Nishkam Sewa : Dr. Sarabjeet Singh's Path to Liberation Through Selfless Service — One Man’s Mission to Uplift Society"

Nishkam Sewa is a term to describe a service towards others which is a selfless service in several spiritual traditions including Sikhism.

It basically means investing one’s time, energy and resources without any expectations or reward or any personal gain in return for such acts or

deeds.

This service focuses on benefitting humans, animals and nature. This is a practice to engage with the divine and achieve a higher level of liberation.

I personally believe that this will be my contribution towards Society and I am trying to do the best. This is my sole journey and only purpose in life.

Though I am known as Dr. Sarabjeet Singh but my way of meditation is through the path of Nishkam Sewa for the underprivileged people of the society.

I seek no rewards for my services but my satisfaction and contention is in every breath through Nishkam Sewa.

Nishkam Sewa is:

> Selfless Service with no ulterior motive

> Humility and purity of intention. Done with a free heart and no sense of ego

> Service to Humanity: it can be in any form whether by serving the underprivileged part of our society or taking care of animals or mother nature.

> Liberation and Merit: In Sikhism it is a path to attain Liberation (Mukti).

Since the time my Nishkam Sewa journey has started it has increased my spiritual growth, selfless service towards humanity, nature and also

towards animals.

I have achieved a path of greater happiness and these acts of kindness and service has led me to a feeling of contentment in life with a much wider aspect of sewa in any form and a feeling of a deep and strong connect with the divine.

I have attained the path NIMARTA as it is said in Sikhism, with Purity and sincerity and Mukti.

This concept of Nishkam Sewa, I realized in my growing years through my grandparents and parents but the depth of this concept came to me a few years back and without realizing I was already walking in the path.

May the divine energy give me more ways to carry on my journey of sewa and I wish the people who are reading this article are encouraged to

implement a part of this service in their life too.

That is how, I believe, the whole humanity will improve making the world a better place to live in.

Regards

Dr. Sarabjeet Singh

Sewadar Mai Tera Hain

Nishkam Sewa : Dr. Sarabjeet Singh's Path to Liberation Through Selfless Service — One Man’s Mission to Uplift Society"

Nishkam Sewa is a term to describe a service towards others which is a selfless service in several spiritual traditions including Sikhism.

It basically means investing one’s time, energy and resources without any expectations or reward or any personal gain in return for such acts or

deeds.

This service focuses on benefitting humans, animals and nature. This is a practice to engage with the divine and achieve a higher level of liberation.

I personally believe that this will be my contribution towards Society and I am trying to do the best. This is my sole journey and only purpose in life.

Though I am known as Dr. Sarabjeet Singh but my way of meditation is through the path of Nishkam Sewa for the underprivileged people of the society.

I seek no rewards for my services but my satisfaction and contention is in every breath through Nishkam Sewa.

Nishkam Sewa is:

> Selfless Service with no ulterior motive

> Humility and purity of intention. Done with a free heart and no sense of ego

> Service to Humanity: it can be in any form whether by serving the underprivileged part of our society or taking care of animals or mother nature.

> Liberation and Merit: In Sikhism it is a path to attain Liberation (Mukti).

Since the time my Nishkam Sewa journey has started it has increased my spiritual growth, selfless service towards humanity, nature and also

towards animals.

I have achieved a path of greater happiness and these acts of kindness and service has led me to a feeling of contentment in life with a much wider aspect of sewa in any form and a feeling of a deep and strong connect with the divine.

I have attained the path NIMARTA as it is said in Sikhism, with Purity and sincerity and Mukti.

This concept of Nishkam Sewa, I realized in my growing years through my grandparents and parents but the depth of this concept came to me a few years back and without realizing I was already walking in the path.

May the divine energy give me more ways to carry on my journey of sewa and I wish the people who are reading this article are encouraged to

implement a part of this service in their life too.

That is how, I believe, the whole humanity will improve making the world a better place to live in.

Regards

Dr. Sarabjeet Singh

Sewadar Mai Tera Hain

सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर की मोदी सरकार की सराहना, बोले- खत्म हुई बड़ी समस्या

#congressleadersalmankhurshidpraisesarticle370_abrogation

शशि थरूर के बाद कांग्रेस के एक और नेता ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की सराहना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को लेकर बड़ा बयान दिया है और मोदी सरकार के फैसले की तारीफ की है। खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर सरकार की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से बड़ी समस्या का अंत हो गया है। सलमान खुर्शीद का ये बयान शशि थरूर के बाद पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

आतंकवाद पर भारत की नीति को साफ करने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सरकार ने दुनियाभर के 33 देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल को भेजा है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने इंडोनेशिया में एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 ने लंबे समय से जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से अलग मानने की धारणा बनाई हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से अनुच्छेद को निरस्त करने के साथ ही यह धारणा समाप्त हो गई है।

सकारात्मक बदलाव आए हैं और समृद्धि बढ़ी- खुर्शीद

अलग पहचान की भावना को बड़ी समस्या बताते हुए सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से हुए सकारात्मक परिणामों पर बात की। उन्होंने केंद्रशासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में 65 फीसदी मतदाताओं की भागीदारी का भी जिक्र किया। उन्होंने इस क्षेत्र में उभरी समृद्धि की ओर इशारा करते हुए इन घटनाक्रमों को पलटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ पुरजोर तरीके से आवाज उठाई।

आज कश्मीर में तरक्की हो रही है- खुर्शीद

खुर्शीद ने बताया कि इसके बाद हुए चुनावों में 65 प्रतिशत मतदान हुआ और आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में जो तरक्की हो रही है, उसे कोई पीछे ले जाने की सोच भी नहीं सकता। ऐसा करना उचित नहीं होगा।

पुस्तक 'Article 21: The Spirit of the Constitution' का भव्य लोकार्पण समारोह सम्पन्न

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज।प्रख्यात वरिष्ठ अधिवक्ता शम्भू चोपड़ा द्वारा लिखित महत्वपूर्ण विधिक कृति ‘Article 21: The Spirit of the Constitution’ का लोकार्पण आज सायं होटल ट्रेबो डिवाइन स्टे, प्रयागराज में आयोजित एक गरिमामयी समारोह में सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जे. जे. मुनिर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि समारोह की अध्यक्षता न्यायमूर्ति अरुण टंडन (सेवानिवृत्त) ने की।

मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति मुनिर ने अनुच्छेद 21 को संविधान का अति महत्वपूर्ण अनुच्छेद बताते हुए कहा कि “यह न केवल जीवन के अधिकार की रक्षा करता है, बल्कि उसमें गरिमा और स्वतंत्रता का विस्तार करता है। ऐसी पुस्तकों की आवश्यकता है जो कानून को केवल विधिक दायरे में ही नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना से भी जोड़ें।”

विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने लेखक को बधाई देते हुए कहा, “यह पुस्तक विधि के छात्रों, अधिवक्ताओं एवं नागरिक अधिकारों के अध्येताओं के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगी। लेखक ने संवैधानिक भावना को सरल भाषा में आमजन तक पहुंचाया है।”

लेखक शम्भू चोपड़ा ने अपने वक्तव्य में कहा, “अनुच्छेद 21 भारतीय संविधान का सबसे मानवीय अनुच्छेद है। यह केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि न्याय, स्वतंत्रता और गरिमा की पूरी अवधारणा को समाहित करता है। मैंने इस पुस्तक के माध्यम से इसकी व्यापकता, न्यायालयों की व्याख्याओं और सामाजिक प्रभावों को सरल भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।”

समारोह में साहित्य, विधि एवं पत्रकारिता जगत की प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इस अवसर पर अनुपम परिहार, अरविंद श्रीवास्तव, पूजा गुप्ता, प्रो रितु जायसवाल अनुपम कुमार, ऋषि कुमार, सुधांशु अग्रवाल, आदर्श मालवीय, महिमा जायसवाल सहित अनेक अधिवक्ता, विधि छात्र एवं गणमान्य जन उपस्थित रहे।

पुस्तक विमोचन उपरांत विमर्श का दौर चला जिसमें संविधान के मूल्यों की समकालीन प्रासंगिकता पर विचार साझा किए गए। समारोह का संचालन प्रो रितु जायसवाल धन्यवाद ज्ञापन अनुपम परिहार धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

क्या फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने से सहमत थे? पूर्व रॉ प्रमुख के खुलासा से गरमाई राजनीति

#farooqabdullahsecretlyagreedtoarticle370_removal

आर्टिकल 370 जम्मू और कश्मीर की राजनीति के लिए हमेशा से एक सबसे अहम मुद्दों में से एक रहा है। इस बीच आर्टिकल 370 को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए गुप्त रूप से सहमत थे। भारतीय खुफिया संस्था ‘रिसर्च एंड एनालसिस विंग’ (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत ने अपनी नई किताब में ये दावा किया है। इस दावे के बाद जम्मू कश्मीर में सियासी हलचल पैदा हो गई है।

