‘हम सभी तन और मन से पीएम मोदी के साथ,’ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद हुई सर्वदलीय बैठक में बोले सभी दल के नेता

नई दिल्ली- भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में वृद्धि हो रही है, खासकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सर्वदलीय बैठक समाप्त हो चुकी है, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी साझा की गई. इस बैठक के बाद, लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि विपक्ष ने सरकार को पूरा समर्थन दिया है.

हमने सेना की तारीफ की – असदुद्दीन ओवैसी

सर्वदलीय बैठक के बाद AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के लिए सशस्त्र बलों और सरकार की सराहना की. इसके साथ ही, उन्होंने रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ एक वैश्विक अभियान चलाने का सुझाव दिया. ओवैसी ने यह भी कहा कि सरकार को अमेरिका से TRF को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने का अनुरोध करना चाहिए और पाकिस्तान को FATF में ग्रे-लिस्ट करने के प्रयास करने की आवश्यकता है.

किरण रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के बाद दी प्रतिक्रिया, कहा – पूरा देश साथ

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि सभी नेताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए और पार्टी के दृष्टिकोण को साझा किया. उन्होंने यह भी माना कि नेताओं ने परिपक्वता का परिचय दिया है. जब देश एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है, तब राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं है. उन्होंने हमारी सेना की कार्रवाई की सराहना की और कहा कि पूरा देश उनके साथ है.

राहुल गांधी ने कहा – ‘हम सरकार के साथ’

सर्वदलीय बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सभी दल सरकार के साथ खड़े हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो जानकारी साझा की गई है, उसे सार्वजनिक रूप से नहीं बताया जा सकता.

देशहित में हम उनके साथ रहेंगे- मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि बैठक में जो बातें हुईं, उन्हें सभी ने ध्यान से सुना. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस कठिन समय में सभी दल उनके साथ हैं और जो कार्य वे कर रहे हैं, उसे जारी रखने के लिए समर्थन देंगे. देशहित में सभी एकजुट होकर उनके साथ खड़े रहेंगे.

भारतीय मिसाइल हमलों के तहत ऑपरेशन सिंदूर में कई आतंकवादी मारे गए, जिनकी धमक पूरी दुनिया में सुनाई दी. वैश्विक नेताओं ने भारत और पाकिस्तान से इस संघर्ष को और बढ़ाने से रोकने की अपील की, लेकिन पाकिस्तान पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. पाकिस्तानी सेना ने सीमा पर गोलीबारी जारी रखी, और हाल ही में रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाया, जिसमें कई नागरिक, विशेषकर बच्चे, मारे गए. भारतीय सेना ने इस हमले का उचित जवाब दिया है, और दोनों देशों के बीच तनाव अभी भी बना हुआ है. इस स्थिति के मद्देनजर, लोगों को गांवों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है, और गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने विस्थापितों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

दिल्ली में AIMIM का दो सीटों पर कैसा है हाल? जानें अपडेट

दिल्ली में आठवीं विधानसभा के नतीजे आज घोषित हो रहे हैं. वोटों की गिनती शुरु हो चुकी है. 5 फरवरी को हुए मतदान में 60 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई है. दिल्ली चुनाव में इस बार कांटे की टक्कर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही है. मगर असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM पार्टी भी मैदान है. फिलहाल शुरुआती रुझानों में पार्टी दोनों सीटों पर पीछे चल रही है.

असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तिहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ा है. उन्होंने ओखला विधानसभा सीट और मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया. ओखला सीट से शिफा-उर-रहमान और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन चुनाव मैदान में थे. दोनों दिल्ली दंगों के आरोपी हैं. शिफा-उर-रहमान का मुकाबला आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान हैं.

ओखला विधानसभा सीट मुस्लिम बहुल है. यहां 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. बीते दो चुनाव में यहां आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला रहा है. इस बार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की वजह से चुनाव दिलचस्प हो गया है.

मुस्तफाबाद विधानसभा सीट भी बहुत पुरानी नहीं है और साल 2008 के परिसीमन के बाद ही यह अस्तित्व में आई थी. इस सीट पर अब तक हुए 4 बार के चुनाव में 2 बार कांग्रेस और एक-एक बार भाजपा व आम आदमी पार्टी को जीत हासिल हुई है. इस बार के चुनाव में भी मुस्तफाबाद की 69 फीसदी जनता ने वोट डाले हैं.

18 दिनों में राहुल गांधी का दूसरा बिहार दौरा! पार्टी में जान फूंकने की कोशिश

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पांच फरवरी को बिहार जाएंगे. जहां वो स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व मंत्री जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में शामिल होंगे. पिछले 18 दिनों में यह दूसरा मौका है जब राहुल गांधी बिहार के दौरे पर आ रहे हैं, ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या राहुल गांधी बिहार दौरा कर के पार्टी में नई ऊर्जा लाने की कोशिश कर रहे हैं.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पिछले महीने 18 जनवरी को ही बिहार आए थे. तब उन्होंने राजधानी में आयोजित संविधान सुरक्षा कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। राहुल गांधी ने तब इस मौके पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राजद के शीर्ष नेतृत्व से भी पूर्व सीएम राबडी देवी के सरकारी आवास पर जाकर मुलाकात भी की थी.

जगलाल चौधरी की जयंती समारोह

दरअसल राहुल गांधी पूर्व मंत्री जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार संजय उपाध्याय कहते हैं कि जगलाल चौधरी एससी क्लास से ताल्लुक रखते थे. राहुल अपने इस दौरे के माध्यम से इस वर्ग के लोगों को अपना संदेश देने की कोशिश कर सकते हैं. इससे पहले भी राहुल गांधी ने संविधान सुरक्षा कार्यक्रम के माध्यम से अपने उन वोटरों को संदेश देने की कोशिश की थी, जो धीरे धीरे कांग्रेस से दूर होते चले गए थे.

34 सालों से अपने दम पर सत्ता से दूर

दरअसल बिहार में कांग्रेस के साथ विडंबना यह है कि यह पार्टी करीब 34 सालों से अपने दम पर सत्ता में नहीं आ सकी है। यह पार्टी 34 साल पहले तक बिहार में एक छात्र राज करती थी. 1990 में जब लालू प्रसाद का बिहार की राजनीति में आगमन हुआ उसके बाद से कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे सिमटती चली गई. उसके वोटर भी उससे कटते चले गए. सन 2000 में जब बिहार का विभाजन हुआ और झारखंड बना, उसके बाद 2000 से लेकर के 2025 तक यह पार्टी जब भी महागठबंधन के घटक दल के रूप में शामिल होते हुए बिहार में सत्ता में आयी, वह राजद के बैसाखी पर ही टिकी रही. इसमें सन 2000 से 2005, सन 2015 से 2017 और 2023 से 2024 के शुरुआती महीने तक कांग्रेस, बिहार में सहयोगी दल के रूप में शामिल रही है।

सीटों को लेकर समीकरण

दरअसल राज्य में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस पार्टी इस विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है. 2020 में जब बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे तो कांग्रेस पार्टी ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार को उतारे थे. जिनमें से उनको 19 सीटों पर जीत हुई थी. कांग्रेस पार्टी का यह दवा 2024 में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के बाद आया है. जिसमें कांग्रेस पार्टी ने तीन लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस पार्टी नौ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारी थी.

‘राहुल के दौरे से मिलती है ऊर्जा’

राहुल गांधी के बिहार दौरे पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह कहते हैं, राहुल गांधी के दौरे से कार्यकर्ताओं को नयी ऊर्जा मिलती है। ज्ञात हो कि अखिलेश प्रसाद सिंह ने पहले भी अपने संबोधन में कहा था कि मैंने पहले भी कहा था कि देश के अन्य राज्यों में जिस तरह आपका दौरा रहता है, वैसे ही अगर आप बिहार आएंगे तो कांग्रेस नयी ऊंचाई पर पहुंचेगी. अगर आप समय देंगे तो बिहार में कांग्रेस 1990 वाली कांग्रेस बन जाएगी.

‘सभी वर्ग में देते हैं संदेश’

राहुल गांधी के दौरे पर प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर कहते हैं, उनका दौरा राजनीतिक नहीं है लेकिन जब कोई सियासी नेता दौरे पर आता है तो सियासी बातें होती हैं. वह कहते हैं कि राहुल जयंती समारोह में आ रहे हैं, जिनको वर्षों से बड़े पैमाने पर नहीं मनाया गया था. वह इस बात से नहीं नकारते हैं कि सियासी बातें नहीं होंगी. वह यह भी कहते हैं कि उनके आने का संदेश न केवल शेड्यूल कास्ट समाज में बल्कि समाज के सभी वर्ग के लोगों में देना है. राहुल गांधी लगातार सदन से सड़क तक आवाज उठाते रहे हैं. वह दलितों, महिला, पिछडा की आवाज बनते रहे हैं.व ह उन लोगों की आवाज बनते हैं जो समाज की मुख्य धारा से अभी तक नहीं जुड़ पाए हैं.

