अब फोन करने पर “परेशान” नहीं करेगी अमिताभ बच्चन की आवाज, हट जाएगी साइबर फ्रॉड कैंपेन वाली कॉलर ट्यून

#amitabhbachchancybercrimecallertuneremoved

आज के दौर में हम अक्सर काम ऑनलाइन करते हैं। हालांकि, ऑनलाइन का चलन बढ़ने के साथ साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार ने एक व्यापक अभियान चलाया था। जब भी हम किसी को फोन करते थे तो एक कॉलर ट्यून तब बजती थी। इसमें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन साइबर क्राइम को लेकर जागरूक करते सुने जाते थे। हालांकि, अब अमिताभ बच्चन की आवाज वाली साइबर सुरक्षा जागरूकता कॉलर ट्यून को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

रिपोर्ट्स हैं कि सरकार ने ये डिसाइड किया है कि साइबर क्राइम से बचने के लिए देशवासियों को जागरुक करने के लिए जो कॉलर ट्यून लगी हुई थी उसे अब हटा दिया जाएगा। 26 जून यानी आज से ही वो कॉलर ट्यून हटा दी जाएगी।आम जनता की शिकायतों के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इस पर ब्रेक लगा दिया है।

कॉलर ट्यून को बंद करने हो रही थी मांग

साइबर सुरक्षा जागरूकता कॉलर ट्यून वाला 40 सेकंड का मैसेज हर कॉल से पहले बजता है।इस कॉलर ट्यून को लेकर लोगों का कहना था कि चाहे कितनी भी जरूरी कॉल हो, इसको सुनना मजबूरी बन गया है। इससे जुड़ी शिकायतें केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय और TRAI तक पहुंच रही थीं। सोशल मीडिया पर भी इस कॉलर ट्यून को बंद करने की मांग उठ रही थी।

शिकायतों के बाद मंत्रालय का फैसला

इस कॉलर ट्यून की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मंत्रालय की तरफ से ये फैसला लिया गया है। एक पोस्ट में कहा गया है कि साइबर जागरूकता कॉलर ट्यून आपकी और आपके पैसों की सुरक्षा के लिए है। साइबर जागरूकता कॉलर ट्यून इमरजेंसी नंबर पर नहीं बनाए जाते हैं। अब सामान्य कॉल पर भी ये दिन में केवल दो बार चलाए जाते हैं। मंत्रालय ने साफ कर दिया कि अब आम जनता को हर कॉल पर ये कॉलर ट्यून नहीं सुननी पड़ेगी।

इस कॉलर ट्यून की वजह से अमिताभ हो चुके हैं ट्रोल

बता दें कि इस कॉलर ट्यून की वजह से अमिताभ को कई बार ट्रोलिंग भी झेलनी पड़ी थी. लोग उन्हें ये हटाने के लिए भी बोलते थे. हाल में एक यूजर ने अमिताभ से कहा था- फोन पर बोलना बंद करो तो इस पर अमिताभ ने जवाब भी दिया था। अमिताभ ने कहा था- सरकार को बोलो भाई, उन्होंने हमसे कहा था सो किया।

Counseling Meeting for Offenders Held Under Leadership of Station House Officer at Captanganj Police Station





Azamgarh: A special meeting was organized at the Captanganj police station under the leadership of Station House Officer (SHO) Vivek Kumar Pandey. Individuals identified with criminal tendencies in the area were invited to the meeting to establish dialogue with them. The objective of the meeting was to reintegrate offenders into the mainstream and spread awareness towards building a crime-free society.

During the session, SHO Vivek Pandey briefed the attendees about the consequences of engaging in criminal activities and gave a strict warning against involvement in any such acts in the future. He also instructed that any suspicious or illegal activity in the area should be reported to the police immediately.

This initiative by the police administration is being seen as a positive step towards maintaining law and order in society. On this occasion, Senior Sub-Inspector Vinod Kumar Yadav, Sub-Inspectors Mayapati Pandey, Kashi Nath Yadav, Aman Tiwari, Prince Mishra, and other officers and staff members were also present.








Azamgarh: A special meeting was organized at the Captanganj police station under the leadership of Station House Officer (SHO) Vivek Kumar Pandey. Individuals identified with criminal tendencies in the area were invited to the meeting to establish dialogue with them. The objective of the meeting was to reintegrate offenders into the mainstream and spread awareness towards building a crime-free society.

During the session, SHO Vivek Pandey briefed the attendees about the consequences of engaging in criminal activities and gave a strict warning against involvement in any such acts in the future. He also instructed that any suspicious or illegal activity in the area should be reported to the police immediately.

This initiative by the police administration is being seen as a positive step towards maintaining law and order in society. On this occasion, Senior Sub-Inspector Vinod Kumar Yadav, Sub-Inspectors Mayapati Pandey, Kashi Nath Yadav, Aman Tiwari, Prince Mishra, and other officers and staff members were also present.

लखनऊ पुलिस की नई उड़ान: ईगल मोबाइल से होगा अपराधियों का पीछा"

लखनऊ की सड़कों पर अब अपराधियों को सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि अब उन्हें हर वक्त निगाह में रखेगी एक नई ताकत— ईगल मोबाइल टीम। अपराध पर अंकुश लगाने और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखने के लिए लखनऊ पुलिस ने 17 अप्रैल 2025 को एक नई और अत्याधुनिक पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत हर थाने में एक दोपहिया वाहन पर तैनात दो पुलिसकर्मी अपराधियों की गतिविधियों पर बाज की नजर रखेंगे।

यह टीम अपराधियों पर बाज जैसी पैनी नजर रखेगी

राजधानी पुलिस ने अपराध और अपराधियों पर सख्ती से शिकंजा कसने के लिए ‘ईगल मोबाइल - क्रिमिनल सर्विलांस एंड मॉनिटरिंग टीम’ का गठन किया है। पुलिस आयुक्त लखनऊ कमिश्नरेट और संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) के नेतृत्व में शुरू की गई इस अनोखी पहल का उद्देश्य है— अपराधियों की नियमित निगरानी, जानकारी का संकलन और समय रहते कार्रवाई।इस टीम का नाम ‘ईगल’ इसलिए रखा गया है क्योंकि यह टीम अपराधियों पर बाज जैसी पैनी नजर रखेगी। ईगल मोबाइल टीम को खास दोपहिया वाहनों और आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। हर थाने में यह टीम दो पुलिसकर्मियों—मुख्य आरक्षी या आरक्षी—की होगी, जो क्षेत्र के अपराधियों का पूरा डेटा तैयार कर उनके ठिकानों तक पहुंच बनाएगी।

ईगल मोबाइल टीम के प्रमुख कार्य

-प्रत्येक थाने में तैनात दो पुलिसकर्मियों को एक विशेष दोपहिया वाहन प्रदान किया गया है।

-इन्हें अपराधियों की विस्तृत सूची दी जाएगी, जिसमें History-Sheeter, सक्रिय अपराधी, गैंग के सदस्य, दस साल के आपराधिक रिकॉर्ड वाले अपराधी तथा हाल ही में जेल से रिहा अपराधी शामिल होंगे।

-हर दिन कम से कम 10 अपराधियों का डोज़ियर तैयार किया जाएगा, जिसमें उनके पते, गतिविधियों, पुराने अपराध, संपर्क आदि का विवरण होगा।

-डोज़ियर पूर्ण होने के बाद प्रत्येक दिन कम से कम 20 अपराधियों की निगरानी की जाएगी।

-ईगल मोबाइल टीम के सभी सदस्यों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा, जहां रोज़ के कामों की रिपोर्ट पोस्ट की जाएगी।

-जेल से छूटे अपराधियों की सूची रोजाना व्हाट्सएप ग्रुप में दी जाएगी, जिसके आधार पर संबंधित थाना क्षेत्र के अपराधियों का सत्यापन किया जाएगा।

-अपराधी एलबम रजिस्टर को अपडेट किया जाएगा, जो थानों में पहले से बनाए जाते रहे हैं।

-HS (History-Sheeter)/सक्रिय अपराधियों और गैंग सदस्यों की लगातार निगरानी की जाएगी।

