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ओवरसीज जॉब्स फ्लैग-ऑफ सेरेमनी का कार्यक्रम संपन्न
* रोजगार महाकुम्भ में चयनित 27 अभ्यर्थियों को विदेश जाने के लिए प्रदान किये गये आवश्यक अभिलेख

* हर हाथ को रोजगार देने हेतु सरकार दृढ़-संकल्पितः अनिल राजभर

* गोरखपुर व वाराणसी में भी आयोजित होगा रोजगार महाकुम्भः प्रमुख सचिव

लखनऊ। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में आयोजित 03 दिवसीय रोजगार महाकुम्भ के माध्यम से प्रदेश के कुल चयनित 16 हजार से अधिक अभ्यर्थी जिनमें 1612 युवाओं को दुबई हेतु चयनित कराया गया था। इन 1612 युवाओं में से वीजा और टिकट की प्रक्रिया पूरी कर चुके 27 युवाओं के दुबई प्रस्थान किये जाने के संबंध में आज बापू भवन के सभागार में मंत्री श्रम एवं सेवायोजन, अनिल राजभर की अध्यक्षता में ओवरसीज जॉब्स फ्लैग-ऑफ सेरेमनी का कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मंत्री द्वारा उपस्थित चयनित अभ्यर्थियों को दुबई हेतु आवयक अभिलेख वीजा सहित टिकट प्रदान किये गये।

इस अवसर पर मंत्री द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के विकसित भारत एवं विकसित उत्तर प्रदेश 2047 के संकल्प का पूरा करने के लिये श्रम एवं सेवायोजन विभाग के अधीन उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन बनाया गया है। उत्तर प्रदेश देश का पहला प्रदेश है जिसके अन्तर्गत सेवायोजन विभाग को भारत सरकार द्वारा ओवरसीज प्लेसमेंट हेतु आरए का लाइसेन्स प्राप्त हुआ है जो भारत सरकार के विदेश मंत्रालय एवं अन्य देशों के राजनयिकों से समन्वय स्थापित करते हुए ओवरसीज प्लेसमेंट के कार्य को और अधिक स्वतंत्रता एवं सुचारू रूप से कर सकेगा।

चयनित अभ्यर्थियों का स्वागत करते हुए मंत्री ने उनके नये जीवन का शुभारम्भ करने एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि यह नई यात्रा उनके एवं उनके परिवार के लिये शुभ हो एवं उनके जीवन में एक सार्थक परिवर्तन लेके आये।  उन्होने कहा कि यूरोप एवं गल्फ देशों में प्रदेश के स्किल्ड मैनपॉवर की लगातार मांग बनी हुई है। मांग के अनुरूप प्रदेश में उपलब्ध मैनपॉवर के कारण प्रदेश सरकार द्वारा तत्काल कार्यवाही किया जाना सम्भव हो रहा है। मंत्री ने पूर्व में इजराइल भेजे गये युवाओं की उपलब्धियों एवं उनके द्वारा वहां किये जा रहे सराहनीय कार्याे एवं उनके अनुभवों को उपस्थित अभ्यर्थियों के बीच साझा करते हुए बताया कि इन अभ्यर्थियों के सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है एवं उन्हें एवं उनके परिवार की अपने जनपद में एक अलग पहचान हो रही है। प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हर हाथ को काम के संकल्प के साथ-साथ लगातार प्रदेश के युवाओं के लिये इस प्रकार के प्रयास कर रही है। एक वर्ष में 25000 अभ्यर्थियों को विदेशों में तथा 01 लाख युवाओं को देश में निजी क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने के लिये लगातार इस प्रकार के कार्यक्रम करती रहेगी। उन्होने बताया कि वर्तमान में रूस में 5 लाख श्रमिकों की मांग है जिस हेतु वहां की सरकार से समन्वय स्थापित करते हुए आगामी कार्यवाही हेतु योजना बनायी जा रही है।

मंत्री ने अभ्यर्थियों से कहा आपको विदेश जाने का कोई भय नहीं होना चाहिए श्रम एवं सेवायोजन विभाग एवं प्रदेश सरकार द्वारा विदेश में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर विभाग से सम्पर्क करने हेतु पोर्टल एवं नम्बर दिया जायेगा जिससे किसी प्रकार की परेशानी होने पर आप द्वारा तुरन्त सम्पर्क किया जा सके। उन्होने अभ्यर्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि दुबई में आप खाली समय पर अपने ज्ञान में वृद्धि करें अन्य भाषा का ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करें तथा अपने प्रोफाइल में अनुभव/स्किल को बढाने का प्रयास करें जिससे आपको और बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।

