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भारत आ रहे व्लादिमीर पुतिन, जानें 30 घंटे के दौरान कैसी होगी रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिनों के नई दिल्ली के दौरे पर आ रहे हैं। यह दौरा भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने पर हो रहा है, जो दोनों देशों के लिए बहुत खास है। साथ ही यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा है।

व्लादिमीर पुतिन भारत में दो दिनों के दौरे पर होंगे लेकिन उनके यहां रुकने की अवधि करीब 30 घंटे होने वाली है। रूसी राष्ट्रपति 4 दिसंबर की शाम को नई दिल्ली पहुंचेंगे, जहां पीएम मोदी उनकी मेजबानी करेंगे। चलिए देखते हैं उनका पूरा शेड्यूल क्या होगाः-

4 दिसंबर

• पुतिन शाम को करीब 6 बजे भारत पहुंचेंगे।

• आगमन के बाद उनकी कुछ महत्वपूर्ण मीटिंग्स होंगी, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्राइवेट डिनर और अन्य निजी कार्यक्रम शामिल हैं।

5 दिसंबर

• सुबह 9:30 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत समारोह।

• इसके बाद राजघाट जाकर श्रद्धांजलि कार्यक्रम।

• सीमित दायरे की वार्ता, फिर हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय तथा प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत।

• प्रतिनिधिमंडलों के साथ लंच, इसमें कुछ प्रमुख उद्योगपति भी शामिल हो सकते हैं।

• हैदराबाद हाउस में समझौतों की घोषणा।

• हैदराबाद हाउस में प्रेस स्टेटमेंट।

• भारत-रूस बिजनेस फोरम, जिसमें दोनों नेता शामिल हो सकते हैं।

• राष्ट्रपति की ओर से शाम को राज्य भोज।

• भोज के बाद भारत से प्रस्थान।

कई घेरों की सुरक्षा

पुतिन के दिल्ली आगमन से पहले सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, साथ ही कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रमों के मद्देनजर व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त की तैयारी में जुटे हैं। 4-5 दिसंबर जब रूसी राष्ट्रपति भारत में होंगे तो दिल्ली में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा। जिसमें दिल्ली पुलिस, केंद्रीय एजेंसियां और पुतिन की निजी सुरक्षा टीम शामिल होगी। स्वाट टीम, आतंकवाद-रोधी दस्तों और त्वरित प्रतिक्रिया टीम सहित विशेष इकाइयां राजधानी भर में रणनीतिक स्थानों पर तैनात रहेंगी। ड्रोन, सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी और तकनीकी खुफिया प्रणालियां भी तैनात की जाएंगी।

दौरे से पहले सुरक्षा जांच

व्लादिमीर पुतिन दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र प्रमुखों में से एक हैं, इसलिए जब भी वह अपने किसी राजकीय दौरे या अन्य देशों में किसी मीटिंग या सम्मेलनों में भाग लेने जाते हैं, तो उनकी सुरक्षा भी चाक-चौबंद होती है। जब भी पुतिन किसी दौरे या सम्मेलन में भाग लेने के लिए किसी दूसरे देश में जाते हैं तो लगभग 100 रूसी फ़ेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस के सुरक्षा कर्मी हमेशा पुतिन के साथ होते हैं। इनमें से करीब 50 सुरक्षा कर्मी पुतिन के दौरे से पहले उस देश में जाते हैं जहां पुतिन का दौरा होता है, और यह सुरक्षाकर्मी उन सभी जगहों की जांच और गहन छानबीन करते हैं जहां पुतिन जाएंगे। इसके अलावा, उनके भोजन की जांच रूस से लाई गई एक पोर्टेबल लैब में की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की ज़हर देने की साजिश से बचा जा सके। उनके व्यक्तिगत कचरे (मल-मूत्र) को भी परीक्षण के लिए वापस मॉस्को भेजा जाता है।

The trial cultivation of China Millets has been successful.

These millets were grown at the Agricultural Research Centre located at the headquarters of Jai Dharti Maa Foundation.

Founder Ravi Kumar Nishad, Dhanbad, Jharkhand, said:

“The soil of Jharkhand has immense potential to grow highly valuable agricultural crops. What we lack is only the willingness to come forward and take up farming. I request all farmers and people from the business community to explore millet varieties like China Millets. These crops require very little cost and maintenance, yet provide good returns.”

China Millet is a type of coarse grain. It is also known as Punarva. It is not clearly known where it was first cultivated, but it has been grown as a crop in the Caucasus and China for more than 7,000 years. It is believed that the crop might have been domesticated independently in these regions.

Today, China Millets are grown extensively in India, Russia, Ukraine, the Middle East, Turkey, and Romania. The grain is considered highly beneficial for health. Since it is gluten-free, it can be consumed even by people who are allergic to wheat.

पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल जारी, जानें क्यों खास है रूसी राष्ट्रपति की यात्रा

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल घोषित हो गया है। पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दो दिनों के आधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार दिसंबर को भारत आ रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन का दौरा पाँच दिसंबर तक रहेगा।

पीएम मोदी के निमंत्रण पर पुतिन का दौरा

भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 को भारत के दौरे पर आएंगे। राष्ट्रपति पुतिन भारत-रूस की 23वीं सालाना शिखर बैठक में शामिल होंगे। इस दौरे में राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता करेंगे। साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी उनकी मुलाकात होगी।

रणनीतिक संबंधों की प्रगति पर होगी चर्चा

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि यह यात्रा भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने, रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी। साथ ही दोनों नेताओं के बीच वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

अमेरिका समेत दुनियाभर की निगाहें दिल्ली पर

रूसी राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर लगातार दबाव बना रहा है। भारत ने इस बीच रूस से तेल खरीद में कमी भी की है। पुतिन की इस यात्रा पर अमेरिका-चीन समेत दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं।

डिफेंस डील को लेकर चर्चा

भारत और रूस के बीच डिफेंस डील की लेकर काफी चर्चा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी पुतिन के साथ मुलाकात में S-400 की खरीद को लेकर डिफेंस डील कर सकते हैं। जबकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खर्च हुई S-400 की मिसाइलों की खरीद पर भी डील हो सकती है। इसके अलावा पुतिन पीएम मोदी से रूस के पांचवीं पीढ़ी के सुखोई-57 लड़ाकू विमानों के बारे में बातचीत कर सकते हैं।