-जेल जाने वाले अपराधियों से पूछताछ कर उनका डोज़ियर तैयार किया जाएगा।

-डोज़ियर स्कैन कर DCRB (District Crime Record Bureau) कार्यालय भेजा जाएगा और Trinetra ऐप पर अपलोड के लिए SHO को सौंपा जाएगा।

-इन पुलिसकर्मियों को किसी और ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा, जिससे इनका पूरा ध्यान निगरानी पर ही रहे।

-दूसरे थाना क्षेत्र के अपराधियों की सूचना पर संबंधित थानों की ईगल मोबाइल टीम से समन्वय किया जाएगा।

-रोज़ाना की रिपोर्ट थाना प्रभारी व सहायक पुलिस आयुक्त को सौंपी जाएगी।

-DCRB कार्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जो पूरे जिले की रिपोर्ट का विश्लेषण करेगा। इसकी निगरानी प्रभारी DCRB (सीयूजी- 9454458079) द्वारा की जाएगी।

-प्रत्येक महीने दो बार (प्रथम पक्ष व द्वितीय पक्ष) ईगल मोबाइल की बैठक DCP Crime द्वारा की जाएगी।

इस योजना से पुलिस अपराधियों के मूवमेंट रख पाएगी नजर

इस योजना के तहत लखनऊ पुलिस अपराधियों के हर मूवमेंट पर नजर रख पाएगी। इससे अपराधियों में खौफ पैदा होगा और साथ ही पुलिस की सूचना तंत्र पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होगा। इस टेक-सपोर्टेड निगरानी प्रणाली से पुलिस समय पर एक्शन ले सकेगी और आम जनता को भी सुरक्षा का अहसास होगा।

साइबर क्राइम के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई, साइबर ठगों को फर्जी सिम बेचने वाले 5 पीओएस एजेंट गिरफ्तार

बिलासपुर-  ऑनलाइन साइबर फ्रॉड (Cyber Crime) के लिए फर्जी सिम कार्ड देने वाले 5 पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) एजेंटों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये आरोपी दिल्ली, अलवर (राजस्थान) समेत अन्य स्थानों पर साइबर ठगों को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे. पुलिस ने एक साथ रेड कार्रवाई कर आरोपियों को पकड़ा है. पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ धारा 66(C)-INF, 316(5), 318(4), 336(3)-BNS के तहत कार्रवाई की है और आगे की जांच जारी है.

एडीशनल एसपी अर्चना झा ने बताया कि एसपी रजनेश सिंह ने साइबर क्राइम पोर्टल में रिपोर्ट किए गए पीओएस एजेंटों की जांच के लिए योजना तैयार कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पीओएस एजेंटों को चिन्हित किया गया, तो पता चला कि कोटा क्षेत्र के कुछ लोग आमजन की आईडी पर एक से अधिक सिम कार्ड जारी करवाकर साइबर ठगों को दिल्ली, अलवर, राजस्थान और अन्य स्थानों में भेज रहे हैं तथा साइबर ठगी के रैकेट में शामिल होकर अवैध मुनाफा कमा रहे हैं.

जांच में संदिग्ध पाए गए बैंक खातों म्यूल अकाउंट की भी जांच की गई. जांच में पाया गया साइबर ठगी के लिए फर्जी सिम कार्ड भी जारी किए गए हैं. जिस सिम कार्ड का साइबर ठग डिजिटल अरेस्ट शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड, केवाईसी अपडेट जैसे साइबर अपराध में उपयोग करते थे.पुलिस ने कोटा क्षेत्र में दबिश देकर 5 पीओएस एजेंट को गिरफ्तार कर लिया, और उनके खिलाफ कार्रवाई में जुटी हुई है.

बैंकिंग फ्रॉड में पहले भी 19 लोग गिरफ्तार

बता दें कि इससे पहले साइबर ठगी में कमीशन पर बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले बैंक कर्मियों और एजेंटों सहित 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अब पुलिस ने कोटा क्षेत्र में दबिश देकर 5 पीओएस एजेंटों को गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार आरोपियों के नाम

अंशु श्रीवास (19 वर्ष), निवासी पथर्रा, थाना कोटा, बिलासपुर.

फिरोज अंसारी (19 वर्ष), निवासी फिरंगीपारा, थाना कोटा, बिलासपुर.

मुकुल श्रीवास (21 वर्ष), निवासी फिरंगीपारा, थाना कोटा, बिलासपुर.

द्वारिका साहू (23 वर्ष), निवासी वार्ड नं. 10, डाक बंगलापारा, थाना कोटा, बिलासपुर.

जय पालके (20 वर्ष), निवासी नवागांव कोटा, थाना कोटा, बिलासपुर.

किसी को 'मियां-तियां' या पाकिस्तानी कहना अपराध नहीं', सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी


#calling_someone_miyan_tian_and_pakistani_is_not_crime_supreme_court 

सुप्रीम कोर्ट ने 'मियां-तियां' और 'पाकिस्तानी' कहने के आरोपी को राहत दी है। कोर्ट ने धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में दर्ज केस निरस्त कर दिया है। जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने इस तरह की बात कहने को असभ्यता कहा है, लेकिन उसके चलते मुकदमा चलाने को सही नहीं माना।

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 298 (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से शब्द आदि बोलना) के तहत आरोप से एक व्यक्ति को मुक्त कर दिया।कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता पर उसे 'मियां-तियां' और 'पाकिस्तानी' कहकर उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। अदालत ने कहा कि निस्संदेह, दिए गए कथन गलत है। हालाँकि, इससे याचिकाकर्ता की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुचती है।

जस्टिस बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच झारखंड उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ दायर अपील पर विचार कर रही थी, जिसमें अपीलकर्ता को आरोप मुक्त करने से इनकार कर दिया गया था। मामला उप-विभागीय कार्यालय, चास में एक उर्दू अनुवादक और कार्यवाहक क्लर्क (सूचना का अधिकार) की तरफ से दर्ज एफआईआर से जुड़ा था।

यह मामला उस समय शुरू हुआ जब एक सरकारी कर्मचारी, जो कि उर्दू अनुवादक और सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत कार्यरत था, ने एक आदेश के तहत हरी नंदन सिंह को कुछ दस्तावेज सौंपे। आरोप के मुताबिक सिंह ने दस्तावेज स्वीकार करने में अनिच्छा दिखाई और इसके बाद कर्मचारी के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया। यह भी कहा गया कि उन्होंने सरकारी कर्मचारी को 'पाकिस्तानी' कहकर संबोधित किया और उसे डराने का प्रयास किया।

इस घटना के बाद सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। हरी नंदन सिंह ने इस मामले में पहले सेशन कोर्ट और फिर राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन दोनों अदालतों ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया। आखिर में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतिश चंद्र शर्मा की बेंच ने फैसला सुनाया कि इस मामले में धारा 298 लागू नहीं होती क्योंकि आरोपी की टिप्पणियां भले ही अनुचित थीं, लेकिन वे किसी विशेष धर्म के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से नहीं कही गई थीं।

दिल्‍ली को क्राइम फ्री करने का प्‍लान तैयार, कानून व्यवस्था को लेकर अमित शाह से मिली सीएम रेखा गुप्ता

#amitshahmeetcmrekhaguptatomakedelhicrimefree

देश की राजधानी दिल्‍ली में बीजेपी की अगुआई में नई सरकार का गठन भी हो चुका है। रेखा गुप्‍ता ने दिल्‍ली की नई मुख्‍यमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण कर लिया है। इसके साथ ही जनता के हित में फैसलों का दौर भी शुरू हो चुका है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता, गृह विभाग के मंत्री आशीष सूद, दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की मौजूदगी में कानून-व्यवस्था को लेकर शुक्रवार को हाई -लेवल मीटिंग की। मीटिंग में दिल्ली की कानून-व्यवस्था और एक-दूसरे के साथ बेहतर कॉर्डिनेशन को लेकर चर्चा हुई। इसमें गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस की यह प्राथमिकता होनी चाहिए कि दिल्ली में गैंगस्टरों और इंटरस्टेट गैंग्स को लेकर इनके खिलाफ सख्त से सख्त अप्रोच रखते हुए इन्हें समाप्त किया जाए।