पिछले विधानसभा में AIMIM से भी कम था वोट प्रतिशत

दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा था। इसमें 19 सीटों पर उसके उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी। तब कांग्रेस को 9.48 प्रतिशत वोट मिला था। हालांकि कांग्रेस का प्रदर्शन एआइएमआइएम से नीचे था। तब एआइएमआइएम के पांच उम्मीदवार जीते थे और उसका वोट प्रतिशत 1.24 प्रतिशत था।

दलित वोटरों पर नजर

संजय उपाध्याय कहते हैं, दरअसल कांग्रेस पार्टी की नजर बिहार के दलित वोटरों पर है। बिहार में करीब 32 प्रतिशत दलित वोटर हैं। दलित वोटर कभी कांग्रेस पार्टी के वोट बैंक रहे हैं लेकिन बडा सवाल यह भी है कि बिहार में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे दो बडे दलित नेता भी हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि राहुल गांधी इस जयंती के जरिये दलित वोटरों को साधने में कितना कामयाब हो पाते हैं।

अखिलेश पर लगते रहे हैं आरोप

संजय उपाध्याय यह भी कहते हैं, बिहार राहुल गांधी का दौरा कांग्रेस को पुर्नजीवित करने की कोशिश है। पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह लालू प्रसाद के स्कूल के प्रोडक्ट हैं। वह लालू प्रसाद के एजेंट है और कांग्रेस में भेजे गए हैं। पार्टी के भीतर एक और बात चल रही है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अगर लालू प्रसाद कांग्रेस को उसके द्वारा मांगे गए सीटों के अनुरूप सीट नहीं दे तो पार्टी क्यों नहीं सभी 243 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लडे। लेकिन अभी यह कहना जल्दबाजी होगी।

'ऐसे सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक होनी चाहिए', दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की याचिका पर बोला सुप्रीम कोर्ट


डेस्क: दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में AIMIM उम्मीदवार ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई एक दिन के लिए टाल दी गई है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर मंगलवार (21 जनवरी) को सुनवाई करेगा। ताहिर हुसैन पहले आम आदमी पार्टी का हिस्सा था, लेकिन दिल्ली दंगों में नाम आने के बाद 2020 में उसे पार्टी से निकाल दिया गया था। अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने मुस्तफाबाद सीट से टिकट दिया है।

ताहिर हुसैन पुलिस की हिरासत में ही जिला चुनाव अधिकारी के पास नामांकन करने गया था। उसका नामांकन स्वीकार होने के बाद उसने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है। हालांकि, सोमवार को समय की कमी के चलते उसकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई। न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने समय की कमी के कारण सुनवाई स्थगित कर दी, लेकिन जैसे ही पीठ उठने लगी, हुसैन के वकील ने मामले का उल्लेख किया और 21 जनवरी को सुनवाई का अनुरोध किया।

बेंच के उठते समय जस्टिस पंकज मित्तल ने कहा कि आजकल जेल में रहकर चुनाव लड़ना आसान हो गया है। ऐसे सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक होनी चाहिए। इस पर ताहिर के वकील ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए उनका नामांकन पहले ही स्वीकार किया जा चुका है। अभी चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कल सुनवाई करेंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को हुसैन को एआईएमआईएम के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हिरासत में पैरोल प्रदान की थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से नौ फरवरी तक अंतरिम जमानत की याचिका को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि हिंसा में मुख्य आरोपी होने की वजह से हुसैन के खिलाफ आरोपों की गंभीरता की अनदेखी नहीं की जा सकती, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हो गई। उच्च न्यायालय ने कहा था कि दंगों के सिलसिले में उसके खिलाफ लगभग 11 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं और वह संबंधित धन शोधन मामले और यूएपीए मामले में हिरासत में हैं। फरवरी, 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 53 लोग मारे गए और कई घायल हो गए।
दिल्ली में पोस्टर वॉरःशाह-ओवैसी-माकन समेत अन्य नेताओं की तस्वीरें शेयर कर बताया निकम्मा

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दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है। 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ चुकी है। इस बीच आम आदमी पार्टी द्वारा एक पोस्टर सोशल मीडिया साइट एक्स पर जारी किया गया है। इस पोस्टर में अरविंद केजरीवाल ने विरोधी पार्टियों के नेताओं की तस्वीर को लगाते हुए उन्हें निकम्मा बताया है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। नेता एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं।राजनीतिक दलों में पोस्टर वॉर तेज होता जा रहा है।अब आम आदमी पार्टी ने अपने नए पोस्टर में भाजपा, कांग्रेस और एआईएमआईएम पर हमला बोला है। आप ने पोस्टर में इन सभी पार्टियों को एक साथ दिखाया है। आप ने पोस्टर में अमित शाह, रमेश बिधूड़ी, प्रवेश वर्मा, असदुद्दीन ओवैसी, संदीप दीक्षित, अजय माकन को एक साथ दिखाया है। वहीं, दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल है। पोस्टर में लिखा, 'एक तरफ निकम्मों की कतार, दूसरी ओर अकेला खड़ा ईमानदार।

इस तस्वीर पर एआईएमआईएम दिल्ली के अध्यक्ष शोएब जमई ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। शोएब जमई ने वीडियो जारी करते हुए कहा, 'निकम्मों की कतार कौन है मैं बताता हूं। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन ये सब तिहाड़ जेल की खिचड़ी खाकर आए हैं। किसी क्रांतिकारी काम के लिए ये अंदर नहीं गए। बल्कि भ्रष्टाचार, शराबखाने खोलने और करोड़ों रुपये डकारने के आरोप में अंदर गए। दूसरी ओर असदुद्दीन ओवैसी हैं, जिन्होंने हैदराबाद में विकास कार्य किए। उनके उपर कौन से भ्रष्टाचार के आरोप हैं, कुछ भी नहीं। कौन है निकम्मा, किसकी है निकम्मों की कतार। निकम्मों की कतार में आम आदमी पार्टी के आधे नेता तो लाइन में लगे हैं।

एआईएमआईएम नेता ने आगे कहा, 'तुम्हारे निकम्मेपन की वजह से दिल्ली का यह हाल है कि दिल्ली गैस चेंबर बन गया। अरविंद केजरीवाल तुम्हारे निकम्मेपन की वजह से दिल्ली की बेटियां सुरक्षित नहीं है। आपके निकम्मेपन की वजह से दिल्ली के अंदर सड़के टूटी पड़ी हैं और अवसंरचना खत्म हो गया है। आपके निकम्मेपन की वजह से मुसलमान बस्तियों में गंदगी का ढेर पड़ा है। अरविंद केजरीवाल के निकम्मेपन की वजह से वक्फ बोर्ड की जमीनें दिल्ली के अंदर लूट ली गई। अरविंद केजरीवाल के निकम्मेपन की वजह से शाही ईदगाह की जमीनों को लूट ली गई। असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बोलने से पहले जुबान संभाल के रखिएगा। हैदराबाद जाकर देख लीजिए कि वहां कितना काम किया जाता है। इसलिए तुलना बिल्कुल भी नहीं हो सकता। जनता इस बार अरविंद केजरीवाल के निकम्मेपन का जवाब दिल्ली की जनता देगी।'

मसूद अजहर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच एक कूटनीतिक संघर्ष और पाकिस्तान का दोहरा चरित्र

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Masood Azhar

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मसूद अजहर, भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का केंद्रीय मुद्दा बने हुए हैं। भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। ऐसी खबरें सामने आई हैं कि उसने हाल ही में पाकिस्तान के शहर बहावलपुर में एक सार्वजनिक सभा में भाषण दिया है। नई दिल्ली ने कहा कि पाकिस्तान का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है।अजहर, जो भारत में 2001 के संसद हमले और 2019 के पुलवामा हमले जैसे कई प्रमुख हमलों में शामिल रहे हैं, दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का मुख्य कारण हैं। 

पृष्ठभूमि और बढ़ता तनाव

मसूद अजहर ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की थी, और इस समूह को भारत में कई आतंकवादी हमलों से जोड़ा गया है। 2019 में पुलवामा हमले के बाद, जिसमें 40 से अधिक भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जैश ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में जैश के प्रशिक्षण शिविरों पर एयरस्ट्राइक की, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया।

संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध और भारत की कूटनीतिक सफलता

भारत ने लंबे समय से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने की मांग की थी। मई 2019 में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया, जो एक कूटनीतिक जीत के रूप में देखा गया। इस कदम ने अजहर की संपत्तियों को फ्रीज़ कर दिया और यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिए। यह कदम भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता था, जिसे वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत कदम माना गया।

कूटनीतिक चुनौतियां और पाकिस्तान का रुख

हालांकि, यह कदम केवल एक कूटनीतिक जीत थी, मसूद अजहर का प्रभाव और जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियां अब भी एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं। पाकिस्तान ने बार-बार यह दावा किया है कि वह अजहर और उसके समूह पर नियंत्रण नहीं रखता, लेकिन भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का मानना है कि पाकिस्तान के सैन्य और खुफिया तंत्र ने इन आतंकवादी समूहों को समर्थन दिया है। भारत अब भी पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है कि वह आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए।

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर प्रभाव

मसूद अजहर पाकिस्तान के लिए केवल एक आतंकी नेता नहीं, बल्कि कश्मीर में आतंकवाद और संघर्ष का प्रतीक बन चुके हैं। भारत के लिए, अजहर पाकिस्तानी आतंकवाद को रोकने में पाकिस्तान की विफलता का प्रतीक बन गए हैं। भारत अब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बना रहा है कि पाकिस्तान जैश और अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए। मसूद अजहर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच जटिल और संवेदनशील संबंधों का एक मुख्य कारण बना हुआ है। हालांकि भारत ने UNSC में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर कूटनीतिक सफलता प्राप्त की है, लेकिन अजहर और जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित आतंकवाद की समस्या अब भी बरकरार है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका और भारत के कूटनीतिक प्रयास इस मुद्दे के समाधान के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज को जान से मारने की मिली धमकी: थाने पहुंचकर दर्ज कराई शिकायत

रायपुर-  छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और कश्मीर से जान से मारने की धमकी मिल रही है। उन्होंने आज आज़ाद चौक थाने पहुंचकर पुलिस से इसकी शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। कुछ दिनों पहले सलीम राज ने आदेश जारी कर कहा था कि छत्तीसगढ़ की मस्जिदों में जुमे (शुक्रवार) की नमाज के बाद होने वाली तकरीर के टॉपिक के लिए वक्फ बोर्ड की इजाज़त लेनी होगी, जिसके बाद से उन्हें लगातार धमकियों वाले कॉल और ई-मेल आ रहे हैं।

सुरेंद्र यादव के साढ़े तीन दशक पुराने किला में कैसे सेंधमारी, मनोरमा देवी ने सुरेंद्र यादव के किला को छीना, ऐसे हुई वोट बैंक में सेंधमारी

गया। बिहार के गया में बिहार उपचुनाव में राजद की करारी हार हुई है। सबसे ज्यादा चर्चा गया जिले के बेलागंज सीट की हो रही है। यहां एनडीए समर्थित जदयू की प्रत्याशी मनोरमा देवी ने राजद कैंडिडेट विश्वनाथ कुमार सिंह को हराकर जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव का किला छीन लिया। सुरेंद्र यादव बेलागंज से लगातार आठ बार विधायक रहे।

इस साल लोकसभा सांसद बनने के बाद जब सीट खाली हुई तो अपने बेटे विश्वनाथ कुमार सिंह को राजद के टिकट पर मैदान में उतारा। मगर उन्हें मनोरमा देवी से 21391 वोटो से हार झेलनी पड़ी। जदयू ने सुरेंद्र यादव के साढ़े तीन दशक पुराने किला में कैसे सेंधमारी, इसको लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इसके अलावा राजद के माय समीकरण यानी मुस्लिम यादव वोट बैंक का भी बंटवारा हुआ। राजद के परपारंगत कुछ यादव वोटर जदयू की तरफ चले गए। 

वही प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और एआई एमआईएम ने मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की कोई कसर नहीं छोड़ी। बता दे की बेलागंज में यादव वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। इसके अलावा मुस्लिम सवर्ण और दलित वोटो की संख्या भी अच्छी खासी है। अंदर खाने से यह भी खबर है कि राजद प्रत्याशी विश्वनाथ कुमार सिंह को टिकट देने पर राजद के स्थानीय कार्यकर्ता सुरेंद्र यादव से नाराज थे, इसका भी चुनाव नतीजे में हार का कास लगाया जा रहा है।

सुरेंद्र यादव को पहले ही लग चुका था कि इस बार उपचुनाव में बेलागंज में जीत आसान नहीं होने वाली है यही कारण है कि खुद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सुरेंद्र के बेटे विश्वनाथ कुमार सिंह के लिए चुनाव प्रचार करने बेलागंज पहुंचे। शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा ने भी यहां रैली की, मगर फिर भी राजद अपना किला बचाने में नाकाम रही। 

बेलागंज उपचुनाव रिजल्ट

मनोरमा देवी, जेडीयू - 73334

विश्वनाथ सिंह, आरजेडी- 51943

मो. अमजद, जन सुराज - 17285

जमीन अली हसन, AIMIM - 3533

नोटा - 5819

झारखंड और महाराष्ट्र में किसका होगा राज? आज शाम तक साफ होगी तस्वीर


नयी दिल्ली : महाराष्ट्र में 288 सीटें हैं. बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. 81 सीटों वाले झारखंड में बहुमत के लिए 42 सीटों की जरूरत है.