विदेश जा रहे अभ्यर्थियों का मनोबल बढाते हुए मंत्री ने कहा कि सदैव सरकार आपके साथ खड़ी है। किसी भी प्रकार की समस्या यथा वीजा/पासपोर्ट या नियोक्ता से समन्वय आदि आकस्मिक आवश्यकताओं हेतु KSW Society(Karna Subarna welfare Society)  द्वारा एक पोर्टल/एप विगत कई वर्षाे से प्रारम्भ है जिस पर  अभ्यर्थियों द्वारा लॉग-ईन कर अपनी समस्याओं/आवश्यकताओं से सरकार को अवगत कराया जा सकता है। जिस पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। सम्पर्क हेतु नम्बर एवं ई-मेल की सुविधा भी प्रदान की गई-

हेल्पलाइन नं0- 18003453332
मोबाइल नं0- 9434856496, 9679763377
ई मेल
प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन, डा एमकेएस सुन्दरम् द्वारा उपस्थित युवाओं का स्वागत एवं मनोबल बढ़ाते हुए कहा गया कि जो अभ्यर्थी दुबई जा रहे हैं। वह यह न सोचे कि उनकी यात्रा यहीं तक है अपने कार्य को ईमानदारी और लगन के साथ करें एवं कार्य के साथ अपने कौशल में वृद्वि करें जिससे उन्हे भविष्य में अन्य देशों में और अपने देश में भी और बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही रोजगार महाकुंभ का आयोजन वाराणसी व गोरखपुर में भी किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा सके। इसके अतिरिक्त महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं के लिए विशेष रोजगार महाकुंभ का आयोजन भी प्रस्तावित है।

निदेशक, सेवायोजन, नेहा प्रकाश बताया कि सेवायोजन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के अन्तर्गत निरन्तर निजी क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं को देश के साथ-साथ विदेशों में भी रोजगार के अवसर प्रदान कराये जाने का कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर विशेष सचिव श्रम एवं सेवायोजन नीलेश कुमार सिंह, अपर निदेशक प्रमोद कुमार पुन्डीर, संयुक्त सचिव अवनीन्द्र कुमार शुक्ला सहित अन्य अधिकारी व अभ्यर्थी उपस्थित रहे।
पशुधन मंत्री ने 18 नवनिर्मित वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों का किया लोकार्पण
* प्रत्येक केन्द्र में 400 गोवंश को संरक्षित करने की क्षमता

* गौसंरक्षण केंद्रों के निर्माण कार्य में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाए

* गो आश्रय स्थलों को स्वावलम्बी बनाने हेतु बहुआयामी प्रयोग किये जा रहे : धर्मपाल सिंह


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज पशुपालन निदेशालय में आयोजित एक कार्यक्रम में निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु प्रदेश के 13 जनपदों के 18 वृहद गो संरक्षण केन्द्रों का वर्चुवल लोकार्पण किया। इसके तहत आजमगढ़ एवं उन्नाव में 03-03, मिर्जापुर में 02, महराजगंज, ललितपुर, अमेठी, बहराइच, देवरिया, पीलीभीत, अयोध्या, कौशाम्बी, चित्रकूट एवं सीतापुर में 01-01 वृहद गोसंरक्षण केन्द्रों का शत-प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इन 18 गो संरक्षण केन्द्रों की कुल निर्माण लागत रुपए 28 करोड़ 82 लाख है। प्रत्येक केंद्र में लगभग 400 गोवंश को संरक्षित किया जा सकता है। श्री सिंह ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देशन में गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गोआश्रय स्थलों के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है और गोवंश के भरण-पोषण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।
इस अवसर पर धर्मपाल सिंह ने सम्बंधित जनपदों के क्षेत्रीय विधायकों, ग्रामप्रधानों, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी तथा केयरटेकरों से भी गोवंश के रखरखाव और सहयोग पर बात की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गो संरक्षण कार्यों में स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए और गौसंरक्षण केंद्रों के निर्माण कार्य में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाए। निराश्रित गोवंश हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। गोशालाओं में गाय भूखी न रहे, चारा, भूसा, प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था हो।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश के समस्त मण्डलीय जनपदों में 18 मॉडल गौशालाएं बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। पशुपालन विभाग द्वारा गो आश्रय स्थलों को स्वावलम्बी बनाने हेतु बहुआयामी प्रयोग किये जा रहे हैं। गाय के गोबर से गो दीप, धूपबत्ती, गोलॉग, गोबर के गमले, वर्मी कम्पोस्ट तथा सी0बी0जी0 उत्पादन इकाईयोें की स्थापना की जा रही है। इन इकाईयों के संचालन में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा महत्वपूर्ण योगदान किया जा रहा है। गोवंश संरक्षण कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन एवं आर्थिक उन्नति के अनेक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अब तक 576 वृहद गो संरक्षण केंद्रों की स्वीकृति प्रदान की गई है जिसके सापेक्ष 421 केंद्रों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा 403 केन्द्र क्रियाशील किए जा चुके है। प्रत्येक वृहद गोसंरक्षण केन्द्र की गोवंश धारण क्षमता 400 गोवंश तथा इकाई निर्माण लागत 160.12 लाख है। निराश्रित गोवंश संरक्षण के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा अभूतपूर्व तथा उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। संरक्षित गोवंशो के भरण-पोषण हेतु शत-प्रतिशत अनुदान राशि का भुगतान डीबीटी द्वारा सितम्बर, 2025 तक किया जा चुका है। गो-संरक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन एवं आर्थिक उन्नति के अनेक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं।
वर्तमान में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 6554 अस्थायी गो आश्रय स्थल, 403 वृहद गो संरक्षण केन्द्र, 284 कांजी हाऊस एवं शहरी क्षेत्र में 307 कान्हा गो आश्रय स्थल सहित कुल 7548 गो आश्रय स्थलों में 1235782 निराश्रित गोवंश संरक्षित है। मुख्यमंत्री सहभागिता योजनान्तर्गत 114865 इच्छुक लाभार्थियों को 180925 निराश्रित गोवंश सुपुर्द किये गये हैं।
कार्यक्रम में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने अधिकारियों से कहा कि गोसंरक्षण केन्द्रों में सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाए और अधिकारी नियमित रूप से गौशालाओं का निरीक्षण करें। गोसंरक्षण केन्द्रों के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए और गोवंश संरक्षण कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही न होने पाए।
कार्यक्रम में विशेष सचिव पशुधन देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, निदेशक प्रशासन एवं विकास डा. योगेन्द्र सिंह पंवार, निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा. मेमपाल सिंह, अपर निदेशक डा. संगीता तिवारी, योजनाधिकारी डा. पीके सिंह, संयुक्त निदेशक मुख्यालय सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तर प्रदेश में समाज कल्याण विभाग में बड़ी कार्रवाई, 4 अधिकारियों को बर्खास्त