पूर्व रॉ प्रमुख की किताब ने खोले राज

पूर्व चीफ एएस दुलत ने अपनी किताब 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' में उन्होंने कई बड़े खुलासे किए हैं। इस किताब का विमोचन 18 अप्रैल को होने वाला है। एएस दुलत ने अपनी किताब में फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनुच्छेद 370हटाने से कुछ दिन पहले हुई मुलाकात का जिक्र किया है। दुलत लिखते हैं कि उस मुलाकात में क्या हुआ? यह कोई नहीं जान पाएगा। फारूक ने निश्चित रूप से कभी इसका जिक्र नहीं किया।

फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी को बताया दुखद

दुलत के अनुसार, 2019 में फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद करना कश्मीर की सबसे दुखद कहानी थी। दुलत ने बताया कि बातचीत के दौरान एनसी के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने अपनी नजरबंदी पर सवाल उठाया था। दुलत ने किताब में लिखा है कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में उनसे बात करते हुए कहा था कि 'कर लो अगर करना है। उन्होंने थोड़ा कड़वाहट के साथ कहा कि 'पर ये अरेस्ट क्यूं करना था? इसका मतलब है कि फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने के पक्ष में थे, लेकिन वे अपनी गिरफ्तारी से नाखुश थे।

किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए “सस्ती चाल”-फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत द्वारा किए गए दावे की आलोचना की है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह दावा दुलत की अपनी आगामी किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए की गई “सस्ती चाल” का हिस्सा है। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमें हिरासत में लिया गया क्योंकि विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के खिलाफ हमारा रुख जगजाहिर था। मैंने जो गुपकार अलायंस बनाई उसका मकसद क्या था कि हम सब इकट्ठे होकर इसके खिलाफ खड़े हों। शुक्र है अल्लाह का कि हम सब खड़े रहे। आज भी खड़े हैं।

खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं- सज्जाद गनी

वहीं दूसरी तरफ, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि उन्हें इस खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। 4 अगस्त, 2019 को मौजूदा मुख्यमंत्री (उमर अब्दुल्ला) और फारूक अब्दुल्ला की पीएम (नरेंद्र मोदी) से मुलाकात उनके लिए कभी रहस्य नहीं रही।

सज्जाद गनी लोन ने लिखा, दुलत साहब ने अपनी आने वाली किताब में खुलासा किया है कि फारूक साहब ने निजी तौर पर अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया था। दुलत साहब के इस खुलासे से यह बात बहुत विश्वसनीय लगती है क्योंकि वह फारूक के सबसे करीबी सहयोगी और मित्र हैं। सजाद ने आगे लिखा, संयोग से दुलत साहब दिल्ली के कुख्यात अंकल और आंटी ब्रिगेड के प्रसिद्ध अंकल हैं। बेशक नेशनल कॉन्फ्रेंस इससे इनकार करेगी। इसे एनसी के खिलाफ एक और साजिश कहेंगे।

Nutrition experts Talk on Decoding Cravings: Understanding the Connection Between Nutrient Deficiencies and Food Desires

In March, a team of diet consultants, led by Nutritionist Harpreet Pasricha, conducted a series of talks on cravings in celebration of International Women’s Day. These sessions were held at Pentair, Mount Litera Zee School, Indian Naval units, and all Diet Dr Clinics in Goa, Ludhiana, and Amritsar.

Cravings are intense desires for specific foods that many individuals experience. While they can be influenced by emotions and habits, they may also indicate underlying nutrient deficiencies. This article explores the possible link between cravings and nutritional gaps, offering insights on how to address them effectively.

Understanding Cravings

Cravings are more than mere hunger; they are powerful urges for particular foods. These desires can be influenced by:

• Physiological Needs: The body’s requirement for specific nutrients.

• Emotional States: Stress, anxiety, or sadness leading to comfort eating.

• Hormonal Fluctuations: Changes during menstrual cycles or pregnancy affecting appetite.

Recognizing the root cause of cravings is essential for maintaining overall health and well-being.

Common Cravings and Their Potential Nutrient Links

1. Chocolate

• Possible Deficiency: Magnesium

• Explanation: Chocolate, especially dark chocolate, is rich in magnesium. A craving for chocolate might indicate a need for this essential mineral, which plays roles in muscle function, nerve signaling, and energy production.

• Sources of Magnesium: Nuts, seeds, legumes, whole grains, and leafy green vegetables.

2. Ice (Pagophagia)

• Possible Deficiency: Iron

• Explanation: The compulsive consumption of ice, known as pagophagia, has been linked to iron-deficiency anemia. Chewing ice may provide temporary relief to oral inflammation caused by anemia.

• Sources of Iron: Red meat, poultry, seafood, beans, dark leafy greens, and iron-fortified cereals.

3. Salty Foods

• Possible Deficiency: Sodium or Chloride

• Explanation: An intense desire for salty snacks might suggest an electrolyte imbalance, particularly involving sodium or chloride. These minerals are vital for maintaining fluid balance and nerve function.

• Sources of Sodium and Chloride: Table salt, seafood, and vegetables like celery and tomatoes.

4. Red Meat

• Possible Deficiency: Iron or Vitamin B12

• Explanation: Craving red meat could signal low levels of iron or vitamin B12, both crucial for red blood cell formation and preventing anemia.

• Sources of Vitamin B12: Fish, meat, poultry, eggs, and dairy products.

5. Cheese or Dairy

• Possible Deficiency: Calcium or Vitamin D

• Explanation: A hankering for cheese or dairy products may indicate a need for calcium or vitamin D, essential for bone health and muscle function.

• Sources of Calcium: Dairy products, fortified plant-based milks, and leafy green vegetables.

• Sources of Vitamin D: Fatty fish, fortified dairy products, and exposure to sunlight.

6. Sugary Foods

• Possible Deficiency: Chromium or Magnesium

• Explanation: A sweet tooth might be linked to low levels of chromium, which aids in blood sugar regulation, or magnesium, involved in glucose metabolism.

• Sources of Chromium: Broccoli, grapes, whole-grain products, and meats.

7. Pickles or Sour Foods

• Possible Deficiency: Sodium

• Explanation: Craving pickles or sour foods can be a sign of sodium deficiency, especially in individuals with low blood pressure or those losing sodium through sweat.

8. Fried or Fatty Foods

• Possible Deficiency: Essential Fatty Acids

• Explanation: A desire for fried foods may suggest a lack of essential fatty acids, necessary for brain function and hormone production.

• Sources of Essential Fatty Acids: Fatty fish, flaxseeds, walnuts, and chia seeds.

9. Carbonated Drinks

• Possible Deficiency: Calcium

• Explanation: Some theories propose that craving fizzy drinks is linked to low calcium levels, though more research is needed in this area.

The Broader Impact of Nutrient Deficiencies

Nutrient deficiencies can manifest in various ways beyond cravings.

For instance:

• Iron Deficiency: Affects approximately one in three adults, leading to symptoms like fatigue, dizziness, and pica (craving non-nutritional substances). Addressing this requires incorporating iron-rich foods into the diet or considering supplements under medical guidance.

• Hidden Hunger: This term refers to subclinical nutrient deficiencies that don’t show immediate symptoms but can increase the risk of chronic diseases, including type 2 diabetes. A balanced diet rich in essential nutrients is crucial to combat this issue.

Addressing and Preventing Nutrient Deficiencies

To mitigate cravings linked to nutrient deficiencies:

• Balanced Diet: Ensure a varied diet that includes all essential nutrients. Incorporate fruits, vegetables, whole grains, lean proteins, and healthy fats.

• Regular Health Check-ups: Routine medical examinations can detect deficiencies early, allowing for timely interventions.

• Mindful Eating: Pay attention to hunger cues and cravings. Reflecting on what your body might be signaling can guide healthier food choices.

• Supplementation: When necessary, supplements can help address specific deficiencies. However, it’s essential to consult with a healthcare professional before starting any supplement regimen.

When to Seek Professional Help

If you experience persistent cravings or suspect a nutrient deficiency, consulting a registered dietitian or nutritionist is advisable. They can assess your dietary habits, identify potential deficiencies, and determine underlying causes, such as:

• Dietary Imbalances: Consuming foods that hinder nutrient absorption or lack essential nutrients.

• Malabsorption Issues: Conditions like celiac disease, Crohn’s disease, or environmental enteropathy can impair nutrient absorption, leading to deficiencies. For instance, environmental enteropathy, prevalent in low-resource settings, is characterized by chronic intestinal inflammation, reducing nutrient absorption and leading to malnutrition and stunted growth.