प्रयागराज का गौरव:डॉ.प्रोबाल नियोगी ने रूस में भारत का प्रतिनिधित्व कर चमकाया देश का नाम

रूसी सर्जनो की सोसाइटी ने पहली बार भारत से सर्जनों को किया आमंत्रित, एम.ओ.यू.के जरिए दोनों देशों में होगा शल्य चिकित्सा का आदान-प्रदान

संजय द्विवेदी प्रयागराज।मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के प्रसिद्ध लैप्रोस्कोपिक सर्जन और सर्जरी विभाग के प्रो.डॉ.प्रोबाल नियोगी ने एक बार फिर शहर का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है।उन्हें रूसी सर्जनों की सोसाइटी (Russian Society of Surgeons)द्वारा आमंत्रित किया गया ताकि वे भारत के उच्चस्तरीय शल्य चिकित्सक प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य के रूप में मॉस्को में आयोजित XVI वें कांग्रेस ऑफ रशियन सर्जन्स (21 से 23 अक्टूबर 2025)में भाग लेकर व्याख्यान दे सके।यह पहली बार है जब रूस ने भारतीय सर्जनों को अपने वार्षिक सम्मेलन में आमंत्रित किया है।डॉ.नियोगी जो एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया (ASI)के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय मामलो के संयोजक है के साथ इस प्रतिनिधिमंडल में वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.प्रवीण सुर्यवंशी(महाराष्ट्र)भी शामिल थे।सम्मेलन के दौरान दोनो देशो के बीच शल्य चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक एमओयू (MOU)का प्रारूप तैयार किया गया।रूसी सर्जनों की सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो.अलेक्सी वासिलीविच शाबुनिन ने कहा भारतीय सर्जनों का गोली और युद्ध संबंधी चोटों के उपचार में अनुभव बेहद महत्वपूर्ण है।यह हमारे रक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों के लिए उपयोगी होगा।यह एमओयू दिसम्बर 2025 में कोलकाता में होने वाले एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा।भारतीय प्रतिनिधिमंडल को मॉस्को के 1800 बेड वाले बॉटकिन मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च एंड क्लिनिकल सेंटर का दौरा भी कराया गया जहाँ उन्होंने ट्रॉमा सर्जरी कैंसर केयर और अन्य विशेष शाखाओं के निदेशकों से विचार-विमर्श किया।डॉ.प्रोबाल नियोगी ने कहा “यह मेरे लिए अत्यंत गर्व और भावनात्मक क्षण था कि मैं प्रयागराज और भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रूस जैसे बड़े देश में भारतीय सर्जनों की उपलब्धियों को साझा कर सका।भारत में शल्य चिकित्सा का अनुभव और दक्षता विश्व स्तर पर सराही जा रही है।यह सहयोग आने वाले समय में दोनों देशों के बीच चिकित्सा अनुसंधान प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीक के आदान-प्रदान का नया अध्याय खोलेगा।

रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा भारत? डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

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भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उन दावों को लेकर जवाब दिया, जिनमें कहा गया था कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद को रोक सकता है। भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता भारत के लोग हैं और कुछ नहीं। ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का तेल आयात भारत के हितों की रक्षा के आधार पर तय होता है। भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना भारत की प्राथमिकता है।

देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने गुरुवार को ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत एक बड़ा तेल और गैस आयातक देश है और अस्थिर वैश्विक ऊर्जा बाजार में देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जायसवाल ने कहा कि हमारी ऊर्जा नीति के दो प्रमुख लक्ष्य हैं, जिसमें स्थिर ऊर्जा कीमतें बनाए रखा और आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल हैं। इसी उद्देश्य से भारत अपने ऊर्जा स्रोतों को अलग-अलग बना रहा है और बाजार की परिस्थितियों के अनुसार आयात नीतियां तय कर रहा है।

अमेरिका के साथ तेल खरीद पर बातचीत जारी

विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया, जहां तक अमेरिका का सवाल है, हम कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दशक में इसमें लगातार प्रगति हुई है। मौजूद अमेरिकी प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है। इस पर चर्चाएं जारी हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था?

इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। एएनआई ने एक सवाल किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, हां, बिल्कुल। वह (पीएम मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इससे मैं खुश नहीं था। हालांकि, उन्होंने अब मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक बड़ा कदम है।

क्या भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगे, ट्रंप बोले- पीएम मोदी ने मुझे आश्वासन दिया, जानें दावों में कितनी सच्चाई?

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर देश का सियासी तापमान बढ़ाने वाला बयान दा है। ट्रंप ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। उन्होंने कहा कि भारत तुरंत ऐसा नहीं कर सकता लेकिन वह जल्द ही यह कदम उठाएगा। उन्होंने बुधवार को व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को ये जानकारी दी।

ट्रंप ने कहा, मैं इस बात से खुश नहीं था कि भारत तेल खरीद रहा है और उन्होंने आज मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के प्रयास में 'बड़ा कदम' बताया।उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देता है तो उनके लिए रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम कराने में आसानी होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि संघर्ष खत्म होने के बाद भारत फिर से रूस से तेल खरीद सकेगा।

ट्रंप ने क्या कहा?

डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। एएनआई ने एक सवाल किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, हां, बिल्कुल। वह (पीएम मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इससे मैं खुश नहीं था। हालांकि, उन्होंने अब मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक बड़ा कदम है। अब हमें चीन से भी यही करवाना होगा।

भारत सरकार ने ट्रंप के दावे की पुष्टि नहीं की

ट्रंप ने आगे कहा कि राष्ट्रपति पुतिन से बस यही चाहते हैं कि वे इस युद्ध को रोकें और यूक्रेनियों और रूसियों को मारना बंद करें क्योंकि वे बहुत सारे रूसियों को मार रहे हैं। जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन के बीच एक-दूसरे के लिए नफरत बहुत ज्यादा है, जो एक बड़ी रुकावट है। ट्रंप ने कहा कि लेकिन उन्हें लगता है कि हम उन्हें सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा तो यह काम और आसान हो जाएगा और युद्ध खत्म होने के बाद व्यापार फिर से शुरू हो जाएगा। नई दिल्ली ने अभी तक ट्रंप के दावे को लेकर पुष्टि नहीं की है।