लखनऊ । उत्तर प्रदेश शासन ने समाज कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 4 अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन में कटौती का निर्णय लिया गया है। यह कार्रवाई पिछले डेढ़ दशक से लंबित रहे मामलों की जांच के बाद की गई है।

सीम अरुण की निगरानी में इन मामलों की जांच की गई

समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण की निगरानी में इन मामलों की जांच की गई। कार्रवाई मुख्य रूप से श्रावस्ती, मथुरा, शाहजहांपुर और औरैया जिलों में हुए छात्रवृत्ति और पेंशन घोटालों पर की गई है। विभाग ने सभी मामलों में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं।श्रावस्ती में तैनात मीना श्रीवास्तव पर मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना, शादी-बिमारी योजना और छात्रवृत्ति शुल्क प्रतिपूर्ति में खाता संख्या और डाटा में हेरफेर करने का आरोप है। इसके चलते उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।

छात्र-छात्राओं के धनराशि का किया गबन

मथुरा में तैनात करुणेश त्रिपाठी ने निजी प्राइवेट आईटीआई संस्थानों को अनियमित छात्रवृत्ति भुगतान किया। इसमें 11 मान्यताविहीन संस्थानों को 2.53 करोड़ रुपये दिए गए। उनके द्वारा दो वर्ष से 51 वर्ष तक की आयु के छात्रों को पाठ्यक्रम में दाखिला दिलाकर धनराशि का दुरुपयोग किया गया। विभाग उनसे 19.25 करोड़ रुपये वसूल करेगा।हापुड़ में तैनात संजय कुमार ब्यास को भी सेवा से बर्खास्त कर 3.23 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश दिया गया। उन्होंने छात्रवृत्ति अभिलेखों में कूट-रचना कर छात्र-छात्राओं के धनराशि का गबन किया।

बर्खास्त कर 2.52 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी

शाहजहांपुर में तैनात राजेश कुमार को भी बर्खास्त कर 2.52 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी। उन्होंने राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में लाभार्थियों के बैंक खाते बदलकर अपात्रों को लाभ पहुंचाया।औरैया में तैनात सेवानिवृत्त अधिकारी श्रीभगवान पर 251 लाभार्थियों के खाते बदलकर पेंशन गबन करने का दोष पाया गया। उनसे 20 लाख रुपये वसूले जाएंगे और उनकी पेंशन में 10 प्रतिशत स्थाई कटौती की जाएगी।

योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही

मथुरा में तैनात तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी विनोद शंकर तिवारी और उमा शंकर शर्मा को भी छात्रवृत्ति घोटाले में दोषी पाया गया। दोनों की पेंशन में 50 प्रतिशत स्थाई कटौती के साथ क्रमशः 1.96 करोड़ और 88,94,040 रुपये वसूली के आदेश दिए गए हैं।राज्यमंत्री असीम अरुण ने कहा कि योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी और जो मामले अभी दबे हुए हैं, उनमें भी शीघ्र एफआईआर दर्ज की जाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने भरा गणना प्रपत्र

