड की डिटेल किसी के साथ साझा न करें।

03. सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

04. अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें।

05. अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें।

06. ऑनलाइन शॉपिंग में सुरक्षित वेबसाइट्स का उपयोग करें।

07. पासवर्ड को मजबूत और गुप्त रखें।

08. ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखें।

09. साइबर बुलिंग और साईबर स्टॉकिंग के मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें।

10. ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों में कंपनी प्रबंधन और पुलिस को सूचित करें।

11. साइबर क्राइम की रिपोर्ट करने के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1930 का प्रयोग करे।

पीएम से लेकर सीएम तक...गंभीर मामलों में गिरफ्तारी पर छोड़ना होगा पद, संसद में आज अहम विधेयक पेश करेगी सरकार

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केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार आज अहम बिल पेश करने जा रही है। इस बिल में ऐसा प्रावधान है कि कोई भी मंत्री, मुख्यमंत्री या यहां तक कि प्रधानमंत्री भी अगर किसी अपराध में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहता है तो उसे पद से हटना पड़ेगा। ये प्रस्तावित कानून केवल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों पर ही नहीं, बल्कि केंद्र के मंत्रियों और प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा।

अमित शाह बुधवार को लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है। इन विधेयकों का उद्देश्य यह है कि अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है तो उन्हें उनके पद से हटाया जा सके। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा कानूनों में ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है जिससे गिरफ्तारी या न्यायिक हिरासत की स्थिति में ऐसे नेताओं को उनके पद से हटाया जा सके। इसी कमी को दूर करने के लिए सरकार ने ये तीन विधेयक तैयार किए हैं।

संसद में आज जो बिल पेश किए जाएंगे, ये विधेयक हैं: केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025; संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने के लिए लोकसभा में एक प्रस्ताव भी पेश करेंगे।

30 दिन लगातार हिरासत में रहने पर छोड़ना होगा पद

संविधान संशोधन विधेयक में धारा 75 में नया क्लॉज़ 5(ए) जोड़ने का प्रस्ताव है। इसके अनुसार यदि कोई मंत्री 30 दिन लगातार गिरफ्तार रहकर हिरासत में रहता है और उस पर ऐसा आरोप है जिसमें पांच साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है, तो राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर 31वें दिन उसे पद से हटा देंगे। अगर प्रधानमंत्री 31वें दिन तक यह सलाह नहीं देते तो भी वह मंत्री अपने आप पद से मुक्त हो जाएगा।

प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा ये नियम

इसी तरह प्रधानमंत्री पर भी नियम और कड़े होंगे। अगर पीएम लगातार 30 दिन हिरासत में रहते हैं तो उन्हें 31वें दिन इस्तीफा देना होगा। अगर इस्तीफा नहीं देते तो वे अपने आप प्रधानमंत्री पद से हट जाएंगे। हालांकि, ऐसे मंत्री या प्रधानमंत्री रिहाई के बाद दोबारा नियुक्त हो सकते हैं। यही प्रावधान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर भी लागू होगा।

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

वहीं कांग्रेस ने इन विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार इन विधेयकों के जरिए विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा विपक्ष को कमजोर करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना है कि केंद्र की एजेंसियों से विपक्षी नेताओं को मनमाने ढंग से गिरफ्तार कराया जाए और फिर नए कानून के तहत उन्हें तुरंत पद से हटा दिया जाए।

ऑपरेशन “साइबर कवच’’ के दृष्टिगत जनपद पुलिस ने आम जनमानस को साइबर अपराध से बचाव हेतु किया जागरूक

गोण्डा। पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल के निर्देशन में चलाए जा रहे साइबर जागरुकता अभियान ऑपरेशन "साइबर कवच" के दृष्टिगत जनपद गोण्डा में साइबर अपराधों की रोकथाम एवं आमजन को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने हेतु समस्त थाना प्रभारियों द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रों में साइबर जागरूकता अभियान चलाया गया ।

अभियान के अंतर्गत विद्यालयों, महाविद्यालयों, ग्राम सभाओं, बाजारों, बैंकों एवं सार्वजनिक स्थलों पर जनसभाओं का आयोजन कर नागरिकों को ऑनलाइन ठगी, ओटीपी फ्रॉड, फर्जी लिंक, सोशल मीडिया धोखाधड़ी जैसी घटनाओं से सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही, cybercrime.gov.in पोर्टल व हेल्पलाइन नंबर 1930 के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की विधि की जानकारी भी दी गई ।

