चीन-पाक को लेकर सेना प्रमुख का बड़ा बयान, जानें क्या कहा?

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भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चीन और पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है। सेना प्रमुख ने चीन और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियों को लेकर कहा कि आज उनकी मिलीभगत ने खतरा और बढ़ा दिया है। साथ ही उन्होंने चीन के एक प्रमुख आर्थिक और सामरिक शक्ति के रूप में उभरने से जटिलता के बढ़ने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन नियम-आधारित व्यवस्था को चुनौती दे रहा है और विघटनकारी गतिविधियों में आगे बढ़ रहा है।

सेना प्रमुख ने दिल्ली में जनरल बिपिन रावत मेमोरियल लेक्चर में यह बात कही।जनरल द्विवेदी ने कहा,देश कई तरह के प्रयासों के साथ काम कर रहा है, हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सुरक्षा के क्षेत्र में ‘किसी उभरती शक्ति द्वारा किसी मौजूदा शक्ति को हटाने के लिए युद्ध की आशंका’ में फंसना बहुत आसान है। उन्होंने कहा, क्या हम सामाजिक क्षेत्र में अनिवार्य आवश्यकताओं वाले देश के रूप में इस आशंका में फंसने का जोखिम उठा सकते हैं? साथ ही, क्या हम इस तथ्य को नजरअंदाज कर सकते हैं कि हम एक बेहद अस्थिर पड़ोस में रहते।

सेना प्रमुख ने कहा, जैसा कि जनरल रावत ने कहा था कि जब आपके उत्तर और पश्चिम में अस्थिर सीमाएं होती हैं, तो आप नहीं जानते कि लड़ाई किस तरफ से शुरू होगी और कहां खत्म होगी। इसलिए, आपको दोनों मोर्चों के लिए तैयार रहना चाहिए। आज, उच्च स्तर पर मिलीभगत ने खतरे को और बढ़ा दिया है।

जनरल द्विवेदी ने चीन की गतिविधियों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि चीन मौजूदा विश्व व्यवस्था को चुनौती दे रहा है। उन्होंने कहा कि चीन के एक प्रमुख आर्थिक और सामरिक शक्ति के रूप में उभरने से जटिलता बढ़ रही है, प्रतिस्पर्धा पैदा हो रही और ग्लोबल साउथ का नेतृत्व करने के भारत के प्रयासों में बाधा आ रही है।

इससे पहले आठ मार्च को भी जनरल द्विवेदी ने चीन और पाकिस्तान की करीबी का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच काफी हद तक मिलीभगत है। इसे स्वीकार किया जाना चाहिए। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान की करीबी का मतलब है कि दोनों मोर्चों पर वास्तविक खतरा है। पाकिस्तान में अधिकांश उपकरण चीनी मूल के हैं। इसलिए यह दो-मोर्चे का खतरा और एक वास्तविकता है।

क्या बांग्लादेशी सेना में तख्तापलट की साजिश को भारत ने किया नाकाम? इसके पीछे था पाकिस्तान

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पड़ोसी देश बांग्लादेश में सियासती उथल-पुथल जारी है। बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बाद अब वर्तमान सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के तख्तापलट की साजिश के दावे किए जा रहे है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक बांग्लादेशी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान सेना की बागडोर संभालने की तैयारियों में जुटे हैं। इस साजिश में कई कट्टरपंथी अफसर भी शामिल हैं। अब खुफिया रिपोर्टों से पता चला है कि भारत की मदद से बांग्लादेश की सेना के अंदर तख्तापलट की साजिश नाकाम हो गई है। हालांकि बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज्जमान के ऊपर से अभी खतरा टला नहीं है।

स्‍वराज्‍य मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली ने ना सिर्फ सेना प्रमुख की कुर्सी को बचाने में मदद की, बल्कि भारत ने चरमपंथियों की सरकार चलाने में मोहम्मद यूनुस को बहुत बड़ा झटका भी दिया है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख के खिलाफ नाकाम तख्तापलट की कोशिश को लेकर अब रिपोर्ट्स से सामने आने लगे हैं। खुफिया जानकारियों से पता चलता है कि सैना प्रमुख की तख्तापलट की साजिश पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने तैयार की थी। आईएसआई, जनरल वकार-उज्जमान से इसलिए नाराज थी, क्योंकि आर्मी चीफ बांग्लादेश को पाकिस्तान के साथ बने रहे करीबी संबंध के बीच अवरोध बन रहे थे।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बांग्लादेश आर्मी में पाकिस्तान और जमात-ए-इस्लामी परस्त लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान ने अन्य जनरलों के समर्थन से बांग्लादेश आर्मी के मौजूदा चीफ जनरल वकार-उज-जमां को हटाने की कोशिश की थी, लेकिन पर्याप्त समर्थन नहीं मिलने से यह नाकाम रहा। फैजुर रहमान ने पिछले हफ्ते ढाका में पाकिस्तान की सीक्रेट एजेंसी आईएसआई के प्रमुख और उसके प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की थी। इसके साथ ही वो बांग्लादेश की खुफिया एजेंसी डीजीएफआई से समर्थन जुटाने की कोशिश कर सकते हैं।

यह साजिश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा रची गई थी। आईएसआई जनरल वाकर से नाराज थी क्योंकि उन्होंने भारत-बांग्लादेश के बीच मबूत सैन्य संबंधों के खिलाफ आवाज उठाई थी। दिलचस्प बात यह है कि बांग्लादेश के मौजूदा इस्लामवादी शासक भी आईएसआई की इस योजना का समर्थन कर रहे थे।

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साज़िश में बांग्लादेश आर्मी के कई अधिकारी कथित रूप से शामिल थे। जनरल ऑफिसर्स कमांडिंग (जीओसी) के 10 अधिकारियों का नाम इसमें आया है। इसमें मेजर जनरल मीर मुशफिक़ुर रहमान भी हैं, जो जीओसी के 24 इन्फैन्ट्री डिवीजन में हैं और वह चटगाँव के एरिया कमांडर हैं। रहमान लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का प्रमोशन चाहते हैं। इसके अलावा मेजर जनरल अबुल हसनत मोहम्मद तारिक़ भी हैं, जो जीओसी 33 इन्फैन्ट्री में हैं। ये सभी जनरल रहमान का समर्थन कर रहे हैं।

इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, बांग्लादेश के मौजूदा आर्मी प्रमुख जनरल वक़ार वैचारिक रूप से मध्यमार्गी माने जाते हैं। इन्हें भारत की तरफ झुकाव रखने वाला माना जाता है और बांग्लादेश में इस्लामिक दबदबे वाली सरकार के विरोधी रहे हैं।