• Medication Interactions: Some medications can interfere with nutrient absorption. For example, metformin, a common diabetes medication, has been associated with vitamin B12 deficiency.

A healthcare professional can conduct necessary tests to diagnose deficiencies and recommend appropriate dietary adjustments or supplements.

To summarise, cravings can serve as insightful indicators of our body’s nutritional needs. By understanding the potential links between specific cravings and nutrient deficiencies, we can make informed dietary choices that promote overall health. Emphasizing a balanced diet, staying attuned to our body’s signals, and seeking professional guidance when needed are pivotal steps toward well-being.

About Harpreet Pasricha (Author): Harpreet Pasricha is a renowned nutritionist, dietitian, and wellness expert with extensive experience in the field of health and nutrition. She is the founder of Diet Dr Clinic, where she provides personalized nutrition plans to individuals, athletes, and corporate clients. With a strong background in functional nutrition, Harpreet emphasizes a holistic approach to health, focusing on balanced diets, lifestyle modifications, and scientific dietary solutions. She has conducted numerous workshops and awareness programs on wellness, weight management, and sports nutrition. Passionate about empowering individuals with the right nutritional knowledge, she continues to inspire healthier lifestyles through her expertise and guidance.

आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम पुण्यतिथि पर डोंगरगढ़ में भव्य महा महोत्सव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरुण साव हुए शामिल

डोंगरगढ़-  आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में छह दिवसीय महा महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण के साथ की गई. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने श्रद्धांजलि अर्पित की और आचार्य विद्यासागर महाराज को नमन किया।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छह दिवसीय महा महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आज पहुंचे हैं. यह तीर्थ क्षेत्र धार्मिक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि यहां शिक्षा, शिल्पकला और गौसेवा के माध्यम से समाजहित के कार्य भी हो रहे हैं, जिससे यह स्थल न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देश-विदेश में प्रसिद्ध हो रहा है. उन्होंने आचार्य विद्यासागर जी महाराज के समाधि स्थल को प्रेरणा का केंद्र बताया.

कार्यक्रम में देशभर से बड़ी संख्या में जैन मुनि, आचार्यगण और श्रद्धालु पहुंचे हैं. आगामी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चंद्रगिरी तीर्थ में आचार्य विद्यासागर के आशीर्वाद लेने का उल्लेखनीय वृतांत भी है, जो 5 नवंबर 2023 को हुआ था. इस आयोजन में प्रदेश और देश के कई प्रमुख राजनेताओं के भी शिरकत करने की संभावना जताई जा रही है.

यह महा महोत्सव 6 फरवरी तक चलेगा, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी.

CGMSC घोटाला : ईओडब्ल्यू-एसीबी ने 2 आईएएस अफसरों के खिलाफ सरकार से मांगी जांच की अनुमति
रायपुर- मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू-एसीबी ने राज्य सरकार से दो आईएएस समेत सीजीएमएससी के छह अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है. 400 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सीजीएमएससी के सप्लायर मोक्षित कारपोरेशन के ठिकानों पर हाल ही में छापा मारा था. इस छापे के बाद ईओडब्ल्यू-एसीबी ने मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा की गिरफ्तारी की थी. कहा जा रहा है कि छापे में ईओडब्ल्यू-एसीबी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. इन दस्तावेजों की पड़ताल और शशांक चोपड़ा से प्रारंभिक पूछताछ के बाद कथित तौर पर घोटाले में लिप्त अफसरों की संदिग्घ भूमिका की जांच जरूरी समझी जा रही है. यही वजह है कि ईओडब्ल्यू-एसीबी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाने के लिहाज से राज्य सरकार से अनुमति मांगी है.

मंत्रालय के उच्च पदस्थ अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन दो आईएएस अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति ईओडब्ल्यू-एसीबी ने चाही हैं, उनमें भीम सिंह और चंद्रकांत वर्मा के नाम शामिल हैं. पूर्ववर्ती सरकार में भीम सिंह स्वास्थ्य संचालक और चंद्रकांत वर्मा सीजीएमएससी के एमडी के रुप में कार्यरत थे. तत्कालीन पदों पर रहते हुए उनकी भूमिकाओं को जांच के दायरे में लिया जा सकता है. इसके अलावा सीजीएमएससी के जीएम टेक्निकल बसंत कौशिक, जीएम फाइनेंस मीनाक्षी गौतम, स्टोर इंचार्ज डा. अनिल परसाई, जीएम टेक्निकल इक्विपमेंट कमलकांत पाटनवार, बायमोडिकल इंजीनियर क्षिरौंद्र रावटिया तथा टेंडर एंड परचेसिंग आफिसर अभिमन्यु सिंह के खिलाफ जांच की जा सकती है. माना जा रहा है कि अफसरों से पूछताछ जांच को नई दिशा देगी.

बीते सोमवार को ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सीजीएमएससी के सप्लाय मोक्षित कारपोरेशन के रायपुर और दुर्ग के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी. इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में भी दबिश दी गई थी. मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट से ईओडब्ल्यू-एसीबी को सात दिनों की रिमांड मिली है. मोक्षित कारपोरेशन दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की एजेंसी है. सीजीएमएससी को यह एजेंसी दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की सप्लाई करती थी.

ईओडब्ल्यू-एसीबी की एफआईआर में बताया गया है कि शासन के संज्ञान में लाए बिना लगभग 411 करोड़ रुपए की खरीदी की गई. स्वास्थ्य विभाग और सीजीएमएससी के अफसरों की ओर से रीएजेंट सप्लाई करने वाली कंपनी को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए शासन की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. सीजीएमएससी ने खरीदी के लिए केवल 26-27 दिन के अंतराल में ही आदेश जारी किया था. इन रीएजेंट की रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं होने के बावजूद बेधड़क खरीदी की गई. एफआईआर में लिखा गया है कि खरीदी के पहले वास्तविक आवश्यकता का आंकलन किए बगैर खरीदी के लिए मांग पत्र जारी किया गया था. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि पूर्व स्वास्थ्य संचालक ने रीएजेंट की खरीदी के लिए 10 जनवरी 2022 को इंडेंट दिया. इससे पहले न तो बजट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई और न ही किसी प्रकार का प्रशासनिक अनुमोदन प्राप्त किया गया. यानी बिना शासन के संज्ञान में लाए लगभग 411 करोड़ रुपए की लाइबिलिटी शासन के ऊपर निर्मित की गई.

मूल्य से कहीं अधिक कीमत पर की गई खरीदी

एफआईआर के मुताबिक, जांच के दौरान यह बात सामने आई कि ब्लड सैंपल कलेक्शन करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली EDTA ट्यूब को मोक्षित कॉरपोरेशन से 2352 रुपये प्रति नग के भाव से खरीदा गया है, जबकि अन्य संस्थाओं ने इसी सामग्री को अधिकतम 8.50 रुपये (अक्षरी – आठ रुपये पचास पैसा) की दर से क्रय किया. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2023 तक अरबों रुपये की खरीदी मोक्षित कारपोरेशन और CB कॉरपोरेशन के साथ सांठगांठ करके की है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन ने 300 करोड़ रुपये के रिएजेंट सिर्फ इसीलिए खरीद लिए ताकि मोक्षित कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के पास उपलब्ध केमिकल्स की एक्सपायरी डेट नजदीक न आ जाए. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने मोक्षित कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड से 300 करोड़ रुपये के रीएजेंट खरीदकर राज्य के 200 से भी अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिना मांग के ही भेज दिया. उन स्वास्थ्य केंद्रों में उक्त रिएजेंट को उपयोग करने वाली CBC मशीन ही नहीं थी. रीएजेंट की एक्सपायरी मात्र दो से तीन माह की बची हुई है और रीएजेंट खराब न हो, इसलिए छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन के द्वारा 600 फ्रिज खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू की. एफआईआर के मुताबिक, जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि सीजीएमएससी ने ईडीएल दवा और नॉन-ईडीएल/कंज्यूमेबल और टेस्ट किट आइटम/फूड बास्केट/प्रोप्राइटरी और नॉन-प्रोप्राइटरी कंज्यूमेबल आइटम/आयुष दवाइयां/उपकरण सामग्री की आपूर्ति करने और कालातीत औषधियों के निष्कासन के लिए प्रतिष्ठित फर्म से कोटेशन/खरीदी और दर अनुबंध के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए निविदा प्रक्रिया 26 अगस्त 2022 के लिए ई-निविदा जारी की गई. इस निविदा के लिए प्री-बिड मीटिंग के लिए 29 अगस्त 2022 निर्धारित किया गया था. इसके बाद 26 सितंबर तक निविदा दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिए गए थे.