पुलिस कर्मियों द्वारा आमजन को यह भी बताया गया कि किसी भी अज्ञात कॉल, संदिग्ध लिंक या लुभावने ऑफर के झांसे में न आएं एवं अपने बैंक संबंधी गोपनीय जानकारी किसी से साझा न करें ।

साइबर सुरक्षा टिप्स-

01. ऑनलाइन लेन-देन में सावधानी बरतें

02. किसी भी अनजान फोन कॉल पर अपनी बैंक डिटेल, ओटीपी, बायोमैट्रिक डेटा, पैन कार्ड व आधार कार्ड की डिटेल किसी के साथ साझा न करें।

03. सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

04. अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें।

05. अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें।

06. ऑनलाइन शॉपिंग में सुरक्षित वेबसाइट्स का उपयोग करें।

07. पासवर्ड को मजबूत और गुप्त रखें।

08. ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखें।

09. साइबर बुलिंग और साईबर स्टॉकिंग के मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें।

10. ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों में कंपनी प्रबंधन और पुलिस को सूचित करें।

11. साइबर क्राइम की रिपोर्ट करने के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1930 का प्रयोग करें।

*जनपदीय पुलिस का यह प्रयास है कि हर नागरिक साइबर अपराधों को पहचान सके और सतर्क रहकर खुद को तथा दूसरों को सुरक्षित रख सके।

बच्चों को साइबर अपराध का बन रहा निशाना, गृह मंत्रालय ने जताई चिंता
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर !नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025: गृह मंत्रालय ने देशभर में बढ़ते साइबर अपराधों, विशेषकर बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों पर गहरी चिंता जताई है। हाल ही में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने बताया कि वर्ष 2018 से 2022 के बीच बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा प्रकाशित "भारत में अपराध" रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में जहां ऐसे कुल 232 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 1823 हो गई है। सबसे अधिक बढ़ोत्तरी इन अपराधों में देखी गई: साइबर पोर्नोग्राफी और बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री: 2018 में 44 से बढ़कर 2022 में 1171 मामले। साइबर स्टॉकिंग और बदमाशी: 2018 में 40 से बढ़कर 2022 में 158 मामले। ब्लैकमेलिंग और उत्पीड़न: 2018 में केवल 4 जबकि 2022 में 74 मामले। राज्य सरकारें ज़िम्मेदार, केंद्र दे रहा सहयोग: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत 'पुलिस' और 'लोक व्यवस्था' राज्य के विषय हैं। हालांकि, केंद्र सरकार 'भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र' (I4C) और विभिन्न वित्तीय सहायता योजनाओं के माध्यम से राज्यों को साइबर अपराध की रोकथाम में सहयोग दे रही है। महत्वपूर्ण पहलें: राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP): नागरिक अब https://cybercrime.gov.in पर महिला और बच्चों से जुड़े साइबर अपराधों की रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर 1930 भी 24x7 सहायता के लिए सक्रिय है। पूर्वोत्तर राज्यों में विशेष जागरूकता अभियान: CBSE और ISEA द्वारा स्कूलों में जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। डाक विभाग के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर जागरूकता: साइबर स्वच्छता संदेशों का प्रचार किया गया। शिक्षा पाठ्यक्रम में भी शामिल होगी साइबर स्वच्छता: I4C और NCERT मिलकर पाठ्यक्रम में साइबर सुरक्षा और स्वच्छता पर अध्याय जोड़ने की प्रक्रिया में हैं। इसके अलावा, दो लाख से अधिक NCC, NSS और NYKS छात्र भी साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, बच्चों की डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी स्तरों पर समन्वित प्रयास ज़रूरी हैं। यह कदम न केवल कानून व्यवस्था को सशक्त बनाएंगे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी साइबर दुनिया में सुरक्षित रहने की दिशा में तैयार करेंगे।
शराब घोटाले में चेतन्य बघेल को मिले थे 16.70 करोड़, ईडी ने पूर्व सीएम के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर जारी किया बयान

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। ईडी ने उन्हें विशेष न्यायालय (PMLA), रायपुर में पेश किया, जहां से उन्हें 22 जुलाई 2025 तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है। चेतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर ईडी ने एक अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।

प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ईडी की यह जांच ACB/EOW रायपुर द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस और ईडी की जांच में यह सामने आया है कि 2019 से 2022 के बीच हुए इस शराब घोटाले से राज्य सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ और करीब 2500 करोड़ रुपये की अवैध आय (Proceeds of Crime – POC) अर्जित की गई।

चैतन्य बघेल के खिलाफ आरोप क्या हैं?

ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल ने 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में खपाया। उन्होंने यह पैसा नकद में ठेकेदारों को भुगतान, फर्जी बैंक एंट्री और फ्लैट खरीद के बहाने से उपयोग किया। वह त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर एक ‘विठ्ठलपुरम’ नामक परियोजना में फर्जी फ्लैट खरीद की योजना बनाकर 5 करोड़ रुपये प्राप्त करने के आरोप में भी घिरे हैं। इन फ्लैटों को ढिल्लन के कर्मचारियों के नाम पर खरीदा गया था, लेकिन असल लाभार्थी चैतन्य ही थे।

जांच में यह भी पाया गया कि चैतन्य ने इस घोटाले से जुड़े 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध धनराशि को हैंडल किया और इसे अनवर ढेबर एवं अन्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुंचाया गया। यह राशि बघेल परिवार के करीबी लोगों द्वारा आगे निवेश के लिए प्रयोग की गई।

अब तक कौन-कौन फंसे हैं?

इस मामले में अब तक ईडी द्वारा जिन प्रमुख लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें शामिल हैं:अनिल टुटेजा (पूर्व आईएएस),अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लन,अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री और वर्तमान विधायक)ईडी ने बताया कि यह घोटाला सिर्फ शराब बिक्री तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे अर्जित धन का उपयोग राजनीतिक और निजी निवेशों में किया गया है। मामले में धन की अंतिम उपयोगिता की जांच अभी चल रही है और आने वाले समय में और भी खुलासे संभव हैं।

तुर्की-चाइना मेड हथियार से दिल्ली दहलाने की थी साजिश, इंटरनेशनल हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़

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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तान की एक और घातक साजिश को नाकाम कर दिया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े एक बड़े अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह पाकिस्तान के रास्ते तुर्की और चीन में बने हाई एंड पिस्टल भारत में सप्लाई कर रहा था।

तस्करों के पास से क्या-क्या हुआ बरामद?

डीसीपी संजीव कुमार यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच ने गुप्त सूचना के आधार पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इस अंतरराष्ट्रीय अवैध हथियार सप्लाई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस गैंग के चार मुख्य ऑपरेटिवों को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह के सदस्यों कोके पास से 10 विदेशी महंगी पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। ये हथियार दिल्ली और आसपास के राज्यों में बदमाशों और गैंगस्टरों तक पहुंचाए जा रहे थे।

आईएसआई के इशारों पर कर रहे था काम

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का कहना है कि ये पूरा नेटवर्क पाकिस्तान आईएसआई से जुड़े लोगों के इशारे पर काम कर रहा था। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में भेजी गई थी, जो बताती है कि दुश्मन कितनी आधुनिक तकनीक से आतंक फैलाने की तैयारी में था।

आरोपी पंजाब-यूपी और दिल्ली के

इन गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मनदीप, दलविंदर, रोहन और अजय उर्फ मोनू के रूप में हुई है। ये सभी आरोपी पंजाब, यूपी और दिल्ली के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पहले हथियार पाकिस्तान पहुंचाए जाते, फिर वहां से तस्करी कर भारत की सीमा के अंदर लाए जाते थे।

लाल किला धमाके के बाद सतर्क हुईं एजेसियां

बता दें कि बीते 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला के पास हुए धमाके की घटना के बाद एजेसियों ने अपनी निगरानी और पैनी कर दी है। हर एक संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। आतंक से संबंध रखने वाले हर किसी की धर-पकड़ की जा रही है। लाल किला धमाके की घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 2 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

डिजिटल अरेस्ट के झांसे में आए लखनऊ के रिटायर्ड अफसर व शिक्षक, साइबर ठगों ने उड़ाए लाखों