इस दौरान अमित शाह ने दिल्‍ली को क्राइम फ्री और क्‍लीन करने के लिए पांच सूत्रीय फॉर्मूला सुझाया। उन्‍होंने इसपर तत्‍काल अमल करने को भी कहा है, ताकि दिल्‍ली की जनता की जिंदगी बेहतर हो सकेः-

1.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में प्रवेश कराने में मदद करने वाले नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

2.अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

3.अमित शाह ने कहा कि शहर में इंटरस्‍टेट गिरोहों को सख्ती से खत्म करना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए।

4.केंद्रीय गृह मंत्री ड्रग सिंडिकेट के खिलाफ भी सख्‍त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

5. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने अमित शाह ने आगे कहा कि डीसीपी स्तर के अधिकारी पुलिस स्टेशनों में जाकर जनसुनवाई शिविर लगाएं और जनता की समस्याओं का समाधान करें। दिल्ली पुलिस को उन स्थानों की पहचान करनी चाहिए जहां रोजाना ट्रैफिक जाम होता है और दिल्ली पुलिस कमिश्‍नर और मुख्य चीफ सेक्रेटरी को बैठक करनी चाहिए और इसका त्वरित समाधान निकालना चाहिए, ताकि जनता को राहत मिल सके।

पुलिस थानों के प्रदर्शन को लेकर कही ये बात

मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री ने निर्देश दिए कि दिल्ली में कंस्ट्रक्शन से संबंधित मामलों में दिल्ली पुलिस की परमिशन की जरुरत नहीं होगी। साथ ही उन्होंने दिल्ली पुलिस के ऐसे पुलिस थानों को चेतावनी देते हुए कड़े शब्दों में यह भी कहा कि जिन भी पुलिस थानों का प्रदर्शन लगातार खराब होगा। ऐसे पुलिस थानों और तमाम सब-डिवीजन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि जनता को भी यह मैसेज जाए कि अगर कोई पुलिस थाना लोगों की उम्मीदों पर खरा ना उतरते हुए इलाके में कानून-व्यवस्था सामान्य रख पाने में कामयाब नहीं हो पा रहा है तो उसके पूरे थाने के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है।

शीला दीक्षित के बाद पहली बार ऐसी मीटिंग

बताया जाता है कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बाद ऐसा पहला मौका था जब दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री और दिल्ली पुलिस कमिश्नर समेत अन्य आला अधिकारियों ने इस तरह से एक मंच पर मीटिंग हुई हो। जबकि दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने के बाद यह पहली मीटिंग थी।

मंईयां सम्मान योजना का लाभ दिलाने के नाम पर साइबर ठगी करते 12 युवक गिरफ्तार

देवघर:मंईयां सम्मान योजना और किसान समृद्धि योजना जैसी सरकारी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर लोगों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे 12 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये लोग प्रशासनिक अधिकारी बनकर लोगों को ठगने की फिराक में थे.

 देवघर साइबर थाने की विशेष टीम ने कुंडा थाना क्षेत्र के के नैयाडीह और जसीडीह थानांतर्गत पैनी गांव के समीप जंगल में छापेमारी की. इस दौरान फर्जी ब्लॉक अधिकारी बनकर आम लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं किसान समृद्धि योजना और मंईयां सम्मान योजना का लाभ दिलाने के नाम पर ग्राहकों से साइबर ठगी करते 12 युवकों को गिरफ्तार किया गया. इन आरोपितों के खिलाफ साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर सभी को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

इन आरोपितों को किया गया गिरफ्तार

पुलिस मीडिया सेल के अनुसार, गिरफ्तार आरोपितों में सारठ थाना के पथरड्डा ओपी क्षेत्र के डुमरिया गांव निवासी श्याम सुदर दास सहित सारठ के रानीबांध गांव निवासी नितेश कुमार दास, मधुपुर थाना क्षेत्र के चक बगजोरा गांव निवासी विक्रम दास, पसिया गांव निवासी कुंदन दास, मोहनपुर थाना क्षेत्र के खरगडीहा गांव निवासी अमित कुमार, लतासारे गांव निवासी अख्तर अंसारी, करौं थाना क्षेत्र के नागादारी गांव के बुढ़ियाबाद टोला निवासी सफाकत अंसारी, सरफराज अंसारी, सिराज अंसारी, देवीपुर थाना क्षेत्र के बिरनियां गांव निवासी सूरज कुमार दास व कुंडा थाना क्षेत्र के कुरुमटांड़ गांव निवासी अनिल कुमार दास शामिल हैं.

आरोपितों से 17 मोबाइल फोन और 34 सिम कार्ड जब्त

आरोपितों के पास से छापेमारी टीम ने 17 मोबाइल फोन के साथ-साथ 23 सिम कार्ड और 11 प्रतिबिंब टारगेटेड सिम जब्त किये हैं. जांच में आरोपितों के पास से जब्त मोबाइल नंबरों के खिलाफ प्रतिबिंब ऐप पर ऑनलाइन शिकायतें दर्ज मिली हैं. पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि क्रेडिट कार्ड अधिकारी बनकर फर्जी मोबाइल नंबर से उपभोक्ताओं को कॉल करके झांसे में लेते थे और केवाइसी अपडेट कराने के नाम पर ठगी करते थे. मीडिया सेल ने बताया कि आरोपित श्याम सुंदर के खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड है. वर्ष 2020 में साइबर थाने में दर्ज ठगी और आईटी एक्ट के एक मामले में वह आरोपित था और जेल भी जा चुका है.

पुलिस की अपील- साइबर ठगी हो, तो ऑनलाइन करें शिकायत

पुलिस ने अपील की है कि साईबर क्राइम एक अपराध है. इससे दूर रहें. यदि आपके थाना क्षेत्र में किसी भी जगह पर साइबर अपराध हो रहा है, तो उसे फैलने से रोकने के लिए मोबाइल नंबर 9798302117 पर गुप्त सूचना दे सकते हैं. सूचना देने वाले का नाम पुलिस गोपनीय रखेगी. पुलिस ने आम लोगों से आग्रह किया है कि किसी अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आने पर अपनी कोई निजी जानकारी साझा न करें.

साइबर ठगी के शिकार लोग ऑनलाइन शिकायत जरूर करें

पुलिस ने कहा है कि इंटरनेट सर्च इंजन गूगल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिये गये कस्टमर केयर/हेल्पलाइन नंबर पर भरोसा न करें. कस्टमर केयर नंबर के लिए हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट पर ही संपर्क करें. किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गये अज्ञात लिंक या यूआरएल पर न क्लिक करें, न ही किसी अन्य नंबर पर फॉरवर्ड करें. बैंक के यूपीआई एप्लिकेशन से संबंधित रजिस्ट्रेशन के लिए बैंक के ऑफिशियल नंबर से ही मैसेज भेजा जाता है. अनजान नंबर से लिंक आने पर उसे क्लिक न करें. न ही कोई अनजान ऐप डाउनलोड करें. साइबर ठगी के शिकार होने पर हेल्पलाईन नंबर 1930 तथा ऑनलाईन वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर जरूर रिपोर्ट करें.