मतदाताओं से विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान में जुड़ने की अपील

लखनऊ। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान 2026 के अंतर्गत स्वयं अपना गणना प्रपत्र (एन्यूमरेशन फॉर्म) भरकर प्रदेशवासियों को सक्रिय भागीदारी का संदेश दिया।

श्री रिणवा ने कहा कि शुद्ध निर्वाचक नामावली, मज़बूत लोकतंत्र के उद्देश्य से चल रहे इस विशेष अभियान में प्रदेश के सभी मतदाताओं को भाग लेना चाहिए ताकि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से वंचित न रह जाए। उन्होंने बताया कि बूथ लेवल अधिकारी (BLO) अपने क्षेत्रों में घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना फॉर्म उपलब्ध करा रहे हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतदाताओं से अनुरोध किया कि वे इस फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरें, उस पर अपने हस्ताक्षर करें और बीएलओ को समय से वापस करें। उन्होंने बताया कि जिन मतदाताओं के हस्ताक्षरित फॉर्म बीएलओ को प्राप्त हो जाएंगे, उनके नाम आगामी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में सम्मिलित किए जाएंगे, जिसका प्रकाशन 9 दिसम्बर 2025 को किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जिन मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है या जो स्थायी रूप से अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो गए हैं, उनके परिवार के सदस्य  बीएलओ को सूचना दें ताकि नामावली को अद्यतन किया जा सके। उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी इस अभियान में सक्रिय सहयोग दे रहे हैं। सभी मतदाताओं की सजगता और सहयोग से आगामी अंतिम मतदाता सूची, जो 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी, पूर्णतः त्रुटिरहित और अद्यतन होगी।
राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय सकरौरा में बच्चों को मिला दृष्टि का उजियारा
— *अंधता निवारण समिति गोंडा द्वारा नि:शुल्क चश्मा वितरण”*

कर्नलगंज (गोंडा)। जिला अंधता निवारण समिति, गोंडा के तत्वावधान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज की ओर से राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय, सकरौरा कर्नलगंज में 8 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क चश्मे वितरित किए गए। यह वितरण कार्यक्रम पूर्व में विद्यालय में किए गए नेत्र स्क्रीनिंग कैंप के परिणामस्वरूप आयोजित किया गया, जिसमें अनेक बच्चों की दृष्टि कमजोर पाई गई थी।

कार्यक्रम के दौरान नेत्र परीक्षण अधिकारी एके गोस्वामी ने बताया कि दृष्टि संबंधी समस्याओं से जूझ रहे बच्चों की पहचान पहले चरण में की गई थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आज पात्र बच्चों को मुफ्त चश्मे उपलब्ध कराए गए ताकि वे बेहतर दृष्टि के साथ अपनी शिक्षा जारी रख सकें।

इस अवसर पर उत्कर्ष, अभिषेक, लव कुश, अहम शुक्ला, भोले, मंगल, कुलदीप, विक्रम, संदीप, सौरभ, पोरवाल सुशील, चंदन, नितिन शुक्ला, वैभव सिंह, संजीत, हर्ष, अमरजीत वर्मा, शिव प्रताप, अतुल, धर्मेंद्र, आशीष, अनिल कुमार, शिवम गौतम, अजय कुमार, अमन पांडे, अंशु मिश्रा, महेश कुमार सहित अनेक छात्रों को निशुल्क चश्मे प्रदान किए गए।

श्री गोस्वामी ने कहा कि बच्चों की दृष्टि जांच और समय पर उपचार से न केवल उनकी पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है बल्कि भविष्य में अंधता की संभावनाएं भी कम होती हैं। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से अपील की कि यदि किसी बच्चे को दृष्टि से संबंधित परेशानी हो तो उसे तुरंत जांच कराएं।

विद्यालय प्रबंधन ने जिला अंधता निवारण समिति और स्वास्थ्य विभाग के इस पहल की सराहना की और इसे बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए एक सराहनीय कदम बताया।
एसजीएफआई और वेक्टर एक्स में साझेदारी: स्कूली खिलाड़ियों को मिलेंगे विश्वस्तरीय खेल उपकरण
लखनऊ। स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SGFI) ने सॉकर इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (वेक्टर एक्स) के साथ आधिकारिक उपकरण एवं बॉल पार्टनर के रूप में दो वर्षीय साझेदारी की घोषणा की है। यह समझौता शुक्रवार को फॉर्च्यून पार्क बीबीडी, लखनऊ में SGFI अध्यक्ष दीपक कुमार (IAS) और वेक्टर एक्स के प्रबंध निदेशक विकास गुप्ता की उपस्थिति में संपन्न हुआ।