लखनऊ । साइबर ठगों का नया तरीका सामने आया है, जिसमें रिटायर्ड रेलवे अफसर और शिक्षक को डिजिटल अरेस्ट कर 30.57 लाख रुपये से अधिक की ठगी की गई। ठगों ने खुद को एटीएस, क्राइम ब्रांच और अन्य एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़ितों को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का झांसा दिया और जेल भेजने की धमकी देकर रकम वसूली। रेलवे से रिटायर्ड अफसर से 18 लाख रुपये की ठगी आलमबाग के गीतानगर निवासी रिटायर्ड रेलवे अफसर तेज बहादुर सिंह ने बताया कि 9 नवंबर को उन्हें अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि उनके आधार कार्ड से एचडीएफसी बैंक में खाता खुला है, जिसमें आतंकी धनराशि का आदान-प्रदान हो रहा है। झांसे में आकर तेज बहादुर ने ठगों से बात करना शुरू किया।ठगों ने उन्हें चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा। हर दो घंटे में अपडेट लेने के बाद अगले दिन बयान देने के लिए मुंबई एटीएस के कार्यालय आने के लिए कहा और फिर फोन पर झांसा देकर तेज बहादुर के पत्नी के खाते में 14 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए। अगले दिन चार लाख रुपये और हड़प लिए। बैंक द्वारा संदेह जताने पर परिवार को जानकारी मिलने के बाद तेज बहादुर को ठगी का अहसास हुआ। शिक्षक से छह दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 12.57 लाख रुपये की ठगी राजाजीपुरम निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक गया प्रसाद त्रिपाठी को सात नवंबर को अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को एटीएस इंस्पेक्टर बताकर कहा कि उनका नाम पाकिस्तान के लिंक में आया है और जम्मू-कश्मीर में मामला दर्ज है। ठगों ने छह दिन तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर 12.57 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाए। साइबर क्राइम पुलिस ने की कार्रवाई साइबर क्राइम थाने के प्रभारी ब्रजेश कुमार ने बताया कि गया प्रसाद के मामले में दो ठगों के खातों में 2.5 लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए। तेज बहादुर की ठगी की रकम भी वापस दिलाने की कोशिश की जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है। सावधानियां ,अपने खातों को सुरक्षित रखें अगर आपके बैंक में बड़ी रकम आती है, तो साइबर अपराधियों की नजर आपके खाते पर हो सकती है। ठग खुद को क्राइम ब्रांच, एटीएस या अन्य एजेंसियों का अधिकारी बताकर डराने का प्रयास करते हैं। आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स या हवाला में नाम जुड़ने की धमकी देकर पैसे वसूले जाते हैं। ऐसे कॉल आने पर परिवार और नज़दीकी लोगों को तुरंत जानकारी दें, खाते की जानकारी साझा न करें और कोई रकम ट्रांसफर न करें। शिकायत कैसे करें साइबर ठगी की घटना पर शिकायत साइबर क्राइम थाने, साइबर सेल, लोकल पुलिस स्टेशन, टोल फ्री नंबर 1930 या वेबसाइट www.cybercrime.gov.in के माध्यम से दर्ज कराई जा सकती है।
रांची के डॉक्टर को ट्रेडिंग का झांसा देकर ₹3.75 करोड़ का चूना; 17 मामलों में वांछित 'दीप मजूमदार' गिरफ्तार, फर्जी ऐप के जरिए किया फ्रॉड


रांची (झारखंड): झारखंड की राजधानी रांची में साइबर ठगों ने एक डॉक्टर को 3.75 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। इस मामले में झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य अपराधी दीप मजूमदार को पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुशमांडी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।

ऐसे दिया गया ठगी को अंजाम

पश्चिम बंगाल का रहने वाला ठग दीप मजूमदार, जो पहले भी 17 अन्य साइबर अपराधों में शामिल रहा है, ने डॉक्टर को ट्रेडिंग के जरिए मुनाफा कमाने का लालच दिया।

विश्वास जीतना: साइबर अपराधियों ने पहले "FYERS SECURITIES PRIVATE LIMITED" नाम से एक फर्जी WhatsApp ग्रुप बनाया और उसमें आकर्षक ट्रेडिंग ऑफर भेजे।

फर्जी ऐप: पीड़ित को एक नकली इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग ऐप "FYERS" डाउनलोड करने को कहा गया।

करोड़ों का लालच: इस फर्जी ऐप में डॉक्टर को ट्रेडिंग के दौरान करोड़ों रुपये का नकली मुनाफा दिखाया गया, जिससे पीड़ित का विश्वास जीता जा सका।

पैसे ट्रांसफर: जालसाजों ने नकली मुनाफा दिखाकर डॉक्टर को अपने झांसे में लिया और उनसे अलग-अलग बैंक खातों में लगभग 3.75 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए।

गिरफ्तार अपराधी का आपराधिक इतिहास

डॉक्टर को जब ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने झारखंड सीआईडी के साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद सीआईडी टीम ने दीप मजूमदार को गिरफ्तार किया।

17 शिकायतें: इस अपराधी के खिलाफ गृह मंत्रालय के National Cyber Crime Reporting Portal पर देश के आठ अलग-अलग राज्यों (तेलंगाना, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली) में कुल 17 शिकायतें दर्ज हैं।

C.I.D. की अन्य कार्रवाई

सीआईडी साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इस घटना से पहले अगस्त में, सीआईडी ने इन्वेस्टमेंट के नाम पर हुए 30 करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड का खुलासा किया था।