पुलिसकर्मियों को चाहिए की जो भी समय मिले उसमें ध्यान और योग व मार्निंग वाक जरूर करें: पूर्व डीजीपी

लखनऊ । डीजीपी प्रशान्त कुमार के निर्देश पर एक अभिनव पहल करते हुए पुलिस द्वारा “Beyond the Badge” नामक पॉडकास्ट के श्रृंखला की शुरूआत की गयी है। उक्त पॉडकास्ट के पांचवें एपिसोड में डीएसपी तनु उपाध्याय से यूपी पुलिस के पूर्व DGP ओपी सिंह द्वारा महाकुम्भ सहित अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस का लाइफ तनावपूर्ण व्यवस्था रहती है। ऐसे में पुलिसकर्मियों को चाहिए की जो भी समय मिले उसमें ध्यान और योग व मार्निंग वाक जरूर करें।

पूर्व डीजीपी ने अपने अनुभवों को किया साझा

महाकुम्भ पर चर्चा के दौरान ओ.पी. सिंह द्वारा बताया गया कि रिटायरमेंट के बाद यह उनका पहला कुंभ है। वर्ष 1977 में उन्होंने सर्वप्रथम कुंभ का एक छात्र के रूप में भ्रमण किया था, तत्समय वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक कर रहे थे, तत्पश्चात 1989 के कुंभ में एक पुलिस अधिकारी के रूप में कुंभ को नजदीक से देखा तब वह एसपी सिटी इलाहाबाद के पद पर नियुक्त थे, इसके उपरांत वर्ष 1995 के कुंभ के दौरान बतौर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इलाहाबाद के रूप में उनके द्वारा न केवल कुंभ को नजदीक से देखा गया बल्कि भीड़ एवं यातायात प्रबंधन की योजनाओं को बनाकर उनको लागू किया गया ।

पुलिस अधिकारी के रूप में कुंभ से उनका बहुत पुराना नाता रहा

2019 के कुंभ में उन्होंने डीजीपी के रूप में कुंभ से संबंधित समस्त कार्यवाहियों एवं व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण करके कुम्भ को सकुशल सम्पन्न कराया गया था । इनके द्वारा बताया गया कि कुंभ का अनुभव प्रत्येक पुलिस अधिकारी के लिए बहुत ही जरूरी है एवं एक विद्यार्थी और एक पुलिस अधिकारी के रूप में कुंभ से उनका बहुत पुराना नाता रहा है। ओ.पी. सिंह के द्वारा सिविल सर्विस में आने के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि मैं बिहार का रहने वाला हूं और उस समय वहां की सोशियो इकोनामिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिस कारण बिहार के अधिकांश मेधावी छात्र की पहली रुचि सिविल सर्विस हुआ करती थी, जिस कारण मैं भी शुरू से ही सिविल सर्विस में जाने के लिए प्रेरित था ।

अपने अनुभवों एवं उपलब्धियों को पॉडकास्ट के जरिए साझा किया

ओपी सिंह के द्वारा 2014 से 2020 तक के 06 वर्षों में क्रमशः एनडीआरएफ, सीआईएसएफ तथा उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रमुख के रूप में किए गए कार्य को बेहद ही चुनौती पूर्ण बताते हुए इस दौरान के अपने अनुभवों एवं उपलब्धियों को पॉडकास्ट के जरिए साझा किया गया । ओ.पी. सिंह के द्वारा अपनी लिखी हुई पुस्तक Crime, Grime and Gumption: Case Files of an IPS Officer के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि पुलिस का कार्य अनुभव और संवेदनाओं का मिश्रण होता है तथा इसी अनुभव और संवेदनाओं को लोगों के सामने रखने के लिए उनके द्वारा यह पुस्तक लिखी गई है। ओ.पी. सिंह द्वारा चर्चा के दौरान वर्क और लाइफ को बैलेंस करने के लिए ध्यान, योग और व्यायाम के महत्त्व पर बल देते हुए प्रत्येक पुलिस कर्मी को स्वस्थ रहने का सन्देश दिया और कहा कि पुलिस कर्मी जब मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होंगे तो उसकी व्यावसायिक दक्षता भी बेहतर होगी ।

थाना कप्तानगंज पुलिस की तत्परता से साइबर फ्रॉड के ₹50,000 वापस

आजमगढ़। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच थाना कप्तानगंज पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर साइबर ठगी का शिकार हुए एक व्यवसायी के ₹50,000 वापस कराए।

जानकारी के अनुसार, मेहमौनी थाना कप्तानगंज निवासी आलोक राय पुत्र हरिश्चंद्र राय, जो ईंट भट्ठा व्यवसायी हैं, को 20 अगस्त 2024 को एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर ईंट खरीदने की बात कही। फोन कॉल के दौरान आरोपी ने आलोक राय से गूगल पे के माध्यम से ₹50,000 अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। जब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने तत्काल थाना कप्तानगंज के साइबर हेल्प डेस्क में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने तत्काल की कार्रवाई

थाना कप्तानगंज के साइबर हेल्प डेस्क ने तेजी दिखाते हुए साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और https://cybercrime.gov.in/ पर शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से ठग के खाते को होल्ड करा दिया गया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि फ्रॉड करने वाले ने पीड़ित को कॉल कर गूगल पे के जरिए पैसे ट्रांसफर करवाए थे। तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने आरोपी के खाते को ब्लॉक कर ₹50,000 वापस पीड़ित के खाते में जमा करवा दिए।

पीड़ित ने जताया पुलिस का आभार

रुपए वापस मिलने के बाद आलोक राय ने पुलिस टीम का धन्यवाद किया और कहा कि साइबर हेल्प डेस्क की त्वरित कार्रवाई से उन्हें बड़ी राहत मिली है।

साइबर फ्रॉड से बचने के लिए पुलिस की अपील

पुलिस ने आमजन से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति से फोन पर बैंकिंग या ऑनलाइन पेमेंट

बस्तर पुलिस का ‘इया आपलो सामान निया’ कार्यक्रम: नए साल में लोगों को लौटाए गुम हुए मोबाइल, एसपी ने कहा– घर बैठे कर सकते हैं साइबर अपराध की शिकायत

दंतेवाड़ा-   नववर्ष 2025 के आगमन पर दंतेवाड़ा पुलिस ने आमजन को उनके गुम हुए मोबाइल को CEIR पोर्टल से तलाश कर ‘‘इया आपलो सामान निया’’ कार्यक्रम के माध्यम से मोबाइल धारकों को वापस किया. पुलिस अधीक्षक गौरव राय (भापुसे), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राम कुमार वर्मन (रापुसे) एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्मृतिक राजनाला (भापुसे), सायबर सेल नोडल अधिकारी उप पुलिस अधीक्षक आशीष कुमार नेताम के मार्गदर्शन में जिले में चलाए जा रहे गुम मोबाइल तलाश अभियान के तहत् आज 30 मोबाइल उनके मालिकों को लौटाया, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 5,66,370 रुपए है.

क्यूआर कोड को स्केन कर घर बैठे कर सकते हैं शिकायत

दंतेवाड़ा पुलिस ने आम नागरिकों की सुगमता के लिए सायबर हेल्पलाइन नम्बर 9479151665 भी जारी किया है. भारत सरकार द्वारा जारी 1930 हेल्पलाइन नम्बर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. सायबर हेल्पलाइन दन्तेवाड़ा के नाम से व्हाटसप अकाउंट भी बनाया गया है, जिसमें आम नागरिक अपने शिकायत व्हाटसप के माध्यम से दर्ज करा सकते हैं. सायबर अपराध होने की स्थिति में 24X7 सायबर हेल्पलाइन दन्तेवाड़ा 9479151665 एवं क्यूआर कोड को स्केन कर घर बैठे अपने साथ हुए किसी भी तरह के सायबर अपराध की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. प्रार्थी को व्हाटसप के माध्यम से ही एकनालेजमेंट नंबर प्रदाय कर दिया जाएगा.

सावधानी से ही सायबर अपराध से बच सकते हैं : एसपी

एसपी गौरव राय ने बताया, जिला दंतेवाड़ा के आम जन को सायबर अपराध व इसके रोकथाम के लिए जागरूक करने ‘‘सायबर संगवारी दन्तेवाड़ा’’ नामक व्हाटस्अप चैनल बनाया गया है, जिसमें प्रत्येक दिन सायबर अपराध एवं उसके रोकथाम संबंधी जानकारी दी जा रही है. सायबर संगवारी चैनल से जुड़ने के लिए क्यू आर कोड को स्कैन कर सकते हैं. साथ ही अनजान काल, संदिग्ध व्हाटसप काल, मेसेज, लिंक या आपके बैंक अकाउंट या सोशल मीडिया अकाउंट पर किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि होने पर साइबर हेल्पलाइन दंतेवाड़ा 9479151665 से संपर्क कर शिकायत कर सकते हैं. सुरक्षा ही सावधानी है और सावधानी ही सायबर अपराध से बचाव है.