महाराष्ट्र की इन सीटों पर है बड़ी टक्क

1. बारामती विधानसभा सीट

इस सीट पर अजित पवार और युगेंद्र पवार आमने सामने हैं. अजित पवार NCP (अजित) पार्टी के उम्मीदवार हैं तो युगेंद्र पवार NCP (शरद) गुट से प्रत्याशी हैं. अजित पवार डिप्टी सीएम हैं तो युगेंद्र पवार अजित पवार के भतीजे हैं.

2. वर्ली विधानसभा सीट

यहां शिवसेना उद्धव गुट के आदित्य ठाकरे और शिवसेना शिंदे गुट के मिलिंद देवड़ा एक दूसरे के खिलाफ हैं. आदित्य ठाकरे उद्धव ठाकरे के बेटे हैं, जबकि मिलिंद देवड़ा पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं.

3. मानखुर्द-शिवाजी नगर

इस सीट पर अबू आजमी नवाब मलिक एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. अबू आजमी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं तो नवाब मलिक एनसीपी अजित गुट के नेता हैं. अबू आजमी सपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं तो वहीं नवाब मलिक महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हैं.

4. अणुशक्ति नगर

इस विधानसभा सीट पर एनसीपी अजित गुट की सना मलिक के सामने एनसीपी शरद गुट के फहाद अहमद मुकाबला कर रहे हैं. सना मलिक नवाब मलिक की बेटी हैं, जबकि फहाद अहमद स्वरा भास्कर के पति हैं।

5. बांद्रा ईस्ट

इस सीट पर बाबा सिद्दकी के बेटे जीशान सिद्दीकी और वरुण सरदेसाई के बीच कड़ा मुकाबला है. जीशान सिद्दकी NCP (अजित) गुट से मुकाबले में हैं, जबकि वरुण देसाई शिवसेना (उद्धव) गुट के प्रत्याशी हैं. जीशान बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं, जबकि वरुण देसाई उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार हैं.

6. लातूर सिटी

इस सीट पर अमित देशमुख और अर्चना पाटिल के बीच टक्कर है. अमित देशमुख कांग्रेस के टिकट से हैं, जबकि अर्चना पाटिल बीजेपी के टिकट पर लड़ रही हैं. अमित देशमुख पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के बेटे हैं, जबकि अर्चना पाटिल, शिवराज पाटिल की बहू हैं.  

महाराष्ट्र में गठबंधन में कौन कितनी सीटों पर लड़ रहा

महाविकास अघाड़ी

कांग्रेस 101 सीट

शिवसेना (उद्धव) 95 सीट

NCP (शरद) 86 सीट

अन्य- 8 सीट

2 सीटों पर फ्रेंडली फाइट

महायुति

बीजेपी 149 सीट

शिवसेना (शिंदे) 81 सीट

NCP (अजित) 59 सीट

अन्य 5 सीट

8 सीटों पर फ्रेंडली फाइट

1 सीट पर MNS को समर्थन

मालेगांव सेंट्रल में उम्मीदवार नहीं उतारा

महाराष्ट्र चुनाव की बड़ी बातें

36 जिलों की 288 सीटों पर 20 नवंबर को चुनाव हुआ था

सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान चला था

4136 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला

9.70 करोड़ वोटर आज वोट डालेंगे

महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच सीधी टक्कर

NCP और शिवसेना टूटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव

पहली बार उद्धव कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनाव लड़ रहे

दोनों गठबंधनों में कुछ सीटों पर आपस में मुकाबला

इस लोकसभा सीट के लिए भी 20 को हुआ था मतदान

केरल की चेलक्कारा और पलक्कड़ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को मतदान हुआ. इसके अलावा महाराष्ट्र की नांदेंड़ लोकसभा सीट पर भी वोटिंग हुई. इन सीटों के लिए वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी.

 केदरानाथ विधानसभा सीट पर भी नजर

उत्तराखंड की केदरानाथ विधानसभा सीट पर भी 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ था. आज इसके भी नतीजे जारी होंगे.

मेघालय में एक सीट का आएगा नतीजा

मेघालय की गाम्बेग्रे विधानसभा सीट के नतीजे भी आज ही आएंगे. यहां 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ था.

कर्नाटक की इन तीन सीटों पर वोटों की गिनती की पूरी तैयारी

कर्नाटक की शिगगांव, संदूर और चन्नपटना विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज देर शाम तक आ जाएंगे. 

वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी.

पश्चिम बंगाल की 6 सीटों के नतीजों का इंतजार

पश्चिम बंगाल विधानसभा की छह सीटों नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर, तालडांगरा, सीताई (एससी) और मदारीहाट (एसटी) पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे. 

जिला मुख्यालयों पर 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी.

23/11/2024 07:09:11

Assembly Election Results 2024 Live: गुजरात की वाव विधानसभा सीट पर किसका होगा कब्जा?

गुजरात में वाव विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुए हैं. इसके नतीजे भी आज ही जारी होंगे.

23/11/2024 07:07:18

Assembly Election Results 2024 Live: रायपुर दक्षिण सीट पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने

छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव की काउंटिंग इंजीनियरिंग कॉलेज सेजबहार में सुबह 8 बजे से शुरू होगी. 

रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला है. बीजेपी ने यहां से पूर्व सांसद सुनील सोनी को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने युवा चेहरे आकाश शर्मा को टिकट दिया है.

23/11/2024 07:05:34

Assembly Election Results 2024 Live: पंजाब की इन तीन सीटों पर रहेगी नजर

पंजाब के डेरा बाबा नानक (गुरुदासपुर), गिद्दड़बाहा (मुक्तसर), बरनाला और चब्बेवाल( होशियारपुर) विधानसभा सीट के लिए 20 नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे. जिला मुख्यालय पर आज सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी.

23/11/2024 07:04:11

Assembly Election Results 2024 Live: सिक्किम में विधानसभा की 2 सीटों पर निर्विरोध जीते प्रत्याशी

सिक्किम में सोरेंग-चाकुंग और नामची-सिंघीथांग विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना था. सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के उम्मीदवार आदित्य गोले और सतीश चंद्र राय क्रमश: सोरेंग-चाकुंग और नामची-सिंघीथांग सीट से बुधवार को निर्विरोध निर्वाचित हुए.

23/11/2024 06:55:53

Assembly Election Results 2024 Live: मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर सीट पर टक्कर

मध्य प्रदेश की बुधनी (विदिशा) और विजयपुर (श्योपुर) विधानसभा सीट पर मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होगी.

बुधनी सीट पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृहक्षेत्र है. यह सीट लंबे समय से भाजपा का गढ़ है. विजयपुर सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है.

भाजपा ने वन मंत्री रामनिवास रावत को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग से आने वाले मुकेश मल्होत्रा को मैदान में उतारा है.

23/11/2024 06:50:15

Assembly Election Results 2024 Live: बिहार विधानसभा की 4 सीटों पर टक्कर

बिहार की बात करें तो यहां गया की इमामगंज और बेलागंज, आरा की तरारी और कैमूर की रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए हैं. इनके नतीजे आज आएंगे.

 अलग-अलग जिला मुख्यालय पर सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू होगी.

23/11/2024 06:44:43

Assembly Election Results 2024 Live: राजस्थान की 7 सीटों के नतीजों पर रहेगी नजर

राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों झुंझुनू, रामगढ़(अलवर), दौसा, देवली-उनियारा(टोंक), खींवसर(नागौर), सलूम्बर ;(उदरपुर) और चौरासी(डूंगरपूर) पर 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ. 

आज इन सभी के नतीजे घोषित होंगे. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से जिला मुख्यालयों पर शुरू होगी. काउंटिंग के लिए झुंझुनू, अलवर, दौसा, टोंक, नागौर, उदयपुर व डूंगरपुर जिला मुख्यालयों पर इंतजाम किए गए हैं. काउंटिंग सेंटर पर त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होगी.

23/11/2024 06:36:16

Assembly Election Results 2024 Live: यूपी की इन 9 सीटों के आएंगे नतीजे

यूपी की गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, कुंदरकी, फूलपुर, करहल, सीसामऊ, मझवां और कटेहरी ऐसे 9 विधानसभा सीटें हैं जहां 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ था. आज इनके भी नतीजे आएंगे. इन सीटों पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है. वोटों की गिनती सुबह 8 से शुरू होगी.

23/11/2024 06:33:46

Assembly Election Results 2024 Live: महाराष्ट्र में ओवरऑल 66.05 प्रतिशत हुआ था मतदान

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुई वोटिंग में अंतिम मतदान 66.05 प्रतिशत रहा, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 61.1 प्रतिशत था. 

चुनाव अधिकारी के अनुसार, नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के लिए भी मतगणना होगी, जहां 20 नवंबर को 67.81 प्रतिशत मतदान हुआ था. प्रदेश के कोल्हापुर जिले में 76.63 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसके बाद गढ़चिरौली में 75.26 प्रतिशत मतदान हुआ. सबसे कम मतदान मुंबई में 52.07 प्रतिशत रहा. मुंबई उपनगरीय जिले में 55.95 प्रतिशत मतदान हुआ.