इस साझेदारी के तहत SGFI की सभी राष्ट्रीय स्कूली प्रतियोगिताओं के लिए वेक्टर एक्स आधिकारिक बॉल और उपकरण साझेदार रहेगा। फुटबॉल, वॉलीबॉल, हैंडबॉल और बास्केटबॉल खेलों के लिए उपकरण निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे, जबकि डनलप टेनिस और स्क्वैश के लिए बॉल पार्टनर रहेगा।

SGFI अध्यक्ष दीपक कुमार ने कहा कि संगठन प्रतिवर्ष 44 खेलों में 256 से अधिक राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित करता है, जिनमें 60,000 से अधिक खिलाड़ी तीन आयु वर्गों (U-14, U-17, U-19) में भाग लेते हैं। उन्होंने बताया कि इस साझेदारी का उद्देश्य स्कूली खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय खेल उपकरण और अनुभव प्रदान करना है। इस वर्ष उत्तर प्रदेश में सात राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं, जिनकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

वेक्टर एक्स के प्रबंध निदेशक विकास गुप्ता ने कहा कि SGFI भारत का सबसे बड़ा स्कूल खेल महासंघ है और वेक्टर एक्स ग्रासरूट स्तर पर युवा प्रतिभाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इसे “भारतीय स्कूली खिलाड़ियों को भविष्य के चैंपियन बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर” बताया।

अध्यक्ष दीपक कुमार के नेतृत्व में SGFI ने पिछले दो वर्षों में कार्य संस्कृति में बड़ा परिवर्तन लाया है। जनवरी 2023 से SGFI को एक पारदर्शी, डिजिटल और एथलीट-केंद्रित संस्था के रूप में स्थापित किया गया है। संगठन को भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय से आधिकारिक मान्यता प्राप्त है।

वर्तमान में SGFI की 45 संबद्ध इकाइयां कार्यरत हैं। यह देश का पहला फेडरेशन है जिसने 5 लाख से अधिक प्रमाण पत्र DG Locker पर अपलोड किए, जो वर्ष 2011 से 2025 तक के लिए उपलब्ध हैं। आगामी प्रतियोगिताओं के प्रमाण पत्र अब 7 दिनों के भीतर DG Locker पर जारी किए जाएंगे।

SGFI ने खिलाड़ियों के पंजीकरण को आधार लिंक्ड और बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली से जोड़ा है, जिससे जन्म तिथि और उपस्थिति की पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है। साथ ही, AMS (Automated Management System) के माध्यम से परिणाम और प्रमाण पत्र तैयार करने की स्वचालित प्रक्रिया लागू की गई है।

पहली बार SGFI ने आयोजकों को ₹1.5 करोड़ की प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता दी है। 2017 के बाद पहली बार खेल नियमों का अद्यतन किया गया, जिसमें वर्ष 2025 में चार खेलों के नियम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप संशोधित किए गए हैं। खेल नियमों के आधुनिकीकरण और पारदर्शिता के इस प्रयास के लिए SGFI को विभिन्न राष्ट्रीय खेल महासंघों से प्रशंसा प्राप्त हुई है। इस अवसर पर भगवती सिंह, कार्यकारिणी सदस्य, स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया भी उपस्थित रहे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण की प्रगति की समीक्षा की

SIR के दौरान किसी भी स्तर पर लापरवाही तथा आयोग के निर्देशों की अवहेलना पाये जाने पर कठोर कार्यवाही की जायेगी