रूस पर दबाव बढ़ा रहे डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप का बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए रूस की आर्थिक नाकेबंदी कर रहा है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि मॉस्को के खिलाफ प्रतिबंध कारगर हों। रूसी तेल खरीदना बंद करने का वादा वैश्विक ऊर्जा कूटनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।

चीन में पीएम मोदी और पुतिन की खास मुलाकात, एक दूसरे को लगाया गले, देखते रह गए शहबाज शरीफ

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चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। तियानजिन से पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास तस्वीर सामने आई है। राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी ने एक-दूसरे का गले लगाकर गर्मजोशी से अभिवादन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एससीसो मंच पर एक साथ नजर आए। इसकी तस्वीर सामने आई है। तीनों नेता आपस में बातचीत करते दिखे। इस दौरान तीनों देशों की ट्रायो डिप्लोमेसी देखने को मिली, यानी ये देश आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

पुतिन और मोदी की द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई मुलाकात

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो तस्वीरें शेयर की। एक तस्वीर में मोदी पुतिन को गले लगाते नजर आ रहे हैं। दूसरी तस्वीर में दोनों नेता हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह मुलाकात उनकी द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई, जो पूर्ण सत्र के बाद होने वाली है।

मोदी-पुतिन-जिनपिंग कि तिकड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र से पहले कुछ समय साथ बिताया। इस दौरान तीनों ही नेता एक-दूसरे से हल्के फुल्के अंदाज में हंसी मजाक करते नजर आए। इस दौरान तीनों नेता हंसी ठहाके लगाते दिखाई दिए। इसके बाद पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन एक साथ मंच की ओर चले गए। इस दौरान दोनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने से निकले, जो पहले से ही मंच पर फोटो सेशन के लिए खड़े थे। इस दौरान शहबाज की नजरें पीएम मोदी और पुतिन पर ही टिकी हुई थीं। उनके चेहरे से बेबसी के भाव साफ जाहिर हो रहे थे।

एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट

एससीओ समिट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में हो रही है। यह एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट है, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हैं। सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं, जबकि पर्यवेक्षक और संवाद साझेदार देशों में तुर्की, मालदीव, नेपाल, म्यांमार, मिस्र और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जैसे नाम हैं।

समिट का फोकस क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर है। चीनी विदेश मंत्रालय के सहायक मंत्री लिउ बिन ने कहा कि शी जिनपिंग तियानजिन घोषणा जारी करेंगे, जो एससीओ के अगले 10 वर्षों की विकास रणनीति को रेखांकित करेगी।

रूस से अभी भी तेल खरीद रहा भारत, ट्रंप का दावा हुआ “फुस्स”

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है। साथ ही यह भी कहा है कि रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। उसके बाद रॉयटर्स ने खबर दी थी कि भारतीय कंपनियों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल आयात बंद करने का फैसला किया है। हालांकि अब खबर आई है कि भारत, रूस के सप्लायर्स से तेल खरीदना जारी है।

न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से शनिवार को बताया कि भारतीय रिफाइनर (भारतीय कंपनियां) ऑयल इंपोर्ट से जुड़े फैसले किसी दबाव में नहीं करती हैं। उनकी खरीद का फैसला देश का आर्थिक हितों पर निर्भर करता है। कंपनियां मूल्य, कच्चे तेल की गुणवत्ता, लॉजिस्टिक्स और अन्य आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखकर लेते हैं।

सूत्रों का कहना है कि रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। वह रोजाना करीब 95 लाख बैरल तेल निकालता है, जो दुनिया की मांग का लगभग 10% है। रूस तेल बेचने के मामले में भी दूसरे नंबर पर है। वह रोजाना लगभग 45 लाख बैरल कच्चा तेल और 23 लाख बैरल रिफाइन किया हुआ तेल दूसरे देशों को भेजता है। यूक्रेन युद्ध के बाद डर था कि रूसी तेल बाजार से बाहर हो जाएगा। इस कारण मार्च 2022 में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 137 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी।

रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर

सूत्रों ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। वह अपनी जरूरत का 85% कच्चा तेल दूसरे देशों से खरीदता है। मुश्किल समय में भारत ने समझदारी से काम लिया और अपनी जरूरत के हिसाब से तेल खरीदा ताकि उसे सस्ता तेल मिल सके। साथ ही उसने अंतरराष्ट्रीय नियमों का भी पालन किया। यूक्रेन युद्ध से भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी करीब 2 फीसदी थी जो अब करीब 37 फीसदी हो गई है। रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर है।

ट्रंप के दावों की हवा निकली

यह रिएक्‍शन रॉयटर्स की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सरकारी तेल कंपनियों ने पिछले सप्ताह रूस से स्पॉट क्रूड ऑयल खरीदना बंद कर दिया है। रिपोर्ट में इसके पीछे छूट में कमी और बढ़ते जीयो-पॉलिटिकल प्रेशर का हवाला दिया गया था। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया था कि उन्हें सुनने में आया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और इसे एक अच्छा कदम बताया था।

ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने पर दी थी चेतावनी

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीती 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन फिर ट्रंप ने इसे 7 अगस्त तक टाल दिया। टैरिफ का एलान करते हुए ट्रंप सरकार ने कहा कि भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदा जा रहा है, जिससे रूस को बड़ी आर्थिक मदद मिल रही है और उसके चलते रूस, यूक्रेन पर हमले जारी रखे हुए है। अमेरिका ने भारत को रूस से तेल न खरीदने को कहा था।

रूस से भारत ने बंद की तेल खरीद? डोनाल्ड ट्रंप का एक और विस्फोटक दावा, फिर मचेगा बवाल

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत में सियासी बवाल बढ़ाने वाला बयान दिया है। रूस के साथ भारत के तेल खरीदने से नाखुश ट्रंप ने उन मीडिया रिपोर्ट्स के दावों का स्वागत किया है जिनमें ये कहा गया कि भारत अब रूस के साथ तेल व्यापार नहीं करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि उन्हें जानकारी मिली है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीद रहा है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से इस मामले में किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