अब फोन करने पर “परेशान” नहीं करेगी अमिताभ बच्चन की आवाज, हट जाएगी साइबर फ्रॉड कैंपेन वाली कॉलर ट्यून

#amitabhbachchancybercrimecallertuneremoved

आज के दौर में हम अक्सर काम ऑनलाइन करते हैं। हालांकि, ऑनलाइन का चलन बढ़ने के साथ साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार ने एक व्यापक अभियान चलाया था। जब भी हम किसी को फोन करते थे तो एक कॉलर ट्यून तब बजती थी। इसमें सदी के महानायक अमिताभ बच्चन साइबर क्राइम को लेकर जागरूक करते सुने जाते थे। हालांकि, अब अमिताभ बच्चन की आवाज वाली साइबर सुरक्षा जागरूकता कॉलर ट्यून को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

रिपोर्ट्स हैं कि सरकार ने ये डिसाइड किया है कि साइबर क्राइम से बचने के लिए देशवासियों को जागरुक करने के लिए जो कॉलर ट्यून लगी हुई थी उसे अब हटा दिया जाएगा। 26 जून यानी आज से ही वो कॉलर ट्यून हटा दी जाएगी।आम जनता की शिकायतों के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इस पर ब्रेक लगा दिया है।

कॉलर ट्यून को बंद करने हो रही थी मांग

साइबर सुरक्षा जागरूकता कॉलर ट्यून वाला 40 सेकंड का मैसेज हर कॉल से पहले बजता है।इस कॉलर ट्यून को लेकर लोगों का कहना था कि चाहे कितनी भी जरूरी कॉल हो, इसको सुनना मजबूरी बन गया है। इससे जुड़ी शिकायतें केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय और TRAI तक पहुंच रही थीं। सोशल मीडिया पर भी इस कॉलर ट्यून को बंद करने की मांग उठ रही थी।

शिकायतों के बाद मंत्रालय का फैसला

इस कॉलर ट्यून की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद मंत्रालय की तरफ से ये फैसला लिया गया है। एक पोस्ट में कहा गया है कि साइबर जागरूकता कॉलर ट्यून आपकी और आपके पैसों की सुरक्षा के लिए है। साइबर जागरूकता कॉलर ट्यून इमरजेंसी नंबर पर नहीं बनाए जाते हैं। अब सामान्य कॉल पर भी ये दिन में केवल दो बार चलाए जाते हैं। मंत्रालय ने साफ कर दिया कि अब आम जनता को हर कॉल पर ये कॉलर ट्यून नहीं सुननी पड़ेगी।

इस कॉलर ट्यून की वजह से अमिताभ हो चुके हैं ट्रोल

बता दें कि इस कॉलर ट्यून की वजह से अमिताभ को कई बार ट्रोलिंग भी झेलनी पड़ी थी. लोग उन्हें ये हटाने के लिए भी बोलते थे. हाल में एक यूजर ने अमिताभ से कहा था- फोन पर बोलना बंद करो तो इस पर अमिताभ ने जवाब भी दिया था। अमिताभ ने कहा था- सरकार को बोलो भाई, उन्होंने हमसे कहा था सो किया।

Counseling Meeting for Offenders Held Under Leadership of Station House Officer at Captanganj Police Station





Azamgarh: A special meeting was organized at the Captanganj police station under the leadership of Station House Officer (SHO) Vivek Kumar Pandey. Individuals identified with criminal tendencies in the area were invited to the meeting to establish dialogue with them. The objective of the meeting was to reintegrate offenders into the mainstream and spread awareness towards building a crime-free society.

During the session, SHO Vivek Pandey briefed the attendees about the consequences of engaging in criminal activities and gave a strict warning against involvement in any such acts in the future. He also instructed that any suspicious or illegal activity in the area should be reported to the police immediately.

This initiative by the police administration is being seen as a positive step towards maintaining law and order in society. On this occasion, Senior Sub-Inspector Vinod Kumar Yadav, Sub-Inspectors Mayapati Pandey, Kashi Nath Yadav, Aman Tiwari, Prince Mishra, and other officers and staff members were also present.








Azamgarh: A special meeting was organized at the Captanganj police station under the leadership of Station House Officer (SHO) Vivek Kumar Pandey. Individuals identified with criminal tendencies in the area were invited to the meeting to establish dialogue with them. The objective of the meeting was to reintegrate offenders into the mainstream and spread awareness towards building a crime-free society.

During the session, SHO Vivek Pandey briefed the attendees about the consequences of engaging in criminal activities and gave a strict warning against involvement in any such acts in the future. He also instructed that any suspicious or illegal activity in the area should be reported to the police immediately.

This initiative by the police administration is being seen as a positive step towards maintaining law and order in society. On this occasion, Senior Sub-Inspector Vinod Kumar Yadav, Sub-Inspectors Mayapati Pandey, Kashi Nath Yadav, Aman Tiwari, Prince Mishra, and other officers and staff members were also present.

लखनऊ पुलिस की नई उड़ान: ईगल मोबाइल से होगा अपराधियों का पीछा"

लखनऊ की सड़कों पर अब अपराधियों को सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि अब उन्हें हर वक्त निगाह में रखेगी एक नई ताकत— ईगल मोबाइल टीम। अपराध पर अंकुश लगाने और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखने के लिए लखनऊ पुलिस ने 17 अप्रैल 2025 को एक नई और अत्याधुनिक पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत हर थाने में एक दोपहिया वाहन पर तैनात दो पुलिसकर्मी अपराधियों की गतिविधियों पर बाज की नजर रखेंगे।

यह टीम अपराधियों पर बाज जैसी पैनी नजर रखेगी

राजधानी पुलिस ने अपराध और अपराधियों पर सख्ती से शिकंजा कसने के लिए ‘ईगल मोबाइल - क्रिमिनल सर्विलांस एंड मॉनिटरिंग टीम’ का गठन किया है। पुलिस आयुक्त लखनऊ कमिश्नरेट और संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) के नेतृत्व में शुरू की गई इस अनोखी पहल का उद्देश्य है— अपराधियों की नियमित निगरानी, जानकारी का संकलन और समय रहते कार्रवाई।इस टीम का नाम ‘ईगल’ इसलिए रखा गया है क्योंकि यह टीम अपराधियों पर बाज जैसी पैनी नजर रखेगी। ईगल मोबाइल टीम को खास दोपहिया वाहनों और आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। हर थाने में यह टीम दो पुलिसकर्मियों—मुख्य आरक्षी या आरक्षी—की होगी, जो क्षेत्र के अपराधियों का पूरा डेटा तैयार कर उनके ठिकानों तक पहुंच बनाएगी।

ईगल मोबाइल टीम के प्रमुख कार्य

-प्रत्येक थाने में तैनात दो पुलिसकर्मियों को एक विशेष दोपहिया वाहन प्रदान किया गया है।

-इन्हें अपराधियों की विस्तृत सूची दी जाएगी, जिसमें History-Sheeter, सक्रिय अपराधी, गैंग के सदस्य, दस साल के आपराधिक रिकॉर्ड वाले अपराधी तथा हाल ही में जेल से रिहा अपराधी शामिल होंगे।

-हर दिन कम से कम 10 अपराधियों का डोज़ियर तैयार किया जाएगा, जिसमें उनके पते, गतिविधियों, पुराने अपराध, संपर्क आदि का विवरण होगा।

-डोज़ियर पूर्ण होने के बाद प्रत्येक दिन कम से कम 20 अपराधियों की निगरानी की जाएगी।

-ईगल मोबाइल टीम के सभी सदस्यों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा, जहां रोज़ के कामों की रिपोर्ट पोस्ट की जाएगी।

-जेल से छूटे अपराधियों की सूची रोजाना व्हाट्सएप ग्रुप में दी जाएगी, जिसके आधार पर संबंधित थाना क्षेत्र के अपराधियों का सत्यापन किया जाएगा।

-अपराधी एलबम रजिस्टर को अपडेट किया जाएगा, जो थानों में पहले से बनाए जाते रहे हैं।

-HS (History-Sheeter)/सक्रिय अपराधियों और गैंग सदस्यों की लगातार निगरानी की जाएगी।