बांग्लादेश की आर्मी ने रिपोर्ट को ख़ारिज किया

वहीं, बांग्लादेश आर्मी ने इस रिपोर्ट को खारिज कर चुकी है। बांग्लादेश आर्मी ने कहा है कि यह पूरी तरह से बेबुनियाद है। मंगलवार रात बांग्लादेश की इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन डायरेक्टोरेट यानी आईएसपीआर ने इस रिपोर्ट पर चिंता जताते हुए विरोध दर्ज कराया है। आईएसपीआर ने अपने बयान में कहा है, बांग्लादेश आर्मी ने भारत के कुछ मीडिया आउटलेट्स में बेबुनियाद रिपोर्ट देखी हैं। इस रिपोर्ट में आर्मी के भीतर ही संभावित तख़्तापलट का दावा किया गया है।

वकार को माना जाता है हसीना और भारत का समर्थक

वकार-उज-जमान को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत का समर्थक माना जाता है। उन्होंने 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद शेख हसीना को बांग्लादेश से निकलने में मदद की थी। हाल ही में जनरल वक़ार ने संकेत दिया था कि बांग्लादेश में क़ानून व्यवस्था बनाए रखने में सेना बड़ी भूमिका निभा सकती है। जबकि इसके उलट मोहम्मद फैजुर रहमान अपनी कट्टरपंथी सोच और पाकिस्तान समर्थक रुख के लिए जाने जाते हैं।

*Rishabh Pant's Mumbai Pickle Power and Robin Hood Army bring the joy of cricket to underprivileged children*

Sports

Khabar kolkata sports Desk: Mumbai Pickle Power, the pickleball team co-owned by ace Indian cricketer Rishabh Pant and Swiggy partnered with the Robin Hood Army to host 25 underprivileged children for a spirited game of gully cricket in Mumbai.

भारतीय सेना के अध्यक्ष बताए LAC के हालात, कहा- स्थिति संवेदनशील, लेकिन स्थिर

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देश की सीमाओं और सुरक्षा को लेकर भारत की सेना प्रमुख ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने चीन, पाकिस्तान, म्यांमार सीमा और कश्मीर पर सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी की स्थिति संवेदनशील है, लेकिन स्थिर है। पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम जारी है। हम सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और क्षमता विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को एलएसी और एलओसी से लेकर मणिपुर के हालात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी की स्थिति संवेदनशील है, लेकिन स्थिर है। पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है। मैंने सभी सह-कमांडरों को जमीनी स्तर पर संवेदनशील मुद्दों को संभालने के लिए कहा है। ताकि इन्हें सैन्य स्तर पर ही हल किया जा सके। एलएसी पर हमारी तैनाती संतुलित और मजबूत है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। उत्तरी सीमाओं के लिए फोकस क्षमता विकास कार्यक्रम ने युद्ध लड़ने की प्रणाली में तकनीक को सक्षम किया।

पिछले साल मारे गए 60 फीसदी आतंकी पाकिस्तानी मूल के

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) को लेकर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले साल मारे गए 60 फीसदी आतंकी पाकिस्तानी मूल के थे। आज घाटी और जम्मू क्षेत्र में जो भी आतंकी बचे हैं, हमें लगता है कि लगभग 80 फीसदी या उससे अधिक पाकिस्तानी मूल के हैं। जम्मू-कश्मीर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। नियंत्रण रेखा पर डीजीएमओ के बीच सहमति के बाद फरवरी 2021 से प्रभावी संघर्ष विराम जारी है। हालांकि आतंकी ढांचा बरकरार है।

म्यांमार सीमा पर भी की जा रही कड़ी निगरानी

हालिया दिनों में म्यांमार सीमा पर भी भारत विरोधी घटनाएं देखने मिली हैं। जिसको लेकर सेना प्रमुख ने बताया कि सीमा पर निगरानी बढ़ाई गई है और बाड़ लगाने का काम किया जा रहा है।

कश्मीर की सुरक्षा पर भारतीय सेना

कश्मीर में जारी आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए आपातकालीन खरीद के लिए भी मंजूरी दे दी गई है। सेना प्रमुख ने कहा कि हमने पुंछ-राजौरी क्षेत्रों में सैनिकों की बड़ी संख्या में तैनाती की है, उन्होंने कहा कि कश्मीर में स्थिति अंडर कंट्रोल है।

मणिपुर के हालात पर भी की बात

सेना प्रमुख ने हिंसा ग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। मणिपुर में सुरक्षा बलों के प्रयास प्रयासों और सरकार की पहल से स्थिति नियंत्रण में आई है। हालांकि, हिंसा की कुछ घटनाएं जारी हैं। हम इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। विभिन्न गैर सरकारी संगठन और विभिन्न समुदाय के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं ताकि एक तरह का सामंजस्य स्थापित किया जा सके। भारत-म्यांमार सीमा पर निगरानी बढ़ाई गई है, ताकि म्यांमार में अभी तक हो रही अशांति को रोका जा सके। जहां तक मानवीय सहायता और आपदा राहत का सवाल है, 2024 में हमने अपने क्यूआरटी और क्यूआर मेडिकल टीमों को अपग्रेड करने के लिए विशेष रूप से 17 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

देवघर- नगर आयुक्त ने निगम के एमएसडब्ल्यूएम सफाई एजेंसी को लगाई कड़ी फटकार।
देवघर: नगर आयुक्त की अध्यक्षता में नगर निगम की सफाई एजेंसी एम,एस, डब्लू एम के साथ बैठक की गई उक्त बैठक में नगर इसके द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया कि शहर के किसी भी गली और मोहल्ले से door to door कूड़ा उठाओ का शिकायत ना आने पाए इसकी विशेष ध्यान एजेंसी अपने स्तर से करना सुनिश्चित करें। शहर के किसी भी वार्ड से कूड़ा न उठाव का शिकायत आने पर एजेंसी के साथ कड़ा रुख अपनाया जाएगा। नगर आयुक्त के द्वारा निर्देश दिया गया कि शहर में door to door कूड़ा उठकर का कार्य सुचारू रूप से चले इस हेतु सभी गाड़ियों का रेगुलर सर्विसिंग करना सुनिश्चित करें। शहर में बड़े जमे कूड़े का उठाव ट्रैक्टर से उठाव करवाना सुनिश्चित करे । कुल आवंटन वाहन के 10% से ज्यादा गाड़ियों का ब्रेकडाउन होने पर एजेंसी के बिल से 10 परसेंट की विपत्र से कटौती किया जाएगा। शहर वाशियो की सुविधा के लिए MSWM के तीन कर्मी का नंबर दिया जा रहा है जिससे संपर्क कर डोर टू डोर कूड़ा उठाव का कार्य आसानी से कराया जा सकता है। जय प्रकाश 6202400331 पिंटू यादव 7870053204 AK GIRI (EX ARMY) 8651375288। उक्त बैठक में सहायक नगर आयुक्त रंजीत सिंह, नगर प्रबंधक सतीश कुमार दास,sbm शाखा के मनोज कुमार गुप्ता एवं mswm के AK गिरी ,pintu yadav एवं सभी सुपरवाइजर मौजूद थे।
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ किया: 2 ग्रेनेड, 3 माइंस बरामद