ट्रंप ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति की यह प्रतिक्रिया तब आई जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने भारत पर जुर्माना लगाने के लिए कोई संख्या तय की है। साथ ही क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता करने वाले हैं? इस पर ट्रंप ने जवाब देते हुए कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा । मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं। यह एक अच्छा कदम है। हम देखेंगे कि क्या होता है।

भारत पर 25 फीसदी टैरिफ के बाद ट्रंप का बयान

ट्रंप की यह टिप्पणी भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने और रूस के साथ हथियार और कच्चे तेल की खरीद के लिए अतिरिक्त दंड की चेतावनी देने के बाद आई है। ट्रंप प्रशासन भारत की रूसी ऊर्जा खरीद से नाराज है। ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाते समय और पहले भी इस बारे में खुलकर इजहार किया है। उन्होंने रूस से ऊर्जा खरीद को पुतिन की युद्ध मशीनरी को समर्थन बताया है, जो यूक्रेन में युद्ध जारी रखने में मदद कर रहा है।

रूस से तेल खरीद को लेकर ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप के इस बयान से पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में रूस से आने वाला तेल अचानक ठहर सा गया है। देश की चार सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनियों- IOC, BPCL, HPCL और MRPL- ने बीते एक हफ्ते से रूसी कच्चा तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई में रूसी तेल पर मिलने वाली छूट पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है। ऐसे में भारत की सरकारी कंपनियां अब स्पॉट मार्केट यानी तत्काल खरीद-बिक्री वाले बाजार की ओर रुख कर रही हैं। यहां से वे अबू धाबी का मुरबान ग्रेड और पश्चिमी अफ्रीका से आने वाला कच्चा तेल खरीद रही हैं। 14 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई देश तब तक रूस से तेल खरीदेगा जब तक वह यूक्रेन से युद्ध खत्म करने को लेकर बड़ा शांति समझौता नहीं करता, तो अमेरिका 100% टैरिफ यानी भारी टैक्स लगाएगा।

रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत का रूख

वहीं, इससे पहले शुक्रवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी थी, जिनमें कहा गया था कि कुछ भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से तेल लेना बंद कर दिया है। जायसवाल ने कहा था कि भारत ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। ब्रीफिंग के दौरान जायसवाल ने कहा, आप ऊर्जा स्रोत आवश्यकताओं के प्रति हमारे व्यापक दृष्टिकोण से अवगत हैं, हम बाजार में उपलब्ध चीजों और मौजूदा वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं। हमें किसी विशेष बात की जानकारी नहीं है।'

रूस में 8.8 तीव्रता वाले भूकंप से सुनामी, जापान और अमेरिका तक दहशत

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रूस में एक जोरदार भूकंप ने पूरी दुनिया को हिला दिया है। बुधवार को रूस के कमचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसे स्थानीय प्रशासन ने दशकों में सबसे शक्तिशाली बताया है। रूस के कामचटका प्रायद्वीप पर 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद समंदर में सुनामी की लहरें उठी हैं। रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के बड़े उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय इलाकों में सुनामी आ गई। होनोलूलू में मंगलवार को सुनामी चेतावनी सायरन बजने लगे और लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा गया।

भूकंप के बाद सुनामी

समाचार एजेंसी एपी ने बताया है कि रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय क्षेत्रों में सुनामी आई है। यह घटना रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद हुई है। कुरिल आइसलैंड के कुछ हिस्सों में सुनामी की लहरें टकराई हैं। कई जगहों पर प्रशासन की तरफ से लोगों को आगाह करने के लिए सायरन भी बजाय जा रहे हैं। इसके साथ ही लोगों से अपील की गई है कि तटीय क्षेत्रों में न जाएं। भूकंप की वजह से समुद्र का स्तर काफी बढ़ गया।

जापान के तट पर 1.3 फीट ऊंची सुनामी

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने देश के सबसे उत्तरी मुख्य द्वीप होक्काइडों के दक्षिणी तट पर स्थित टोकाची में 1.3 फीट ऊंची सुनामी की जानकारी दी है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि लगभग 30 सेंटीमीटर ऊंची पहली सुनामी लहर होक्काइडो के पूर्वी तट पर नेमुरो पहुंची। भूकंप और सुनामी चेतावनी के बाद जापान के उत्तर-पूर्वी फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से सभी कर्मचारियों को एहतियातन सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

3 मीटर तक ऊंची लहरें उठने की आशंका

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी जारी की थी। एजेंसी ने अनुमान लगाया था कि सुबह 10 बजे से 11.30 बजे के बीच जापान के प्रशांत तट पर 3 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। अमेरिका के हवाई राज्य में भी सुनामी चेतावनी जारी की गई है।

मेक्सिको में भी सुनामी को लेकर अलर्ट

रूस में भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी के बाद मेक्सिको ने लोगों को प्रशांत महासागर के तटों से दूर रहने की चेतावनी दी है। मेक्सिको के अधिकारियों ने प्रशांत महासागर के तटीय क्षेत्रों में लोगों की पहुंच रोकने के लिए सभी सरकारी स्तरों पर व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी है।

फिलीपींस और इंडोनेशिया में भी सुनामी चेतावनी

रूस भूकंप लाइव न्यूज: रूस के पूर्वी तट पर आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद फिलीपींस और इंडोनेशिया ने अपने तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी जारी की है. फिलीपींस के ज्वालामुखी और भूकंपीय संस्थान के अनुसार, देश के प्रशांत महासागर से सटे तटवर्ती क्षेत्रों में 1 मीटर तक ऊंची लहरें दोपहर 1:20 बजे से 2:40 बजे के बीच पहुंच सकती हैं। वहीं, इंडोनेशिया की भू-भौतिकी एजेंसी ने भी चेताया है कि बुधवार दोपहर कुछ क्षेत्रों में 0.5 मीटर तक की लहरें आ सकती हैं।

भारत आ रहे व्लादिमीर पुतिन, जानें 30 घंटे के दौरान कैसी होगी रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिनों के नई दिल्ली के दौरे पर आ रहे हैं। यह दौरा भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने पर हो रहा है, जो दोनों देशों के लिए बहुत खास है। साथ ही यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा है।