23/11/2024 06:29:51

Assembly Election Results 2024 Live: कई बड़े नामों की किस्मत का फैसला आज

महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर आज सुबह 8 बजे से जिला मुख्यालयों पर मतगणना शुरू होगी. चुनाव में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, नाना पटोले, पृथ्वीराज चव्हाण, राधाकृष्ण विखे पाटील, बाला साहेब थोरात, नसीम खान, आदित्य ठाकरे, अमित ठाकरे, नवाब मलिक और जीशान सिद्दीकी जैसे बड़े नेताओं की किस्मत का फैसला होगा.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस बार 8 लाख अधिक मुंबईकरों ने किया मतदान

इस साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान मुंबई में मतदान में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें 2019 के विधानसभा चुनावों की तुलना में आठ लाख अधिक मुंबईकरों ने मतदान किया. 2019 में शहर में 50.5% मतदान हुआ, जबकि इस साल मतदान बढ़कर 55.5% हो गया. लगभग 1.02 करोड़ मतदाताओं के साथ, 5% की वृद्धि का मतलब है कि आठ लाख अतिरिक्त मतदाताओं ने इस बार वोट डाला. 2024 के लोकसभा चुनावों की तुलना में, जहां मुंबई में मतदान 54.1% था, इस विधानसभा चुनाव में 0.8% की वृद्धि देखी गई. यह छोटा सा प्रतिशत अंतर इस बार 1.8 लाख अधिक मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का संकेत देता है.

यूपी विधानसभा की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज ही

यूपी में विधानसभा की 9 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज ही घोषित किए जाएंगे.

माहिम में मतगणना केंद्र पर तैयारी पूरी

महाराष्ट्र की माहिम में एक मतगणना केंद्र के बाहर का दृश्य. मतगणना आज सुबह 8 बजे शुरू होने की उम्मीद है.।

मुंबई शहर की इन सीटों पर रहेगी सबकी नजर

मुंबई शहर में 10 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें धारावी (एससी), सायन कोलीवाड़ा, वडाला, माहिम, वर्ली, शिवडी, बायकुला, मालाबार हिल, मुंबादेवी और कोलाबा शामिल हैं. इन पर सबकी नजर रहेगी.

महाराष्ट्र की 288 सीटों के साथ नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के नतीजे भी आएंगे

महाराष्ट्र में महायुति या महा विकास अघाड़ी (एमवीए) कौन मारेगा बाजी? महाराष्ट्र में कौन सा गठबंधन सरकार बनाएगा? नतीजे कुछ ही घंटों सबके सामने होंगे. महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर सुबह 8 बजे से गिनती शुरू हो जाएगी. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ-साथ आज नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के नतीजे भी आएंगे.

आज तय हो जाएगा किसकी सरकार

महाराष्ट्र और झारखंड में अबकी बार किसकी सरकार? आज इस सवाल का जवाब मिल जाएगा. आज मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी. महाराष्ट्र में बीजेपी भाजपा नीत महायुति और सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटे महा विकास आघाडी (एमवीए) के बीच मुकाबला है तो वहीं झारखंड में अगली सरकार बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बनाएगा या झामुमो की अगुवाई वाला गठबंधन एक बार फिर सत्ता पर काबिज होगा इस सवाल का जवाब आज मिल जाएगा.

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती शनिवार (23 नवंबर) सुबह 8 बजे से होगी. महाराष्ट्र में एक चरण में सभी 288 सीटों पर मतदान हुआ था. जबकि 81 सीटों वाले झारखंड में दो चरणों में मतदान हुआ. दोनों राज्यों के नतीजे एक साथ आ रहे हैं. 

झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों से पहले एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए. ज्यादातर एग्जिट पोल महाराष्ट्र और झारखंड में एनडीए की सरकार बनाने के पक्ष में हैं. जबकि कुछ एग्जिट पोल झारखंड में त्रिशंकु और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार की संभावना भी जता रहे हैं.

2019 में कैसे थे नतीजे?

महाराष्ट्र में 288 सीटें हैं. बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. 2019 विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं. जबकि शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. तब शिवसेना और एनसीपी दो गुटों में नहीं बंटी थी. 2019 में राज्य में शिवसेना और बीजेपी साथ चुनाव लड़ी थी. जबकि एनसीपी और कांग्रेस एक साथ चुनाव मैदान में थे. शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को बहुमत मिला था. लेकिन सीएम चेहरे को लेकर दोनों अलग हो गए थे. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाई थी. 

हालांकि, ये सरकार 2.5 साल चली. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी और बीजेपी के समर्थन से सरकार में आ गए. बाद में एनसीपी भी दो गुटों में बंट गई. अजित पवार खेमा शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए. 

2019 में झारखंड चुनाव के लिए वोटिंग 30 नवंबर को हुई थी और नतीजे 20 दिसंबर को आए थे. 81 सीटों वाले झारखंड में बहुमत के लिए 42 सीटें चाहिए. पिछले चुनाव में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन को इस चुनाव में जीत मिली थी. तब जेएमएम ने 30 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को 25 और कांग्रेस को 16 सीटें मिली थीं. 

झारखंड में कौन सी पार्टी किस गठबंधन में?

झारखंड में एनडीएम में बीजेपी 68, AJSU 10, JDU 2 और लोजपा-1 पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, INDIA गठबंधन में जेएमएम 43, कांग्रेस 30, RJD 6 और लेफ्ट पार्टियां 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं.

महाराष्ट्र में कौन सी पार्टी किस गठबंधन में?

महायुति गठबंधन में शामिल भाजपा 149 सीट पर, शिवसेना 81 सीट पर और अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP ने 59 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. विपक्षी गठबंधन एमवीए में शामिल कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार, शिवसेना (उबाठा) ने 95 और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने 86 उम्मीदवार उतारे हैं. राज ठाकरे की मनसे, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), सपा और AIMIM समेत छोटे दल भी चुनाव मैदान में हैं. राज्य की 288 सीटों पर चुनाव में बसपा ने 237 उम्मीदवार और एआईएमआईएम ने 17 उम्मीदवार उतारे हैं.

झारखंड विधानसभा चुनाव: एग्जिट पोल 2024

कुल सीटें- 81, बहुमत

चाणक्य 45-50 35-38 03-05

भास्कर रिपोटर्स पोल 37-40 36-39 0-2

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल

कुल सीटें- 288, बहुमत के लिए- 145

MP News : AIMIM से छिटकी टीम IUML की झोली में, तौकीर बने प्रदेश प्रवक्ता


खान आशु 

भोपाल। प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं को सहेजने की कोशिश में जुटी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पैर पसारने से पहले ही सिमट गई। इसकी बिखरी हुई छुटपुट टीम भी यहां वहां पलायन करती नजर आने लगी है। इसी बीच प्रदेश में एक नई आमद के तौर पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने अपनी जमावट शुरू कर दी है। AIMIM को प्रदेश और राजधानी भोपाल में खास पहचान देने वाले तौकीर निजामी के हाथों प्रदेश में अपनी बात रखने की जिम्मेदारी सौंपकर IUML ने अपनी नई और सफल पारी खेलने की तरफ कदम बढ़ा लिए हैं।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने हाल ही में अपने प्रदेश पदाधिकारियों का ऐलान किया है। राजधानी भोपाल में हुई एक बैठक के दौरान तौकीर निजामी को प्रदेश प्रवक्ता घोषित किया गया। पार्टी के ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ एम यासिर राज ने उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपते हुए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग IUML का परचम थमाया। इस मौके पर तौकीर निजामी के साथ बड़ी तादाद में कार्यकर्ताओं ने अपनी आस्था इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग IUML के साथ दिखाते हुए पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कार्यक्रम के दौरान डॉ राज ने डॉ आसिफ अली को प्रदेश के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी सौंपी। बैठक में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग IUML के प्रदेश अध्यक्ष जावेद खान के अलावा कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।

निजामी पर इसलिए भरोसा

सूत्रों का कहना है कि AIMIM की प्रदेश में शुरुआती यात्रा के दौरान तौकीर निजामी ने महती भूमिका निभाई है। पार्टी मुखिया असद उद्दीन ओवैसी की प्रदेश की इकलौती आमसभा से लेकर प्रदेश के निकाय चुनावों में परिणाम लाने वाले प्रदर्शन का जिम्मा भी उन्होंने ही निभाया है। विपक्ष की भूमिका निभाते हुए सत्ता पक्ष को घेरने के लिए मुखर रहना भी तौकीर की खासियतों में शामिल है। सूत्रों का कहना है कि IUML पहले तौकीर को प्रदेश में किसी बड़े पद पर आसीन करने का मन बना चुकी थी, लेकिन उनकी क्षमताओं और पार्टी की जरूरत के लिहाज से उन्हें प्रवक्ता की भूमिका में उतारा गया है।

IUML का भविष्य

दक्षिण भारत में कुछ सांसद, कई विधायक और राज्यसभा सांसद रखने वाली IUML प्रदेश के मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में अपना वर्चस्व स्थापित कर सकती है। भाजपा से उपेक्षित और कांग्रेस से ठगे हुए मुस्लिम वोटर्स के लिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है। प्रदेश की करीब 45 विधानसभा में अपना बाहुल्य रखने वाले मुस्लिम समुदाय को अपना वोट एकमुश्त दिखाकर अपनी ताकत दिखाने का मौका IUML के साथ मिल सकता है।

यहां है मुस्लिम बहुलता

प्रदेश की कई विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोट प्रतिशत हार जीत का फैसला करने के हालत रखता है। इंदौर संभाग के धार, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन के अलावा इंदौर की आधी विधानसभा सीटों पर मुस्लिम समुदाय का वर्चस्व है। इसी तरह उज्जैन संभाग में रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, शुजालपुर में भी बड़ी तादाद में मुस्लिम मतदाता मौजूद हैं। प्रदेश की राजधानी भोपाल की तीन विधानसभा मुस्लिम बहुल मानी जाती हैं। जबकि इस संभाग के राजगढ़, विदिशा, रायसेन, सीहोर, बैरसिया में भी मुस्लिम वोटर्स की बड़ी तादाद मौजूद है। इधर सागर, जबलपुर, सतना, ग्वालियर जैसे कई जिलों में भी मुस्लिम वोटर्स मौजूद हैं।

‘हम सभी तन और मन से पीएम मोदी के साथ,’ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद हुई सर्वदलीय बैठक में बोले सभी दल के नेता

नई दिल्ली- भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में वृद्धि हो रही है, खासकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सर्वदलीय बैठक समाप्त हो चुकी है, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी साझा की गई. इस बैठक के बाद, लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि विपक्ष ने सरकार को पूरा समर्थन दिया है.