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Indian Army

भारतीय सेना की रोमियो फोर्स ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के इलाके में एक पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया, अधिकारियों ने बताया, सेना विशेष अभियान समूह (एसओजी) पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही थी।

ऑपरेशन के हिस्से के रूप में, सेना ने ठिकाने से दो ग्रेनेड और तीन पाकिस्तानी माइंस बरामद किए, जो इस क्षेत्र में चल रहे खतरे को उजागर करते हैं, पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया। जवाब में, अधिकारियों ने तंगमर्ग और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में व्यापक तलाशी अभियान के साथ अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। भारतीय सेना की पहल का उद्देश्य गुलमर्ग, बारामुल्ला और गंदेरबल जिले के गगनगीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों से जुड़े संदिग्धों का पता लगाना है।

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले

इन सैन्य अभियानों की आवश्यकता 24 अक्टूबर को एक दुखद घटना के बाद पैदा हुई, जिसमें आतंकवादियों ने एक सैन्य वाहन पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप सेना के दो जवान और दो नागरिक कुली मारे गए। इसी तरह, 20 अक्टूबर को हुए एक पिछले हमले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक सुरंग स्थल पर एक डॉक्टर और छह निर्माण श्रमिकों की जान चली गई थी, जिससे इन हमलों की लक्षित प्रकृति के बारे में गंभीर चिंताएँ पैदा हो गई थीं।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का आह्वान किया

इन आतंकवादी हमलों को मद्देनजर रखते हुए , जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं और शिविरों के आसपास सुरक्षा प्रोटोकॉल को तत्काल बढ़ाने का आदेश दिया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने एक व्यापक सुरक्षा ऑडिट का निर्देश दिया और प्रमुख स्थानों पर निरंतर गश्त और जाँच चौकियाँ स्थापित कीं।

इसी तरह के एक अन्य ऑपरेशन में, काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में एक बड़ा ऑपरेशन किया और एक आतंकी संगठन से जुड़े भर्तीकर्ताओं को पकड़ा। काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट ने बताया कि श्रीनगर, गंदेरबल, पुलवामा, अनंतनाग, बडगाम और कुलगाम सहित जिलों में छापे मारे गए।

अधिकारियों ने कहा कि वे "तहरीक लबैक या मुस्लिम" (टीएलएम) नामक नवगठित आतंकवादी संगठन के भर्ती मॉड्यूल को ध्वस्त करने में सक्षम थे, जिसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की एक शाखा बताया जाता है, जिसे बाबा हमास नामक एक पाकिस्तानी आतंकवादी संचालक द्वारा संचालित किया जा रहा था।

देखा जा रहा है की केंद्र शाषित प्रदेश के चुनाव के बाद से आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में ज़्यदा पहल करनी चालू कर दी है, इसमें लोग मुख़्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाह से आस लगाए बैठे है की वो इसपर कोई सख्त कदम उठाएंगे। 

इंडियन आर्मी 10+2 TES-53 भर्ती के लिए रजिस्ट्रेशन स्टार्ट, बिना आवेदन शुल्क के कर सकते हैं अप्लाई

नई दिल्ली:- इंडियन आर्मी में शामिल होने का सपना देख रहे युवाओं के लिए बड़ी खबर है। भारतीय सेना की ओर से आर्मी टेक्निकल एंट्री स्कीम (Indian Army 10+2 TES 53 Entry- July 2025 Batch) के पदों पर भर्ती निकाली है। 

इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 7 अक्टूबर से शुरू हो गई है जो निर्धारित अंतिम तिथि 5 नवंबर 2024 तक जारी रहेगी। इच्छुक एवं इस भर्ती के लिए योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी तय तिथियों के अंदर ऑनलाइन माध्यम से एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते हैं।

बिना एप्लीकेशन फीस के साथ कर सकते हैं आवेदन

अभ्यर्थियों को बता दें कि अगर वे इस भर्ती के लिए पात्रता पूरी करते हैं तो वे बिना आवेदन शुल्क के आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं। किसी भी वर्ग के अभ्यर्थियों को आवेदन के साथ शुल्क जमा नहीं करना होगा।

कैसे करें आवेदन

अभ्यर्थी भर्ती में शामिल होने के लिए स्वयं ही आवेदन कर सकते हैं और इससे कैफे के चार्ज से बच सकते हैं। फॉर्म भरने की स्टेप्स निम्नलिखित हैं-

Indian Army 10+2 TES 53 Application Form भरने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर विजिट करें।

वेबसाइट के होम पेज पर आपको आपको अप्लाई लिंक पर क्लिक करना होगा और मांगी गई डिटेल भरकर पंजीकरण करना होगा।

इसके बाद अभ्यर्थी लॉग इन के माध्यम से अन्य डिटेल भरकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर लें।

अंत में उम्मीदवार पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म को सबमिट कर दें और उसका एक प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रख लें।

पात्रता एवं मापदंड

इस भर्ती में आवेदन के लिए अभ्यर्थी का 10+2 या इसके समकक्ष न्यूनतम 60 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण किया हो। इंटरमीडिएट में अभ्यर्थी के पास फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथमेटिक्स विषय होने अनिवार्य हैं। इसके अलावा अभ्यर्थी ने JEE (Mains) 2024 में भाग लिया हो।

आयु सीमा

इस भर्ती में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 16 साल 6 माह एवं और अधिकतम आयु 19 साल 6 माह से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आयु की गणना 1 जुलाई 2025 को ध्यान में रखकर की जाएगी। भर्ती से जुड़ी विस्तृत डिटेल के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं या नोटिफिकेशन का अवलोकन कर सकते हैं।

78 वें स्वतंत्रता के पहले जम्मू-कश्मीर में सेना जवान शहीद, देश की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल,हाई अलर्ट जारी

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48 राइफलों के साथ शहीद हुए कैप्टन दीपक सिंह

बुधवार को जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में चल रही मुठभेड़ के दौरान 48 राष्ट्रीय राइफल्स के भारतीय सेना के एक कैप्टन की मौत हो गई और माना जाता है कि चार आतंकवादियों को मार गिराया गया। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले हुई मुठभेड़ में एक नागरिक भी घायल हो गया और जम्मू क्षेत्र में हिंसा में वृद्धि देखी गई घटनाओं की श्रृंखला में यह नवीनतम है।

व्हाइट नाइट कोर ने कैप्टन दीपक सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि दुख की घड़ी में वह शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं। व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने एक्स पर लिखा, "#व्हाइटकेनाइटकॉर्प्स के सभी रैंक #बहादुर कैप्टन दीपक सिंह के सर्वोच्च #बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने चोटों के कारण दम तोड़ दिया।"