लखनऊ। यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने प्रदेश में हो रहे विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) को लेकर 06 नवम्बर, 2025 को सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा SIR को लेकर दिए गए दिशा-निर्देशों,  कार्यक्रमों और इसकी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि SIR के दौरान कहीं से भी गड़बड़ी की शिकायत नहीं आनी चाहिए। मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो। कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न होने पाए। सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हो सके, इसके लिए पूरी सतर्कता बरती जाए।
समीक्षा में यह पाया गया कि सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा राजनैतिक दलों के साथ बैठक करके उन्हें SIR की प्रक्रिया और आयोग के निर्देशों की जानकारी दे दी गई है। साथ ही सभी राजनैतिक दलों से बूथ लेबल एजेंट (BLA) नियुक्त करने का अनुरोध भी किया गया है, जो पुनरीक्षण कार्यों में बीएलओ का सहयोग करेंगे।
समीक्षा में यह पाया गया कि सभी जनपदों द्वारा गणना प्रपत्र की छपाई का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वितरण में धीमी प्रगति वाले जनपदों को वितरण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। जनपदों को निर्देशित किया गया कि अपने बूथ लेवल अधिकारी को यह निर्देश जारी कर दें कि वे बीएलओ ऐप का एडवांस वर्जन 8.7 प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लें तथा जिन मतदाताओं को गणना प्रपत्र वितरित किया जा रहा है उनको बीएलओ  ऐप पर मार्क करते रहें, जिससे कि वितरण की प्रगति ऑनलाइन अपडेट हो सके।
जिन मतदाताओं के नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में शामिल है उनकी वर्तमान मतदाता सूची से मैपिंग के कार्य को अगले तीन दिनों के भीतर पूर्ण किए जाने के निर्देश मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिये गये। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं की सुविधा के दृष्टिगत “बुक ए कॉल विद बीएलओ” की सुविधा प्रदान की गई है, जिसके अन्तर्गत कोई भी मतदाता voters.eci.gov.in पोर्टल के माध्यम से बुक ए कॉल की सुविधा के अन्तर्गत अपने बीएलओ से बात करने की रिक्वेस्ट डाल सकता है। जिसे बीएलओ को अगले 48 घंटों के भीतर आवेदक से सम्पर्क कर निस्तारण करना है। “बुक ए कॉल” सुविधा का वोटर हेल्पलाइन 1950 की ही भांति प्रचार-प्रसार करते हुए क्रियाशील रखने के निर्देश सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिए गए।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा संचालित राष्ट्रीय सम्पर्क केन्द्र  की भांति विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण के दौरान सभी जनपदों में जिला सम्पर्क केन्द्रों का संचालन कराए जाने के निर्देश भी दिए गए। इन केन्दों पर प्राप्त होने वाले सभी कॉल्स को दर्ज कर मतदाताओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया जाएगा। जिला सम्पर्क केन्द्रों का संचालन सभी कार्य दिवसों में किया जायेगा। किसी भी जनपद के जिला सम्पर्क केन्द्र में कॉल करने के लिए उस जनपद के एसटीडी कोड के साथ 1950 डायल करना होगा। इसका समुचित प्रचार-प्रसार कराये जाने का निर्देश सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिए गए।
सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया कि विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) के दौरान दिन-प्रतिदिन की प्रगति को मीडिया के साथ साझा किया जाए तथा अपने सोशल मीडिया हैण्डल्स से भी इसको प्रसारित किया जाए।
आज की बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी, शामली के बिना सूचना के अनुपस्थित रहने पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनका स्पष्टीकरण मांगे जाने के निर्देश दिये गये, साथ ही सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया कि विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) के दौरान किसी भी स्तर पर कार्य में लापरवाही तथा दिये गये निर्देशों की अवहेलना पाये जाने पर कठोर कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने सभी राजनैतिक दलों और मतदाताओं से विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान में सक्रिय सहयोग करने की अपील की है।
*उप्र : जिला कारागार ललितपुर में विचाराधीन बंदी के पास मोबाइल बरामद, तीन अधिकारी निलंबित*

*कारागार प्रशासन ने बरती सख्ती, लापरवाही पर हुई त्वरित कार्रवाई*

लखनऊ। जिला कारागार ललितपुर में नियमित तलाशी अभियान के दौरान विचाराधीन बंदी ज्ञानेन्द्र ढाका पुत्र कृष्णपाल के कपड़ों से एक कीपैड मोबाइल फोन बरामद किया गया। जेल परिसर के भीतर मोबाइल फोन की बरामदगी को सुरक्षा एवं अनुशासन की दृष्टि से गंभीर मामला माना गया है।

घटना की सूचना मिलते ही कारागार प्रशासन सक्रिय हुआ और मामले की प्रारंभिक जांच का आदेश पुलिस उपमहानिरीक्षक कारागार, कानपुर परिक्षेत्र को सौंपा गया। जांच में यह पाया गया कि संबंधित बंदी के पास मोबाइल फोन पहुंचने की घटना में जेल कर्मियों की सतर्कता में भारी कमी रही। जांच रिपोर्ट के अनुसार, जीवन सिंह (जेलर), प्रिन्स बाबू (उप कारापाल) एवं आकाश कुशवाहा (जेल वार्डर) ने अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही एवं शिथिलता बरती।जांच निष्कर्षों के आधार पर तीनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है तथा उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित की गई है।

कारागार प्रशासन ने कहा है कि जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए नियमित निरीक्षण और कड़ी निगरानी की जाएगी।
सेवामित्र समिति की गवर्निंग बॉडी की सातवीं बैठक संपन्न