व्लादिमीर पुतिन भारत में दो दिनों के दौरे पर होंगे लेकिन उनके यहां रुकने की अवधि करीब 30 घंटे होने वाली है। रूसी राष्ट्रपति 4 दिसंबर की शाम को नई दिल्ली पहुंचेंगे, जहां पीएम मोदी उनकी मेजबानी करेंगे। चलिए देखते हैं उनका पूरा शेड्यूल क्या होगाः-

4 दिसंबर

• पुतिन शाम को करीब 6 बजे भारत पहुंचेंगे।

• आगमन के बाद उनकी कुछ महत्वपूर्ण मीटिंग्स होंगी, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्राइवेट डिनर और अन्य निजी कार्यक्रम शामिल हैं।

5 दिसंबर

• सुबह 9:30 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत समारोह।

• इसके बाद राजघाट जाकर श्रद्धांजलि कार्यक्रम।

• सीमित दायरे की वार्ता, फिर हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय तथा प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत।

• प्रतिनिधिमंडलों के साथ लंच, इसमें कुछ प्रमुख उद्योगपति भी शामिल हो सकते हैं।

• हैदराबाद हाउस में समझौतों की घोषणा।

• हैदराबाद हाउस में प्रेस स्टेटमेंट।

• भारत-रूस बिजनेस फोरम, जिसमें दोनों नेता शामिल हो सकते हैं।

• राष्ट्रपति की ओर से शाम को राज्य भोज।

• भोज के बाद भारत से प्रस्थान।

कई घेरों की सुरक्षा

पुतिन के दिल्ली आगमन से पहले सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, साथ ही कई वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रमों के मद्देनजर व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त की तैयारी में जुटे हैं। 4-5 दिसंबर जब रूसी राष्ट्रपति भारत में होंगे तो दिल्ली में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा। जिसमें दिल्ली पुलिस, केंद्रीय एजेंसियां और पुतिन की निजी सुरक्षा टीम शामिल होगी। स्वाट टीम, आतंकवाद-रोधी दस्तों और त्वरित प्रतिक्रिया टीम सहित विशेष इकाइयां राजधानी भर में रणनीतिक स्थानों पर तैनात रहेंगी। ड्रोन, सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी और तकनीकी खुफिया प्रणालियां भी तैनात की जाएंगी।

दौरे से पहले सुरक्षा जांच

व्लादिमीर पुतिन दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र प्रमुखों में से एक हैं, इसलिए जब भी वह अपने किसी राजकीय दौरे या अन्य देशों में किसी मीटिंग या सम्मेलनों में भाग लेने जाते हैं, तो उनकी सुरक्षा भी चाक-चौबंद होती है। जब भी पुतिन किसी दौरे या सम्मेलन में भाग लेने के लिए किसी दूसरे देश में जाते हैं तो लगभग 100 रूसी फ़ेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस के सुरक्षा कर्मी हमेशा पुतिन के साथ होते हैं। इनमें से करीब 50 सुरक्षा कर्मी पुतिन के दौरे से पहले उस देश में जाते हैं जहां पुतिन का दौरा होता है, और यह सुरक्षाकर्मी उन सभी जगहों की जांच और गहन छानबीन करते हैं जहां पुतिन जाएंगे। इसके अलावा, उनके भोजन की जांच रूस से लाई गई एक पोर्टेबल लैब में की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की ज़हर देने की साजिश से बचा जा सके। उनके व्यक्तिगत कचरे (मल-मूत्र) को भी परीक्षण के लिए वापस मॉस्को भेजा जाता है।

The trial cultivation of China Millets has been successful.

These millets were grown at the Agricultural Research Centre located at the headquarters of Jai Dharti Maa Foundation.

Founder Ravi Kumar Nishad, Dhanbad, Jharkhand, said:

“The soil of Jharkhand has immense potential to grow highly valuable agricultural crops. What we lack is only the willingness to come forward and take up farming. I request all farmers and people from the business community to explore millet varieties like China Millets. These crops require very little cost and maintenance, yet provide good returns.”

China Millet is a type of coarse grain. It is also known as Punarva. It is not clearly known where it was first cultivated, but it has been grown as a crop in the Caucasus and China for more than 7,000 years. It is believed that the crop might have been domesticated independently in these regions.

Today, China Millets are grown extensively in India, Russia, Ukraine, the Middle East, Turkey, and Romania. The grain is considered highly beneficial for health. Since it is gluten-free, it can be consumed even by people who are allergic to wheat.

पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल जारी, जानें क्यों खास है रूसी राष्ट्रपति की यात्रा

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल घोषित हो गया है। पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दो दिनों के आधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार दिसंबर को भारत आ रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन का दौरा पाँच दिसंबर तक रहेगा।

पीएम मोदी के निमंत्रण पर पुतिन का दौरा

भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 को भारत के दौरे पर आएंगे। राष्ट्रपति पुतिन भारत-रूस की 23वीं सालाना शिखर बैठक में शामिल होंगे। इस दौरे में राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता करेंगे। साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी उनकी मुलाकात होगी।

रणनीतिक संबंधों की प्रगति पर होगी चर्चा

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि यह यात्रा भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने, रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी। साथ ही दोनों नेताओं के बीच वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

अमेरिका समेत दुनियाभर की निगाहें दिल्ली पर

रूसी राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर लगातार दबाव बना रहा है। भारत ने इस बीच रूस से तेल खरीद में कमी भी की है। पुतिन की इस यात्रा पर अमेरिका-चीन समेत दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं।

डिफेंस डील को लेकर चर्चा

भारत और रूस के बीच डिफेंस डील की लेकर काफी चर्चा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी पुतिन के साथ मुलाकात में S-400 की खरीद को लेकर डिफेंस डील कर सकते हैं। जबकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खर्च हुई S-400 की मिसाइलों की खरीद पर भी डील हो सकती है। इसके अलावा पुतिन पीएम मोदी से रूस के पांचवीं पीढ़ी के सुखोई-57 लड़ाकू विमानों के बारे में बातचीत कर सकते हैं।

प्रयागराज का गौरव:डॉ.प्रोबाल नियोगी ने रूस में भारत का प्रतिनिधित्व कर चमकाया देश का नाम