हमने सेना की तारीफ की – असदुद्दीन ओवैसी

सर्वदलीय बैठक के बाद AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के लिए सशस्त्र बलों और सरकार की सराहना की. इसके साथ ही, उन्होंने रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ एक वैश्विक अभियान चलाने का सुझाव दिया. ओवैसी ने यह भी कहा कि सरकार को अमेरिका से TRF को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने का अनुरोध करना चाहिए और पाकिस्तान को FATF में ग्रे-लिस्ट करने के प्रयास करने की आवश्यकता है.

किरण रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के बाद दी प्रतिक्रिया, कहा – पूरा देश साथ

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि सभी नेताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए और पार्टी के दृष्टिकोण को साझा किया. उन्होंने यह भी माना कि नेताओं ने परिपक्वता का परिचय दिया है. जब देश एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है, तब राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं है. उन्होंने हमारी सेना की कार्रवाई की सराहना की और कहा कि पूरा देश उनके साथ है.

राहुल गांधी ने कहा – ‘हम सरकार के साथ’

सर्वदलीय बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सभी दल सरकार के साथ खड़े हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो जानकारी साझा की गई है, उसे सार्वजनिक रूप से नहीं बताया जा सकता.

देशहित में हम उनके साथ रहेंगे- मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि बैठक में जो बातें हुईं, उन्हें सभी ने ध्यान से सुना. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस कठिन समय में सभी दल उनके साथ हैं और जो कार्य वे कर रहे हैं, उसे जारी रखने के लिए समर्थन देंगे. देशहित में सभी एकजुट होकर उनके साथ खड़े रहेंगे.

भारतीय मिसाइल हमलों के तहत ऑपरेशन सिंदूर में कई आतंकवादी मारे गए, जिनकी धमक पूरी दुनिया में सुनाई दी. वैश्विक नेताओं ने भारत और पाकिस्तान से इस संघर्ष को और बढ़ाने से रोकने की अपील की, लेकिन पाकिस्तान पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. पाकिस्तानी सेना ने सीमा पर गोलीबारी जारी रखी, और हाल ही में रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाया, जिसमें कई नागरिक, विशेषकर बच्चे, मारे गए. भारतीय सेना ने इस हमले का उचित जवाब दिया है, और दोनों देशों के बीच तनाव अभी भी बना हुआ है. इस स्थिति के मद्देनजर, लोगों को गांवों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है, और गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने विस्थापितों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

दिल्ली में AIMIM का दो सीटों पर कैसा है हाल? जानें अपडेट

दिल्ली में आठवीं विधानसभा के नतीजे आज घोषित हो रहे हैं. वोटों की गिनती शुरु हो चुकी है. 5 फरवरी को हुए मतदान में 60 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई है. दिल्ली चुनाव में इस बार कांटे की टक्कर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही है. मगर असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM पार्टी भी मैदान है. फिलहाल शुरुआती रुझानों में पार्टी दोनों सीटों पर पीछे चल रही है.

असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तिहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ा है. उन्होंने ओखला विधानसभा सीट और मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया. ओखला सीट से शिफा-उर-रहमान और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन चुनाव मैदान में थे. दोनों दिल्ली दंगों के आरोपी हैं. शिफा-उर-रहमान का मुकाबला आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान हैं.

ओखला विधानसभा सीट मुस्लिम बहुल है. यहां 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. बीते दो चुनाव में यहां आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला रहा है. इस बार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की वजह से चुनाव दिलचस्प हो गया है.

मुस्तफाबाद विधानसभा सीट भी बहुत पुरानी नहीं है और साल 2008 के परिसीमन के बाद ही यह अस्तित्व में आई थी. इस सीट पर अब तक हुए 4 बार के चुनाव में 2 बार कांग्रेस और एक-एक बार भाजपा व आम आदमी पार्टी को जीत हासिल हुई है. इस बार के चुनाव में भी मुस्तफाबाद की 69 फीसदी जनता ने वोट डाले हैं.

18 दिनों में राहुल गांधी का दूसरा बिहार दौरा! पार्टी में जान फूंकने की कोशिश

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पांच फरवरी को बिहार जाएंगे. जहां वो स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व मंत्री जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में शामिल होंगे. पिछले 18 दिनों में यह दूसरा मौका है जब राहुल गांधी बिहार के दौरे पर आ रहे हैं, ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या राहुल गांधी बिहार दौरा कर के पार्टी में नई ऊर्जा लाने की कोशिश कर रहे हैं.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पिछले महीने 18 जनवरी को ही बिहार आए थे. तब उन्होंने राजधानी में आयोजित संविधान सुरक्षा कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। राहुल गांधी ने तब इस मौके पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राजद के शीर्ष नेतृत्व से भी पूर्व सीएम राबडी देवी के सरकारी आवास पर जाकर मुलाकात भी की थी.

जगलाल चौधरी की जयंती समारोह

दरअसल राहुल गांधी पूर्व मंत्री जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार संजय उपाध्याय कहते हैं कि जगलाल चौधरी एससी क्लास से ताल्लुक रखते थे. राहुल अपने इस दौरे के माध्यम से इस वर्ग के लोगों को अपना संदेश देने की कोशिश कर सकते हैं. इससे पहले भी राहुल गांधी ने संविधान सुरक्षा कार्यक्रम के माध्यम से अपने उन वोटरों को संदेश देने की कोशिश की थी, जो धीरे धीरे कांग्रेस से दूर होते चले गए थे.

34 सालों से अपने दम पर सत्ता से दूर

दरअसल बिहार में कांग्रेस के साथ विडंबना यह है कि यह पार्टी करीब 34 सालों से अपने दम पर सत्ता में नहीं आ सकी है। यह पार्टी 34 साल पहले तक बिहार में एक छात्र राज करती थी. 1990 में जब लालू प्रसाद का बिहार की राजनीति में आगमन हुआ उसके बाद से कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे सिमटती चली गई. उसके वोटर भी उससे कटते चले गए. सन 2000 में जब बिहार का विभाजन हुआ और झारखंड बना, उसके बाद 2000 से लेकर के 2025 तक यह पार्टी जब भी महागठबंधन के घटक दल के रूप में शामिल होते हुए बिहार में सत्ता में आयी, वह राजद के बैसाखी पर ही टिकी रही. इसमें सन 2000 से 2005, सन 2015 से 2017 और 2023 से 2024 के शुरुआती महीने तक कांग्रेस, बिहार में सहयोगी दल के रूप में शामिल रही है।

सीटों को लेकर समीकरण

दरअसल राज्य में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस पार्टी इस विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है. 2020 में जब बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे तो कांग्रेस पार्टी ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार को उतारे थे. जिनमें से उनको 19 सीटों पर जीत हुई थी. कांग्रेस पार्टी का यह दवा 2024 में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के बाद आया है. जिसमें कांग्रेस पार्टी ने तीन लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस पार्टी नौ लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारी थी.

‘राहुल के दौरे से मिलती है ऊर्जा’

राहुल गांधी के बिहार दौरे पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह कहते हैं, राहुल गांधी के दौरे से कार्यकर्ताओं को नयी ऊर्जा मिलती है। ज्ञात हो कि अखिलेश प्रसाद सिंह ने पहले भी अपने संबोधन में कहा था कि मैंने पहले भी कहा था कि देश के अन्य राज्यों में जिस तरह आपका दौरा रहता है, वैसे ही अगर आप बिहार आएंगे तो कांग्रेस नयी ऊंचाई पर पहुंचेगी. अगर आप समय देंगे तो बिहार में कांग्रेस 1990 वाली कांग्रेस बन जाएगी.

‘सभी वर्ग में देते हैं संदेश’

राहुल गांधी के दौरे पर प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर कहते हैं, उनका दौरा राजनीतिक नहीं है लेकिन जब कोई सियासी नेता दौरे पर आता है तो सियासी बातें होती हैं. वह कहते हैं कि राहुल जयंती समारोह में आ रहे हैं, जिनको वर्षों से बड़े पैमाने पर नहीं मनाया गया था. वह इस बात से नहीं नकारते हैं कि सियासी बातें नहीं होंगी. वह यह भी कहते हैं कि उनके आने का संदेश न केवल शेड्यूल कास्ट समाज में बल्कि समाज के सभी वर्ग के लोगों में देना है. राहुल गांधी लगातार सदन से सड़क तक आवाज उठाते रहे हैं. वह दलितों, महिला, पिछडा की आवाज बनते रहे हैं.व ह उन लोगों की आवाज बनते हैं जो समाज की मुख्य धारा से अभी तक नहीं जुड़ पाए हैं.

पिछले विधानसभा में AIMIM से भी कम था वोट प्रतिशत

दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा था। इसमें 19 सीटों पर उसके उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी। तब कांग्रेस को 9.48 प्रतिशत वोट मिला था। हालांकि कांग्रेस का प्रदर्शन एआइएमआइएम से नीचे था। तब एआइएमआइएम के पांच उम्मीदवार जीते थे और उसका वोट प्रतिशत 1.24 प्रतिशत था।

दलित वोटरों पर नजर

संजय उपाध्याय कहते हैं, दरअसल कांग्रेस पार्टी की नजर बिहार के दलित वोटरों पर है। बिहार में करीब 32 प्रतिशत दलित वोटर हैं। दलित वोटर कभी कांग्रेस पार्टी के वोट बैंक रहे हैं लेकिन बडा सवाल यह भी है कि बिहार में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे दो बडे दलित नेता भी हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि राहुल गांधी इस जयंती के जरिये दलित वोटरों को साधने में कितना कामयाब हो पाते हैं।

अखिलेश पर लगते रहे हैं आरोप

संजय उपाध्याय यह भी कहते हैं, बिहार राहुल गांधी का दौरा कांग्रेस को पुर्नजीवित करने की कोशिश है। पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह लालू प्रसाद के स्कूल के प्रोडक्ट हैं। वह लालू प्रसाद के एजेंट है और कांग्रेस में भेजे गए हैं। पार्टी के भीतर एक और बात चल रही है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अगर लालू प्रसाद कांग्रेस को उसके द्वारा मांगे गए सीटों के अनुरूप सीट नहीं दे तो पार्टी क्यों नहीं सभी 243 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लडे। लेकिन अभी यह कहना जल्दबाजी होगी।

