निलम्बित बीएसए अतुल तिवारी प्रकरण में हाईकोर्ट ने सरकार से तलब किया ब्योरा
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*निलम्बन निरस्त कर बहाली की न्यायालय से मांग,सुनवाई मंगलवार को
गोंडा।जिले के निलम्बित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी की याचिका पर लखनऊ उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने सुनवाई की है।कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूरे मामले का ब्योरा तलब किया है।न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गयी है।कोर्ट ने मंगलवार तक पूरी जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।अतुल कुमार तिवारी की याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में दुबारा सुनवाई होगी।फिलहाल, उन्हें हाईकोर्ट से तत्काल कोई राहत नहीं मिली है।तिवारी ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने निलम्बन आदेश को रद्द करने और उन्हें पुनः जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर बहाल करने की मांग की है।उन्होंने कोर्ट को बताया कि उनके द्वारा किसी से कोई रिश्वत नहीं ली गयी है।बीएसए के अनुसार,उन पर गलत तरीके से आरोप लगाकर एंटी करप्शन कोर्ट से आदेश करवाकर मुकदमा दर्ज करवाया गया है।उनका कहना है कि उन्हें गलत तरीके से निलम्बित किया गया है,जबकि इस पूरे मामले में उनका कोई दोष नहीं है।हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में निलम्बित बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने उत्तर प्रदेश सरकार के माध्यम से कई अधिकारियों और विभागों को पार्टी बनाया है।इसमें अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश,संयुक्त सचिव बेसिक शिक्षा विभाग,महानिदेशक बेसिक शिक्षा विभाग,आयुक्त देवीपाटन मंडल,जिलाधिकारी गोंडा,निदेशक बेसिक शिक्षा विभाग,मंडलीय सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा शामिल हैं।बताते चलें कि शिकायतकर्ता मनोज कुमार पाण्डेय ने आरोप लगाया था कि स्कूलों में फर्नीचर सप्लाई के टेंडर प्रक्रिया में अतुल कुमार तिवारी ने उनसे 22 लाख रुपए की रिश्वत ली थी।मनोज कुमार पाण्डेय का आरोप है कि रिश्वत लेने के बाद भी उन्हें काम नहीं दिया गया और उनकी फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया और इसके बाद गलत तरीके से आरोप लगाकर नगर कोतवाली में अतुल कुमार तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया था।इसमें अतुल कुमार तिवारी सहित तीन लोगों पर नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज है।इसी मामले में सरकार द्वारा 11 नवंबर को इनको निलम्बित कर दिया गया था











Nov 29 2025, 16:19
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