अबतक की शीर्ष अपडेट

1. अधिकारियों के मुताबिक, कैप्टन डोडा के अससार के शिवगढ़ धार में मोर्चा संभाल रहे थे।अधिकारियों ने कहा कि युवा कैप्टन गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें एक सैन्य अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

2. सबसे पहले मुठभेड़ मंगलवार शाम करीब छह बजे उधमपुर में शुरू हुई। अधिकारियों ने बताया कि कुछ देर बाद इसे रोक दिया गया और रात भर में घेराबंदी कर दी गई।

3. बुधवार की सुबह, शिवगढ़-अस्सार बेल्ट में छिपे विदेशी आतंकवादियों के एक समूह को ट्रैक करने के लिए एक संयुक्त टीम द्वारा शुरू किया गया घेरा और तलाशी अभियान (CASO) फिर से शुरू हुआ, और घने जंगली इलाके में सुबह 7:30 बजे के आसपास गोलीबारी शुरू हो गई।

4. अस्सर में एक नदी के किनारे छिपे हुए आतंकवादी सुरक्षा बलों के साथ थोड़ी देर की गोलीबारी के बाद निकटवर्ती उधमपुर जिले के पटनीटॉप के पास एक जंगल से डोडा में घुस गए।

5. घटनास्थल से खून से लथपथ चार रूकसैक बरामद किए गए, जिससे अधिकारियों का मानना ​​है कि चार आतंकवादी मारे गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि एम-4 कार्बाइन भी मिलीं।

इस पर हमें अभी और जानकारी की प्रतीक्षा है। इससे पहले 10 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी के दौरान दो सैनिक और एक नागरिक की मौत हो गई थी। भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा शुरू किए गए संयुक्त अभियान के दौरान मुठभेड़ हुई थी।

जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर राजनाथ सिंह ने की बैठक। बुधवार सुबह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 78वें स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर एक बैठक के लिए सहमत हुए। अधिकारियों के मुताबिक, बैठक में रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, सैन्य अभियान महानिदेशक-लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा और सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों के प्रमुख शामिल हुए। 

इस बीच, सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्रता दिवस से पहले केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

भारत ने ढाका से किया संपर्क, सेना को शांति और सामान्य स्थिति स्थापित करने के दिए संदेश

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EAF S.Jaishankar and Bangladesh army chief

भारत ने सेना प्रमुख जनरल वेकर-उस-ज़मान के नेतृत्व में बांग्लादेश के सैन्य नेतृत्व से संपर्क किया है और संघर्ष प्रभावित देश में शांति, कानून ,व्यवस्था और सामान्य स्थिति को शीघ्र पुर्नस्थापित करने के लिए कहा है। शीर्ष सरकारी सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार ने पहले ही सेना प्रमुख से संपर्क किया और सोमवार को शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद देश में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए हर संभव समर्थन दिया है।

सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब विपक्ष ने पूछा कि क्या हसीना को सत्ता से हटाने में पाकिस्तान की कोई भूमिका है, तो उन्होंने पाकिस्तानी राजनयिकों के सोशल मीडिया अकाउंट पर बांग्लादेश विपक्ष की प्रदर्शित तस्वीरों की ओर इशारा किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान के हस्तक्षेप की भूमिका की अभी भी जांच की जा रही है।

शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद, नरेंद्र मोदी सरकार ने बांग्लादेश में तख्तापलट के परिणामों का आकलन किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए रणनीति तैयार कर रही है कि प्रदर्शनकारी युवाओं के साथ बातचीत के माध्यम से ढाका में सामान्य स्थिति बहाल हो। संयोग से, शेख हसीना ने अपने भारतीय वार्ताकारों को पहले ही संकेत दे दिया था कि वह जनवरी 2024 का आम चुनाव नहीं लड़ना चाहती थीं और अपने समर्थकों के समझाने के बाद ही वह अनिच्छा से चुनावी मैदान में उतरीं।

यह अच्छी तरह से जानते हुए कि उन्हें इस्लामवादियों के साथ-साथ पश्चिम के शासन परिवर्तन एजेंटों से खतरा था, हसीना नहीं चाहती थी कि उनके परिवार में कोई भी उनका उत्तराधिकारी बने क्योंकि वह जानती थी कि वे उनके विरोधियों द्वारा मारे जाएंगे। इस तरह, हसीना इस्लामवादियों के खिलाफ एक मजबूत दीवार थी जो सोमवार को प्रदर्शनकारियों की साजिश के कारण गिर गई। जबकि हसीना को अभी भी ढाका से अपने चौंकाने वाले प्रस्थान से उबरना बाकी है, मोदी सरकार पड़ोस में भारत के दोस्तों को निराश नहीं करेगी और तीसरे देश में राजनीतिक शरण का निर्णय अपदस्थ प्रधान मंत्री पर छोड़ देगी।

भले ही सेना और उत्साही कट्टरपंथी शेख हसीना के जाने का जश्न मना रहे हों, बांग्लादेश खुद पाकिस्तान, मालदीव और श्रीलंका की तरह आर्थिक संकट के कगार पर है और उसे जीवित रहने के लिए पश्चिमी समर्थित वित्तीय संस्थानों के समर्थन की आवश्यकता होगी। बेरोजगारी की दर को देखते हुए, जमात ए इस्लामी से जुड़े कट्टरपंथी छात्र सेना के खिलाफ हो सकते हैं यदि पेश किया गया समाधान उनकी पसंद के अनुरूप नहीं हुआ ।

शेख हसीना के जाने से भारत एक चट्टान और कठिन स्थिति के बीच रह गया है क्योंकि एक कट्टरपंथी शासन पूर्वी मोर्चे से खतरा पैदा करेगा और नई दिल्ली अब तेजी से अस्थिर पड़ोस का सामना कर रही है। जहां मोदी सरकार बांग्लादेश में अंतरिम सरकार को स्थिर करने के लिए अपना समर्थन देगी, वहीं पश्चिम में शेख हसीना विरोधी अपना भारत विरोधी खेल शुरू कर देंगे। भूटान को छोड़कर भारत के सभी पड़ोसी देश इस समय राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहे हैं और भविष्य में स्थिति और भी खराब होने की आशंका है। भारत के पास एकमात्र विकल्प भीतर के पांचवें स्तंभकारों से निपटने के अलावा बेहतर सुरक्षा और उन्नत खुफिया जानकारी के माध्यम से सीमा पार चुनौतियों से खुद को बचाना है।

Terr0r!sts were planning to attack the ongoing Amarnath Yatra

Indian army foiled an infiltration bid and killed 3 terr0r!sts when they tried to cross the LOC in Keran Sector of Kupwara

A huge stock of arms & ammunition recoveredImage

चीन-पाक को लेकर सेना प्रमुख का बड़ा बयान, जानें क्या कहा?