'ऐसे सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक होनी चाहिए', दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की याचिका पर बोला सुप्रीम कोर्ट


डेस्क: दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में AIMIM उम्मीदवार ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई एक दिन के लिए टाल दी गई है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर मंगलवार (21 जनवरी) को सुनवाई करेगा। ताहिर हुसैन पहले आम आदमी पार्टी का हिस्सा था, लेकिन दिल्ली दंगों में नाम आने के बाद 2020 में उसे पार्टी से निकाल दिया गया था। अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने मुस्तफाबाद सीट से टिकट दिया है।

ताहिर हुसैन पुलिस की हिरासत में ही जिला चुनाव अधिकारी के पास नामांकन करने गया था। उसका नामांकन स्वीकार होने के बाद उसने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है। हालांकि, सोमवार को समय की कमी के चलते उसकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई। न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने समय की कमी के कारण सुनवाई स्थगित कर दी, लेकिन जैसे ही पीठ उठने लगी, हुसैन के वकील ने मामले का उल्लेख किया और 21 जनवरी को सुनवाई का अनुरोध किया।

बेंच के उठते समय जस्टिस पंकज मित्तल ने कहा कि आजकल जेल में रहकर चुनाव लड़ना आसान हो गया है। ऐसे सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक होनी चाहिए। इस पर ताहिर के वकील ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए उनका नामांकन पहले ही स्वीकार किया जा चुका है। अभी चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कल सुनवाई करेंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को हुसैन को एआईएमआईएम के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हिरासत में पैरोल प्रदान की थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से नौ फरवरी तक अंतरिम जमानत की याचिका को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि हिंसा में मुख्य आरोपी होने की वजह से हुसैन के खिलाफ आरोपों की गंभीरता की अनदेखी नहीं की जा सकती, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हो गई। उच्च न्यायालय ने कहा था कि दंगों के सिलसिले में उसके खिलाफ लगभग 11 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं और वह संबंधित धन शोधन मामले और यूएपीए मामले में हिरासत में हैं। फरवरी, 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 53 लोग मारे गए और कई घायल हो गए।
दिल्ली में पोस्टर वॉरःशाह-ओवैसी-माकन समेत अन्य नेताओं की तस्वीरें शेयर कर बताया निकम्मा

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दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है। 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ चुकी है। इस बीच आम आदमी पार्टी द्वारा एक पोस्टर सोशल मीडिया साइट एक्स पर जारी किया गया है। इस पोस्टर में अरविंद केजरीवाल ने विरोधी पार्टियों के नेताओं की तस्वीर को लगाते हुए उन्हें निकम्मा बताया है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। नेता एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं।राजनीतिक दलों में पोस्टर वॉर तेज होता जा रहा है।अब आम आदमी पार्टी ने अपने नए पोस्टर में भाजपा, कांग्रेस और एआईएमआईएम पर हमला बोला है। आप ने पोस्टर में इन सभी पार्टियों को एक साथ दिखाया है। आप ने पोस्टर में अमित शाह, रमेश बिधूड़ी, प्रवेश वर्मा, असदुद्दीन ओवैसी, संदीप दीक्षित, अजय माकन को एक साथ दिखाया है। वहीं, दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल है। पोस्टर में लिखा, 'एक तरफ निकम्मों की कतार, दूसरी ओर अकेला खड़ा ईमानदार।

इस तस्वीर पर एआईएमआईएम दिल्ली के अध्यक्ष शोएब जमई ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। शोएब जमई ने वीडियो जारी करते हुए कहा, 'निकम्मों की कतार कौन है मैं बताता हूं। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन ये सब तिहाड़ जेल की खिचड़ी खाकर आए हैं। किसी क्रांतिकारी काम के लिए ये अंदर नहीं गए। बल्कि भ्रष्टाचार, शराबखाने खोलने और करोड़ों रुपये डकारने के आरोप में अंदर गए। दूसरी ओर असदुद्दीन ओवैसी हैं, जिन्होंने हैदराबाद में विकास कार्य किए। उनके उपर कौन से भ्रष्टाचार के आरोप हैं, कुछ भी नहीं। कौन है निकम्मा, किसकी है निकम्मों की कतार। निकम्मों की कतार में आम आदमी पार्टी के आधे नेता तो लाइन में लगे हैं।

एआईएमआईएम नेता ने आगे कहा, 'तुम्हारे निकम्मेपन की वजह से दिल्ली का यह हाल है कि दिल्ली गैस चेंबर बन गया। अरविंद केजरीवाल तुम्हारे निकम्मेपन की वजह से दिल्ली की बेटियां सुरक्षित नहीं है। आपके निकम्मेपन की वजह से दिल्ली के अंदर सड़के टूटी पड़ी हैं और अवसंरचना खत्म हो गया है। आपके निकम्मेपन की वजह से मुसलमान बस्तियों में गंदगी का ढेर पड़ा है। अरविंद केजरीवाल के निकम्मेपन की वजह से वक्फ बोर्ड की जमीनें दिल्ली के अंदर लूट ली गई। अरविंद केजरीवाल के निकम्मेपन की वजह से शाही ईदगाह की जमीनों को लूट ली गई। असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बोलने से पहले जुबान संभाल के रखिएगा। हैदराबाद जाकर देख लीजिए कि वहां कितना काम किया जाता है। इसलिए तुलना बिल्कुल भी नहीं हो सकता। जनता इस बार अरविंद केजरीवाल के निकम्मेपन का जवाब दिल्ली की जनता देगी।'

मसूद अजहर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच एक कूटनीतिक संघर्ष और पाकिस्तान का दोहरा चरित्र

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Masood Azhar

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मसूद अजहर, भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का केंद्रीय मुद्दा बने हुए हैं। भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। ऐसी खबरें सामने आई हैं कि उसने हाल ही में पाकिस्तान के शहर बहावलपुर में एक सार्वजनिक सभा में भाषण दिया है। नई दिल्ली ने कहा कि पाकिस्तान का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है।अजहर, जो भारत में 2001 के संसद हमले और 2019 के पुलवामा हमले जैसे कई प्रमुख हमलों में शामिल रहे हैं, दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का मुख्य कारण हैं। 

पृष्ठभूमि और बढ़ता तनाव

मसूद अजहर ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की थी, और इस समूह को भारत में कई आतंकवादी हमलों से जोड़ा गया है। 2019 में पुलवामा हमले के बाद, जिसमें 40 से अधिक भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जैश ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में जैश के प्रशिक्षण शिविरों पर एयरस्ट्राइक की, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया।

संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध और भारत की कूटनीतिक सफलता

भारत ने लंबे समय से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने की मांग की थी। मई 2019 में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया, जो एक कूटनीतिक जीत के रूप में देखा गया। इस कदम ने अजहर की संपत्तियों को फ्रीज़ कर दिया और यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिए। यह कदम भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता था, जिसे वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत कदम माना गया।

कूटनीतिक चुनौतियां और पाकिस्तान का रुख

हालांकि, यह कदम केवल एक कूटनीतिक जीत थी, मसूद अजहर का प्रभाव और जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियां अब भी एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं। पाकिस्तान ने बार-बार यह दावा किया है कि वह अजहर और उसके समूह पर नियंत्रण नहीं रखता, लेकिन भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का मानना है कि पाकिस्तान के सैन्य और खुफिया तंत्र ने इन आतंकवादी समूहों को समर्थन दिया है। भारत अब भी पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है कि वह आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए।

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर प्रभाव

मसूद अजहर पाकिस्तान के लिए केवल एक आतंकी नेता नहीं, बल्कि कश्मीर में आतंकवाद और संघर्ष का प्रतीक बन चुके हैं। भारत के लिए, अजहर पाकिस्तानी आतंकवाद को रोकने में पाकिस्तान की विफलता का प्रतीक बन गए हैं। भारत अब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बना रहा है कि पाकिस्तान जैश और अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए। मसूद अजहर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच जटिल और संवेदनशील संबंधों का एक मुख्य कारण बना हुआ है। हालांकि भारत ने UNSC में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर कूटनीतिक सफलता प्राप्त की है, लेकिन अजहर और जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित आतंकवाद की समस्या अब भी बरकरार है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका और भारत के कूटनीतिक प्रयास इस मुद्दे के समाधान के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज को जान से मारने की मिली धमकी: थाने पहुंचकर दर्ज कराई शिकायत

रायपुर-  छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और कश्मीर से जान से मारने की धमकी मिल रही है। उन्होंने आज आज़ाद चौक थाने पहुंचकर पुलिस से इसकी शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। कुछ दिनों पहले सलीम राज ने आदेश जारी कर कहा था कि छत्तीसगढ़ की मस्जिदों में जुमे (शुक्रवार) की नमाज के बाद होने वाली तकरीर के टॉपिक के लिए वक्फ बोर्ड की इजाज़त लेनी होगी, जिसके बाद से उन्हें लगातार धमकियों वाले कॉल और ई-मेल आ रहे हैं।

सुरेंद्र यादव के साढ़े तीन दशक पुराने किला में कैसे सेंधमारी, मनोरमा देवी ने सुरेंद्र यादव के किला को छीना, ऐसे हुई वोट बैंक में सेंधमारी

गया। बिहार के गया में बिहार उपचुनाव में राजद की करारी हार हुई है। सबसे ज्यादा चर्चा गया जिले के बेलागंज सीट की हो रही है। यहां एनडीए समर्थित जदयू की प्रत्याशी मनोरमा देवी ने राजद कैंडिडेट विश्वनाथ कुमार सिंह को हराकर जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव का किला छीन लिया। सुरेंद्र यादव बेलागंज से लगातार आठ बार विधायक रहे।

इस साल लोकसभा सांसद बनने के बाद जब सीट खाली हुई तो अपने बेटे विश्वनाथ कुमार सिंह को राजद के टिकट पर मैदान में उतारा। मगर उन्हें मनोरमा देवी से 21391 वोटो से हार झेलनी पड़ी। जदयू ने सुरेंद्र यादव के साढ़े तीन दशक पुराने किला में कैसे सेंधमारी, इसको लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इसके अलावा राजद के माय समीकरण यानी मुस्लिम यादव वोट बैंक का भी बंटवारा हुआ। राजद के परपारंगत कुछ यादव वोटर जदयू की तरफ चले गए। 

वही प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और एआई एमआईएम ने मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की कोई कसर नहीं छोड़ी। बता दे की बेलागंज में यादव वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। इसके अलावा मुस्लिम सवर्ण और दलित वोटो की संख्या भी अच्छी खासी है। अंदर खाने से यह भी खबर है कि राजद प्रत्याशी विश्वनाथ कुमार सिंह को टिकट देने पर राजद के स्थानीय कार्यकर्ता सुरेंद्र यादव से नाराज थे, इसका भी चुनाव नतीजे में हार का कास लगाया जा रहा है।

सुरेंद्र यादव को पहले ही लग चुका था कि इस बार उपचुनाव में बेलागंज में जीत आसान नहीं होने वाली है यही कारण है कि खुद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सुरेंद्र के बेटे विश्वनाथ कुमार सिंह के लिए चुनाव प्रचार करने बेलागंज पहुंचे। शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा ने भी यहां रैली की, मगर फिर भी राजद अपना किला बचाने में नाकाम रही। 

बेलागंज उपचुनाव रिजल्ट

मनोरमा देवी, जेडीयू - 73334

विश्वनाथ सिंह, आरजेडी- 51943

मो. अमजद, जन सुराज - 17285

जमीन अली हसन, AIMIM - 3533

नोटा - 5819

झारखंड और महाराष्ट्र में किसका होगा राज? आज शाम तक साफ होगी तस्वीर


नयी दिल्ली : महाराष्ट्र में 288 सीटें हैं. बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. 81 सीटों वाले झारखंड में बहुमत के लिए 42 सीटों की जरूरत है.