-जेल जाने वाले अपराधियों से पूछताछ कर उनका डोज़ियर तैयार किया जाएगा।

-डोज़ियर स्कैन कर DCRB (District Crime Record Bureau) कार्यालय भेजा जाएगा और Trinetra ऐप पर अपलोड के लिए SHO को सौंपा जाएगा।

-इन पुलिसकर्मियों को किसी और ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा, जिससे इनका पूरा ध्यान निगरानी पर ही रहे।

-दूसरे थाना क्षेत्र के अपराधियों की सूचना पर संबंधित थानों की ईगल मोबाइल टीम से समन्वय किया जाएगा।

-रोज़ाना की रिपोर्ट थाना प्रभारी व सहायक पुलिस आयुक्त को सौंपी जाएगी।

-DCRB कार्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जो पूरे जिले की रिपोर्ट का विश्लेषण करेगा। इसकी निगरानी प्रभारी DCRB (सीयूजी- 9454458079) द्वारा की जाएगी।

-प्रत्येक महीने दो बार (प्रथम पक्ष व द्वितीय पक्ष) ईगल मोबाइल की बैठक DCP Crime द्वारा की जाएगी।

इस योजना से पुलिस अपराधियों के मूवमेंट रख पाएगी नजर

इस योजना के तहत लखनऊ पुलिस अपराधियों के हर मूवमेंट पर नजर रख पाएगी। इससे अपराधियों में खौफ पैदा होगा और साथ ही पुलिस की सूचना तंत्र पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होगा। इस टेक-सपोर्टेड निगरानी प्रणाली से पुलिस समय पर एक्शन ले सकेगी और आम जनता को भी सुरक्षा का अहसास होगा।

साइबर क्राइम के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई, साइबर ठगों को फर्जी सिम बेचने वाले 5 पीओएस एजेंट गिरफ्तार

बिलासपुर-  ऑनलाइन साइबर फ्रॉड (Cyber Crime) के लिए फर्जी सिम कार्ड देने वाले 5 पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) एजेंटों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये आरोपी दिल्ली, अलवर (राजस्थान) समेत अन्य स्थानों पर साइबर ठगों को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे. पुलिस ने एक साथ रेड कार्रवाई कर आरोपियों को पकड़ा है. पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ धारा 66(C)-INF, 316(5), 318(4), 336(3)-BNS के तहत कार्रवाई की है और आगे की जांच जारी है.

एडीशनल एसपी अर्चना झा ने बताया कि एसपी रजनेश सिंह ने साइबर क्राइम पोर्टल में रिपोर्ट किए गए पीओएस एजेंटों की जांच के लिए योजना तैयार कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पीओएस एजेंटों को चिन्हित किया गया, तो पता चला कि कोटा क्षेत्र के कुछ लोग आमजन की आईडी पर एक से अधिक सिम कार्ड जारी करवाकर साइबर ठगों को दिल्ली, अलवर, राजस्थान और अन्य स्थानों में भेज रहे हैं तथा साइबर ठगी के रैकेट में शामिल होकर अवैध मुनाफा कमा रहे हैं.

जांच में संदिग्ध पाए गए बैंक खातों म्यूल अकाउंट की भी जांच की गई. जांच में पाया गया साइबर ठगी के लिए फर्जी सिम कार्ड भी जारी किए गए हैं. जिस सिम कार्ड का साइबर ठग डिजिटल अरेस्ट शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड, केवाईसी अपडेट जैसे साइबर अपराध में उपयोग करते थे.पुलिस ने कोटा क्षेत्र में दबिश देकर 5 पीओएस एजेंट को गिरफ्तार कर लिया, और उनके खिलाफ कार्रवाई में जुटी हुई है.

बैंकिंग फ्रॉड में पहले भी 19 लोग गिरफ्तार

बता दें कि इससे पहले साइबर ठगी में कमीशन पर बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले बैंक कर्मियों और एजेंटों सहित 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अब पुलिस ने कोटा क्षेत्र में दबिश देकर 5 पीओएस एजेंटों को गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार आरोपियों के नाम

अंशु श्रीवास (19 वर्ष), निवासी पथर्रा, थाना कोटा, बिलासपुर.

फिरोज अंसारी (19 वर्ष), निवासी फिरंगीपारा, थाना कोटा, बिलासपुर.

मुकुल श्रीवास (21 वर्ष), निवासी फिरंगीपारा, थाना कोटा, बिलासपुर.

द्वारिका साहू (23 वर्ष), निवासी वार्ड नं. 10, डाक बंगलापारा, थाना कोटा, बिलासपुर.

जय पालके (20 वर्ष), निवासी नवागांव कोटा, थाना कोटा, बिलासपुर.

किसी को 'मियां-तियां' या पाकिस्तानी कहना अपराध नहीं', सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी


#calling_someone_miyan_tian_and_pakistani_is_not_crime_supreme_court 

सुप्रीम कोर्ट ने 'मियां-तियां' और 'पाकिस्तानी' कहने के आरोपी को राहत दी है। कोर्ट ने धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में दर्ज केस निरस्त कर दिया है। जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने इस तरह की बात कहने को असभ्यता कहा है, लेकिन उसके चलते मुकदमा चलाने को सही नहीं माना।

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 298 (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से शब्द आदि बोलना) के तहत आरोप से एक व्यक्ति को मुक्त कर दिया।कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता पर उसे 'मियां-तियां' और 'पाकिस्तानी' कहकर उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। अदालत ने कहा कि निस्संदेह, दिए गए कथन गलत है। हालाँकि, इससे याचिकाकर्ता की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुचती है।

जस्टिस बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच झारखंड उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ दायर अपील पर विचार कर रही थी, जिसमें अपीलकर्ता को आरोप मुक्त करने से इनकार कर दिया गया था। मामला उप-विभागीय कार्यालय, चास में एक उर्दू अनुवादक और कार्यवाहक क्लर्क (सूचना का अधिकार) की तरफ से दर्ज एफआईआर से जुड़ा था।

यह मामला उस समय शुरू हुआ जब एक सरकारी कर्मचारी, जो कि उर्दू अनुवादक और सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत कार्यरत था, ने एक आदेश के तहत हरी नंदन सिंह को कुछ दस्तावेज सौंपे। आरोप के मुताबिक सिंह ने दस्तावेज स्वीकार करने में अनिच्छा दिखाई और इसके बाद कर्मचारी के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया। यह भी कहा गया कि उन्होंने सरकारी कर्मचारी को 'पाकिस्तानी' कहकर संबोधित किया और उसे डराने का प्रयास किया।

इस घटना के बाद सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। हरी नंदन सिंह ने इस मामले में पहले सेशन कोर्ट और फिर राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन दोनों अदालतों ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया। आखिर में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतिश चंद्र शर्मा की बेंच ने फैसला सुनाया कि इस मामले में धारा 298 लागू नहीं होती क्योंकि आरोपी की टिप्पणियां भले ही अनुचित थीं, लेकिन वे किसी विशेष धर्म के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से नहीं कही गई थीं।

दिल्‍ली को क्राइम फ्री करने का प्‍लान तैयार, कानून व्यवस्था को लेकर अमित शाह से मिली सीएम रेखा गुप्ता

#amitshahmeetcmrekhaguptatomakedelhicrimefree

देश की राजधानी दिल्‍ली में बीजेपी की अगुआई में नई सरकार का गठन भी हो चुका है। रेखा गुप्‍ता ने दिल्‍ली की नई मुख्‍यमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण कर लिया है। इसके साथ ही जनता के हित में फैसलों का दौर भी शुरू हो चुका है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता, गृह विभाग के मंत्री आशीष सूद, दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की मौजूदगी में कानून-व्यवस्था को लेकर शुक्रवार को हाई -लेवल मीटिंग की। मीटिंग में दिल्ली की कानून-व्यवस्था और एक-दूसरे के साथ बेहतर कॉर्डिनेशन को लेकर चर्चा हुई। इसमें गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस की यह प्राथमिकता होनी चाहिए कि दिल्ली में गैंगस्टरों और इंटरस्टेट गैंग्स को लेकर इनके खिलाफ सख्त से सख्त अप्रोच रखते हुए इन्हें समाप्त किया जाए।