संचालनालय स्वास्थ्य एवं सेवाएं के उप संचालक ने इस जानकारी के बाद सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक को प्री-बिड के आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुए यह बताया कि राज्य स्तरीय निरीक्षण और परीक्षण तकनीकी समिति के विषय-विशेषज्ञों के जिलों से प्राप्त स्पेसिफिकेशन का निर्धारण किया गया है, जिसमें कोई बदलाव न करते हुए टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया. इस निविदा के लिए मोक्षित कारपोरेशन, रिकार्ड्स एवं मेडिकेयर सिस्टम और श्री शारदा इंडस्ट्रीज के द्वारा निविदा प्रक्रिया में भाग लिया गया. जिसमें निविदा समिति ने उपकरणों, रिएजेंट, कंज्यूमेबल्स व मशीनों के सीएमसी के एल-1 दर को मान्य किए जाने की अनुशंसा करते हुए मोक्षित कारपोरेशन को 25 जनवरी 2023 को निविदा देने की अनुशंसा की, जो प्रबंध संचालक द्वारा स्वीकृत दी गई.

5 लाख की मशीन को 17 लाख में खरीदा

जांच में यह जानकारी सामने आई कि निर्माता कंपनियां खुले बाजार में जिस सीबीसी मशीन को मात्र 5 लाख रुपये में विक्रय करती हैं, उन्हीं मशीनों को मोक्षित कारपोरेशन ने निविदा के माध्यम से दर अनुबंध करते हुए सीजीएमएससी को 17 लाख रुपये में दिया. सीजीएमएससी द्वारा मशीन एवं उपकरण निर्माता कंपनियों के साथ ही दर अनुबंध किया जाता है, जबकि मोक्षित कारपोरेशन के पास अस्पताल में उपयोग होने वाले उपकरण बनाने की कोई फैक्ट्री (उत्पादन इकाई) नहीं है और न ही उपकरणों का निर्माण मोक्षित कारपोरेशन द्वारा किया जाता है. इसके बावजूद अपने रसूख और कमीशन के प्रलोभन के दम पर मोक्षित कारपोरेशन ने अधिकारियों से सैटिंग करके अधिकांश दर अनुबंध अपनी कंपनी के नाम पर करवा लिया. एफआईआर में यह लिखा गया है कि CB कारपोरेशन के नाम से संचालित शेल कंपनी भी मोक्षित कारपोरेशन ग्रुप की ही कंपनी है, जिसके नाम पर भी काफी सारे दर अनुबंध करवाए गए. मोक्षित कारपोरेशन ने रिएजेंट और केमिकल्स को अधिकतम खुदरा मूल्य से भी अधिक के दाम पर दर अनुबंध करवाया. इस प्रकार 750 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदी कर शासन के साथ धोखाधड़ी की गई.

कांग्रेस ने खेला बड़ा दाव : भाजपा छोड़ कांग्रेस में आई नम्रता दास, 24 घंटे के भीतर पार्टी ने दिया नगर पंचायत अध्यक्ष का टिकट
खैरागढ़- जिले के छुईंखदान नगर पंचायत में निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने यहां बड़ा दांव खेलते हुए भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में आई नम्रता गिरिराज किशोर दास को नगर पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित कर दिया है.

नम्रता देवी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष गिरिराज किशोर दास की पत्नी है. उन्होंने सोमवार को अपने पति के साथ भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था. कांग्रेस में शामिल होने के 24 घंटे के भीतर ही पार्टी ने उन्हें छुईंखदान नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. दूसरी ओर भाजपा ने छुईंखदान में वरिष्ठ भाजपा नेता खूबचंद पारख की बेटी शीतल जैन को टिकट दिया है. हालांकि, शीतल जैन को प्रत्याशी बनाए जाने के फैसले का स्थानीय स्तर पर भारी विरोध हो रहा है. भाजपा के कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता का एक वर्ग इस निर्णय से नाराज है, जिससे पार्टी के भीतर मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं.

नम्रता गिरिराज किशोर दास

गिरिराज का कांग्रेस में आना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस का यह कदम भाजपा को कमजोर करने और स्थानीय जनता का समर्थन पाने के लिए उठाया गया है. गिरिराज किशोर दास का भाजपा में लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है और उनका कांग्रेस में आना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. छुईंखदान नगर पंचायत के इस घटनाक्रम ने चुनावी माहौल को और भी गर्म कर दिया है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में हैं. अब देखना होगा कि जनता किस पार्टी और प्रत्याशी पर भरोसा जताती है.

भाजपा के लिए बड़ी चुनौती

स्थानीय जनता का कहना है कि इस चुनाव में व्यक्तिगत छवि, अनुभव और विकास कार्य प्रमुख मुद्दा होंगे. कांग्रेस के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी स्थानीय समीकरणों को साधने के लिए आक्रामक रणनीति अपना रही है. वहीं भाजपा को अपने अंदरूनी विरोध को शांत करते हुए जनता का भरोसा बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी. छुईंखदान नगर पंचायत चुनाव अब बेहद दिलचस्प हो चुका है. कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधे मुकाबले में दोनों पार्टियों की रणनीति और प्रत्याशियों की छवि आगामी चुनावी परिणाम को तय करेगी.

गिरीराज ने भाजपा पर अनदेखी और परिवारवाद का लगाया था आरोप

बता दें कि नगर पंचायत से दो बार अध्यक्ष रह चुके और भाजपा के जिला उपाध्यक्ष गिरीराज किशोरदास ने सोमवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी. रायपुर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया था. गिरीराज किशोरदास ने कहा था कि भाजपा में अब कार्यकर्ताओं की अनदेखी और परिवारवाद हावी हो गया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि पार्टी नेतृत्व क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनभावनाओं को दरकिनार कर निर्णय ले रही है. कांग्रेस की नीतियों और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व से प्रभावित होकर उन्होंने यह कदम उठाया है.

भाजपा प्रत्याशी शीतल जैन का बढ़ता विरोध

भाजपा ने छुईखदान नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ नेता खुबचंद पारख की बेटी शीतल जैन को प्रत्याशी घोषित किया है, लेकिन उनकी उम्मीदवारी का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. भाजपा की पार्षद शैव्या वैष्णव ने भी शीतल जैन को टिकट देने का विरोध किया था. शैव्या ने पार्टी नेतृत्व पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और इसे क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के सम्मान के खिलाफ बताया. इसके बाद गिरीराज किशोरदास के कांग्रेस में शामिल होने और भाजपा के भीतर बढ़ते विरोध ने छुईखदान में राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह से बदल दिया. कांग्रेस इस मौके को अपने लिए बड़ा लाभ मान रही है, जबकि भाजपा के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है.

भाजपा-कांग्रेस में पोस्टर वॉर जारी: कांग्रेस ने बीजेपी को बताया चिंटफंड कंपनी का प्रतिनिधि, तो BJP ने पत्रकार हत्या में कांग्रेस पर साधा निशाना

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में महिलाओं से करोड़ों की ठगी करने वाली कंपनी फ्लोरा मैक्स के भंडाफोड़ और पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. एक तरफ फ्रॉड की शिकार हुई महिलाएं धरना प्रदर्शन कर सरकार से मदद की गुहार लगा रही हैं. तो वहीं सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर ऐसी फ्रॉड चिटफंज कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने का आरोप लगा रही है. दोनों ही पार्टियों ने आज सोशल मीडिया में कार्टून पोस्टर जारी कर एक-दूसरे पर निशाना साधा है.

कांग्रेस ने फ्लोरामैक्स मामले में भाजपा का कार्टून पोस्टर सोशल मीडिया x पर शेयर करते हुए BJP के लिए लिखा- ‘जन प्रतिनिधि- गलत, चिटफंड प्रतिनिधि- सही.’

कांग्रेस द्वारा जारी कार्टून पोस्टर में मंत्री लखन लाल देवांगन पर निशाना साधते हुए लिखा- ‘मंत्री ने जिस चिटफंड कंपनी का उद्घाटन किया, वह खा गई महिलाओं के करोड़ों रुपए. न्याय मांगने पर महिलाओं के खिलाफ ही FIR.’

देखें कांग्रेस का BJP पर पोस्टर वार:

 

भाजपा ने कांग्रेस पर पोस्टर वार:

छत्तीसगढ़ भाजपा ने भी बीजापुर में हुए स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में कांग्रेस पर पोस्टर वार किया है. भाजपा ने सोशल मीडिया एक्स पर कांग्रेसी नेता दीपक बैज और हत्या के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर का कार्टून पोस्टर जारी कर लिखा- ‘कांग्रेस की शह पर होता है देश के चौथे स्तंभ पर आघात.’

देखें भाजपा का कांग्रेस पर पोस्टर वार:

Nishkam Sewa : Dr. Sarabjeet Singh's Path to Liberation Through Selfless Service — One Man’s Mission to Uplift Society"

Nishkam Sewa is a term to describe a service towards others which is a selfless service in several spiritual traditions including Sikhism.