गिरफ्तारी: सीआईडी ने रांची, जामताड़ा समेत छह जिलों में छापेमारी कर कुल 7 अपराधियों को गिरफ्तार किया।

बरामदगी: अपराधियों के पास से 8 मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड, 9 एटीएम कार्ड, 4 पासबुक, 9 चेक बुक और केस से जुड़ी व्हाट्सएप चैट बरामद हुई थी।

म्यूल खाते: जांच में यह भी सामने आया कि झारखंड के साइबर अपराधियों ने साइबर फ्रॉड से अर्जित रकम छिपाने के लिए 15,000 म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल किया था।

*थाना धनघटा पुलिस द्वारा ग्राम गागरगाड़ व कबीर लाइब्रेरी बण्डा बाजार में चौपाल लगाकर छात्रो/लोगों को किया गया जागरुक*

धनघटा थानाक्षेत्र में बृहद स्तर पर चलाया जा रहा “साइबर अपराधों से बचाव” सम्बन्धी अभियान

पुलिस अधीक्षक संतकबीरनगर श्री संदीप कुमार मीना के निर्देशन, अपर पुलिस अधीक्षक श्री सुशील कुमार सिंह के मार्गदर्शन में क्षेत्राधिकारी धनघटा श्री प्रियम राजशेखर पाण्डेय के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक थाना धनघटा श्री जयप्रकाश दूबे द्वारा ग्राम गागरगाड़ व कबीर लाइब्रेरी बण्डा बाजार में साइबर जागरुकता कार्यक्रम से सम्बन्धित चौपालें आयोजित की गयी ।

प्रभारी निरीक्षक थाना धनघटा श्री जयप्रकाश दूबे द्वारा ग्राम गागरगाड़ व कबीर लाइब्रेरी बण्डा* में छात्रों/लोगों को बताया गया कि अज्ञात लिंक, कॉल, ईमेल, लॉटरी या क्यूआर कोड स्कैन करने जैसे धोखाधड़ी के प्रयासों से सावधान रहें । किसी भी प्रकार की साइबर ठगी या ऑनलाइन अपराध की सूचना तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें अथवा पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें, साथ ही लोगों से अपील की गई कि वे अपने बैंक विवरण, ओटीपी, पासवर्ड या व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें और सोशल मीडिया पर संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें । इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा उन्हें डिजिटल माध्यमों का सुरक्षित उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है साथ ही महिला / बालिकाओं को जागरुक करने के साथ ही उनके समस्याओं के निस्तारण कराने के संबंध में जागरुक किया गया । इस अवसर पर उ0नि0 श्री तुफानी यादव, म0उ0नि0 श्रीमती अंजली सरोज, म0आ0 सीता यादव, म0आ0 प्रेमा बिन्द, म0पीआरडी मनीता सहित अन्य अधिकारी/ कर्मचारीगण व स्कूल के स्टाफ मौजूद रहे ।

अक्षय कुमार की 13 साल की बेटी से मांगी गई अश्लील तस्वीरें, एक्टर ने महाराष्ट्र सीएम से लगाई गुहार

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बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने एक सनसनीखेज घटना का खुलासा किया है। उन्होंने साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे को उजागर करते हुए बताया है कि कैसे उनकी बेटी नितारा वीडियो गेम खेलते वक्त साइबर क्राइम का शिकार होते-होते बच गई। अक्षय ने इस घटना का जिक्र करते हुए महाराष्ट्र सरकार से साइबर क्राइम से जुड़ा एक चैप्टर कोर्स में भी शामिल करने की मांग की है। बता दें कि अक्षय की बेटी नितारा सिर्फ 13 साल की हैं।

महाराष्ट्र पुलिस के ‘साइबर अवेयरनेस मंथ’ के उद्घाटन समारोह में अक्षय कुमार ने उस आपबीती का खुलासा किया। कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र पुलिस मुख्यालय में हुआ, जहां अक्षय कुमार ने अपनी बेटी के साथ हुई साइबर क्राइम की घटना का जिक्र किया और देवेंद्र फडणवीस से विनती करते हुए कहा कि हर स्कूल में बच्चों को 'साइबर' को सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाए।

अक्षय कुमार में अपने घर में घटी घटना किया जिक्र

अक्षय कुमार ने कार्यक्रम में कहा, मैं आपको उस घटना के बारे में बताना चाहता हूं जो कुछ महीनों पहले मेरे घर में घटी थी। मेरी बेटी ऑनलाइन गेम खेल रही थी और उस गेम में कई लोग शामिल होते हैं जिन्हें हम नहीं जानते। वहां से मैसेज आता है, 'बहुत अच्छा खेला, वेरी गुड,' और फिर सवाल आता है कि 'तुम कहां रहती हो?' मेरी बेटी ने लोकेशन बता दी। फिर कुछ दिन सब कुछ नॉर्मल हो गया, और फिर मैसेज आता है…'मेल हो या फीमेल?' मेरी बेटी उसका भी जवाब देती है। उसके बाद एक और मैसेज आता है, क्या आप मुझे अपनी न्यूड तस्वीरें भेज सकते हैं?