इस दौरान अमित शाह ने दिल्‍ली को क्राइम फ्री और क्‍लीन करने के लिए पांच सूत्रीय फॉर्मूला सुझाया। उन्‍होंने इसपर तत्‍काल अमल करने को भी कहा है, ताकि दिल्‍ली की जनता की जिंदगी बेहतर हो सकेः-

1.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में प्रवेश कराने में मदद करने वाले नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।

2.अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

3.अमित शाह ने कहा कि शहर में इंटरस्‍टेट गिरोहों को सख्ती से खत्म करना दिल्ली पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए।

4.केंद्रीय गृह मंत्री ड्रग सिंडिकेट के खिलाफ भी सख्‍त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

5. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने अमित शाह ने आगे कहा कि डीसीपी स्तर के अधिकारी पुलिस स्टेशनों में जाकर जनसुनवाई शिविर लगाएं और जनता की समस्याओं का समाधान करें। दिल्ली पुलिस को उन स्थानों की पहचान करनी चाहिए जहां रोजाना ट्रैफिक जाम होता है और दिल्ली पुलिस कमिश्‍नर और मुख्य चीफ सेक्रेटरी को बैठक करनी चाहिए और इसका त्वरित समाधान निकालना चाहिए, ताकि जनता को राहत मिल सके।

पुलिस थानों के प्रदर्शन को लेकर कही ये बात

मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री ने निर्देश दिए कि दिल्ली में कंस्ट्रक्शन से संबंधित मामलों में दिल्ली पुलिस की परमिशन की जरुरत नहीं होगी। साथ ही उन्होंने दिल्ली पुलिस के ऐसे पुलिस थानों को चेतावनी देते हुए कड़े शब्दों में यह भी कहा कि जिन भी पुलिस थानों का प्रदर्शन लगातार खराब होगा। ऐसे पुलिस थानों और तमाम सब-डिवीजन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि जनता को भी यह मैसेज जाए कि अगर कोई पुलिस थाना लोगों की उम्मीदों पर खरा ना उतरते हुए इलाके में कानून-व्यवस्था सामान्य रख पाने में कामयाब नहीं हो पा रहा है तो उसके पूरे थाने के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है।

शीला दीक्षित के बाद पहली बार ऐसी मीटिंग

बताया जाता है कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बाद ऐसा पहला मौका था जब दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री और दिल्ली पुलिस कमिश्नर समेत अन्य आला अधिकारियों ने इस तरह से एक मंच पर मीटिंग हुई हो। जबकि दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने के बाद यह पहली मीटिंग थी।

मंईयां सम्मान योजना का लाभ दिलाने के नाम पर साइबर ठगी करते 12 युवक गिरफ्तार

देवघर:मंईयां सम्मान योजना और किसान समृद्धि योजना जैसी सरकारी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर लोगों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे 12 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये लोग प्रशासनिक अधिकारी बनकर लोगों को ठगने की फिराक में थे.

 देवघर साइबर थाने की विशेष टीम ने कुंडा थाना क्षेत्र के के नैयाडीह और जसीडीह थानांतर्गत पैनी गांव के समीप जंगल में छापेमारी की. इस दौरान फर्जी ब्लॉक अधिकारी बनकर आम लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं किसान समृद्धि योजना और मंईयां सम्मान योजना का लाभ दिलाने के नाम पर ग्राहकों से साइबर ठगी करते 12 युवकों को गिरफ्तार किया गया. इन आरोपितों के खिलाफ साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर सभी को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

इन आरोपितों को किया गया गिरफ्तार

पुलिस मीडिया सेल के अनुसार, गिरफ्तार आरोपितों में सारठ थाना के पथरड्डा ओपी क्षेत्र के डुमरिया गांव निवासी श्याम सुदर दास सहित सारठ के रानीबांध गांव निवासी नितेश कुमार दास, मधुपुर थाना क्षेत्र के चक बगजोरा गांव निवासी विक्रम दास, पसिया गांव निवासी कुंदन दास, मोहनपुर थाना क्षेत्र के खरगडीहा गांव निवासी अमित कुमार, लतासारे गांव निवासी अख्तर अंसारी, करौं थाना क्षेत्र के नागादारी गांव के बुढ़ियाबाद टोला निवासी सफाकत अंसारी, सरफराज अंसारी, सिराज अंसारी, देवीपुर थाना क्षेत्र के बिरनियां गांव निवासी सूरज कुमार दास व कुंडा थाना क्षेत्र के कुरुमटांड़ गांव निवासी अनिल कुमार दास शामिल हैं.

आरोपितों से 17 मोबाइल फोन और 34 सिम कार्ड जब्त

आरोपितों के पास से छापेमारी टीम ने 17 मोबाइल फोन के साथ-साथ 23 सिम कार्ड और 11 प्रतिबिंब टारगेटेड सिम जब्त किये हैं. जांच में आरोपितों के पास से जब्त मोबाइल नंबरों के खिलाफ प्रतिबिंब ऐप पर ऑनलाइन शिकायतें दर्ज मिली हैं. पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि क्रेडिट कार्ड अधिकारी बनकर फर्जी मोबाइल नंबर से उपभोक्ताओं को कॉल करके झांसे में लेते थे और केवाइसी अपडेट कराने के नाम पर ठगी करते थे. मीडिया सेल ने बताया कि आरोपित श्याम सुंदर के खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड है. वर्ष 2020 में साइबर थाने में दर्ज ठगी और आईटी एक्ट के एक मामले में वह आरोपित था और जेल भी जा चुका है.

पुलिस की अपील- साइबर ठगी हो, तो ऑनलाइन करें शिकायत

पुलिस ने अपील की है कि साईबर क्राइम एक अपराध है. इससे दूर रहें. यदि आपके थाना क्षेत्र में किसी भी जगह पर साइबर अपराध हो रहा है, तो उसे फैलने से रोकने के लिए मोबाइल नंबर 9798302117 पर गुप्त सूचना दे सकते हैं. सूचना देने वाले का नाम पुलिस गोपनीय रखेगी. पुलिस ने आम लोगों से आग्रह किया है कि किसी अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आने पर अपनी कोई निजी जानकारी साझा न करें.

साइबर ठगी के शिकार लोग ऑनलाइन शिकायत जरूर करें

पुलिस ने कहा है कि इंटरनेट सर्च इंजन गूगल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिये गये कस्टमर केयर/हेल्पलाइन नंबर पर भरोसा न करें. कस्टमर केयर नंबर के लिए हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट पर ही संपर्क करें. किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गये अज्ञात लिंक या यूआरएल पर न क्लिक करें, न ही किसी अन्य नंबर पर फॉरवर्ड करें. बैंक के यूपीआई एप्लिकेशन से संबंधित रजिस्ट्रेशन के लिए बैंक के ऑफिशियल नंबर से ही मैसेज भेजा जाता है. अनजान नंबर से लिंक आने पर उसे क्लिक न करें. न ही कोई अनजान ऐप डाउनलोड करें. साइबर ठगी के शिकार होने पर हेल्पलाईन नंबर 1930 तथा ऑनलाईन वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर जरूर रिपोर्ट करें.