महाराष्ट्र की इन सीटों पर है बड़ी टक्क

1. बारामती विधानसभा सीट

इस सीट पर अजित पवार और युगेंद्र पवार आमने सामने हैं. अजित पवार NCP (अजित) पार्टी के उम्मीदवार हैं तो युगेंद्र पवार NCP (शरद) गुट से प्रत्याशी हैं. अजित पवार डिप्टी सीएम हैं तो युगेंद्र पवार अजित पवार के भतीजे हैं.

2. वर्ली विधानसभा सीट

यहां शिवसेना उद्धव गुट के आदित्य ठाकरे और शिवसेना शिंदे गुट के मिलिंद देवड़ा एक दूसरे के खिलाफ हैं. आदित्य ठाकरे उद्धव ठाकरे के बेटे हैं, जबकि मिलिंद देवड़ा पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं.

3. मानखुर्द-शिवाजी नगर

इस सीट पर अबू आजमी नवाब मलिक एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. अबू आजमी समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं तो नवाब मलिक एनसीपी अजित गुट के नेता हैं. अबू आजमी सपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं तो वहीं नवाब मलिक महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हैं.

4. अणुशक्ति नगर

इस विधानसभा सीट पर एनसीपी अजित गुट की सना मलिक के सामने एनसीपी शरद गुट के फहाद अहमद मुकाबला कर रहे हैं. सना मलिक नवाब मलिक की बेटी हैं, जबकि फहाद अहमद स्वरा भास्कर के पति हैं।

5. बांद्रा ईस्ट

इस सीट पर बाबा सिद्दकी के बेटे जीशान सिद्दीकी और वरुण सरदेसाई के बीच कड़ा मुकाबला है. जीशान सिद्दकी NCP (अजित) गुट से मुकाबले में हैं, जबकि वरुण देसाई शिवसेना (उद्धव) गुट के प्रत्याशी हैं. जीशान बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं, जबकि वरुण देसाई उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार हैं.

6. लातूर सिटी

इस सीट पर अमित देशमुख और अर्चना पाटिल के बीच टक्कर है. अमित देशमुख कांग्रेस के टिकट से हैं, जबकि अर्चना पाटिल बीजेपी के टिकट पर लड़ रही हैं. अमित देशमुख पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के बेटे हैं, जबकि अर्चना पाटिल, शिवराज पाटिल की बहू हैं.  

महाराष्ट्र में गठबंधन में कौन कितनी सीटों पर लड़ रहा

महाविकास अघाड़ी

कांग्रेस 101 सीट

शिवसेना (उद्धव) 95 सीट

NCP (शरद) 86 सीट

अन्य- 8 सीट

2 सीटों पर फ्रेंडली फाइट

महायुति

बीजेपी 149 सीट

शिवसेना (शिंदे) 81 सीट

NCP (अजित) 59 सीट

अन्य 5 सीट

8 सीटों पर फ्रेंडली फाइट

1 सीट पर MNS को समर्थन

मालेगांव सेंट्रल में उम्मीदवार नहीं उतारा

महाराष्ट्र चुनाव की बड़ी बातें

36 जिलों की 288 सीटों पर 20 नवंबर को चुनाव हुआ था

सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान चला था

4136 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला

9.70 करोड़ वोटर आज वोट डालेंगे

महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच सीधी टक्कर

NCP और शिवसेना टूटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव

पहली बार उद्धव कांग्रेस के साथ विधानसभा चुनाव लड़ रहे

दोनों गठबंधनों में कुछ सीटों पर आपस में मुकाबला

इस लोकसभा सीट के लिए भी 20 को हुआ था मतदान

केरल की चेलक्कारा और पलक्कड़ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को मतदान हुआ. इसके अलावा महाराष्ट्र की नांदेंड़ लोकसभा सीट पर भी वोटिंग हुई. इन सीटों के लिए वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी.

 केदरानाथ विधानसभा सीट पर भी नजर

उत्तराखंड की केदरानाथ विधानसभा सीट पर भी 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ था. आज इसके भी नतीजे जारी होंगे.

मेघालय में एक सीट का आएगा नतीजा

मेघालय की गाम्बेग्रे विधानसभा सीट के नतीजे भी आज ही आएंगे. यहां 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ था.

कर्नाटक की इन तीन सीटों पर वोटों की गिनती की पूरी तैयारी

कर्नाटक की शिगगांव, संदूर और चन्नपटना विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज देर शाम तक आ जाएंगे. 

वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी.

पश्चिम बंगाल की 6 सीटों के नतीजों का इंतजार

पश्चिम बंगाल विधानसभा की छह सीटों नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर, तालडांगरा, सीताई (एससी) और मदारीहाट (एसटी) पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे. 

जिला मुख्यालयों पर 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी.

23/11/2024 07:09:11

Assembly Election Results 2024 Live: गुजरात की वाव विधानसभा सीट पर किसका होगा कब्जा?

गुजरात में वाव विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुए हैं. इसके नतीजे भी आज ही जारी होंगे.

23/11/2024 07:07:18

Assembly Election Results 2024 Live: रायपुर दक्षिण सीट पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने

छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव की काउंटिंग इंजीनियरिंग कॉलेज सेजबहार में सुबह 8 बजे से शुरू होगी. 

रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला है. बीजेपी ने यहां से पूर्व सांसद सुनील सोनी को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने युवा चेहरे आकाश शर्मा को टिकट दिया है.

23/11/2024 07:05:34

Assembly Election Results 2024 Live: पंजाब की इन तीन सीटों पर रहेगी नजर

पंजाब के डेरा बाबा नानक (गुरुदासपुर), गिद्दड़बाहा (मुक्तसर), बरनाला और चब्बेवाल( होशियारपुर) विधानसभा सीट के लिए 20 नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे. जिला मुख्यालय पर आज सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी.

23/11/2024 07:04:11

Assembly Election Results 2024 Live: सिक्किम में विधानसभा की 2 सीटों पर निर्विरोध जीते प्रत्याशी

सिक्किम में सोरेंग-चाकुंग और नामची-सिंघीथांग विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना था. सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के उम्मीदवार आदित्य गोले और सतीश चंद्र राय क्रमश: सोरेंग-चाकुंग और नामची-सिंघीथांग सीट से बुधवार को निर्विरोध निर्वाचित हुए.

23/11/2024 06:55:53

Assembly Election Results 2024 Live: मध्य प्रदेश की बुधनी और विजयपुर सीट पर टक्कर

मध्य प्रदेश की बुधनी (विदिशा) और विजयपुर (श्योपुर) विधानसभा सीट पर मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होगी.

बुधनी सीट पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृहक्षेत्र है. यह सीट लंबे समय से भाजपा का गढ़ है. विजयपुर सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है.

भाजपा ने वन मंत्री रामनिवास रावत को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने आदिवासी वर्ग से आने वाले मुकेश मल्होत्रा को मैदान में उतारा है.

23/11/2024 06:50:15

Assembly Election Results 2024 Live: बिहार विधानसभा की 4 सीटों पर टक्कर

बिहार की बात करें तो यहां गया की इमामगंज और बेलागंज, आरा की तरारी और कैमूर की रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए हैं. इनके नतीजे आज आएंगे.

 अलग-अलग जिला मुख्यालय पर सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू होगी.

23/11/2024 06:44:43

Assembly Election Results 2024 Live: राजस्थान की 7 सीटों के नतीजों पर रहेगी नजर

राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों झुंझुनू, रामगढ़(अलवर), दौसा, देवली-उनियारा(टोंक), खींवसर(नागौर), सलूम्बर ;(उदरपुर) और चौरासी(डूंगरपूर) पर 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ. 

आज इन सभी के नतीजे घोषित होंगे. वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से जिला मुख्यालयों पर शुरू होगी. काउंटिंग के लिए झुंझुनू, अलवर, दौसा, टोंक, नागौर, उदयपुर व डूंगरपुर जिला मुख्यालयों पर इंतजाम किए गए हैं. काउंटिंग सेंटर पर त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होगी.

23/11/2024 06:36:16

Assembly Election Results 2024 Live: यूपी की इन 9 सीटों के आएंगे नतीजे

यूपी की गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, कुंदरकी, फूलपुर, करहल, सीसामऊ, मझवां और कटेहरी ऐसे 9 विधानसभा सीटें हैं जहां 20 नवंबर को उपचुनाव हुआ था. आज इनके भी नतीजे आएंगे. इन सीटों पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है. वोटों की गिनती सुबह 8 से शुरू होगी.

23/11/2024 06:33:46

Assembly Election Results 2024 Live: महाराष्ट्र में ओवरऑल 66.05 प्रतिशत हुआ था मतदान

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुई वोटिंग में अंतिम मतदान 66.05 प्रतिशत रहा, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 61.1 प्रतिशत था. 

चुनाव अधिकारी के अनुसार, नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के लिए भी मतगणना होगी, जहां 20 नवंबर को 67.81 प्रतिशत मतदान हुआ था. प्रदेश के कोल्हापुर जिले में 76.63 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसके बाद गढ़चिरौली में 75.26 प्रतिशत मतदान हुआ. सबसे कम मतदान मुंबई में 52.07 प्रतिशत रहा. मुंबई उपनगरीय जिले में 55.95 प्रतिशत मतदान हुआ.