It basically means investing one’s time, energy and resources without any expectations or reward or any personal gain in return for such acts or

deeds.

This service focuses on benefitting humans, animals and nature. This is a practice to engage with the divine and achieve a higher level of liberation.

I personally believe that this will be my contribution towards Society and I am trying to do the best. This is my sole journey and only purpose in life.

Though I am known as Dr. Sarabjeet Singh but my way of meditation is through the path of Nishkam Sewa for the underprivileged people of the society.

I seek no rewards for my services but my satisfaction and contention is in every breath through Nishkam Sewa.

Nishkam Sewa is:

> Selfless Service with no ulterior motive

> Humility and purity of intention. Done with a free heart and no sense of ego

> Service to Humanity: it can be in any form whether by serving the underprivileged part of our society or taking care of animals or mother nature.

> Liberation and Merit: In Sikhism it is a path to attain Liberation (Mukti).

Since the time my Nishkam Sewa journey has started it has increased my spiritual growth, selfless service towards humanity, nature and also

towards animals.

I have achieved a path of greater happiness and these acts of kindness and service has led me to a feeling of contentment in life with a much wider aspect of sewa in any form and a feeling of a deep and strong connect with the divine.

I have attained the path NIMARTA as it is said in Sikhism, with Purity and sincerity and Mukti.

This concept of Nishkam Sewa, I realized in my growing years through my grandparents and parents but the depth of this concept came to me a few years back and without realizing I was already walking in the path.

May the divine energy give me more ways to carry on my journey of sewa and I wish the people who are reading this article are encouraged to

implement a part of this service in their life too.

That is how, I believe, the whole humanity will improve making the world a better place to live in.

Regards

Dr. Sarabjeet Singh

Sewadar Mai Tera Hain

Nishkam Sewa : Dr. Sarabjeet Singh's Path to Liberation Through Selfless Service — One Man’s Mission to Uplift Society"

Nishkam Sewa is a term to describe a service towards others which is a selfless service in several spiritual traditions including Sikhism.

It basically means investing one’s time, energy and resources without any expectations or reward or any personal gain in return for such acts or

deeds.

This service focuses on benefitting humans, animals and nature. This is a practice to engage with the divine and achieve a higher level of liberation.

I personally believe that this will be my contribution towards Society and I am trying to do the best. This is my sole journey and only purpose in life.

Though I am known as Dr. Sarabjeet Singh but my way of meditation is through the path of Nishkam Sewa for the underprivileged people of the society.

I seek no rewards for my services but my satisfaction and contention is in every breath through Nishkam Sewa.

Nishkam Sewa is:

> Selfless Service with no ulterior motive

> Humility and purity of intention. Done with a free heart and no sense of ego

> Service to Humanity: it can be in any form whether by serving the underprivileged part of our society or taking care of animals or mother nature.

> Liberation and Merit: In Sikhism it is a path to attain Liberation (Mukti).

Since the time my Nishkam Sewa journey has started it has increased my spiritual growth, selfless service towards humanity, nature and also

towards animals.

I have achieved a path of greater happiness and these acts of kindness and service has led me to a feeling of contentment in life with a much wider aspect of sewa in any form and a feeling of a deep and strong connect with the divine.

I have attained the path NIMARTA as it is said in Sikhism, with Purity and sincerity and Mukti.

This concept of Nishkam Sewa, I realized in my growing years through my grandparents and parents but the depth of this concept came to me a few years back and without realizing I was already walking in the path.

May the divine energy give me more ways to carry on my journey of sewa and I wish the people who are reading this article are encouraged to

implement a part of this service in their life too.

That is how, I believe, the whole humanity will improve making the world a better place to live in.

Regards

Dr. Sarabjeet Singh

Sewadar Mai Tera Hain

सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर की मोदी सरकार की सराहना, बोले- खत्म हुई बड़ी समस्या

#congressleadersalmankhurshidpraisesarticle370_abrogation

शशि थरूर के बाद कांग्रेस के एक और नेता ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की सराहना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को लेकर बड़ा बयान दिया है और मोदी सरकार के फैसले की तारीफ की है। खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर सरकार की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से बड़ी समस्या का अंत हो गया है। सलमान खुर्शीद का ये बयान शशि थरूर के बाद पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

आतंकवाद पर भारत की नीति को साफ करने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सरकार ने दुनियाभर के 33 देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल को भेजा है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने इंडोनेशिया में एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 ने लंबे समय से जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से अलग मानने की धारणा बनाई हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से अनुच्छेद को निरस्त करने के साथ ही यह धारणा समाप्त हो गई है।

सकारात्मक बदलाव आए हैं और समृद्धि बढ़ी- खुर्शीद

अलग पहचान की भावना को बड़ी समस्या बताते हुए सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से हुए सकारात्मक परिणामों पर बात की। उन्होंने केंद्रशासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में 65 फीसदी मतदाताओं की भागीदारी का भी जिक्र किया। उन्होंने इस क्षेत्र में उभरी समृद्धि की ओर इशारा करते हुए इन घटनाक्रमों को पलटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ पुरजोर तरीके से आवाज उठाई।

आज कश्मीर में तरक्की हो रही है- खुर्शीद

खुर्शीद ने बताया कि इसके बाद हुए चुनावों में 65 प्रतिशत मतदान हुआ और आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में जो तरक्की हो रही है, उसे कोई पीछे ले जाने की सोच भी नहीं सकता। ऐसा करना उचित नहीं होगा।

पुस्तक 'Article 21: The Spirit of the Constitution' का भव्य लोकार्पण समारोह सम्पन्न

विश्वनाथ प्रताप सिंह

प्रयागराज।प्रख्यात वरिष्ठ अधिवक्ता शम्भू चोपड़ा द्वारा लिखित महत्वपूर्ण विधिक कृति ‘Article 21: The Spirit of the Constitution’ का लोकार्पण आज सायं होटल ट्रेबो डिवाइन स्टे, प्रयागराज में आयोजित एक गरिमामयी समारोह में सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जे. जे. मुनिर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि समारोह की अध्यक्षता न्यायमूर्ति अरुण टंडन (सेवानिवृत्त) ने की।

मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति मुनिर ने अनुच्छेद 21 को संविधान का अति महत्वपूर्ण अनुच्छेद बताते हुए कहा कि “यह न केवल जीवन के अधिकार की रक्षा करता है, बल्कि उसमें गरिमा और स्वतंत्रता का विस्तार करता है। ऐसी पुस्तकों की आवश्यकता है जो कानून को केवल विधिक दायरे में ही नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना से भी जोड़ें।”

विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने लेखक को बधाई देते हुए कहा, “यह पुस्तक विधि के छात्रों, अधिवक्ताओं एवं नागरिक अधिकारों के अध्येताओं के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगी। लेखक ने संवैधानिक भावना को सरल भाषा में आमजन तक पहुंचाया है।”

लेखक शम्भू चोपड़ा ने अपने वक्तव्य में कहा, “अनुच्छेद 21 भारतीय संविधान का सबसे मानवीय अनुच्छेद है। यह केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि न्याय, स्वतंत्रता और गरिमा की पूरी अवधारणा को समाहित करता है। मैंने इस पुस्तक के माध्यम से इसकी व्यापकता, न्यायालयों की व्याख्याओं और सामाजिक प्रभावों को सरल भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।”

समारोह में साहित्य, विधि एवं पत्रकारिता जगत की प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इस अवसर पर अनुपम परिहार, अरविंद श्रीवास्तव, पूजा गुप्ता, प्रो रितु जायसवाल अनुपम कुमार, ऋषि कुमार, सुधांशु अग्रवाल, आदर्श मालवीय, महिमा जायसवाल सहित अनेक अधिवक्ता, विधि छात्र एवं गणमान्य जन उपस्थित रहे।

पुस्तक विमोचन उपरांत विमर्श का दौर चला जिसमें संविधान के मूल्यों की समकालीन प्रासंगिकता पर विचार साझा किए गए। समारोह का संचालन प्रो रितु जायसवाल धन्यवाद ज्ञापन अनुपम परिहार धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

क्या फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने से सहमत थे? पूर्व रॉ प्रमुख के खुलासा से गरमाई राजनीति

#farooqabdullahsecretlyagreedtoarticle370_removal

आर्टिकल 370 जम्मू और कश्मीर की राजनीति के लिए हमेशा से एक सबसे अहम मुद्दों में से एक रहा है। इस बीच आर्टिकल 370 को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए गुप्त रूप से सहमत थे। भारतीय खुफिया संस्था ‘रिसर्च एंड एनालसिस विंग’ (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत ने अपनी नई किताब में ये दावा किया है। इस दावे के बाद जम्मू कश्मीर में सियासी हलचल पैदा हो गई है।