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भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चीन और पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है। सेना प्रमुख ने चीन और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियों को लेकर कहा कि आज उनकी मिलीभगत ने खतरा और बढ़ा दिया है। साथ ही उन्होंने चीन के एक प्रमुख आर्थिक और सामरिक शक्ति के रूप में उभरने से जटिलता के बढ़ने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन नियम-आधारित व्यवस्था को चुनौती दे रहा है और विघटनकारी गतिविधियों में आगे बढ़ रहा है।

सेना प्रमुख ने दिल्ली में जनरल बिपिन रावत मेमोरियल लेक्चर में यह बात कही।जनरल द्विवेदी ने कहा,देश कई तरह के प्रयासों के साथ काम कर रहा है, हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सुरक्षा के क्षेत्र में ‘किसी उभरती शक्ति द्वारा किसी मौजूदा शक्ति को हटाने के लिए युद्ध की आशंका’ में फंसना बहुत आसान है। उन्होंने कहा, क्या हम सामाजिक क्षेत्र में अनिवार्य आवश्यकताओं वाले देश के रूप में इस आशंका में फंसने का जोखिम उठा सकते हैं? साथ ही, क्या हम इस तथ्य को नजरअंदाज कर सकते हैं कि हम एक बेहद अस्थिर पड़ोस में रहते।

सेना प्रमुख ने कहा, जैसा कि जनरल रावत ने कहा था कि जब आपके उत्तर और पश्चिम में अस्थिर सीमाएं होती हैं, तो आप नहीं जानते कि लड़ाई किस तरफ से शुरू होगी और कहां खत्म होगी। इसलिए, आपको दोनों मोर्चों के लिए तैयार रहना चाहिए। आज, उच्च स्तर पर मिलीभगत ने खतरे को और बढ़ा दिया है।

जनरल द्विवेदी ने चीन की गतिविधियों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि चीन मौजूदा विश्व व्यवस्था को चुनौती दे रहा है। उन्होंने कहा कि चीन के एक प्रमुख आर्थिक और सामरिक शक्ति के रूप में उभरने से जटिलता बढ़ रही है, प्रतिस्पर्धा पैदा हो रही और ग्लोबल साउथ का नेतृत्व करने के भारत के प्रयासों में बाधा आ रही है।

इससे पहले आठ मार्च को भी जनरल द्विवेदी ने चीन और पाकिस्तान की करीबी का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच काफी हद तक मिलीभगत है। इसे स्वीकार किया जाना चाहिए। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान की करीबी का मतलब है कि दोनों मोर्चों पर वास्तविक खतरा है। पाकिस्तान में अधिकांश उपकरण चीनी मूल के हैं। इसलिए यह दो-मोर्चे का खतरा और एक वास्तविकता है।

क्या बांग्लादेशी सेना में तख्तापलट की साजिश को भारत ने किया नाकाम? इसके पीछे था पाकिस्तान

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पड़ोसी देश बांग्लादेश में सियासती उथल-पुथल जारी है। बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बाद अब वर्तमान सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के तख्तापलट की साजिश के दावे किए जा रहे है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक बांग्लादेशी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान सेना की बागडोर संभालने की तैयारियों में जुटे हैं। इस साजिश में कई कट्टरपंथी अफसर भी शामिल हैं। अब खुफिया रिपोर्टों से पता चला है कि भारत की मदद से बांग्लादेश की सेना के अंदर तख्तापलट की साजिश नाकाम हो गई है। हालांकि बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज्जमान के ऊपर से अभी खतरा टला नहीं है।

स्‍वराज्‍य मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली ने ना सिर्फ सेना प्रमुख की कुर्सी को बचाने में मदद की, बल्कि भारत ने चरमपंथियों की सरकार चलाने में मोहम्मद यूनुस को बहुत बड़ा झटका भी दिया है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख के खिलाफ नाकाम तख्तापलट की कोशिश को लेकर अब रिपोर्ट्स से सामने आने लगे हैं। खुफिया जानकारियों से पता चलता है कि सैना प्रमुख की तख्तापलट की साजिश पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने तैयार की थी। आईएसआई, जनरल वकार-उज्जमान से इसलिए नाराज थी, क्योंकि आर्मी चीफ बांग्लादेश को पाकिस्तान के साथ बने रहे करीबी संबंध के बीच अवरोध बन रहे थे।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बांग्लादेश आर्मी में पाकिस्तान और जमात-ए-इस्लामी परस्त लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान ने अन्य जनरलों के समर्थन से बांग्लादेश आर्मी के मौजूदा चीफ जनरल वकार-उज-जमां को हटाने की कोशिश की थी, लेकिन पर्याप्त समर्थन नहीं मिलने से यह नाकाम रहा। फैजुर रहमान ने पिछले हफ्ते ढाका में पाकिस्तान की सीक्रेट एजेंसी आईएसआई के प्रमुख और उसके प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की थी। इसके साथ ही वो बांग्लादेश की खुफिया एजेंसी डीजीएफआई से समर्थन जुटाने की कोशिश कर सकते हैं।

यह साजिश पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा रची गई थी। आईएसआई जनरल वाकर से नाराज थी क्योंकि उन्होंने भारत-बांग्लादेश के बीच मबूत सैन्य संबंधों के खिलाफ आवाज उठाई थी। दिलचस्प बात यह है कि बांग्लादेश के मौजूदा इस्लामवादी शासक भी आईएसआई की इस योजना का समर्थन कर रहे थे।

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साज़िश में बांग्लादेश आर्मी के कई अधिकारी कथित रूप से शामिल थे। जनरल ऑफिसर्स कमांडिंग (जीओसी) के 10 अधिकारियों का नाम इसमें आया है। इसमें मेजर जनरल मीर मुशफिक़ुर रहमान भी हैं, जो जीओसी के 24 इन्फैन्ट्री डिवीजन में हैं और वह चटगाँव के एरिया कमांडर हैं। रहमान लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का प्रमोशन चाहते हैं। इसके अलावा मेजर जनरल अबुल हसनत मोहम्मद तारिक़ भी हैं, जो जीओसी 33 इन्फैन्ट्री में हैं। ये सभी जनरल रहमान का समर्थन कर रहे हैं।

इकनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, बांग्लादेश के मौजूदा आर्मी प्रमुख जनरल वक़ार वैचारिक रूप से मध्यमार्गी माने जाते हैं। इन्हें भारत की तरफ झुकाव रखने वाला माना जाता है और बांग्लादेश में इस्लामिक दबदबे वाली सरकार के विरोधी रहे हैं।