रूसी सर्जनो की सोसाइटी ने पहली बार भारत से सर्जनों को किया आमंत्रित, एम.ओ.यू.के जरिए दोनों देशों में होगा शल्य चिकित्सा का आदान-प्रदान

संजय द्विवेदी प्रयागराज।मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के प्रसिद्ध लैप्रोस्कोपिक सर्जन और सर्जरी विभाग के प्रो.डॉ.प्रोबाल नियोगी ने एक बार फिर शहर का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है।उन्हें रूसी सर्जनों की सोसाइटी (Russian Society of Surgeons)द्वारा आमंत्रित किया गया ताकि वे भारत के उच्चस्तरीय शल्य चिकित्सक प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य के रूप में मॉस्को में आयोजित XVI वें कांग्रेस ऑफ रशियन सर्जन्स (21 से 23 अक्टूबर 2025)में भाग लेकर व्याख्यान दे सके।यह पहली बार है जब रूस ने भारतीय सर्जनों को अपने वार्षिक सम्मेलन में आमंत्रित किया है।डॉ.नियोगी जो एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया (ASI)के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय मामलो के संयोजक है के साथ इस प्रतिनिधिमंडल में वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.प्रवीण सुर्यवंशी(महाराष्ट्र)भी शामिल थे।सम्मेलन के दौरान दोनो देशो के बीच शल्य चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक एमओयू (MOU)का प्रारूप तैयार किया गया।रूसी सर्जनों की सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो.अलेक्सी वासिलीविच शाबुनिन ने कहा भारतीय सर्जनों का गोली और युद्ध संबंधी चोटों के उपचार में अनुभव बेहद महत्वपूर्ण है।यह हमारे रक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों के लिए उपयोगी होगा।यह एमओयू दिसम्बर 2025 में कोलकाता में होने वाले एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में औपचारिक रूप से हस्ताक्षरित किया जाएगा।भारतीय प्रतिनिधिमंडल को मॉस्को के 1800 बेड वाले बॉटकिन मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च एंड क्लिनिकल सेंटर का दौरा भी कराया गया जहाँ उन्होंने ट्रॉमा सर्जरी कैंसर केयर और अन्य विशेष शाखाओं के निदेशकों से विचार-विमर्श किया।डॉ.प्रोबाल नियोगी ने कहा “यह मेरे लिए अत्यंत गर्व और भावनात्मक क्षण था कि मैं प्रयागराज और भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रूस जैसे बड़े देश में भारतीय सर्जनों की उपलब्धियों को साझा कर सका।भारत में शल्य चिकित्सा का अनुभव और दक्षता विश्व स्तर पर सराही जा रही है।यह सहयोग आने वाले समय में दोनों देशों के बीच चिकित्सा अनुसंधान प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीक के आदान-प्रदान का नया अध्याय खोलेगा।

रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा भारत? डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

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भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उन दावों को लेकर जवाब दिया, जिनमें कहा गया था कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद को रोक सकता है। भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता भारत के लोग हैं और कुछ नहीं। ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का तेल आयात भारत के हितों की रक्षा के आधार पर तय होता है। भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना भारत की प्राथमिकता है।

देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने गुरुवार को ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत एक बड़ा तेल और गैस आयातक देश है और अस्थिर वैश्विक ऊर्जा बाजार में देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जायसवाल ने कहा कि हमारी ऊर्जा नीति के दो प्रमुख लक्ष्य हैं, जिसमें स्थिर ऊर्जा कीमतें बनाए रखा और आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल हैं। इसी उद्देश्य से भारत अपने ऊर्जा स्रोतों को अलग-अलग बना रहा है और बाजार की परिस्थितियों के अनुसार आयात नीतियां तय कर रहा है।

अमेरिका के साथ तेल खरीद पर बातचीत जारी

विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया, जहां तक अमेरिका का सवाल है, हम कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दशक में इसमें लगातार प्रगति हुई है। मौजूद अमेरिकी प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है। इस पर चर्चाएं जारी हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था?

इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। एएनआई ने एक सवाल किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, हां, बिल्कुल। वह (पीएम मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इससे मैं खुश नहीं था। हालांकि, उन्होंने अब मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक बड़ा कदम है।

क्या भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगे, ट्रंप बोले- पीएम मोदी ने मुझे आश्वासन दिया, जानें दावों में कितनी सच्चाई?

#trumpsaidpmmodiassuredhimindiawillstopbuyingoilfromrussia

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर देश का सियासी तापमान बढ़ाने वाला बयान दा है। ट्रंप ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। उन्होंने कहा कि भारत तुरंत ऐसा नहीं कर सकता लेकिन वह जल्द ही यह कदम उठाएगा। उन्होंने बुधवार को व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को ये जानकारी दी।

ट्रंप ने कहा, मैं इस बात से खुश नहीं था कि भारत तेल खरीद रहा है और उन्होंने आज मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के प्रयास में 'बड़ा कदम' बताया।उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देता है तो उनके लिए रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम कराने में आसानी होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि संघर्ष खत्म होने के बाद भारत फिर से रूस से तेल खरीद सकेगा।

ट्रंप ने क्या कहा?

डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। एएनआई ने एक सवाल किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, हां, बिल्कुल। वह (पीएम मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इससे मैं खुश नहीं था। हालांकि, उन्होंने अब मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक बड़ा कदम है। अब हमें चीन से भी यही करवाना होगा।

भारत सरकार ने ट्रंप के दावे की पुष्टि नहीं की

ट्रंप ने आगे कहा कि राष्ट्रपति पुतिन से बस यही चाहते हैं कि वे इस युद्ध को रोकें और यूक्रेनियों और रूसियों को मारना बंद करें क्योंकि वे बहुत सारे रूसियों को मार रहे हैं। जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन के बीच एक-दूसरे के लिए नफरत बहुत ज्यादा है, जो एक बड़ी रुकावट है। ट्रंप ने कहा कि लेकिन उन्हें लगता है कि हम उन्हें सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा तो यह काम और आसान हो जाएगा और युद्ध खत्म होने के बाद व्यापार फिर से शुरू हो जाएगा। नई दिल्ली ने अभी तक ट्रंप के दावे को लेकर पुष्टि नहीं की है।