घर बैठे एक ही काल पर घरेलू सेवायें उपलब्ध हो सकेंगी
-प्रमुख सचिव

लखनऊ। सेवामित्र व्यवस्था को और अधिक उपयोगी बनाये जाने के संबंध में इस व्यवस्था के संचालन हेतु गठित सेवामित्र समिति की गवर्निंग बॉडी की सातवीं बैठक प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन डा एमके शन्मुगा सुन्दरम की अध्यक्षता में प्रशिक्षण निदेशालय के सभागार में बैठक आहूत की गयी।
     बैठक में सम्पन्न हुई पिछली बैठक की अनुपालन आख्या पर चर्चा की गयी, जिसमें विचार-विमर्श उपरांत महत्वपूर्ण निर्णय लिए गयें। बैठक में ओएनडीसी नेटवर्क पर सेवामित्र को ऑनबोर्ड किये जाने संबंध में अवगत कराया गया कि पंजीकरण/ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया के विवरण के लिये https://portal.ondc.org/  पर व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त, ओएनडीसी नेटवर्क का हिस्सा बनने के लिये सेवामित्र को नेटवर्क भागीदारी पर हस्ताक्षर कर ओएनडीसी नेटवर्क नीतियों का अनुपालन करना होगा।  ओएनडीसी व्यापार वाणिज्य शर्तों को निर्धारित नहीं करता है, जैसे कि Sellers, buyers and involved apps (Buyer app, Seller App etc)  व अपने व्यापार की शर्तंे निर्धारित करने के लिये स्वतंत्र है तथा इनमें कमीशन, सदस्यता या अन्य शुल्क शामिल हो सकते हैं। ओएनडीसी  नेटवर्क को इन व्यावसायिक शर्तों के निरंतर विकास को सक्षम करने के लिये डिजाइन किया गया है तथा ओएनडीसी ऑनबोर्डिंग/पंजीकरण के लिये कोई भी शुल्क नहीं लेता है।
  ओएनडीसी नेटवर्क पर सेवामित्र को इन्टीग्रेट किये जाने की अनुमति प्रदान करते हुये अग्रिम कार्यवाही के निर्देश दिये गयें। सेवामित्र व्यवस्था के फाइनेन्शियल ऑडिट एवं टेक्निकल ऑडिट के संबंध में अवगत कराया गया कि ऑडिट सम्बन्धी पत्रावली सीए को दिया जा चुका है। ऑडिट रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है। टेक्निकल आडिट कार्यदायी संस्था अपट्रॉन पावरट्रानिक्स लि0 के माध्यम से समय-समय पर किया जाता है। सेवामित्र व्यवस्था के फाइनेन्शियल आडिट के संबंध में निर्देश दिया गया कि दिनांक 13.11.2025 तक सीए से आडिट रिपोर्ट प्राप्त कर लिया जाए।
सेवामित्र व्यवस्था के अंतर्गत अधिक से अधिक कुशल कामगारों को इस व्यवस्था का लाभ प्राप्त हो सके तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में वृद्धि के दृष्टिगत सेवामित्र व्यवस्था का व्यापक प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया, प्रिन्ट मीडिया एवं अन्य माध्यमों से कराये जाने हेतु सूचना एवं जनसंपर्क,विभाग में इम्पैनल्ड संस्थाओं में से चयन कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गयें। सेवामित्र का ट्वीटर, फेसबुक, इन्स्टाग्राम इत्यादि के माध्यम से भी व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाने के निर्देश दिये गये।
    सेवायोजन विभाग में संचालित सेवायोजन पोर्टल, रोजगार संगम पोर्टल एवं सेवामित्र पोर्टल को जनसामान्य हेतु सुलभ उपयोग किये जाने के दृष्टिगत सेवायोजन विभाग का एक समेकित वेबपेज बनाया जाने के संबंध में अवगत कराया गया कि इस संबंध में डमी पेज तैयार कर लिया गया है। इस संबंध में निर्देशित किया गया कि सेवायोजन विभाग का एक समेकित वेबपेज  15.11.2025 तक लाईव कर दिया जाए।
सरकारी विभागो मे सेवामित्र के माध्यम से  कार्य कराये जाने हेतु वित्त विभाग से शासनादेश निर्गत कराने के संबंध में विचार-विमर्श में अवगत कराया गया कि सेवामित्र पोेर्टल द्वारा आम नागरिकों हेतु दिन प्रतिदिन की तत्कालीन आवश्यकताओं के अन्तर्गत अल्प समय की सेवायें यथा- अप्लायंस रिपेयर, एसी सर्विस, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेन्टर, आईटी हार्डवेयर एण्ड सर्विसेस, आरओ सर्विसेस इत्यादि उपलब्ध है। उपरोक्त प्रकार की सेवायें जेम पोर्टल से प्राप्त करने हेतु जेम पोर्टल पर सेवा क्रय संबंधी आवेदन करना होता है। अनुपलब्धता की स्थिति में जेम से प्राप्त प्रमाण पत्र के आधार पर उपरोक्त दैनिक एवं तत्कालीन आवश्यकताओं के अन्तर्गत अल्प समय की सेवायें सेवामित्र पोर्टल से लिया जाना प्रस्तावित है।
      विचारोपरान्त यह निर्णय लिया गया कि सरकारी विभागो द्वारा जो कार्य जेम पोर्टल के माध्यम से नहीं कराया जा रहा है उनको अनिवार्य रूप से सेवामित्र व्यवस्था के माध्यम से कराने हेतु वित्त विभाग से शासनादेश उपरोक्तानुसार व्यवस्था के दृष्टिगत जारी करा लिया जाए। श्री अवनीन्द्र कुमार शुल्क, संयुक्त सचिव, श्रम द्वारा अवगत कराया गया कि वित्त विभाग द्वारा सेवामित्र के संबंध में शासनादेश जारी कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है, जिसे शीघ्र ही सम्पन्न करा ली जायेगी। सेवामित्रों की पहचान एवं प्रमाणीकरण के दृष्टिगत यूनीफॉर्म (टीशर्ट एवं कैप) उपलब्ध कराने हेतु गवर्निंग बाडी समिति की बैठक में सेवामित्रों को टीशर्ट एवं कैप उपलब्ध कराये जाने पर सहमति प्रदान की गयी। बैठक में सेवमित्र व्यवस्था को और प्रभावशाली बनाने हेतु समिति द्वारा सुझाव दिया गया कि डॉगवाकर, बेबीशीटर, इवेन्ट प्लानर, केयर गीवर, ड्राईवर इत्यादि सेवाओं को सेवामित्र पोर्टल से जोड़ने के निर्देश दिये गये।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डा. एमके शन्मुगा सुन्दरम ने सदस्यों को निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यक्रम का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। ताकि कौशल प्राप्त अभ्यर्थियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं जनसामान्य को घर बैठे एक ही काल पर घरेलू सेवायें जैसे इलेक्ट्रीशियन, कारपेंटर, माली, लोहार, रसोइया, राजमिस्त्री आदि की सेवायें उपलब्ध हो सके।
बैठक में नेहा प्रकाश, निदेशक, सेवायोजन, पूजा यादव, सचिव, बीओसी बोर्ड लखनऊ, सुशील कुमार, विशेष सचिव, न्याय, महेश कुमार भट्ट, विशेष सचिव, वित्त, नीलेश कुमार सिंह, विशेष सचिव, श्रम, देवेश मिश्र संयुक्त सचिव, कार्मिक, अवनीन्द्र कुमार शुक्ल, संयुक्त सचिव, श्रम, राज कुमार गुप्ता, वित्त नियंत्रक, सेवायोजन निदेशालय, पीके पुण्डीर, अपर निदेशक, सेवायोजन, राजेन्द्र प्रसाद, अपर निदेशक, प्रशिक्षण, करूणा सचान, उप निदेशक, सेवायोजन, डॉ. एमके सिंह, सहायक निदेशक, यूपीएस डीएम उपस्थित रहे।