बांग्लादेश की आर्मी ने रिपोर्ट को ख़ारिज किया

वहीं, बांग्लादेश आर्मी ने इस रिपोर्ट को खारिज कर चुकी है। बांग्लादेश आर्मी ने कहा है कि यह पूरी तरह से बेबुनियाद है। मंगलवार रात बांग्लादेश की इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन डायरेक्टोरेट यानी आईएसपीआर ने इस रिपोर्ट पर चिंता जताते हुए विरोध दर्ज कराया है। आईएसपीआर ने अपने बयान में कहा है, बांग्लादेश आर्मी ने भारत के कुछ मीडिया आउटलेट्स में बेबुनियाद रिपोर्ट देखी हैं। इस रिपोर्ट में आर्मी के भीतर ही संभावित तख़्तापलट का दावा किया गया है।

वकार को माना जाता है हसीना और भारत का समर्थक

वकार-उज-जमान को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत का समर्थक माना जाता है। उन्होंने 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद शेख हसीना को बांग्लादेश से निकलने में मदद की थी। हाल ही में जनरल वक़ार ने संकेत दिया था कि बांग्लादेश में क़ानून व्यवस्था बनाए रखने में सेना बड़ी भूमिका निभा सकती है। जबकि इसके उलट मोहम्मद फैजुर रहमान अपनी कट्टरपंथी सोच और पाकिस्तान समर्थक रुख के लिए जाने जाते हैं।

*Rishabh Pant's Mumbai Pickle Power and Robin Hood Army bring the joy of cricket to underprivileged children*

Sports

Khabar kolkata sports Desk: Mumbai Pickle Power, the pickleball team co-owned by ace Indian cricketer Rishabh Pant and Swiggy partnered with the Robin Hood Army to host 25 underprivileged children for a spirited game of gully cricket in Mumbai.

भारतीय सेना के अध्यक्ष बताए LAC के हालात, कहा- स्थिति संवेदनशील, लेकिन स्थिर

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देश की सीमाओं और सुरक्षा को लेकर भारत की सेना प्रमुख ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने चीन, पाकिस्तान, म्यांमार सीमा और कश्मीर पर सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी की स्थिति संवेदनशील है, लेकिन स्थिर है। पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम जारी है। हम सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और क्षमता विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को एलएसी और एलओसी से लेकर मणिपुर के हालात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी की स्थिति संवेदनशील है, लेकिन स्थिर है। पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है। मैंने सभी सह-कमांडरों को जमीनी स्तर पर संवेदनशील मुद्दों को संभालने के लिए कहा है। ताकि इन्हें सैन्य स्तर पर ही हल किया जा सके। एलएसी पर हमारी तैनाती संतुलित और मजबूत है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। उत्तरी सीमाओं के लिए फोकस क्षमता विकास कार्यक्रम ने युद्ध लड़ने की प्रणाली में तकनीक को सक्षम किया।

पिछले साल मारे गए 60 फीसदी आतंकी पाकिस्तानी मूल के

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) को लेकर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले साल मारे गए 60 फीसदी आतंकी पाकिस्तानी मूल के थे। आज घाटी और जम्मू क्षेत्र में जो भी आतंकी बचे हैं, हमें लगता है कि लगभग 80 फीसदी या उससे अधिक पाकिस्तानी मूल के हैं। जम्मू-कश्मीर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। नियंत्रण रेखा पर डीजीएमओ के बीच सहमति के बाद फरवरी 2021 से प्रभावी संघर्ष विराम जारी है। हालांकि आतंकी ढांचा बरकरार है।

म्यांमार सीमा पर भी की जा रही कड़ी निगरानी

हालिया दिनों में म्यांमार सीमा पर भी भारत विरोधी घटनाएं देखने मिली हैं। जिसको लेकर सेना प्रमुख ने बताया कि सीमा पर निगरानी बढ़ाई गई है और बाड़ लगाने का काम किया जा रहा है।

कश्मीर की सुरक्षा पर भारतीय सेना

कश्मीर में जारी आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए आपातकालीन खरीद के लिए भी मंजूरी दे दी गई है। सेना प्रमुख ने कहा कि हमने पुंछ-राजौरी क्षेत्रों में सैनिकों की बड़ी संख्या में तैनाती की है, उन्होंने कहा कि कश्मीर में स्थिति अंडर कंट्रोल है।

मणिपुर के हालात पर भी की बात

सेना प्रमुख ने हिंसा ग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। मणिपुर में सुरक्षा बलों के प्रयास प्रयासों और सरकार की पहल से स्थिति नियंत्रण में आई है। हालांकि, हिंसा की कुछ घटनाएं जारी हैं। हम इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। विभिन्न गैर सरकारी संगठन और विभिन्न समुदाय के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं ताकि एक तरह का सामंजस्य स्थापित किया जा सके। भारत-म्यांमार सीमा पर निगरानी बढ़ाई गई है, ताकि म्यांमार में अभी तक हो रही अशांति को रोका जा सके। जहां तक मानवीय सहायता और आपदा राहत का सवाल है, 2024 में हमने अपने क्यूआरटी और क्यूआर मेडिकल टीमों को अपग्रेड करने के लिए विशेष रूप से 17 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

देवघर- नगर आयुक्त ने निगम के एमएसडब्ल्यूएम सफाई एजेंसी को लगाई कड़ी फटकार।
देवघर: नगर आयुक्त की अध्यक्षता में नगर निगम की सफाई एजेंसी एम,एस, डब्लू एम के साथ बैठक की गई उक्त बैठक में नगर इसके द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया कि शहर के किसी भी गली और मोहल्ले से door to door कूड़ा उठाओ का शिकायत ना आने पाए इसकी विशेष ध्यान एजेंसी अपने स्तर से करना सुनिश्चित करें। शहर के किसी भी वार्ड से कूड़ा न उठाव का शिकायत आने पर एजेंसी के साथ कड़ा रुख अपनाया जाएगा। नगर आयुक्त के द्वारा निर्देश दिया गया कि शहर में door to door कूड़ा उठकर का कार्य सुचारू रूप से चले इस हेतु सभी गाड़ियों का रेगुलर सर्विसिंग करना सुनिश्चित करें। शहर में बड़े जमे कूड़े का उठाव ट्रैक्टर से उठाव करवाना सुनिश्चित करे । कुल आवंटन वाहन के 10% से ज्यादा गाड़ियों का ब्रेकडाउन होने पर एजेंसी के बिल से 10 परसेंट की विपत्र से कटौती किया जाएगा। शहर वाशियो की सुविधा के लिए MSWM के तीन कर्मी का नंबर दिया जा रहा है जिससे संपर्क कर डोर टू डोर कूड़ा उठाव का कार्य आसानी से कराया जा सकता है। जय प्रकाश 6202400331 पिंटू यादव 7870053204 AK GIRI (EX ARMY) 8651375288। उक्त बैठक में सहायक नगर आयुक्त रंजीत सिंह, नगर प्रबंधक सतीश कुमार दास,sbm शाखा के मनोज कुमार गुप्ता एवं mswm के AK गिरी ,pintu yadav एवं सभी सुपरवाइजर मौजूद थे।
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ किया: 2 ग्रेनेड, 3 माइंस बरामद