रूस पर दबाव बढ़ा रहे डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप का बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए रूस की आर्थिक नाकेबंदी कर रहा है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि मॉस्को के खिलाफ प्रतिबंध कारगर हों। रूसी तेल खरीदना बंद करने का वादा वैश्विक ऊर्जा कूटनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।

चीन में पीएम मोदी और पुतिन की खास मुलाकात, एक दूसरे को लगाया गले, देखते रह गए शहबाज शरीफ

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चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। तियानजिन से पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास तस्वीर सामने आई है। राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी ने एक-दूसरे का गले लगाकर गर्मजोशी से अभिवादन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एससीसो मंच पर एक साथ नजर आए। इसकी तस्वीर सामने आई है। तीनों नेता आपस में बातचीत करते दिखे। इस दौरान तीनों देशों की ट्रायो डिप्लोमेसी देखने को मिली, यानी ये देश आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।

पुतिन और मोदी की द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई मुलाकात

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दो तस्वीरें शेयर की। एक तस्वीर में मोदी पुतिन को गले लगाते नजर आ रहे हैं। दूसरी तस्वीर में दोनों नेता हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह मुलाकात उनकी द्विपक्षीय बैठक से पहले हुई, जो पूर्ण सत्र के बाद होने वाली है।

मोदी-पुतिन-जिनपिंग कि तिकड़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र से पहले कुछ समय साथ बिताया। इस दौरान तीनों ही नेता एक-दूसरे से हल्के फुल्के अंदाज में हंसी मजाक करते नजर आए। इस दौरान तीनों नेता हंसी ठहाके लगाते दिखाई दिए। इसके बाद पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन एक साथ मंच की ओर चले गए। इस दौरान दोनों पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने से निकले, जो पहले से ही मंच पर फोटो सेशन के लिए खड़े थे। इस दौरान शहबाज की नजरें पीएम मोदी और पुतिन पर ही टिकी हुई थीं। उनके चेहरे से बेबसी के भाव साफ जाहिर हो रहे थे।

एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट

एससीओ समिट चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में हो रही है। यह एससीओ का अब तक का सबसे बड़ा समिट है, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख शामिल हैं। सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं, जबकि पर्यवेक्षक और संवाद साझेदार देशों में तुर्की, मालदीव, नेपाल, म्यांमार, मिस्र और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जैसे नाम हैं।

समिट का फोकस क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर है। चीनी विदेश मंत्रालय के सहायक मंत्री लिउ बिन ने कहा कि शी जिनपिंग तियानजिन घोषणा जारी करेंगे, जो एससीओ के अगले 10 वर्षों की विकास रणनीति को रेखांकित करेगी।

रूस से अभी भी तेल खरीद रहा भारत, ट्रंप का दावा हुआ “फुस्स”

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है। साथ ही यह भी कहा है कि रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा। उसके बाद रॉयटर्स ने खबर दी थी कि भारतीय कंपनियों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने रूस से तेल आयात बंद करने का फैसला किया है। हालांकि अब खबर आई है कि भारत, रूस के सप्लायर्स से तेल खरीदना जारी है।

न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से शनिवार को बताया कि भारतीय रिफाइनर (भारतीय कंपनियां) ऑयल इंपोर्ट से जुड़े फैसले किसी दबाव में नहीं करती हैं। उनकी खरीद का फैसला देश का आर्थिक हितों पर निर्भर करता है। कंपनियां मूल्य, कच्चे तेल की गुणवत्ता, लॉजिस्टिक्स और अन्य आर्थिक पहलुओं को ध्यान में रखकर लेते हैं।

सूत्रों का कहना है कि रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। वह रोजाना करीब 95 लाख बैरल तेल निकालता है, जो दुनिया की मांग का लगभग 10% है। रूस तेल बेचने के मामले में भी दूसरे नंबर पर है। वह रोजाना लगभग 45 लाख बैरल कच्चा तेल और 23 लाख बैरल रिफाइन किया हुआ तेल दूसरे देशों को भेजता है। यूक्रेन युद्ध के बाद डर था कि रूसी तेल बाजार से बाहर हो जाएगा। इस कारण मार्च 2022 में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 137 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी।

रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर

सूत्रों ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। वह अपनी जरूरत का 85% कच्चा तेल दूसरे देशों से खरीदता है। मुश्किल समय में भारत ने समझदारी से काम लिया और अपनी जरूरत के हिसाब से तेल खरीदा ताकि उसे सस्ता तेल मिल सके। साथ ही उसने अंतरराष्ट्रीय नियमों का भी पालन किया। यूक्रेन युद्ध से भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी करीब 2 फीसदी थी जो अब करीब 37 फीसदी हो गई है। रूस आज भारत का सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर है।

ट्रंप के दावों की हवा निकली

यह रिएक्‍शन रॉयटर्स की उस रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सरकारी तेल कंपनियों ने पिछले सप्ताह रूस से स्पॉट क्रूड ऑयल खरीदना बंद कर दिया है। रिपोर्ट में इसके पीछे छूट में कमी और बढ़ते जीयो-पॉलिटिकल प्रेशर का हवाला दिया गया था। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया था कि उन्हें सुनने में आया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और इसे एक अच्छा कदम बताया था।

ट्रंप ने भारत को रूस से तेल खरीदने पर दी थी चेतावनी

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीती 30 जुलाई को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया था। यह टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन फिर ट्रंप ने इसे 7 अगस्त तक टाल दिया। टैरिफ का एलान करते हुए ट्रंप सरकार ने कहा कि भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदा जा रहा है, जिससे रूस को बड़ी आर्थिक मदद मिल रही है और उसके चलते रूस, यूक्रेन पर हमले जारी रखे हुए है। अमेरिका ने भारत को रूस से तेल न खरीदने को कहा था।

रूस से भारत ने बंद की तेल खरीद? डोनाल्ड ट्रंप का एक और विस्फोटक दावा, फिर मचेगा बवाल

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत में सियासी बवाल बढ़ाने वाला बयान दिया है। रूस के साथ भारत के तेल खरीदने से नाखुश ट्रंप ने उन मीडिया रिपोर्ट्स के दावों का स्वागत किया है जिनमें ये कहा गया कि भारत अब रूस के साथ तेल व्यापार नहीं करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि उन्हें जानकारी मिली है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीद रहा है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से इस मामले में किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