अक्षय की महाराष्ट्र सरकार से खास अपील

इस मामले में महाराष्ट्र सरकार और मुख्यमंत्री से मांग करते हुए अक्षय ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि हमारे महाराष्ट्र राज्य में सातवीं, आठवीं, नौवीं और दसवीं कक्षा में हर हफ्ते साइबर पीरियड नाम से एक पीरियड होना चाहिए। जहां बच्चों को इसके बारे में समझाया जाए। उन्होंने कहा कि आप सभी जानते हैं कि यह अपराध सड़क पर होने वाले अपराध से भी बड़ा होता जा रहा है। इस अपराध को रोकना बहुत जरूरी है।

ऑपरेशन “साइबर कवच’’ के दृष्टिगत जनपद पुलिस ने आम जनमानस को साइबर अपराध से बचाव हेतु किया जागरूक

गोण्डा। ऑपरेशन "साइबर कवच" के दृष्टिगत जनपद गोण्डा में साइबर अपराधों की रोकथाम एवं आमजन को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने हेतु पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल के निर्देशन में समस्त थाना प्रभारियों द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रों में साइबर जागरूकता अभियान चलाया गया ।

अभियान के अंतर्गत विद्यालयों, महाविद्यालयों, ग्राम सभाओं, बाजारों, बैंकों एवं सार्वजनिक स्थलों पर जनसभाओं का आयोजन कर नागरिकों को ऑनलाइन ठगी, ओटीपी फ्रॉड, फर्जी लिंक, सोशल मीडिया धोखाधड़ी जैसी घटनाओं से सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही, cybercrime.gov.in पोर्टल व हेल्पलाइन नंबर 1930 के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की विधि की जानकारी भी दी गई ।

पुलिस कर्मियों द्वारा आमजन को यह भी बताया गया कि आजकल ठग APK file के ज़रिए लोगों को सरकारी स्कीम, निमंत्रण पत्र और लुभावने ऑफ़र के नाम पर लिंक भेजकर फंसाते हैं। इन्हें इंस्टॉल करते ही आपका डेटा और बैंकिंग जानकारी चोरी हो सकती है। इसलिए अनजान APK file कभी डाउनलोड न करें । किसी भी अज्ञात कॉल, संदिग्ध लिंक या लुभावने ऑफर के झांसे में न आएं एवं अपने बैंक संबंधी गोपनीय जानकारी किसी से साझा न करें ।

साइबर सुरक्षा टिप्स-

01. ऑनलाइन लेन-देन में सावधानी बरतें

02. किसी भी अनजान फोन कॉल पर अपनी बैंक डिटेल, ओटीपी, बायोमैट्रिक डेटा, पैन कार्ड व आधार कार्ड की डिटेल किसी के साथ साझा न करें।

03. सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

04. अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें।

05. अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें।

06. ऑनलाइन शॉपिंग में सुरक्षित वेबसाइट्स का उपयोग करें।

07. पासवर्ड को मजबूत और गुप्त रखें।

08. ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखें।

09. साइबर बुलिंग और साईबर स्टॉकिंग के मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें।

10. ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों में कंपनी प्रबंधन और पुलिस को सूचित करें।

11. साइबर क्राइम की रिपोर्ट करने के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1930 का प्रयोग करे।

पीएम से लेकर सीएम तक...गंभीर मामलों में गिरफ्तारी पर छोड़ना होगा पद, संसद में आज अहम विधेयक पेश करेगी सरकार

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केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार आज अहम बिल पेश करने जा रही है। इस बिल में ऐसा प्रावधान है कि कोई भी मंत्री, मुख्यमंत्री या यहां तक कि प्रधानमंत्री भी अगर किसी अपराध में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहता है तो उसे पद से हटना पड़ेगा। ये प्रस्तावित कानून केवल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों पर ही नहीं, बल्कि केंद्र के मंत्रियों और प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा।

अमित शाह बुधवार को लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है। इन विधेयकों का उद्देश्य यह है कि अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है तो उन्हें उनके पद से हटाया जा सके। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा कानूनों में ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है जिससे गिरफ्तारी या न्यायिक हिरासत की स्थिति में ऐसे नेताओं को उनके पद से हटाया जा सके। इसी कमी को दूर करने के लिए सरकार ने ये तीन विधेयक तैयार किए हैं।