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भारतीय सेना की रोमियो फोर्स ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के इलाके में एक पाकिस्तानी आतंकी ठिकाने को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया, अधिकारियों ने बताया, सेना विशेष अभियान समूह (एसओजी) पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही थी।

ऑपरेशन के हिस्से के रूप में, सेना ने ठिकाने से दो ग्रेनेड और तीन पाकिस्तानी माइंस बरामद किए, जो इस क्षेत्र में चल रहे खतरे को उजागर करते हैं, पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया। जवाब में, अधिकारियों ने तंगमर्ग और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में व्यापक तलाशी अभियान के साथ अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। भारतीय सेना की पहल का उद्देश्य गुलमर्ग, बारामुल्ला और गंदेरबल जिले के गगनगीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों से जुड़े संदिग्धों का पता लगाना है।

जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले

इन सैन्य अभियानों की आवश्यकता 24 अक्टूबर को एक दुखद घटना के बाद पैदा हुई, जिसमें आतंकवादियों ने एक सैन्य वाहन पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप सेना के दो जवान और दो नागरिक कुली मारे गए। इसी तरह, 20 अक्टूबर को हुए एक पिछले हमले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे एक सुरंग स्थल पर एक डॉक्टर और छह निर्माण श्रमिकों की जान चली गई थी, जिससे इन हमलों की लक्षित प्रकृति के बारे में गंभीर चिंताएँ पैदा हो गई थीं।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का आह्वान किया

इन आतंकवादी हमलों को मद्देनजर रखते हुए , जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं और शिविरों के आसपास सुरक्षा प्रोटोकॉल को तत्काल बढ़ाने का आदेश दिया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने एक व्यापक सुरक्षा ऑडिट का निर्देश दिया और प्रमुख स्थानों पर निरंतर गश्त और जाँच चौकियाँ स्थापित कीं।

इसी तरह के एक अन्य ऑपरेशन में, काउंटर-इंटेलिजेंस कश्मीर (CIK) ने जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में एक बड़ा ऑपरेशन किया और एक आतंकी संगठन से जुड़े भर्तीकर्ताओं को पकड़ा। काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट ने बताया कि श्रीनगर, गंदेरबल, पुलवामा, अनंतनाग, बडगाम और कुलगाम सहित जिलों में छापे मारे गए।

अधिकारियों ने कहा कि वे "तहरीक लबैक या मुस्लिम" (टीएलएम) नामक नवगठित आतंकवादी संगठन के भर्ती मॉड्यूल को ध्वस्त करने में सक्षम थे, जिसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की एक शाखा बताया जाता है, जिसे बाबा हमास नामक एक पाकिस्तानी आतंकवादी संचालक द्वारा संचालित किया जा रहा था।

देखा जा रहा है की केंद्र शाषित प्रदेश के चुनाव के बाद से आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में ज़्यदा पहल करनी चालू कर दी है, इसमें लोग मुख़्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाह से आस लगाए बैठे है की वो इसपर कोई सख्त कदम उठाएंगे। 

इंडियन आर्मी 10+2 TES-53 भर्ती के लिए रजिस्ट्रेशन स्टार्ट, बिना आवेदन शुल्क के कर सकते हैं अप्लाई

नई दिल्ली:- इंडियन आर्मी में शामिल होने का सपना देख रहे युवाओं के लिए बड़ी खबर है। भारतीय सेना की ओर से आर्मी टेक्निकल एंट्री स्कीम (Indian Army 10+2 TES 53 Entry- July 2025 Batch) के पदों पर भर्ती निकाली है। 

इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 7 अक्टूबर से शुरू हो गई है जो निर्धारित अंतिम तिथि 5 नवंबर 2024 तक जारी रहेगी। इच्छुक एवं इस भर्ती के लिए योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी तय तिथियों के अंदर ऑनलाइन माध्यम से एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते हैं।

बिना एप्लीकेशन फीस के साथ कर सकते हैं आवेदन

अभ्यर्थियों को बता दें कि अगर वे इस भर्ती के लिए पात्रता पूरी करते हैं तो वे बिना आवेदन शुल्क के आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं। किसी भी वर्ग के अभ्यर्थियों को आवेदन के साथ शुल्क जमा नहीं करना होगा।

कैसे करें आवेदन

अभ्यर्थी भर्ती में शामिल होने के लिए स्वयं ही आवेदन कर सकते हैं और इससे कैफे के चार्ज से बच सकते हैं। फॉर्म भरने की स्टेप्स निम्नलिखित हैं-

Indian Army 10+2 TES 53 Application Form भरने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर विजिट करें।

वेबसाइट के होम पेज पर आपको आपको अप्लाई लिंक पर क्लिक करना होगा और मांगी गई डिटेल भरकर पंजीकरण करना होगा।

इसके बाद अभ्यर्थी लॉग इन के माध्यम से अन्य डिटेल भरकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर लें।

अंत में उम्मीदवार पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म को सबमिट कर दें और उसका एक प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रख लें।

पात्रता एवं मापदंड

इस भर्ती में आवेदन के लिए अभ्यर्थी का 10+2 या इसके समकक्ष न्यूनतम 60 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण किया हो। इंटरमीडिएट में अभ्यर्थी के पास फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथमेटिक्स विषय होने अनिवार्य हैं। इसके अलावा अभ्यर्थी ने JEE (Mains) 2024 में भाग लिया हो।

आयु सीमा

इस भर्ती में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 16 साल 6 माह एवं और अधिकतम आयु 19 साल 6 माह से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आयु की गणना 1 जुलाई 2025 को ध्यान में रखकर की जाएगी। भर्ती से जुड़ी विस्तृत डिटेल के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं या नोटिफिकेशन का अवलोकन कर सकते हैं।

78 वें स्वतंत्रता के पहले जम्मू-कश्मीर में सेना जवान शहीद, देश की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल,हाई अलर्ट जारी

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48 राइफलों के साथ शहीद हुए कैप्टन दीपक सिंह

बुधवार को जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में चल रही मुठभेड़ के दौरान 48 राष्ट्रीय राइफल्स के भारतीय सेना के एक कैप्टन की मौत हो गई और माना जाता है कि चार आतंकवादियों को मार गिराया गया। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले हुई मुठभेड़ में एक नागरिक भी घायल हो गया और जम्मू क्षेत्र में हिंसा में वृद्धि देखी गई घटनाओं की श्रृंखला में यह नवीनतम है।

व्हाइट नाइट कोर ने कैप्टन दीपक सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि दुख की घड़ी में वह शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं। व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने एक्स पर लिखा, "#व्हाइटकेनाइटकॉर्प्स के सभी रैंक #बहादुर कैप्टन दीपक सिंह के सर्वोच्च #बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने चोटों के कारण दम तोड़ दिया।"