23/11/2024 06:29:51

Assembly Election Results 2024 Live: कई बड़े नामों की किस्मत का फैसला आज

महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर आज सुबह 8 बजे से जिला मुख्यालयों पर मतगणना शुरू होगी. चुनाव में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, नाना पटोले, पृथ्वीराज चव्हाण, राधाकृष्ण विखे पाटील, बाला साहेब थोरात, नसीम खान, आदित्य ठाकरे, अमित ठाकरे, नवाब मलिक और जीशान सिद्दीकी जैसे बड़े नेताओं की किस्मत का फैसला होगा.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस बार 8 लाख अधिक मुंबईकरों ने किया मतदान

इस साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान मुंबई में मतदान में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें 2019 के विधानसभा चुनावों की तुलना में आठ लाख अधिक मुंबईकरों ने मतदान किया. 2019 में शहर में 50.5% मतदान हुआ, जबकि इस साल मतदान बढ़कर 55.5% हो गया. लगभग 1.02 करोड़ मतदाताओं के साथ, 5% की वृद्धि का मतलब है कि आठ लाख अतिरिक्त मतदाताओं ने इस बार वोट डाला. 2024 के लोकसभा चुनावों की तुलना में, जहां मुंबई में मतदान 54.1% था, इस विधानसभा चुनाव में 0.8% की वृद्धि देखी गई. यह छोटा सा प्रतिशत अंतर इस बार 1.8 लाख अधिक मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का संकेत देता है.

यूपी विधानसभा की 9 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज ही

यूपी में विधानसभा की 9 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे भी आज ही घोषित किए जाएंगे.

माहिम में मतगणना केंद्र पर तैयारी पूरी

महाराष्ट्र की माहिम में एक मतगणना केंद्र के बाहर का दृश्य. मतगणना आज सुबह 8 बजे शुरू होने की उम्मीद है.।

मुंबई शहर की इन सीटों पर रहेगी सबकी नजर

मुंबई शहर में 10 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें धारावी (एससी), सायन कोलीवाड़ा, वडाला, माहिम, वर्ली, शिवडी, बायकुला, मालाबार हिल, मुंबादेवी और कोलाबा शामिल हैं. इन पर सबकी नजर रहेगी.

महाराष्ट्र की 288 सीटों के साथ नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के नतीजे भी आएंगे

महाराष्ट्र में महायुति या महा विकास अघाड़ी (एमवीए) कौन मारेगा बाजी? महाराष्ट्र में कौन सा गठबंधन सरकार बनाएगा? नतीजे कुछ ही घंटों सबके सामने होंगे. महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर सुबह 8 बजे से गिनती शुरू हो जाएगी. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ-साथ आज नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के नतीजे भी आएंगे.

आज तय हो जाएगा किसकी सरकार

महाराष्ट्र और झारखंड में अबकी बार किसकी सरकार? आज इस सवाल का जवाब मिल जाएगा. आज मतों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी. महाराष्ट्र में बीजेपी भाजपा नीत महायुति और सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटे महा विकास आघाडी (एमवीए) के बीच मुकाबला है तो वहीं झारखंड में अगली सरकार बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बनाएगा या झामुमो की अगुवाई वाला गठबंधन एक बार फिर सत्ता पर काबिज होगा इस सवाल का जवाब आज मिल जाएगा.

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती शनिवार (23 नवंबर) सुबह 8 बजे से होगी. महाराष्ट्र में एक चरण में सभी 288 सीटों पर मतदान हुआ था. जबकि 81 सीटों वाले झारखंड में दो चरणों में मतदान हुआ. दोनों राज्यों के नतीजे एक साथ आ रहे हैं. 

झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों से पहले एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए. ज्यादातर एग्जिट पोल महाराष्ट्र और झारखंड में एनडीए की सरकार बनाने के पक्ष में हैं. जबकि कुछ एग्जिट पोल झारखंड में त्रिशंकु और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार की संभावना भी जता रहे हैं.

2019 में कैसे थे नतीजे?

महाराष्ट्र में 288 सीटें हैं. बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. 2019 विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं. जबकि शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. तब शिवसेना और एनसीपी दो गुटों में नहीं बंटी थी. 2019 में राज्य में शिवसेना और बीजेपी साथ चुनाव लड़ी थी. जबकि एनसीपी और कांग्रेस एक साथ चुनाव मैदान में थे. शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को बहुमत मिला था. लेकिन सीएम चेहरे को लेकर दोनों अलग हो गए थे. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सरकार बनाई थी. 

हालांकि, ये सरकार 2.5 साल चली. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी और बीजेपी के समर्थन से सरकार में आ गए. बाद में एनसीपी भी दो गुटों में बंट गई. अजित पवार खेमा शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए. 

2019 में झारखंड चुनाव के लिए वोटिंग 30 नवंबर को हुई थी और नतीजे 20 दिसंबर को आए थे. 81 सीटों वाले झारखंड में बहुमत के लिए 42 सीटें चाहिए. पिछले चुनाव में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन को इस चुनाव में जीत मिली थी. तब जेएमएम ने 30 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को 25 और कांग्रेस को 16 सीटें मिली थीं. 

झारखंड में कौन सी पार्टी किस गठबंधन में?

झारखंड में एनडीएम में बीजेपी 68, AJSU 10, JDU 2 और लोजपा-1 पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, INDIA गठबंधन में जेएमएम 43, कांग्रेस 30, RJD 6 और लेफ्ट पार्टियां 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं.

महाराष्ट्र में कौन सी पार्टी किस गठबंधन में?

महायुति गठबंधन में शामिल भाजपा 149 सीट पर, शिवसेना 81 सीट पर और अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP ने 59 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. विपक्षी गठबंधन एमवीए में शामिल कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार, शिवसेना (उबाठा) ने 95 और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने 86 उम्मीदवार उतारे हैं. राज ठाकरे की मनसे, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), सपा और AIMIM समेत छोटे दल भी चुनाव मैदान में हैं. राज्य की 288 सीटों पर चुनाव में बसपा ने 237 उम्मीदवार और एआईएमआईएम ने 17 उम्मीदवार उतारे हैं.

झारखंड विधानसभा चुनाव: एग्जिट पोल 2024

कुल सीटें- 81, बहुमत

चाणक्य 45-50 35-38 03-05

भास्कर रिपोटर्स पोल 37-40 36-39 0-2

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल

कुल सीटें- 288, बहुमत के लिए- 145

MP News : AIMIM से छिटकी टीम IUML की झोली में, तौकीर बने प्रदेश प्रवक्ता


खान आशु 

भोपाल। प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं को सहेजने की कोशिश में जुटी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पैर पसारने से पहले ही सिमट गई। इसकी बिखरी हुई छुटपुट टीम भी यहां वहां पलायन करती नजर आने लगी है। इसी बीच प्रदेश में एक नई आमद के तौर पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने अपनी जमावट शुरू कर दी है। AIMIM को प्रदेश और राजधानी भोपाल में खास पहचान देने वाले तौकीर निजामी के हाथों प्रदेश में अपनी बात रखने की जिम्मेदारी सौंपकर IUML ने अपनी नई और सफल पारी खेलने की तरफ कदम बढ़ा लिए हैं।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने हाल ही में अपने प्रदेश पदाधिकारियों का ऐलान किया है। राजधानी भोपाल में हुई एक बैठक के दौरान तौकीर निजामी को प्रदेश प्रवक्ता घोषित किया गया। पार्टी के ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ एम यासिर राज ने उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपते हुए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग IUML का परचम थमाया। इस मौके पर तौकीर निजामी के साथ बड़ी तादाद में कार्यकर्ताओं ने अपनी आस्था इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग IUML के साथ दिखाते हुए पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कार्यक्रम के दौरान डॉ राज ने डॉ आसिफ अली को प्रदेश के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी सौंपी। बैठक में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग IUML के प्रदेश अध्यक्ष जावेद खान के अलावा कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।

निजामी पर इसलिए भरोसा

सूत्रों का कहना है कि AIMIM की प्रदेश में शुरुआती यात्रा के दौरान तौकीर निजामी ने महती भूमिका निभाई है। पार्टी मुखिया असद उद्दीन ओवैसी की प्रदेश की इकलौती आमसभा से लेकर प्रदेश के निकाय चुनावों में परिणाम लाने वाले प्रदर्शन का जिम्मा भी उन्होंने ही निभाया है। विपक्ष की भूमिका निभाते हुए सत्ता पक्ष को घेरने के लिए मुखर रहना भी तौकीर की खासियतों में शामिल है। सूत्रों का कहना है कि IUML पहले तौकीर को प्रदेश में किसी बड़े पद पर आसीन करने का मन बना चुकी थी, लेकिन उनकी क्षमताओं और पार्टी की जरूरत के लिहाज से उन्हें प्रवक्ता की भूमिका में उतारा गया है।

IUML का भविष्य

दक्षिण भारत में कुछ सांसद, कई विधायक और राज्यसभा सांसद रखने वाली IUML प्रदेश के मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में अपना वर्चस्व स्थापित कर सकती है। भाजपा से उपेक्षित और कांग्रेस से ठगे हुए मुस्लिम वोटर्स के लिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है। प्रदेश की करीब 45 विधानसभा में अपना बाहुल्य रखने वाले मुस्लिम समुदाय को अपना वोट एकमुश्त दिखाकर अपनी ताकत दिखाने का मौका IUML के साथ मिल सकता है।

यहां है मुस्लिम बहुलता

प्रदेश की कई विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोट प्रतिशत हार जीत का फैसला करने के हालत रखता है। इंदौर संभाग के धार, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन के अलावा इंदौर की आधी विधानसभा सीटों पर मुस्लिम समुदाय का वर्चस्व है। इसी तरह उज्जैन संभाग में रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, शुजालपुर में भी बड़ी तादाद में मुस्लिम मतदाता मौजूद हैं। प्रदेश की राजधानी भोपाल की तीन विधानसभा मुस्लिम बहुल मानी जाती हैं। जबकि इस संभाग के राजगढ़, विदिशा, रायसेन, सीहोर, बैरसिया में भी मुस्लिम वोटर्स की बड़ी तादाद मौजूद है। इधर सागर, जबलपुर, सतना, ग्वालियर जैसे कई जिलों में भी मुस्लिम वोटर्स मौजूद हैं।