पुलिसकर्मियों को चाहिए की जो भी समय मिले उसमें ध्यान और योग व मार्निंग वाक जरूर करें: पूर्व डीजीपी

लखनऊ । डीजीपी प्रशान्त कुमार के निर्देश पर एक अभिनव पहल करते हुए पुलिस द्वारा “Beyond the Badge” नामक पॉडकास्ट के श्रृंखला की शुरूआत की गयी है। उक्त पॉडकास्ट के पांचवें एपिसोड में डीएसपी तनु उपाध्याय से यूपी पुलिस के पूर्व DGP ओपी सिंह द्वारा महाकुम्भ सहित अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस का लाइफ तनावपूर्ण व्यवस्था रहती है। ऐसे में पुलिसकर्मियों को चाहिए की जो भी समय मिले उसमें ध्यान और योग व मार्निंग वाक जरूर करें।

पूर्व डीजीपी ने अपने अनुभवों को किया साझा

महाकुम्भ पर चर्चा के दौरान ओ.पी. सिंह द्वारा बताया गया कि रिटायरमेंट के बाद यह उनका पहला कुंभ है। वर्ष 1977 में उन्होंने सर्वप्रथम कुंभ का एक छात्र के रूप में भ्रमण किया था, तत्समय वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक कर रहे थे, तत्पश्चात 1989 के कुंभ में एक पुलिस अधिकारी के रूप में कुंभ को नजदीक से देखा तब वह एसपी सिटी इलाहाबाद के पद पर नियुक्त थे, इसके उपरांत वर्ष 1995 के कुंभ के दौरान बतौर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इलाहाबाद के रूप में उनके द्वारा न केवल कुंभ को नजदीक से देखा गया बल्कि भीड़ एवं यातायात प्रबंधन की योजनाओं को बनाकर उनको लागू किया गया ।

पुलिस अधिकारी के रूप में कुंभ से उनका बहुत पुराना नाता रहा

2019 के कुंभ में उन्होंने डीजीपी के रूप में कुंभ से संबंधित समस्त कार्यवाहियों एवं व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण करके कुम्भ को सकुशल सम्पन्न कराया गया था । इनके द्वारा बताया गया कि कुंभ का अनुभव प्रत्येक पुलिस अधिकारी के लिए बहुत ही जरूरी है एवं एक विद्यार्थी और एक पुलिस अधिकारी के रूप में कुंभ से उनका बहुत पुराना नाता रहा है। ओ.पी. सिंह के द्वारा सिविल सर्विस में आने के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि मैं बिहार का रहने वाला हूं और उस समय वहां की सोशियो इकोनामिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिस कारण बिहार के अधिकांश मेधावी छात्र की पहली रुचि सिविल सर्विस हुआ करती थी, जिस कारण मैं भी शुरू से ही सिविल सर्विस में जाने के लिए प्रेरित था ।

अपने अनुभवों एवं उपलब्धियों को पॉडकास्ट के जरिए साझा किया

ओपी सिंह के द्वारा 2014 से 2020 तक के 06 वर्षों में क्रमशः एनडीआरएफ, सीआईएसएफ तथा उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रमुख के रूप में किए गए कार्य को बेहद ही चुनौती पूर्ण बताते हुए इस दौरान के अपने अनुभवों एवं उपलब्धियों को पॉडकास्ट के जरिए साझा किया गया । ओ.पी. सिंह के द्वारा अपनी लिखी हुई पुस्तक Crime, Grime and Gumption: Case Files of an IPS Officer के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि पुलिस का कार्य अनुभव और संवेदनाओं का मिश्रण होता है तथा इसी अनुभव और संवेदनाओं को लोगों के सामने रखने के लिए उनके द्वारा यह पुस्तक लिखी गई है। ओ.पी. सिंह द्वारा चर्चा के दौरान वर्क और लाइफ को बैलेंस करने के लिए ध्यान, योग और व्यायाम के महत्त्व पर बल देते हुए प्रत्येक पुलिस कर्मी को स्वस्थ रहने का सन्देश दिया और कहा कि पुलिस कर्मी जब मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होंगे तो उसकी व्यावसायिक दक्षता भी बेहतर होगी ।

थाना कप्तानगंज पुलिस की तत्परता से साइबर फ्रॉड के ₹50,000 वापस

आजमगढ़। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच थाना कप्तानगंज पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर साइबर ठगी का शिकार हुए एक व्यवसायी के ₹50,000 वापस कराए।

जानकारी के अनुसार, मेहमौनी थाना कप्तानगंज निवासी आलोक राय पुत्र हरिश्चंद्र राय, जो ईंट भट्ठा व्यवसायी हैं, को 20 अगस्त 2024 को एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर ईंट खरीदने की बात कही। फोन कॉल के दौरान आरोपी ने आलोक राय से गूगल पे के माध्यम से ₹50,000 अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए। जब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ तो उन्होंने तत्काल थाना कप्तानगंज के साइबर हेल्प डेस्क में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने तत्काल की कार्रवाई

थाना कप्तानगंज के साइबर हेल्प डेस्क ने तेजी दिखाते हुए साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और https://cybercrime.gov.in/ पर शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से ठग के खाते को होल्ड करा दिया गया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि फ्रॉड करने वाले ने पीड़ित को कॉल कर गूगल पे के जरिए पैसे ट्रांसफर करवाए थे। तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने आरोपी के खाते को ब्लॉक कर ₹50,000 वापस पीड़ित के खाते में जमा करवा दिए।

पीड़ित ने जताया पुलिस का आभार

रुपए वापस मिलने के बाद आलोक राय ने पुलिस टीम का धन्यवाद किया और कहा कि साइबर हेल्प डेस्क की त्वरित कार्रवाई से उन्हें बड़ी राहत मिली है।

साइबर फ्रॉड से बचने के लिए पुलिस की अपील

पुलिस ने आमजन से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति से फोन पर बैंकिंग या ऑनलाइन पेमेंट

बस्तर पुलिस का ‘इया आपलो सामान निया’ कार्यक्रम: नए साल में लोगों को लौटाए गुम हुए मोबाइल, एसपी ने कहा– घर बैठे कर सकते हैं साइबर अपराध की शिकायत

दंतेवाड़ा-   नववर्ष 2025 के आगमन पर दंतेवाड़ा पुलिस ने आमजन को उनके गुम हुए मोबाइल को CEIR पोर्टल से तलाश कर ‘‘इया आपलो सामान निया’’ कार्यक्रम के माध्यम से मोबाइल धारकों को वापस किया. पुलिस अधीक्षक गौरव राय (भापुसे), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राम कुमार वर्मन (रापुसे) एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्मृतिक राजनाला (भापुसे), सायबर सेल नोडल अधिकारी उप पुलिस अधीक्षक आशीष कुमार नेताम के मार्गदर्शन में जिले में चलाए जा रहे गुम मोबाइल तलाश अभियान के तहत् आज 30 मोबाइल उनके मालिकों को लौटाया, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 5,66,370 रुपए है.

क्यूआर कोड को स्केन कर घर बैठे कर सकते हैं शिकायत

दंतेवाड़ा पुलिस ने आम नागरिकों की सुगमता के लिए सायबर हेल्पलाइन नम्बर 9479151665 भी जारी किया है. भारत सरकार द्वारा जारी 1930 हेल्पलाइन नम्बर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. सायबर हेल्पलाइन दन्तेवाड़ा के नाम से व्हाटसप अकाउंट भी बनाया गया है, जिसमें आम नागरिक अपने शिकायत व्हाटसप के माध्यम से दर्ज करा सकते हैं. सायबर अपराध होने की स्थिति में 24X7 सायबर हेल्पलाइन दन्तेवाड़ा 9479151665 एवं क्यूआर कोड को स्केन कर घर बैठे अपने साथ हुए किसी भी तरह के सायबर अपराध की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. प्रार्थी को व्हाटसप के माध्यम से ही एकनालेजमेंट नंबर प्रदाय कर दिया जाएगा.

सावधानी से ही सायबर अपराध से बच सकते हैं : एसपी

एसपी गौरव राय ने बताया, जिला दंतेवाड़ा के आम जन को सायबर अपराध व इसके रोकथाम के लिए जागरूक करने ‘‘सायबर संगवारी दन्तेवाड़ा’’ नामक व्हाटस्अप चैनल बनाया गया है, जिसमें प्रत्येक दिन सायबर अपराध एवं उसके रोकथाम संबंधी जानकारी दी जा रही है. सायबर संगवारी चैनल से जुड़ने के लिए क्यू आर कोड को स्कैन कर सकते हैं. साथ ही अनजान काल, संदिग्ध व्हाटसप काल, मेसेज, लिंक या आपके बैंक अकाउंट या सोशल मीडिया अकाउंट पर किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि होने पर साइबर हेल्पलाइन दंतेवाड़ा 9479151665 से संपर्क कर शिकायत कर सकते हैं. सुरक्षा ही सावधानी है और सावधानी ही सायबर अपराध से बचाव है.