ट्रंप ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति की यह प्रतिक्रिया तब आई जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने भारत पर जुर्माना लगाने के लिए कोई संख्या तय की है। साथ ही क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता करने वाले हैं? इस पर ट्रंप ने जवाब देते हुए कहा, मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा । मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं। यह एक अच्छा कदम है। हम देखेंगे कि क्या होता है।

भारत पर 25 फीसदी टैरिफ के बाद ट्रंप का बयान

ट्रंप की यह टिप्पणी भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने और रूस के साथ हथियार और कच्चे तेल की खरीद के लिए अतिरिक्त दंड की चेतावनी देने के बाद आई है। ट्रंप प्रशासन भारत की रूसी ऊर्जा खरीद से नाराज है। ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाते समय और पहले भी इस बारे में खुलकर इजहार किया है। उन्होंने रूस से ऊर्जा खरीद को पुतिन की युद्ध मशीनरी को समर्थन बताया है, जो यूक्रेन में युद्ध जारी रखने में मदद कर रहा है।

रूस से तेल खरीद को लेकर ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप के इस बयान से पहले न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में रूस से आने वाला तेल अचानक ठहर सा गया है। देश की चार सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनियों- IOC, BPCL, HPCL और MRPL- ने बीते एक हफ्ते से रूसी कच्चा तेल खरीदना लगभग बंद कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुलाई में रूसी तेल पर मिलने वाली छूट पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है। ऐसे में भारत की सरकारी कंपनियां अब स्पॉट मार्केट यानी तत्काल खरीद-बिक्री वाले बाजार की ओर रुख कर रही हैं। यहां से वे अबू धाबी का मुरबान ग्रेड और पश्चिमी अफ्रीका से आने वाला कच्चा तेल खरीद रही हैं। 14 जुलाई को डोनाल्ड ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अगर कोई देश तब तक रूस से तेल खरीदेगा जब तक वह यूक्रेन से युद्ध खत्म करने को लेकर बड़ा शांति समझौता नहीं करता, तो अमेरिका 100% टैरिफ यानी भारी टैक्स लगाएगा।

रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत का रूख

वहीं, इससे पहले शुक्रवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी थी, जिनमें कहा गया था कि कुछ भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से तेल लेना बंद कर दिया है। जायसवाल ने कहा था कि भारत ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। ब्रीफिंग के दौरान जायसवाल ने कहा, आप ऊर्जा स्रोत आवश्यकताओं के प्रति हमारे व्यापक दृष्टिकोण से अवगत हैं, हम बाजार में उपलब्ध चीजों और मौजूदा वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं। हमें किसी विशेष बात की जानकारी नहीं है।'

रूस में 8.8 तीव्रता वाले भूकंप से सुनामी, जापान और अमेरिका तक दहशत

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रूस में एक जोरदार भूकंप ने पूरी दुनिया को हिला दिया है। बुधवार को रूस के कमचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसे स्थानीय प्रशासन ने दशकों में सबसे शक्तिशाली बताया है। रूस के कामचटका प्रायद्वीप पर 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद समंदर में सुनामी की लहरें उठी हैं। रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के बड़े उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय इलाकों में सुनामी आ गई। होनोलूलू में मंगलवार को सुनामी चेतावनी सायरन बजने लगे और लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा गया।

भूकंप के बाद सुनामी

समाचार एजेंसी एपी ने बताया है कि रूस के कुरील द्वीप समूह और जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो के तटीय क्षेत्रों में सुनामी आई है। यह घटना रूस के कामचटका प्रायद्वीप के पास 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद हुई है। कुरिल आइसलैंड के कुछ हिस्सों में सुनामी की लहरें टकराई हैं। कई जगहों पर प्रशासन की तरफ से लोगों को आगाह करने के लिए सायरन भी बजाय जा रहे हैं। इसके साथ ही लोगों से अपील की गई है कि तटीय क्षेत्रों में न जाएं। भूकंप की वजह से समुद्र का स्तर काफी बढ़ गया।

जापान के तट पर 1.3 फीट ऊंची सुनामी

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने देश के सबसे उत्तरी मुख्य द्वीप होक्काइडों के दक्षिणी तट पर स्थित टोकाची में 1.3 फीट ऊंची सुनामी की जानकारी दी है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि लगभग 30 सेंटीमीटर ऊंची पहली सुनामी लहर होक्काइडो के पूर्वी तट पर नेमुरो पहुंची। भूकंप और सुनामी चेतावनी के बाद जापान के उत्तर-पूर्वी फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से सभी कर्मचारियों को एहतियातन सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

3 मीटर तक ऊंची लहरें उठने की आशंका

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने सुनामी की चेतावनी जारी की थी। एजेंसी ने अनुमान लगाया था कि सुबह 10 बजे से 11.30 बजे के बीच जापान के प्रशांत तट पर 3 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। अमेरिका के हवाई राज्य में भी सुनामी चेतावनी जारी की गई है।

मेक्सिको में भी सुनामी को लेकर अलर्ट

रूस में भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी के बाद मेक्सिको ने लोगों को प्रशांत महासागर के तटों से दूर रहने की चेतावनी दी है। मेक्सिको के अधिकारियों ने प्रशांत महासागर के तटीय क्षेत्रों में लोगों की पहुंच रोकने के लिए सभी सरकारी स्तरों पर व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी है।

फिलीपींस और इंडोनेशिया में भी सुनामी चेतावनी

रूस भूकंप लाइव न्यूज: रूस के पूर्वी तट पर आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद फिलीपींस और इंडोनेशिया ने अपने तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी जारी की है. फिलीपींस के ज्वालामुखी और भूकंपीय संस्थान के अनुसार, देश के प्रशांत महासागर से सटे तटवर्ती क्षेत्रों में 1 मीटर तक ऊंची लहरें दोपहर 1:20 बजे से 2:40 बजे के बीच पहुंच सकती हैं। वहीं, इंडोनेशिया की भू-भौतिकी एजेंसी ने भी चेताया है कि बुधवार दोपहर कुछ क्षेत्रों में 0.5 मीटर तक की लहरें आ सकती हैं।