पूर्व रॉ प्रमुख की किताब ने खोले राज

पूर्व चीफ एएस दुलत ने अपनी किताब 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' में उन्होंने कई बड़े खुलासे किए हैं। इस किताब का विमोचन 18 अप्रैल को होने वाला है। एएस दुलत ने अपनी किताब में फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनुच्छेद 370हटाने से कुछ दिन पहले हुई मुलाकात का जिक्र किया है। दुलत लिखते हैं कि उस मुलाकात में क्या हुआ? यह कोई नहीं जान पाएगा। फारूक ने निश्चित रूप से कभी इसका जिक्र नहीं किया।

फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी को बताया दुखद

दुलत के अनुसार, 2019 में फारूक अब्दुल्ला को नजरबंद करना कश्मीर की सबसे दुखद कहानी थी। दुलत ने बताया कि बातचीत के दौरान एनसी के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने अपनी नजरबंदी पर सवाल उठाया था। दुलत ने किताब में लिखा है कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में उनसे बात करते हुए कहा था कि 'कर लो अगर करना है। उन्होंने थोड़ा कड़वाहट के साथ कहा कि 'पर ये अरेस्ट क्यूं करना था? इसका मतलब है कि फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने के पक्ष में थे, लेकिन वे अपनी गिरफ्तारी से नाखुश थे।

किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए “सस्ती चाल”-फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने पूर्व रॉ प्रमुख एएस दुलत द्वारा किए गए दावे की आलोचना की है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह दावा दुलत की अपनी आगामी किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए की गई “सस्ती चाल” का हिस्सा है। जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमें हिरासत में लिया गया क्योंकि विशेष दर्जा समाप्त किये जाने के खिलाफ हमारा रुख जगजाहिर था। मैंने जो गुपकार अलायंस बनाई उसका मकसद क्या था कि हम सब इकट्ठे होकर इसके खिलाफ खड़े हों। शुक्र है अल्लाह का कि हम सब खड़े रहे। आज भी खड़े हैं।

खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं- सज्जाद गनी

वहीं दूसरी तरफ, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि उन्हें इस खुलासे पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। 4 अगस्त, 2019 को मौजूदा मुख्यमंत्री (उमर अब्दुल्ला) और फारूक अब्दुल्ला की पीएम (नरेंद्र मोदी) से मुलाकात उनके लिए कभी रहस्य नहीं रही।

सज्जाद गनी लोन ने लिखा, दुलत साहब ने अपनी आने वाली किताब में खुलासा किया है कि फारूक साहब ने निजी तौर पर अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया था। दुलत साहब के इस खुलासे से यह बात बहुत विश्वसनीय लगती है क्योंकि वह फारूक के सबसे करीबी सहयोगी और मित्र हैं। सजाद ने आगे लिखा, संयोग से दुलत साहब दिल्ली के कुख्यात अंकल और आंटी ब्रिगेड के प्रसिद्ध अंकल हैं। बेशक नेशनल कॉन्फ्रेंस इससे इनकार करेगी। इसे एनसी के खिलाफ एक और साजिश कहेंगे।

Nutrition experts Talk on Decoding Cravings: Understanding the Connection Between Nutrient Deficiencies and Food Desires

In March, a team of diet consultants, led by Nutritionist Harpreet Pasricha, conducted a series of talks on cravings in celebration of International Women’s Day. These sessions were held at Pentair, Mount Litera Zee School, Indian Naval units, and all Diet Dr Clinics in Goa, Ludhiana, and Amritsar.

Cravings are intense desires for specific foods that many individuals experience. While they can be influenced by emotions and habits, they may also indicate underlying nutrient deficiencies. This article explores the possible link between cravings and nutritional gaps, offering insights on how to address them effectively.

Understanding Cravings

Cravings are more than mere hunger; they are powerful urges for particular foods. These desires can be influenced by:

• Physiological Needs: The body’s requirement for specific nutrients.

• Emotional States: Stress, anxiety, or sadness leading to comfort eating.

• Hormonal Fluctuations: Changes during menstrual cycles or pregnancy affecting appetite.

Recognizing the root cause of cravings is essential for maintaining overall health and well-being.

Common Cravings and Their Potential Nutrient Links

1. Chocolate

• Possible Deficiency: Magnesium

• Explanation: Chocolate, especially dark chocolate, is rich in magnesium. A craving for chocolate might indicate a need for this essential mineral, which plays roles in muscle function, nerve signaling, and energy production.

• Sources of Magnesium: Nuts, seeds, legumes, whole grains, and leafy green vegetables.

2. Ice (Pagophagia)

• Possible Deficiency: Iron

• Explanation: The compulsive consumption of ice, known as pagophagia, has been linked to iron-deficiency anemia. Chewing ice may provide temporary relief to oral inflammation caused by anemia.

• Sources of Iron: Red meat, poultry, seafood, beans, dark leafy greens, and iron-fortified cereals.

3. Salty Foods

• Possible Deficiency: Sodium or Chloride

• Explanation: An intense desire for salty snacks might suggest an electrolyte imbalance, particularly involving sodium or chloride. These minerals are vital for maintaining fluid balance and nerve function.

• Sources of Sodium and Chloride: Table salt, seafood, and vegetables like celery and tomatoes.

4. Red Meat

• Possible Deficiency: Iron or Vitamin B12

• Explanation: Craving red meat could signal low levels of iron or vitamin B12, both crucial for red blood cell formation and preventing anemia.

• Sources of Vitamin B12: Fish, meat, poultry, eggs, and dairy products.

5. Cheese or Dairy

• Possible Deficiency: Calcium or Vitamin D

• Explanation: A hankering for cheese or dairy products may indicate a need for calcium or vitamin D, essential for bone health and muscle function.

• Sources of Calcium: Dairy products, fortified plant-based milks, and leafy green vegetables.

• Sources of Vitamin D: Fatty fish, fortified dairy products, and exposure to sunlight.

6. Sugary Foods

• Possible Deficiency: Chromium or Magnesium

• Explanation: A sweet tooth might be linked to low levels of chromium, which aids in blood sugar regulation, or magnesium, involved in glucose metabolism.

• Sources of Chromium: Broccoli, grapes, whole-grain products, and meats.

7. Pickles or Sour Foods

• Possible Deficiency: Sodium

• Explanation: Craving pickles or sour foods can be a sign of sodium deficiency, especially in individuals with low blood pressure or those losing sodium through sweat.

8. Fried or Fatty Foods

• Possible Deficiency: Essential Fatty Acids

• Explanation: A desire for fried foods may suggest a lack of essential fatty acids, necessary for brain function and hormone production.

• Sources of Essential Fatty Acids: Fatty fish, flaxseeds, walnuts, and chia seeds.

9. Carbonated Drinks

• Possible Deficiency: Calcium

• Explanation: Some theories propose that craving fizzy drinks is linked to low calcium levels, though more research is needed in this area.

The Broader Impact of Nutrient Deficiencies

Nutrient deficiencies can manifest in various ways beyond cravings.

For instance:

• Iron Deficiency: Affects approximately one in three adults, leading to symptoms like fatigue, dizziness, and pica (craving non-nutritional substances). Addressing this requires incorporating iron-rich foods into the diet or considering supplements under medical guidance.

• Hidden Hunger: This term refers to subclinical nutrient deficiencies that don’t show immediate symptoms but can increase the risk of chronic diseases, including type 2 diabetes. A balanced diet rich in essential nutrients is crucial to combat this issue.

Addressing and Preventing Nutrient Deficiencies

To mitigate cravings linked to nutrient deficiencies:

• Balanced Diet: Ensure a varied diet that includes all essential nutrients. Incorporate fruits, vegetables, whole grains, lean proteins, and healthy fats.

• Regular Health Check-ups: Routine medical examinations can detect deficiencies early, allowing for timely interventions.

• Mindful Eating: Pay attention to hunger cues and cravings. Reflecting on what your body might be signaling can guide healthier food choices.

• Supplementation: When necessary, supplements can help address specific deficiencies. However, it’s essential to consult with a healthcare professional before starting any supplement regimen.

When to Seek Professional Help

If you experience persistent cravings or suspect a nutrient deficiency, consulting a registered dietitian or nutritionist is advisable. They can assess your dietary habits, identify potential deficiencies, and determine underlying causes, such as:

• Dietary Imbalances: Consuming foods that hinder nutrient absorption or lack essential nutrients.

• Malabsorption Issues: Conditions like celiac disease, Crohn’s disease, or environmental enteropathy can impair nutrient absorption, leading to deficiencies. For instance, environmental enteropathy, prevalent in low-resource settings, is characterized by chronic intestinal inflammation, reducing nutrient absorption and leading to malnutrition and stunted growth.