संसद में आज जो बिल पेश किए जाएंगे, ये विधेयक हैं: केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025; संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने के लिए लोकसभा में एक प्रस्ताव भी पेश करेंगे।

30 दिन लगातार हिरासत में रहने पर छोड़ना होगा पद

संविधान संशोधन विधेयक में धारा 75 में नया क्लॉज़ 5(ए) जोड़ने का प्रस्ताव है। इसके अनुसार यदि कोई मंत्री 30 दिन लगातार गिरफ्तार रहकर हिरासत में रहता है और उस पर ऐसा आरोप है जिसमें पांच साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है, तो राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर 31वें दिन उसे पद से हटा देंगे। अगर प्रधानमंत्री 31वें दिन तक यह सलाह नहीं देते तो भी वह मंत्री अपने आप पद से मुक्त हो जाएगा।

प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा ये नियम

इसी तरह प्रधानमंत्री पर भी नियम और कड़े होंगे। अगर पीएम लगातार 30 दिन हिरासत में रहते हैं तो उन्हें 31वें दिन इस्तीफा देना होगा। अगर इस्तीफा नहीं देते तो वे अपने आप प्रधानमंत्री पद से हट जाएंगे। हालांकि, ऐसे मंत्री या प्रधानमंत्री रिहाई के बाद दोबारा नियुक्त हो सकते हैं। यही प्रावधान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर भी लागू होगा।

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

वहीं कांग्रेस ने इन विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार इन विधेयकों के जरिए विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा विपक्ष को कमजोर करने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना है कि केंद्र की एजेंसियों से विपक्षी नेताओं को मनमाने ढंग से गिरफ्तार कराया जाए और फिर नए कानून के तहत उन्हें तुरंत पद से हटा दिया जाए।

ऑपरेशन “साइबर कवच’’ के दृष्टिगत जनपद पुलिस ने आम जनमानस को साइबर अपराध से बचाव हेतु किया जागरूक

गोण्डा। पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल के निर्देशन में चलाए जा रहे साइबर जागरुकता अभियान ऑपरेशन "साइबर कवच" के दृष्टिगत जनपद गोण्डा में साइबर अपराधों की रोकथाम एवं आमजन को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने हेतु समस्त थाना प्रभारियों द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्रों में साइबर जागरूकता अभियान चलाया गया ।

अभियान के अंतर्गत विद्यालयों, महाविद्यालयों, ग्राम सभाओं, बाजारों, बैंकों एवं सार्वजनिक स्थलों पर जनसभाओं का आयोजन कर नागरिकों को ऑनलाइन ठगी, ओटीपी फ्रॉड, फर्जी लिंक, सोशल मीडिया धोखाधड़ी जैसी घटनाओं से सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही, cybercrime.gov.in पोर्टल व हेल्पलाइन नंबर 1930 के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की विधि की जानकारी भी दी गई ।

पुलिस कर्मियों द्वारा आमजन को यह भी बताया गया कि किसी भी अज्ञात कॉल, संदिग्ध लिंक या लुभावने ऑफर के झांसे में न आएं एवं अपने बैंक संबंधी गोपनीय जानकारी किसी से साझा न करें ।

साइबर सुरक्षा टिप्स-

01. ऑनलाइन लेन-देन में सावधानी बरतें

02. किसी भी अनजान फोन कॉल पर अपनी बैंक डिटेल, ओटीपी, बायोमैट्रिक डेटा, पैन कार्ड व आधार कार्ड की डिटेल किसी के साथ साझा न करें।

03. सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

04. अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें।

05. अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें।

06. ऑनलाइन शॉपिंग में सुरक्षित वेबसाइट्स का उपयोग करें।

07. पासवर्ड को मजबूत और गुप्त रखें।

08. ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखें।

09. साइबर बुलिंग और साईबर स्टॉकिंग के मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें।

10. ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों में कंपनी प्रबंधन और पुलिस को सूचित करें।

11. साइबर क्राइम की रिपोर्ट करने के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1930 का प्रयोग करें।

*जनपदीय पुलिस का यह प्रयास है कि हर नागरिक साइबर अपराधों को पहचान सके और सतर्क रहकर खुद को तथा दूसरों को सुरक्षित रख सके।