आबकारी राजस्व लक्ष्य को प्राप्त न करने पर अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: नितिन अग्रवाल
*प्रदेश में 63 हजार करोड़ आबकारी राजस्व लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश*

लखनऊ। प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने विभागीय समीक्षा बैठक में कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में आबकारी विभाग को 63 हजार करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य प्राप्त करना है, जिसे हर हाल में हासिल किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्धारित मासिक राजस्व लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त किया जाए। जिन जनपदों का प्रदर्शन अक्टूबर माह में कमजोर रहा है या लगातार अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री ने बताया कि अप्रैल 2025 से अक्टूबर 2025 तक विभाग ने 32,500 करोड़ रुपये के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 30,657.54 करोड़ रुपये की प्राप्ति की है, जो 94.33 प्रतिशत है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि में प्राप्त 26,330.87 करोड़ रुपये की तुलना में 4,326.67 करोड़ रुपये अधिक है। इस प्रकार विभाग ने गतवर्ष की तुलना में 116.43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। आबकारी मंत्री ने अधिकारियों को आगामी महीनों में राजस्व वृद्धि के हर संभव प्रयास करने तथा वर्षांत तक 63 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

प्रदेश के सीमावर्ती और असेवित क्षेत्रों में नई शराब दुकानों की संभावनाओं का सर्वे कर 15 दिन में प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा गया। मंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक किसी भी जनहानि जैसी अप्रिय घटना नहीं हुई है। उन्होंने अधिकारियों को और अधिक सतर्क रहकर प्रवर्तन कार्य संचालित करने के निर्देश दिए ताकि भविष्य में भी ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

अवैध मदिरा के निर्माण, परिवहन और बिक्री पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए। साथ ही अन्य राज्यों की शराब की अवैध बिक्री पर पूर्ण रोक लगाने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने को कहा गया। कच्ची शराब के निर्माण एवं बिक्री पर पूर्ण नियंत्रण हेतु ठोस कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विभागीय अधिकारियों, निरीक्षकों एवं फील्ड स्टाफ के लिए समय-समय पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएं, ताकि उन्हें कानूनों, नीतियों और नवाचारों की जानकारी अद्यतन रूप में मिलती रहे। शराब माफिया एवं अवैध गिरोहों के खिलाफ समन्वित अभियान चलाकर उनके समूल उन्मूलन का भी संकल्प दोहराया गया।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती वीना कुमारी, आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह, विशेष सचिव अभिषेक आनंद, अपर आयुक्त (प्रशासन) नवनीत सेहारा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे, जबकि जनपदीय अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।