• Medication Interactions: Some medications can interfere with nutrient absorption. For example, metformin, a common diabetes medication, has been associated with vitamin B12 deficiency.

A healthcare professional can conduct necessary tests to diagnose deficiencies and recommend appropriate dietary adjustments or supplements.

To summarise, cravings can serve as insightful indicators of our body’s nutritional needs. By understanding the potential links between specific cravings and nutrient deficiencies, we can make informed dietary choices that promote overall health. Emphasizing a balanced diet, staying attuned to our body’s signals, and seeking professional guidance when needed are pivotal steps toward well-being.

About Harpreet Pasricha (Author): Harpreet Pasricha is a renowned nutritionist, dietitian, and wellness expert with extensive experience in the field of health and nutrition. She is the founder of Diet Dr Clinic, where she provides personalized nutrition plans to individuals, athletes, and corporate clients. With a strong background in functional nutrition, Harpreet emphasizes a holistic approach to health, focusing on balanced diets, lifestyle modifications, and scientific dietary solutions. She has conducted numerous workshops and awareness programs on wellness, weight management, and sports nutrition. Passionate about empowering individuals with the right nutritional knowledge, she continues to inspire healthier lifestyles through her expertise and guidance.

आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम पुण्यतिथि पर डोंगरगढ़ में भव्य महा महोत्सव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरुण साव हुए शामिल

डोंगरगढ़-  आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में छह दिवसीय महा महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण के साथ की गई. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने श्रद्धांजलि अर्पित की और आचार्य विद्यासागर महाराज को नमन किया।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छह दिवसीय महा महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आज पहुंचे हैं. यह तीर्थ क्षेत्र धार्मिक आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि यहां शिक्षा, शिल्पकला और गौसेवा के माध्यम से समाजहित के कार्य भी हो रहे हैं, जिससे यह स्थल न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देश-विदेश में प्रसिद्ध हो रहा है. उन्होंने आचार्य विद्यासागर जी महाराज के समाधि स्थल को प्रेरणा का केंद्र बताया.

कार्यक्रम में देशभर से बड़ी संख्या में जैन मुनि, आचार्यगण और श्रद्धालु पहुंचे हैं. आगामी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चंद्रगिरी तीर्थ में आचार्य विद्यासागर के आशीर्वाद लेने का उल्लेखनीय वृतांत भी है, जो 5 नवंबर 2023 को हुआ था. इस आयोजन में प्रदेश और देश के कई प्रमुख राजनेताओं के भी शिरकत करने की संभावना जताई जा रही है.

यह महा महोत्सव 6 फरवरी तक चलेगा, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी.

CGMSC घोटाला : ईओडब्ल्यू-एसीबी ने 2 आईएएस अफसरों के खिलाफ सरकार से मांगी जांच की अनुमति
रायपुर- मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू-एसीबी ने राज्य सरकार से दो आईएएस समेत सीजीएमएससी के छह अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है. 400 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सीजीएमएससी के सप्लायर मोक्षित कारपोरेशन के ठिकानों पर हाल ही में छापा मारा था. इस छापे के बाद ईओडब्ल्यू-एसीबी ने मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा की गिरफ्तारी की थी. कहा जा रहा है कि छापे में ईओडब्ल्यू-एसीबी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. इन दस्तावेजों की पड़ताल और शशांक चोपड़ा से प्रारंभिक पूछताछ के बाद कथित तौर पर घोटाले में लिप्त अफसरों की संदिग्घ भूमिका की जांच जरूरी समझी जा रही है. यही वजह है कि ईओडब्ल्यू-एसीबी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाने के लिहाज से राज्य सरकार से अनुमति मांगी है.

मंत्रालय के उच्च पदस्थ अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन दो आईएएस अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति ईओडब्ल्यू-एसीबी ने चाही हैं, उनमें भीम सिंह और चंद्रकांत वर्मा के नाम शामिल हैं. पूर्ववर्ती सरकार में भीम सिंह स्वास्थ्य संचालक और चंद्रकांत वर्मा सीजीएमएससी के एमडी के रुप में कार्यरत थे. तत्कालीन पदों पर रहते हुए उनकी भूमिकाओं को जांच के दायरे में लिया जा सकता है. इसके अलावा सीजीएमएससी के जीएम टेक्निकल बसंत कौशिक, जीएम फाइनेंस मीनाक्षी गौतम, स्टोर इंचार्ज डा. अनिल परसाई, जीएम टेक्निकल इक्विपमेंट कमलकांत पाटनवार, बायमोडिकल इंजीनियर क्षिरौंद्र रावटिया तथा टेंडर एंड परचेसिंग आफिसर अभिमन्यु सिंह के खिलाफ जांच की जा सकती है. माना जा रहा है कि अफसरों से पूछताछ जांच को नई दिशा देगी.

बीते सोमवार को ईओडब्ल्यू-एसीबी ने सीजीएमएससी के सप्लाय मोक्षित कारपोरेशन के रायपुर और दुर्ग के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी. इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में भी दबिश दी गई थी. मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट से ईओडब्ल्यू-एसीबी को सात दिनों की रिमांड मिली है. मोक्षित कारपोरेशन दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की एजेंसी है. सीजीएमएससी को यह एजेंसी दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की सप्लाई करती थी.

ईओडब्ल्यू-एसीबी की एफआईआर में बताया गया है कि शासन के संज्ञान में लाए बिना लगभग 411 करोड़ रुपए की खरीदी की गई. स्वास्थ्य विभाग और सीजीएमएससी के अफसरों की ओर से रीएजेंट सप्लाई करने वाली कंपनी को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए शासन की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. सीजीएमएससी ने खरीदी के लिए केवल 26-27 दिन के अंतराल में ही आदेश जारी किया था. इन रीएजेंट की रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं होने के बावजूद बेधड़क खरीदी की गई. एफआईआर में लिखा गया है कि खरीदी के पहले वास्तविक आवश्यकता का आंकलन किए बगैर खरीदी के लिए मांग पत्र जारी किया गया था. एफआईआर में यह भी कहा गया है कि पूर्व स्वास्थ्य संचालक ने रीएजेंट की खरीदी के लिए 10 जनवरी 2022 को इंडेंट दिया. इससे पहले न तो बजट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई और न ही किसी प्रकार का प्रशासनिक अनुमोदन प्राप्त किया गया. यानी बिना शासन के संज्ञान में लाए लगभग 411 करोड़ रुपए की लाइबिलिटी शासन के ऊपर निर्मित की गई.

मूल्य से कहीं अधिक कीमत पर की गई खरीदी

एफआईआर के मुताबिक, जांच के दौरान यह बात सामने आई कि ब्लड सैंपल कलेक्शन करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली EDTA ट्यूब को मोक्षित कॉरपोरेशन से 2352 रुपये प्रति नग के भाव से खरीदा गया है, जबकि अन्य संस्थाओं ने इसी सामग्री को अधिकतम 8.50 रुपये (अक्षरी – आठ रुपये पचास पैसा) की दर से क्रय किया. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2023 तक अरबों रुपये की खरीदी मोक्षित कारपोरेशन और CB कॉरपोरेशन के साथ सांठगांठ करके की है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन ने 300 करोड़ रुपये के रिएजेंट सिर्फ इसीलिए खरीद लिए ताकि मोक्षित कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के पास उपलब्ध केमिकल्स की एक्सपायरी डेट नजदीक न आ जाए. छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन ने मोक्षित कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड से 300 करोड़ रुपये के रीएजेंट खरीदकर राज्य के 200 से भी अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिना मांग के ही भेज दिया. उन स्वास्थ्य केंद्रों में उक्त रिएजेंट को उपयोग करने वाली CBC मशीन ही नहीं थी. रीएजेंट की एक्सपायरी मात्र दो से तीन माह की बची हुई है और रीएजेंट खराब न हो, इसलिए छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन के द्वारा 600 फ्रिज खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू की. एफआईआर के मुताबिक, जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि सीजीएमएससी ने ईडीएल दवा और नॉन-ईडीएल/कंज्यूमेबल और टेस्ट किट आइटम/फूड बास्केट/प्रोप्राइटरी और नॉन-प्रोप्राइटरी कंज्यूमेबल आइटम/आयुष दवाइयां/उपकरण सामग्री की आपूर्ति करने और कालातीत औषधियों के निष्कासन के लिए प्रतिष्ठित फर्म से कोटेशन/खरीदी और दर अनुबंध के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए निविदा प्रक्रिया 26 अगस्त 2022 के लिए ई-निविदा जारी की गई. इस निविदा के लिए प्री-बिड मीटिंग के लिए 29 अगस्त 2022 निर्धारित किया गया था. इसके बाद 26 सितंबर तक निविदा दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिए गए थे.