बच्चों को साइबर अपराध का बन रहा निशाना, गृह मंत्रालय ने जताई चिंता
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर !नई दिल्ली, 29 जुलाई 2025: गृह मंत्रालय ने देशभर में बढ़ते साइबर अपराधों, विशेषकर बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों पर गहरी चिंता जताई है। हाल ही में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने बताया कि वर्ष 2018 से 2022 के बीच बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराधों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा प्रकाशित "भारत में अपराध" रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में जहां ऐसे कुल 232 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 1823 हो गई है। सबसे अधिक बढ़ोत्तरी इन अपराधों में देखी गई: साइबर पोर्नोग्राफी और बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री: 2018 में 44 से बढ़कर 2022 में 1171 मामले। साइबर स्टॉकिंग और बदमाशी: 2018 में 40 से बढ़कर 2022 में 158 मामले। ब्लैकमेलिंग और उत्पीड़न: 2018 में केवल 4 जबकि 2022 में 74 मामले। राज्य सरकारें ज़िम्मेदार, केंद्र दे रहा सहयोग: भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत 'पुलिस' और 'लोक व्यवस्था' राज्य के विषय हैं। हालांकि, केंद्र सरकार 'भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र' (I4C) और विभिन्न वित्तीय सहायता योजनाओं के माध्यम से राज्यों को साइबर अपराध की रोकथाम में सहयोग दे रही है। महत्वपूर्ण पहलें: राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP): नागरिक अब https://cybercrime.gov.in पर महिला और बच्चों से जुड़े साइबर अपराधों की रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर 1930 भी 24x7 सहायता के लिए सक्रिय है। पूर्वोत्तर राज्यों में विशेष जागरूकता अभियान: CBSE और ISEA द्वारा स्कूलों में जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। डाक विभाग के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर जागरूकता: साइबर स्वच्छता संदेशों का प्रचार किया गया। शिक्षा पाठ्यक्रम में भी शामिल होगी साइबर स्वच्छता: I4C और NCERT मिलकर पाठ्यक्रम में साइबर सुरक्षा और स्वच्छता पर अध्याय जोड़ने की प्रक्रिया में हैं। इसके अलावा, दो लाख से अधिक NCC, NSS और NYKS छात्र भी साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, बच्चों की डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी स्तरों पर समन्वित प्रयास ज़रूरी हैं। यह कदम न केवल कानून व्यवस्था को सशक्त बनाएंगे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी साइबर दुनिया में सुरक्षित रहने की दिशा में तैयार करेंगे।
शराब घोटाले में चेतन्य बघेल को मिले थे 16.70 करोड़, ईडी ने पूर्व सीएम के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर जारी किया बयान

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। ईडी ने उन्हें विशेष न्यायालय (PMLA), रायपुर में पेश किया, जहां से उन्हें 22 जुलाई 2025 तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है। चेतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर ईडी ने एक अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।

प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ईडी की यह जांच ACB/EOW रायपुर द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस और ईडी की जांच में यह सामने आया है कि 2019 से 2022 के बीच हुए इस शराब घोटाले से राज्य सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ और करीब 2500 करोड़ रुपये की अवैध आय (Proceeds of Crime – POC) अर्जित की गई।

चैतन्य बघेल के खिलाफ आरोप क्या हैं?

ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल ने 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में खपाया। उन्होंने यह पैसा नकद में ठेकेदारों को भुगतान, फर्जी बैंक एंट्री और फ्लैट खरीद के बहाने से उपयोग किया। वह त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर एक ‘विठ्ठलपुरम’ नामक परियोजना में फर्जी फ्लैट खरीद की योजना बनाकर 5 करोड़ रुपये प्राप्त करने के आरोप में भी घिरे हैं। इन फ्लैटों को ढिल्लन के कर्मचारियों के नाम पर खरीदा गया था, लेकिन असल लाभार्थी चैतन्य ही थे।

जांच में यह भी पाया गया कि चैतन्य ने इस घोटाले से जुड़े 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध धनराशि को हैंडल किया और इसे अनवर ढेबर एवं अन्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुंचाया गया। यह राशि बघेल परिवार के करीबी लोगों द्वारा आगे निवेश के लिए प्रयोग की गई।

अब तक कौन-कौन फंसे हैं?

इस मामले में अब तक ईडी द्वारा जिन प्रमुख लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें शामिल हैं:अनिल टुटेजा (पूर्व आईएएस),अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लन,अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री और वर्तमान विधायक)ईडी ने बताया कि यह घोटाला सिर्फ शराब बिक्री तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे अर्जित धन का उपयोग राजनीतिक और निजी निवेशों में किया गया है। मामले में धन की अंतिम उपयोगिता की जांच अभी चल रही है और आने वाले समय में और भी खुलासे संभव हैं।