अबतक की शीर्ष अपडेट

1. अधिकारियों के मुताबिक, कैप्टन डोडा के अससार के शिवगढ़ धार में मोर्चा संभाल रहे थे।अधिकारियों ने कहा कि युवा कैप्टन गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें एक सैन्य अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

2. सबसे पहले मुठभेड़ मंगलवार शाम करीब छह बजे उधमपुर में शुरू हुई। अधिकारियों ने बताया कि कुछ देर बाद इसे रोक दिया गया और रात भर में घेराबंदी कर दी गई।

3. बुधवार की सुबह, शिवगढ़-अस्सार बेल्ट में छिपे विदेशी आतंकवादियों के एक समूह को ट्रैक करने के लिए एक संयुक्त टीम द्वारा शुरू किया गया घेरा और तलाशी अभियान (CASO) फिर से शुरू हुआ, और घने जंगली इलाके में सुबह 7:30 बजे के आसपास गोलीबारी शुरू हो गई।

4. अस्सर में एक नदी के किनारे छिपे हुए आतंकवादी सुरक्षा बलों के साथ थोड़ी देर की गोलीबारी के बाद निकटवर्ती उधमपुर जिले के पटनीटॉप के पास एक जंगल से डोडा में घुस गए।

5. घटनास्थल से खून से लथपथ चार रूकसैक बरामद किए गए, जिससे अधिकारियों का मानना ​​है कि चार आतंकवादी मारे गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि एम-4 कार्बाइन भी मिलीं।

इस पर हमें अभी और जानकारी की प्रतीक्षा है। इससे पहले 10 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी के दौरान दो सैनिक और एक नागरिक की मौत हो गई थी। भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा शुरू किए गए संयुक्त अभियान के दौरान मुठभेड़ हुई थी।

जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर राजनाथ सिंह ने की बैठक। बुधवार सुबह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 78वें स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर एक बैठक के लिए सहमत हुए। अधिकारियों के मुताबिक, बैठक में रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, सैन्य अभियान महानिदेशक-लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा और सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों के प्रमुख शामिल हुए। 

इस बीच, सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्रता दिवस से पहले केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

भारत ने ढाका से किया संपर्क, सेना को शांति और सामान्य स्थिति स्थापित करने के दिए संदेश

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EAF S.Jaishankar and Bangladesh army chief

भारत ने सेना प्रमुख जनरल वेकर-उस-ज़मान के नेतृत्व में बांग्लादेश के सैन्य नेतृत्व से संपर्क किया है और संघर्ष प्रभावित देश में शांति, कानून ,व्यवस्था और सामान्य स्थिति को शीघ्र पुर्नस्थापित करने के लिए कहा है। शीर्ष सरकारी सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार ने पहले ही सेना प्रमुख से संपर्क किया और सोमवार को शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद देश में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए हर संभव समर्थन दिया है।

सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब विपक्ष ने पूछा कि क्या हसीना को सत्ता से हटाने में पाकिस्तान की कोई भूमिका है, तो उन्होंने पाकिस्तानी राजनयिकों के सोशल मीडिया अकाउंट पर बांग्लादेश विपक्ष की प्रदर्शित तस्वीरों की ओर इशारा किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान के हस्तक्षेप की भूमिका की अभी भी जांच की जा रही है।

शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद, नरेंद्र मोदी सरकार ने बांग्लादेश में तख्तापलट के परिणामों का आकलन किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए रणनीति तैयार कर रही है कि प्रदर्शनकारी युवाओं के साथ बातचीत के माध्यम से ढाका में सामान्य स्थिति बहाल हो। संयोग से, शेख हसीना ने अपने भारतीय वार्ताकारों को पहले ही संकेत दे दिया था कि वह जनवरी 2024 का आम चुनाव नहीं लड़ना चाहती थीं और अपने समर्थकों के समझाने के बाद ही वह अनिच्छा से चुनावी मैदान में उतरीं।

यह अच्छी तरह से जानते हुए कि उन्हें इस्लामवादियों के साथ-साथ पश्चिम के शासन परिवर्तन एजेंटों से खतरा था, हसीना नहीं चाहती थी कि उनके परिवार में कोई भी उनका उत्तराधिकारी बने क्योंकि वह जानती थी कि वे उनके विरोधियों द्वारा मारे जाएंगे। इस तरह, हसीना इस्लामवादियों के खिलाफ एक मजबूत दीवार थी जो सोमवार को प्रदर्शनकारियों की साजिश के कारण गिर गई। जबकि हसीना को अभी भी ढाका से अपने चौंकाने वाले प्रस्थान से उबरना बाकी है, मोदी सरकार पड़ोस में भारत के दोस्तों को निराश नहीं करेगी और तीसरे देश में राजनीतिक शरण का निर्णय अपदस्थ प्रधान मंत्री पर छोड़ देगी।

भले ही सेना और उत्साही कट्टरपंथी शेख हसीना के जाने का जश्न मना रहे हों, बांग्लादेश खुद पाकिस्तान, मालदीव और श्रीलंका की तरह आर्थिक संकट के कगार पर है और उसे जीवित रहने के लिए पश्चिमी समर्थित वित्तीय संस्थानों के समर्थन की आवश्यकता होगी। बेरोजगारी की दर को देखते हुए, जमात ए इस्लामी से जुड़े कट्टरपंथी छात्र सेना के खिलाफ हो सकते हैं यदि पेश किया गया समाधान उनकी पसंद के अनुरूप नहीं हुआ ।

शेख हसीना के जाने से भारत एक चट्टान और कठिन स्थिति के बीच रह गया है क्योंकि एक कट्टरपंथी शासन पूर्वी मोर्चे से खतरा पैदा करेगा और नई दिल्ली अब तेजी से अस्थिर पड़ोस का सामना कर रही है। जहां मोदी सरकार बांग्लादेश में अंतरिम सरकार को स्थिर करने के लिए अपना समर्थन देगी, वहीं पश्चिम में शेख हसीना विरोधी अपना भारत विरोधी खेल शुरू कर देंगे। भूटान को छोड़कर भारत के सभी पड़ोसी देश इस समय राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहे हैं और भविष्य में स्थिति और भी खराब होने की आशंका है। भारत के पास एकमात्र विकल्प भीतर के पांचवें स्तंभकारों से निपटने के अलावा बेहतर सुरक्षा और उन्नत खुफिया जानकारी के माध्यम से सीमा पार चुनौतियों से खुद को बचाना है।

Terr0r!sts were planning to attack the ongoing Amarnath Yatra

Indian army foiled an infiltration bid and killed 3 terr0r!sts when they tried to cross the LOC in Keran Sector of Kupwara

A huge stock of arms & ammunition recoveredImage