संचालनालय स्वास्थ्य एवं सेवाएं के उप संचालक ने इस जानकारी के बाद सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक को प्री-बिड के आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुए यह बताया कि राज्य स्तरीय निरीक्षण और परीक्षण तकनीकी समिति के विषय-विशेषज्ञों के जिलों से प्राप्त स्पेसिफिकेशन का निर्धारण किया गया है, जिसमें कोई बदलाव न करते हुए टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया. इस निविदा के लिए मोक्षित कारपोरेशन, रिकार्ड्स एवं मेडिकेयर सिस्टम और श्री शारदा इंडस्ट्रीज के द्वारा निविदा प्रक्रिया में भाग लिया गया. जिसमें निविदा समिति ने उपकरणों, रिएजेंट, कंज्यूमेबल्स व मशीनों के सीएमसी के एल-1 दर को मान्य किए जाने की अनुशंसा करते हुए मोक्षित कारपोरेशन को 25 जनवरी 2023 को निविदा देने की अनुशंसा की, जो प्रबंध संचालक द्वारा स्वीकृत दी गई.

5 लाख की मशीन को 17 लाख में खरीदा

जांच में यह जानकारी सामने आई कि निर्माता कंपनियां खुले बाजार में जिस सीबीसी मशीन को मात्र 5 लाख रुपये में विक्रय करती हैं, उन्हीं मशीनों को मोक्षित कारपोरेशन ने निविदा के माध्यम से दर अनुबंध करते हुए सीजीएमएससी को 17 लाख रुपये में दिया. सीजीएमएससी द्वारा मशीन एवं उपकरण निर्माता कंपनियों के साथ ही दर अनुबंध किया जाता है, जबकि मोक्षित कारपोरेशन के पास अस्पताल में उपयोग होने वाले उपकरण बनाने की कोई फैक्ट्री (उत्पादन इकाई) नहीं है और न ही उपकरणों का निर्माण मोक्षित कारपोरेशन द्वारा किया जाता है. इसके बावजूद अपने रसूख और कमीशन के प्रलोभन के दम पर मोक्षित कारपोरेशन ने अधिकारियों से सैटिंग करके अधिकांश दर अनुबंध अपनी कंपनी के नाम पर करवा लिया. एफआईआर में यह लिखा गया है कि CB कारपोरेशन के नाम से संचालित शेल कंपनी भी मोक्षित कारपोरेशन ग्रुप की ही कंपनी है, जिसके नाम पर भी काफी सारे दर अनुबंध करवाए गए. मोक्षित कारपोरेशन ने रिएजेंट और केमिकल्स को अधिकतम खुदरा मूल्य से भी अधिक के दाम पर दर अनुबंध करवाया. इस प्रकार 750 करोड़ रुपये से अधिक की खरीदी कर शासन के साथ धोखाधड़ी की गई.

कांग्रेस ने खेला बड़ा दाव : भाजपा छोड़ कांग्रेस में आई नम्रता दास, 24 घंटे के भीतर पार्टी ने दिया नगर पंचायत अध्यक्ष का टिकट
खैरागढ़- जिले के छुईंखदान नगर पंचायत में निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने यहां बड़ा दांव खेलते हुए भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में आई नम्रता गिरिराज किशोर दास को नगर पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित कर दिया है.

नम्रता देवी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष गिरिराज किशोर दास की पत्नी है. उन्होंने सोमवार को अपने पति के साथ भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था. कांग्रेस में शामिल होने के 24 घंटे के भीतर ही पार्टी ने उन्हें छुईंखदान नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. दूसरी ओर भाजपा ने छुईंखदान में वरिष्ठ भाजपा नेता खूबचंद पारख की बेटी शीतल जैन को टिकट दिया है. हालांकि, शीतल जैन को प्रत्याशी बनाए जाने के फैसले का स्थानीय स्तर पर भारी विरोध हो रहा है. भाजपा के कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता का एक वर्ग इस निर्णय से नाराज है, जिससे पार्टी के भीतर मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं.

नम्रता गिरिराज किशोर दास

गिरिराज का कांग्रेस में आना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस का यह कदम भाजपा को कमजोर करने और स्थानीय जनता का समर्थन पाने के लिए उठाया गया है. गिरिराज किशोर दास का भाजपा में लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है और उनका कांग्रेस में आना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. छुईंखदान नगर पंचायत के इस घटनाक्रम ने चुनावी माहौल को और भी गर्म कर दिया है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में हैं. अब देखना होगा कि जनता किस पार्टी और प्रत्याशी पर भरोसा जताती है.

भाजपा के लिए बड़ी चुनौती

स्थानीय जनता का कहना है कि इस चुनाव में व्यक्तिगत छवि, अनुभव और विकास कार्य प्रमुख मुद्दा होंगे. कांग्रेस के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी स्थानीय समीकरणों को साधने के लिए आक्रामक रणनीति अपना रही है. वहीं भाजपा को अपने अंदरूनी विरोध को शांत करते हुए जनता का भरोसा बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी. छुईंखदान नगर पंचायत चुनाव अब बेहद दिलचस्प हो चुका है. कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधे मुकाबले में दोनों पार्टियों की रणनीति और प्रत्याशियों की छवि आगामी चुनावी परिणाम को तय करेगी.

गिरीराज ने भाजपा पर अनदेखी और परिवारवाद का लगाया था आरोप

बता दें कि नगर पंचायत से दो बार अध्यक्ष रह चुके और भाजपा के जिला उपाध्यक्ष गिरीराज किशोरदास ने सोमवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी. रायपुर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया था. गिरीराज किशोरदास ने कहा था कि भाजपा में अब कार्यकर्ताओं की अनदेखी और परिवारवाद हावी हो गया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि पार्टी नेतृत्व क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनभावनाओं को दरकिनार कर निर्णय ले रही है. कांग्रेस की नीतियों और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व से प्रभावित होकर उन्होंने यह कदम उठाया है.

भाजपा प्रत्याशी शीतल जैन का बढ़ता विरोध

भाजपा ने छुईखदान नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ नेता खुबचंद पारख की बेटी शीतल जैन को प्रत्याशी घोषित किया है, लेकिन उनकी उम्मीदवारी का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. भाजपा की पार्षद शैव्या वैष्णव ने भी शीतल जैन को टिकट देने का विरोध किया था. शैव्या ने पार्टी नेतृत्व पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और इसे क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के सम्मान के खिलाफ बताया. इसके बाद गिरीराज किशोरदास के कांग्रेस में शामिल होने और भाजपा के भीतर बढ़ते विरोध ने छुईखदान में राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह से बदल दिया. कांग्रेस इस मौके को अपने लिए बड़ा लाभ मान रही है, जबकि भाजपा के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है.

भाजपा-कांग्रेस में पोस्टर वॉर जारी: कांग्रेस ने बीजेपी को बताया चिंटफंड कंपनी का प्रतिनिधि, तो BJP ने पत्रकार हत्या में कांग्रेस पर साधा निशाना

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में महिलाओं से करोड़ों की ठगी करने वाली कंपनी फ्लोरा मैक्स के भंडाफोड़ और पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. एक तरफ फ्रॉड की शिकार हुई महिलाएं धरना प्रदर्शन कर सरकार से मदद की गुहार लगा रही हैं. तो वहीं सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर ऐसी फ्रॉड चिटफंज कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने का आरोप लगा रही है. दोनों ही पार्टियों ने आज सोशल मीडिया में कार्टून पोस्टर जारी कर एक-दूसरे पर निशाना साधा है.

कांग्रेस ने फ्लोरामैक्स मामले में भाजपा का कार्टून पोस्टर सोशल मीडिया x पर शेयर करते हुए BJP के लिए लिखा- ‘जन प्रतिनिधि- गलत, चिटफंड प्रतिनिधि- सही.’

कांग्रेस द्वारा जारी कार्टून पोस्टर में मंत्री लखन लाल देवांगन पर निशाना साधते हुए लिखा- ‘मंत्री ने जिस चिटफंड कंपनी का उद्घाटन किया, वह खा गई महिलाओं के करोड़ों रुपए. न्याय मांगने पर महिलाओं के खिलाफ ही FIR.’

देखें कांग्रेस का BJP पर पोस्टर वार:

 

भाजपा ने कांग्रेस पर पोस्टर वार:

छत्तीसगढ़ भाजपा ने भी बीजापुर में हुए स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में कांग्रेस पर पोस्टर वार किया है. भाजपा ने सोशल मीडिया एक्स पर कांग्रेसी नेता दीपक बैज और हत्या के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर का कार्टून पोस्टर जारी कर लिखा- ‘कांग्रेस की शह पर होता है देश के चौथे स्तंभ पर आघात.’

देखें भाजपा का कांग्रेस पर पोस्टर वार: